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भारतीय खाना

सूची भारतीय खाना

भारतीय भोजन या भारतीय खाना अपने भीतर भारत के सभी क्षेत्र, राज्य के अनेक भोजनों का नाम है। जैसे भारत मैं सब कुछ अनेक और विविध है, भारतीय भोजन भी उसी तरह विविध है। पूरब पश्चिम, उत्तर और दक्षिण भारत का आहार एक दूसरे से बहुत अलग है। भारतीय भोजन पे अनेक तत्वों का प्रभाव पड़ा है, जैसे उतर भारत मैं हम मुगलय प्रभाव देकते है। हर क्षेत्र का खना दुसरे क्षेत्र से बहुत अलग हौता है, यह भरतीय भोजन को अपनी एक निराला व अनोखा रूप देती है। पूरन पूरी हो या दाल बाटी, तंदूरी रोटी हो या शाही पुलाव, पंजाबी खाना हो या मारवाड़ी खाना, भारतीय भोजन की अपनी एक विशिष्टता है और इसी कारण से आज संसार के सभी बड़े देशों में भारतीय भोजनालय पाये जाते हैं जो कि अत्यंत लोकप्रिय हैं। विदेशों में प्रायः सप्ताहांत अथवा अवकाशों पर भोजन के लिये लोग भारतीय भोजनालयों में ही जाना अधिक पसंद करते हैं। स्वादिष्ट खाना बनाना एक कला है, इसी कारणवश भारतीय संस्कृति में इसे पाक कला कहा गया है। भारतीय भोजन विभिन्न प्रकार की पाक कलाओं का संगम है। इसमें पंजाबी खाना, मारवाड़ी खाना, दक्षिण भारतीय खाना, शाकाहारी खाना, मांसाहारी खाना आदि सभी सम्मिलित हैं। भारतीय ग्रेव्ही, जिसे कि अक्सर करी/तरी भी कहा जाता है, का अपना अलग ही इतिहास है। जी हाँ, आपको जानकर आश्‍चर्य होगा कि भारतीय करी का इतिहास 5000 वर्ष पुराना है। प्राचीन काल में, जब भारत आने के लिये केवल खैबर-दर्रा ही एकमात्र मार्ग था क्योंकि उन दिनों समुद्री मार्ग की खोज भी नहीं हुई थी। उन दिनों में भी यहाँ आने वाले विदेशी व्यापारियों को भारतीय भोजन इतना अधिक पसंद था कि वे इसे पकाने की विधि सीख कर जाया करते थे और भारत के मोतियों के साथ ही साथ विश्‍वप्रसिद्ध गरम मसाला खरीद कर अपने साथ ले जाना कभी भी नहीं भूलते थे। करी शब्द तमिल के कैकारी, जिसका अर्थ होता है विभिन्न मसालों के साथ पकाई गई सब्जी, से बना है। ब्रिटिश शासनकाल में कैकारी अंग्रेजों को इतना पसंद आया कि उन्होंने उसे काट-छाँट कर छोटा कर दिया और करी बना दिया। आज तो यूरोपियन देशों में करी इंडियन डिशेस का पर्याय बन गया है। .

52 संबंधों: चूरमा, झुणका भाकर, ढोकला, तमिल नाडु, तमिल खाना, तंदूरी चिकन, थुपका, थेपला, दम पुख्त, दाल बाटी चूरमा, दक्षिण भारत, बिरयानी, बंगाली खाना, भेलपूरी, मराठी खाना, मलाई गिलौरी, मांसाहारी गण, मिठाई, मैथिल खाना, मैसूर पाक, मोमो, यखनी, रसगुल्ला, राजमा (व्यंजन), राजस्थानी व्यंजन, लापसी, शामी कबाब, शाकाहार, श्रीखंड, सरसों का साग, सांभर, हलीम, हैदराबादी बिरयानी, घेवर, वड़ापाव, खमण, खांडवी, गट्टे की सब्जी, गुश्तावा, गुजराती खाना, आन्ध्र प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश का खाना, इडली, कन्नड़ खाना, कर्नाटक, कश्मीरी पुलाव, कश्मीरी खाना, केरल, केरल का खाना, अप्पम, ..., उत्तर प्रदेश का खाना, छोले भटूरे सूचकांक विस्तार (2 अधिक) »

चूरमा

चूरमा जिसे चूरमा के लडडू भी कहा जाता है, राजस्थान की सर्वाधिक लोकप्रिय मिठाई है। सामान्यतः इसे दाल बाटी के साथ परोसा जाताहै। चूरमा राजस्थान के हर त्यौहार्, शादी ब्याह, या सामूहिक भोज में परोसा जाता है। सामान्यतः इसे मोटे आटे से बनी, बिना नमक की बाटी से बनाया जाता है। चूरमा के लडडू बनाने के लिये बाटी को कंडे की आग या भूनने के बजाय, तल कर भी बनाया जाता है। बनी हुई बाटी को फोड़ कर बारीक चूरा बना दिया जाता है और इसमें घी, गुड या चीनी एवं सूखे मेवे मिला कर बड़े साइज के लडडू बना लिये जाते हैं। .

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झुणका भाकर

झुणका भाकर झुणका भाकर एक शाकाहारी पारंपरिक महाराष्ट्र का पकवान है साथ ही गोवा और उत्तरी कर्नाटक में भी बनाया जाता है। इसे पिथला या पिथले के नाम से भी जाना जाता है। इसके अवयव में बेसन का आटा होता हैं, जिसे अर्द्ध ठोस पेस्ट बनाने के लिए पानी के साथ तैयार किया जाता हैं। इसके बाद इसे हरी मिर्च, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी, नमक, तला हुआ प्याज, सरसों के बीज, अदरक-लहसुन, जीरे के बीज, धनिया पत्तियों जैसे किसी अन्य मिश्रित सामग्री और रोटी के साथ पारंपरिक रूप से परोसा जाता है। पकवान को झुणका भाकर के अलावा पिठला भाकरी भी कहा जाता है। .

