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भारतीय सैन्य अभियान

सूची भारतीय सैन्य अभियान

भारतीय सशस्त्र बल, भारत गणराज्य की थलसेना,वायुसेना,नौसेना, तटरक्षक बल और विभिन्न अन्य अंतर-सेवा संस्थाओं का समग्र एकीकृत सैन्यरूप है। भारत के राष्ट्रपति इसके कमांडर-इन-चीफ के रूप में कार्य करते हैं। 13,25,000 सक्रिय कर्मियों की अनुमानित कुल संख्या के साथ भारत की दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी सशस्त्र सेना है। .

29 संबंधों: दमन और दीव, द्वितीय विश्वयुद्ध, नागालैण्ड, भारत, भारत के राष्ट्रपति, भारत-चीन युद्ध, भारतीय तटरक्षक, भारतीय थलसेना, भारतीय नौसेना, भारतीय शांति रक्षा सेना, भारतीय सशस्‍त्र सेनाएँ, भारतीय वायुसेना, मणिपुर, मालदीव, माले, लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम, श्रीलंका, सियाचिन विवाद, सिक्किम का इतिहास, जम्मू और कश्मीर, जाफना, गोवा, ऑपरेशन पोलो, ऑपरेशन ब्लू स्टार, ऑपरेशन मैत्री, ऑपरेशन राहत, कारगिल ज़िला, १९४७ का भारत-पाक युद्ध, १९६५ का भारत-पाक युद्ध

दमन और दीव

Diu दमन और दीव मुंबई के समीप अरब सागर में स्थित द्वीप समूह हैं जो भारत का एक केन्द्र शासित प्रान्त है। यहाँ की राजधानी दमन है। .

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द्वितीय विश्वयुद्ध

द्वितीय विश्वयुद्ध १९३९ से १९४५ तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था। लगभग ७० देशों की थल-जल-वायु सेनाएँ इस युद्ध में सम्मलित थीं। इस युद्ध में विश्व दो भागों मे बँटा हुआ था - मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र। इस युद्ध के दौरान पूर्ण युद्ध का मनोभाव प्रचलन में आया क्योंकि इस युद्ध में लिप्त सारी महाशक्तियों ने अपनी आर्थिक, औद्योगिक तथा वैज्ञानिक क्षमता इस युद्ध में झोंक दी थी। इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह मानव इतिहास का सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। इस महायुद्ध में ५ से ७ करोड़ व्यक्तियों की जानें गईं क्योंकि इसके महत्वपूर्ण घटनाक्रम में असैनिक नागरिकों का नरसंहार- जिसमें होलोकॉस्ट भी शामिल है- तथा परमाणु हथियारों का एकमात्र इस्तेमाल शामिल है (जिसकी वजह से युद्ध के अंत मे मित्र राष्ट्रों की जीत हुई)। इसी कारण यह मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध था। हालांकि जापान चीन से सन् १९३७ ई. से युद्ध की अवस्था में था किन्तु अमूमन दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत ०१ सितम्बर १९३९ में जानी जाती है जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला बोला और उसके बाद जब फ्रांस ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा कर दी तथा इंग्लैंड और अन्य राष्ट्रमंडल देशों ने भी इसका अनुमोदन किया। जर्मनी ने १९३९ में यूरोप में एक बड़ा साम्राज्य बनाने के उद्देश्य से पोलैंड पर हमला बोल दिया। १९३९ के अंत से १९४१ की शुरुआत तक, अभियान तथा संधि की एक शृंखला में जर्मनी ने महाद्वीपीय यूरोप का बड़ा भाग या तो अपने अधीन कर लिया था या उसे जीत लिया था। नाट्सी-सोवियत समझौते के तहत सोवियत रूस अपने छः पड़ोसी मुल्कों, जिसमें पोलैंड भी शामिल था, पर क़ाबिज़ हो गया। फ़्रांस की हार के बाद युनाइटेड किंगडम और अन्य राष्ट्रमंडल देश ही धुरी राष्ट्रों से संघर्ष कर रहे थे, जिसमें उत्तरी अफ़्रीका की लड़ाइयाँ तथा लम्बी चली अटलांटिक की लड़ाई शामिल थे। जून १९४१ में युरोपीय धुरी राष्ट्रों ने सोवियत संघ पर हमला बोल दिया और इसने मानव इतिहास में ज़मीनी युद्ध के सबसे बड़े रणक्षेत्र को जन्म दिया। दिसंबर १९४१ को जापानी साम्राज्य भी धुरी राष्ट्रों की तरफ़ से इस युद्ध में कूद गया। दरअसल जापान का उद्देश्य पूर्वी एशिया तथा इंडोचायना में अपना प्रभुत्व स्थापित करने का था। उसने प्रशान्त महासागर में युरोपीय देशों के आधिपत्य वाले क्षेत्रों तथा संयुक्त राज्य अमेरीका के पर्ल हार्बर पर हमला बोल दिया और जल्द ही पश्चिमी प्रशान्त पर क़ब्ज़ा बना लिया। सन् १९४२ में आगे बढ़ती धुरी सेना पर लगाम तब लगी जब पहले तो जापान सिलसिलेवार कई नौसैनिक झड़पें हारा, युरोपीय धुरी ताकतें उत्तरी अफ़्रीका में हारीं और निर्णायक मोड़ तब आया जब उनको स्तालिनग्राड में हार का मुँह देखना पड़ा। सन् १९४३ में जर्मनी पूर्वी युरोप में कई झड़पें हारा, इटली में मित्र राष्ट्रों ने आक्रमण बोल दिया तथा अमेरिका ने प्रशान्त महासागर में जीत दर्ज करनी शुरु कर दी जिसके कारणवश धुरी राष्ट्रों को सारे मोर्चों पर सामरिक दृश्टि से पीछे हटने की रणनीति अपनाने को मजबूर होना पड़ा। सन् १९४४ में जहाँ एक ओर पश्चिमी मित्र देशों ने जर्मनी द्वारा क़ब्ज़ा किए हुए फ़्रांस पर आक्रमण किया वहीं दूसरी ओर से सोवियत संघ ने अपनी खोई हुयी ज़मीन वापस छीनने के बाद जर्मनी तथा उसके सहयोगी राष्ट्रों पर हमला बोल दिया। सन् १९४५ के अप्रैल-मई में सोवियत और पोलैंड की सेनाओं ने बर्लिन पर क़ब्ज़ा कर लिया और युरोप में दूसरे विश्वयुद्ध का अन्त ८ मई १९४५ को तब हुआ जब जर्मनी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया। सन् १९४४ और १९४५ के दौरान अमेरिका ने कई जगहों पर जापानी नौसेना को शिकस्त दी और पश्चिमी प्रशान्त के कई द्वीपों में अपना क़ब्ज़ा बना लिया। जब जापानी द्वीपसमूह पर आक्रमण करने का समय क़रीब आया तो अमेरिका ने जापान में दो परमाणु बम गिरा दिये। १५ अगस्त १९४५ को एशिया में भी दूसरा विश्वयुद्ध समाप्त हो गया जब जापानी साम्राज्य ने आत्मसमर्पण करना स्वीकार कर लिया। .

