लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
डाउनलोड
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

भदोही

सूची भदोही

भदोही के गोपीगंज में कार्पेट दिखाता एक विक्रेता भदोही उत्तर प्रदेश का एक जिला है।जिले का मुख्यालय ज्ञानपुर है यह कालीन निर्माण के लिये प्रसिद्ध है। भदोही क्षेत्र बुनकरों का घर है, जहाँ भोले-भाले परस से कितनी कलाकृतियाँ जन्म लेती हैं। बेलबूटेदार कलात्मक रंगों का इन्द्रधनुषी वैभव लिए हुए बेहद लुभावने गलीचे दुनियां के बाजारों में धाक जमाये हुए हैं। करोड़ों रुपये विदेशी मुद्रा अर्जित कराने तथा लाखों लोगों को रोजी रोटी मुहैया कराने वाले भदोही अंचल की अभिव्यक्ति कालीनों के माध्यम से होती है। आकर्षक कालीनों से ही भदोही को विश्व मानचित्र एवं हस्त कला के क्षेत्र में सर्वोच्च स्थान दिया है। .

10 संबंधों: बलिया, हूण लोग, जौनपुर, ग़ाज़ीपुर, गंगा नदी, आज़मगढ़, इलाहाबाद, कालीन, काशी, उत्तर प्रदेश

बलिया

बलिया (भोजपुरी: बलिया या बलिंयाँ) भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश में एक नगर निगम वाला शहर है। यह अपने ही नाम के जिले का मुख्यालय भी है। इस शहर की पूर्वी सीमा गंगा और सरयू के संगम द्वारा बनायी जाती है। यह शहर वाराणसी से 155 किलोमीटर स्थित है। भोजपुरी यहाँ की प्राथमिक स्थानीय भाषा है। यह क्षेत्र गंगा और घाघरा के बीच के जलोढ़ मैदानों में स्थित है। अक्सर बाढ़ग्रस्त रहने वाले इस उपजाऊ क्षेत्र में चावल, जौ, मटर, ज्वार-बाजरा, दालें, तिलहन और गन्ना उगाया जाता है। .

नई!!: भदोही और बलिया · और देखें »

हूण लोग

हूण बंजारे लोग थे जिनका मूल स्थान वोल्गा के पूर्व में था। वे ३७० ई में यूरोप में पहुँचे और वहाँ विशाल हूण साम्राज्य खड़ा किया। हूण वास्तव में चीन के पास रहने वाली एक जाति थी। इन्हें चीनी लोग "ह्यून यू" अथवा "हून यू" कहते थे। कालान्तर में इसकी दो शाखाएँ बन गईँ जिसमें से एक वोल्गा नदी के पास बस गई तथा दूसरी शाखा ने ईरान पर आक्रमण किया और वहाँ के सासानी वंश के शासक फिरोज़ को मार कर राज्य स्थापित कर लिया। बदलते समय के साथ-साथ कालान्तर में इसी शाखा ने भारत पर आक्रमण किया इसकी पश्चिमी शाखा ने यूरोप के महान रोमन साम्राज्य का पतन कर दिया। यूरोप पर आक्रमण करने वाले हूणों का नेता अट्टिला था। भारत पर आक्रमण करने वाले हूणों को श्वेत हूण तथा यूरोप पर आक्रमण करने वाले हूणों को अश्वेत हूण कहा गया भारत पर आक्रमण करने वाले हूणों के नेता क्रमशः तोरमाण व मिहिरकुल थे तोरमाण ने स्कन्दगुप्त को शासन काल में भारत पर आक्रमण किया था। .

नई!!: भदोही और हूण लोग · और देखें »

जौनपुर

जौनपुर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख ऐतिहासिक शहर है। मध्यकालीन भारत में शर्की शासकों की राजधानी रहा जौनपुर वाराणसी से 58 किलोमीटर और इलाहाबाद से 100 किलोमीटर दूर उत्तर दिशा में गोमती नदी के तट पर बसा है। मध्यकालीन भारत में जौनपुर सल्तनत (1394 और 1479 के बीच) उत्तरी भारत का एक स्वतंत्र राज्य था I वर्तमान राज्य उत्तर प्रदेश जौनपुर सल्तनत के अंतर्गत आता था, जिसपर शर्की शासक जौनपुर से शासन करते थे I .