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ढोकला

ढोकला एक पारम्परिक गुजराती वयंजन है। यह मुख्यत: चावल और चने के दानों का बना होता है। इसे नाश्ते में, मुख्य भोजन मे, भोजन में अलग से या फिर हल्के-फुल्के खाने की तरह खाया जा सकता है। खमन ढोकला इसका एक प्रसिद्ध अवतरण है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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तमिल नाडु

तमिल नाडु (तमिल:, तमिऴ् नाडु) भारत का एक दक्षिणी राज्य है। तमिल नाडु की राजधानी चेन्नई (चेऩ्ऩै) है। तमिल नाडु के अन्य महत्त्वपूर्ण नगर मदुरै, त्रिचि (तिरुच्चि), कोयम्बतूर (कोऽयम्बुत्तूर), सेलम (सेऽलम), तिरूनेलवेली (तिरुनेल्वेऽली) हैं। इसके पड़ोसी राज्य आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल हैं। तमिल नाडु में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा तमिल है। तमिल नाडु के वर्तमान मुख्यमन्त्री एडाप्पडी  पलानिस्वामी  और राज्यपाल विद्यासागर राव हैं। .

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तमिल खाना

Virundhu - ‘Sappadu’ served on a Banana leaf. ''See Image for extended descriptions''. Indian meals(Thali) served on either a Silver or Stainless steel plate. Filter coffee is very popular in and around Chennai (Madras). The South Indian Breakfast and meals served on a banana leaf. श्रेणी:भारतीय खाना श्रेणी:खान पान श्रेणी:तमिलनाडु.

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तंदूरी चिकन

तंदूरी चिकन एक पंजाबी व्यंजन है। श्रेणी:पंजाबी व्यंजन.

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थुपका

थुपका एक पूर्वोत्तर भारतीय व्यंजन है। श्रेणी:पूर्वोत्तर भारत का खाना.

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थेपला

थेपला एक गुजरात व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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दम पुख्त

दम पुख्त एक लखनवी व्यंजन पकाने की विधि है। मूलतः इसके द्वारा मांसाहारी व्यंजन पकाये जाते हैं। 'दमपुख़्त' का कायदा है कि गोश्त को मसालों के साथ 4-5 घंटे तक हल्की आँच पर दम दिया जाता है (सारे मसालो जैसे तले हुए प्याज, हरी मिर्च, अदरख-लहसुन और खड़े मसालों को एक साथ पीस कर बरतन में गोश्त के साथ ढक दिया जाता है और ढक्कन के किनारों को गीले आटे से सील कर उसकी भाप (दम) में पकने दिया जाता है)। अगर लकड़ी के कोयले पर इसे पकाया जाए तो इसका असली ज़ायका पता चलता है, पकने के बाद इसे सूखे मेवे, धनिया-पुदीना से सजा रूमाली रोटियों के साथ पेश किया जाता है। श्रेणी:लखनऊ का खाना श्रेणी:भारतीय व्यंजन श्रेणी:अवधी खाना.

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दाल बाटी चूरमा

दाल बाटी चूरमा एक राजस्थानी व्यंजन है। बाटी मोटे गेहू के आटे से बनाई जाती है। चूरमा मीठे आटे का मिश्रण होता है। यह एक धार्मिक अवसरों, गोठ, विवाह समारोहों और राजस्थान में जन्मदिन पार्टियों में भी बनाई जाती है। दाल बाटी चूरमा आमतौर पर दोपहर के भोजने के समय या खाने के समय के दौरान या तो सेवा है। अधिक घी का स्वाद इसे और भी बेहतर स्वाद बना देता है। जोधपुर,जयपुर और जैसलमेर के शहर इस राजस्थानी पकवान के लिए प्रसिद्ध हैं। दाल, बाटी, चूरमा उत्तम राजस्थान विशेषता के रूप में जाना जाता है एक राजस्थानी खाना है। या अधिक मसाला राजस्थानी खाने की विशेषता है। चूरमा में एक अंतहीन विविधता है रंग जो सामग्री पर निर्भर करता है और एक आश्चर्यजनक विविधता है जिनमें से कई एक साथ परोसा जा सकता है, रोटी के साथ जो इसे फिर से गेहूं या मक्का या बाजरा से मिलकर बनाया जाता है।। .

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दक्षिण भारत

भारत के दक्षिणी भाग को दक्षिण भारत भी कहते हैं। अपनी संस्कृति, इतिहास तथा प्रजातीय मूल की भिन्नता के कारण यह शेष भारत से अलग पहचान बना चुका है। हलांकि इतना भिन्न होकर भी यह भारत की विविधता का एक अंगमात्र है। दक्षिण भारतीय लोग मुख्यतः द्रविड़ भाषा जैसे तेलुगू,तमिल, कन्नड़ और मलयालम बोलते हैं और मुख्यतः द्रविड़ मूल के हैं। .

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बिरयानी

Indian dishes. Iranian Biryani's (Isfahan) Iranian Biryani Chef Chicken Dum Biryani बिरयानी भारतीय उपमहाद्वीप का चावल के साथ सब्जियों और माँस के मिश्रण से बना एक प्रसिद्ध एवं लोकप्रिय व्यंजन है.

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बंगाली खाना

श्रेणी:भारतीय खाना श्रेणी:खान पान श्रेणी:पश्चिम बंगाल श्रेणी:बांग्लादेश.

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भेलपूरी

भेलपुरी (मराठी भेळ) एक चटपटा नाश्ता एवं यह प्रकार का चाट भी है। यह मूढ़ी (चावल से बना हुआ) सब्जियों और इमली की चटनी को मिलाकर बनाया जाता है। भेल की पहचान अक्सर मुंबई के समुद्र तटों के साथ की जाती हैं जैसे गिरगांव या जुहू के समुद्र तट। भेलपुरी का जनम मुंबई की स्ट्रीट फूड स्टालों में हुआ एवं यह चटपटा नाश्ता भारत के ज्यादातर हिस्सों में फ़ैल गया एवं स्थानीय स्वाद को ध्यान में रखते हुए इसमें थोड़े बहुत परिवर्तन किये गए। इसकी यही विशेषता ने इससे संपूर्ण भारत में लोकप्रिय बना दिया। यह भी कहा जाता हैं कि भेलपुरी का जन्म पश्चिमी महाराष्ट्र से एक मसालेदार नमकीन भडंग से हुआ है। सूखी भेल, भडंग से बनाया गया है, भेलपुरी के कोलकाता संस्करण को झाल मूरी के नाम से जाना जाता हैं। भेलपुरी के मैसूर संस्करण को चुरुमुरी या बैंगलोर में चुर्मुरी के नाम से जाना जाता है। भेलपुरी का एक सुखा प्रकार बहुप्रचलित भडंग के रूप में जाना जाता है जिससे प्याज, धनिया और नींबू के रस के साथ सजाया जाता है। .

