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मिठाई

सूची मिठाई

मिठाइयाँ केरल में पुंसावनम के समय परोसी जाने वाले मिठाइयाँ भारतीय मिठाइयाँ या मिष्ठान्न शक्कर, अन्न और दूध के अलग अलग प्रकार से पकाने और मिलाने से बनती हैं। खीर और हलवा सबसे सामान्य मिठाइयाँ हैं जो प्रायः सभी के घर में बनती हैं। ज्यादातर मिठाइयाँ बाज़ार से खरीदी जाती हैं। मिठाई बनाने वाले पेशेवर बावर्चियों को हलवाई कहते हैं। भारत की संस्कृति के ही अनुसार यहां हर प्रदेश की मिठाई में भी विभिन्नता है। उदाहरण के लिए बंगाली मिठाइयों में छेने की प्रमुखता है तो पंजाबी मिठाइयों में खोये की। उत्तर भारत की मिठाइयों में दूध की प्रमुखता है तो दक्षिण भारत की मिठाइयों में अन्न की। त्योहारों व पारिवारिक अनुष्ठानों में मिठाई का बहुत महत्व होता है। दैनिक जीवन में मिठाई खाने के बाद खाई जाती है। कुछ मिठाइयों को खाने का समय निर्धारित होता है जैसे जलेबी सुबह के समय खाई जाती है, तो कुछ मिठाइयाँ पर्वों से संबंधित होती हैं, जैसे गुझिया उत्तर भारत में होली पर और दक्षिण भारत में दिवाली पर बनाने की परंपरा है। भारत में मिठाइयों की भरमार है। उनमें से कुछ निम्नलिखित है -.

51 संबंधों: चमचम, चिक्की, तिरंगी बर्फ़ी, तिलकुट, दाल हलवा, दूधपाक, दीपावली, नारियल बर्फ़ी, परवल की मिठाई, पुआ, पेठा (मिठाई), पेड़ा, फीरनी, बर्फ़ी, बसुंडी, बादाम की बर्फ़ी, बालूशाही, भारत, मलाईपान, मालपुआ, मिठाई, मगदल, मैसूर पाक, मोतीचूर, मोदक, रबड़ी, रस-मलाई, रसखीर, रसगुल्ला, राजभोग, लड्डू, लापसी, शकरपारे, श्रीखंड, सन्देश (मिठाई), सिंगोरी, सोहन पापड़ी, सोहन हलवा, होली, जलेबी, घेवर, खाजा, गज़क, गुझिया, गुलाब जामुन, इमरती, कलाकंद, कालाजाम, काजू कतली, केसरी छेना, ..., अनरसा सूचकांक विस्तार (1 अधिक) »

चमचम

चमचम एक प्रकार का पकवान है जो छेने और चीनी से बनाया जाता है। श्रेणी:भारतीय मिठाइयाँ.

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चिक्की

चिक्की आम तौर पर मूंगफली और गुड़ से बनी पारंपरिक भारतीय मिठाई (भंगुर) है। चिक्की कई प्रकार की होती है, जो महाराष्ट्र में बहुत प्रसिद्ध है। चिक्की एक स्नैक अर्थात अल्पाहार की श्रेणी में आती है जिसे मुख्य रूप से मूंगफली और गुड़ द्वारा बनाई जाती है। उत्तर भारत, विशेष रूप से बिहार और उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में, इस मिठाई को लयिया पट्टी कहते है। भारत के सिंध और सिंधी क्षेत्रों में, इसे लेई या लाई और बांग्लादेश में कोटकोटी के नाम से जानी जाती है। .

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तिरंगी बर्फ़ी

तिरंगी बर्फ़ी एक भारतीय मिठाई है। श्रेणी:उत्तर भारत का खाना श्रेणी:भारतीय मिठाइयाँ.

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तिलकुट

तिलकुट या तिलकूट एक प्रकार का पकवान है जो तिल तथा चीनी या गुड़ से बनाया जाता है। इसे जाड़े के महीनों में बहुधा स्टेशनो तथा दुकानों में देखा जा सकता है। बिहार में यह लोकप्रिय पकवानों की श्रेणी में आता है। इसका प्रयोग मकर संक्रांति एवं सकट चौथ पर किया जाता है। .

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दाल हलवा

दाल हलवा राजस्थान और गुजरात का एक मीठा या मिठाई पकवान है। यह पके हुए गेहूं के साथ तैयार किया जाता है, जिसे दलिया भी कहा जाता है। .

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दूधपाक

दूधपाक एक प्रकार का पकवान है जो दूध, बादाम तथा चीनी से बनाया जाता है। श्रेणी:भारतीय मिठाइयाँ.