नई!!: भदोही और जौनपुर · और देखें »

ग़ाज़ीपुर

गाजीपुर भारत के उत्तर प्रदेश प्रान्त का एक शहर है। इसकी स्थापना तुग़लक़ वंश के शासन काल में सैय्यद मसूद ग़ाज़ी द्वारा की गयी थी। कुछ इतिहासकारों के मुताबिक इस शहर का प्राचीन नाम गाधिपुर था जो कि सन् १३३० में ग़ाज़ीपुर कर दिया गया। ऐतिहासिक दस्तावेजों के मुताबिक ग़ाज़ीपुर के कठउत पृथ्वीराज चौहान के वंशज राजा मांधाता का गढ़ था। राजा मांधाता दिल्ली सुल्तान की अधीनता को अस्वीकार कर स्वतंत्र रूप से शासन कर रहा था। दिल्ली के तुगलक वंश के सुल्तान को इस बात की सूचना दी गई जिसके बाद मुहम्मद बिन तुगलक के सिपहसालार सैयद मसूद अल हुसैनी ने सेना की टुकड़ी के साथ राजा मांधाता के गढ़ पर हमला कर दिया। इस युद्ध में राजा मांधाता की पराजय हुई। जिसके बाद मृत राजा की संपत्ति का उत्तराधिकारी सैयद मसूद अल हुसैनी को बनादिया गया। इस जंग में जीत के बाद दिल्ली सुल्तान की ओर से सैयद मसूद अल हुसैनी को मलिक-अल-सादात गााजी की उपाधि से नवाजा गया। जिसके बाद सैयद मसूद गाजी ने कठउत के बगल में गौसुपर को अपना गढ़ बनाया। लेकिन कुछ समय बाद उसने गाजीपुर शहर की स्थापना की। जिसके बारे में कुछ इतिहासकारों का मत है कि उसने प्राचीन गाधिपुर का ही नया नामकरण गाजीपुर कर दिया। गाजीपुर, अंग्रेजों द्वारा १८२० में स्थापित, विश्व में सबसे बड़े अफीम के कारखाने के लिए प्रख्यात है। यहाँ हथकरघा तथा इत्र उद्योग भी हैं। ब्रिटिश भारत के गवर्नर जनरल लोर्ड कार्नवालिस की मृत्यु यहीं हुई थी तथा वे यहीं दफन हैं। शहर उत्तर प्रदेश - बिहार सीमा के बहुत नजदीक स्थित है। यहाँ की स्थानीय भाषा भोजपुरी एवं हिंदी है। यह पवित्र शहर बनारस के ७० की मी पूर्व में स्थित है। .

नई!!: भदोही और ग़ाज़ीपुर · और देखें »

