लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

महाराष्ट्र

सूची महाराष्ट्र

महाराष्ट्र भारत का एक राज्य है जो भारत के दक्षिण मध्य में स्थित है। इसकी गिनती भारत के सबसे धनी राज्यों में की जाती है। इसकी राजधानी मुंबई है जो भारत का सबसे बड़ा शहर और देश की आर्थिक राजधानी के रूप में भी जानी जाती है। और यहाँ का पुणे शहर भी भारत के बड़े महानगरों में गिना जाता है। यहाँ का पुणे शहर भारत का छठवाँ सबसे बड़ा शहर है। महाराष्ट्र की जनसंख्या सन २०११ में ११,२३,७२,९७२ थी, विश्व में सिर्फ़ ग्यारह ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या महाराष्ट्र से ज़्यादा है। इस राज्य का निर्माण १ मई, १९६० को मराठी भाषी लोगों की माँग पर की गयी थी। यहां मराठी ज्यादा बोली जाती है। मुबई अहमदनगर पुणे, औरंगाबाद, कोल्हापूर, नाशिक नागपुर ठाणे शिर्डी-अहमदनगर आैर महाराष्ट्र के अन्य मुख्य शहर हैं। .

74 संबंधों: चालुक्य, चंद्रपुर जिला, चेन्नामनेनी विद्यासागर राव, ठाणे, ठाणे ज़िला, दिल्ली, दौलताबाद, देश, देवेन्द्र फडणवीस, धुले जिला, नाशिक जिला, नासिक, नागपुर, नागपुर जिला, नांदेड़ जिला, नंदुरबार जिला, परभणी जिला, पुणे, पुणे जिला, पेशवा, बहमनी सल्तनत, बुलढाणा जिला, बीड जिला, भारत, भारतीय जनता पार्टी, भंडारा जिला, मदुरई, मराठा, मराठवाडा, मराठी भाषा, महाराष्ट्र में धर्म, मुम्बई, मुम्बई उपनगरीय ज़िला, मुहम्मद बिन तुग़लक़, मुंबई जिला, यवतमाल जिला, रत्नागिरि जिला, रायगढ़ जिला, राष्ट्रकूट राजवंश, राज्य, लातूर जिला, सतारा जिला, सांगली जिला, सिंधुदुर्ग जिला, संयुक्त महाराष्ट्र समिति, सोलापुर जिला, हिंगोली जिला, जलगाँव जिला, जालना जिला, वर्धा जिला, ..., वाशीम जिला, विदर्भ, गढ़चिरौली जिला, गोलकोण्डा, गोंदिया जिला, औरंगाबाद, औरंगाबाद जिला, औरंगज़ेब, कोल्हापुर, कोल्हापुर जिला, कोंकण मंडल, कोकण, अमरावती जिला, अलाउद्दीन खिलजी, अश्मक, अशोक, अहमदनगर, अहमदनगर जिला, अकोला जिला, उस्मानाबाद जिला, १ मई, १६वीं लोक सभा के सदस्यों की सूची, १९६०, २०११ सूचकांक विस्तार (24 अधिक) »

चालुक्य

कोई विवरण नहीं।

नई!!: महाराष्ट्र और चालुक्य · और देखें »

चंद्रपुर जिला

भारतीय राज्य महाराष्ट्र का एक जिला है। जिले का मुख्यालय है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

नई!!: महाराष्ट्र और चंद्रपुर जिला · और देखें »

चेन्नामनेनी विद्यासागर राव

चेन्नामनेनी विद्यासागर राव एक भारतीय राजनीतिज्ञ है। वर्तमान में वे महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। वे भारतीय जनता पार्टी के राजनेता हैं। .

नई!!: महाराष्ट्र और चेन्नामनेनी विद्यासागर राव · और देखें »

ठाणे

ठाणे भारतीय राज्य महाराष्ट्र का एक शहर है। ठाणे मुम्बई के उत्तरीय छोर पर तथा भूतपूर्व थाना, दक्षिण-पश्चिम भारत के महाराष्ट्र राज्य के उल्हास नदी के मुहाने पर, मुम्बई के पूर्वोत्तर में स्थित है।। यह ठाणे ज़िले का मुख्यालय भी है। यह पहले मुंबई का एक आवासीय उपनगर था। इसपर पुर्तग़ालियों, मराठों और अंग्रेज़ों का अधिकार रह चुका है। 16 अप्रैल 1853 में मुंबई और ठाणे के बीच भारत की पहली रेल पटरी शुरू हुई। समुद्र तल से सात मीटर की ऊंचाई पर बसा ठाणे, चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इस शहर को श्री सथांनक के नाम से भी जाना जाता है। यह अब रसायन, इंजीनियरिंग उत्पाद एवं वस्त्र का विशाल औद्योगिक केंद्र बन गया है। यहाँ पर अनेक ऐतिहासिक भवन हैं, जिनमें एक क़िला और कई चर्च शामिल है। .

नई!!: महाराष्ट्र और ठाणे · और देखें »

ठाणे ज़िला

ठाणे ज़िला (ठाणे जिल्हा) भारत के दक्षिणी-पश्चिमी भाग में स्थित महाराष्ट्र के ३६ ज़िलों में से एक ज़िला है। ज़िले का पूर्वी भाग पहाड़ी है, जहाँ प्रमुख रूप से जनजातीय समुदायों का निवास है। पश्चिमी हिस्से में इन पहाड़ियों ने नदी घाटी को विकसित किया है। ये घाटियां तटीय क्षेत्रों में मिल गयी हैं, जहां उगने वाले चावल और फलों के लिए घोलवाद विख्यात है। मछली पालन यहाँ का मुख्य व्यवसाय है। उल्हास नदी के मुहाने के दक्षिण और उल्हास घाटी के ऊपरी हिस्से में जिले के कुछ प्रमुख शहर स्थित है, जो भीड़ और कोलाहल से भरे हैं। ये हैं भिवंडी (हथकरघों के लिए प्रसिद्ध), कल्याण (रेलवे जंक्शन), उल्हासनगर (परवासी सिंधियों की आवादी), अंबरनाथ (रसायन उत्पादन के लिए प्रसिद्ध), वसई (समुद्र तट पर बसे होने व किले के लिए प्रसिद्ध), पालघर (फलों के लिए प्रसिद्ध), तारापुर (भारत का पहला परमाणु विद्युत केंद्र) और दहानु (एक शैक्षणिक केंद्र) आदि। .

नई!!: महाराष्ट्र और ठाणे ज़िला · और देखें »

दिल्ली

दिल्ली (IPA), आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अंग्रेज़ी: National Capital Territory of Delhi) भारत का एक केंद्र-शासित प्रदेश और महानगर है। इसमें नई दिल्ली सम्मिलित है जो भारत की राजधानी है। दिल्ली राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों इकाइयों - कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित हैं १४८३ वर्ग किलोमीटर में फैला दिल्ली जनसंख्या के तौर पर भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। यहाँ की जनसंख्या लगभग १ करोड़ ७० लाख है। यहाँ बोली जाने वाली मुख्य भाषाएँ हैं: हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और अंग्रेज़ी। भारत में दिल्ली का ऐतिहासिक महत्त्व है। इसके दक्षिण पश्चिम में अरावली पहाड़ियां और पूर्व में यमुना नदी है, जिसके किनारे यह बसा है। यह प्राचीन समय में गंगा के मैदान से होकर जाने वाले वाणिज्य पथों के रास्ते में पड़ने वाला मुख्य पड़ाव था। यमुना नदी के किनारे स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। यह भारत का अति प्राचीन नगर है। इसके इतिहास का प्रारम्भ सिन्धु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है। हरियाणा के आसपास के क्षेत्रों में हुई खुदाई से इस बात के प्रमाण मिले हैं। महाभारत काल में इसका नाम इन्द्रप्रस्थ था। दिल्ली सल्तनत के उत्थान के साथ ही दिल्ली एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक शहर के रूप में उभरी। यहाँ कई प्राचीन एवं मध्यकालीन इमारतों तथा उनके अवशेषों को देखा जा सकता हैं। १६३९ में मुगल बादशाह शाहजहाँ ने दिल्ली में ही एक चारदीवारी से घिरे शहर का निर्माण करवाया जो १६७९ से १८५७ तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रही। १८वीं एवं १९वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने लगभग पूरे भारत को अपने कब्जे में ले लिया। इन लोगों ने कोलकाता को अपनी राजधानी बनाया। १९११ में अंग्रेजी सरकार ने फैसला किया कि राजधानी को वापस दिल्ली लाया जाए। इसके लिए पुरानी दिल्ली के दक्षिण में एक नए नगर नई दिल्ली का निर्माण प्रारम्भ हुआ। अंग्रेजों से १९४७ में स्वतंत्रता प्राप्त कर नई दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों से लोगों का प्रवासन हुआ, इससे दिल्ली के स्वरूप में आमूल परिवर्तन हुआ। विभिन्न प्रान्तो, धर्मों एवं जातियों के लोगों के दिल्ली में बसने के कारण दिल्ली का शहरीकरण तो हुआ ही साथ ही यहाँ एक मिश्रित संस्कृति ने भी जन्म लिया। आज दिल्ली भारत का एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक केन्द्र है। .

नई!!: महाराष्ट्र और दिल्ली · और देखें »

दौलताबाद

देवगिरि दुर्ग तथा चाँद मीनार दौलताबाद महाराष्ट्र का एक नगर है। इसका प्राचीन नाम देवगिरि है।। मुहम्म्द बिन तुगलक़ की राजधानी। यह औरंगाबाद जिले में स्थित है। यह शहर हमेशा शक्‍तिशाली बादशाहों के बहन लिए आकर्षण का केंद्र साबित हुआ है। दौलताबाद की सामरिक स्थिति बहुत ही महत्‍वपूर्ण थी। यह उत्तर और दक्षिण भारत के मध्‍य में पड़ता था। यहां से पूरे भारत पर शासन किया जा सकता था। इसी कारणवश बादशाह मुहम्‍मद बिन तुगलक ने इसे अपनी राजधानी बनाया था। उसने दिल्‍ली की समस्‍त जनता को दौलताबाद चलने का आदेश दिया था। लेकिन वहां की खराब स्थिति तथा आम लोगों की तकलीफों के कारण उसे कुछ वर्षों बाद राजधानी पुन: दिल्‍ली लानी पड़ी।बहन .

