मणिमैखले पुस्तक के रचयिता सीतलेसतनार, जो एक बौद्ध व्यापारी था । मणिमैखले, कोवलन व मांघवी की बेटी थी । जो सारी सुख सुविधाओं को छोड़कर बौद्ध भिक्षुणी बन गयी थी । इस पुस्तक में बौद्ध धर्म को महान बताया गया है क्योंकि यह धर्म न केवल महिलाओं का सम्मान करता है बल्कि वैश्याऔ का भी सम्मान करता है।.
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