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दीपावली

दीपावली या दीवाली अर्थात "रोशनी का त्योहार" शरद ऋतु (उत्तरी गोलार्द्ध) में हर वर्ष मनाया जाने वाला एक प्राचीन हिंदू त्योहार है।The New Oxford Dictionary of English (1998) ISBN 0-19-861263-X – p.540 "Diwali /dɪwɑːli/ (also Divali) noun a Hindu festival with lights...". दीवाली भारत के सबसे बड़े और प्रतिभाशाली त्योहारों में से एक है। यह त्योहार आध्यात्मिक रूप से अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है।Jean Mead, How and why Do Hindus Celebrate Divali?, ISBN 978-0-237-534-127 भारतवर्ष में मनाए जाने वाले सभी त्यौहारों में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात् ‘अंधेरे से ज्योति अर्थात प्रकाश की ओर जाइए’ यह उपनिषदों की आज्ञा है। इसे सिख, बौद्ध तथा जैन धर्म के लोग भी मनाते हैं। जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते हैं तथा सिख समुदाय इसे बन्दी छोड़ दिवस के रूप में मनाता है। माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा राम अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे। अयोध्यावासियों का ह्रदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से प्रफुल्लित हो उठा था। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए। कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। तब से आज तक भारतीय प्रति वर्ष यह प्रकाश-पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं। यह पर्व अधिकतर ग्रिगेरियन कैलन्डर के अनुसार अक्टूबर या नवंबर महीने में पड़ता है। दीपावली दीपों का त्योहार है। भारतीयों का विश्वास है कि सत्य की सदा जीत होती है झूठ का नाश होता है। दीवाली यही चरितार्थ करती है- असतो माऽ सद्गमय, तमसो माऽ ज्योतिर्गमय। दीपावली स्वच्छता व प्रकाश का पर्व है। कई सप्ताह पूर्व ही दीपावली की तैयारियाँ आरंभ हो जाती हैं। लोग अपने घरों, दुकानों आदि की सफाई का कार्य आरंभ कर देते हैं। घरों में मरम्मत, रंग-रोगन, सफ़ेदी आदि का कार्य होने लगता है। लोग दुकानों को भी साफ़ सुथरा कर सजाते हैं। बाज़ारों में गलियों को भी सुनहरी झंडियों से सजाया जाता है। दीपावली से पहले ही घर-मोहल्ले, बाज़ार सब साफ-सुथरे व सजे-धजे नज़र आते हैं। दीवाली नेपाल, भारत, श्रीलंका, म्यांमार, मारीशस, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, सूरीनाम, मलेशिया, सिंगापुर, फिजी, पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया की बाहरी सीमा पर क्रिसमस द्वीप पर एक सरकारी अवकाश है। .

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नारियल बर्फ़ी

नारियल बर्फ़ी एक भारतीय मिठाई है। श्रेणी:उत्तर भारत का खाना श्रेणी:भारतीय मिठाइयाँ.

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परवल की मिठाई

परवल की मिठाई एक प्रकार की मिठाई है जो परवल, चीनी से बनाई जाती है। पटना के आसपास यह काफी लोकप्रिय है। श्रेणी:भारतीय मिठाइयाँ.

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पुआ

पुआ या पूआ एक प्रकार का पकवान है जो मैदा तथा चीनी से बनाया जाता है। इसके और भी कई रूप लोगों द्वारा पसन्द किए जाते हैं जैसे - मालपूआ (पके केलों से बनाया गया)। श्रेणी:भारतीय मिठाइयाँ.

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पेठा (मिठाई)

पेठा एक प्रकार का पकवान है जो सफ़ेद कद्दू तथा चीनी से बनाया जाता है। माना जाता है कि पेठा मुगल सम्राट शाहजहां के राज काज के दौरान अस्तित्व में आया था। वहीं आगरा में निर्मित पेठा को अपनी उत्पत्ति प्रमाणित करने के लिए एक भौगोलिक संकेत लेबल द्वारा कवर किया गया है। .

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पेड़ा

पेड़ा एक प्रकार का पकवान है जो खोये तथा चीनी से बनाया जाता है। यह आकार में गोल होता है। पेड़ा बनाने के लिए खोया (मावा) व चीनी मुख्य सामग्री है। इसमें पारम्परिक स्वाद के लिए इलायची के दाने, केसर तथा पिस्ता भी मिलाये जाते हैं। पेड़ा शब्द का उपयोग आमतौर पर किसी भी मुलायम गोल आकार की वस्तु के लिए किया जाता है जैसे आटा और खोया। इस मिठाई के लिए अनेक प्रकार के शब्द और नाम जैसे Pedha, penda (गुजराती में) और पेरा शामिल हैं। .