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नागालैण्ड

नागालैण्ड भारत का एक उत्तर पूर्वी राज्य है। इसकी राजधानी कोहिमा है, जबकि दीमापुर राज्य का सबसे बड़ा नगर है। नागालैण्ड की सीमा पश्चिम में असम से, उत्तर में अरुणाचल प्रदेश से, पूर्व मे बर्मा से और दक्षिण मे मणिपुर से मिलती है। भारत की २०११ की जनगणना के अनुसार, इसका क्षेत्रफल १६,५७९ वर्ग किलोमीटर है, और जनसंख्या १९,८०,६०२ है, जो इसे भारत के सबसे छोटे राज्यों में से एक बनाती है। Govt of India नागालैण्ड राज्य में कुल १६ जनजातियां निवास करती हैं। प्रत्येक जनजाति अपने विशिष्ट रीति-रिवाजों, भाषा और पोशाक के कारण दूसरी से भिन्न है। United Nations Development Programme (2005) हालांकि, भाषा और धर्म दो सेतु हैं, जो इन जनजातियों को आपस में जोड़ते हैं। अंग्रेजी राज्य की आधिकारिक भाषा है। यह शिक्षा की भाषा भी है, और अधिकांश निवासियों द्वारा बोली जाती है। नागालैंड भारत के उन तीन राज्यों में से एक है, जहां ईसाई धर्म के अनुयायी जनसंख्या में बहुमत में हैं। Census of India, 2001, Govt of India.

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारत के राष्ट्रपति

भारत के राष्ट्रपति, भारत गणराज्य के कार्यपालक अध्यक्ष होते हैं। संघ के सभी कार्यपालक कार्य उनके नाम से किये जाते हैं। अनुच्छेद 53 के अनुसार संघ की कार्यपालक शक्ति उनमें निहित हैं। वह भारतीय सशस्त्र सेनाओं का सर्वोच्च सेनानायक भी हैं। सभी प्रकार के आपातकाल लगाने व हटाने वाला, युद्ध/शांति की घोषणा करने वाला होता है। वह देश के प्रथम नागरिक हैं। भारतीय राष्ट्रपति का भारतीय नागरिक होना आवश्यक है। सिद्धांततः राष्ट्रपति के पास पर्याप्त शक्ति होती है। पर कुछ अपवादों के अलावा राष्ट्रपति के पद में निहित अधिकांश अधिकार वास्तव में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले मंत्रिपरिषद् के द्वारा उपयोग किए जाते हैं। भारत के राष्ट्रपति नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में रहते हैं, जिसे रायसीना हिल के नाम से भी जाना जाता है। राष्ट्रपति अधिकतम कितनी भी बार पद पर रह सकते हैं इसकी कोई सीमा तय नहीं है। अब तक केवल पहले राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद ने ही इस पद पर दो बार अपना कार्यकाल पूरा किया है। प्रतिभा पाटिल भारत की 12वीं तथा इस पद को सुशोभीत करने वाली पहली महिला राष्ट्रपति हैं। उन्होंने 25 जुलाई 2007 को पद व गोपनीयता की शपथ ली थी। - Fadoo Post - 14 july 2017 वर्तमान में राम नाथ कोविन्द भारत के चौदहवें राष्ट्रपति हैं। .

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भारत-चीन युद्ध

भारत-चीन युद्ध जो भारत चीन सीमा विवाद के रूप में भी जाना जाता है, चीन और भारत के बीच 1962 में हुआ एक युद्ध था। विवादित हिमालय सीमा युद्ध के लिए एक मुख्य बहाना था, लेकिन अन्य मुद्दों ने भी भूमिका निभाई। चीन में 1959 के तिब्बती विद्रोह के बाद जब भारत ने दलाई लामा को शरण दी तो भारत चीन सीमा पर हिंसक घटनाओं की एक श्रृंखला शुरू हो गयी। भारत ने फॉरवर्ड नीति के तहत मैकमोहन रेखा से लगी सीमा पर अपनी सैनिक चौकियाँ रखी जो 1959 में चीनी प्रीमियर झोउ एनलाई के द्वारा घोषित वास्तविक नियंत्रण रेखा के पूर्वी भाग के उत्तर में थी। चीनी सेना ने 20 अक्टूबर 1962 को लद्दाख में और मैकमोहन रेखा के पार एक साथ हमले शुरू किये। चीनी सेना दोनों मोर्चे में भारतीय बलों पर उन्नत साबित हुई और पश्चिमी क्षेत्र में चुशूल में रेजांग-ला एवं पूर्व में तवांग पर अवैध कब्ज़ा कर लिया। चीन ने 20 नवम्बर 1962 को युद्ध विराम की घोषणा कर दी और साथ ही विवादित दो क्षेत्रों में से एक से अपनी वापसी की घोषणा भी की, हलाकिं अक्साई चिन से भारतीय पोस्ट और गश्ती दल हटा दिए गए थे, जो संघर्ष के अंत के बाद प्रत्यक्ष रूप से चीनी नियंत्रण में चला गया। भारत-चीन युद्ध कठोर परिस्थितियों में हुई लड़ाई के लिए उल्लेखनीय है। इस युद्ध में ज्यादातर लड़ाई 4250 मीटर (14,000 फीट) से अधिक ऊंचाई पर लड़ी गयी। इस प्रकार की परिस्थिति ने दोनों पक्षों के लिए रसद और अन्य लोजिस्टिक समस्याएँ प्रस्तुत की। इस युद्ध में चीनी और भारतीय दोनों पक्ष द्वारा नौसेना या वायु सेना का उपयोग नहीं किया गया था। .