नई!!: महाराष्ट्र और दौलताबाद · और देखें »

देश

एक देश किसी भी जगह या स्थान है जिधर लोग साथ-साथ रहते है, और जहाँ सरकार होती है। संप्रभु राज्य एक प्रकार का देश है। संयुक्त राष्ट्र १९३ देशों को मानती है। .

नई!!: महाराष्ट्र और देश · और देखें »

देवेन्द्र फडणवीस

देवेन्द्र फडणवीस एक भारतीय राजनेता हैं। वर्तमान में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री तथा राज्य के भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष तथा महाराष्ट्र विधानसभा में नागपुर दक्षिण पश्चिम से विधायक है। पूर्व में वे नागपुर नगर निगम के मेयर भी रह चुके हैं। .

नई!!: महाराष्ट्र और देवेन्द्र फडणवीस · और देखें »

धुले जिला

धुले भारतीय राज्य महाराष्ट्र का एक जिला है। धुले शहर पश्चिमोत्तर महाराष्ट्र राज्य, पश्चिमी भारत, प्रमुख रेल एवं सड़क मार्गों पर स्थित है। धुले को पहले धुलिया कहा जाता था। प्रारंभिक मुस्लिम काल में यह फारुक़ियों के नियंत्रण में था, लेकिन बाद में 1601 में यह मुग़ल साम्राज्य का हिस्सा बन गया। 18वीं सदी में मराठों ने इसे जीता और 1818 में यह अंग्रेज़ो को सत्तांतरित होकर बंबई (वर्तमान मुंबई) प्रेज़िडेंसी में शामिल हुआ। जिले का मुख्यालय है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

नई!!: महाराष्ट्र और धुले जिला · और देखें »

नाशिक जिला

नाशिक भारतीय राज्य महाराष्ट्र का एक जिला है। जिले का मुख्यालय नाशिक है। क्षेत्रफल - 15,535 वर्ग कि.मी.

नई!!: महाराष्ट्र और नाशिक जिला · और देखें »

नासिक

नासिक अथवा नाशिक भारत के महाराष्ट्र राज्य का एक शहर है। नसिक महाराष्ट्र के उत्तर पश्चिम में, मुम्बई से १५० किमी और पुणे से २०५ किमी की दुरी में स्थित है। यह शहर प्रमुख रूप से हिन्दू तीर्थयात्रियों का प्रमुख केन्द्र है। नासिक पवित्र गोदावरी नदी के तट पर स्थित है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 565 मीटर है। गोदावरी नदी के तट पर बहुत से सुंदर घाट स्थित है। इस शहर का सबसे प्रमुख भाग पंचवटी है। इसके अलावा यहां बहुत से मंदिर भी है। नासिक में त्योहारों के समय में बहुत अधिक संख्या में भीड़ दिखलाई पड़ती है। .

नई!!: महाराष्ट्र और नासिक · और देखें »

नागपुर

नागपुर (अंग्रेज़ी: Nagpur, मराठी: नागपूर) महाराष्ट्र राज्य का एक प्रमुख शहर है। नागपुर भारत के मध्य में स्थित है। महाराष्ट्र की इस उपराजधानी की जनसंख्या २४ लाख (१९९८ जनगणना के अनुसार) है। नागपुर भारत का १३वा व विश्व का ११४ वां सबसे बड़ा शहर हैं। यह नगर संतरों के लिये काफी मशहूर है। इसलिए इसे लोग संतरों की नगरी भी कहते हैं। हाल ही में इस शहर को देश के सबसे स्वच्छ व सुदंर शहर का इनाम मिला है। नागपुर भारत देश का दूसरे नंबर का ग्रीनेस्ट (हरित शहर) शहर माना जाता है। बढ़ते इन्फ्रास्ट्रकचर की वजह से नागपुर की गिनती जल्द ही महानगरों में की जायेगी। नागपुर, एक जिला है व ऐतिहासिक विदर्भ (पूर्व महाराष्ट्र का भाग) का एक प्रमुख शहर भी। नागपुर शहर की स्थापना गोण्ड राज्य ने की थी। फिर वह राजा भोसले के उपरान्त मराठा साम्राज्य में शामिल हो गया। १९वी सदी मैं अंग्रेज़ी हुकुमत ने उसे मध्य प्रान्त व बेरार की राजधानी बना दिया। आज़ादी के बाद राज्य पुनर्रचना ने नागपुर को महाराष्ट्र की उपराजधानी बना दिया। नागपुर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद जैसी राष्ट्रवादी संघटनाओ का एक प्रमुख केंद्र है। .

नई!!: महाराष्ट्र और नागपुर · और देखें »

नागपुर जिला

नागपुर, महाराष्ट्र का एक जिला है। श्रेणी:महाराष्ट्र के जिले.

नई!!: महाराष्ट्र और नागपुर जिला · और देखें »

नांदेड़ जिला

नांदेड़ जिला (मराठी: नांदेड जिल्हा), भारत के राज्य महाराष्ट्र का एक प्रशासनिक जिला है। नांदेड़ शहर, जिले का मुख्यालय है। जिले का क्षेत्रफल 10502 वर्ग किमी है, जबकि 2001 की जनगणना के अनुसार इसकी जनसंख्या 2876259 थी जिसमें से 23.96% जनसंख्या शहरी थी। पवित्र नदी गोदावरी जिले से होकर बहती है। नांदेड़ जिला, औरंगाबाद मंडल में आता है और मराठवाड़ा क्षेत्र के पूर्वी भाग में स्थित है। जिला पूर्व में आंध्र प्रदेश के निज़ामाबाद, मेडक और आदिलाबाद जिलों से घिरा है, मराठवाड़ा के परभणी और लातूर जिले इसके पश्चिम में, विदर्भ क्षेत्र का यवतमाल जिला उत्तर में और कर्नाटक का बीदर जिला इसके दक्षिण में स्थित है। नांदेड़ के लोगों के व्यवहार, भाषा और आचरण पर आंध्र, कर्नाटक और विदर्भ का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है। .

नई!!: महाराष्ट्र और नांदेड़ जिला · और देखें »

नंदुरबार जिला

नंदुरबार भारतीय राज्य महाराष्ट्र का एक जिला है। जिले का मुख्यालय नंदुरबार है। आदिवासी पावरा नृत्‍य के लिए प्रसिद्ध नंदुरबार महाराष्ट्र का एक नवगठित जिला है। इस जिले को धूले जिले से पृथक कर 1 जुलाई 1998 में गठित किया गया था। 5055 वर्ग किलोमीटर में फैला यह जिला नंदुरबार, नवापुर, अक्कलकुवा, तलोदा और शहादा ताल्लुकों में बंटा हुआ है। यहां का तोरणमल हिल स्टेशन पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। साथ ही तोरणमाळ सिटी टेंपल, प्रकाश, दत्तात्रेय मंदिर, हिडिंबा का जंगल, मछिन्द्रनाथ गुफा, पुष्पदंतेश्वर मंदिर, चीनी मिल, वाल्हेरी तळोदा, सतपुड़ा की पहाड़ियां और अक्राणी यहां के अन्य प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं, जिन्हें देखने के लिए लोग नियमित रूप से आते रहते हैं। ईस,जिले में प्रमुख आदिवासी,मावची गावीत,कोकणी,भिल,वसावे,पावरा आदी रहते है। नंदुरबार जिले से होकर दो प्रमुख नदीयां बहती हे.

नई!!: महाराष्ट्र और नंदुरबार जिला · और देखें »

परभणी जिला

परभणी जिला (मराठी: परभणी जिल्हा), जिसे पहले प्रभावतीनगर के नाम से जाना जाता था, भारत के राज्य महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के आठ जिलों में से एक है। जिले का कुल भूमि क्षेत्र 6250.58 वर्ग किमी है। 2001 की जनगणना के अनुसार जिले की कुल आबादी 1,527,715 थी जिसमें से 31.76% जनसंख्या शहरी थी। परभणी शहर जिले का मुख्यालय है। पूरा मराठवाड़ा क्षेत्र, तत्कालीन निजाम रियासत का एक भाग था, बाद में यह हैदराबाद रियासत का एक हिस्सा बन गया, 1956 में राज्यों के पुनर्गठन के बाद यह तत्कालीन बंबई राज्य का एक हिस्सा बना और 1960 के बाद से यह वर्तमान राज्य महाराष्ट्र का हिस्सा है। परभणी जिला, उत्तर में हिंगोली, पूर्व में नांदेड़, दक्षिण में लातूर और पश्चिम में बीड और जालना जिलों से घिरा हुआ है। जिले को 9 प्रशासनिक उप-प्रभागों यानि तहसीलों में विभाजित किया गया है जो हैं; परभणी, गंगाखेड़, सोनपेठ, पाथरी, मनवथ, पलाम, सेलु, जिंतुर और पुरना। परभणी जिला महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई तथा राज्य के अन्य मुख्य शहरों और पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में भी सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। godawari river \ .

नई!!: महाराष्ट्र और परभणी जिला · और देखें »

पुणे

पुणे भारत के महाराष्ट्र राज्य का एक महत्त्वपूर्ण शहर है। यह शहर महाराष्ट्र के पश्चिम भाग, मुला व मूठा इन दो नदियों के किनारे बसा है और पुणे जिला का प्रशासकीय मुख्यालय है। पुणे भारत का छठवां सबसे बड़ा शहर व महाराष्ट्र का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। सार्वजनिक सुखसुविधा व विकास के हिसाब से पुणे महाराष्ट्र मे मुंबई के बाद अग्रसर है। अनेक नामांकित शिक्षणसंस्थायें होने के कारण इस शहर को 'पूरब का ऑक्सफोर्ड' भी कहा जाता है। पुणे में अनेक प्रौद्योगिकी और ऑटोमोबाईल उपक्रम हैं, इसलिए पुणे भारत का ”डेट्राइट” जैसा लगता है। काफी प्राचीन ज्ञात इतिहास से पुणे शहर महाराष्ट्र की 'सांस्कृतिक राजधानी' माना जाता है। मराठी भाषा इस शहर की मुख्य भाषा है। पुणे शहर मे लगभग सभी विषयों के उच्च शिक्षण की सुविधा उपलब्ध है। पुणे विद्यापीठ, राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला, आयुका, आगरकर संशोधन संस्था, सी-डैक जैसी आंतरराष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थान यहाँ है। पुणे फिल्म इन्स्टिट्युट भी काफी प्रसिद्ध है। पुणे महाराष्ट्र व भारत का एक महत्त्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र है। टाटा मोटर्स, बजाज ऑटो, भारत फोर्ज जैसे उत्पादनक्षेत्र के अनेक बड़े उद्योग यहाँ है। 1990 के दशक मे इन्फोसिस, टाटा कंसल्टंसी सर्विसे, विप्रो, सिमैंटेक, आइ.बी.एम जैसे प्रसिद्ध सॉफ्टवेअर कंपनियों ने पुणे मे अपने केंन्द्र खोले और यह शहर भारत का एक प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी उद्योगकेंद्र के रूप मे विकसित हुआ। .

