8 संबंधों: बैंक, भारतीय, वित्त, वित्त आयोग, वित्तीय प्रणाली, विदेशी मुद्रा बाज़ार, अर्थशास्त्र, ऋण।
बैंक
जर्मनी के फ्रैंकफुर्त में डश-बैंक बैंक (Bank) उस वित्तीय संस्था को कहते हैं जो जनता से धनराशि जमा करने तथा जनता को ऋण देने का काम करती है। लोग अपनी अपनी बचत राशि को सुरक्षा की दृष्टि से अथवा ब्याज कमाने के हेतु इन संस्थाओं में जमा करते और आवश्यकतानुसार समय समय पर निकालते रहते हैं। बैंक इस प्रकार जमा से प्राप्त राशि को व्यापारियों एवं व्यवसायियों को ऋण देकर ब्याज कमाते हैं। आर्थिक आयोजन के वर्तमान युग में कृषि, उद्योग एवं व्यापार के विकास के लिए बैंक एवं बैंकिंग व्यवस्था एक अनिवार्य आवश्यकता मानी जाती है। राशि जमा रखने तथा ऋण प्रदान करने के अतिरिक्त बैंक अन्य काम भी करते हैं जैसे, सुरक्षा के लिए लोगों से उनके आभूषणादि बहुमूल्य वस्तुएँ जमा रखना, अपने ग्राहकों के लिए उनके चेकों का संग्रहण करना, व्यापारिक बिलों की कटौती करना, एजेंसी का काम करना, गुप्त रीति से ग्राहकों की आर्थिक स्थिति की जानकारी लेना देना। अत: बैंक केवल मुद्रा का लेन देन ही नहीं करते वरन् साख का व्यवहार भी करते हैं। इसीलिए बैंक को साख का सृजनकर्ता भी कहा जाता है। बैंक देश की बिखरी और निठल्ली संपत्ति को केंद्रित करके देश में उत्पादन के कार्यों में लगाते हैं जिससे पूँजी निर्माण को प्रोत्साहन मिलता है और उत्पादन की प्रगति में सहायता मिलती है। भारतीय बैंकिग कंपनी कानून, १९४९ के अंतर्गत बैंक की परिभाषा निम्न शब्दों में दी गई हैं: एक ही बैंक के लिए व्यापार, वाणिज्य, उद्योग तथा कृषि की समुचित वित्तव्यवस्था करना असंभव नहीं तो कठिन अवश्य होता है। अतएव विशिष्ट कार्यों के लिए अलग अलग बैंक स्थापित किए जाते हैं जैसे व्यापारिक बैंक, कृषि बैंक, औद्योगिक बैंक, विदेशी विनिमय बैंक तथा बचत बैंक। इन सब प्रकार के बैंकों को नियमपूर्वक चलाने तथा उनमें पारस्परिक तालमेल बनाए रखने के लिए केंद्रीय बैंक होता है जो देश भर की बैंकिंग व्यवस्था का संचालन करता है। समय के साथ कई अन्य वित्तीय गतिविधियाँ जुड़ गईं। उदाहरण के लिए बैंक वित्तीय बाजारों में महत्वपूर्ण खिलाडी हैं और निवेश फंड जैसे वित्तीय सेवाओं की पेशकश कर रहे हैं। कुछ देशों (जैसे जर्मनी) में बैंक औद्योगिक निगमों के प्राथमिक मालिक हैं, जबकि अन्य देशों (जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका) में बैंक गैर वित्तीय कंपनियों स्वक्मित्व से निषिद्ध रहे हैं। जापान में बैंक को आमतौर पर पार शेयर होल्डिंग इकाई (ज़ाइबत्सू) के रूप में पहचाना जाता है। फ़्रांस में अधिकांश बैंक अपने ग्राहकों को बिमा सेवा प्रदान करते हैं। .
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भारतीय
भारत देश के निवासियों को भारतीय कहा जाता है। भारत को हिन्दुस्तान नाम से भी पुकारा जाता है और इसीलिये भारतीयों को हिन्दुस्तानी भी कहतें है।.
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वित्त
सरल रूप में वित्त (Finance) की परिभाषा 'धन या कोश (फण्ड) के प्रबन्धन' के रूप में की जाती है। किन्तु आधुनिक वित्त अनेकों वाणिज्यिक कार्यविधियों का एक समूह है। चूंकि व्यक्ति, व्यापार संस्थान तथा सरकार सभी के काम करने के लिये वित्त अत्यावश्यक है, इसलिये वित्त के क्षेत्र को भी तीन प्रकार से विभाजित किया जाता है-.
