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इक़बाल पार्क

सूची इक़बाल पार्क

इकबाल पार्क या इकबाल उद्यान लाहौर में स्थित एक उद्यान है। इस पार्क में पाकिस्तान आंदोलन का मशहूर स्मारक मीनार-ए-पाकिस्तान भी स्थित है, जिसे 1940 के लाहौर संकल्प की याद में बनाया गया था। इस मीनार की ऊंचाई 60 मीटर है। ब्रिटिश काल के दौरान कसका नाम मिंटो पार्क था। .

6 संबंधों: पाकिस्तान आंदोलन, मीनार-ए-पाकिस्तान, लाहौर, लाहौर संकल्पना, स्मारक, उद्यान

पाकिस्तान आंदोलन

पाकिस्तान आन्दोलन या तहरीकए पाकिस्तान (تحریک پاکستان) २०वीं सदी के भारतीय उपमहाद्वीप में हुए एक राजनीतिक आंदोलन का नाम था, जिसने अंत्यतः भारतवर्ष को धार्मिक आधार पर विभाजित कर दिया। इसके परिणाम स्वरूप उपमहाद्वीप के भारतीय ब्रिटिश साम्रराज्य के उत्तर पश्चिमी के चार प्रांतों व पूर्व में पूर्वी बंगाल की स्वतंत्रता संयोजन से स्थापना हुई पाकिस्तान नामक एक स्वतंत्र इस्लामिक गणरज्य की। यह आन्दोलन भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के समानांतर ही चला था। हालांकि, दोनो आंदोलनो का उद्देश्य एक ही था, परन्तु, पाकिस्तान आंदोलन का मुख्य उद्देश्य "भारतीय उपमहाद्वीप के मुसलमानों की धार्मिक पहचान और राजनीतिक हितों का संरक्षित व सुरक्षा था।" इस प्रसंग का पहला संगठित आंदोलन सैय्यद अहमद खान द्वारा अलीगढ़ में हुआ था, जिसे अलीगढ़ आंदोलन के रूप में जाना जाने लगा था। यह आन्दोलन पाकिस्तान आंदोलन का आधार था। १९०६ में, एक शैक्षिक सम्मेलन आयोजित किया गया जो धीरे धीरे मुस्लिम सुधारकों के आंदोलन से राजनीतिक चरण में तब्दील हो गया। इस बीच में, ऑल इंडिया मुस्लिम लीग का गठन किया गया था। गुरुत्वपूर्ण मुसलिम नेताओं द्वारा इसके गठन के पीछे का मूल उद्देश्य ब्रिटिश भारत में मुसलमानों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करना था। आंदोलन के प्रारंभिक दौर में मुस्लिम लीग के वार्षिक सत्रों ने अल्लामा इकबाल की दार्शनिक दृष्टिकोण व नेतृत्व में आंदोलन को आगे बढ़ाया। जिस्के पश्चात मुहम्मद अली जिन्ना के संवैधानिक प्रयासों ने आंदोलन के लिए जनसमर्थन बनाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। उर्दू शायर इकबाल और फैज के साहित्य, कविता एवं भाषणों ने भी राजनीतिक चेतना के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इनके अलावा बेगम राणा लियाकत अली खान और फातिमा जिन्नाह जैसी महिलाओं ने भी अपनी भूमिका निभाई थी। नौकरीपेशे वाले लोगों ने भी पाकिस्तान आंदोलन में भाग लिया था। बाद में, भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, १९४७ पारित किया गया, जिसके अंतर्गत भारत अधिराज्य और पाकिस्तान अधिराज्य नामक दो स्वतंत्र स्वायत्य-उपनिवेश(डोमीनियन) की स्थापना की गई। पाकिस्तान आंदोलन कई माएनों में, सामाजिक, राजनैतिक एवं बौद्धिक प्रक्रिया का परिणाम था। इसके बाद पाकिस्तान के संस्थापकों ने एक मजबूत सरकार बनाने की प्रयास की जो की नवस्थापित देश के दोनों खंडों पर सफल नियंत्रण बनाए रख सके। १९५८ में बाद में, पाकिस्तान में सैन्य तख्तापलट हुआ और राजनीतिक एवं आर्थिक भेदभाव, एवं अन्य कई मसलों के परिणामस्वरूप बांग्लादेश १९७१ में एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में उभरा जो की उस समय तक पूर्वी पाकिस्तान था। .