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फीरनी

फीरनी एक प्रकार का पकवान है जो चावल के रवे, दूध और चीनी से बनाया जाता है। श्रेणी:भारतीय मिठाइयाँ.

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बर्फ़ी

बर्फ़ी एक प्रकार भारतीय मिठाई है जो खोये तथा चीनी से बनाया जाता है। यह आकार में चौकोर होता है। यह त्यौहार के अवसर में काफी बनाई जाती है जो भारतीय उपमहाद्वीप, मॉरिशस, फिजी, दक्षिणी और पूर्वी अफ्रीका में काफी लोकप्रिय है। .

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बसुंडी

बसुंडी एक प्रकार का पकवान है जो दूध, छेने तथा चीनी से बनाया जाता है। श्रेणी:भारतीय मिठाइयाँ.

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बादाम की बर्फ़ी

बादाम की बर्फ़ी एक भारतीय मिठाई है। श्रेणी:उत्तर भारत का खाना श्रेणी:भारतीय मिठाइयाँ.

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बालूशाही

बालूशाही (उर्दू: بالوشاھی) एक प्रकार का पकवान है जो मैदा तथा चीनी से बनाया जाता है। बालूशाही मैदा आटे से बनती है और गहरे घी में तली जाती है। तत्पश्चात् उसे चीनी के सिरप में डुबाया जाता है। श्रेणी:भारतीय मिठाइयाँ.

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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मलाईपान

मलाईपान एक प्रकार का मीठा पकवान है जो मलाई और खोये से बनाया जाता है। श्रेणी:भारतीय मिठाइयाँ.

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मालपुआ

मालपुआ या अपूप एक प्रकार का पकवान है जो मैदा, खोया व चीनी से बनाया जाता है। मालपुआ एक प्रकार का पैनकेक है जो एक भोजन के अंत में परोसे गए मिठाई की तरह या एक नाश्ता की तरह परोसा जाता हैं। यह भारत और बांग्लादेश में काफी लोकप्रिय है। यह पुरी में जगन्नाथ प्रभु को सुबह के भोग (सकाला धुप) के रूप में लगाया जाता हैं बंगाली घरों में यह पौष संक्रांति के दौरान तैयार किया जाता है। मांसाहारी मैथिल परिवारों में यह होली के दौरान मटन करी के साथ पेश किया जाता है। मालपुआ के बनाने के लिए कुछ क्षेत्रों में इसके मिश्रण में पके केले को मसलकर, नारियल, आटा, और पानी या दूध डालकर तैयार किया जाता है। इस मिश्रण को स्वादिष्ट बनाने के लिए कभी कभी इसे इलायची के साथ संशोषित किया जाता है। मालपुए के बिहारी संस्करण में तलने से पहले घोल में चीनी डाली जाती हैं। जबकि ओडिशा तले गए पुए को चीनी के चाशनी में डाला जाता हैं। मालपुआ बांग्लादेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र और नेपाल में काफी लोकप्रिय हैं। जहां यह त्योहारों के दौरान अन्य मिठाई के साथ-साथ पेश किया जाता है। भगवान जगन्नाथ को चड़ाए जाने वाले छप्पन भोगों में अमालु (मालपुआ) भी एक हैं। रमजान के पवित्र मुस्लिम महीने के दौरान मालपुआ एक प्रसिद्ध पकवान है। भारत के साथ-साथ पाकिस्तान में मुस्लिम परिवार उपवास तोड़ने के लिए (इफ्तार के दौरान) मालपुआ तैयार करते हैं। .

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मिठाई

मिठाइयाँ केरल में पुंसावनम के समय परोसी जाने वाले मिठाइयाँ भारतीय मिठाइयाँ या मिष्ठान्न शक्कर, अन्न और दूध के अलग अलग प्रकार से पकाने और मिलाने से बनती हैं। खीर और हलवा सबसे सामान्य मिठाइयाँ हैं जो प्रायः सभी के घर में बनती हैं। ज्यादातर मिठाइयाँ बाज़ार से खरीदी जाती हैं। मिठाई बनाने वाले पेशेवर बावर्चियों को हलवाई कहते हैं। भारत की संस्कृति के ही अनुसार यहां हर प्रदेश की मिठाई में भी विभिन्नता है। उदाहरण के लिए बंगाली मिठाइयों में छेने की प्रमुखता है तो पंजाबी मिठाइयों में खोये की। उत्तर भारत की मिठाइयों में दूध की प्रमुखता है तो दक्षिण भारत की मिठाइयों में अन्न की। त्योहारों व पारिवारिक अनुष्ठानों में मिठाई का बहुत महत्व होता है। दैनिक जीवन में मिठाई खाने के बाद खाई जाती है। कुछ मिठाइयों को खाने का समय निर्धारित होता है जैसे जलेबी सुबह के समय खाई जाती है, तो कुछ मिठाइयाँ पर्वों से संबंधित होती हैं, जैसे गुझिया उत्तर भारत में होली पर और दक्षिण भारत में दिवाली पर बनाने की परंपरा है। भारत में मिठाइयों की भरमार है। उनमें से कुछ निम्नलिखित है -.