नई!!: महाराष्ट्र और पुणे · और देखें »

पुणे जिला

पुणे भारतीय राज्य महाराष्ट्र का एक जिला है। पुणे में सबसे ज्यादा शिक्षण संस्था है। पुणे में माहिती तंञशास्ञ और वाहन उद्योगके के बहुत सी कंपनीयॉ है। जिले का मुख्यालय पुणे है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

नई!!: महाराष्ट्र और पुणे जिला · और देखें »

पेशवा

दरबारियों के साथ पेशवा मराठा साम्राज्य के प्रधानमंत्रियों को पेशवा (मराठी: पेशवे) कहते थे। ये राजा के सलाहकार परिषद अष्टप्रधान के सबसे प्रमुख होते थे। राजा के बाद इन्हीं का स्थान आता था। शिवाजी के अष्टप्रधान मंत्रिमंडल में प्रधान मंत्री अथवा वजीर का पर्यायवाची पद था। 'पेशवा' फारसी शब्द है जिसका अर्थ 'अग्रणी' है। पेशवा का पद वंशानुगत नहीं था। आरंभ में, संभवत: पेशवा मर्यादा में अन्य सदस्यों के बराबर ही माना जाता था। छत्रपति राजाराम के समय में पंत-प्रतिनिधि का नवनिर्मित पद, राजा का प्रतिनिधि होने के नाते पेशवा से ज्येष्ठ ठहराया गया था। पेशवाई सत्ता के वास्तविक संस्थापन का, तथा पेशवा पद को वंशपरंपरागत रूप देने का श्रेय ऐतिहासिक क्रम से सातवें पेशवा, बालाजी विश्वनाथ को है। किंतु, यह परिवर्तन छत्रपति शाहू के सहयोग और सहमति द्वारा ही संपन्न हुआ, उसकी असमर्थता के कारण नहीं। यद्यपि बालाजी विश्वनाथ के उत्तराधिकारी बाजीराव ने मराठा साम्राज्य के सीमाविस्तार के साथ साथ अपनी सत्ता को भी सर्वोपरि बना दिया, तथापि वैधानिक रूप से पेशवा की स्थिति में क्रांतिकारी परिवर्तन शाहू की मृत्यु के बाद, बाजीराव के पुत्र बालाजी के समय में हुआ। अल्पवयस्क छत्रपति रामराजा की अयोग्यता के कारण समस्त राजकीय शक्ति संगोला के समझौते (२५ सितंबर १७५०) के अनुसार, पेशवा को हस्तांतरित हो गई, तथा शासकीय केंद्र सातारा की अपेक्षा पुणे निर्धारित किया गया। किंतु पेशवा माधवराव के मृत्युपरांत जैसा सातारा राजवंश के साथ हुआ, वैसा ही पेशवा वंश के साथ हुआ। माधवराव के उत्तराधिकारियों की नितांत अयोग्यता के कारण राजकीय सत्ता उनके अभिभावक नाना फडनवीस के हाथों में केंद्रित हो गई। किंतु आँग्ल शक्ति के उत्कर्ष के कारण इस स्थिति में भी शीघ्र ही महान परिवर्तन हुआ। अंतिम पेशवा बाजीराव द्वितीय को वसई की संधि के अनुसार (३१ दिसम्बर १८०२) अंग्रेजों का प्रभुत्व स्वीकार करना पड़ा; १३ जून १८१७, की संधि के अनुसार मराठा संघ पर उसे अपना अधिकार छोड़ना पड़ा; तथा अंत में तृतीय आंग्ल मराठा युद्ध की समाप्ति पर, मराठा साम्राज्य के विसर्जन के बाद, पदच्युत होकर अंग्रेजों की पेंशन ग्रहण करने के लिये विवश होना पड़ा।; पेशवाओं का शासनकाल-.

नई!!: महाराष्ट्र और पेशवा · और देखें »

बहमनी सल्तनत

सन् 1470 का बहमनी सल्तनत बहमनी सल्तनत (1317-1518) दक्कन का एक इस्लामी राज्य था। इसकी स्थापना ३ अगस्त १३४७ को एक तुर्क-अफ़गान सूबेदार अलाउद्दीन बहमन शाह ने की थी। इसका प्रतिद्वंदी हिन्दू विजयनगर साम्राज्य था। १५१८ में इसका विघटन हो गया जिसके फलस्वरूप - गोलकोण्डा, बीजापुर, बीदर, बीरार और अहमदनगर के राज्यों का उदय हुआ। इन पाँचों को सम्मिलित रूप से दक्कन सल्तनत कहा जाता था। श्रेणी:बहमनी सल्तनत श्रेणी:भारत की सल्तनत.

नई!!: महाराष्ट्र और बहमनी सल्तनत · और देखें »

बुलढाणा जिला

भारतीय राज्य महाराष्ट्र का एक जिला है। जिले का मुख्यालय है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.(९,६४० किमी²) जनसंख्या - लिंग गुणोत्तर १.०१ ♂/♀ साक्षरता - ८२.०९% एस.

नई!!: महाराष्ट्र और बुलढाणा जिला · और देखें »

बीड जिला

बीड भारतीय राज्य महाराष्ट्र का एक जिला है। जिले का मुख्यालय बीड है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

नई!!: महाराष्ट्र और बीड जिला · और देखें »

भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

नई!!: महाराष्ट्र और भारत · और देखें »

भारतीय जनता पार्टी

भारतीय जनता पार्टी (संक्षेप में, भाजपा) भारत के दो प्रमुख राजनीतिक दलों में से एक हैं, जिसमें दूसरा दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस है। यह राष्ट्रीय संसद और राज्य विधानसभाओं में प्रतिनिधित्व के मामले में देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है और प्राथमिक सदस्यता के मामले में यह दुनिया का सबसे बड़ा दल है।.

नई!!: महाराष्ट्र और भारतीय जनता पार्टी · और देखें »

भंडारा जिला

भंडारा यह भारत के राज्य महाराष्ट्र के विदर्भ प्रांत का एक जिला है। जिले का मुख्यालय भंडारा है। .

नई!!: महाराष्ट्र और भंडारा जिला · और देखें »

मदुरई

मदुरै या मदुरई (மதுரை एवं), दक्षिण भारत के तमिल नाडु राज्य के मदुरई जिले का मुख्यालय नगर है। यह भारतीय प्रायद्वीप के प्राचीनतम बसे शहरों में से एक है।फ्रॉमर्स इण्डिया, द्वारा: पिप्पा देब्र्यून, कीथ बैन, नीलोफर वेंकटरमन, शोनार जोशी इस शहर को अपने प्राचीन मंदिरों के लिये जाना जाता है। इस शहर को कई अन्य नामों से बुलाते हैं, जैसे कूडल मानगर, तुंगानगर (कभी ना सोने वाली नगरी), मल्लिगई मानगर (मोगरे की नगरी) था पूर्व का एथेंस। यह वैगई नदी के किनारे स्थित है। लगभग २५०० वर्ष पुराना यह स्थान तमिल नाडु राज्य का एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और व्यावसायिक केंद्र है। यहां का मुख्य आकर्षण मीनाक्षी मंदिर है जिसके ऊंचे गोपुरम और दुर्लभ मूर्तिशिल्प श्रद्धालुओं और सैलानियों को आकर्षित करते हैं। इस कारणं इसे मंदिरों का शहर भी कहते हैं। मदुरै एक समय में तमिल शिक्षा का मुख्य केंद्र था और आज भी यहां शुद्ध तमिल बोली जाती है। यहाँ शिक्षा का प्रबंध उत्तम है। यह नगर जिले का व्यापारिक, औद्योगिक तथा धार्मिक केंद्र है। उद्योगों में सूत कातने, रँगने, मलमल बुनने, लकड़ी पर खुदाई का काम तथा पीतल का काम होता है। यहाँ की जनसंख्या ११ लाख ८ हजार ७५५ (२००४ अनुमानित) है। आधुनिक युग में यह प्रगति के पथ पर अग्रसर है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पाने में प्रयासरत है, किंतु अपनी समृद्ध परंपरा और संस्कृति को भी संरक्षित किए हुए है। इस शहर के प्राचीन यूनान एवं रोम की सभ्यताओं से ५५० ई.पू.

नई!!: महाराष्ट्र और मदुरई · और देखें »

मराठा

मराठा (पुरातन रूप से मरहट्टा या मारहट्टा के रूप में लिप्यंतरित) भारत में जातियों का एक समूह मुख्य रूप से महाराष्ट्र राज्य में रहता है। एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका के मुताबिक, "मराठा, भारत के इतिहास के बहादुर लोग हैं, इतिहास में प्रचलित हैं और हिंदू धर्म के विजेता हैं।" वे मुख्यतः भारतीय राज्य महाराष्ट्र में रहते हैं। ब्रिटिश राज काल के एक अप्रशिक्षित नृवंशविद वैज्ञानिक रॉबर्ट वाणे रसेल, जो वैदिक साहित्य पर बड़े पैमाने पर अपने शोध का आधार था, ने लिखा कि मराठों को 96 विभिन्न कुलों में विभाजित किया जाता है, जिसे 96 कुलि मराठों या 'शाहनु कुले', के रूप में जाना जाता है, जो की क्षत्रिय है मराठी, में शाहन्नौ का मतलब है 96। सूचियों का सामान्य निकाय अक्सर एक-दूसरे के साथ महान विचरण होता है। .