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मीनार-ए-पाकिस्तान

मीनार-ए पाकिस्तान (مینارِ پاکستان)(या मीनार पाकिस्तान)लाहौर में स्थित, पाकिस्तान की एक राष्ट्रीय स्मारक है, सन 1968 में इसे पाकिस्तान की सार्वभौमिकता तथा स्वतंत्रता के बतौर प्रतीक बनाया गया था। इसे लाहौर में ठीक उसी जगह पर बनाया गया है जहां 23 मार्च 1940 में क़ायदे आज़म मुहम्मद अली जिन्ना की अध्यक्षता में आयोजित ऑल इंडिया मुस्लिम लीग की बैठक में ऐतिहासिक क़रारदाद-ए पाकिस्तान पारित हुआ था। इसे पाकिस्तान में यादगार पाकिस्तान भी कहा जाता है। यह लाहौर के इक़बाल पार्क में स्थित है। जब यह क़रारदाद पारित हुआ था, उस समय, इस पार्क को मिंटो पार्क कहते थे, जब लाहौर ब्रिटिश सल्तनत का हिस्सा था। आजकल इस पार्क को इकबाल पार्क के नाम पर किया जाता है। .

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लाहौर

लाहौर (لہور / ਲਹੌਰ, لاہور) पाकिस्तान के प्रांत पंजाब की राजधानी है एवं कराची के बाद पाकिस्तान में दूसरा सबसे बडा आबादी वाला शहर है। इसे पाकिस्तान का दिल नाम से भी संबोधित किया जाता है क्योंकि इस शहर का पाकिस्तानी इतिहास, संस्कृति एवं शिक्षा में अत्यंत विशिष्ट योगदान रहा है। इसे अक्सर पाकिस्तान बागों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। लाहौर शहर रावी एवं वाघा नदी के तट पर भारत पाकिस्तान सीमा पर स्थित है। लाहौर का ज्यादातर स्थापत्य मुगल कालीन एवं औपनिवेशिक ब्रिटिश काल का है जिसका अधिकांश आज भी सुरक्षित है। आज भी बादशाही मस्जिद, अली हुजविरी शालीमार बाग एवं नूरजहां तथा जहांगीर के मकबरे मुगलकालीन स्थापत्य की उपस्थिती एवं उसकी अहमियत का आभास करवाता है। महत्वपूर्ण ब्रिटिश कालीन भवनों में लाहौर उच्च न्यायलय जनरल पोस्ट ऑफिस, इत्यादि मुगल एवं ब्रिटिश स्थापत्य का मिलाजुला नमूना बनकर लाहौर में शान से उपस्थित है एवं ये सभी महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल के रूप में लोकप्रिय हैं। मुख्य तौर पर लाहौर में पंजाबी को मातृ भाषा के तौर पर इस्तेमाल की जाती है हलाकि उर्दू एवं अंग्रेजी भाषा भी यहां काफी प्रचलन में है एवं नौजवानों में काफी लोकप्रिय है। लाहौर की पंजाबी शैली को लाहौरी पंजाबी के नाम से भी जाना जाता है जिसमे पंजाबी एवं उर्दू का काफी सुंदर मिश्रण होता है। १९९८ की जनगणना के अनुसार शहर की आबादी लगभग ७ लाख आंकी गयी थी जिसके जून २००६ में १० लाख होने की उम्मीद जतायी गयी थी। इस अनुमान के मुताबिक लाहौर दक्षिण एशिया में पांचवी सबसे बडी आबादी वाला एवं दुनिया में २३वीं सबसे बडी आबादी वाला शहर है।.

