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राजा भोज विमानक्षेत्र

सूची राजा भोज विमानक्षेत्र

राजा भोज विमानक्षेत्र(भोपाल विमानक्षेत्र) मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित है। यह एक नागरिक हवाई अड्डा है। यह राजधानी भोपाल को वायु सेवा प्रदान करने वाला प्राथमिक विमानक्षेत्र है। हवाई अड्डा शहर के गांधीनगर क्षेत्र में मुख्य शहर के केन्द्र से लगभग उत्तर-पश्चिमी छोर पर स्थित है राष्ट्रीय राजमार्ग १२ पर स्थित है। यह राज्य का दूसरे स्थान पर व्यस्ततम हवाई अड्डा है, जहाम सबसे व्यस्त देवी अहिल्याबाई होल्कर विमानक्षेत्र, इंदौर में है। भोपाल विमानक्षेत्र का नाम १०वीं शताब्दी के प्रसिद्ध परमार वंश के राजा भोज के नाम पर रखा गया है। इन्हीं राजा भोज के नाम पर राजधानी भोपाल का नाम भी भोजपाल से बिगड़कर भोपाल हो गया है। .

20 संबंधों: एअर इंडिया, ऐस्फाल्ट, देवी अहिल्याबाई होल्कर अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, परमार वंश, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, भोपाल, मध्य प्रदेश, मध्य प्रदेश सरकार, रायपुर, राष्ट्रीय राजमार्ग १२, राजीव गाँधी अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, साउदिया, सीहोर, हज, होशंगाबाद, जेट एयरवेज, इंदिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, किंग अब्दुल अज़ीज़ अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

एअर इंडिया

एयर इंडिया के मुख्यालय - नरीमन पॉइंट - मुंबई thumb एअर इंडिया (Air India) भारत की ध्वज-वाहक विमान सेवा है। यह भारत सरकार की चलाई हुई दो विमानसेवाओं में से एक है (दूसरी है इंडियन एअरलाईन्स जिसका एयर इंडिया में विलय हो चुका है) एअर इंडिया का कार्यवाहक केन्द्र मुम्बई का छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। यहाँ से एयर इंडिया की उड़ानें विश्व में ३९ गन्तव्य स्थान तथा भारत में १२ गन्तव्य स्थानों तक जाती हैं। .

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ऐस्फाल्ट

मृत सागर से प्राप्त प्राकृतिक ऐसफाल्ट सड़क निर्माण में अस्फाल्ट कंक्रीट की मूल पर्त ऐस्फाल्ट (अंग्रेजी: Asphalt) एक चिपचिपा, काला और गाढ़ा तरल या अर्ध-तरल पदार्थ होता है, जिसे कच्चे पैट्रोलियम से प्राप्त किया जाता है। यह प्राकृतिक रूप से भी मिलता है। पहले इसे अस्फाल्टम भी कहा जाता है। इसका प्रयोग सड़क निर्माण, उड़ान पट्टी निर्माण इत्यादि में होता है। 'अस्फाल्ट' शब्द एक यूनानी शब्द से निकला है जिसका अर्थ है दृढ़, अचल तथा सुरक्षित। पुरातन काल में अस्फाल्ट का प्रथम उपयोग विभिन्न प्रकार के दो पदार्थो को आपस में जोड़ने में, जैसे हाथीदाँत, सीप या रत्नों से बनी आँखों को मूर्तियों के चक्षु गह्वरों में बैठाने के लिए, किया जाता था। ज्ञात हुआ है कि संभवत: भारत में अस्फाल्ट का सर्वप्रथम उपयोग लगभग 3,000 वर्ष ई.पू.

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देवी अहिल्याबाई होल्कर अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

इंदौर विमानक्षेत्र इंदौर में स्थित है। इसका ICAO कोडहै VAID और IATA कोड है IDR। यह एक नागरिक हवाई अड्डा है। यहां कस्टम्स विभाग उपस्थित नहीं है। इसका रनवे पेव्ड है। इसकी प्रणाली यांत्रिक हाँ है। इसकी उड़ान पट्टी की लंबाई 7500 फी.