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भारतीय तटरक्षक

भारतीय तटरक्षक की स्थापना शांतिकाल में भारतीय समुद्र की सुरक्षा करने के उद्देश्य से 18 अगस्‍त 1978 को संघ के एक स्‍वतंत्र सशस्‍त्र बल के रूप में संसद द्वारा तटरक्षक अधिनियम,1978 के अंतर्गत की गई। ‘’वयम् रक्षाम: याने हम रक्षा करते हैं’’ भारतीय तटरक्षक का आदर्श वाक्‍य है। वर्तमान में इस बल की कमान इसके महानिदेशक अनुराग गोपालन थपलियाल, के हाथ में हैं। .

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भारतीय थलसेना

भारतीय थलसेना, सेना की भूमि-आधारित दल की शाखा है और यह भारतीय सशस्त्र बल का सबसे बड़ा अंग है। भारत का राष्ट्रपति, थलसेना का प्रधान सेनापति होता है, और इसकी कमान भारतीय थलसेनाध्यक्ष के हाथों में होती है जो कि चार-सितारा जनरल स्तर के अधिकारी होते हैं। पांच-सितारा रैंक के साथ फील्ड मार्शल की रैंक भारतीय सेना में श्रेष्ठतम सम्मान की औपचारिक स्थिति है, आजतक मात्र दो अधिकारियों को इससे सम्मानित किया गया है। भारतीय सेना का उद्भव ईस्ट इण्डिया कम्पनी, जो कि ब्रिटिश भारतीय सेना के रूप में परिवर्तित हुई थी, और भारतीय राज्यों की सेना से हुआ, जो स्वतंत्रता के पश्चात राष्ट्रीय सेना के रूप में परिणत हुई। भारतीय सेना की टुकड़ी और रेजिमेंट का विविध इतिहास रहा हैं इसने दुनिया भर में कई लड़ाई और अभियानों में हिस्सा लिया है, तथा आजादी से पहले और बाद में बड़ी संख्या में युद्ध सम्मान अर्जित किये। भारतीय सेना का प्राथमिक उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रवाद की एकता सुनिश्चित करना, राष्ट्र को बाहरी आक्रमण और आंतरिक खतरों से बचाव, और अपनी सीमाओं पर शांति और सुरक्षा को बनाए रखना हैं। यह प्राकृतिक आपदाओं और अन्य गड़बड़ी के दौरान मानवीय बचाव अभियान भी चलाते है, जैसे ऑपरेशन सूर्य आशा, और आंतरिक खतरों से निपटने के लिए सरकार द्वारा भी सहायता हेतु अनुरोध किया जा सकता है। यह भारतीय नौसेना और भारतीय वायुसेना के साथ राष्ट्रीय शक्ति का एक प्रमुख अंग है। सेना अब तक पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ चार युद्धों तथा चीन के साथ एक युद्ध लड़ चुकी है। सेना द्वारा किए गए अन्य प्रमुख अभियानों में ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत और ऑपरेशन कैक्टस शामिल हैं। संघर्षों के अलावा, सेना ने शांति के समय कई बड़े अभियानों, जैसे ऑपरेशन ब्रासस्टैक्स और युद्ध-अभ्यास शूरवीर का संचालन किया है। सेना ने कई देशो में संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशनों में एक सक्रिय प्रतिभागी भी रहा है जिनमे साइप्रस, लेबनान, कांगो, अंगोला, कंबोडिया, वियतनाम, नामीबिया, एल साल्वाडोर, लाइबेरिया, मोज़ाम्बिक और सोमालिया आदि सम्मलित हैं। भारतीय सेना में एक सैन्य-दल (रेजिमेंट) प्रणाली है, लेकिन यह बुनियादी क्षेत्र गठन विभाजन के साथ संचालन और भौगोलिक रूप से सात कमान में विभाजित है। यह एक सर्व-स्वयंसेवी बल है और इसमें देश के सक्रिय रक्षा कर्मियों का 80% से अधिक हिस्सा है। यह 1,200,255 सक्रिय सैनिकों और 909,60 आरक्षित सैनिकों के साथ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्थायी सेना है। सेना ने सैनिको के आधुनिकीकरण कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसे "फ्यूचरिस्टिक इन्फैंट्री सैनिक एक प्रणाली के रूप में" के नाम से जाना जाता है इसके साथ ही यह अपने बख़्तरबंद, तोपखाने और उड्डयन शाखाओं के लिए नए संसाधनों का संग्रह एवं सुधार भी कर रहा है।.

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भारतीय नौसेना

भारतीय नौसेना(Indian Navy) भारतीय सेना का सामुद्रिक अंग है जो कि ५६०० वर्षों के अपने गौरवशाली इतिहास के साथ न केवल भारतीय सामुद्रिक सीमाओं अपितु भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की भी रक्षक है। ५५,००० नौसेनिकों से लैस यह विश्व की पाँचवी सबसे बड़ी नौसेना भारतीय सीमा की सुरक्षा को प्रमुखता से निभाते हुए विश्व के अन्य प्रमुख मित्र राष्ट्रों के साथ सैन्य अभ्यास में भी सम्मिलित होती है। पिछले कुछ वर्षों से लागातार आधुनिकीकरण के अपने प्रयास से यह विश्व की एक प्रमुख शक्ति बनने की भारत की महत्त्वाकांक्षा को सफल बनाने की दिशा में है। जून २०१६ से एडमिरल सुनील लांबा भारत के नौसेनाध्यक्ष हैं। .