गंगा नदी

गंगा (गङ्गा; গঙ্গা) भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण नदी है। यह भारत और बांग्लादेश में कुल मिलाकर २,५१० किलोमीटर (कि॰मी॰) की दूरी तय करती हुई उत्तराखण्ड में हिमालय से लेकर बंगाल की खाड़ी के सुन्दरवन तक विशाल भू-भाग को सींचती है। देश की प्राकृतिक सम्पदा ही नहीं, जन-जन की भावनात्मक आस्था का आधार भी है। २,०७१ कि॰मी॰ तक भारत तथा उसके बाद बांग्लादेश में अपनी लंबी यात्रा करते हुए यह सहायक नदियों के साथ दस लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के अति विशाल उपजाऊ मैदान की रचना करती है। सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण गंगा का यह मैदान अपनी घनी जनसंख्या के कारण भी जाना जाता है। १०० फीट (३१ मी॰) की अधिकतम गहराई वाली यह नदी भारत में पवित्र मानी जाती है तथा इसकी उपासना माँ तथा देवी के रूप में की जाती है। भारतीय पुराण और साहित्य में अपने सौन्दर्य और महत्त्व के कारण बार-बार आदर के साथ वंदित गंगा नदी के प्रति विदेशी साहित्य में भी प्रशंसा और भावुकतापूर्ण वर्णन किये गये हैं। इस नदी में मछलियों तथा सर्पों की अनेक प्रजातियाँ तो पायी ही जाती हैं, मीठे पानी वाले दुर्लभ डॉलफिन भी पाये जाते हैं। यह कृषि, पर्यटन, साहसिक खेलों तथा उद्योगों के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान देती है तथा अपने तट पर बसे शहरों की जलापूर्ति भी करती है। इसके तट पर विकसित धार्मिक स्थल और तीर्थ भारतीय सामाजिक व्यवस्था के विशेष अंग हैं। इसके ऊपर बने पुल, बांध और नदी परियोजनाएँ भारत की बिजली, पानी और कृषि से सम्बन्धित ज़रूरतों को पूरा करती हैं। वैज्ञानिक मानते हैं कि इस नदी के जल में बैक्टीरियोफेज नामक विषाणु होते हैं, जो जीवाणुओं व अन्य हानिकारक सूक्ष्मजीवों को जीवित नहीं रहने देते हैं। गंगा की इस अनुपम शुद्धीकरण क्षमता तथा सामाजिक श्रद्धा के बावजूद इसको प्रदूषित होने से रोका नहीं जा सका है। फिर भी इसके प्रयत्न जारी हैं और सफ़ाई की अनेक परियोजनाओं के क्रम में नवम्बर,२००८ में भारत सरकार द्वारा इसे भारत की राष्ट्रीय नदी तथा इलाहाबाद और हल्दिया के बीच (१६०० किलोमीटर) गंगा नदी जलमार्ग को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया है। .

नई!!: भदोही और गंगा नदी · और देखें »

आज़मगढ़

यह पृष्ठ आज़मगढ़ शहर के लिये हैं। आज़मगढ़ जनपद के लिये आजमगढ़ जिला और मण्डल के लिये आजमगढ़ मंडल देखें। आज़मगढ भारत के उत्तर प्रदेश प्रान्त का एक जिला है। आज़मगढ़ 1665 ई. में फुलवारिया नामक प्राचीन ग्राम के स्थान पर आजम ख़ाँ जो कि राजा विकर्मजीत सिंग के पुत्र थे उसने ही इस नगर की स्थापना कीया । यहाँ गौरीशंकर का मंदिर 1760 ई. में स्थानीय राजा के पुरोहित ने बनवाया था। आज़मगढ़ उत्तर प्रदेश में स्थित है। तहसीलें सदर,सगड़ी, बूढ़नपुर,लालगंज, फूलपुर, निज़ामाबाद,मेंहनगर, ऐतिहासिक तमसा नदी के तट पर स्थित आजमगढ़ उत्तर प्रदेश राज्य का एक महत्‍वपूर्ण जिला है। यह जिला उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित है। आजमगढ़ गंगा और घाघरा नदी के मध्य बसा हुआ है। ऐतिहासिक द़ष्टि से भी यह स्थान काफी महत्वपूर्ण था। यह जिला माऊ, गोरखपुर, गाजीपुर, जौनपुर, सुल्तानपुर और अम्बेडकर जिले की सीमा से लगा हुआ है। पर्यटन की द़ष्टि से महाराजगंज, दुर्वासा, मुबारकपुर, मेहनगर, भवरनाथ मंदिर और अवन्तिकापुरी आदि विशेष रूप से प्रसिद्ध है। विक्रमजीत के पुत्र आजम खान, जो एक शक्तिशाली जमींदार था, शाहजहां के शासनकाल के दौरान 1665 ई. में आजमगढ़ की स्थापना करवाई थी। इसी कारण इस जगह को आजमगढ़ के नाम से जाना जाता है। स्वतंत्रता आंदोलन के समय में भी इस जगह का विशेष महत्व रहा है। महाराजगंज: छोटी सरयू नदी के तट पर बसा महाराजगंज जिला मुख्यालय से लगभग 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आजमगढ़ में राजाओं की नामावली अधिक लम्बी है यहीं वजह है कि इस जगह को महाराजगंज के नाम से जाना जाता है। यहां एक काफी पुराना मंदिर भी है। यह मंदिर भैरों बाबा को समर्पित है। भैरों बाबा को देओतरि के नाम से भी जाना जाता है। इसके अतिरिक्त यह वहीं स्थान है जहां भगवान शिव की पत्‍नी पार्वती दक्ष यजन वेदी में सती हुई थी। प्रत्येक माह पूर्णिमा के दिन यहां मेले का आयोजन किया जाता है। मुबारकपुर: मुबारकपुर जिला मुख्यालय के उत्तर-पूर्व से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पहले इस जगह को कासिमाबाद के नाम से जाना जाता था। कुछ समय बाद इस जगह का पुर्ननिर्माण करवाया गया। इस जगह को दुबारा राजा मुबारक ने बनवाया था। यह जगह बनारसी साड़ियों के लिए काफी प्रसिद्ध है। इन बनारसी साड़ियों का निर्यात पूरे विश्व में होता है। इसके अलावा यहां ठाकुरजी का एक पुराना मंदिर और राजा साहिब की मस्जिद भी स्थित है। मेहनगर: यह जगह जिला मुख्यालय के पूर्व-दक्षिण में 36 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां एक प्रसिद्ध किला है जिसका निर्माण राजा हरिबन ने करवाया था। इस किले में एक स्मारक और सरोवर है जो कि काफी प्रसिद्ध है। इस सरोवर को मदिलाह सरोवर के नाम से जाना जाता है। प्रत्येक वर्ष सरोवर से तीन किलोमीटर की दूरी पर धार्मिक मेले का आयोजन किया जाता है। दुर्वासा: यह स्थान फूलपुर तहसील मुख्यालय के उत्तर से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह जगह यहां स्थित दुर्वासा ऋषि के आश्रम के लिए काफी प्रसिद्ध है। प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यहां बहुत बड़े मेले का आयोजन किया जाता है। हजारों की संख्या में विद्यार्थी ज्ञान प्राप्त करने यहां आया करते थे। भवरनाथ मंदिर: यह मंदिर आजमगढ़ जिले के प्रमुख मंदिरों में से एक हैं। भवरनाथ मंदिर शहर से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर लगभग सौ वर्ष पुराना है। माना जाता है कि जो भी सच्चे मन से इस मंदिर में आता है उसकी मुराद जरूर पूरी होती है। महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां बहुत बड़े मेले का आयोजन किया जाता है। हजारों की संख्या में भक्त इस मेले में एकत्रित होते हैं। अवन्तिकापुरी: मुहम्मदपुर स्थित अविन्कापुरी काफी प्रसिद्ध स्थान है। ऐसा माना जाता है कि राजा जन्मेजय ने एक बार पृथ्वी पर जितने भी सांप है उन्हें मारने के लिए यहां एक यज्ञ का आयोजन किया था। यहां स्थित मंदिर व सरोवर भी काफी प्रसिद्ध है। काफी संख्या में लोग इस सरोवर में डुबकी लगाते हैं। निज़ामाबाद:यह आज़मगढ़ मुख्यालय से 10 किमी पश्चिम में स्थित है। मिट्टी के बर्तनों के लिए प्रसिद्ध यह स्थान हरिऔध, जैसे साहित्यकारों की जन्म स्थली भी है। यहाँ से मुबारकपुर से मंदुरी वाया तहबरपुर सड़क मार्ग से जुड़ा है। तहबरपुर निजामाबाद के उत्तर में स्थित बाज़ार है। तहबरपुर सीधे मुख्यालय (आजमगढ़) से भी सीधा जुड़ा हुआ है। यहाँ से विभिन्न गांवों से संपर्क मार्ग जुड़े हुए हैं जिनमें पूरा अचानक, कोेठिहार, मुस्तफ़ाबाद, चिरावल, रैसिंहपुर, बैरमपुर, ओरा, कोइनहाँ, आदि प्रमुख हैं। फेटी:-यह गांव आज़मगढ़ रेल्वे स्टेशन से 28 किलोमीटर दूरी पर स्थित है,यह गांव दिनेश श्रीनाथ बंदवार का गांव है .

नई!!: भदोही और आज़मगढ़ · और देखें »

इलाहाबाद

इलाहाबाद उत्तर भारत के उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित एक नगर एवं इलाहाबाद जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है। इसका प्राचीन नाम प्रयाग है। इसे 'तीर्थराज' (तीर्थों का राजा) भी कहते हैं। इलाहाबाद भारत का दूसरा प्राचीनतम बसा नगर है। हिन्दू मान्यता अनुसार, यहां सृष्टिकर्ता ब्रह्मा ने सृष्टि कार्य पूर्ण होने के बाद प्रथम यज्ञ किया था। इसी प्रथम यज्ञ के प्र और याग अर्थात यज्ञ से मिलकर प्रयाग बना और उस स्थान का नाम प्रयाग पड़ा जहाँ भगवान श्री ब्रम्हा जी ने सृष्टि का सबसे पहला यज्ञ सम्पन्न किया था। इस पावन नगरी के अधिष्ठाता भगवान श्री विष्णु स्वयं हैं और वे यहाँ माधव रूप में विराजमान हैं। भगवान के यहाँ बारह स्वरूप विध्यमान हैं। जिन्हें द्वादश माधव कहा जाता है। सबसे बड़े हिन्दू सम्मेलन महाकुंभ की चार स्थलियों में से एक है, शेष तीन हरिद्वार, उज्जैन एवं नासिक हैं। हिन्दू धर्मग्रन्थों में वर्णित प्रयाग स्थल पवित्रतम नदी गंगा और यमुना के संगम पर स्थित है। यहीं सरस्वती नदी गुप्त रूप से संगम में मिलती है, अतः ये त्रिवेणी संगम कहलाता है, जहां प्रत्येक बारह वर्ष में कुंभ मेला लगता है। इलाहाबाद में कई महत्त्वपूर्ण राज्य सरकार के कार्यालय स्थित हैं, जैसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय, प्रधान महालेखाधिकारी (एजी ऑफ़िस), उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग (पी.एस.सी), राज्य पुलिस मुख्यालय, उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय एवं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद कार्यालय। भारत सरकार द्वारा इलाहाबाद को जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण योजना के लिये मिशन शहर के रूप में चुना गया है। .

नई!!: भदोही और इलाहाबाद · और देखें »

कालीन

कालीन कालीन (अरबी: क़ालीन) अथवा गलीचा (फारसी: ग़लीच) उस भारी बिछावन को कहते हैं जिसके ऊपरी पृष्ठ पर आधारणत: ऊन के छोटे-छोटे किंतु बहुत घने तंतु खड़े रहते हैं। इन तंतुओं को लगाने के लिए उनकी बुनाई की जाती है, या बाने में ऊनी सूत का फंदा डाल दिया जाता है, या आधारवाले कपड़े पर ऊनी सूत की सिलाई कर दी जाती है, या रासायनिक लेप द्वारा तंतु चिपका दिए जाते हैं। ऊन के बदले रेशम का भी प्रयोग कभी-कभी होता है परंतु ऐसे कालीन बहुत मँहगे पड़ते हैं और टिकाऊ भी कम होते हैं। कपास के सूत के भी कालीन बनते हैं, किंतु उनका उतना आदर नहीं होता। कालीन की पीठ के लिए सूत और पटसन (जूट) का उपयोग होता है। ऊन के तंतु में लचक का अमूल्य गुण होने से यह तंतु कालीनों के मुखपृष्ठ के लिए विशेष उपयोगी होता है। फलस्वरूप जूता पहनकर भी कालीन पर चलते रहने पर वह बहुत समय तक नए के समान बना रहता है। ताने के लिए कपास की डोर का ही उपयोग किया जाता है, परंतु बाने के लिए सूत अथवा पटसन का। पटसन के उपयोग से कालीन भारी और कड़ा बनता है, जो उसका आवश्यक तथा प्रशंसनीय गुण है। अच्छे कालीनों में सूत की डोर के साथ पटसन का उपयोग किया जाता है। .