नई!!: महाराष्ट्र और मराठा · और देखें »

मराठवाडा

मराठवाडा: मध्य महाराष्ट्र का एक संभाग है जो गोदावरी के घाटी में बसे आठ जिलों से बना है। इस संभाग का मुख्य शहर औरंगाबाद है। नांदेड, लातूर इस इलाके के अन्य महानगर है। मराठवाडा हमेशा से गुलाम रहा है। मराठवाडा के ऊपर निजामोंने जूर्म किया। और अब हम महाराष्ट्र में बिन शर्त शामिल हुए क्योंकी हमें विकास की जरूरत थी। फिर भी हमारे ऊपर जुर्म कम नही हुआ । इसलिए अब मराठवाडा राज्य होना ही चाहिए .

नई!!: महाराष्ट्र और मराठवाडा · और देखें »

मराठी भाषा

मराठी भारत के महाराष्ट्र प्रांत में बोली जानेवाली सबसे मुख्य भाषा है। भाषाई परिवार के स्तर पर यह एक आर्य भाषा है जिसका विकास संस्कृत से अपभ्रंश तक का सफर पूरा होने के बाद आरंभ हुआ। मराठी भारत की प्रमुख भाषओं में से एक है। यह महाराष्ट्र और गोवा में राजभाषा है तथा पश्चिम भारत की सह-राजभाषा हैं। मातृभाषियों कि संख्या के आधार पर मराठी विश्व में पंद्रहवें और भारत में चौथे स्थान पर है। इसे बोलने वालों की कुल संख्या लगभग ९ करोड़ है। यह भाषा 900 ईसवी से प्रचलन में है और यह भी हिन्दी के समान संस्कृत आधारित भाषा है। .

नई!!: महाराष्ट्र और मराठी भाषा · और देखें »

महाराष्ट्र में धर्म

महाराष्ट्र में धर्म धार्मिक मान्यताओं और प्रथाओं की विविधता से चिन्हित होता हैं। महाराष्ट्र में दुनिया के छः प्रमुख धर्म हैं; अर्थात् हिंदू धर्म, इस्लाम, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, ईसाई धर्म और सिख धर्म। महाराष्ट्र के पूरे इतिहास में, धर्म राज्य की संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा हैं। भारत का संविधान राज्य को एक धर्मनिरपेक्ष गणराज्य घोषित करता है जिसे नागरिकों के स्वतंत्र रूप से पूजा करने और किसी भी धर्म या विश्वास को प्रचारित करने के अधिकार को कायम रखना चाहिए। भारत का संविधान धर्म की आज़ादी के अधिकार को मौलिक अधिकार भी घोषित करता है। .

नई!!: महाराष्ट्र और महाराष्ट्र में धर्म · और देखें »

मुम्बई

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित मुंंबई (पूर्व नाम बम्बई), भारतीय राज्य महाराष्ट्र की राजधानी है। इसकी अनुमानित जनसंख्या ३ करोड़ २९ लाख है जो देश की पहली सर्वाधिक आबादी वाली नगरी है। इसका गठन लावा निर्मित सात छोटे-छोटे द्वीपों द्वारा हुआ है एवं यह पुल द्वारा प्रमुख भू-खंड के साथ जुड़ा हुआ है। मुम्बई बन्दरगाह भारतवर्ष का सर्वश्रेष्ठ सामुद्रिक बन्दरगाह है। मुम्बई का तट कटा-फटा है जिसके कारण इसका पोताश्रय प्राकृतिक एवं सुरक्षित है। यूरोप, अमेरिका, अफ़्रीका आदि पश्चिमी देशों से जलमार्ग या वायुमार्ग से आनेवाले जहाज यात्री एवं पर्यटक सर्वप्रथम मुम्बई ही आते हैं इसलिए मुम्बई को भारत का प्रवेशद्वार कहा जाता है। मुम्बई भारत का सर्ववृहत्तम वाणिज्यिक केन्द्र है। जिसकी भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 5% की भागीदारी है। यह सम्पूर्ण भारत के औद्योगिक उत्पाद का 25%, नौवहन व्यापार का 40%, एवं भारतीय अर्थ व्यवस्था के पूंजी लेनदेन का 70% भागीदार है। मुंबई विश्व के सर्वोच्च दस वाणिज्यिक केन्द्रों में से एक है। भारत के अधिकांश बैंक एवं सौदागरी कार्यालयों के प्रमुख कार्यालय एवं कई महत्वपूर्ण आर्थिक संस्थान जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक, बम्बई स्टॉक एक्स्चेंज, नेशनल स्टऑक एक्स्चेंज एवं अनेक भारतीय कम्पनियों के निगमित मुख्यालय तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियां मुम्बई में अवस्थित हैं। इसलिए इसे भारत की आर्थिक राजधानी भी कहते हैं। नगर में भारत का हिन्दी चलचित्र एवं दूरदर्शन उद्योग भी है, जो बॉलीवुड नाम से प्रसिद्ध है। मुंबई की व्यवसायिक अपॊर्ट्युनिटी, व उच्च जीवन स्तर पूरे भारतवर्ष भर के लोगों को आकर्षित करती है, जिसके कारण यह नगर विभिन्न समाजों व संस्कृतियों का मिश्रण बन गया है। मुंबई पत्तन भारत के लगभग आधे समुद्री माल की आवाजाही करता है। .

नई!!: महाराष्ट्र और मुम्बई · और देखें »

मुम्बई उपनगरीय ज़िला

मुंबई सिटी जिला मुंबई उपनगरीय जिला महाराष्ट्र का जिला है। श्रेणी:महाराष्ट्र के जिले nl:Bombay#Bestuurlijke indeling.

नई!!: महाराष्ट्र और मुम्बई उपनगरीय ज़िला · और देखें »

मुहम्मद बिन तुग़लक़

मुहम्मद बिन तुग़लक़ दिल्ली सल्तनत में तुग़लक़ वंश का शासक था। ग़यासुद्दीन तुग़लक़ की मृत्यु के बाद उसका पुत्र 'जूना ख़ाँ', मुहम्मद बिन तुग़लक़ (1325-1351 ई.) के नाम से दिल्ली की गद्दी पर बैठा। इसका मूल नाम 'उलूग ख़ाँ' था। राजामुंदरी के एक अभिलेख में मुहम्मद तुग़लक़ (जौना या जूना ख़ाँ) को दुनिया का ख़ान कहा गया है। सम्भवतः मध्यकालीन सभी सुल्तानों में मुहम्मद तुग़लक़ सर्वाधिक शिक्षित, विद्वान एवं योग्य व्यक्ति था। अपनी सनक भरी योजनाओं, क्रूर-कृत्यों एवं दूसरे के सुख-दुख के प्रति उपेक्षा का भाव रखने के कारण इसे 'स्वप्नशील', 'पागल' एवं 'रक्त-पिपासु' कहा गया है। बरनी, सरहिन्दी, निज़ामुद्दीन, बदायूंनी एवं फ़रिश्ता जैसे इतिहासकारों ने सुल्तान को अधर्मी घोषित किया गया है। .

नई!!: महाराष्ट्र और मुहम्मद बिन तुग़लक़ · और देखें »

मुंबई जिला

मुंबई जिला से इनका तात्पर्य हो सकता है:-.

नई!!: महाराष्ट्र और मुंबई जिला · और देखें »

यवतमाल जिला

यवतमाल जिला (मराठी:यवतमाळ जिल्हा), भारत के राज्य महाराष्ट्र का एक प्रशासनिक जिला है। यह जिला महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में स्थित है और अमरावती मंडल के अंतर्गत आता है। यवतमाल शहर जिले का मुख्यालय है। यवतमाल जिले मे सबसे ज्यादा कपास का उत्पादन होता है इसलीये ये महाराष्ट्र मे कपास उत्पादन का केंद्र बन चुका हे| इस जिले ने महाराष्ट्र को दो दो मुख्यमंत्री दिये है। इस जिले ने दो राज्यपाल दिए है। यवतमाल जिले में कोयला,चुना,डोलोमाइट,समान खदाने है। आदिवासी बहुल जिला है। कपास का संशोधन जिले के कलम्ब तहसील मुख्यालय पर कई वर्षों पूर्व हुआ था। वर्तमान में मोदी केंद्रीय सरकार ने अधिकृत रूपसे 2015 में वर्धा -यवतमाल-नांदेड़ ब्रॉड गेज रेल लाइन को अनुमति प्रदान की। भूमि सम्पादन कार्य तेज गति से जारी है। कोयला बेल्ट वणी क्षेत्र में ब्रॉड गेज रेल लाइन पर आवा गमन जारी है। विद्युतीकरण करना शेष है। दो अभयारण है वंहा पर्यटन की संभावना रहनेसे विकसित किया जाना जरूरी है। यहां हवाई अड्डा है वहा विकास की अपार सम्भावना बनी है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री हंसराज अहीर इस क्षेत्र से रहनेसे विकास की आस जनता को लगी है। विदर्भ राज्य की मांग जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री कार्य काल से की जा रही है। सभी आयोग व कमिटी की रिपोर्ट में पुष्टि की है। विदर्भवादी नेता जाम्बुवन्त राव धोटे का हाल ही निधन हुआ।कपास,तेंदू पत्ता,अरहर,सोयाबीन,गन्ना,कई फूल,फलों की फसलें यह कि प्रमुख है। सिंचाई सुविधा लगातार बढ़ रही है। डेहनी नामक सिंचाई योजना एशिया की प्रथम योजना है। .

नई!!: महाराष्ट्र और यवतमाल जिला · और देखें »

रत्नागिरि जिला

रत्नागिरि जिला (रत्नागिरी जिल्हा), भारत के राज्य महाराष्ट्र के पैंतीस जिलों में से एक है। रत्नागिरि जिले का मुख्यालय और प्रमुख शहर है। जिले का 11.33% हिस्सा शहरी है। जिले के पश्चिम में अरब सागर, दक्षिण में सिंधुदुर्ग जिला, उत्तर में रायगढ़ जिला और पूर्व में सतारा सांगली और कोल्हापुर जिले स्थित हैं। यह जिला कोंकण मंडल का भाग है। .

नई!!: महाराष्ट्र और रत्नागिरि जिला · और देखें »

रायगढ़ जिला

रायगड भारतीय राज्य महाराष्ट्र का एक जिला है। जिले का मुख्यालय अलीबाग है। क्षेत्रफल - वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - (2001 जनगणना) साक्षरता - एस॰टी॰डी॰ कोड - जिलाधिकारी - (सितम्बर 2006 में) समुद्र तल से उचाई - अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व औसत वर्षा - मि॰मी॰ .