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मराठी खाना

महाराष्ट्र राज्य या मराठी व्यंजन या मराठी खाना भारतीय राज्य महाराष्ट्र के मराठी लोगों का व्यंजन है। यहाँ पर भोजन में कई प्रकार के विशिष्ट व्यंजन बनाये जाते हैं। परंपरागत रूप से, महाराष्ट्रियों ने अपने भोजन को दूसरों की तुलना में अधिक दृढ़ माना है। महाराष्ट्र के व्यंजन में हल्के और मसालेदार व्यंजन शामिल हैं। गेहूं, चावल, ज्वार, बाजरी, सब्जियां, मसूर और फल आहार शामिल हैं । मूंगफली और काजू अक्सर सब्जियों के साथ परोसे जाते हैं। आर्थिक परिस्थितियों और संस्कृति की वजह से मांस का पारंपरिक रूप से उपयोग किया जाता है। मुंबई, पुणे और अन्य जैसे मेट्रोपॉलिटन शहरों में शहरी आबादी विदेशों के अन्य हिस्सों से प्रभावित हुए है। उदाहरण के लिए, उडुपी व्यंजन, इडली और डोसा, साथ ही चाइनीज और पश्चिमी व्यंजन, जो आज घरेलू खानों में और रेस्तरां में काफी लोकप्रिय हुए हैं। विशिष्ट रूप से महाराष्ट्र के खानों में उड़द के मोदक, आलू पत्तों की सब्जी और थाली पीठ शामिल हैं । .

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मलाई गिलौरी

मलाई गिलौरी लखनऊ की एक मिठाई है। श्रेणी:मिठाई.

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मांसाहारी गण

मांसाहारी गण का प्रसिद्ध जन्तु टाइगर नर सिंह एवं शावक मांस का भक्षण करते हुए मांसाहारी गण (Carnivora) मांसाहारी स्तनियों का गण है। इसके अंतर्गत सिंह, बाघ, चीता, पालतू कुत्ते एवं बिल्लियाँ, सील, लोमड़ी लकड़बग्घा, रीछ आदि जीव आते हैं। इस गण के लगभग २६० वंश वर्तमान है और वर्तमान वंश के बराबर वंश विलुप्त हो गए हैं। तृतीयक (Tertiary) युग के आरंभ में इस गण के जीवों की उत्पत्ति हुई, तब से अब तक ये अपना अस्तित्व बनाए रखने में पर्याप्त सफल रहे हैं। इस गण के प्राणी साहसी, बुद्धिमान्‌ एवं सक्रिय होते हैं। इनके देखने और सूँघने की शक्ति तीव्र होती है। इनके चार रदनक (canine) दाँत होते हैं, जो मांस फाड़ने के अनुकुल होते हैं। इस गण की अनेक जातियों की पादांगुलियाँ दृढ़ एवं तेज नखर (claw) से युक्त होती है। ये नखर शिकार को पकड़ने में सहायक होते हैं। मांसाहारी गण के प्राणी छोटे विस्त्रा (weasel) से लेकर बड़े रीछ के आकार तक के होते हैं और इनका भार लगभग २० मन तक हो सकता है। आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड को छोड़कर संसार के प्रत्येक भाग में मांसाहारी गण के जीव पाये जाते हैं। ध्रुवीय लोमड़ी और रीछ ही केवल ऐसे स्थल स्तनी हैं, जो सुदूर उत्तर में पाए जाते हैं। जलसिंह (sea lion) उत्तर ध्रुवीय एवं दक्षिण ध्रुवीय समुद्र में पाए जाते हैं। गंध मार्जार (civet) उत्तरी एवं दक्षिणी अमरीका को छोड़कर सभी देशों में पाया जाता है। अफ्रीका में असली रीछ नहीं पाये जाते। पंडा को छोडकर सभी रैकून (racoon) अमरीका में ही पाये जाते हैं। यद्यपि कुछ मांसाहारी प्राणी मनुष्य और पालतु पशुओं को हानि पहुँचाते हैं, तथापि इनमें से अधिकांश समूरधारी (furry) और कृतक भक्षक होने के कारण महत्वपूर्ण है। कृंतक (rodente) कृषि को हानि पहुँचाते हैं, पर मांसाहारी गण के अधिकांश प्राणी कृंतकों का भक्षण कर इनकी संख्यावृद्धि को रोकते हैं। इस गण के सभी प्राणी मांसाहारी ही हों, यह आवश्यक नहीं है। इस गण के कुछ प्राणी, जैसे अधिकतर रीछ, शाकाहारी होते हैं। .

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मिठाई

मिठाइयाँ केरल में पुंसावनम के समय परोसी जाने वाले मिठाइयाँ भारतीय मिठाइयाँ या मिष्ठान्न शक्कर, अन्न और दूध के अलग अलग प्रकार से पकाने और मिलाने से बनती हैं। खीर और हलवा सबसे सामान्य मिठाइयाँ हैं जो प्रायः सभी के घर में बनती हैं। ज्यादातर मिठाइयाँ बाज़ार से खरीदी जाती हैं। मिठाई बनाने वाले पेशेवर बावर्चियों को हलवाई कहते हैं। भारत की संस्कृति के ही अनुसार यहां हर प्रदेश की मिठाई में भी विभिन्नता है। उदाहरण के लिए बंगाली मिठाइयों में छेने की प्रमुखता है तो पंजाबी मिठाइयों में खोये की। उत्तर भारत की मिठाइयों में दूध की प्रमुखता है तो दक्षिण भारत की मिठाइयों में अन्न की। त्योहारों व पारिवारिक अनुष्ठानों में मिठाई का बहुत महत्व होता है। दैनिक जीवन में मिठाई खाने के बाद खाई जाती है। कुछ मिठाइयों को खाने का समय निर्धारित होता है जैसे जलेबी सुबह के समय खाई जाती है, तो कुछ मिठाइयाँ पर्वों से संबंधित होती हैं, जैसे गुझिया उत्तर भारत में होली पर और दक्षिण भारत में दिवाली पर बनाने की परंपरा है। भारत में मिठाइयों की भरमार है। उनमें से कुछ निम्नलिखित है -.

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मैथिल खाना

मैथली खाने के अंतर्गत निम्नलिखित व्यंजन आते हैं: डालना,दाल भात, माछ भात, बओरी, मखानक खीर, सक्रोरी, दही माथ, दही चुरा,भांजिया,मुड़ी भुजा, आम का आचार,सहजन के शब्जी, आवला और मूली का आचार व अन्य आचार,अदोउरी कुमहरौरी अम के अमोट तीलकोर ऐरकोच चटका तीसयोरी आम माछ सेरसो साग रसगूला लालमोहन पान दाल भात सबजी पापर मेथी साग दणैउरी कचरी छीलली.