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मगदल

मगदल एक प्रकार का पकवान है जो उर्द की दाल के आटे, मेवा, गोंद व चीनी से बनाया जाता है। श्रेणी:भारतीय मिठाइयाँ.

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मैसूर पाक

मैसूर पाक (कन्नड़: ಮೈಸೂರು ಪಾಕ್), कर्नाटक का एक मीठा व्यंजन है, जिसे बहुत सारे घी, बेसन, मेवा व चीनी से बनाया जाता है। मूल रूप से इसे मसूर (दाल) पाक कहा जाता था और इसे मसूर की दाल से तैयार बेसन से बनाया जाता था। इसके नाम का उद्गम संभवत: इसी मसूर दाल और पाक (किसी खाद्य वस्तु को चीनी की चाशनी में पका पर उस पर चीनी की परत चढ़ाना) से हुआ है। .

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मोतीचूर

मोतीचूर एक प्रकार का मीठा पकवान है जो बेसन की छोटी छोटी बूँदों को चीनी में पाग कर बनाया जाता है। इसके लड्डू भी बनते हैं। श्रेणी:भारतीय मिठाइयाँ.

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मोदक

मोदक एक प्रकार का पकवान है जो चावल के आटे, खोये तथा चीनी से बनाया जाता है। श्रेणी:भारतीय मिठाइयाँ.

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रबड़ी

रबड़ी एक प्रकार का पकवान है जो दूध को खूब उबाल कर व उसे गाढ़ा करके बनाया जाता है। भावप्रकाशनिघण्टु के अनुसार बिना जल छोड़े दूध को जितना ही अधिक औटाया जाये वह उतना ही अधिक गुणकारी, स्निग्ध (तरावट देने वाला), बल एवं वीर्य को बढ़ाने वाला हो जाता है। इसमें यदि खाँड या चीनी मिला दी जाये तो रबड़ी या राबड़ी बन जाती है। यह खाने में बहुत अधिक स्वादिष्ट होती है परन्तु देर से हजम होती है। .

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रस-मलाई

रस-मलाई उत्तरी एवं पूर्वी भारत की एक मिठाई है। इसका मूल भी भारतीय उपमहाद्वीप में ही है। इसमें छेना का एक रसहुल्ला जैसा आकार होता है जो मलाई के रस में डूबा रहता है। यह रस प्रायः केसर युक्त होने के कारण पीले रंग का रहता है। उसके ऊपर कतरी हुई मेवा पड़ी रहती है। श्री के.सी.दास के पड़पोतों के अनुसार ये मिठाई बंगाली मूल की है एवं इसका आविष्कार श्री दास ने ही किया था। रसमलाई एक प्रकार का पकवान है जो दूध, छेना तथा चीनी से बनाया जाता है। .

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रसखीर

रसखीर एक प्रकार का पकवान है जो गन्ने के रस और चावल से बनाया जाता है। श्रेणी:भारतीय मिठाइयाँ.

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रसगुल्ला

रसगुल्ला एक भारतीय पकवान है, जो छेना तथा चीनी से बनाया जाता है। यह मुख्य रूप से ओड़िसा और पश्चिम बंगाल में लोकप्रिय है। आवश्यक सामग्री - .

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राजभोग

राजभोग एक प्रकार की भारतीय मिठाई है, जो छेने, खोये और रवे को मिलाकर बनाई जाती है। श्रेणी:भारतीय मिठाइयाँ.

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लड्डू

लड्डू लड्डू एक प्रकार की मिठाई है जो से कई तरह से बनाई जाती है। यह बेसन, मोतीचूर, गोंद इत्यादि कई अलग-अलग चीजों से तैयार किया जाता है। भारत के अलावा यह पाकिस्तान में भी बनाया और पसन्द किया जाता है। लड्डू सैंकड़ो प्रकार के होते हैं और बनाये जा सकते हैं। हर जगहों के लडडुओं की अलग अलग विशेषतायें होती है। प्राचीन काल में लड्डू किसी भी उत्सव में भोजन के आयोजन में विशेष प्रकार का महत्व रखता था। अनेक मंदिरों में भगवान के प्रसाद के रूप में लड्डू मिलते हैं। हर मंदिर के लडडुओं की अलग विशेषता होती है। तिरुपति के लड्डू अपनी अलग पहचान रखते हैं। श्रेणी:भारतीय मिठाइयाँ.

