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महाराज रणबीर सिंह

सूची महाराज रणबीर सिंह

रणबीर सिंह(अगस्त १८३०;१२ सितम्बर १८८५), महाराज गुलाब सिंह के पुत्र थे। वे जम्मू और कश्मीर रियासत के महाराज एवं जामवल राजपूत वंश के मुखिया भी थे। उनके शासनकाल के दौरान जम्मू-कश्मीर ने गिलगिट, आस्तोर और हुंज़ा-नगर पहाड़ी प्रदेशों पर कब्ज़ा किया था एवं उनका जम्मू-कश्मीर में वलय हुआ था। वे शस्त्रीय फ़ारसी के आध्येता एवं छात्रावृत विद्वान भी थे। साथ ही उन्होंने आफ़्रीकी भाषाएं, स्वीडिश् एवं अंग्रेज़ी का भी अध्ययन किया था। यह इन्हीं की शासनकाल में हुआ था जब जम्मू और कश्मीर रियासत में रणबीर दण्ड संहिता लागू की गई थी जो अब भी भारत गणराज्य के जम्मू और कश्मीर राज्य में लागू है। .

11 संबंधों: डोगरा राजवंश, नगर रियासत, भारत, महाराज प्रताप सिंह, महाराज गुलाब सिंह, रणबीर दण्ड संहिता, राजपूत, हुन्ज़ा, जम्मू और कश्मीर, गिलगित, अंग्रेज़ी भाषा

डोगरा राजवंश

डोगरा राजवंश, उत्तर भारत का एक राजपूत राजवंश था। इस राजवंश की जड़ें इक्ष्वाकु वंश तक जातीं हैं। ये कश्यप कश्यप राजपूत, मेहरा राजपूत, कहार,जामवाल, जाति समूह से सम्बन्ध रखते हैं। .

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नगर रियासत

नगर रियासत या रियासत-ए-नगर (Nagar state) जम्मू व कश्मीर राज्य के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र की नगर वादी में एक रियासत हुआ करती थी। इसकी राजधानी नगर शहर था। नगर रियासत का राजा 'मीर' कहलाता था और वह कश्मीर के महाराजा के अधीन हुआ करता था। १९४८ में इस पूरे क्षेत्र पर पाकिस्तान का क़ब्ज़ा हो गया और यह पाक-अधिकृत कश्मीर का भाग बन गया हालांकि १९७४ तक स्थानीय मीर ही नगर वादी पर राज करता रहा। जब पाकिस्तान में ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो प्रधानमंत्रि बने तो उन्होनें १९७४ में नगर रियासत ख़त्म करके इस क्षेत्र को उस समय 'शुमाली इलाक़े' कहलाने वाली प्रशासनिक ईकाई में डाल दिया जो अब गिलगित-बल्तिस्तान कहलाती है। नगर रियासत का क्षेत्र अब गिलगित-बल्तिस्तान के हुन्ज़ा-नगर ज़िले की तीन तहसीलों में सम्मिलित है। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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महाराज प्रताप सिंह

प्रताप सिंह (18 जुलाई 1848 - 23 सितम्बर 1925) जम्मू और कश्मीर राज्य के महाराजा थे। महाराजा प्रताप सिंह की मृत्यु २५ सितम्बर १९२५ को हुई थी। श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन श्रेणी:१९२५ में निधन श्रेणी:१८४८ जन्म श्रेणी:जम्मू के राजा.

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महाराज गुलाब सिंह

महाराज गुलाब सिंह(शाहमुखी: ﮔﻼﺏ ﺳﻨﮕﮫ ﮈﻭﮔﺮﺍ; गुरुमुखी: ਮਹਾਰਾਜਾ ਗੁਲਾਬ ਸਿੰਘ) (१७९२-१८५७) डोगरा राजवंश एवं जम्मू और कश्मीर राजघराने के संस्थापक और जम्मू और कश्मीर रियासत के पहले महाराज थे। उनका जन्म सन् १७९२ में जामवल कुल के एक डोगरा राजपूत परिवार में हुआ था, जो जम्मू के राजपरिवार से ताल्लुख़ रखता था। उन्हों ने अपनी क्षत्रिय जीवन की शुरुआत जम्मू रियासल के अधीपति, महाराज रणजीत सिंह की सेना में एक पैदल सैनिक के रूप में की थी पर आगे चल कर वे स्वतंत्र जम्मू और कश्मीर रियासत के पहले स्वतंत्र नरेश बन कर उबरे थे। उन्हें,सिख साम्राज्य के अधिपत्य, "जम्मू के राजा" का पद राजा जीत सिंह से उत्तराधिकृत किया था और प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध में, जिसमें उन्होंने अंग्रेज़ों के साथ संधी कर ली थी, सिख साम्राज्य की पराजय के बाद स्वतंत्र जम्मू और कश्मीर रियासत की स्थापना की और महाराज के पद पर ख़ुद को विराजमान किया था। १८४६ की अमृतसर संधि के आधार पर आधिकारिक तौर पर महाराज ने ७५,००,००० नानकशाही रुपययों के भुकतान के बाद कश्मीर का पूरा भूखंड अंग्रेज़ों से खरीद लिया था जिसे अंग्रेज़ों ने लाहौर संधि द्वारा हासिल की थी। इसके अलावा भी महाराज गुलाब सिंह ने अपनी जीवनकाल के दौरान कई प्रदेशों और रियासतों पर फ़तह हासिल किया था। .