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मैसूर पाक

मैसूर पाक (कन्नड़: ಮೈಸೂರು ಪಾಕ್), कर्नाटक का एक मीठा व्यंजन है, जिसे बहुत सारे घी, बेसन, मेवा व चीनी से बनाया जाता है। मूल रूप से इसे मसूर (दाल) पाक कहा जाता था और इसे मसूर की दाल से तैयार बेसन से बनाया जाता था। इसके नाम का उद्गम संभवत: इसी मसूर दाल और पाक (किसी खाद्य वस्तु को चीनी की चाशनी में पका पर उस पर चीनी की परत चढ़ाना) से हुआ है। .

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मोमो

right मःम (मोमो) तिब्बत एवं नेपाल का एक लोकप्रिय खाद्य है जिसे बडे चाव से भोजन या नाश्ते के तौर पर खाया जाता है। इसे आटे या मैदे की लोइयों के अंदर अपनी मनपसंद खाद्य सामग्री भरकर भाप पर तैयार किया जाता है। यह भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर इत्यादि में भी काफी लोकप्रिय है। दिल्ली एवं भारत के अन्य स्थानों पर भी मोमो आसानी से उपलब्ध पाया जाता है। यह खासकर महानगरीय युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय है। .

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यखनी

सब्जियों की यखनी बनाने की तैयारी यखनी उस सुगंधित जल को कहते है जो, पानी में विभिन्न मसालों के साथ विभिन्न सब्जियों या मांस को उबाल कर प्राप्त किया जाता है। यखनी बहुत से भारतीय, मुगलई और पाश्चात्य व्यंजनों का आधार है। इसे मुख्यतः बिरयानी, विभिन्न प्रकार के शोरबे और मासांहार आदि बनाने में प्रयोग किया जाता है। .

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रसगुल्ला

रसगुल्ला एक भारतीय पकवान है, जो छेना तथा चीनी से बनाया जाता है। यह मुख्य रूप से ओड़िसा और पश्चिम बंगाल में लोकप्रिय है। आवश्यक सामग्री - .

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राजमा (व्यंजन)

राजमा राजमा एक पंजाबी व्यंजन है। यह एक बहुत ही प्रसिद्ध भारतीय व्यंजन है जिसे राजमां, और बहुत से भारतीय मसालों के साथ गाढ़ी ग्रेवी में बनाया जाता है और आम तौर पर इसे चावल व रोटी के साथ परोसा जाता है। हालाँकि राजमा मूलतः भारत की फसल नहीं है, परन्तु वर्तमान में यह उत्तर भारत के रोज़मर्रा के खान-पान का एक मुख्य व्यंजन बन चुका है। सुप्रसिद्ध व्यंजन होने के कारण अब इसे भारत में विशेष अवसरों पर भी बनाया जाता है। .

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राजस्थानी व्यंजन

राजस्थानी खाना विशेष रूप से शाकाहारी भोजन होता है और यह अपने स्वाद के कारण सारे विश्व में प्रसिद्ध हो गया है। अपनी भौगोलिक परिस्थितियों के कारण पारंपरिक राजस्थानी खाने में बेसन, दाल, मठा, दही, सूखे मसाले, सूखे मेवे, घी, दूध का अधिकाधिक प्रयोग होता है। हरी सब्जियों की तात्कालिक अनुपलब्धता के कारण पारंपरिक राजस्थानी खाने में इनका प्रयोग कम ही रहा है। मुख्यत: निम्न राजस्थानी खाने अधिक प्रचलित हैं।.

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लापसी

लापसी एक प्रकार का पकवान है जो सूजी तथा चीनी से बनाया जाता है। .

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शामी कबाब

शामी कबाब एक मुगलाई पकवान है। यह भारत एवं पाकिस्तान मे बहुत प्रचलित है। शामी कबाब भारतीय उपमहाद्वीप मे खाया जाने वाले कबाब का एक खास प्रकार है.