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लापसी

लापसी एक प्रकार का पकवान है जो सूजी तथा चीनी से बनाया जाता है। .

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शकरपारे

शकरपारे एक प्रकार का मीठा पकवान है जो मैदा और चीनी से बनाया जाता है। श्रेणी:भारतीय मिठाइयाँ.

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श्रीखंड

श्रीखंड एक भारतीय मिठाई है जिसे टंगी हुई दही और चीनी से बनाया जाता है। यह मुख्यत: गुजरात और महाराष्ट्र में लोकप्रिय है और इन दोनों राज्यों के प्रमुख मिष्ठानों में से एक है। .

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सन्देश (मिठाई)

संदेश एक प्रकार का भारतीय पकवान है, जो छेना तथा चीनी से बनाया जाता है। श्रेणी:भारतीय मिठाइयाँ.

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सिंगोरी

मूलरूप से कुमाऊँ से संबंध रखने वाली यह मिठाई भारत के उत्तरी पहाड़ी प्रदेश में मिलती है। इसको गाढ़े दूध में नारियल का चूरा डालकर बनाया जाता है। मोलू की पत्ती में लपेटा जाता है और गुलाब की पंखुड़ी से सजाकर परोसा जाता है। श्रेणी:भारतीय मिठाइयाँ.

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सोहन पापड़ी

सोहन पापड़ी या सोम पापड़ी या सोहन हलवा या पतीशा एक लोकप्रिय भारतीय मिठाई है। इनके अलावा यह बांग्लादेश और पाकिस्तान में काफी लोकप्रिय है। यह आकार में वर्गाकार है और कुरकुरा और परतदार बनावट की होती है। .

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सोहन हलवा

सोहन हलवा एक मिठाई है जो भारत, पाकिस्तान, ईरान और अफगानिस्तान में बहुत लोकप्रिय है। यह एक प्रकार का पकवान है जो मैदा, घी तथा चीनी से बनाया जाता है। .

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होली

होली (Holi) वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भारतीय और नेपाली लोगों का त्यौहार है। यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। रंगों का त्यौहार कहा जाने वाला यह पर्व पारंपरिक रूप से दो दिन मनाया जाता है। यह प्रमुखता से भारत तथा नेपाल में मनाया जाता है। यह त्यौहार कई अन्य देशों जिनमें अल्पसंख्यक हिन्दू लोग रहते हैं वहाँ भी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। पहले दिन को होलिका जलायी जाती है, जिसे होलिका दहन भी कहते हैं। दूसरे दिन, जिसे प्रमुखतः धुलेंडी व धुरड्डी, धुरखेल या धूलिवंदन इसके अन्य नाम हैं, लोग एक दूसरे पर रंग, अबीर-गुलाल इत्यादि फेंकते हैं, ढोल बजा कर होली के गीत गाये जाते हैं और घर-घर जा कर लोगों को रंग लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि होली के दिन लोग पुरानी कटुता को भूल कर गले मिलते हैं और फिर से दोस्त बन जाते हैं। एक दूसरे को रंगने और गाने-बजाने का दौर दोपहर तक चलता है। इसके बाद स्नान कर के विश्राम करने के बाद नए कपड़े पहन कर शाम को लोग एक दूसरे के घर मिलने जाते हैं, गले मिलते हैं और मिठाइयाँ खिलाते हैं। राग-रंग का यह लोकप्रिय पर्व वसंत का संदेशवाहक भी है। राग अर्थात संगीत और रंग तो इसके प्रमुख अंग हैं ही पर इनको उत्कर्ष तक पहुँचाने वाली प्रकृति भी इस समय रंग-बिरंगे यौवन के साथ अपनी चरम अवस्था पर होती है। फाल्गुन माह में मनाए जाने के कारण इसे फाल्गुनी भी कहते हैं। होली का त्यौहार वसंत पंचमी से ही आरंभ हो जाता है। उसी दिन पहली बार गुलाल उड़ाया जाता है। इस दिन से फाग और धमार का गाना प्रारंभ हो जाता है। खेतों में सरसों खिल उठती है। बाग-बगीचों में फूलों की आकर्षक छटा छा जाती है। पेड़-पौधे, पशु-पक्षी और मनुष्य सब उल्लास से परिपूर्ण हो जाते हैं। खेतों में गेहूँ की बालियाँ इठलाने लगती हैं। बच्चे-बूढ़े सभी व्यक्ति सब कुछ संकोच और रूढ़ियाँ भूलकर ढोलक-झाँझ-मंजीरों की धुन के साथ नृत्य-संगीत व रंगों में डूब जाते हैं। चारों तरफ़ रंगों की फुहार फूट पड़ती है। गुझिया होली का प्रमुख पकवान है जो कि मावा (खोया) और मैदा से बनती है और मेवाओं से युक्त होती है इस दिन कांजी के बड़े खाने व खिलाने का भी रिवाज है। नए कपड़े पहन कर होली की शाम को लोग एक दूसरे के घर होली मिलने जाते है जहाँ उनका स्वागत गुझिया,नमकीन व ठंडाई से किया जाता है। होली के दिन आम्र मंजरी तथा चंदन को मिलाकर खाने का बड़ा माहात्म्य है। .

