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भारतीय रंगकर्मी

सूची भारतीय रंगकर्मी

गिरीश कर्नाड •ह्बीब तनवीर •इब्राहीम अलकाजी •अरविन्द गौड़ •नादिरा बब्बर • सत्यदेव दुबे •राम गोपाल बजाज •मल्लिका साराभाई • स्वदेश दीपक •सफ़दर हाशमी •महेश दत्ताणी • प्रसन्ना • विजय तेंडुलकर * गोविंद पुरुषोत्तम देशपांडे •नाग बोडस •प्रिया तेंडुलकर •रतन थियम•जे. एन. कौशल.

18 संबंधों: नादिरा बब्बर, नाग बोडस, प्रसन्ना, प्रिया तेंडुलकर, मल्लिका साराभाई, महेश दत्ताणी, रतन थियम, राम गोपाल बजाज, सत्यदेव दुबे, सफ़दर हाशमी, स्वदेश दीपक, हबीब तनवीर, जे० ऍन० कौशल, विजय तेंडुलकर, गिरीश कर्नाड, गोविंद पुरुषोत्तम देशपांडे, इब्राहीम अलकाजी, अरविन्द गौड़

नादिरा बब्बर

thumb नादिरा जहीर बब्बर हिन्दी फ़िल्म व नाटकों में अभिनय के लिए जानी जाती हैं। उनकी अपनी एक नाट्य संस्था है जिसका नाम एकजुट है। वे हिन्दी फिल्मों के अभिनेता व राजनेता राज बब्बर की पत्नी हैं। राज से उनका एक पुत्र आर्य व पुत्री जूही हैं। नादिरा को २००१ में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से नवाज़ा जा चुका है। हाल ही में उन्होंने गुरिंदर चड्ढ़ा की फ़िल्म ब्राइड एंड प्रिजुडिस में एश्वर्य राय की माँ की भूमिका अदा की थी। श्रेणी:भारतीय रंगकर्मी श्रेणी:भारतीय अभिनेत्री.

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नाग बोडस

नाग बोडस एक लोकप्रिय भारतीय नाटककार और हिन्दी कथाकार थे। प्रमुख नाटक.

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प्रसन्ना

प्रसन्ना-(जन्म 1951), प्रमुख भारतीय रंगमंच निर्देशक और नाटककार। वह एक आधुनिक कन्नड़ थिएटर के अग्रदूत और् नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) के स्नातक है। वह कर्नाटक की नाट्य संस्था समुदाय के संस्थापक है। सातवे दशक मैं प्रसन्ना ने कन्नड़ रंगमंच को एक रचनात्मक दिशा दी। वह एक कन्नड़ नाटककार, उपन्यासकार और कवि भी है। प्रसन्ना अपने सांगठनिक कौशल और नए विचारों के लिए रंगमंच मैं जाने जाते हैं। प्रसन्ना को निर्देशन के लिये संगीत नाटक अकादमी सम्मान मिला है। आपने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के लिए नाटकों का निर्देशन किया है। प्रसन्ना ने निनासम, रंगमंडल-भोपाल, रन्गाय और भारत के कई थियेटर संगठनों के साथ काम किया है। .