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लाहौर संकल्पना

लाहौर प्रस्तावना,(قرارداد لاہور, क़रारदाद-ए-लाहौर; बंगाली: লাহোর প্রস্তাব, लाहोर प्रोश्ताब), सन 1940 में अखिल भारतीय मुस्लिम लीग द्वारा प्रस्तावित एक आधिकारिक राजनैतिक संकल्पना थी जिसे मुस्लिम लीग के 22 से 24 मार्च 1940 में चले तीन दिवसीय लाहौर सत्र के दौरान पारित किया गया था। इस प्रस्ताव द्वारा ब्रिटिश भारत के उत्तर पश्चिमी पूर्वी क्षेत्रों में, तथाकथित तौर पर, मुसलमानों के लिए "स्वतंत्र रियासतों" की मांग की गई थी एवं उक्तकथित इकाइयों में शामिल प्रांतों को स्वायत्तता एवं संप्रभुता युक्त बनाने की भी बात की गई थी। तत्पश्चात, यह संकल्पना "भारत के मुसलमानों" के लिए पाकिस्तान नामक मैं एक अलग स्वतंत्र स्वायत्त मुल्क बनाने की मांग करने में परिवर्तित हो गया। हालांकि पाकिस्तान नाम को चौधरी चौधरी रहमत अली द्वारा पहले ही प्रस्तावित कर दिया गया था परंतु सन 1933 तक मजलूम हक मोहम्मद अली जिन्ना एवं अन्य मुसलमान नेता हिंदू मुस्लिम एकता के सिद्धांत पर दृढ़ थे, परंतु अंग्रेजों द्वारा लगातार प्रचारित किए जा रहे विभाजन प्रोत्साह गलतफहमियों मैं हिंदुओं में मुसलमानों के प्रति अविश्वास और द्वेष की भावना को जगा दिया था इन परिस्थितियों द्वारा खड़े हुए अतिसंवेदनशील राजनैतिक माहौल ने भी पाकिस्तान बनाने के उस प्रस्ताव को बढ़ावा दिया था इस प्रस्ताव की पेशी के उपलक्ष में प्रतीवर्ष 23 मार्च को पाकिस्तान में यौम-ए-पाकिस्तान(पाकिस्तान दिवस) के रूप में मनाया जाता है। .

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स्मारक

पार्थेनोन को प्राचीन ग्रीस और अथीनियान लोकतंत्र के एक स्थायी प्रतीक के रूप में माना जाता है और दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक स्मारकों में से एक माना जाता है। इंडिया गेट (युद्ध स्मारक) ताजमहल, भारत, मुगल सम्राट शाहजहाँ द्वारा निर्मित, उनकी पत्नी अर्जुमंद बानो बेगम के लिए एक मकबरे के रूप में. अल्माडा में द क्रिस्टो रिए-अल्माडा (क्राइस्ट राजा), ब्राजील में दुनिया भर के सबसे बड़े स्मारकों में से एक है। पेरिस, फ्रांस में एफिल टॉवर सबसे प्रसिद्ध स्मारक है। Kosciuszko माउंड, क्राको, पोलैंड Tadeusz Kosciuszko को श्रद्धांजलि देता है राष्ट्रीय स्मारक, जकार्ता, इंडोनेशिया की स्वतंत्रता का उत्सव मनाते हुए स्मारक एक ऐसी संरचना है जो या तो खास तौर पर किसी व्यक्ति या महत्वपूर्ण घटना की स्मृति में बनाई गई है, या किसी सामाजिक तबके के लिए उसके पुराने अतीत की याद दिलाने के रूप में महत्वपूर्ण बन गई है। .

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उद्यान

पार्क या वाटिका शहरों के अन्दर या आसपास मनोरंजन के लिये बनाया गया खुला व शोभायुक्त पेड़ पौधों से सज्जित हिस्सा है। * श्रेणी:मनोविनोद.

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

मिंटो पार्क, इकबाल पार्क

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