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भारतीय शांति रक्षा सेना

भारतीय शांति रक्षा सेना (IPKF; भारतीय शान्ति सेना) भारतीय सेना दल था जो 1987 से 1990 के मध्य श्रीलंका में शांति स्थापना ऑपरेशन क्रियान्वित कर रहा था। इसका गठन भारत-श्रीलंका संधि के अधिदेश के अंतर्गत किया गया था जिस पर भारत और श्रीलंका ने 1987 में हस्ताक्षर किये थे जिसका उद्देश्य युद्धरत श्रीलंकाई तमिल राष्ट्रवादियों जैसे लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) और श्रीलंकाई सेना के मध्य श्रीलंकाई गृहयुद्ध को समाप्त करना था। IPKF का मुख्य कार्य केवल LTTE ही नहीं बल्कि विभिन्न उग्रवादी गुटों को निःशस्त्र करना था। इसके शीघ्र बाद एक अंतरिम प्रशासनिक परिषद का गठन किया जाना था। ये भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आज्ञा से भारत और श्रीलंका के बीच हस्ताक्षरित समझौते की शर्तों के अनुसार था। श्रीलंका में संघर्ष के स्तर में वृद्धि को देखते हुए और भारत में शरणार्थियों की घनघोर भीड़ उमड़ पड़ने पर, राजीव गांधी, ने इस समझौते को बढाने के लिए निर्णायक कदम उठाया.

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भारतीय सशस्‍त्र सेनाएँ

भारतीय सशस्‍त्र सेनाएँ भारत की तथा इसके प्रत्‍येक भाग की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उत्तरदायी हैं। भारतीय शस्‍त्र सेनाओं की सर्वोच्‍च कमान भारत के राष्‍ट्रपति के पास है। राष्‍ट्र की रक्षा का दायित्‍व मंत्रिमंडल के पास होता है। इसका निर्वहन रक्षा मंत्रालय द्वारा किया जाता है, जो सशस्‍त्र बलों को देश की रक्षा के संदर्भ में उनके दायित्‍व के निर्वहन के लिए नीतिगत रूपरेखा और जानकारियां प्रदान करता है। भारतीय शस्‍त्र सेना में तीन प्रभाग हैं भारतीय थलसेना, भारतीय जलसेना, भारतीय वायुसेना और इसके अतिरिक्त, भारतीय सशस्त्र बलों भारतीय तटरक्षक बल और अर्धसैनिक संगठनों (असम राइफल्स, और स्पेशल फ्रंटियर फोर्स) और विभिन्न अंतर-सेवा आदेशों और संस्थानों में इस तरह के सामरिक बल कमान अंडमान निकोबार कमान और समन्वित रूप से समर्थन कर रहे हैं डिफेंस स्टाफ। भारत के राष्ट्रपति भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर है। भारतीय सशस्त्र बलों भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय (रक्षा मंत्रालय) के प्रबंधन के तहत कर रहे हैं। 14 लाख से अधिक सक्रिय कर्मियों की ताकत के साथ,यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सैन्य बल है। अन्य कई स्वतंत्र और आनुषांगिक इकाइयाँ जैसे: भारतीय सीमा सुरक्षा बल, असम राइफल्स, राष्ट्रीय राइफल्स, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, भारत तिब्बत सीमा पुलिस इत्यादि। भारतीय सेना के प्रमुख कमांडर भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द हैं। यह दुनिया के सबसे बड़ी और प्रमुख सेनाओं में से एक है। सँख्या की दृष्टि से भारतीय थलसेना के जवानों की सँख्या दुनिया में चीन के बाद सबसे अधिक है। जबसे भारतीय सेना का गठन हुआ है, भारत ने दोनों विश्वयुद्ध में भाग लिया है। भारत की आजादी के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ तीन युद्ध 1948, 1965, तथा 1971 में लड़े हैं जबकि एक बार चीन से 1962 में भी युद्ध हुआ है। इसके अलावा 1999 में एक छोटा युद्ध कारगिल युद्ध पाकिस्तान के साथ दुबारा लड़ा गया। भारतीय सेना परमाणु हथियार, उन्नत अस्त्र-शस्त्र से लैस है और उनके पास उचित मिसाइल तकनीक भी उपलब्ध है। हलांकि भारत ने पहले परमाणु हमले न करने का संकल्प लिया हुआ है। भारतीय सेना की ओर से दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र है। .

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भारतीय वायुसेना

भारतीय वायुसेना (इंडियन एयरफोर्स) भारतीय सशस्त्र सेना का एक अंग है जो वायु युद्ध, वायु सुरक्षा, एवं वायु चौकसी का महत्वपूर्ण काम देश के लिए करती है। इसकी स्थापना ८ अक्टूबर १९३२ को की गयी थी। आजादी (१९५० में पूर्ण गणतंत्र घोषित होने) से पूर्व इसे रॉयल इंडियन एयरफोर्स के नाम से जाना जाता था और १९४५ के द्वितीय विश्वयुद्ध में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आजादी (१९५० में पूर्ण गणतंत्र घोषित होने) के पश्च्यात इसमें से "रॉयल" शब्द हटाकर सिर्फ "इंडियन एयरफोर्स" कर दिया गया। आज़ादी के बाद से ही भारतीय वायुसेना पडौसी मुल्क पाकिस्तान के साथ चार युद्धों व चीन के साथ एक युद्ध में अपना योगदान दे चुकी है। अब तक इसने कईं बड़े मिशनों को अंजाम दिया है जिनमें ऑपरेशन ''विजय'' - गोवा का अधिग्रहण, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस व ऑपरेशन पुमलाई शामिल है। ऐसें कई विवादों के अलावा भारतीय वायुसेना संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन का भी सक्रिय हिसा रही है। भारत के राष्ट्रपति भारतीय वायु सेना के कमांडर इन चीफ के रूप में कार्य करते है। वायु सेनाध्यक्ष, एयर चीफ मार्शल (ACM), एक चार सितारा कमांडर है और वायु सेना का नेतृत्व करते है। भारतीय वायु सेना में किसी भी समय एक से अधिक एयर चीफ मार्शल सेवा में कभी नहीं होते। इसका मुख्यालय नयी दिल्ली में स्थित है एवं २००६ के आंकडों के अनुसार इसमें कुल मिलाकर १७०,००० जवान एवं १,३५० लडाकू विमान हैं जो इसे दुनिया की चौथी सबसे बडी वायुसेना होने का दर्जा दिलाती है। .

