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मकबरा

सूची मकबरा

मकबरा अकबर द्वितीय और शाह आलम के मकबरे यह इमारत किसी को दफनाने के बाद उसके ऊपर बनाई जाती है। यह स्मारक स्वरूप होती है। ऐसी प्रथा मुस्लिम एवं ईसाइयों में होती है। अधिकतर मुस्लिम बादशाहों के स्मारक मकबरे बने हैं। .

7 संबंधों: ताजमहल, बाग़-ए-बाबर, सफदरजंग का मकबरा, सिकंदरा, आगरा, हुमायूँ का मकबरा, जहाँगीर का मकबरा, औरंगजेब का मकबरा

ताजमहल

ताजमहल (تاج محل) भारत के आगरा शहर में स्थित एक विश्व धरोहर मक़बरा है। इसका निर्माण मुग़ल सम्राट शाहजहाँ ने, अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में करवाया था। ताजमहल मुग़ल वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है। इसकी वास्तु शैली फ़ारसी, तुर्क, भारतीय और इस्लामी वास्तुकला के घटकों का अनोखा सम्मिलन है। सन् १९८३ में, ताजमहल युनेस्को विश्व धरोहर स्थल बना। इसके साथ ही इसे विश्व धरोहर के सर्वत्र प्रशंसा पाने वाली, अत्युत्तम मानवी कृतियों में से एक बताया गया। ताजमहल को भारत की इस्लामी कला का रत्न भी घोषित किया गया है। साधारणतया देखे गये संगमर्मर की सिल्लियों की बडी- बडी पर्तो से ढंक कर बनाई गई इमारतों की तरह न बनाकर इसका श्वेत गुम्बद एवं टाइल आकार में संगमर्मर से ढंका है। केन्द्र में बना मकबरा अपनी वास्तु श्रेष्ठता में सौन्दर्य के संयोजन का परिचय देते हैं। ताजमहल इमारत समूह की संरचना की खास बात है, कि यह पूर्णतया सममितीय है। इसका निर्माण सन् १६४८ के लगभग पूर्ण हुआ था। उस्ताद अहमद लाहौरी को प्रायः इसका प्रधान रूपांकनकर्ता माना जाता है। .

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बाग़-ए-बाबर

बाग-ए-बाबर पार्क, काबुल का शहर की पृष्ठभूमि के संग शीतकालीन दृश्य बाग़-ए-बाबर (باغ بابر) (हिंदी अर्थ: बाबर का उद्यान) मुगल सम्राट बाबर का मकबरा परिसर है। यह काबुल आने वाले पर्यटकों का सबसे पसंदीदा स्‍थान है। इसी बाग में प्रथम मुगल बादशाह बाबर की कब्र है। यह पार्क कई बगीचों को मिलाकर बनाया गया है। इस बाग की बाहरी दीवार का पुनर्निर्माण २००५ ई. में पुरानी शैली में ही किया गया था। इस दीवार को १९९२-९६ ई. में युद्ध के दौरान क्षति पहुंची थी। यह बाग काबुल के चेचलस्‍टन क्षेत्र में स्थित है। बाबर की मृत्‍यु के बाद उन्‍हें आगरा में दफनाया गया था। लेकिन बाबर की यह इच्‍छा थी कि उन्‍हें काबुल में दफनाया जा। इस कारण शेरशाह सूरी ने उनकी इच्‍छानुसार उन्‍हें काबुल लाकर इस बाग में दफनाया गया। इसी बाग की प्रेरणा से भारत में मुगल बादशाहों ने कई बागों का निर्माण करवाया था। बाग के बीचोंबीच एक नहर है जिसमें जल का अनवरत प्रवाह हो रहा है।। बिज़नेस स्टैण्डर्ड। २८ अगस्त २००९। ज्योति मल्होत्रा। ज्योति मल्होत्रा पास में ही बाबर का मकबरा है, जहां पर गोलियों के निशान १९९० के दशक में हुए गृह युद्ध का परिणाम हैं। यह नहर इस बाग को दो हिस्सों में बांटती है, एक तरफ का हिस्सा परिवारों के लिए हैं और दूसरा सिर्फ युवा पुरुषों के लिए। दूसरी तरफ दरियों पर बैठे परिवारों के लिए हरी-हरी घास के ये बाग पिकनिक की जगह है। घूमती-फिरती काबुली महिलाएं बेशक काले हिजाब को ओढ़े रहती हैं, बावजूद इसके उनके चेहरे आसानी से पहचाने जा सकते हैं। .