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परमार वंश

'''भोज मंदिर''' - राजा भोज द्वारा निर्मित शिव मंदिर परमार या पंवार वंश मध्यकालीन भारत का एक अग्निवंशी राजपूत राजवंश था। इस राजवंश का अधिकार धार और उज्जयिनी राज्यों तक था।और पूरे मध्यप्रदेश क्षेत्र में उनका साम्राज्य था। जब दैत्यों का अत्याचार बध गया तब चार ऋषिओने आबु पर्वत पर एक यज्ञ कीया उस अग्निकुंड में से चार अग्निवंशी क्षत्रिय निकले। परमार,चौहान,सोलकी,और प्रतिहार।उन्हीं के नाम पर उनका वंश चला।ऋषि वशिष्ठ की आहुति देने से एक वीर पुरुष निकला। जो अग्निकुंडसे निकलते समय मार-मार कि त्राड करता निकला और अग्निकूंड से बाहर आते हि पर नामक राक्षस का अंत कर दिया। एसा देखकर ऋषि वशिष्ठ ने प्रसन्न होकर उस विर पुरुष को परमार नाम से संबोधित किया। उसि के वंश पर परमार वंश चला। परमार अर्थ होता हे पर -यानी (पराया)शत्रु।मार का अर्थ होता हे-मारना .