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जलेबी

जलेबी। जलेबी उत्तर भारत, पाकिस्तान व मध्यपूर्व का एक लोकप्रिय व्यंजन है। इसका आकार पेंचदार होता है और स्वाद करारा मीठा। इस मिठाई की धूम भारतीय उपमहाद्वीप से शुरू होकर पश्चिमी देश स्पेन तक जाती है। इस बीच भारत,बांग्लादेश, पाकिस्तान, ईरान के साथ तमाम अरब मुल्कों में भी यह खूब जानी-पहचानी है। आमतौर पर तो जलेबी सादी ही बनाई व पसंद की जाती है, पर पनीर या खोया जलेबी को भी लोग बडे चाव से खाते हैं। जलेबी भारत की राष्ट्रीय मिठाई हैं। .

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घेवर

घेवर छप्पन भोग के अन्तर्गत प्रसिद्ध व्यंजन हॅ। यह मैदे से बना, मधुमक्खी के छत्ते की तरह दिखाई देने वाला एक ख़स्ता और मीठा पकवान है। सावन माह की बात हो और उसमें घेवर का नाम ना आए तो कुछ अटपटा लगेगा। घेवर, सावन का विशेष मिष्ठान माना जाता है। हालाँकि अब घेवर की माँग अन्य मिठाइयों के सामने कुछ कम हुई है लेकिन फिर भी आज कुछ लोग घेवर को ही महत्व देते हैं। सावन में तीज के अवसर पर बहन-बेटियों को सिंदारा देने की परंपरा काफी पुरानी है, इसमें चाहे कितना ही अन्य मिष्ठान रख दिया जाए लेकिन घेवर होना अवश्यक होता है। इसलिए साल के विशेष समय पर बनने वाली इस पारंपरिक मिठाई घेवर का वर्चस्व टूटना संभव नहीं है, भले ही आधुनिक मिठाइयों के सामने इसकी लोकप्रियता में कुछ कमी दिखाई देती हो। सावन में इस मिष्ठान की माँग को पूरा करने के लिए छोटे हलवाई से लेकर प्रतिष्ठित हलवाई महिनों पहले काम शुरु कर देते हैं। घेवर बनाने का काम प्रत्येक गली मौहल्ले में जोर-शोर से शुरू हो जाता है। पुराने लोग बताते हैं कि बगैर घेवर के न रक्षाबंधन का सगन पूरा माना जाता है और न ही तीज का। घेवर वैश्वीकरण के दौर में आज घेवर का रूप भी बदलने लगा है, ४० से लेकर २०० रूपये प्रति किलो का घेवर बाजार में उपलब्ध है, जो जैसा दाम लगाता है उसे उसी प्रकार का माल मिल जाता है, सादा घेवर सस्ता है जबकि पिस्ता, बादाम और मावे वाला घेवर मँहगा। पिस्ता बादाम और मावे वाला घेवर ज्यादा प्रचलित हैं, हालाँकि लोगों का कहना है कि जितना आनंद सादा घेवर के सेवन में आता है उतना मेवा-घेवर में कतई नहीं। फिर भी लोग मावा-घेवर को ही खरीदना पसंद करते हैं। कुल मिला कर सावन के महीने में घेवर की खुशबू पूरे बाजार को महका देती है और तीज व रक्षाबंधन के अवसर पर घेवर की दुकानों पर भीड़ देखते ही बनती है। घेवर दो तरह को होता है, फीका और मीठा। ताज़ा घेवर नर्म और ख़स्ता होता है पर यह रखा रखा थोड़ा सख़्त होने लगता है। इस समय फीके घेवर को बेसन में लपेटकर, तलकर मज़ेदार पकौड़े बनाए जाते हैं। मीठे घेवर की पुडिंग बढ़िया बनती है। .