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रणबीर दण्ड संहिता

जम्मू एवं कश्मीर राज्य रणबीर दंड संहिता(साधारण शब्दों में रणबीर दंड संहिता या रणबीर आचार संहिता) भारत के जम्मू एवं कश्मीर राज्य में लागू अपराध एवं दंड संहिता है। भारतीय संविधान की धारा ३७० की बिंदुओं के तहत भारतीय दंड संहिता(आईपीसी) जम्मू-कश्मीर राज्य पर आधिपत्य नहीं की जा सकती। आन्य भारत के उलट जम्मू-कश्मीर पर भारतीय दंड संहिता नहीं रणबीर दंड संहिता आव्रत है। यह जम्मू-कश्मीर में ब्रिटीश काल के समय से लागू है, अर्थात् तब, जब जम्मू कश्मीर एक स्वतंत्र रियासत था। इसका कार्यान्वयन १९३२ में हुआ था और यह अभी भी लागू है। इस प्रक्रिया को तब अवगत कराया गया था जब यहाँ डोगरा राजवंश का शासन था और महाराज रणबीर सिंह शासक थे। रणबीर आचार संहिता आईपीसी के पदों के आधार पर ही बनाया गया है जिसे थॉमस बैबिंटन मैकाॅले ने रचित किया था। .

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राजपूत

राजपूत उत्तर भारत का एक क्षत्रिय कुल माना जाता है।जो कि राजपुत्र का अपभ्रंश है। राजस्थान को ब्रिटिशकाल मे राजपूताना भी कहा गया है। पुराने समय में आर्य जाति में केवल चार वर्णों की व्यवस्था थी। राजपूत काल में प्राचीन वर्ण व्यवस्था समाप्त हो गयी थी तथा वर्ण के स्थान पर कई जातियाँ व उप जातियाँ बन गईं थीं। कवि चंदबरदाई के कथनानुसार राजपूतों की 36 जातियाँ थी। उस समय में क्षत्रिय वर्ण के अंतर्गत सूर्यवंश और चंद्रवंश के राजघरानों का बहुत विस्तार हुआ। .

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हुन्ज़ा

हुन्ज़ा (ہنزہ) पाकिस्तान के उत्तरी क्षेत्र के उत्तरतम भाग में स्थित १९७४ तक एक रजवाड़ा था। इस रजवाड़े के दक्षिण में गलगत एजेंसी, पूर्व में नागर रजवाड़ा, उत्तर में चीनी तुर्किस्तान और उत्तर पश्चिम में अफगानिस्तान है। राज्य की राजधानी बाल्तित है (जिसे करीमाबाद भी कहा जाता है)। .

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जम्मू और कश्मीर

जम्मू और कश्मीर भारत के सबसे उत्तर में स्थित राज्य है। पाकिस्तान इसके उत्तरी इलाके ("पाक अधिकृत कश्मीर") या तथाकथित "आज़ाद कश्मीर" के हिस्सों पर क़ाबिज़ है, जबकि चीन ने अक्साई चिन पर कब्ज़ा किया हुआ है। भारत इन कब्ज़ों को अवैध मानता है जबकि पाकिस्तान भारतीय जम्मू और कश्मीर को एक विवादित क्षेत्र मानता है। राज्य की आधिकारिक भाषा उर्दू है। जम्मू नगर जम्मू प्रांत का सबसे बड़ा नगर तथा जम्मू-कश्मीर राज्य की जाड़े की राजधानी है। वहीं कश्मीर में स्थित श्रीनगर गर्मी के मौसम में राज्य की राजधानी रहती है। जम्मू और कश्मीर में जम्मू (पूंछ सहित), कश्मीर, लद्दाख, बल्तिस्तान एवं गिलगित के क्षेत्र सम्मिलित हैं। इस राज्य का पाकिस्तान अधिकृत भाग को लेकर क्षेत्रफल 2,22,236 वर्ग कि॰मी॰ एवं उसे 1,38,124 वर्ग कि॰मी॰ है। यहाँ के निवासियों अधिकांश मुसलमान हैं, किंतु उनकी रहन-सहन, रीति-रिवाज एवं संस्कृति पर हिंदू धर्म की पर्याप्त छाप है। कश्मीर के सीमांत क्षेत्र पाकिस्तान, अफगानिस्तान, सिंक्यांग तथा तिब्बत से मिले हुए हैं। कश्मीर भारत का महत्वपूर्ण राज्य है। .

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गिलगित

कारगाह में बुद्ध की तस्वीर गिलगित (अंग्रेजी: Gilgit, उर्दू) पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। गिलगित शहर, गिलगित जिले के अंतर्गत गिलगित की एक तहसील है। इसका प्राचीन नाम सर्गिन था जो बाद में गिलित हो गया। स्थानीय लोगों आज भी इसे गिलित या सर्गिन-गिलित पुकारते हैं। बुरुशस्की भाषा में, इसे गील्त और वाख़ी और खोवार में इसे गिल्त कहा जाता है। प्राचीन संस्कृत साहित्य में इसे घल्लाता नाम से जाना जाता है। स्कर्दू के साथ साथ गिलगित शहर काराकोरम और हिमालय की अन्य पर्वतमालाओं के पर्वतारोही अभियानों के लिए उत्तरी क्षेत्रों के दो प्रमुख केन्द्रों में से एक है। .

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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