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प्रिया तेंडुलकर

भारत की पहली टीवी स्टार प्रिया तेंडुलकर ने अनेक फिल्मों व टीवी धारावाहिकों में भूमिका निभाई पर संभवतः वे संपूर्ण जीवन अपने सबसे पहले टीवी अवतार "रजनी" के नाम से ही बेहतर पहचानी जाती रहीं। 1985 में निर्मित व बासू चटर्जी द्वारा निर्देशित इस धारावाहिक में उन्होंने भ्रष्टाचार और सामाजिक बुराइयों के खिलाफ बेखौफ आवाज़ उठाने वाली एक साधारण गृहणी का किरदार निभाया था। वह लेखिका भी थी। प्रिया प्रसिद्ध नाटककार विजय तेंडुलकर की सुपुत्री थीं। उनका जन्म 19 अक्टुबर, 1954 को हुआ, उनकी दो बहनें और एक भाई था। प्रिया का विवाह अभिनेता व लेखक करण राजदान से 1988 में हुआ। पर यह विवाह सात साल ही चल सका और इसके बाद उनका संबंध विच्छेद हो गया। करण व प्रिया ने "रजनी" और "किस्से मियाँ बीवी के" धारावाहिकों में पती पत्नी के वास्तविक जीवन के किरदार भी निभाये। 1974 में श्याम बेनेगल की फिल्म अंकुर में निभाई भूमिका के कारण प्रिया के अभिनेता अनंत नाग से भी संबंध जोड़े जाते रहे। प्रिया का प्रारंभ से ही अभिनय की और झुकाव था। 1939 में जब वे स्कूल में थीं, उन्होंने सत्यदेव दुबे के निर्देशन तले गिरीश कर्नाड के लिखे पौराणिक नाटक "हयवदन" में गुड़िया की भूमिका निभाई। इस नाटक में निर्देशिका कल्पना लाज़मी उनकी सह कलाकार थीं। इसके बाद पिग्मेलियन, अंजी, कमला, कन्यादान, सखाराम बाइंडर, ती फूलराणी, एक हठी मुलगी जैसे अनेकों मराठी नाटकों में उन्होंने भूमिकायें कीं। प्रिया ने टीवी पर जहाँ गुलज़ार निर्देशित स्वयंसिद्ध जैसे नारीवादी धारावाहिक में काम किया वहीं "हम पाँच" जैसे हास्य धारावाहिक में फोटो फ्रेम से बोलती मृत बीवी की भूमिका भी अदा की और "द प्रिया तेंडुलकर शो" और "ज़िम्मेदार कौन" जैसे सफल टॉक शो भी किये जिसमें वे काफी आक्रामक तेवर के लिये जानी जाती थीं। अंकुर, मोहरा और त्रिमूर्ती जैसी कुछ हिन्दी फिल्मों में भी उन्होंने काम किया पर कोई उल्लेखनीय भूमिकायें नहीं। शायद "रजनी" के किरदार और अपने पिता का ही प्रभाव था कि प्रिया सामाजिक मुद्दों के प्रति सदा जागरूक रहीं। उनका व्यक्तित्व खुला और साहसी था। "द प्रिया तेंडुलकर शो" की बुलंदी पर शिवसेना समेत कई राजनीतिक दलों ने उन्हें अपने दल में शामिल करने का प्रयास किया पर वे मन नहीं बना पाईं। वे स्वयं लघु कथायें लिखती रहती थीं। ज्याचा त्याचा प्रश्न, जन्मलेला प्रत्येकला, असंही व पंचतारांकित उनकी कुछ कृतियाँ हैं, जिनमें से कुछ पुरस्कृत भी हुईं। 19 सितंबर, 2002 में 47 वर्ष की अल्पायु में उनका हृदयाघात से देहांत हो गया। वे कुछ समय कैंसर से भी लड़ती रहीं। उनकी असमय मृत्यु पर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा, "रजनी के रूप में उनकी जिहादी भूमिका ने अनेक सामाजिक मुद्दों को मुखरित किया"। .

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मल्लिका साराभाई

मल्लिका साराभाई मल्लिका साराभाई (1954 -) एक मशहूर कूचिपूडि, भरतनाट्यम् नर्तकी, मन्च अभिनेत्री, निदेशक और एक सामाजिक कार्यकर्ता है। मल्लिका, नर्तकी मृणालिनी साराभाई और प्रमुख अंतरिक्ष वैज्ञानिक विक्रम साराभाई की बेटी है। समानांतर सिनेमा से अपने फिल्मी जीवन की शुरुआत की। मल्लिका ने पीटर ब्रुक के नाटक महाभारत में द्रोपदी की भूमिका निभाई। इस नाटक पर बाद मै फिल्म भी बनी। मल्लिका, दर्पणा अकादमी ऑफ आर्टस् (अहमदाबाद) की निदेशक भी है। मल्लिका साराभाई ने भारत और विदेश के प्रमुख महोत्सवो मै भाग लिया है। मल्लिका साराभाई ने हर्ष मन्दर की किताब पर आधारित अनसुनी नाटक की पटकथा भी लिखी है। अनसुनी का हिन्दी अनुवाद रंगमंच निदेशक अरविन्द गौड़ ने किया। श्रेणी:नृत्य श्रेणी:अभिनेत्री श्रेणी:1954 में जन्मे लोग.

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महेश दत्ताणी

महेश दत्ताणी- भारतीय नाटककार और रंगमंच व फिल्म निदेशक है। .

