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मध्यकालीन इस्लामी विज्ञान को भारतीय योगदान

सूची मध्यकालीन इस्लामी विज्ञान को भारतीय योगदान

मध्यकाल में इस्लाम के प्रसार के साथ इस्लामी ज्ञान-विज्ञान के विविध क्षेत्रों का जो प्रसार हुआ उसमें भारत के विद्वानों, गणितज्ञों, वैज्ञानिकों, चिकित्सकों, खगोलविदों, दार्शनिकों का बहुत बड़ा हाथ है। सातवीं से तेरहवीं शती के बीच फारस एवं अरब के मुसलमानों ने भारतीय ज्ञानराशि को तरह-तरह से आत्मसात किया। कुछ भारतीय ग्रंथों के अनुवाद हुए, कुछ भारतीय विद्वान इस्लाम के शिक्षा और ज्ञान के केन्द्रों में बुलाकर नियुक्त किये गये। .

1 संबंध: इस्लाम

इस्लाम

इस्लाम (अरबी: الإسلام) एक एकेश्वरवादी धर्म है, जो इसके अनुयायियों के अनुसार, अल्लाह के अंतिम रसूल और नबी, मुहम्मद द्वारा मनुष्यों तक पहुंचाई गई अंतिम ईश्वरीय पुस्तक क़ुरआन की शिक्षा पर आधारित है। कुरान अरबी भाषा में रची गई और इसी भाषा में विश्व की कुल जनसंख्या के 25% हिस्से, यानी लगभग 1.6 से 1.8 अरब लोगों, द्वारा पढ़ी जाती है; इनमें से (स्रोतों के अनुसार) लगभग 20 से 30 करोड़ लोगों की यह मातृभाषा है। हजरत मुहम्मद साहब के मुँह से कथित होकर लिखी जाने वाली पुस्तक और पुस्तक का पालन करने के निर्देश प्रदान करने वाली शरीयत ही दो ऐसे संसाधन हैं जो इस्लाम की जानकारी स्रोत को सही करार दिये जाते हैं। .

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