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भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण एक संगठन / प्राधिकरण है, जो कि भारत सरकार के नागर विमानन मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत है। निगमित मुख्यालय राजीव गाँधी भवन सफदरजंग विमानक्षेत्र, नई दिल्ली में स्थित है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (ए ए आई) कुल 125 विमानपत्तनों का प्रबंधन करता है जिसमें 11 अंतर्राष्ट्रीय विमानपत्तन, 8 सीमा शुल्क विमानपत्तन, 81 घरेलू विमानपत्तन तथा रक्षा वायु क्षेत्रों में 25 सिविल एंक्लेव शामिल हैं। सुरक्षित विमान प्रचालन हेतु भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण सभी विमानपत्तनों एवं 25 अन्य‍ स्थानों पर जमीनी अधिष्ठापनों के साथ संपूर्ण भारतीय वायु क्षेत्र एवं समीपवर्ती महासागरीय क्षेत्रों में वायु ट्रैफिक प्रबंधन सेवाएं (ए टी एम एस) भी प्रदान करता है। इलाहाबाद, अमृतसर, कालीकट, गुवाहाटी, जयपुर, त्रिवेंद्रम, कोलकाता एवं चेन्नई के विमानपत्तन, जो आज अंतर्राष्ट्रीय विमानपत्तन के रूप में स्थापित हैं, विदेशी अंतर्राष्ट्रीय एयरलाइनों द्धारा भी प्रचालन के लिए खुले हैं। कोयबंटूर, त्रिचुरापल्ली, वाराणसी एवं गया के हवाई अड्डों से अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के अलावा राष्ट्रीय ध्‍वज वाहक भी प्रचालन करते हैं। केवल इतना ही नहीं अपितु आज आगरा, कोयबंटूर, जयपुर, लखनऊ, पटना आदि के विमानपत्तनों तक टूरिस्‍ट चार्टर भी जाते हैं। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने मुम्ब्ई, दिल्ली, हैदराबाद, बंगलौर एवं नागपुर के विमानपत्त्नों के उन्नयन के लिए तथा विश्वस्तरीय मानकों से बराबरी करने के लिए पर एक संयुक्त उद्यम भी स्थापित किया है। भारतीय भू क्षेत्र के ऊपर सभी प्रमुख वायुमार्ग वीओआर / डीवीओआर कवरेज (89 अधिष्ठापन) के साथ रडार द्धारा कवर्ड हैं (11 स्थानों पर 29 रडार अधिष्ठापन) जो दूरी मापन उपकरण के साथ सह-स्थित हैं (90 अधिष्ठापन)। 52 रनवे पर आईएलएस अधिष्ठापन की सुविधा है तथा इनमें से अधिकांश विमानपत्तनों पर नाइट लैंडिंग की सुविधाएं हैं और 15 विमानपत्तनों पर आटोमेटिक मैसेज स्विचिंग सिस्ट‍म लगा है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्धारा कोलकाता एवं चेन्नई के वायु ट्रैफिक नियंत्रण केंद्रों पर देशज प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके आटोमेटिक डिपेंडेंस सर्विलांस सिस्टम (ए डी एस एस) के सफल कार्यान्‍वयन ने भारत को दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में इस उन्‍नत प्रौद्योगिकी का प्रयोग करने वाला पहला देश होने का गौरव प्रदान किया जिससे उपग्रह आधारित संचार प्रणाली का प्रयोग करके महासागरीय क्षेत्रों के ऊपर वायु ट्रैफिक का प्रभावी नियंत्रण संभव हुआ है। उपग्रह संचार लिंक के साथ रिमोट कंट्रोल्ड वी एच एफ कवरेज के प्रयोग ने हमारे ए टी एम एस को और मजबूती प्रदान की है। वी-सैट अधिष्‍ठापनों द्धारा 80 स्थाननों को जोड़ने से बड़े पैमाने पर वायु ट्रैफिक प्रबंधन में वृद्धि होगी और बदले में एयरक्राफ्ट के प्रचालन की सुरक्षा में वृद्धि होगी। इसके अलावा, हमारे वृहद एयरपोर्ट नेटवर्क पर प्रशासनिक एवं प्रचालनात्मक नियंत्रण संभव होगा। मुम्‍बई, दिल्‍ली एवं इलाहाबाद के विमानपत्तनों पर निष्पादन आधारित नेविगेशन (पीएनबी) प्रक्रिया पहले ही कार्यान्वित की जा चुकी है तथा अन्य विमानपत्तनों पर चरणबद्ध ढंग से इसको लागू करने की संभावना है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान केंद्र (इसरो) के साथ प्रौद्योगिकीय सहयोग से गगन परियोजना शुरू की है जहां नेविगेशन के लिए उपग्रह आधारित प्रणाली का प्रयोग किया जाएगा। इस प्रकार जीपीएस से प्राप्‍त नेविगेशन के संकेतों को हवाई जहाजों की नेविगेशन संबंधी आवश्यकता को पूरा करने के लिए उन्नत किया जाएगा। प्रौद्योगिकी प्रदर्शन प्रणाली का पहला चरण फरवरी 2008 में पहले ही सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। प्रचालनात्मक चरण में इस प्रणाली को स्‍तरोन्‍नत करने के लिए विकास टीम को सक्षम बनाया गया है। भारतीय विमानपत्त‍न प्राधिकरण ने दिल्ली एवं मुम्‍बई के विमानपत्‍तनों पर ग्राउंड बेस्ड ऑगमेंटेशन सिस्टम (जी बी ए एस) उपलब्ध् कराने की भी योजना बनाई है। यह जीबीएएस उपकरण हवाई जहाजों को श्रेणी-2 (वक्र एप्रोच) लैंडिंग सिगनल उपलब्ध कराने और इस प्रकार आगे चलकर लैंडिंग सिस्टम के विद्यमान उपकरण को प्रतिस्थापित करने में समर्थ होगा, जिसकी रनवे के प्रत्येक छोर पर जरूरत होती है। दिल्ली में अधिष्ठापित एडवांस्ड सर्फेस मूवमेंट गाइडेंस एंड कंट्रोल सिस्टम (ए एस एम जी सी एस) ने रनवे 28 के प्रचालन को कैट-3 ए स्तर से कैट-3 बी स्तर तक स्‍तरोन्‍नत किया है। कैट-3 ए सिस्‍टम 200 मीटर की विजिबिलिटी तक हवाई जहाजों की लैंडिंग को अनुमत करता है। तथापि, कैट-3 बी 200 मीटर से कम किंतु 50 मीटर से अधिक की विजिबिलिटी पर हवाई जहाजों की सुरक्षित लैंडिंग को अनुमत करेगा। ‘ग्राहकों की अपेक्षाएं’ पर अधिक बल के साथ भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के प्रयास को उस स्वतंत्र एजेंसी से उत्‍साहवर्धक प्रत्युत्तर मिला है जिसने 30 व्‍यस्‍त विमानपत्तनों पर ग्राहक संतुष्टि सर्वेक्षण संचालित किया है। इन सर्वेक्षणों ने हमें विमानपत्तनों के प्रयोक्‍ताओं द्धारा सुझाए गए पहलुओं पर सुधार करने में समर्थ बनाया है। विमानपत्तनों पर हमारे ‘व्यवसाय उत्तर पत्र’ के लिए रिसेप्टुकल लोकप्रिय हुए हैं; इन प्रत्‍युत्‍तरों ने हमें विमानपत्तनों के प्रयोक्ताओं की बदलती महत्‍वाकांक्षाओं को समझने में समर्थ बनाया है। सहस्राब्दि के पहले वर्ष के दौरान, भारतीय विमानपत्‍तन प्राधिकरण अपने प्रचालन को अधिक पारदर्शी बनाने तथा अधुनातन सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करके ग्राहकों को तत्काल सूचना उपलब्ध कराने के लिए प्रयास कर रहा है। विशिष्ट प्रशिक्षण, कर्मचारी प्रत्‍युत्‍तर में सुधार तथा व्यावसायिक कौशल के उन्नयन पर फोकस स्‍पष्‍ट रूप से दिखाई दे रहा है। भारतीय विमानपत्त‍न प्राधिकरण के चार प्रशिक्षण स्थापनाओं अर्थात नागरिक विमानन प्रशिक्षण कॉलेज (सी ए टी सी), इलाहाबाद; राष्ट्रीय विमानन प्रबंधन एवं अनुसंधान संस्‍थान (एन आई ए एम ए आर), दिल्ली और दिल्ली एवं कोलकाता स्थि‍त अग्नि प्रशिक्षण केंद्र (एफ टी सी) के बारे में ऐसी अपेक्षा है कि वे पहले से अधिक व्‍यस्‍त रहेंगे। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने सीएटीसी, इलाहाबाद एवं हैदराबाद एयरपोर्ट पर प्रशिक्षण सुविधाओं को स्तरोन्नत करने की भी पहल की है। हाल ही में सीएटीसी पर एयरपोर्ट विजुअल सिमुलेटर (ए वी एस) उपलब्ध कराया गया है तथा सीएटीसी, इलाहाबाद एवं हैदराबाद एयरपोर्ट को गैर रडार प्रक्रियात्‍मक एटीसी सिमुलेटर उपकरण की आपूर्ति की जा रही है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की एक समर्पित उड़ान निरीक्षण यूनिट (एफ आई यू) है तथा इसके बेड़े में तीन हवाई जहाज हैं जो निरीक्षण में समर्थ अधुनातन एवं पूर्णत: स्‍वचालित उड़ान निरीक्षण प्रणाली से सुसज्जित हैं।.