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रतन थियम

रतन थियम-भारतीय रंगमंच निदेशक और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के पूर्व निदेशक है। ऊन्होने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के साथ कई नाटकों का निर्देशन किया। श्रेणी:भारतीय रंगकर्मी.

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राम गोपाल बजाज

राम गोपाल बजाज-भारतीय रंगमंच निदेशक, हिन्दी फिल्म अभिनेता और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के पूर्व निदेशक है। राम गोपाल बजाज को 1996 में थिएटर में उनके योगदान के लिए पद्मश्री और 2003 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। ऊन्होने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के साथ कई नाटकों का निर्देशन किया। सूर्य की अन्तिम किरण से, सूर्य की पहली किरण तक (1974), जयशंकर प्रसाद की स्कंदगुप्त(1977), केदे हेयात (1989),मोहन राकेश का आश़ाड् का एक दिन (1992) प्रमुख है। राम गोपाल बजाज ने गिरीश कर्नाड के रक्त् कल्याण (Taledanda) का हिन्दी अनुवाद भी किया है। जिसका निर्देशन इब्राहीम अलकाजी ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (१९९२) और अरविन्द गौड़ ने अस्मिता नाट्य संस्था (१९९५) के लिये किया। उन्होंने उत्सव (1984) और गोधूलि (1977) जैसी कला फिल्मों में एक सहायक निर्देशक के रूप मैं काम भी किया और बाद में मासूम (1983), मिर्च मसाला (1985), चांदनी (1989) परजानिया, गुरु जैसी फिल्मों मैं काम किया। वह वर्तमान में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, नई दिल्ली की अकादमिक परिषद के एक सदस्य है। .

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सत्यदेव दुबे

सत्यदेव दुबे (19 मार्च 1936 -25 दिसम्बर 2011), भारतीय रंगमंच निर्देशक, अभिनेता, नाटककार, पटकथा लेखक और चलचित्र अभिनेता तथा निर्देशक थे। रंगमंच और चलचित्र से जुड़े महती कार्यों के लिए उन्हें १९७१ ई. में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। १९७८ में उन्होंने श्याम बेनेगल द्वारा निर्देशित हिंदी चलचित्र भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ पटकथा का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त किया। १९८० ई. में उन्हें जुनून के लिए सर्वश्रेष्ठ संवाद का पुरस्कार मिला। २०११ में उन्हें भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया। .

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सफ़दर हाशमी

सफदर हाशमी एक कम्युनिस्ट नाटककार, कलाकार, निर्देशक, गीतकार और कलाविद थे। उन्हे नुक्कड़ नाटक के साथ उनके जुड़ाव के लिए जाना जाता है। भारत के राजनैतिक थिएटर में आज भी वे एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। सफदर जन नाट्य मंच और दिल्ली में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के स्थापक-सदस्य थे। जन नाट्य मंच की नींव १९७३ में रखी गई थी, जनम ने इप्टा से अलग हटकर आकार लिया था। सफदर की जनवरी १९८९ में साहिबाबाद में एक नुक्कड़ नाटक 'हल्ला बोल' खेलते हुए हत्या कर दी गई थी। .

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स्वदेश दीपक

स्वदेश दीपक (१९४२ -) एक भारतीय नाटककार, उपन्यासकार और लघु कहानी लेखक है। उन्होंने १५ से भी अधिक प्रकाशित पुस्तके लिखी हैं। स्वदेश दीपक हिंदी साहित्यिक परिदृश्य पर १९६० के दशक के मध्य से सक्रिय है। उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की थी। छब्बीस साल उन्होंने अम्बाला के गांधी मेमोरियल कालेज मे अंग्रेजी साहित्य पढ़ाया। उन्हें संगीत नाटक अकादमी सम्मान (२००४) से सम्मानिय किया गया। वे २ जून २००६ को, सुबह की सैर के लिए निकले और आज तक वापस नही आए। .

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हबीब तनवीर

हबीब तनवीर चित्र में दाहिने हबीब तनवीर (जन्म: 1 सितंबर 1923) भारत के मशहूर पटकथा लेखक, नाट्य निर्देशक, कवि और अभिनेता थे। हबीब तनवीर का जन्म छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुआ था, जबकि निधन 8 जून,2009 को मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में हुआ। उनकी प्रमुख कृतियों में आगरा बाजार (1954) चरणदास चोर (1975) शामिल है। उन्होंने 1959 में दिल्ली में नया थियेटर कंपनी स्थापित किया था। .