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मणिपुर

मणिपुर भारत का एक राज्य है। इसकी राजधानी है इंफाल। मणिपुर के पड़ोसी राज्य हैं: उत्तर में नागालैंड और दक्षिण में मिज़ोरम, पश्चिम में असम; और पूर्व में इसकी सीमा म्यांमार से मिलती है। इसका क्षेत्रफल 22,347 वर्ग कि.मी (8,628 वर्ग मील) है। यहां के मूल निवासी मेइती जनजाति के लोग हैं, जो यहां के घाटी क्षेत्र में रहते हैं। इनकी भाषा मेइतिलोन है, जिसे मणिपुरी भाषा भी कहते हैं। यह भाषा १९९२ में भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में जोड़ी गई है और इस प्रकार इसे एक राष्ट्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त हो गया है। यहां के पर्वतीय क्षेत्रों में नागा व कुकी जनजाति के लोग रहते हैं। मणिपुरी को एक संवेदनशील सीमावर्ती राज्य माना जाता है। .

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मालदीव

मालदीव या (Dhivehi: ދ ި ވ ެ ހ ި ރ ާ އ ް ޖ ެ Dhivehi Raa'je) या मालदीव द्वीप समूह, आधिकारिक तौर पर मालदीव गणराज्य, हिंद महासागर में स्थित एक द्वीप देश है, जो मिनिकॉय आईलेंड और चागोस अर्किपेलेगो के बीच 26 प्रवाल द्वीपों की एक दोहरी चेन, जिसका फेलाव भारत के लक्षद्वीप टापू की उत्तर-दक्षिण दिशा में है, से बना है। यह लक्षद्वीप सागर में स्थित है, श्री लंका की दक्षिण-पश्चिमी दिशा से करीब सात सौ किलोमीटर (435 mi) पर.

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माले

माले (धिवेही: މާލެ), जनसंख्या 153379 (2014), मालदीव की राजधानी है। पारंपरिक रूप से यह प्राचीन मालदीव शाही राजवंश का राजद्वीप था। पहले यह किले व दीवारों से घिरा रहता था। यद्दपि माले भौगोलिक रूप से माले अटोल,काफू अटोल, मे स्थित है परन्तु प्रशासकीय रूप से इसे उसका हिस्सा नही माना जाता है। एक व्यापारिक बंदरगाह द्वीप मे स्थित है, यह राष्ट्र कि सारी वाणिज्यिक चहल पहल का प्रमुख ठिकाना है। द्वीप का अधिकतम भाग नगरीकृत है। यह विश्व का सबसे घनी आबादी वाला शहर है नगर को चार भागों मे बाटा गया है;हेनवीरू, गालोल्हू, माफान्नू व मैक्चांगोल्ही। पास क विलिंगिली, पूर्व पर्यटक स्थल, को सर्कारी रूप से पाँचवा भाग माना जाता है। .

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लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम

कोई विवरण नहीं।

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श्रीलंका

श्रीलंका (आधिकारिक नाम श्रीलंका समाजवादी जनतांत्रिक गणराज्य) दक्षिण एशिया में हिन्द महासागर के उत्तरी भाग में स्थित एक द्वीपीय देश है। भारत के दक्षिण में स्थित इस देश की दूरी भारत से मात्र ३१ किलोमीटर है। १९७२ तक इसका नाम सीलोन (अंग्रेजी:Ceylon) था, जिसे १९७२ में बदलकर लंका तथा १९७८ में इसके आगे सम्मानसूचक शब्द "श्री" जोड़कर श्रीलंका कर दिया गया। श्रीलंका का सबसे बड़ा नगर कोलम्बो समुद्री परिवहन की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण बन्दरगाह है। .

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सियाचिन विवाद

सियाचिन हिमनद के लिये देखें सियाचिन हिमनद सियाचिन ग्लेशियर या सियाचिन हिमनद हिमालय पूर्वी कराकोरम रेंज में भारत-पाक नियंत्रण रेखा के पास लगभग देशान्तर: ७७.१० पूर्व, अक्षांश: ३५.४२ उत्तर पर स्थित है। यह काराकोरम के पांच बड़े हिमनदों में सबसे बड़ा और विश्व का दूसरा सबसे बड़ा हिमनद है। समुद्र तल से इसकी ऊँचाई इसके स्रोत्र इंदिरा कोल पर लगभग 5753 मीटर और अंतिम छोर पर 3620 मीटर है। यह लगभग ७० किमी लम्बा है। निकटवर्ती क्षेत्र बाल्टिस्तान की बोली बाल्टी में "सिया" का अर्थ है एक प्रकार का "जंगली गुलाब" और "चुन" का अर्थ है "बहुतायत", इसी से यह नाम प्रचलित हुआ। सामरिक रूप से यह भारत और पाकिस्तान के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह विश्व का सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र है। इस पर सेनाएँ तैनात रखना दोनों ही देशों के लिए महंगा सौदा साबित हो रहा है। सूत्रों का कहना है कि सियाचिन में भारत के १० हजार सैनिक तैनात हैं और इनके रखरखाव पर प्रतिदिन ५ करोड़ रुपये का खर्च आता है। सियाचीन समुद्र तल से करीब 5,753 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। कश्मीर क्षेत्र में स्थित इस ग्लेशियर पर भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद है। सियाचिन विवाद को लेकर पाकिस्तान, भारत पर आरोप लगाता है कि 1989 में दोनों देशों के बीच यह सहमति हुई थी कि भारत अपनी पुरानी स्थिति पर वापस लौट जाए लेकिन भारत ने ऐसा कुछ भी नहीं किया। पाकिस्तान का कहना है कि सियाचिन ग्लेशियर में जहां पाकिस्तानी सेना हुआ करती थी वहां भारतीय सेना ने 1984 में कब्जा कर लिया था। उस समय पाकिस्तान में जनरल जियाउल हक का शासन था। पाकिस्तान तभी से कहता रहा है कि भारतीय सेना ने 1972 के शिमला समझौते और उससे पहले 1949 में हुए करांची समझौते का उलंघन किया है। पाकिस्तान की मांग रही है कि भारतीय सेना 1972 की स्थिति पर वापस जाए और वे इलाके खाली करे जिन पर उसने कब्जा कर रखा है। क़रीब 18000 फुट की ऊँचाई पर स्थित दुनिया के सबसे ऊँचे रणक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर पर सैन्य गतिविधियाँ बंद करने के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच क़रीब सात साल बाद एक बार फिर बातचीत हुई है। इस बातचीत में भारतीय रक्षा सचिव अजय विक्रम सिंह भारतीय दल के मुखिया थे जबकि पाकिस्तानी शिष्टमंडल का नेतृत्व वहाँ के रक्षा सचिव सेवानिवृत्त लैफ़्टिनेंट जनरल हामिद नवाज़ ख़ान ने किया। उजाड़, वीरान और बर्फ़ से ढका यह ग्लेशियर यानी हिमनद सामरिक रूप से दोनों ही देशों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है लेकिन इस पर सेनाएँ तैनात रखना दोनों ही देशों के लिए महंगा सौदा साबित हो रहा है। इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच 1989 तक सात दौर की वार्ता हुई थी लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। पिछले सात सालों में सियाचिन पर यह पहली बातचीत है जिसे सकारात्मक कहा जा रहा है। गुरूवार को बातचीत के पहले दौर के बाद पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने रक्षा मंत्री प्रणब मुखर्जी से भी मुलाक़ात भी की है। .