नई!!: महाराष्ट्र और रायगढ़ जिला · और देखें »

राष्ट्रकूट राजवंश

राष्ट्रकूट (ರಾಷ್ಟ್ರಕೂಟ) दक्षिण भारत, मध्य भारत और उत्तरी भारत के बड़े भूभाग पर राज्य करने वाला राजवंश था। .

नई!!: महाराष्ट्र और राष्ट्रकूट राजवंश · और देखें »

राज्य

विश्व के वर्तमान राज्य (विश्व राजनीतिक) पूँजीवादी राज्य व्यवस्था का पिरामिड राज्य उस संगठित इकाई को कहते हैं जो एक शासन (सरकार) के अधीन हो। राज्य संप्रभुतासम्पन्न हो सकते हैं। इसके अलावा किसी शासकीय इकाई या उसके किसी प्रभाग को भी 'राज्य' कहते हैं, जैसे भारत के प्रदेशों को भी 'राज्य' कहते हैं। राज्य आधुनिक विश्व की अनिवार्य सच्चाई है। दुनिया के अधिकांश लोग किसी-न-किसी राज्य के नागरिक हैं। जो लोग किसी राज्य के नागरिक नहीं हैं, उनके लिए वर्तमान विश्व व्यवस्था में अपना अस्तित्व बचाये रखना काफ़ी कठिन है। वास्तव में, 'राज्य' शब्द का उपयोग तीन अलग-अलग तरीके से किया जा सकता है। पहला, इसे एक ऐतिहासिक सत्ता माना जा सकता है; दूसरा इसे एक दार्शनिक विचार अर्थात् मानवीय समाज के स्थाई रूप के तौर पर देखा जा सकता है; और तीसरा, इसे एक आधुनिक परिघटना के रूप में देखा जा सकता है। यह आवश्यक नहीं है कि इन सभी अर्थों का एक-दूसरे से टकराव ही हो। असल में, इनके बीच का अंतर सावधानी से समझने की आवश्यकता है। वैचारिक स्तर पर राज्य को मार्क्सवाद, नारीवाद और अराजकतावाद आदि से चुनौती मिली है। लेकिन अभी राज्य से परे किसी अन्य मज़बूत इकाई की खोज नहीं हो पायी है। राज्य अभी भी प्रासंगिक है और दिनों-दिन मज़बूत होता जा रहा है। यूरोपीय चिंतन में राज्य के चार अंग बताये जाते हैं - निश्चित भूभाग, जनसँख्या, सरकार और संप्रभुता। भारतीय राजनीतिक चिन्तन में 'राज्य' के सात अंग गिनाये जाते हैं- राजा या स्वामी, मंत्री या अमात्य, सुहृद, देश, कोष, दुर्ग और सेना। (राज्य की भारतीय अवधारण देखें।) कौटिल्य ने राज्य के सात अंग बताये हैं और ये उनका "सप्तांग सिद्धांत " कहलाता है - राजा, आमात्य या मंत्री, पुर या दुर्ग, कोष, दण्ड, मित्र । .

नई!!: महाराष्ट्र और राज्य · और देखें »

लातूर जिला

लातूर महाराष्ट्र का एक महत्वपूर्ण जिला है। यह समुद्री तल से ६३६ मीटर की ऊँचाई पर बसा है। इसका मुख्यालय लातूर सहर में है। लातूर शहर के महाविद्यालय: 1.

नई!!: महाराष्ट्र और लातूर जिला · और देखें »

सतारा जिला

सतारा जिला (मराठी: सातारा जिल्हा), भारत के पश्चिम में स्थित राज्य महाराष्ट्र के पैंतीस जिलों में से एक है। यह महाराष्ट्र के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है और इसका कुल क्षेत्रफल 10480 किमी² है। 2001 की जनगणना के अनुसार सतारा जिले की कुल जनसंख्या 2808994 है जिसमें से 14.17% आबादी शहरी है। जिले का मुख्यालय सतारा शहर है। जिले के अन्य प्रमुख स्थानों में वाई, कराड, कोयनानगर, रहमतपुर, फलटन, महाबलेश्वर और पंचगनी शामिल हैं। यह जिला पुणे मंडल के अंतर्गत आता है। इस जिले के उत्तर में पुणे जिला, पश्चिमोत्तर में रायगढ़ जिला, पूर्व में सोलापुर जिला, दक्षिण में सांगली जिला और पश्चिम में रत्नागिरि जिला स्थित है। .

नई!!: महाराष्ट्र और सतारा जिला · और देखें »

सांगली जिला

महाराष्ट्र का एक जिला सांगली। श्रेणी:महाराष्ट्र के जिले *.

नई!!: महाराष्ट्र और सांगली जिला · और देखें »

सिंधुदुर्ग जिला

सिन्धुदुर्ग महाराष्ट्र का एक जिला है। यह रत्नागिरि जिले से निकला जिला है। इसका मुख्यालय ओरस में है। सन २०११ के जनसंख्या के आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र में यह सबसे कम जनसंख्या वाला जिल है। एक अन्य सर्वे के अनुसार यह भारत का सबसे स्वच्छ जिला है। .

नई!!: महाराष्ट्र और सिंधुदुर्ग जिला · और देखें »

संयुक्त महाराष्ट्र समिति

संयुक्त महाराष्ट्र समिति, एक संगठन था, जिसका गठन १९५० में तत्कालीन द्विभाषी बॉम्बे राज्य से मराठी बोले जाने वाले क्षेत्रों का अलग राज्य बनाने के उद्देश्य से किया गया था। बाद में संगठन, इस राज्य के महाराष्ट्र नाम से गठन के बाद भंग की गयी। श्रेणी:महाराष्ट्र का इतिहास.

नई!!: महाराष्ट्र और संयुक्त महाराष्ट्र समिति · और देखें »

सोलापुर जिला

सोलापुर महाराष्ट्र का एक जिला है। सोलापुर महाराष्ट्र का एक जिला है मुंबई से पूरब की ओर 350 किलोमीटर के लगभग पड़ता है सोलापुर मध्य रेलवे के 5 डिवीजनों में से एक है सोलापुर डिवीजन मध्य रेलवे में आता है .

नई!!: महाराष्ट्र और सोलापुर जिला · और देखें »

हिंगोली जिला

हिंगोली भारतीय राज्य महाराष्ट्र का एक जिला है। जिले का मुख्यालय है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

नई!!: महाराष्ट्र और हिंगोली जिला · और देखें »

जलगाँव जिला

जलगाँव जिला (मराठी:जळगाव जिल्हा), भारतीय राज्य महाराष्ट्र का एक जिला है, जिसे पहले पूर्वी खानदेश जिला के नाम से जाना जाता था। इस जिले का मुख्यालय जलगाँव शहर है। यह जिला नासिक मंडल के अंतर्गत आता है। जिले का कुल क्षेत्रफल 11,765 किमी² और जनसंख्या 3,682,690 है (2001 जलगणना) जिसमें से 71.4% आबादी ग्रामीण है। जिले के उत्तर में मध्य प्रदेश, पूर्व में बुलढाणा जिला, दक्षिणपूर्व में जालना जिला, दक्षिण में औरंगाबाद जिला, दक्षिणपश्चिम में नासिक जिला और पश्चिम में धुले जिला स्थित है। .

नई!!: महाराष्ट्र और जलगाँव जिला · और देखें »

जालना जिला

जालना भारतीय राज्य महाराष्ट्र का एक जिला है। जालना जिला जिले का मुख्यालय है। क्षेत्रफल - ७,६१२ वर्ग कि.मी.

नई!!: महाराष्ट्र और जालना जिला · और देखें »

वर्धा जिला

वर्धा, महाराष्ट्र का एक जिला है। श्रेणी:महाराष्ट्र के जिले.

नई!!: महाराष्ट्र और वर्धा जिला · और देखें »