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जे० ऍन० कौशल

जे.एन.कौशल (जितेन्द्र नाथ कौशल)-(४ फरवरी,१९३६ - १९ अप्रैल २००४) सुप्रसिद्ध भारतीय रंगकर्मी, लेखक और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा रंगमंडल के (रिपर्टरी कंपनी) के पूर्व प्रमुख थे। उन्होंने कई नाटकों का निर्देशन और हिन्दी अनुवाद भी किया। वे नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में अध्ययन फिर अध्यापन और कमला देवी चट्टोपाध्याय के साथ भारतीय नाट्य संघ से जुड़े थे। उनके निर्देशन में लोकप्रिय होने वाले प्रमुख नाटक थे अमीर खुसरो और दर्द आएगा दबे पाँव। उन्होंने हेनरिक इब्सन के नाटक एन एनेमी ऑफ़ द पीपुल (An Enemy of the People) का हिन्दी रूपांतर जनशत्रु के नाम से तथा ऊगो बेत्ती के नाटक द क्वीन ऐण्ड द रेबेल्ज़ का बेगम और बागी नाम से किया। इसके अतिरिक्त एक सेल्समेन की मौत, क्या करेगा काजी और जीन पॉल सार्त्र के नाटक मेन विदाउट शैडोज़ का हिन्दी रूपांतर मौत के साये में उनकी लोकप्रिय रूपांतरित कृतियाँ थी। किरण भटनागर द्वारा संपादित उनके संस्मरणों का संग्रह दर्द आया था दबे पाँव में जे.

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विजय तेंडुलकर

विजय तेंडुलकर विजय तेंडुलकर (६ जनवरी १९२८ - १९ मई २००८) प्रसिद्ध मराठी नाटककार, लेखक, निबंधकार, फिल्म व टीवी पठकथालेखक, राजनैतिक पत्रकार और सामाजिक टीपकार थे। भारतीय नाट्य व साहित्य जगत में उनका उच्च स्थान रहा है। वे सिनेमा और टेलीविजन की दुनिया में पटकथा लेखक के रूप में भी पहचाने जाते हैं। .

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गिरीश कर्नाड

गिरीश कार्नाड (जन्म 19 मई, 1938 माथेरान, महाराष्ट्र) भारत के जाने माने समकालीन लेखक, अभिनेता, फ़िल्म निर्देशक और नाटककार हैं। कन्नड़ और अंग्रेजी भाषा दोनों में इनकी लेखनी समानाधिकार से चलती है। 1998 में ज्ञानपीठ सहित पद्मश्री व पद्मभूषण जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों के विजेता कार्नाड द्वारा रचित तुगलक, हयवदन, तलेदंड, नागमंडल व ययाति जैसे नाटक अत्यंत लोकप्रिय हुये और भारत की अनेकों भाषाओं में इनका अनुवाद व मंचन हुआ है। प्रमुख भारतीय निदेशको - इब्राहीम अलकाजी, प्रसन्ना, अरविन्द गौड़ और बी.वी. कारंत ने इनका अलग- अलग तरीके से प्रभावी व यादगार निर्देशन किया हैं। .

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गोविंद पुरुषोत्तम देशपांडे

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में वह शिक्षण का कार्य किया। गोविंद पुरुषोत्तम देशपांडे (१९३८- १६ अक्टूबर २०१३), जिन्हें जीपी देशपांडे, गोविंद देशपांडे, गोपु और जीपीडी के नाम से भी जाना जाता था, भारतीय राज्य महाराष्ट्र के एक मराठी नाटककार थे। उनका जन्म नासिक में हुआ। उन्होंने नई दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के "पूर्व एशियाई अध्ययन केन्द्र" (Center for East Asian Studies) में कई वर्षों तक शिक्षण का कार्य किया। सेवानिवृत्ति के बाद वो अपनी पत्नी कालिंदी, एक महिला आंदोलन कार्यकर्ता, के साथ पुणे चले गये। प्रसिद्ध मराठी नाटककार, निबंधकार, समीक्षक और आधुनिक विचारक। चीनी अध्ययन के विशेषज्ञक, पूर्व एशियाई अध्ययन केंद्र, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष। वर्तमान में पुणे में अपनी पत्नी सुप्रसिद् महिला आंदोलन कार्यकर्ता कालिंदी देशपांडे के साथ रहते हैं। जीपी देशपांडे के नाटको में समकालीन जीवन में प्रगतिशील मूल्यों के पतन पर चिंतन प्रमुख रहता है। जीपी देशपांडे अकादमिक लेखों के माध्यम से प्रगतिशील मूल्यों और रचनात्मकता पर प्रभावशाली उतेजक विचार विमर्श करते हैं। .