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शाकाहार

दुग्ध उत्पाद, फल, सब्जी, अनाज, बादाम आदि बीज सहित वनस्पति-आधारित भोजन को शाकाहार (शाक + आहार) कहते हैं। शाकाहारी व्यक्ति मांस नहीं खाता है, इसमें रेड मीट अर्थात पशुओं के मांस, शिकार मांस, मुर्गे-मुर्गियां, मछली, क्रस्टेशिया या कठिनी अर्थात केंकड़ा-झींगा आदि और घोंघा आदि सीपदार प्राणी शामिल हैं; और शाकाहारी चीज़ (पाश्चात्य पनीर), पनीर और जिलेटिन में पाए जाने वाले प्राणी-व्युत्पन्न जामन जैसे मारे गये पशुओं के उपोत्पाद से बने खाद्य से भी दूर रह सकते हैं। हालाँकि, इन्हें या अन्य अपरिचित पशु सामग्रियों का उपभोग अनजाने में कर सकते हैं। शाकाहार की एक अत्यंत तार्किक परिभाषा ये है कि शाकाहार में वे सभी चीजें शामिल हैं जो वनस्पति आधारित हैं, पेड़ पौधों से मिलती हैं एवं पशुओं से मिलने वाली चीजें जिनमें कोई प्राणी जन्म नहीं ले सकता। इसके अतिरिक्त शाकाहार में और कोई चीज़ शामिल नहीं है। इस परिभाषा की मदद से शाकाहार का निर्धारण किया जा सकता है। उदाहरण के लिये दूध, शहद आदि से बच्चे नहीं होते जबकि अंडे जिसे कुछ तथाकथित बुद्धजीवी शाकाहारी कहते है, उनसे बच्चे जन्म लेते हैं। अतः अंडे मांसाहार है। प्याज़ और लहसुन शाकाहार हैं किन्तु ये बदबू करते हैं अतः इन्हें खुशी के अवसरों पर प्रयोग नहीं किया जाता। यदि कोई मनुष्य अनजाने में, भूलवश, गलती से या किसी के दबाव में आकर मांसाहार कर लेता है तो भी उसे शाकाहारी ही माना जाता है। पूरी दुनिया का सबसे पुराना धर्म सनातन धर्म भी शाकाहार पर आधारित है। इसके अतिरिक्त जैन धर्म भी शाकाहार का समर्थन करता है। सनातन धर्म के अनुयायी जिन्हें हिन्दू भी कहा जाता है वे शाकाहारी होते हैं। यदि कोई व्यक्ति खुद को हिन्दू बताता है किंतु मांसाहार करता है तो वह धार्मिक तथ्यों से हिन्दू नहीं रह जाता। अपना पेट भरने के लिए या महज़ जीभ के स्वाद के लिए किसी प्राणी की हत्या करना मनुष्यता कदापि नहीं हो सकती। इसके अतिरिक्त एक अवधारणा यदि भी है कि शाकाहारियों में मासूमियत और बीमारियों से लड़ने की क्षमता ज़्यादा होती है। नैतिक, स्वास्थ्य, पर्यावरण, धार्मिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, सौंदर्य, आर्थिक, या अन्य कारणों से शाकाहार को अपनाया जा सकता है; और अनेक शाकाहारी आहार हैं। एक लैक्टो-शाकाहारी आहार में दुग्ध उत्पाद शामिल हैं लेकिन अंडे नहीं, एक ओवो-शाकाहारी के आहार में अंडे शामिल होते हैं लेकिन गोशाला उत्पाद नहीं और एक ओवो-लैक्टो शाकाहारी के आहार में अंडे और दुग्ध उत्पाद दोनों शामिल हैं। एक वेगन अर्थात अतिशुद्ध शाकाहारी आहार में कोई भी प्राणी उत्पाद शामिल नहीं हैं, जैसे कि दुग्ध उत्पाद, अंडे और सामान्यतः शहद। अनेक वेगन प्राणी-व्युत्पन्न किसी अन्य उत्पादों से भी दूर रहने की चेष्टा करते हैं, जैसे कि कपड़े और सौंदर्य प्रसाधन। अर्द्ध-शाकाहारी भोजन में बड़े पैमाने पर शाकाहारी खाद्य पदार्थ हुआ करते हैं, लेकिन उनमें मछली या अंडे शामिल हो सकते हैं, या यदा-कदा कोई अन्य मांस भी हो सकता है। एक पेसेटेरियन आहार में मछली होती है, मगर मांस नहीं। जिनके भोजन में मछली और अंडे-मुर्गे होते हैं वे "मांस" को स्तनपायी के गोश्त के रूप में परिभाषित कर सकते हैं और खुद की पहचान शाकाहार के रूप में कर सकते हैं। हालाँकि, शाकाहारी सोसाइटी जैसे शाकाहारी समूह का कहना है कि जिस भोजन में मछली और पोल्ट्री उत्पाद शामिल हों, वो शाकाहारी नहीं है, क्योंकि मछली और पक्षी भी प्राणी हैं।शाकाहारी मछली नहीं खाते हैं, शाकाहारी सोसाइटी, 2 मई 2010 को पुनःप्राप्त.

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श्रीखंड

श्रीखंड एक भारतीय मिठाई है जिसे टंगी हुई दही और चीनी से बनाया जाता है। यह मुख्यत: गुजरात और महाराष्ट्र में लोकप्रिय है और इन दोनों राज्यों के प्रमुख मिष्ठानों में से एक है। .

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सरसों का साग

सरसों का साग एक पंजाबी व्यंजन है। यह सरसों के पत्तों को पकाकर बनता है। .

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सांभर

दक्षिण भारतीय उपाहार व्यंजन इडली, सांबार और वड़ा, परंपरागत केले के पत्ते पर परोसा हुआ। स्टेनलैस स्टील के चमकते प्याले, तश्तरियां दक्षिण भारतीय डाइनिंग टेबल की खास शोभा हैं सांबार (तमिल: சாம்பார, कन्नड़: ಸಾಂಬಾರು, मलयालम: സാമ്പാർ, तेलुगु: సాంబారు), दक्षिण भारतीय खाने का एक मूल व्यंजन है, जो पूरे द्रविड़ क्षेत्र में एक है। इसके अलावा श्रीलंका के खाने में भी खूब प्रचलित है। यह अरहर की दाल से बनता है। सांबार मूलत: अरहर (तुवर) दाल से बनता है, जिसमें विभिन्न सब्जियां भी पड़ी होती हैं और साथ ही इमली भी होती है। इनके ऊपर से सांबार मसाले का छौंक इसकी खास खुश्बू की पहचान है, जिसमें कड़ी पत्ती भी पड़ती है। यह आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और तमिल नाडु सभी स्थानों में समान रूप से प्रचलित है। सांभर दक्षिण भारत की अभिन्न पहचान है। वहां का सामान्य खाना ही सांबार-चावल होता है। इसके अलावा सांबार इडली, सांबार दोसा, सांबार उत्तपम, इत्यादि हरेक व्यंजन का साथी है। .

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हलीम

हलीम एक भारतीय व्यंजन है। हैदराबाद मै हलीम रमज़ान के वक्त बनायीं जाती है। हलीम मांस, मसालों और गेहूं से बनाइ जाती है। हलीम या दलीम (अरबी: دلیم, उर्दू: دلیم, तुर्की: दलीम अस्सी, फ़ारसी: حلیم, तेलुगू: हलीम, बंगाली: हलीम, हिन्दी: हलीम) मध्य पूर्व में लोकप्रिय है, मध्य एशिया, और भारतीय उपमहाद्वीप में हालांकि डिश में क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में भिन्न होता है, लेकिन इसमें हमेशा गेहूं या जौ, मांस और दाल शामिल होते है। तुर्की, ईरान, अजरबैजान और उत्तरी इराक में लोकप्रिय हैं; अरब दुनिया और आर्मेनिया में हरीस; पाकिस्तान और भारत में खिचड़ा; और भारत के तेलंगाना और हैदराबाद में हलीम। .

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हैदराबादी बिरयानी

हैद्राबादी बरयानी सामग्री: मुर्गी का मांस या कोई मांस बिना हड्डी के चार किलो, दही आधा किलो.

