मन्त्र
हिन्दू श्रुति ग्रंथों की कविता को पारंपरिक रूप से मंत्र कहा जाता है। इसका शाब्दिक अर्थ विचार या चिन्तन होता है । मंत्रणा, और मंत्री इसी मूल से बने शब्द हैं। मन्त्र भी एक प्रकार की वाणी है, परन्तु साधारण वाक्यों के समान वे हमको बन्धन में नहीं डालते, बल्कि बन्धन से मुक्त करते हैं। काफी चिन्तन-मनन के बाद किसी समस्या के समाधान के लिये जो उपाय/विधि/युक्ति निकलती है उसे भी सामान्य तौर पर मंत्र कह देते हैं। "षड कर्णो भिद्यते मंत्र" (छ: कानों में जाने से मंत्र नाकाम हो जाता है) - इसमें भी मंत्र का यही अर्थ है। .
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जादूगर
यह लेख जादूगर (जादू का काम) जादू वाले मनुष्य के विषय में है। यदि आप जादूगर फ़िल्म के बारे में जानना चाहते हैं तो जादूगर (1989 फ़िल्म) पर जाएँ। ---- जादूगर का तत्पर्य उस व्यक्ति से होता है जिसे जादू (परालौकिक या परावैज्ञानिक शक्ति) का ज्ञान हो और उसका उपयोग कर सकता हो। ऐसा ज्ञान रखने और उपयोग करने वाली औरत को जादूगरनी या भानुमति कहते हैं। दुष्ट जादूगरनियों को डायन या चुड़ैल भी कहा जाता है। ज़्यादातर लोग जादूगरों और जादूगरनियों को मिथक और काल्पनिक मानते हैं। आधुनिक युग में छोटे-मोटे जादू-जैसे खेल दिखाने वाले को भी जादूगर कहते हैं। जे. के. रोलिंग रचित काल्पनिक उपन्यास शृंखला हैरी पॉटर का मुख्य किरदार हैरी पॉटरशायद 21 वीं सदी का सबसे मशहूर जादूगर है। श्रेणी:जादू श्रेणी:मिथक.
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