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सिक्किम का इतिहास

गुरु रिन्पोचे, सिक्किम के संरक्षक सन्त की मूर्ति. नाम्ची की मूर्ति ११८ फ़ीट पर विश्व में उनकी सबसे ऊँची मूर्ति है। बौद्ध भिक्षु गुरु रिन्पोचे का ८वीँ सदी में सिक्किम दौरा सिक्किम से सम्बन्धित सबसे प्राचीन विवरण है। अभिलेखित है कि उन्होंने बौद्ध धर्म का प्रचार किया, सिक्किम को आशीष दिया तथा कुछ सदियों पश्चात आने वाले राज्य की भविष्यवाणी करी। मान्यता के अनुसार १४वीँ सदी में ख्ये बुम्सा, पूर्वी तिब्बत में खाम के मिन्यक महल के एक राजकुमार को एक रात दैवीय दृष्टि के अनुसार दक्षिण की ओर जाने का आदेश मिला। इनके ही वंशजों ने सिक्किम की राजतन्त्र की स्थापना करी। १६४२ में ख्ये के पाँचवें वंशज फुन्त्सोंग नामग्याल को तीन बौद्ध भिक्षु- जो कि उत्तर, पूर्व तथा दक्षिण से आये थे, द्वारा सिक्किम का प्रथम चोग्याल(राजा) घोषित किया गया। इस प्रकार सिक्किम में राजतन्त्र का आरम्भ हुआ। फुन्त्सोंग नामग्याल के पुत्र, तेन्सुंग नामग्याल ने उनके पश्चात १६७० में कार्य-भार संभाला। तेन्सुंग ने राजधानी को युक्सोम से रबदेन्त्से स्थानान्तरित कर दिया। १७०० में सिक्किम पर भूटान का आक्रमण हुआ जिसमें चोग्याल की अर्ध-बहन था, जिसको राज-गद्दी से वंचित कर दिया गया था। तिब्बतियों की सहयता से चोग्याल को राज-गद्दी पुनः सौँप दी गयी। १७१७ तथा १७३३ के बीच में सिक्किम को नेपाल तथा भूटान के अनेक आक्रमणों का सामना करना पड़ा जिसके कारण अन्तत: रबदेन्त्से का पतन हो गया। सिक्किम के पुराने राजशाही का ध्वज .

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जम्मू और कश्मीर

जम्मू और कश्मीर भारत के सबसे उत्तर में स्थित राज्य है। पाकिस्तान इसके उत्तरी इलाके ("पाक अधिकृत कश्मीर") या तथाकथित "आज़ाद कश्मीर" के हिस्सों पर क़ाबिज़ है, जबकि चीन ने अक्साई चिन पर कब्ज़ा किया हुआ है। भारत इन कब्ज़ों को अवैध मानता है जबकि पाकिस्तान भारतीय जम्मू और कश्मीर को एक विवादित क्षेत्र मानता है। राज्य की आधिकारिक भाषा उर्दू है। जम्मू नगर जम्मू प्रांत का सबसे बड़ा नगर तथा जम्मू-कश्मीर राज्य की जाड़े की राजधानी है। वहीं कश्मीर में स्थित श्रीनगर गर्मी के मौसम में राज्य की राजधानी रहती है। जम्मू और कश्मीर में जम्मू (पूंछ सहित), कश्मीर, लद्दाख, बल्तिस्तान एवं गिलगित के क्षेत्र सम्मिलित हैं। इस राज्य का पाकिस्तान अधिकृत भाग को लेकर क्षेत्रफल 2,22,236 वर्ग कि॰मी॰ एवं उसे 1,38,124 वर्ग कि॰मी॰ है। यहाँ के निवासियों अधिकांश मुसलमान हैं, किंतु उनकी रहन-सहन, रीति-रिवाज एवं संस्कृति पर हिंदू धर्म की पर्याप्त छाप है। कश्मीर के सीमांत क्षेत्र पाकिस्तान, अफगानिस्तान, सिंक्यांग तथा तिब्बत से मिले हुए हैं। कश्मीर भारत का महत्वपूर्ण राज्य है। .

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जाफना

जाफना (तमिल: யாழ்ப்பாணம் Yalpanam, सिंहल: යාපනය Yāpanaya) श्री लंका के उत्तरी प्रान्त राजधानी है। यह जाफना जिले का मुख्यालय भी है। इसकी जनसंख्या 88,138 है तथा यह श्री लंका का वारहवाँ सबसे बड़ा नगर है। श्रेणी:श्रीलंका.