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घेवर

घेवर छप्पन भोग के अन्तर्गत प्रसिद्ध व्यंजन हॅ। यह मैदे से बना, मधुमक्खी के छत्ते की तरह दिखाई देने वाला एक ख़स्ता और मीठा पकवान है। सावन माह की बात हो और उसमें घेवर का नाम ना आए तो कुछ अटपटा लगेगा। घेवर, सावन का विशेष मिष्ठान माना जाता है। हालाँकि अब घेवर की माँग अन्य मिठाइयों के सामने कुछ कम हुई है लेकिन फिर भी आज कुछ लोग घेवर को ही महत्व देते हैं। सावन में तीज के अवसर पर बहन-बेटियों को सिंदारा देने की परंपरा काफी पुरानी है, इसमें चाहे कितना ही अन्य मिष्ठान रख दिया जाए लेकिन घेवर होना अवश्यक होता है। इसलिए साल के विशेष समय पर बनने वाली इस पारंपरिक मिठाई घेवर का वर्चस्व टूटना संभव नहीं है, भले ही आधुनिक मिठाइयों के सामने इसकी लोकप्रियता में कुछ कमी दिखाई देती हो। सावन में इस मिष्ठान की माँग को पूरा करने के लिए छोटे हलवाई से लेकर प्रतिष्ठित हलवाई महिनों पहले काम शुरु कर देते हैं। घेवर बनाने का काम प्रत्येक गली मौहल्ले में जोर-शोर से शुरू हो जाता है। पुराने लोग बताते हैं कि बगैर घेवर के न रक्षाबंधन का सगन पूरा माना जाता है और न ही तीज का। घेवर वैश्वीकरण के दौर में आज घेवर का रूप भी बदलने लगा है, ४० से लेकर २०० रूपये प्रति किलो का घेवर बाजार में उपलब्ध है, जो जैसा दाम लगाता है उसे उसी प्रकार का माल मिल जाता है, सादा घेवर सस्ता है जबकि पिस्ता, बादाम और मावे वाला घेवर मँहगा। पिस्ता बादाम और मावे वाला घेवर ज्यादा प्रचलित हैं, हालाँकि लोगों का कहना है कि जितना आनंद सादा घेवर के सेवन में आता है उतना मेवा-घेवर में कतई नहीं। फिर भी लोग मावा-घेवर को ही खरीदना पसंद करते हैं। कुल मिला कर सावन के महीने में घेवर की खुशबू पूरे बाजार को महका देती है और तीज व रक्षाबंधन के अवसर पर घेवर की दुकानों पर भीड़ देखते ही बनती है। घेवर दो तरह को होता है, फीका और मीठा। ताज़ा घेवर नर्म और ख़स्ता होता है पर यह रखा रखा थोड़ा सख़्त होने लगता है। इस समय फीके घेवर को बेसन में लपेटकर, तलकर मज़ेदार पकौड़े बनाए जाते हैं। मीठे घेवर की पुडिंग बढ़िया बनती है। .

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वड़ापाव

वड़ापाव - एक स्वादिष्ट पश्चिम भारतीय व्यंजन वड़ापाव वस्तुतः भारतीय राज्य महाराष्ट्र का सर्वाधिक लोकप्रिय व सुलभ खाद्य है। एक प्रकार से यह बर्गर का भारतीय संस्करण है जिसमें पाव बन के मध्य रख कर वड़ा को चटनी या मिर्च के साथ गरमा गरम परोसा जाता है। वड़ा मसले गये आलू (मराठी मे "बटाटा") पर बेसन की परत चढ़ाकर और तल कर बनाया जाता है। वैसे तो यह मूलतः नाश्ते के रूप में खाने हेतु उपयुक्त है पर यह खाया दिन भर ही जाता है। श्रेणी:भारतीय खाना श्रेणी:रसोई.

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खमण

खमण एक गुजरात व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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खांडवी

खांडवी गुजराती व्यंजन है। ये जितना दिखने में अच्छी लगती है उतनी ही खाने में स्वादिष्ट.

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गट्टे की सब्जी

गट्टे की सब्जी एक राजस्थानी व्यंजन है। .

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गुश्तावा

गुश्तावा एक कश्मीरी व्यंजन है। श्रेणी:कश्मीरी व्यंजन.

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गुजराती खाना

श्रेणी:भारतीय खाना श्रेणी:खान पान.

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आन्ध्र प्रदेश

आन्ध्र प्रदेश ఆంధ్ర ప్రదేశ్(अनुवाद: आन्ध्र का प्रांत), संक्षिप्त आं.प्र., भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित राज्य है। क्षेत्र के अनुसार यह भारत का चौथा सबसे बड़ा और जनसंख्या की दृष्टि से आठवां सबसे बड़ा राज्य है। इसकी राजधानी और सबसे बड़ा शहर हैदराबाद है। भारत के सभी राज्यों में सबसे लंबा समुद्र तट गुजरात में (1600 कि॰मी॰) होते हुए, दूसरे स्थान पर इस राज्य का समुद्र तट (972 कि॰मी॰) है। हैदराबाद केवल दस साल के लिये राजधानी रहेगी, तब तक अमरावती शहर को राजधानी का रूप दे दिया जायेगा। आन्ध्र प्रदेश 12°41' तथा 22°उ॰ अक्षांश और 77° तथा 84°40'पू॰ देशांतर रेखांश के बीच है और उत्तर में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा, पूर्व में बंगाल की खाड़ी, दक्षिण में तमिल नाडु और पश्चिम में कर्नाटक से घिरा हुआ है। ऐतिहासिक रूप से आन्ध्र प्रदेश को "भारत का धान का कटोरा" कहा जाता है। यहाँ की फसल का 77% से ज़्यादा हिस्सा चावल है। इस राज्य में दो प्रमुख नदियाँ, गोदावरी और कृष्णा बहती हैं। पुदु्चेरी (पांडीचेरी) राज्य के यानम जिले का छोटा अंतःक्षेत्र (12 वर्ग मील (30 वर्ग कि॰मी॰)) इस राज्य के उत्तरी-पूर्व में स्थित गोदावरी डेल्टा में है। ऐतिहासिक दृष्टि से राज्य में शामिल क्षेत्र आन्ध्रपथ, आन्ध्रदेस, आन्ध्रवाणी और आन्ध्र विषय के रूप में जाना जाता था। आन्ध्र राज्य से आन्ध्र प्रदेश का गठन 1 नवम्बर 1956 को किया गया। फरवरी 2014 को भारतीय संसद ने अलग तेलंगाना राज्य को मंजूरी दे दी। तेलंगाना राज्य में दस जिले तथा शेष आन्ध्र प्रदेश (सीमांन्ध्र) में 13 जिले होंगे। दस साल तक हैदराबाद दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी होगी। नया राज्य सीमांन्ध्र दो-तीन महीने में अस्तित्व में आजाएगा अब लोकसभा/राज्यसभा का 25/12सिट आन्ध्र में और लोकसभा/राज्यसभा17/8 सिट तेलंगाना में होगा। इसी माह आन्ध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन भी लागू हो गया जो कि राज्य के बटवारे तक लागू रहेगा। .