वाशीम जिला

महाराष्ट्र का एक जिला है जो वाकाटक कि राजधानि थी। वाकाटक राजाओने 200 साल राज किया वत्सगुल्म शाखा सर्वसेन तृतीय (330–355) विन्ध्यसेन (विन्ध्यशक्ति द्वितीय) (355–400) प्रवरसेन द्वितीय (400–415) अज्ञात (415–450) देवसेन (450–475) हरिसेन (475–500) वाकाटक वाकाटक शब्द का प्रयोग प्राचीन भारत के एक राजवंश के लिए किया जाता है जिसने तीसरी सदी के मध्य से छठी सदी तक शासन किया था। उस वंश को इस नाम से क्यों संबंधित किया गया, इस प्रश्न का सही उत्तर देना कठिन है। स्यात्‌ वकाट नाम का मध्यभारत में कोई स्थान रहा हो, जहाँ पर शासन करनेवाला वंश वाकाटक कहलाया। अतएव प्रथम राजा को अजंता लेख में "वाकाटक वंशकेतु:" कहा गया है। इस राजवंश का शासन मध्यप्रदेश के अधिक भूभाग तथा प्राचीन बरार (आंध्र प्रदेश) पर विस्तृत था, जिसके सर्वप्रथम शासक विन्ध्यशक्ति का नाम वायुपुराण तथा अजंतालेख मे मिलता है। संभवत: विंध्य पर्वतीय भाग पर शासन करने के कारण प्रथम राजा 'विंध्यशक्ति' की पदवी से विभूषित किया गया। इस नरेश का प्रामाणिक इतिवृत्त उपस्थित करना कठिन है, क्योंकि विंध्यशक्ति का कोई अभिलेख या सिक्का अभी तक उपलब्ध नहीं हो सका। तीसरी सदी के मध्य में सातवाहन राज्य की अवनति हो जाने से विंध्यशक्ति को अवसर मिल गया तो भी उसका यश स्थायी न रह सका। उसके पुत्र प्रथम प्रवरसेन ने वंश की प्रतिष्ठा को अमर बना दिया। अभिलेखों के अध्ययन से पता चलता है कि प्रथम प्रवरसेन ने दक्षिण में राज्यविस्तार के उपलक्ष में चार अश्वमेध किए और सम्राट् की पदवी धारण की। प्रवरसेन के समकालीन शक्तिशाली नरेश के अभाव में वाकाटक राज्य आंध्रप्रदेश तथा मध्यभारत में विस्तृत हो गया। बघेलखंड के अधीनस्थ शासक व्याघ्रराज का उल्लेख समुद्रगुप्त के स्तंभलेख में भी आया है। संभवत: प्रवरसेन ने चौथी सदी के प्रथम चरण में पूर्वदक्षिण भारत, मालवा, गुजरात, काठियावाड़ पर अधिकार कर लिया था परंतु इसकी पुष्टि के लिए सबल प्रमाण नहीं मिलते। यह तो निश्चित है कि प्रवरसेन का प्रभाव दक्षिण में तक फैल गया था। परंतु कितने भाग पर वह सीधा शासन करता रहा, यह स्पष्ट नहीं है। यह कहना सर्वथा उचित होगा कि वाकाटक राज्य को साम्राज्य के रूप में परिणत करना उसी का कार्य था। प्रथम प्रवरसेन ने वैदिक यज्ञों से इसकी पुष्टि की है। चौथी सदी के मध्य में उसका पौत्र प्रथम रुद्रसेन राज्य का उत्तराधिकारी हुआ, क्योंकि प्रवरसेन का ज्येष्ठ पुत्र गोतमीपुत्र पहले ही मर चुका था। मानसर में प्रवरसेन द्वितीय द्वारा निर्मित प्रवरेश्वर शिव मन्दिर के भग्नावशेष वाकाटक वंश के तीसरे शासक महाराज रुद्रसेन प्रथम का इतिहास अत्यंत विवादास्पद माना जाता है। प्रारंभ में वह आपत्तियों तथा निर्बलता के कारण अपनी स्थिति को सबल न बना सका। कुछ विद्वान्‌ यह मानते हैं कि उसके पितृव्य साम्राज्य को विभाजित कर शासन करना चाहते थे, किन्तु पितृव्य सर्वसेन के अतिरिक्त किसी का वृत्तांत प्राप्य नहीं है। वाकाटक राज्य के दक्षिण-पश्चिम भाग में सर्वसेन ने अपना प्रभुत्व स्थापित कर लिया था जहाँ (बरार तथा आंध्र प्रदेश का उत्तरी-पश्चिमी भूभाग) उसके वंशज पाँचवी सदी तक राज्य करते रहे। इस प्रसंग में यह मान लेना सही होगा कि उसके नाना भारशिव महाराज भवनाग ने रुद्रसेन प्रथम की विषम परिस्थिति में सहायता की, जिसके फलस्वरूप रुद्रसेन अपनी सत्ता को दृढ़ कर सका। (चंपक ताम्रपत्र का. इ., इ. भा. ३, पृ. २२६) इस वाकाटक राजा के विनाश के संबंध में कुछ लोगों की असत्य धारण बनी हुई है कि गुप्तवंश के उत्थान से रुद्रसेन प्रथम नष्ट हो गया। गुप्त सम्राट् समुद्रगुप्त ने कौशांबी के युद्ध में वाकाटक नरेश रुद्रसेन प्रथम को मार डाला (अ. भ. ओ. रि. इ., भा. ४, पृ. ३०-४०, अथवा उत्तरी भारत की दिग्विजय में उसे श्रीहत कर दिया। इस कथन की प्रामाणिकता समुद्रगुप्त की प्रयागप्रशस्ति में उल्लिखित पराजित नरेश रुद्रदेव से सिद्ध करते हैं। प्रशस्ति के विश्लेषण से यह समीकरण कदापि युक्तियुक्त नहीं है कि रुद्रदेव तथा वाकाटक महाराज प्रथम रुद्रसेन एक ही व्यक्ति थे। वाकाटकनरेश से समुद्रगुप्त का कहीं सामना न हो सका। अतएव पराजित या श्रीहत होने का प्रश्न ही नहीं उठता। इसके विपरीत यह कहना उचित होगा कि गुप्त सम्राट् ने वाकाटक वंश से मैत्री कर ली। वाकाटक अभिलेखों के आधार पर यह विचार व्यक्त करना सत्य है कि इस वंश की श्री कई पीढ़ियों तक अक्षुण्ण बनी रही। कोष, सेना तथा प्रतिष्ठा की अभिवृद्धि पिछले सौ वर्षों से होती रही (मानकोष दण्ड साधनसंतान पुत्र पौत्रिण: ए. इ., भा. ३, पृ. २६१) इसके पुत्र पृथ्वीषेण प्रथम ने कुंतल पर विजय कर दक्षिण भारत में वाकाटक वंश को शक्तिशाली बनाया। उसके महत्वपूर्ण स्थान के कारण ही गुप्त सम्राट् द्वितीय चंद्रगुप्त को (ई. स. ३८० के समीप) अपनी पुत्री का विवाह युवराज रुद्रसेन से करना पड़ा था। इस वैवाहिक संबंध के कारण गुप्त प्रभाव दक्षिण भारत में अत्यधिक हो गया। फलत: द्वितीय रुद्रसेन ने सिंहासनारूढ़ होने पर अपने श्वसुर का कठियावाड़ विजय के अभियान में साथ दिया था। द्वितीय रुद्रसेन की अकाल मृत्यु के कारण उसकी पत्नी प्रभावती गुप्ता अप्राप्तवयस्क पुत्रों की संरक्षिका के रूप में शासन करने लगी। वाकाटक शासन का शुभचिंतक बनकर द्वितीय चंद्रगुप्त ने सक्रिय सहयोग भी दिया। पाटलिपुत्र से सहकारी कर्मचारी नियुक्त किए गए। यही कारण था कि प्रभावती गुप्ता के पूनाताम्रपत्र में गुप्तवंशावली ही उल्लिखित हुई है। कालांतर में युवराज दामोदरसेन द्वितीय प्रवरसेन के नाम से सिंहासन पर बैठा, किंतु इस वंश के लेख यह बतलाते हैं कि प्रवरसेन से द्वितीय पृथ्वीषेण पर्यंत किसी प्रकार का रण अभियान न हो सका। पाँचवी सदी के अंत में राजसत्ता वेणीमशाखा (सर्वसेन के वंशज) के शासक हरिषेण के हाथ में गई, जिसे अजंता लेख में कुंतल, अवंति, लाट, कोशल, कलिंग तथा आंध्र देशों का विजेता कहा गया है (इंडियन कल्चर, भा. ७, पृ. ३७२) उसे उत्तराधिकारियों की निर्बलता के कारण वाकाटक वंश विनष्ट हो गया। अजन्ता गुफाओं में शैल को काटकर निर्मित बौद्ध बिहार एवं चैत्य वाकाटक साम्राज्य के वत्सगुल्म शाखा के राजाओं के संरक्षण में बने थे। अभिलेखों के अध्ययन से ज्ञात होता है कि दक्षिण भारत में वाकाटक राज्य वैभवशाली, सबल तथा गौरवपूर्ण रहा है। सांस्कृतिक उत्थान में भी इस वंश ने हाथ बटाया था। प्राकृत काव्यों में "सेतुबंध" तथा "हरिविजय काव्य" क्रमश: प्रवरसेन द्वितीय और सर्वसेन की रचना माने जाते हैं। वैसे प्राकृत काव्य तथा सुभाषित को "वैदर्भी शैली" का नाम दिया गया है। वाकाटकनरेश वैदिक धर्म के अनुयायी थे, इसीलिए अनेक यज्ञों का विवरण लेखों में मिलता है। कला के क्षेत्र में भी इसका कार्य प्रशंसनीय रहा है। अजंता की चित्रकला को वाकाटक काल में अधिक प्रोत्साहन मिला, जो संसार में अद्वितीय भित्तिचित्र माना गया है। नाचना का मंदिर भी इसी युग में निर्मित हुआ और उसी वास्तुकला का अनुकरण कर उदयगिरि, देवगढ़ एवं अजंता में गुहानिर्माण हुआ था। समस्त विषयों के अनुशीलन से पता चलता है कि वाकाटक नरेशों ने राज्य की अपेक्षा सांस्कृतिक उत्थान में विशेष अनुराग प्रदर्शित किया। यही इस वश की विशेषता है। शासक विन्ध्यशक्ति (250-270) प्रवरसेन प्रथम (270-330) प्रवरपुर-नन्दिवर्धन शाखा रुद्रसेन प्रथम (330-355) पृथ्वीसेन प्रथम (355-380) रुद्रसेन द्वितीय (380-385) प्रभावतीगुप्ता (385-405) दिवाकरसेन (385–400) दामोदरसेन (प्रवरसेन द्वितीय) (400-440) नरेन्द्रसेन (440-460) पृथ्वीसेन द्वितीय (460-480) वत्सगुल्म शाखा वाशिम सर्वसेन तृतीय (330–355) विन्ध्यसेन (विन्ध्यशक्ति द्वितीय) (355–400) प्रवरसेन द्वितीय (400–415) अज्ञात (415–450) देवसेन (450–475) हरिसेन (475–500)श्रेणी:महाराष्ट्र के जिले Created by Washim.

नई!!: महाराष्ट्र और वाशीम जिला · और देखें »

विदर्भ

विदर्भ महाराष्ट्र प्रांत का एक उपक्षेत्र है। इस उपक्षेत्र में कुल 11 जिले है। महाराष्ट्र में कोयला खदान और मूल्यवान मँगणिज कि खदाने विदर्भ में हि बहुतायत में पाये जाते हैं। कोयला खदानो कि वजह से हि विदर्भ में चंद्रपूर,कोराडी, खापरखेडा, मौदा और तिरोडा में औष्णिक विद्युत निर्माण संयंत्र पाये जाते हैं जिससे संपुर्ण महाराष्ट्र विद्युत आपूर्ती में लाभान्वित होता है। इसके अलावा महाराष्ट्र कि ज्यादातर वनसंपदा विदर्भ क्षेत्र में हि मौजूद है। इसके व्यतिरिक्त चावल उत्पादन में तुमसर मंडी विदर्भ में हि है जो महाराष्ट्र में सबसे बड़ी कृषी उत्पाद कि मंडी का सम्मान पाती है। प्रसिद्ध बासमती चावल का उत्पादन भी इसी क्षेत्र में होता है। विदर्भ के हि चंद्रपूर जिले में महाराष्ट्र के कुल सिमेंट कारखानो में सर्वाधिक कारखाने अकेले चंद्रपूर जिले में है। विदर्भ में मराठी और हिन्दी बोली जाती हैं। श्रेणी:महाराष्ट्र का भूगोल.