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खाजा

खाजा एक प्रकार का पकवान है जो मुख्यतः मैदा, चीनी, घी या डालडा से बनाया जाता है। यह पूर्वी भारत के बिहार, उड़ीसा तथा पश्चिम बंगाल में बहुत लोकप्रिय है। ये सभी क्षेत्र एक समय मौर्य साम्राज्य के अंग थे। कहा जाता है कि दो हजार वर्ष पूर्व भी इन क्षेत्रों के उपजाऊ इलाकों में खाजा बनाया जाता था। सिलाव तथा राजगीर दो ऐसे स्थान है, जहां का खाजा अन्य के मुकाबले बेहतर समझा जाता है। बिहार तथा पड़ोसी राज्यों से होते हुए खाजा अब अन्य राज्यों में भी लोकप्रिय हो गया है। आंध्र प्रदेश के काकिनाड़ा का खाजा, स्तानीय रूप से प्रसिद्ध है। .

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गज़क

गज़क एक प्रकार का पकवान है जो तिल तथा गुड़ से बनाया जाता है। श्रेणी:भारतीय मिठाइयाँ.

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गुझिया

गुझिया (अन्य नामः गुजिया, गुंजिया) एक प्रकार का पकवान है जो मैदे और खोए से बनाया जाता है। इसे छत्तीसगढ़ में कुसली, महाराष्ट्र में करंजी, बिहार में पिड़की, आंध्र प्रदेश में कज्जिकयालु, कहते हैं। उत्तर भारत में होली तथा दक्षिण भारत में दीपावली के अवसर पर घर में गुझिया बनाने की परंपरा है। गुझिया मुख्य रूप से दो तरह से बनाई जातीं है, एक- मावा भरी गुझिया, दूसरी रवा भरी गुझिया। मावा इलायची भरी गुझिया के ऊपर चीनी की एक परत चढ़ाकर वर्क लगाकर इसको एक नया रूप भी देते हैं। मावा के साथ कभी कभी हरा चना, मेवा या दूसरे खाद्य पदार्थ मिलाकर, जैसे अंजीर या खजूर की गुझिया भी बनाई जाती हैं। .

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गुलाब जामुन

गुलाब जामुनगुलाब जामुन एक प्रकार का पकवान है जो मैदे, खोये तथा चीनी से बनाया जाता है।गलाब जामुन नामक एक फल भी होता है,, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। गुलाब जामुन बनाने के लिये प्रतिकिलो खोये मे सौ ग्राम मैदा मिलाये |इसमेँ थोङा बेकिँग सोडा मिलाएँ। अब इसे अच्छी तरह गूँथे (मिलाइए)। श्रेणी:भारतीय मिठाइयाँ गुलाब जामुन तो लगभग सभी की पसंदीदा मिठाई है। अक्सर आप इन्हें किसी विशेष उत्सव या समारोह में खाते होंगे या फिर कभी-कभी बजा़र से लाकर। पर क्या कभी आपने इन्हें घर पर बनाया है? यदि नहीं तो आज बनाकर देखिये। गुलाब जामुन दो तरीके से बनते हैं। मावे में थोड़ा सा मैदा मिला कर और मावे में पनीर मिला कर। दोनों ही तरह से बने हुए गुलाब जामुन अत्यंत स्वादिष्ट लगते हैं। आइये आज हम मावे में पनीर मिला कर गुलाब जामुन बनाते हैं। समय: करीब 1-1.1/2 घंटा आवश्यक सामग्री: विधि: चाशनी बनाने का तरीका- एक बर्तन में चीनी और चीनी की मात्रा से आधा पानी मिलाकर गैस पर पकने रख दीजिये। जब चाशनी में उबाल आ जाए और सारी चीनी पानी में अच्छे से घुल जाए, उसके बाद 1-2 मिनट तक और पकायें। फिर चाशनी के घोल में से 1-2 बूंदे लेकर प्लेट में टपकाएं और अंगूठे व उंगली के बीच चिपका कर देखें। यदि चाशनी उंगली व अंगूठे के बीच चिपक रही हो तो समझिये की वह बन गई है और यदि ना चिपके तो उसे थोड़ा और पका लीजिये। जब यह चिपकने लगे तो ठंडा करके छान लीजिये। गुलाब जामुन बनाने का तरीका- एक चौड़े और बड़े बर्तन में मावा, पनीर और मैदा डालकर नरम व चिकना आटा गूथ लें। गुलाब जामुन बनाने के लिये मावा तैयार है। अब इसमें से थोड़ा सा मावा (करीब एक छोटी चम्मच) उंगलियों की सहायता से निकालिये और उसे हथेली पर रखकर चपटा कर लीजिये। 3-4 काजू के टुकड़े और एक किशमिश उसके ऊपर रख कर मावे को चारों ओर से उठा कर बंद कर दीजिये और दोनों हथेलियों के बीच रख कर गोल करके प्लेट में रख लीजिये। सारे गोले इसी तरह तैयार कर लीजिये। कढ़ाई में घी गर्म कीजिये और उसमें 3-4 गोले डाल कर तल लीजिये (गैस धीमी ही रखें और गुलाब जामुन को तलते समय उस पर बार-बार कलछी न लगायें बल्कि उस पर कलछी से गरम गरम घी डालें)। गुलाब जामुन को चारों तरफ से ब्राउन होने तक तलिये और फिर निकाल कर प्लेट में रख लीजिये। ठंडा होने के बाद सभी गुलाब जामुनों को 1-2 घंटे के लिये चाशनी में डाल कर छोड़ दीजिये ताकि गुलाब जामुन सारी चाशनी अच्छे से सोखकर मीठे और स्वादिष्ट हो जाएं। गुलाब जामुन तैयार हैं। अब इन्हें गरम गरमा या ठंडा करके परोसिये और खाइये। झारखंड के टाटीझरिया प्रखंड(हजारीबाग) का गुलाब जामुन प्रसिद्ध है। यह सामान्य रूप से गोल न होकर बेलनाकार होता है,, जो शुद्ध घी में बना होता है। इस सड़क(NH-100) से होकर गुजरने वाली ज्यादातर गाड़ियाँ यहाँ कुछ देर के लिए रूकती है। लोग स्वंय इसको चखते है तथा अपने परिजनों के लिए भी ले जाते है। नोट: .