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आन्ध्र प्रदेश का खाना

खाना, आंध्र प्रदेश का खाना, आंध्र प्रदेश का.

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इडली

इडली (IPA), एक दक्षिण भारतीय व्यंजन है। यह श्वेत रंग की मुलायम और गुदगुदी, २-३ इंच के व्यास की होती है। यह चावल और उड़द की धुली दाल भिगो कर पीसे हुए, खमीर उठा कर बने हुए घोल से भाप में तैयार की जाती है। खमीर उठने के कारण बड़े स्टार्च अणु छोटे अणुओं में टूट जाते हैं, व पाचन क्रिया को सरल बनाते हैं। प्रायः उपाहार में परोसी जाने वाली इडली को जोड़े में नारियल की चटनी और सांभर के संग परोसा जाता है। इडली को विश्व के सर्वोच्च दस स्वास्थय वर्धक व्यंजनों में माना गया है। .

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कन्नड़ खाना

चिरोटी मसाला दोसा रोटी भरवां कोलोकेशिया साग धारवाड़ पेड़ा गोकाक सारु मज्जिगे हुली केम्पन्ना सज्जिगे बजील सांभर येन्ने पैडी करी सोप्पू पाल्या उस्ली झोल्का पंडी करी कोली करी बेम्ब्ला करी तालिपट्टू मैसूर पाक ओबट्टू कर्दंतु शैविगे पायस कूटु रागी मन्नी जोडा मुद्दे श्रेणी:भारतीय खाना श्रेणी:खान पान.

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कर्नाटक

कर्नाटक, जिसे कर्णाटक भी कहते हैं, दक्षिण भारत का एक राज्य है। इस राज्य का गठन १ नवंबर, १९५६ को राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अधीन किया गया था। पहले यह मैसूर राज्य कहलाता था। १९७३ में पुनर्नामकरण कर इसका नाम कर्नाटक कर दिया गया। इसकी सीमाएं पश्चिम में अरब सागर, उत्तर पश्चिम में गोआ, उत्तर में महाराष्ट्र, पूर्व में आंध्र प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में तमिल नाडु एवं दक्षिण में केरल से लगती हैं। इसका कुल क्षेत्रफल ७४,१२२ वर्ग मील (१,९१,९७६ कि॰मी॰²) है, जो भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का ५.८३% है। २९ जिलों के साथ यह राज्य आठवां सबसे बड़ा राज्य है। राज्य की आधिकारिक और सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है कन्नड़। कर्नाटक शब्द के उद्गम के कई व्याख्याओं में से सर्वाधिक स्वीकृत व्याख्या यह है कि कर्नाटक शब्द का उद्गम कन्नड़ शब्द करु, अर्थात काली या ऊंची और नाडु अर्थात भूमि या प्रदेश या क्षेत्र से आया है, जिसके संयोजन करुनाडु का पूरा अर्थ हुआ काली भूमि या ऊंचा प्रदेश। काला शब्द यहां के बयालुसीम क्षेत्र की काली मिट्टी से आया है और ऊंचा यानि दक्कन के पठारी भूमि से आया है। ब्रिटिश राज में यहां के लिये कार्नेटिक शब्द का प्रयोग किया जाता था, जो कृष्णा नदी के दक्षिणी ओर की प्रायद्वीपीय भूमि के लिये प्रयुक्त है और मूलतः कर्नाटक शब्द का अपभ्रंश है। प्राचीन एवं मध्यकालीन इतिहास देखें तो कर्नाटक क्षेत्र कई बड़े शक्तिशाली साम्राज्यों का क्षेत्र रहा है। इन साम्राज्यों के दरबारों के विचारक, दार्शनिक और भाट व कवियों के सामाजिक, साहित्यिक व धार्मिक संरक्षण में आज का कर्नाटक उपजा है। भारतीय शास्त्रीय संगीत के दोनों ही रूपों, कर्नाटक संगीत और हिन्दुस्तानी संगीत को इस राज्य का महत्त्वपूर्ण योगदान मिला है। आधुनिक युग के कन्नड़ लेखकों को सर्वाधिक ज्ञानपीठ सम्मान मिले हैं। राज्य की राजधानी बंगलुरु शहर है, जो भारत में हो रही त्वरित आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी का अग्रणी योगदानकर्त्ता है। .

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कश्मीरी पुलाव

कश्मीरी पुलाव एक अवधी व्यंजन है। इसका मुख्य घटक बासमती चावल है। पुलाव, कश्मीरी पुलाव, कश्मीरी.

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कश्मीरी खाना

कश्मीरी नून चाय हिन्दुस्तानी प्रदेश कश्मीर से कश्मीरी खाना (कश्मीरी: कॉशुर खयून(देवनागरी) کٲشُر خیون(नस्तालीक़)) कश्मीर की प्राचीन परंपरा पर आधारित है। ऋग्वेद में इस क्षेत्र के मांस खाने परंपराओं का उल्लेख है। कश्मीर की प्राचीन महाकाव्य, अर्थात् निल्मातापूर्ण हमें बताता है कि कश्मीरियों मांस भक्षण करते थे। यह आदत आज कश्मीर में बनी रहती है। आज कश्मीर व्यंजन में सबसे उल्लेखनीय घटक मटन है, जिनमें से ३० किस्मों से अधिक हैं। इसके अलावा करने के लिए ध्यान दिया जाना चाहिए बाल्टी करी, अपने विदेशी स्वाद के लिए यूनाइटेड किंगडम में लोकप्रिय है, कि बाल्टिस्तान से फैला है। .

