5 संबंधों: भौगोलिक सूचना तंत्र, भूमितिकी, भूसांख्यिकी, सुदूर संवेदन, स्थानिक डेटाबेस।
भौगोलिक सूचना तंत्र
डिजिटल एलिवेशन प्रतिरूप, मानचित्र और वेक्टर डाटा भौगोलिक सूचना तंत्र या भौगोलिक सूचना प्रणाली अथवा संक्षेप में जी॰आई॰एस॰, (अंग्रेज़ी Geographic information system (GIS)) कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर को भौगोलिक सूचना के साथ एकीकृत कर इनके लिए आंकड़े एकत्रण, प्रबंधन, विश्लेषण, संरक्षण और निरूपण की व्यवस्था करता है।। हिन्दुस्तान लाइव। १० मार्च २०१० भूगोलीय निर्देशांक प्रणाली को मुख्यत: तीन तरीकों से देखा जा सकता है।.
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भूमितिकी
भूमितिकी अथवा भूगणित विज्ञान की वह शाखा है जो भौगोलिक रूप से संदर्भित आंकड़ों के संग्रहण, समायोजन, परिरक्षण, विश्लेषण व्याख्या का कार्य करती है। यह मुख्यतः भूगोल, सर्वेक्षण और भू-सूचना विज्ञान जैसी शाखाओं के साथ अपनी विषय-वस्तु शेयर करने वाली शाखा है। .
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भूसांख्यिकी
भूसांख्यिकी भूगोल की वह परिवर्धित शाखा है, जो भौगोलिक प्रतिरूपों की सांख्यिकीय व्याख्या एक जी आई एस प्लेटफोर्म पर करती है। .
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सुदूर संवेदन
सुदूर संवेदन (अंग्रेज़ी: Remote Sensing) का सामान्य अर्थ है किसी वस्तु के सीधे संपर्क में आये बिना उसके बारे में आँकड़े संग्रह करना। लेकिन वर्तमान वैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य में सुदूर संवेदन का तात्पर्य आकाश में स्थित किसी प्लेटफार्म (जैसे हवाईजहाज, उपग्रह या गुब्बारे) से पृथ्वी के किसी भूभाग का चित्र लेना। यह एक ऐसी उन्नत विधा है जिसके माध्यम से ऊँचाई पर जाकर बिना किसी भौतिक सम्पर्क के पृथ्वी के धरातलीय रूपों और संसाधनों का अध्ययन वैज्ञानिक विधि से किया जाता हैं। सुदूर संवेदन की तकनीक को संवेदक (Sensor) की प्रकृति के आधार पर मुख्यतः दो प्रकारों में बाँटा जाता है एक्टिव और पैसिव। ज्यादातर पैसिव संवेदकों द्वारा सूर्य का परावर्तित प्रकाश संवेदित किया जाता है। एक्टिव संवेदक वे हैं जो खुद ही विद्युत चुंबकीय विकिरण उत्पन्न करके उसे पृथ्वी की ओर फेंकते हैं और परावर्तित किरणों को संवेदित (रिकार्ड) करते हैं। हवाई छायाचित्र और उपग्रह चित्र सुदूर संवेदन के दो प्रमुख उत्पाद हैं जिनका उपयोग वैज्ञानिक अध्ययनों से लेकर अन्य बहुत से कार्यों में हो रहा है। .
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स्थानिक डेटाबेस
स्थानिक डेटाबेस या स्थानिक आँकड़ा भण्डार एक ऐसा डेटाबेस है जो किसी ज्यामितीय स्पेस में चीजों की अवस्थिति की सूचना के साथ उनके बारे में आँकड़े को व्यवस्थित करता है। इस प्रकार, भू-स्थानिक आँकड़े वे आंकड़े हैं जो चीजों की पृथ्वी पर अवस्थिति की सूचना भी रखते हैं और एक स्थानिक डेटाबेस में इनका संग्रह और निरूपण प्राथमिक स्तर पर बिन्दु, रेखा और बहुभुजों के माध्यम से होता है। इन भूस्थानिक आँकड़ों के विजुअलाइजेशन के लिये मानचित्रों का उपयोग होता है। तेजी से बदल रहे परिप्रेक्ष्यों में अब नई पीढ़ी के भूस्थानिक आँकड़ों की बात भी हो रही है। भौगोलिक सूचना तंत्र को कुछ लोग भूस्थानिक डेटाबेस के रूप में ही देखते हैं। .
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यहां पुनर्निर्देश करता है:
भौगोलिक सूचना विज्ञान, भू सूचना विज्ञान, भू-सूचना विज्ञान, भूसूचना विज्ञान।