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भोपाल

भोपाल भारत देश में मध्य प्रदेश राज्य की राजधानी है और भोपाल ज़िले का प्रशासनिक मुख्यालय भी है। भोपाल को झीलों की नगरी भी कहा जाता है,क्योंकि यहाँ कई छोटे-बड़े ताल हैं। यह शहर अचानक सुर्ख़ियों में तब आ गया जब १९८४ में अमरीकी कंपनी, यूनियन कार्बाइड से मिथाइल आइसोसाइनेट गैस के रिसाव से लगभग बीस हजार लोग मारे गये थे। भोपाल गैस कांड का कुप्रभाव आज तक वायु प्रदूषण, भूमि प्रदूषण, जल प्रदूषण के अलावा जैविक विकलांगता एवं अन्य रूपों में आज भी जारी है। इस वजह से भोपाल शहर कई आंदोलनों का केंद्र है। भोपाल में भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) का एक कारखाना है। हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र ने अपना दूसरा 'मास्टर कंट्रोल फ़ैसिलटी' स्थापित की है। भोपाल में ही भारतीय वन प्रबंधन संस्थान भी है जो भारत में वन प्रबंधन का एकमात्र संस्थान है। साथ ही भोपाल उन छह नगरों में से एक है जिनमे २००३ में भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान खोलने का निर्णय लिया गया था तथा वर्ष २०१५ से यह कार्यशील है। इसके अतिरिक्त यहाँ अनेक विश्वविद्यालय जैसे राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय,बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय,अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय,मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय,माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय,भारतीय राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय। इसके अतिरिक्त अनेक राष्ट्रीय संस्थान जैसे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान,भारतीय वन प्रबंधन संस्थान,भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान,राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान मानित विश्वविद्यालय भोपाल इंजीनियरिंग महाविद्यालय,गाँधी चिकित्सा महाविद्यालय तथा अनेक शासकीय एवं पब्लिक स्कूल हैं। .