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केरल

केरल (मलयालम: കേരളം, केरळम्) भारत का एक प्रान्त है। इसकी राजधानी तिरुवनन्तपुरम (त्रिवेन्द्रम) है। मलयालम (മലയാളം, मलयाळम्) यहां की मुख्य भाषा है। हिन्दुओं तथा मुसलमानों के अलावा यहां ईसाई भी बड़ी संख्या में रहते हैं। भारत की दक्षिण-पश्चिमी सीमा पर अरब सागर और सह्याद्रि पर्वत श्रृंखलाओं के मध्य एक खूबसूरत भूभाग स्थित है, जिसे केरल के नाम से जाना जाता है। इस राज्य का क्षेत्रफल 38863 वर्ग किलोमीटर है और यहाँ मलयालम भाषा बोली जाती है। अपनी संस्कृति और भाषा-वैशिष्ट्य के कारण पहचाने जाने वाले भारत के दक्षिण में स्थित चार राज्यों में केरल प्रमुख स्थान रखता है। इसके प्रमुख पड़ोसी राज्य तमिलनाडु और कर्नाटक हैं। पुदुच्चेरी (पांडिचेरि) राज्य का मय्यष़ि (माहि) नाम से जाता जाने वाला भूभाग भी केरल राज्य के अन्तर्गत स्थित है। अरब सागर में स्थित केन्द्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप का भी भाषा और संस्कृति की दृष्टि से केरल के साथ अटूट संबन्ध है। स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व केरल में राजाओं की रियासतें थीं। जुलाई 1949 में तिरुवितांकूर और कोच्चिन रियासतों को जोड़कर 'तिरुकोच्चि' राज्य का गठन किया गया। उस समय मलाबार प्रदेश मद्रास राज्य (वर्तमान तमिलनाडु) का एक जिला मात्र था। नवंबर 1956 में तिरुकोच्चि के साथ मलाबार को भी जोड़ा गया और इस तरह वर्तमान केरल की स्थापना हुई। इस प्रकार 'ऐक्य केरलम' के गठन के द्वारा इस भूभाग की जनता की दीर्घकालीन अभिलाषा पूर्ण हुई। * केरल में शिशुओं की मृत्यु दर भारत के राज्यों में सबसे कम है और स्त्रियों की संख्या पुरुषों से अधिक है (2001 की जनगणना के आधार पर)।.

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केरल का खाना

केरल (मलयालम: കേരളീയ പാചകശൈലി) का भोजन अपने सभी समृद्धि में इतिहास, भूगोल और भूमि की जनसांख्यिकी संस्कृति से जुड़ा हुआ है। केरल भोजन दोनों शाकाहारी और मांसाहारी मछली, मुर्गी और मांस का उपयोग कर तैयार व्यंजन की एक भीड़ है। 2000 से अधिक वर्षों के लिए, केरल समुद्र-goers द्वारा दौरा किया गया है ग्रीस, रोम, पूर्वी भूमध्य, अरब देशों और यूरोप से व्यापारियों (केरल का इतिहास देखें) भी शामिल है। इस प्रकार, केरल भोजन एक स्वदेशी और विदेशी व्यंजन केरल स्वाद के लिए अनुकूलित व्यंजन का एक मिश्रण है। नारियल केरल में बहुतायत में हो जाना और इसके परिणामस्वरूप, grated नारियल और नारियल का दूध व्यापक रूप से बर्तन का उपयोग किया है और एक thickener और स्वादिष्ट बनाने का मसाला संघटक के रूप में करी.

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अप्पम

अप्पम एक तमिल अल्पाहार है। अप्पम अप्पम श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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उत्तर प्रदेश का खाना

श्रेणी:लखनऊ श्रेणी:भारतीय खाना श्रेणी:उत्तर प्रदेश की संस्कृति श्रेणी:उत्तर प्रदेश की पाकशैलियाँ.

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छोले भटूरे

छोले भटूरे पंजाब की पसंददीदा डिश है। आज हम आपको इसको बनाने की विधि बताते हैं। इसे बनाना काफी आसान है। भटूरे के लिये आवश्यक सामग्री मैदा 500 ग्राम, सूजी 100ग्राम, दही आधा कटोरी, नमक स्वादानुसार, चीनी आधा छोटी चम्मच, बेकिंग पाउडर - 1 छोटी चम्मच, तेल - तलने के लिये भटूरा बनाने की विधि मैदा और सूजी को किसी बर्तन में छान कर निकाल लीजिये, मैदा के बीच में जगह बनाइये, 2 टेबिल स्पून तेल, नमक, बेकिंग पाउडर, दही और चीनी इसमें डालकर, इसी जगह इन सब चीजों को अच्छी तरह मिला लीजिये। गुनगुने पानी की सहायता से नरम आटा गूथ लीजिये। गुथे हुये आटे को 2 घंटे के लिये बन्द अलमारी या किसी गरम जगह पर ढक कर रख दीजिये। कढ़ाई में तेल डाल कर गरम करें। गूथे हुये आटे से एक टेबिल स्पून आटे के बराबर आटा निकालिये। लोई बनाइये और पूरी की तरह बेलिये, लेकिन यह, पूरी से थोड़ा सा मोटा बेला जाता है। पूरी को गरम तेल में डालिये, कलछी से दबाकर फुलाइये, दोनों ओर पलट कर हल्का ब्राउन होने तक तलिये। छोले के लिए आवश्यक सामग्री काबुली चना एक कटोरी या 150 ग्राम, खाना वाला सोडा आधा चम्मच, टमाटर -3-4 मीडियम साइज, हरी मिर्च - 2-3, अदरक - 1 इन्च लम्बा टुकड़ा य़ा एक छोटी चम्मच अदरक का पेस्ट, रिफाइन्ड तेल - 2 टेबिल स्पून, जीरा - आधा छोटी चम्मच, धनियाँ पाउडर - एक छोटी चम्मच, लाल मिर्च पाउडर - एक चौथाई छोटी चम्मच से कम, गरम मसाला छोला बनाने की विधि चनों को रात भर पानी में भिगने रख दीजिये। पानी से निकाल कर चनों को धोकर, कुकर में डालिये, एक छोटा गिलास पानी, नमक और खाना सोडा मिला दीजिय। कुकर बन्द करें और गैस पर उबालने के लिये रख दीजिये। दूसरी तरफ टमाटर, हरी मिर्च, अदरक को मिक्सी से बारीक पीस लें। कढ़ाई में तेल डाल कर गरम करें। जीरा भुनने के बाद धनियाँ पाउडर डाल दीजिये। चमचे से चलायें, टमाटर, अदरक, हरी मिर्च का मिश्रण और लाल मिर्च पाउडर डाल कर मसाले को जब तक भूने तब तक कि मसाले के ऊपर तेल न तैरने लगे। भुने मसाले में एक गिलास पानी और स्वादानुसार नमक डाल दीजिये। उबले चनों को इस मसाले की तरी में मिला कर अच्छी तरह चमचे से चला लीजिये। यदि आपको छोले अधिक गाढ़े लग रहे हो, तो आप उनमें आवश्यकता अनुसार पानी मिला लीजियें, उबाल आने के बाद 2-3 मिनिट पकने दीजिये। गरम मसाला और आधा हरा धनियाँ मिला दीजिये। आपके छोले तैयार हैं। इन्हें भटूरे के साथ सर्व करें। श्रेणी:भारतीय व्यंजन श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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