नई!!: महाराष्ट्र और विदर्भ · और देखें »

गढ़चिरौली जिला

गढ़चिरौली जिला (मराठी: गडचिरोली जिल्हा), भारत के राज्य महाराष्ट्र का एक प्रशासनिक जिला है। गढ़चिरौली शहर जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है। गढ़चिरौली जिले का गठन 26 अगस्त 1982 को चंद्रपुर जिले से गढ़चिरौली और सिरोंचा तहसीलों को अलग करके किया गया था। गढ़चिरौली जिला महाराष्ट्र के दक्षिणपूर्वी कोने में स्थित है। यह पश्चिम में चंद्रपुर जिला, उत्तर में गोंदिया जिला, पूर्व में छत्तीसगढ़ राज्य और दक्षिण और दक्षिण पश्चिम में आंध्र प्रदेश राज्य से घिरा है। .

नई!!: महाराष्ट्र और गढ़चिरौली जिला · और देखें »

गोलकोण्डा

गोलकुंडा या गोलकोण्डा दक्षिणी भारत में, हैदराबाद नगर से पाँच मील पश्चिम स्थित एक दुर्ग तथा ध्वस्त नगर है। पूर्वकाल में यह कुतबशाही राज्य में मिलनेवाले हीरे-जवाहरातों के लिये प्रसिद्ध था। इस दुर्ग का निर्माण वारंगल के राजा ने 14वीं शताब्दी में कराया था। बाद में यह बहमनी राजाओं के हाथ में चला गया और मुहम्मदनगर कहलाने लगा। 1512 ई. में यह कुतबशाही राजाओं के अधिकार में आया और वर्तमान हैदराबाद के शिलान्यास के समय तक उनकी राजधानी रहा। फिर 1687 ई. में इसे औरंगजेब ने जीत लिया। यह ग्रैनाइट की एक पहाड़ी पर बना है जिसमें कुल आठ दरवाजे हैं और पत्थर की तीन मील लंबी मजबूत दीवार से घिरा है। यहाँ के महलों तथा मस्जिदों के खंडहर अपने प्राचीन गौरव गरिमा की कहानी सुनाते हैं। मूसी नदी दुर्ग के दक्षिण में बहती है। दुर्ग से लगभग आधा मील उत्तर कुतबशाही राजाओं के ग्रैनाइट पत्थर के मकबरे हैं जो टूटी फूटी अवस्था में अब भी विद्यमान हैं। .

नई!!: महाराष्ट्र और गोलकोण्डा · और देखें »

गोंदिया जिला

गोंदिया भारतीय राज्य महाराष्ट्र का एक जिला है। जिले का मुख्यालय गोंदिया है। गोंदिया जिले को भंडारा जिला से अलग कर बनाया गया था। यह जिला महाराष्ट्र राज्य के उत्तर पुर्वी भाग में स्थित है। यह विदर्भ के एक प्रमुख जिलो में से एक है। इस जिले की पुर्वी सीमा पर छत्तीसगढ़ राज्य का राजनांदगांव जिला तथा उत्तरी सीमा पर मध्यप्रदेश राज्य का बालाघाट जिला है। इस जिले से लगे हुये महाराष्ट्र के अन्य जिले है, भंडारा, चन्द्रपुर और गड़चिरोली। यह जिला एक अविकसीत जिला है और इसकी भूमी का अधिकतर भाग वनो से आच्छादित है। धान इस जिले की मुख्य फसल है। अन्य फसलो में ज्वार, गेहुं, तुवर है। लोगो का मुख्य व्यवसाय कृषी है। इस जिले में उद्योगो की उपस्थिती नगण्य है जिससे यह जिला आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है। धान इस जिले की मुख्य फसल होने से इस जिले में अनेको चावल की मीले है। गोंदिया को राइस सीटी (RICE CITY) भी कहा जाता है। गोंदिया जिला को दो उपविभागो में बांटा गया है, जो कि गोंदिया और देवरी है। हर उपविभाग में ४ तालुका, ५५६ ग्राम पंचायत और ९५४ गांव है। इस जिले में नौ विधानसभा क्षेत्र है जो कि गोंदिया, तिरोड़ा, गोरेगांव, आमगांव, लाखान्दूर और साकोली है। इसमे से लाखांदूर और साकोली भंडारा और गोंदिया के क्षेत्रों को मीला कर बने हुये विधानसभा क्षेत्र है। गोंदिया और तिरोड़ा में नगर परिषद है।.

नई!!: महाराष्ट्र और गोंदिया जिला · और देखें »

औरंगाबाद

कोई विवरण नहीं।

नई!!: महाराष्ट्र और औरंगाबाद · और देखें »

औरंगाबाद जिला

औरंगाबाद भारतीय राज्य महाराष्ट्र का एक जिला है। जिले का मुख्यालय औरंगाबाद है। क्षेत्रफल - 10,106 वर्ग कि.मी.

नई!!: महाराष्ट्र और औरंगाबाद जिला · और देखें »

औरंगज़ेब

अबुल मुज़फ़्फ़र मुहिउद्दीन मुहम्मद औरंगज़ेब आलमगीर (3 नवम्बर १६१८ – ३ मार्च १७०७) जिसे आमतौर पर औरंगज़ेब या आलमगीर (प्रजा द्वारा दिया हुआ शाही नाम जिसका अर्थ होता है विश्व विजेता) के नाम से जाना जाता था भारत पर राज्य करने वाला छठा मुग़ल शासक था। उसका शासन १६५८ से लेकर १७०७ में उसकी मृत्यु होने तक चला। औरंगज़ेब ने भारतीय उपमहाद्वीप पर आधी सदी से भी ज्यादा समय तक राज्य किया। वो अकबर के बाद सबसे ज्यादा समय तक शासन करने वाला मुग़ल शासक था। अपने जीवनकाल में उसने दक्षिणी भारत में मुग़ल साम्राज्य का विस्तार करने का भरसक प्रयास किया पर उसकी मृत्यु के पश्चात मुग़ल साम्राज्य सिकुड़ने लगा। औरंगज़ेब के शासन में मुग़ल साम्राज्य अपने विस्तार के चरमोत्कर्ष पर पहुंचा। वो अपने समय का शायद सबसे धनी और शातिशाली व्यक्ति था जिसने अपने जीवनकाल में दक्षिण भारत में प्राप्त विजयों के जरिये मुग़ल साम्राज्य को साढ़े बारह लाख वर्ग मील में फैलाया और १५ करोड़ लोगों पर शासन किया जो की दुनिया की आबादी का १/४ था। औरंगज़ेब ने पूरे साम्राज्य पर फ़तवा-ए-आलमगीरी (शरियत या इस्लामी क़ानून पर आधारित) लागू किया और कुछ समय के लिए ग़ैर-मुस्लिमों पर अतिरिक्त कर भी लगाया। ग़ैर-मुसलमान जनता पर शरियत लागू करने वाला वो पहला मुसलमान शासक था। मुग़ल शासनकाल में उनके शासन काल में उसके दरबारियों में सबसे ज्यादा हिन्दु थे। और सिखों के गुरु तेग़ बहादुर को दाराशिकोह के साथ मिलकर बग़ावत के जुर्म में मृत्युदंड दिया गया था। .

नई!!: महाराष्ट्र और औरंगज़ेब · और देखें »

कोल्हापुर

thumb कोल्हापुर महाराष्ट्र प्रान्त का एक शहर है। मुंबई से 400 किलोमीटर दूर कोल्‍हापुर महाराष्‍ट्र का एक जिला है। मुंबई से पास होने के कारण बड़ी संख्‍या में पर्यटक सप्‍ताहंत में यहां आते हैं। यह स्‍थान ऐतिहासिक तथा धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्‍वपूर्ण है। कोल्‍हापुर का मराठी कला के क्षेत्र में बहुत महत्‍वपूर्ण योगदान रहा है। विशेष रूप से कोल्‍हापुरी हस्‍तशिल्‍प बहुत प्रसिद्ध है। कोल्‍हापुरी चप्‍पलें तो देश विदेश में मशहूर हैं ही। प्रकृ‍ति, इतिहास, संस्‍कृति और आध्‍यात्‍म से रूबरू कराता कोल्‍हापुर सभी आयु के लोगों को कुछ न कुछ अवश्‍य देता है। .

नई!!: महाराष्ट्र और कोल्हापुर · और देखें »

कोल्हापुर जिला

कोल्हापुर जिला महाराष्ट्र में बसा एक शहर और जिला है। 2011 में हुई जनगणना के अनुसार इसकी आबादी 38,76,001 है। जिसमें 33 प्रतिशत आबादी शहरी क्षेत्र की है। इस जिले के जनसंख्या का घनत्व 504 प्रति वर्ग किलोमीटर है। यह 2001-2011 के मध्य 9.96% की दर से बढ़ी। यहाँ प्रति 1000 पुरुषों में 953 महिलाएं हैं। .

नई!!: महाराष्ट्र और कोल्हापुर जिला · और देखें »

कोंकण मंडल

महाराष्ट्र के मंडल यह महाराष्ट्र के मंडलों में से एक है। इस मंडल में छः जिले आते हैं। ये जिले इस प्रकार से हैं:-.

नई!!: महाराष्ट्र और कोंकण मंडल · और देखें »

कोकण

कोकण महाराष्ट्र के पश्चिमी तट पर स्थित एक संभाग तथा मंडल है। मुंबई शहर एवं जिला, थाने, रायगड, रत्नागिरी और सिंधूदुर्ग इसके जिले है। यह क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी जाना जाता है। श्रेणी:महाराष्ट्र.

नई!!: महाराष्ट्र और कोकण · और देखें »

अमरावती जिला

अमरावती, भारतीय राज्य महाराष्ट्र का एक जिला है। जिले का मुख्यालय अमरावती है। क्षेत्रफल - 12,210 वर्ग कि.मी.