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इमरती

इमरती एक प्रकार का मीठा पकवान है जो उर्द की दाल के घोल और चीनी की चाशनी से बनाया जाता है। इमरती या झंग्री एक प्रकार की स्वादिष्ट मिठाई हैं जो भारत एवं इसके आस पास के देशों में मुग़ल रसोइयों द्वारा लायी गयी थी। यह उरद दाल के पिसी गयी मिश्रण को तेल में तलकर बनाई जाती हैं। इसका आकर गोल एवं फूलों की तरह होता हैं। तलने के बाद इसे चीनी के चासनी में डाला जाता है। इस व्यंजन को जलेबी भी कुछ लोग गलती से समझ लेते हैं, जो आकार में इससे थोड़ी पतली एवं इमारती से एवं ज्यादा मीठी होती हैं। इमरती उड़द के आटे की घोल से बनाया जाता हैं एवं इसे बोलचाल की भाषा जलेबी परपू (दाल) भी कहा जाता हैं चीनी की चाशनी एवं केशर इसमें रंग लाने के लिए मिलाया जाता है। .

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कलाकंद

कलाकंद एक प्रकार का पकवान है जो दूध और छेने से बनाया जाता है। .

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कालाजाम

काला जामुन एक प्रकार का पकवान है जो मैदा, छेना तथा चीनी से बनाया जाता है। श्रेणी:भारतीय मिठाइयाँ.

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काजू कतली

काजू कतली एक प्रकार का पकवान है जो काजू और चीनी से बनाया जाता है। यह मुख्य रूप से काजू के टुकड़ों से बनाई जाती है। साथ ही यह मुख्य रूप से त्योहारों में खासतौर से बनाई जाती है। .

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केसरी छेना

केसरी छेना एक भारतीय मिठाई है। श्रेणी:उत्तर भारत का खाना श्रेणी:भारतीय मिठाइयाँ.

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अनरसा

अनरसे एक प्रकार का मीठा बिहारी व्यंजन है जो चावल के आटे, तिल और चीनी से बनाया जाता है। यह दीपावली का विशेष व्यंजन है और सामान्यतः उत्तर भारत में अधिक प्रचलित है। अनरसे दो तरह के बनाये जाते हैं। गोल गोल गोलियाँ या चपटी टिकियों के आकार में। गोल अनरसे खाते समय कुरकुरे के साथ साथ अन्दर से मुलायम होते है जिनका स्वाद एकदम अलग होता है। जब इन अनरसों में मावा या खोया मिला दिया जाता है तब इन्हें मावा अनरसा कहते हैं। ये सामान्य अनरसों की अपेक्षा अधिक नर्म और स्वादिष्ट होते हैं। .

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