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वित्त आयोग
भारतीय वित्त आयोग की स्थापना १९५१ में की गयी थी। इसकी स्थापना का उद्देश्य भारत के केन्द्रीय सरकार एवं राज सरकारों के बीच वित्तीय सम्बन्धों को पारिषित करना था। वित्त आयोग प्रत्येक पाँच वर्ष बाद नियुक्त किया जाता है। अभी तक १५ वित्त आयोग नियुक्त किए जा चुके हैं। २०१७ में नवीनतम वित्त आयोग एन के सिंह (भारतीय योजना आयोग के भूतपूर्व सदस्य) की अध्यक्षता में स्थापित किया गया था। .
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वित्तीय प्रणाली
वित्तीय प्रणाली (financial system) वह प्रणाली है जो जमाकर्ताओं, निवेशकर्ताओं तथा मांगकर्ताओं के बीच फंड का आवागमन कराती है। वित्तीय प्रणालियाँ वैश्विक स्तर पर, राष्ट्रीय स्तर पर और फर्म के स्तर पर काम करने वाली हो सकतीं हैं। वित्तीय प्रणालियाँ जटिल, आपस में निकटता से जुड़ी हुईं सेवाओं, बाजारों एवं संस्थाओं से मिलकर बनी होती हैं। .
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विदेशी मुद्रा बाज़ार
विदेशी मुद्रा बाजार, विश्व की मुद्राओं के क्रय-विक्रय (व्यापार) का बाजार है जो विकेन्द्रित, चौबीसों घंटे चलने वाला, काउन्टर पर किया जाने वाले (over the counter) कारोबार है। अन्य वित्तीय बाजारों की अपेक्षा यह बहुत नया है और पिछली शताब्दी में सत्तर के दशक में आरम्भ हुआ। फिर भी सम्पूर्ण कारोबार की दृष्टि से यह सबसे बड़ा बाजार है। विदेशी मुद्राओं में प्रतिदिन लगभग ४ ट्रिलियन अमेरिकी डालर के तुल्य कामकाज होता है। अन्य बाजारों की तुलना में यह सबसे अधिक स्थायित्व वाला बाजार है। .
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अर्थशास्त्र
---- विश्व के विभिन्न देशों की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर (सन २०१४) अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग का अध्ययन किया जाता है। 'अर्थशास्त्र' शब्द संस्कृत शब्दों अर्थ (धन) और शास्त्र की संधि से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है - 'धन का अध्ययन'। किसी विषय के संबंध में मनुष्यों के कार्यो के क्रमबद्ध ज्ञान को उस विषय का शास्त्र कहते हैं, इसलिए अर्थशास्त्र में मनुष्यों के अर्थसंबंधी कायों का क्रमबद्ध ज्ञान होना आवश्यक है। अर्थशास्त्र का प्रयोग यह समझने के लिये भी किया जाता है कि अर्थव्यवस्था किस तरह से कार्य करती है और समाज में विभिन्न वर्गों का आर्थिक सम्बन्ध कैसा है। अर्थशास्त्रीय विवेचना का प्रयोग समाज से सम्बन्धित विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे:- अपराध, शिक्षा, परिवार, स्वास्थ्य, कानून, राजनीति, धर्म, सामाजिक संस्थान और युद्ध इत्यदि। प्रो.
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ऋण
ऋण वह है, जो किसी से माँगा या लिया जाता है; सामान्यतः यह ली गयी संपत्ति को व्यक्त करता है, लेकिन यह शब्द धन की आवश्यकता के परे नैतिक दायित्व एवं अन्य पारस्परिक क्रियाओं को भी व्यक्त करता है। परिसंपत्तियों के मामले में, ऋण कुल जोड़ अर्जित होने के पूर्व वर्तमान में भविष्य की क्रय शक्ति के प्रयोग का माध्यम है। कुछ कंपनियां एवं निगम ऋण का प्रयोग अपनी संपूर्ण संगठित (कॉरपोरेट) वित्तीय योजनाओं के भाग के रूप में करते हैं। ऋण तब सृजित होता है जब एक ऋणदाता एक ऋण प्राप्तकर्ता या ऋणी को कुछ परिसंपत्ति प्रदान करता है। आधुनिक समाज में, सामान्यतः ऋण को अपेक्षित पुनर्भुगतान के साथ प्रदान किया जाता है; ज़्यादातर मामलों में, ब्याज सहित.