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इब्राहीम अलकाजी

इब्राहीम अलकाजी-भारतीय रंगमंच निदेशक और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के पूर्व निदेशक है। ऊन्होने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के साथ कई नाटकों का निर्देशन किया। प्रसिद्ध प्रस्तुतियों, गिरीश कर्नाड का तुगलक, मोहन राकेश का आश़ाड् का एक दिन और धर्मवीर भारती का अंधा युग .

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अरविन्द गौड़

अरविन्द गौड़, भारतीय रंगमंच निदेशक, सामाजिक और राजनीतिक प्रासंगिक रंगमंच में अपने काम के लिए जाने जाते हैं। अरविंद गौड़ के नाटक समकालीन हैं। व्यापक सामाजिक राजनीतिक मुद्दों - सांप्रदायिकता, जातिवाद, सामंतवाद, घरेलू हिंसा, राज्य के अपराध, सत्ता की राजनीति, हिंसा, अन्याय, सामाजिक- भेदभाव और नस्लवाद उनके रंगमंच के प्रमुख विषय हैं। गौड़ एक अभिनेता प्रशिक्षक (ट्रेनर), सामाजिक कार्यकर्ता और एक अच्छे कथा -वाचक (स्टोरी टेलर) हैं। अरविन्द गौड़ ने भारत और विदेश के प्रमुख नाट्य महोत्सवो मैं भाग लिया है। ऊन्होने नाटक कार्यशालाओं का विभिन्न कॉलेजों, संस्थानों, स्कूलों, विश्वविद्यालयों में आयोजन किया है। वह बच्चों के लिए भी नाटक (थिएटर) कार्यशालाओं का आयोजन करते हैं। अरविन्द ने विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक मुद्दों पर नुक्कड़ नाटकॉ के साथ- साथ दो दशकों में 60 से अधिक मंच नाटकों का निर्देशन किया है। अरविन्द गौड़ ने विदेशों में अमेरिका, रुस, फ्रांस, लंदन, ऑस्ट्रेलिया, एडिनबर्ग फेस्टिवल (ब्रिटेन), आर्मेनिया और संयुक्त अरब इमारात (यू ए ई) के साथ नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) महोत्सव (भारत रंग महोत्सव),संगीत नाटक अकादमी, साहित्य कला परिषद, दर्पणा अकादमी ऑफ आर्टस् (अहमदाबाद), नान्दिकार (कोलकाता), विवेचेना थिएटर महोत्सव (जबलपुर), ओल्ड वल्ड् थिएटर महोत्सव, टाइम्स महोत्सव, गजानन माधव 'मुक्तिबोध' नाट्य महोत्सव, वर्ल्ड सोशल फोरम और नेहरू सेंटर महोत्सव (मुम्बई) मे भी भाग लिया है। पद्मश्री हबीब तनवीर के नया थिएटर के प्रमुख नाटको के लिए अरविन्द ने प्रकाश व्यवस्था भी डिजाइन की। आजकल अरविन्द गौड़ अस्मिता थियेटर ग्रुप के निदेशक के रूप मैं कार्यरत है। कुछ प्रमुख सिनेमा अभिनेताओं - कंगना राणावत, दीपक डोबरियाल, शिल्पा शुक्ला(चक दे इंडिया (2007 फ़िल्म)), पीयूष मिश्र, लुशिन दुबे, बबल्रस सबरवाल, ऐशवरया निधि (सिडनी), तिलोत्त्त्त्मा शोम (मानसून वेडिंग), राशि बनि, रुथ शेअर्द् (ब्रिटिश अभिनेत्री),मनु ऋषि, सीमा आज़मी (चक दे इंडिया), सुसान बरार (फिल्म-समर 2007), चन्दन आनंद, जैमिनि कुमार, शक्ति आनंद आदि ने उसके साथ काम किया है। .

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