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गोवा

right गोवा या गोआ (कोंकणी: गोंय), क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे छोटा और जनसंख्या के हिसाब से चौथा सबसे छोटा राज्य है। पूरी दुनिया में गोवा अपने खूबसूरत समुंदर के किनारों और मशहूर स्थापत्य के लिये जाना जाता है। गोवा पहले पुर्तगाल का एक उपनिवेश था। पुर्तगालियों ने गोवा पर लगभग 450 सालों तक शासन किया और दिसंबर 1961 में यह भारतीय प्रशासन को सौंपा गया। .

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ऑपरेशन पोलो

ऑपरेशन पोलो सितम्बर 1948 को भारतीय सेना के गुप्त ऑपरेशन का नाम था जिसमें हैदराबाद के आखिरी निजाम को सत्ता से अपदस्त कर दिया गया और हैदराबाद को भारत का हिस्सा बना लिया गया। ध्यातव्य है कि भारत की स्वतंत्रता के बाद जब भारतीय संघ का गठन हो रहा था, हैदराबाद के निजाम ने भारत के बीच में होते हुए भी स्वतंत्र देश रहने की ही कवायत शुरू की थी। विभाजन के दौरान हैदराबाद भी उन शाही घरानो में से था जिन्हे पूर्ण आजादी दी गई थी हालाँकि 1948 में उनके पास दो ही विकल्प बचे थे भारत या पाकिस्तान में शामिल होना। ज्यादातर हिन्दू आबादी वाले राज्य के मुस्लिम शासक और आखिरी निजाम ओस्मान अली खान ने आजाद रहने फैसला किया और अपने साधारण सेना के बल पर राज करने का फैसला किया। निजाम ने ज्यादातर मुस्लिम सैनिको वाली राज़करास सेना बनाई। भारत सरकार उत्सुकता से हैदराबाद की तरफ देख रही थी और सोच रही थी की हैदराबाद के निजाम खुद भारत संघ में सम्मिलित हो जायेंगे। लेकिन राज़करास सेना की दुर्दांतता के कारण सरदार पटेल ने हैदराबाद को जबरदस्ती कब्जाने का फैसला किया था। सरदार पटेल ने ये काम पुलिस के द्वारा किया जिसमे सिर्फ पांच दिन लगे राज़करास की मुस्लिम सेना आसानी से हार गई। अभियान के दौरान व्यापक तौर पर जातिगत हिंसा हुई थी, अभियान समाप्ति के बाद नेहरू ने इसपे जाँच के लिए एक कमिटी बनाई थी जिसकी रिपोर्ट साल 2014 सार्वजनिक हुई। अर्थात रिपोर्ट को जारी ही नहीं किया गया था, रिपोर्ट बनाने के लिए सुन्दरलाल कमिटी बानी थी, रिपोर्ट के मुताबिक इस अभियान में 27 से 40 हजार जाने गई थी हालाँकि जानकार ये आंकड़ा दो लाख से भी ज्यादा बताते हैं। मुस्लिम लीग के निर्माता जिन्ना के प्रभाव में हैदराबाद के निजाम नवाब बहादुर जंग ने लोकतंत्र को नहीं माना था, नवाब ने काज़मी रज्मी को जो की एमआईएम (मजलिसे एत्तहुड मुस्लिमीन) का प्रमुख लीडर था ने राजकारस सेना बनाई थी जो करीब दो लाख क तादात में थी। मुस्लिम आबादी बढ़ने के लिए उसने हैदराबाद में लूटपाट मचा दी थी, जबरन इस्लाम हिन्दू औरतो के रेप सामूहिक हत्याकांड करने शुरू कर दिए थे। क्योंकि हिन्दू हैदराबाद को भारत में चाहते हे मीरपुर नौखालिया नरसंहार (मुसलमानों ने किया हिन्दुओ पे) उनके जहाँ में थे। पांच हजार से ज्यादा हिन्दुओ को राजकारस मार चुके थे जो की आधिकारिक आंकड़े है, हैदराबाद के निजाम को पाकिस्तान से म्यांमार के रास्ते लगातार हथियार और पैसे की मदद मिल रही थी। ऑस्ट्रेलिया की कंपनी भी उन्हें हथियार सप्लाई कर रही थी, तब पटेल ने तय किया की इस तरह तो हैदराबाद भारत के दिल में नासूर बन जायेगा और तब आर्मी ऑपरेशन पोलो को प्लान किया गया। कहा जाता है कि ऑपरेशन के बाद में हर जगह सेना ने मुसलमानों को शिनाख्त कर कर के मौत के घाट उत्तर दिया था। इसीलिए आज तक ये रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई चुनावो से पहले कांग्रेस ने साम्प्रदायिक फायदा उठाने के लिए शायद इसको बहार निकला था। .

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ऑपरेशन ब्लू स्टार

आपरेशन ब्लू स्टार भारतीय सेना द्वारा 3 से 6 जून 1984 को अमृतसर (पंजाब, भारत) स्थित हरिमंदिर साहिब परिसर को ख़ालिस्तान समर्थक जनरैल सिंह भिंडरावाले और उनके समर्थकों से मुक्त कराने के लिए चलाया गया अभियान था। पंजाब में भिंडरावाले के नेतृत्व में अलगाववादी ताकतें सशक्त हो रही थीं जिन्हें पाकिस्तान से समर्थन मिल रहा था। .

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ऑपरेशन मैत्री

ऑपरेशन मैत्री ( अंग्रेज़ी : ऑपरेशन एमिटी) 2015 में नेपाल में आये भूकम्प में बचाव और राहत अभियान था जिसे भारत सरकार ने भारतीय सशस्त्र बालों द्वारा चलाया था। भारत की प्रतिक्रिया भूकंप के 15 मिनट के भीतर शुरू हो गयी थी। इसे 26 अप्रैल को राहत और बचाव के लिए भारत की गोरखा रेजिमेंट ने शुरू किया और इसमें नेपाल के पूर्व सैनिकों को भी शामिल किया गया। .

