5 संबंधों: ऊष्मा, चूल्हा, मैग्नेट्रॉन, सूक्ष्मतरंग, विकिरण।
ऊष्मा
इस उपशाखा में ऊष्मा ताप और उनके प्रभाव का वर्णन किया जाता है। प्राय: सभी द्रव्यों का आयतन तापवृद्धि से बढ़ जाता है। इसी गुण का उपयोग करते हुए तापमापी बनाए जाते हैं। ऊष्मा या ऊष्मीय ऊर्जा ऊर्जा का एक रूप है जो ताप के कारण होता है। ऊर्जा के अन्य रूपों की तरह ऊष्मा का भी प्रवाह होता है। किसी पदार्थ के गर्म या ठंढे होने के कारण उसमें जो ऊर्जा होती है उसे उसकी ऊष्मीय ऊर्जा कहते हैं। अन्य ऊर्जा की तरह इसका मात्रक भी जूल (Joule) होता है पर इसे कैलोरी (Calorie) में भी व्यक्त करते हैं। .
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चूल्हा
इण्डोनेशिया का पारम्परिक चूल्हा। भारत में भी कुछ इसी प्रकार के चूल्हें ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी उपयोग किये जाते हैं। गैस चूल्हा चूल्हा उष्मा का वह स्रोत है जिससे प्राप्त उष्मा का प्रयोग भोजन पकाने में किया जाता है। चूल्हे कई प्रकार के होते हैं जैसे, मिट्टी का चूल्हा, अंगीठी या सिगड़ी, गैस का चूल्हा और सूक्ष्मतरंग चूल्हा, सौर चूल्हा आदि और इनमे प्रयोग होने वाले ऊर्जा के स्रोत भी भिन्न हो सकते हैं, जैसे लकड़ी, गोबर के उपले, कोयला, द्रवित पेट्रोलियम गैस सौर ऊर्जा और बिजली आदि। OffeneHerdstelleMainfränkischesMuseumWürzburgL1050585 (3).jpg|जर्मनी के एक संग्रहालय में रखा हुआ खुला चूल्हा Noć muzeja 2015, Čakovec - stari štednjak iz 19.st.jpg|right|thumb|300px|बुडापेस्ट में निर्मित १९वीं शताब्दी का एक चूल्हा। इस चूल्हे को २०१५ में क्रोशिया में प्रदर्शित किया गया था। .
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मैग्नेट्रॉन
सूक्ष्मतरंग भट्ठी (माइक्रोवेव ओवेन) में लगने वाला मैग्नेट्रॉन; इसमें हीटसिंक एवं असेम्ब्ली के अन्य साधन भी जुड़े हुए हैं। मैग्नेट्रॉन का कटा हुआ चित्र; इसमें चुम्बक को नहीं दिखाया गया है (निकाल दिया गया है)। मैग्नेट्रॉन अधिक शक्ति की सूक्ष्मतरंगें पैदा करने वाली एक निर्वात नलिका (वैक्युम ट्यूब) है। इसमें एलेक्ट्रॉनों की धारा (स्ट्रीम) पर चुम्बकीय क्षेत्र की संक्रिया से सूक्ष्मतरंगें उत्पन्न की जातीं हैं। आजकल इनका उपयोग माइक्रोवेव ओवेन, एवं रडार के विभिन्न रूपों में प्रयुक्त होती है। .
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सूक्ष्मतरंग
माइक्रोवेव टॉवर सूक्ष्मतरंगें (माइक्रोवेव) वो विद्युतचुम्बकीय तरंगें हैं जिनकी तरंगदैर्घ्य १ मीटर से लेकर १ मिलीमीटर के बीच हो। दूसरे शब्दों में, इनकी आवृति 300 MHz (मेगाहर्ट्ज) से लेकर 300 GHz बीच होती है। यह परिभाषा व्यापक रूप से दोनों परा उच्च आवृति (UHF) और अत्यधिक उच्च आवृति (EHF) (मिलीमीटर तरंग) को शामिल करती है। भिन्न-भिन्न स्रोत, विभिन्न सीमाओं का उपयोग करते हैं। .
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विकिरण
भौतिकी में प्रयुक्त विकिरण ऊर्जा का एक रूप है जो तरंगों या किसी परमाणु या अन्य निकाय द्वारा उत्सर्जित गतिशील उपपरमाणुविक कणों के रूप में उच्च से निम्न ऊर्जा अवस्था की ओर चलती है। विकिरण को परमाणु पदार्थ पर उसके प्रभाव के आधार पर या विआयनीकारक के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। विकिरण जो अणु या परमाणु का आयनीकरण करने मे सक्षम होता है उसमे उर्जा का स्तर विआयनीकारक विकिरण से अधिक होता है। रेडियोधर्मी पदार्थ वो भौतिक पदार्थ है जो कि आयनीकारक विकिरण उत्सर्जित करती है। तीन भिन्न प्रकार के विकिरण और उनका भेदन .
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