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सफदरजंग का मकबरा

सफदरजंग का मकबरा दिल्ली की प्रसिद्ध एतिहासिक इमारतों में से एक है। यह मकबरा दक्षिण दिल्ली में श्री औरोबिंदो मार्ग पर लोधी मार्ग के पश्चिमी छोर के ठीक सामने स्थित है। सफदरजंग सफदरजंग का मकबरा अंतिम मुगल बादशाह मुहम्मद शाह (1719-1748) के शक्तिशाली व कुशल प्रधान मंत्री सफदरजंग की स्मृति में नवाब शुजादुल्लाह ने 1754 ई.में बनवाया था। यहां सफदरजंग और उनकी बेगम की कब्र बनी हुई है। इसे आज भी मुगल वास्तु कला का उत्कृष्ट नमूना माना जाता है। केन्द्रीय इमारत में एक बड़ा गुम्बद है जो सफ़ेद संगमरमर पत्थर से निर्मित है। शेष इमारत लाल बलुआ पत्थर से बनी है। इसका स्थापत्य हुमायूँ मकबरे के ढांचे पर ही आधारित है। मोती महल, जंगली महल और बादशाह पसंद नाम से पैवेलियन भी बने हुए हैं। चारों ओर पानी की चार झीलें हैं, जो चार इमारतों तक जाती हैं। पूर्व दिशा में मुख्य द्वार है, जो श्री औरोबिन्दो मार्ग पर स्थित है। अन्य इमारतों में लोगों के लिए रिहायशी सुविधाएं हैं। मुख्य इमारत में जुड़े हुए ही चार अष्टकोणीय मीनारें भी हैं। .

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सिकंदरा, आगरा

अकबर का मकबरा सिकंदरा आगरा से चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ का सबसे महत्वपूर्ण स्थान अकबर का मकबरा है। इसका निर्माण कार्य स्‍वयं अकबर ने शुरु करवाया था। यह मकबरा हिंदू, ईसाई, इस्‍लामिक, बौद्ध और जैन कला का सर्वोत्‍तम मिश्रण है। लेकिन इसके पूरा होने से पहले ही अकबर की मृत्‍यु हो गई। बाद में उनके पुत्र जहांगीर ने इसे पूरा करवाया। जहांगीर ने मूल योजना में कई परिवर्तन किए। इस इमारत को देखकर पता चलता है कि मुगल कला कैसे विकसित हुई। दिल्‍ली में हुमायूं का मकबरा, फिर अकबर का मकबरा और अंतत: ताजमहल, मुगलकला निरंतर विकसित होती रही। सिकंदरा का नाम सिकंदर लोदी के नाम पर पड़ा। मकबरे के चारों कोनों पर तीन मंजिला मीनारें हैं। ये मीनारें लाला पत्‍थर से बनी हैं जिन पर संगमरमर का सुंदर काम किया गया है। मकबरे के चारों ओर खूबसूरत बगीचा है जिसके बीच में बरादी महल है जिसका निर्माण सिकंदर लोदी ने करवाया था। सिकंदरा से आगरा के बीच में अनेक मकबरे हैं और दो कोस मीनार भी हैं। पांच मंजिला इस मकबरे की खूबसूरती आज भी बरकरार है। .

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हुमायूँ का मकबरा

हुमायूँ का मकबरा इमारत परिसर मुगल वास्तुकला से प्रेरित मकबरा स्मारक है। यह नई दिल्ली के दीनापनाह अर्थात् पुराने किले के निकट निज़ामुद्दीन पूर्व क्षेत्र में मथुरा मार्ग के निकट स्थित है। गुलाम वंश के समय में यह भूमि किलोकरी किले में हुआ करती थी और नसीरुद्दीन (१२६८-१२८७) के पुत्र तत्कालीन सुल्तान केकूबाद की राजधानी हुआ करती थी। यहाँ मुख्य इमारत मुगल सम्राट हुमायूँ का मकबरा है और इसमें हुमायूँ की कब्र सहित कई अन्य राजसी लोगों की भी कब्रें हैं। यह समूह विश्व धरोहर घोषित है- अभिव्यक्ति। १७ अप्रैल २०१०।, एवं भारत में मुगल वास्तुकला का प्रथम उदाहरण है। इस मक़बरे में वही चारबाग शैली है, जिसने भविष्य में ताजमहल को जन्म दिया। यह मकबरा हुमायूँ की विधवा बेगम हमीदा बानो बेगम के आदेशानुसार १५६२ में बना था। इस भवन के वास्तुकार सैयद मुबारक इब्न मिराक घियाथुद्दीन एवं उसके पिता मिराक घुइयाथुद्दीन थे जिन्हें अफगानिस्तान के हेरात शहर से विशेष रूप से बुलवाया गया था। मुख्य इमारत लगभग आठ वर्षों में बनकर तैयार हुई और भारतीय उपमहाद्वीप में चारबाग शैली का प्रथम उदाहरण बनी। यहां सर्वप्रथम लाल बलुआ पत्थर का इतने बड़े स्तर पर प्रयोग हुआ था। १९९३ में इस इमारत समूह को युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया। इस परिसर में मुख्य इमारत मुगल सम्राट हुमायूँ का मकबरा है। हुमायूँ की कब्र के अलावा उसकी बेगम हमीदा बानो तथा बाद के सम्राट शाहजहां के ज्येष्ठ पुत्र दारा शिकोह और कई उत्तराधिकारी मुगल सम्राट जहांदर शाह, फर्रुख्शियार, रफी उल-दर्जत, रफी उद-दौलत एवं आलमगीर द्वितीय आदि की कब्रें स्थित हैं। देल्ही थ्रु एजेज़। एस.आर.बख्शी। प्रकाशक:अनमोल प्रकाशन प्रा.लि.। १९९५।ISBN 81-7488-138-7। पृष्ठ:२९-३५ इस इमारत में मुगल स्थापत्य में एक बड़ा बदलाव दिखा, जिसका प्रमुख अंग चारबाग शैली के उद्यान थे। ऐसे उद्यान भारत में इससे पूर्व कभी नहीं दिखे थे और इसके बाद अनेक इमारतों का अभिन्न अंग बनते गये। ये मकबरा मुगलों द्वारा इससे पूर्व निर्मित हुमायुं के पिता बाबर के काबुल स्थित मकबरे बाग ए बाबर से एकदम भिन्न था। बाबर के साथ ही सम्राटों को बाग में बने मकबरों में दफ़्न करने की परंपरा आरंभ हुई थी। हिस्ट‘ओरिक गार्डन रिव्यु नंबर १३, लंदन:हिस्टॉरिक गार्डन फ़ाउडेशन, २००३ अपने पूर्वज तैमूर लंग के समरकंद (उज़्बेकिस्तान) में बने मकबरे पर आधारित ये इमारत भारत में आगे आने वाली मुगल स्थापत्य के मकबरों की प्रेरणा बना। ये स्थापत्य अपने चरम पर ताजमहल के साथ पहुंचा। .

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जहाँगीर का मकबरा

जहांगीर का मकबरा, शाहदरा, लाहौर लाहौर में शाहदरा नगर के निकट स्थित जहांगीर मकबरा मुगल सम्राट जहांगीर को समर्पित है। इसे जहांगीर की मृत्‍यु के १० साल बाद उनके पुत्र शाहजहां ने बनवाया था। एक बगीचे के अंदर स्थित मकबरे की मीनारें ३० मीटर ऊंची हैं। मकबरे के भीतरी हिस्से में भित्तिचित्रों की सुंदर सजावट है। .

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औरंगजेब का मकबरा

औरंगज़ेब का मकबरा भारत के महाराष्ट्र राज्य के खुलदाबाद नामक स्थान पर स्थित है।.

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