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ऑपरेशन राहत

ऑपरेशन राहत उत्तर भारत बाढ़ २०१३ से प्रभावित नागरिकों को निकालने के लिए भारतीय वायुसेना के बचाव अभियान का सांकेतिक नाम दिया गया। भारी बारिश ने 16 जून को उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश राज्य में काफी विकाराल रूप धारण कर लिया जिसकी वजह से तीर्थयात्रियों सहित हजारों लोग विभिन्न घाटियों में फंस गए। राहत कार्य के लिए भारतीय वायुसेना की सहायता मांगी गई। पश्चिमी वायु कमान (डब्ल्यूएसी) मुख्यालय ने विभिन्न राज्यों द्वारा बाढ़ से राहत संबंधी सहायता के अनुरोध पर त्वरित प्रतिक्रिया की है। इसके साथ ही वायुसेना ने यमुनानगर, केदारनाथ-बद्रीनाथ क्षेत्र, रूद्रप्रयाग घाटी, किन्नौरजिले के करचम-पुह क्षेत्र में बचाव कार्य शुरू कर दिया। सरसवा वायुसेना स्टेशन को इस अभियान के लिए केन्द्र बनाया गया जहां भटिंडा और हिंडन से हेलीकॉप्टर लाए गए। हाल ही में शामिल एमआई-17 वी5 सहित मध्यम भार वहन करने वाले अनेक हेलीकॉप्टरों को 17 जून को खराब मौसम के बावजूद देहरादून के जॉलीग्रांट हैलीपैड पर स्थित किया गया। एमआई-17 वी 5 द्वारा 17 जून को करनाल क्षेत्र से 36 लोगों को बचाया गया। इसके अलावा 15 बच्चों सहित 21 यात्रियों को नाकुड़ से बचाया गया। 18 जून को हिमाचल प्रदेश के रामपुर-रेकोन्गपिओ क्षेत्र में एनडीआरएफ टीम के साथ ही दो अतिरिक्त एमआई-17 वी 5 हेलीकॉप्टरों की सेवा ली गई। 25 जून 2013 की हेलीकॉप्‍टर दुर्घटना के बावजूद वायुसेना उत्‍तराखण्‍ड के राहतकार्यों में जुटी हुई है। वायुसेना अध्‍यक्ष एयर चीफ मार्शल एन ए के ब्राउन ने कहा कि जिन लोगों की जान गई है उनकी याद में हमें इस राहत कार्य को जारी रखना होगा। बाढ़ग्रस्‍त क्षेत्रों में हेलीकॉप्‍टर सेवाओं के सफल प्रयोग की योजना बनाने के लिए हिन्‍डन से सुबह एक सी 130 जे ने रेकी उड़ान भरी। धरासु और पिथौरागढ़ से लगातार 6 एमआई-17 वी 5 एस, दो ए एल एच और एक एमआई एल 7 हर्षिल से – मनेरी-धरासु और धारचूला-मीलम तथा काली-रामगंगा क्षेत्र में उडा़न भर रहे हैं। सुबह से दोपहर दो बजे तक वायुसेना ने 64 संक्षिप्‍त यात्राएं की और 636 लोगों को सुरक्षित स्‍थानों तक पहुंचाया। 17 जून 2013 से लेकर 25 जून-2013 तक वायुसेना ने 1540 उड़ाने भरीं और लगभग 13,052 तीर्थ यात्रियों को बचाने और 2, 16, 310 किलोग्राम राहत सामग्री को पहुंचाने का महत्‍वपूर्ण काम किया। .

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कारगिल ज़िला

कारगिल भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर का एक जिला है। जिले का मुख्यालय कारगिल है। यह द्रास से 58 किमी, श्रीनगर से 220 किमी, लेह से 234 किमी, पादुम से 240 किमी तथा दिल्ली से 1067 किमी की दूरी पर स्थित है। क्षेत्रफल - 14,036 वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - (2001 जनगणना) साक्षरता - एस॰टी॰डी॰ कोड - 01985 जिलाधिकारी - (सितम्बर 2006 में) समुद्र तल से उचाई - अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व औसत वर्षा - मि.मि.

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१९४७ का भारत-पाक युद्ध

भारत और पाकिस्तान के बीच प्रथम युद्ध सन् १९४७ में हुआ था। यह कश्मीर को लेकर हुआ था जो १९४७-४८ के दौरान चला। .

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१९६५ का भारत-पाक युद्ध

१९६५ का भारत-पाक युद्ध उन मुठभेड़ों का नाम है जो दोनों देशों के बीच अप्रैल १९६५ से सितम्बर १९६५ के बीच हुई थी। इसे कश्मीर के दूसरे युद्ध के नाम से भी जाना जाता है। भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू और कश्मीर राज्य पर अधिकार के लिये बँटवारे के समय से ही विवाद चल रहा है। १९४७ में भारत-पाकिस्तान के बीच प्रथम युद्ध भी कश्मीर के लिये ही हुआ था। इस लड़ाई की शुरूआत पाकिस्तान ने अपने सैनिकों को घुसपैठियों के रूप में भेज कर इस उम्मीद में की थी कि कश्मीर की जनता भारत के खिलाफ विद्रोह कर देगी। इस अभियान का नाम पाकिस्तान ने युद्धभियान जिब्राल्टर रखा था। पांच महीने तक चलने वाले इस युद्ध में दोनों पक्षों के हजारों लोग मारे गये। इस युद्ध का अंत संयुक्त राष्ट्र के द्वारा युद्ध विराम की घोषणा के साथ हुआ और ताशकंद में दोनों पक्षों में समझौता हुआ। इस लड़ाई का अधिकांश हिस्सा दोनों पक्षों की थल सेना ने लड़ा। कारगिल युद्ध के पहले कश्मीर के विषय में कभी इतना बड़ा सैनिक जमावड़ा नहीं हुआ था। युद्ध में पैदल और बख्तरबंद टुकड़ियों ने वायुसेना की मदद से अनेक अभियानों में हिस्सा लिया। दोनो पक्षो के बीच हुए अनेक युद्धों की तरह इस युद्ध की अनेक जानकारियां दोनों पक्षों ने सार्वजनिक नहीं की। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

Military operations of India

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