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मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश भारत का एक राज्य है, इसकी राजधानी भोपाल है। मध्य प्रदेश १ नवंबर, २००० तक क्षेत्रफल के आधार पर भारत का सबसे बड़ा राज्य था। इस दिन एवं मध्यप्रदेश के कई नगर उस से हटा कर छत्तीसगढ़ की स्थापना हुई थी। मध्य प्रदेश की सीमाऐं पांच राज्यों की सीमाओं से मिलती है। इसके उत्तर में उत्तर प्रदेश, पूर्व में छत्तीसगढ़, दक्षिण में महाराष्ट्र, पश्चिम में गुजरात, तथा उत्तर-पश्चिम में राजस्थान है। हाल के वर्षों में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर राष्ट्रीय औसत से ऊपर हो गया है। खनिज संसाधनों से समृद्ध, मध्य प्रदेश हीरे और तांबे का सबसे बड़ा भंडार है। अपने क्षेत्र की 30% से अधिक वन क्षेत्र के अधीन है। इसके पर्यटन उद्योग में काफी वृद्धि हुई है। राज्य में वर्ष 2010-11 राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार जीत लिया। .

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मध्य प्रदेश सरकार

राज्य का गठन- 1 नवम्बर,1956 ईस्वी मध्यप्रदेश दिवस- 1 नवम्बर मध्यप्रदेश का वर्तमान स्वरूप- 1 नवम्बर, 2000 ईस्वी राज्य भाषा- हिंदी राजकीय पक्षी- दूधराज या शाहबुलबुल राजकीय पशु- बारहसिंगा राजकीय पुष्प- लिलि राजकीय खेल- मलखंब राजकीय नाट्य- माच राजकीय नृत्य- राई राजकीय फ़सल- सोयाबीन राजकीय वृक्ष- बरगद भौगोलिक क्षेत्रफल- 3,08,525 ज़िले- 51 (आगर नवीन है) तहसीलें- 353 विकासखंड- 313 नगर निगम- 16 लोस सीटें- 29 रास सीटें- 11 विस सीटें- 230 +1 (राज्यपाल के द्वारा मनोनीत) लोस सीटों में आरक्षण.

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रायपुर

रायपुर छत्तीसगढ की राजधानी है। यह देश का २६ वां राज्य है। ०१ नवम्बर २००० को मध्यप्रदेश से विभाजित छत्तीसगढ़ का निर्माण किया गया। .

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राष्ट्रीय राजमार्ग १२

राष्ट्रीय राजमार्ग १२ भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग है। यह राजस्थान के जयपुर शहर को मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर से जोड़ता है।;बीच में पडने वाले मुख्य नगर व कस्बे.

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राजीव गाँधी अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

हैदराबाद अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र (హైదరాబాద్ అంతర్జాతీయ విమానాశ్రయము., حیدرآباد انٹرنیشنل ائرپورٹ) जिसका पूरा नाम है राजीव गांधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है शम्साबाद, हैदराबाद में स्थित एक अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र है। ये शहर से दूर स्थित है। इसका ICAO कोड है HYD और IATA कोड है VOHS। यह एक नागरिक हवाई अड्डा है। यहां कस्टम्स विभाग उपस्थित नहीं है। इसका रनवे अनपेव्ड है। इसकी प्रणाली यांत्रिक नहीं है। इसकी उड़ान पट्टी की लंबाई 3000 फी.

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सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

सरदार वल्लभ भाई पटेल अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र भारत का आठवां व्यस्ततम विमानक्षेत्र है जहां से प्रतिदिन औसत २५० विमान आवागमन करते हैं। यह विमानक्षेत्र भारत के गुजरात राज्य के दो प्रमुख शहरों – अहमदाबाद एवं राजधानी गांधीनगर को सेवा देता है। विमानक्षेत्र अहमदाबाद रेलवे स्टेशन से लगभग दूर स्थित है। इसका नाम राज्य और भारत के पूर्व उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम पर रखा हुआ है। विमानक्षेत्र क्षेत्र में फ़ैला विस्तृत है और इसकी उड़ानपट्टी लंबाई की है। अहमदाबाद विमानक्षेत्र अहमदाबाद में स्थित है। इसका ICAO कोडहै VAAH और IATA कोड है AMD। यह एक नागरिक हवाई अड्डा है। यहां कस्टम्स विभाग उपस्थित हाँ है। इसका रनवे पेव्ड है। इसकी प्रणाली यांत्रिक हाँ है। इसकी उड़ान पट्टी की लंबाई 9000 फी.

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साउदिया

साउदी अरबियन एयरलाइंस (الخطوط الجوية العربية السعودية) जो साउदिया (السعودية नाम से संचालित है) जेद्दाह में आधारित है और सऊदी अरब की ध्वजवाहिका वायुसेवा है। इस कंपनी से अपने नाम साउदी अरबियन एयरलाइंस (जो पहले १९७१ तक प्रयोग होता रहा था और १९९७ से पुनर्प्रयोग में आया) से अपने पुराने नाम साउदिया (जो १९७२ से १९९६ तक प्रयोग होता रहा था) को २९ मई २०१२ में बदल लिया था। यह नाम बदलाव कंपनी के उस दिन स्काई टीम एयर एलाइंस संधि में जाने के स्मारक रूप में किया गया था। यह कंपनी के वृहत्तर पुनरओद्धारीकरण का एक चरण था। यह सेवा मध्य-पूर्व, अफ़्रीका, एशिया, यूरोप एवं उत्तरी अमरीका के लगभग ९० से अधिक गंतव्यों को वायु-सेवा उपलब्ध कराती है। इनके अलावा रमज़ान एवं हज काल में ये अन्तर्देशीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय चार्टर उड़ानें भी संचालित किया करती है। .

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सीहोर

सीहोर मध्‍य प्रदेश का एक जिला मुख्‍यालय है जो कि भोपाल से 37 किलोमीटर की दूरी पर है ये एक अंग्रेजों के द्वारा बसाया गया शहर है जो कि आज भी उस दौर के कई पुरातात्‍विक महत्‍व के भवनों को समेटे हुए है। मध्‍य प्रदेश का एक सुप्रसिद्ध देवी मंदिर सलकनपुर में है। यहां पर पहाड़ की ऊंची टेकरी पर बीजासन देवी की पिंडी है और हजारों की संख्‍या में श्रद्धालू यहां पर दर्शनों के लिये देश भर से आते हैं विशेषकर नवरात्रि में तो ये संख्‍या काफी बढ़ जाती है। मध्‍य प्रदेश के सीहोर जिले में स्थित ये मंदिर राजधानी भोपाल से 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके अलावा यहा पर पेशवाकालीन गणेश मन्दिर है। .

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हज

हज (अरबी: حج हज " तीर्थयात्रा"), एक इस्लामी तीर्थयात्रा और मुस्लिम लोगों का पवित्र शहर मक्का में प्रतिवर्ष होने वाला विश्व का सबसे बड़ा जमावड़ा है। यह इस्लाम के पाँच स्तंभों में से एक है, साथ ही यह एक धार्मिक कर्तव्य है जिसे अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार पूरा करना हर उस मुस्लिम चाहे स्त्री हो या पुरुष का कर्तव्य है जो सक्षम शरीर होने के साथ साथ इसका खर्च भी उठा पाने में समर्थ हो। शारीरिक और आर्थिक रूप से हज करने में सक्षम होने की स्थिति को इस्ति'ताह कहा जाता है और वो मुस्लिम है जो इस शर्त को पूरा करता है मुस्ताती कहलाता है। हज मुस्लिम लोगों की एकजुटता का प्रदर्शन होने के साथ साथ उनका अल्लाह (ईश्वर) में विश्वास होने का भी द्योतक है। यह तीर्थयात्रा इस्लामी कैलेंडर के 12 वें और अंतिम महीने धू अल हिज्जाह की 8 वीं से 12 वीं तारीख तक की जाती है। इस्लामी कैलेंडर एक चंद्र कैलेंडर है इसलिए इसमें, पश्चिमी देशों में प्रयोग में आने वाले ग्रेगोरियन कैलेंडर से ग्यारह दिन कम होते हैं, इसीलिए ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार हज की तारीखें साल दर साल बदलती रहती हैं। इहरम वो विशेष आध्यात्मिक स्थिति है जिसमें मुसलमान हज को दौरान रहते हैं। 7 वीं शताब्दी से हज इस्लामी पैगंबर मुहम्मद के जीवन के साथ जुड़ा हुआ है, लेकिन मुसलमान मानते हैं कि मक्का की तीर्थयात्रा की यह रस्म हजारों सालों से यानि कि इब्राहीम के समय से चली आ रही है। तीर्थयात्री उन लाखों लोगों के जुलूस में शामिल होते हैं जो एक साथ हज के सप्ताह में मक्का में जमा होते हैं और यहं पर कई अनुष्ठानों में हिस्सा लेते हैं: प्रत्येक व्यक्ति एक घनाकार इमारत काबा के चारों ओर वामावर्त सात बार चलता है जो कि मुस्लिमों के लिए प्रार्थना की दिशा है, अल सफा और अल मारवाह नामक पहाड़ियों के बीच आगे और पीछे चलता है, ज़मज़म के कुएं से पानी पीता है, चौकसी में खड़ा होने के लिए अराफात पर्वत के मैदानों में जाता है और एक शैतान को पत्थर मारने की रस्म पूरा करने के लिए पत्थर फेंकता है। उसके बाद तीर्थयात्री अपने सर मुंडवाते हैं, पशु बलि की रस्म करते हैं और इसके बाद ईद उल-अधा नामक तीन दिवसीय वैश्विक उत्सव मनाते हैं। .