नई!!: महाराष्ट्र और अमरावती जिला · और देखें »

अलाउद्दीन खिलजी

अलाउद्दीन खिलजी (वास्तविक नाम अली गुरशास्प 1296-1316) दिल्ली सल्तनत के खिलजी वंश का दूसरा शासक था। उसका साम्राज्य अफगानिस्तान से लेकर उत्तर-मध्य भारत तक फैला था। इसके बाद इतना बड़ा भारतीय साम्राज्य अगले तीन सौ सालों तक कोई भी शासक स्थापित नहीं कर पाया था। मेवाड़ चित्तौड़ का युद्धक अभियान इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है। ऐसा माना जाता है कि वो चित्तौड़ की रानी पद्मिनी की सुन्दरता पर मोहित था। इसका वर्णन मलिक मुहम्मद जायसी ने अपनी रचना पद्मावत में किया है। उसके समय में उत्तर पूर्व से मंगोल आक्रमण भी हुए। उसने उसका भी डटकर सामना किया। अलाउद्दीन ख़िलजी के बचपन का नाम अली 'गुरशास्प' था। जलालुद्दीन खिलजी के तख्त पर बैठने के बाद उसे 'अमीर-ए-तुजुक' का पद मिला। मलिक छज्जू के विद्रोह को दबाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के कारण जलालुद्दीन ने उसे कड़ा-मनिकपुर की सूबेदारी सौंप दी। भिलसा, चंदेरी एवं देवगिरि के सफल अभियानों से प्राप्त अपार धन ने उसकी स्थिति और मज़बूत कर दी। इस प्रकार उत्कर्ष पर पहुँचे अलाउद्दीन खिलजी ने अपने चाचा जलालुद्दीन की हत्या धोखे से 22 अक्टूबर 1296 को खुद से गले मिलते समय अपने दो सैनिकों (मुहम्मद सलीम तथा इख़्तियारुद्दीन हूद) द्वारा करवा दी। इस प्रकार उसने अपने सगे चाचा जो उसे अपने औलाद की भांति प्रेम करता था के साथ विश्वासघात कर खुद को सुल्तान घोषित कर दिया और दिल्ली में स्थित बलबन के लालमहल में अपना राज्याभिषेक 22 अक्टूबर 1296 को सम्पन्न करवाया। .

नई!!: महाराष्ट्र और अलाउद्दीन खिलजी · और देखें »

अश्मक

अश्मक या अस्सक प्राचीन भारत के 16 महाजनपदों में से एक था। यह एक मात्र महाजनपद था जो विंध्य पर्वत के दक्षिण में स्थित था। आधुनिक काल में इस प्रदेश को महाराष्ट्र कहते हैं। यह अवन्ति का एक समीपवर्ती राज्य था। प्रारंभ में अस्सक गोदावरी के तट पर बसे हुए थे और पोतलि अथवा पोत इनकी राजधानी थी। .

नई!!: महाराष्ट्र और अश्मक · और देखें »

अशोक

चक्रवर्ती सम्राट अशोक (ईसा पूर्व ३०४ से ईसा पूर्व २३२) विश्वप्रसिद्ध एवं शक्तिशाली भारतीय मौर्य राजवंश के महान सम्राट थे। सम्राट अशोक का पूरा नाम देवानांप्रिय अशोक मौर्य (राजा प्रियदर्शी देवताओं का प्रिय) था। उनका राजकाल ईसा पूर्व २६९ से २३२ प्राचीन भारत में था। मौर्य राजवंश के चक्रवर्ती सम्राट अशोक ने अखंड भारत पर राज्य किया है तथा उनका मौर्य साम्राज्य उत्तर में हिन्दुकुश की श्रेणियों से लेकर दक्षिण में गोदावरी नदी के दक्षिण तथा मैसूर तक तथा पूर्व में बांग्लादेश से पश्चिम में अफ़ग़ानिस्तान, ईरान तक पहुँच गया था। सम्राट अशोक का साम्राज्य आज का संपूर्ण भारत, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, म्यान्मार के अधिकांश भूभाग पर था, यह विशाल साम्राज्य उस समय तक से आज तक का सबसे बड़ा भारतीय साम्राज्य रहा है। चक्रवर्ती सम्राट अशोक विश्व के सभी महान एवं शक्तिशाली सम्राटों एवं राजाओं की पंक्तियों में हमेशा शिर्ष स्थान पर ही रहे हैं। सम्राट अशोक ही भारत के सबसे शक्तिशाली एवं महान सम्राट है। सम्राट अशोक को ‘चक्रवर्ती सम्राट अशोक’ कहाँ जाता है, जिसका अर्थ है - ‘सम्राटों का सम्राट’, और यह स्थान भारत में केवल सम्राट अशोक को मिला है। सम्राट अशोक को अपने विस्तृत साम्राज्य से बेहतर कुशल प्रशासन तथा बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए भी जाना जाता है। सम्राट अशोक ने संपूर्ण एशिया में तथा अन्य आज के सभी महाद्विपों में भी बौद्ध धर्म धर्म का प्रचार किया। सम्राट अशोक के संदर्भ के स्तंभ एवं शिलालेख आज भी भारत के कई स्थानों पर दिखाई देते है। इसलिए सम्राट अशोक की ऐतिहासिक जानकारी एन्य किसी भी सम्राट या राजा से बहूत व्यापक रूप में मिल जाती है। सम्राट अशोक प्रेम, सहिष्णूता, सत्य, अहिंसा एवं शाकाहारी जीवनप्रणाली के सच्चे समर्थक थे, इसलिए उनका नाम इतिहास में महान परोपकारी सम्राट के रूप में ही दर्ज हो चुका है। जीवन के उत्तरार्ध में सम्राट अशोक भगवान बुद्ध की मानवतावादी शिक्षाओं से प्रभावित होकर बौद्ध हो गये और उन्ही की स्मृति में उन्होने कई स्तम्भ खड़े कर दिये जो आज भी नेपाल में उनके जन्मस्थल - लुम्बिनी - में मायादेवी मन्दिर के पास, सारनाथ, बोधगया, कुशीनगर एवं आदी श्रीलंका, थाईलैंड, चीन इन देशों में आज भी अशोक स्तम्भ के रूप में देखे जा सकते है। सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म का प्रचार भारत के अलावा श्रीलंका, अफ़ग़ानिस्तान, पश्चिम एशिया, मिस्र तथा यूनान में भी करवाया। सम्राट अशोक अपने पूरे जीवन में एक भी युद्ध नहीं हारे। सम्राट अशोक के ही समय में २३ विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई जिसमें तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला, कंधार आदि विश्वविद्यालय प्रमुख थे। इन्हीं विश्वविद्यालयों में विदेश से कई छात्र शिक्षा पाने भारत आया करते थे। ये विश्वविद्यालय उस समय के उत्कृट विश्वविद्यालय थे। शिलालेख सुरु करने वाला पहला शासक अशोक ही था, .

नई!!: महाराष्ट्र और अशोक · और देखें »

अहमदनगर

अहमदनगर महाराष्ट्र का एक शहर है। अहमदनगर महाराष्ट्र का सबसे बडा जिला है। .

नई!!: महाराष्ट्र और अहमदनगर · और देखें »

अहमदनगर जिला

अहमदनगर भारतीय राज्य महाराष्ट्र का एक जिला है। जिले का मुख्यालय अहमदनगर है। क्षेत्रफल - १७,४१३ वर्ग कि.मी.

नई!!: महाराष्ट्र और अहमदनगर जिला · और देखें »

अकोला जिला

अकोला भारतीय राज्य महाराष्ट्र का एक जिला है। जिले का मुख्यालय अकोला है। क्षेत्रफल - 5,431 वर्ग कि.मी.

नई!!: महाराष्ट्र और अकोला जिला · और देखें »

उस्मानाबाद जिला

उस्मानाबाद भारतीय राज्य महाराष्ट्र का एक जिला है। जिले का मुख्यालय उस्मानाबाद में स्थित है। महाराष्ट्र के मराठवाडा क्षेत्र में स्थित उस्मानाबाद जिले को प्रारंभ में धाराशिव नाम से जाना जाता था। तुलजा भवानी मंदिर के कारण यह स्थान पूरे देश में लोकप्रिय है। 7550 वर्ग किलोमीटर में फैले इस नगर की जलवायु शुष्क है। भजन, कीर्तन और गोंधल यहां की लोकप्रिय लोक कलाएं हैं। पर्यटकों के देखने के लिए यहां अनेक दर्शनीय स्थल हैं। नलदुर्ग किला, तुलजापुर, परांडा किला, कुंतल गिरी, जैन मंदिर, घाट शिला, गरीब बाबा मठ आदि यहां के लोकप्रिय और प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल हैं। इन दर्शनीय स्थलों को देखने के लिए यहां देश के अनेक हिस्सों से सैलानियों का आना लगा रहता है। एस॰टी॰डी॰ कोड - 02472 औसत वर्षा - ६६५ मि॰मी॰ .

नई!!: महाराष्ट्र और उस्मानाबाद जिला · और देखें »

१ मई

१ मई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १२१ वॉ (लीप वर्ष में १२२ वॉ) दिन है। साल में अभी और २४४ दिन बाकी है। .

नई!!: महाराष्ट्र और १ मई · और देखें »

१६वीं लोक सभा के सदस्यों की सूची

१६वीं लोक सभा के सदस्यों की सूची राज्यश: इस लेख में दी गयी है। ये सभी सांसद भारतीय संसद की १६वीं लोक सभा के लिए अप्रैल – मई, २०१४ में हुए आम चुनावों में निर्वाचित हुए। इन सांसदों में ५८ प्रतिशत सांसद (३१५ सांसद) ऐसे हैं जो पहली बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुये हैं। .

नई!!: महाराष्ट्र और १६वीं लोक सभा के सदस्यों की सूची · और देखें »

१९६०

1960 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। इसे अफ़्रीका का वर्ष भी कहा जाता है, क्योंकि इस साल कई प्रमुख घटनाएँ घटी ― विशेषकर सत्रह अफ़्रीकी राष्ट्रों की स्वतंत्रता ― जिससे विश्व का ध्यान इस महाद्वीप पर गया और पैन-अफ़्रीकीवाद की भावनाएँ और गहरी हुई। .

नई!!: महाराष्ट्र और १९६० · और देखें »

२०११

वर्ष २०११ शनिवार से प्रारम्भ होने वाला वर्ष है। .

नई!!: महाराष्ट्र और २०११ · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

महाराष्ट्रराज्य, महाराष्ट्रा

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »