11 संबंधों: डिजिटल वस्तु अभिज्ञापक, तारा, न्यूट्रॉन तारा, पबमेड, परितारकीय चक्र, बिबकोड, मीनास्य तारा, हबल अंतरिक्ष दूरदर्शी, खगोलीय धूल, आदिग्रह चक्र, आर्काइव लेखकोष।
डिजिटल वस्तु अभिज्ञापक
डिजिटल वस्तु अभिज्ञापक या डिजिटल ऑब्जेक्ट आएडॅन्टीफ़ायर (डी॰ओ॰आई॰, digital object identifier) एक क्रमांक है जिसके ज़रिये किसी भी डिजिटल वस्तु (जैसे कोई चित्र, विडियो, गाना, दस्तावेज़, इत्यादि) को एक अनूठा नाम दिया जा सकता है। अंतर्राष्ट्रीय डी॰ओ॰आई॰ संसथान ("इंटरनैशनल डी॰ओ॰आई॰ फ़ाउन्डेशन") ने इस विधि का विकास किया और वही डी॰ओ॰आई॰ प्रणाली के साथ पंजीकृत की गयी वस्तुओं की सूची रखता है। डी॰ओ॰आई॰ के साथ दर्ज की गयी हर वस्तु के बारे में डी॰ओ॰आई॰ क्रमांक के साथ कुछ जानकारी रखी जाती है - जैसे उसका नाम, उसके सृष्टिकर्ता का नाम, सृष्टि का दिवस, इत्यादि। यह प्रणाली जनता के लिए खुली नहीं है। डी॰ओ॰आई॰ में वस्तुएँ दर्ज करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय डी॰ओ॰आई॰ संसथान के साथ नियमपत्र पर हस्ताक्षर करने होते हैं और उन्हें सालाना शुल्क देना होता है। २०१० तक अंतर्राष्ट्रीय डी॰ओ॰आई॰ संसथान के साथ लगभग ४,००० संस्थानें पंजीकृत थीं जिन्हें डी॰ओ॰आई॰ में वस्तुएँ दर्ज करने का अधिकार था और ४ करोड़ से कुछ ज़्यादा वस्तुएँ दर्ज की जा चुकी थीं। डी॰ओ॰आई॰ का एक बहुत बड़ा फ़ायदा यह है के अगर किसी चीज़ का डी॰ओ॰आई॰ क्रमांक पता हो तो उसे जल्दी से वेब पर ढूँढा जा सकता है और उसके बारे में जानकारी पाई जा सकती है। क्योंकि हर पंजीकृत चीज़ का अलग और अनूठा क्रमांक होता है इसलिए अगर किसी चीज़ का कोई साधारण सा नाम हो, जैसे "पेड़ की तस्वीर", जिस नाम से लाखों वस्तुएँ मौजूद हों, तो भी उसी एक वस्तु को ढूँढने में दिक्कत नहीं होती जिसकी ज़रुरत हो। .
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तारा
तारे (Stars) स्वयंप्रकाशित (self-luminous) उष्ण गैस की द्रव्यमात्रा से भरपूर विशाल, खगोलीय पिंड हैं। इनका निजी गुरुत्वाकर्षण (gravitation) इनके द्रव्य को संघटित रखता है। मेघरहित आकाश में रात्रि के समय प्रकाश के बिंदुओं की तरह बिखरे हुए, टिमटिमाते प्रकाशवाले बहुत से तारे दिखलाई देते हैं। .
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न्यूट्रॉन तारा
न्यूट्रॉन तारा किसी भारी तारे के महानोवा (सुपरनोवा) घटना (प्रकार- २, 1b एवं 1c) के बाद उसके गुरुत्वीय पतन से बना हुआ अवशेष होता है। यह तारे केवल न्यूट्रॉन के बने होते हैं। इनका आकार बहुत छोटा मगर द्रव्यमान बहुत ज्यादा होता है। .
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पबमेड
PubMed जिसे पबमेड उच्चारित करते हैं जीवविज्ञान व चिकित्सा के शोबों में वैज्ञानिक लेखों का एक मुफ़्त कोश है जिसे इन्टरनेट पर खोजा और पढ़ा जा सकता है। .
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परितारकीय चक्र
SAO २०६४६२ नामक तारे के इर्द-गिर्द एक असाधारण परितारकीय चक्र है परितारकीय चक्र (Circumstellar disk) किसी तारे के इर्द-गिर्द परिक्रमा कर रहे धूल, गैस, शिशुग्रहों, क्षुद्रग्रहों व अन्य पदार्थों के बने चक्र को कहते हैं। इस चक्र का आकार टॉरस-नुमा, छल्ले-नुमा या रोटी-नुमा होता है। नवजात तारों में इस चक्र में अव्यवस्थित सामग्री होती है जिस से आगे चलकर शिशुग्रह आदि जन्म सकते हैं, जबकि कुछ उम्र वाले तारो में इस चक्र मे शिशुग्रह होते हैं जिनसे ग्रह बन सकते हैं। .
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बिबकोड
बिबकोड (अंग्रेज़ी: Bibcode) एक अभिज्ञापक (आइडॅन्टिफ़ायर) है जिसका प्रयोग खगोलशास्त्रीय ज्ञानकोशों में खगोलशास्त्र-सम्बन्धी लेखों और अन्य सामग्री की पहचान करने के लिए किया जाता है। इसका आविष्कार सिम्बाद और नासा के कोषों में प्रयोग के लिए हुआ था लेकिन अब इसे अन्य स्थानों पर भी इस्तेमाल किया जाता है। इसमें हर लेख या पुस्तक के लिए एक १९ अक्षरों और अंकों का अभिज्ञापक होता है जिसका रूप इस प्रकार होता है: YYYYJJJJJVVVVMPPPPA। इसमें.
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मीनास्य तारा
धूल के बादल में फ़ुमलहौत बी ग्रह परिक्रमा करता हुआ पाया गया (हबल अंतरिक्ष दूरबीन द्वारा ली गई तस्वीर) मीनास्य या फ़ुमलहौत, जिसे बायर नामांकन के अनुसार α पाइसिस ऑस्ट्राइनाइ (α PsA) कहा जाता है, दक्षिण मीन तारामंडल का भी सब से रोशन तारा है और पृथ्वी के आकाश में नज़र आने वाले तारों में से भी सब से ज़्यादा रोशन तारों में गिना जाता है। यह पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध (हॅमिस्फ़ेयर) में पतझड़ और सर्दी के मौसम में शाम के वक़्त दक्षिणी दिशा में आसमान में पाया जाता है। यह पृथ्वी से २५ प्रकाश-वर्ष की दूरी पर है और इस से अत्यधिक अधोरक्त (इन्फ़्रारॅड) प्रकाश उत्पन्न होता है, जिसका अर्थ यह है के यह एक मलबे के चक्र से घिरा हुआ है। ग़ैर-सौरीय ग्रहों की खोज में फ़ुमलहौत का ख़ास स्थान है क्योंकि यह पहला ग्रहीय मण्डल है जिसके एक ग्रह (फ़ुमलहौत बी) की तस्वीर खीची जा सकी थी।, Chris Kitchin, Springer, 2011, ISBN 978-1-4614-0643-3,...
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हबल अंतरिक्ष दूरदर्शी
हबल अंतरिक्ष दूरदर्शी (Hubble Space Telescope (HST)) वास्तव में एक खगोलीय दूरदर्शी है जो अंतरिक्ष में कृत्रिम उपग्रह के रूप में स्थित है, इसे २५ अप्रैल सन् १९९० में अमेरिकी अंतरिक्ष यान डिस्कवरी की मदद से इसकी कक्षा में स्थापित किया गया था। हबल दूरदर्शी को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ' नासा ' ने यूरोपियन अंतरिक्ष एजेंसी के सहयोग से तैयार किया था। अमेरिकी खगोलविज्ञानी एडविन पोंवेल हबल के नाम पर इसे ' हबल ' नाम दिया गया। यह नासा की प्रमुख वेधशालाओं में से एक है। पहले इसे वर्ष १९८३ में लांच करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन कुछ तकनीकी खामियों और बजट समस्याओं के चलते इस परियोजना में सात साल की देरी हो गई। वर्ष १९९० में इसे लांच करने के बाद वैज्ञानिकों ने पाया कि इसके मुख्य दर्पण में कुछ खामी रह गई, जिससे यह पूरी क्षमता के साथ काम नहीं कर पा रहा है। वर्ष १९९३ में इसके पहले सर्विसिंग मिशन पर भेजे गए वैज्ञानिकों ने इस खामी को दूर किया। यह एक मात्र दूरदर्शी है, जिसे अंतरिक्ष में ही सर्विसिंग के हिसाब से डिजाइन किया गया है। वर्ष २००९ में संपन्न पिछले सर्विसिंग मिशन के बाद उम्मीद है कि यह वर्ष २०१४ तक काम करता रहेगा, जिसके बाद जेम्स वेब खगोलीय दूरदर्शी को लांच करने कि योजना है। .
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खगोलीय धूल
खगोलीय धूल का कण - यह कॉन्ड्राइट, यानि पत्थरीले पदार्थ, का बना है चील नॅब्युला जहाँ गैस और खगोलीय धूल के बादल में तारे बन रहे हैं खगोलीय धूल अंतरिक्ष में मिलने वाले वह कण होते हैं जो आकार में कुछ अणुओं के झुण्ड से लेकर ०.१ माइक्रोमीटर तक होते हैं। इस धूल में कई प्रकार के पदार्थ हो सकते हैं। खगोलीय धूल ब्रह्माण्ड में कई जगह मिलती है -.
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आदिग्रह चक्र
एक चित्रकार द्वारा कल्पनित किसी तारे के इर्द-गिर्द परिक्रमा करता आदिग्रह चक्र आदिग्रह चक्र या प्रोटोप्लैनॅटेरी डिस्क या प्रॉपलिड एक नए जन्में तारे के इर्द-गिर्द घूमता घनी गैस का चक्र होता है। कभी-कभी इस चक्र में जगह-जगह पर पदार्थों का जमावड़ा हो जाने से पहले धूल के कण और फिर ग्रह जन्म ले लेते हैं। .
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आर्काइव लेखकोष
arXiv जिसे आर्काइव उच्चारित करते हैं गणित, भौतिकी, रसायनिकी, खगोलिकी, संगणिकी (कम्प्यूटर साइंस), मात्रात्मक (कवॉन्टीटेटिव) जीवविज्ञान, सांख्यिकी (स्टैटिसटिक्स) और मात्रात्मक वित्त (फ़ाइनैन्स) के शोबों में वैज्ञानिक लेखों का एक कोष है जिसे इन्टरनेट पर खोजा और पढ़ा जा सकता है। सन् १९९१ में इसकी स्थापना हुई और यह तेज़ी से बढ़ने लगा। वर्तमान में बहुत से विद्वान किसी नई खोज या सोच पर लेख लिखने के बाद स्वयं ही उसे 'आर्काइव-कोष' पर डाल देते हैं। अक्तूबर ३, २००८ तक इसमें ५ लाख से अधिक लेख थे। २०१२ तक इसमें हर महीने ७,००० से अधिक नए लेख जोड़े जा रहे थे। .
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