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होशंगाबाद

होशंगाबाद भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त में स्थित एक प्रमुख शहर है। होशंगाबाद जिला मुख्यालय है। होशंगाबाद की स्थापना मांडू (मालवा) के द्वितीय राजा सुल्तान हुशंगशाह गौरी द्वारा पन्द्रहवी शताब्दी के आरंभ में की गई थी। होशंगाबाद नर्मदा नदी के किनारे स्थित है। इसके किनारे पर सतपुड़ा पर्वत स्थित है। नर्मदा नदी जिले की उत्तरी सीमा के साथ-साथ बहती है। नर्मदा की सहायक नदी दूधी है जोकि होशंगाबाद जिले की उत्तरी पूर्वी सीमा बनाती है। होशंगाबाद में प्रतिभूति कागज कारखाना है जिसमें भारतीय रुपया छापने के लिए कागज बनाया जाता है। यहाँ एक केन्द्रीय विद्यालय भी है जिसका पूरा नाम केन्द्रीय विद्यालय प्रतिभूति कागज कारखाना होशंगाबाद है। होशंगाबाद के पास प्राचीन पहाड़ियाँ हैं जिन्हें "पहाड़िया" कहा जाता है। इन पहाड़ियों में कुछ गुफायें हैं जिनमें शैलचित्र जिन्हें राक पेंटिंग भी कहते हैं उकेरे गये हैं। ये राक पेंटि्ग्स आदि मानव द्वारा निर्मित हैं। हजारों साल से खुले आसमान के नीचे रहने के बाद भी ये पेंटिंग्स अभी भी मिटी नहीं हैं। नर्मदा नदी का प्रसिद्ध सेठानी घाट होशंगाबाद में ही है। होशंगाबाद में एक प्राचीन गुरुकुल है। .

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जेट एयरवेज

SM Centre, former head office जेट एयरवेज भारत की सबसे बड़ी निजी विमान सेवा है। जेट एयरवेज एक प्रमुख विमानन सेवा है जिसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है। अगर विस्तार के आधार पर वरीयता क्रम की चर्चा की जाए तो यह एयर इंडिया के बाद दूसरी सबसे बड़ी विमानन सेवा है, परन्तु हमेशा स्पाइस जेट तथा इंडिया गो जैसे प्रतियोगियों से आगे रहती है। .

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इंदिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

इंदिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र भारत की राजधानी एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का प्रधान अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र है। यह नई दिल्ली नगर केन्द्र से लगभग १६ कि॰मी॰(10 मील) दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित है। भारत की पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गाँधी के नाम पर बना यह भारत का व्यस्ततम विमानक्षेत्र है। |वेबदुनिया। । नई दिल्ली। रविवार, 13 मार्च 2011(10:53IST। अभिगमन तिथि: २४ नवम्बर २०१२ हवाई अड्डे के नवीनतम टर्मिनल-३ के चालू हो जाने के बाद से ४ करोड़ ६० लाख यात्री क्षमता तथा वर्ष २०३० तक की अनुमानित यात्री क्षमता १० करोड़ के साथ यह भारत के साथ-साथ पूरे दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा और सबसे महत्त्वपूर्ण व्यापार संबंधी विमानन केन्द्र बन गया है। भारत की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई के छत्रपति शिवाजी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र के साथ इसके आंकड़े मिलाकर देखें तो ये दोनों दक्षिण एशिया के आधे से अधिक विमान यातायात को वहन करते हैं। इस विमानक्षेत्र के संचालक दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डयल) इसे विश्व का अगला अन्तर्राष्ट्रीय ट्रांज़िट हब बनाने के प्रयास कर रहा है। लगभग ५,२२० एकड़ (२,११० हेक्टेयर) की भू-संपदा में विस्तृत, दिल्ली विमानक्षेत्र राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिये प्राथमिक नागर विमानन हब (केन्द्र) है। सर्वप्रथम इसका संचालन भारतीय वायु सेना के पास था, जिसके बाद उसने इसका प्रबंधन दायित्व भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को सौंप दिया। मई २००६ से हवाई अड्डे का प्रबंधन दिल्ली अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) के पास आया। डायल जीएमआर समूह के नेतृत्व में एक संयुक्त उद्यम (ज्वाइन्ट वेन्चर) है। डायल ही विमानक्षेत्र के आगे हो रहे विस्तार एवं आधुनिकीकरण के लिये भी उत्तरदायी है। इस निजीकरण का भरपूर विरोध भाविप्रा कर्मचारियों ने किया, किन्तु अन्ततः ३ मई २००६ को यह प्रबंधन स्थानांतरण संपन्न हो गया। वर्ष २००१-१२ में विमानक्षेत्र से ३५८.८ लाख यात्रियों की आवाजाही संपन्न हुई और यहां के विस्तार कार्यक्रम योजना के अनुसार इसकी क्षमता वर्ष २०३० तक १० करोड़ यात्री तक हो जायेगी। यहां के नये टर्मिनल भवन के २०१० के राष्ट्रमंडल खेलों से पूर्व निर्माण के बाद ही इसकी वार्षिक ३४० लाख यात्रियों की क्षमता है। यहां का टर्मिनल-३ विश्व का ८वां सबसे बड़ा यात्री टर्मिनल है। सितंबर २००८ में यहां ४.४३ कि.मी लंबी नयी उड़ानपट्टी (रनवे-३) का उद्घाटन हुआ था। इंदिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र को २०१० में एयरपोर्ट काउन्सिल इन्टरनेशनल द्वारा १५०-२५० लाख यात्री श्रेणी में विश्व का चौथा सर्वोत्तम विमानक्षेत्र, एवं एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सर्वाधिक प्रगति वाला विमानक्षेत्र होने का सम्मान मिला था। वर्ष २०११ में विमानक्षेत्र को इसी परिषद द्वारा पुनः २.५-४ करोड़ यात्री क्षमता श्रेणी में विश्व का दूसरा सर्वोत्तम विमानक्षेत्र होने का गौरव मिला था। यह स्थान कोरिया के इंचेयन अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र के बाद था। इसके अलावा वर्ष २०११ में ही यह विमानक्षेत्र विश्व का ३४वाँ व्यस्ततम विमानक्षेत्र बना जिसकी यात्री आवागमन संख्या ३,४७,२९,४६७ रही एवं पिछले वर्ष के मुकाबले यातायात में इसने १७.८% की बढ़ोत्तरी भी दर्ज की। .

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किंग अब्दुल अज़ीज़ अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

किंग अब्दुल अज़ीज़ अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र (KAIA) (مطار الملك عبدالعزيز الدولي) सऊदी अरब के शहर जेद्दाह से १९ कि.मी उत्तर में स्थित एक अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र है। इसका नाम यहां के राजा अब्दुल अज़ीज़ अल सऊद के नाम पर रखा गया है। यह सऊदी अरब में तीसरी सबसे बड़ी वायुमार्ग सुविधा है एवं यात्री संख्या के अनुसार यह यहां का व्यस्ततम विमानक्षेत्र है। यहां का परिसर १५ वर्ग कि.मी में विस्तृत है। on the GACA website इसमें विमानक्षेत्र के अलावा शाही टर्मिनल, रॉयल सऊदी वायु सेना की सुविधा एवं विमानक्षेत्र स्टाफ़ हेतु आवासीय परिसर भी हैं। जेद्दाह विमानक्षेत्र में निर्माण कार्य १९७४ में आरंभ हुआ था और १९८० में पूर्ण हुआ। ३१ मई १९८१ को यह विमानक्षेत्र प्रचालन के लिये खुला एवं अप्रैल १९८१ को इसका आधिकारिक उद्घाटन संपन्न हुआ। .

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छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र सांता क्रूज़, मुंबई में स्थित है। इसका ICAO कोड है VABB और IATA कोड है BOM। यह एक नागरिक हवाई अड्डा है। यहां कस्टम्स विभाग उपस्थित हाँ है। इसका रनवे पेव्ड है। इसकी प्रणाली यांत्रिक हाँ है। इसकी उड़ान पट्टी की लंबाई 11400 फी.

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