नई!!: भदोही और कालीन · और देखें »

काशी

काशी जैनों का मुख्य तीर्थ है यहाँ श्री पार्श्वनाथ भगवान का जन्म हुआ एवम श्री समन्तभद्र स्वामी ने अतिशय दिखाया जैसे ही लोगों ने नमस्कार करने को कहा पिंडी फट गई और उसमे से श्री चंद्रप्रभु की प्रतिमा जी निकली जो पिन्डि आज भी फटे शंकर के नाम से प्रसिद्ध है काशी विश्वनाथ मंदिर (१९१५) काशी नगरी वर्तमान वाराणसी शहर में स्थित पौराणिक नगरी है। इसे संसार के सबसे पुरानी नगरों में माना जाता है। भारत की यह जगत्प्रसिद्ध प्राचीन नगरी गंगा के वाम (उत्तर) तट पर उत्तर प्रदेश के दक्षिण-पूर्वी कोने में वरुणा और असी नदियों के गंगासंगमों के बीच बसी हुई है। इस स्थान पर गंगा ने प्राय: चार मील का दक्षिण से उत्तर की ओर घुमाव लिया है और इसी घुमाव के ऊपर इस नगरी की स्थिति है। इस नगर का प्राचीन 'वाराणसी' नाम लोकोच्चारण से 'बनारस' हो गया था जिसे उत्तर प्रदेश सरकार ने शासकीय रूप से पूर्ववत् 'वाराणसी' कर दिया है। विश्व के सर्वाधिक प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद में काशी का उल्लेख मिलता है - 'काशिरित्ते..

नई!!: भदोही और काशी · और देखें »

उत्तर प्रदेश

आगरा और अवध संयुक्त प्रांत 1903 उत्तर प्रदेश सरकार का राजचिन्ह उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा (जनसंख्या के आधार पर) राज्य है। लखनऊ प्रदेश की प्रशासनिक व विधायिक राजधानी है और इलाहाबाद न्यायिक राजधानी है। आगरा, अयोध्या, कानपुर, झाँसी, बरेली, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा, मुरादाबाद तथा आज़मगढ़ प्रदेश के अन्य महत्त्वपूर्ण शहर हैं। राज्य के उत्तर में उत्तराखण्ड तथा हिमाचल प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली तथा राजस्थान, दक्षिण में मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ और पूर्व में बिहार तथा झारखंड राज्य स्थित हैं। इनके अतिरिक्त राज्य की की पूर्वोत्तर दिशा में नेपाल देश है। सन २००० में भारतीय संसद ने उत्तर प्रदेश के उत्तर पश्चिमी (मुख्यतः पहाड़ी) भाग से उत्तरांचल (वर्तमान में उत्तराखंड) राज्य का निर्माण किया। उत्तर प्रदेश का अधिकतर हिस्सा सघन आबादी वाले गंगा और यमुना। विश्व में केवल पाँच राष्ट्र चीन, स्वयं भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनिशिया और ब्राज़ील की जनसंख्या उत्तर प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है। उत्तर प्रदेश भारत के उत्तर में स्थित है। यह राज्य उत्तर में नेपाल व उत्तराखण्ड, दक्षिण में मध्य प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान तथा पूर्व में बिहार तथा दक्षिण-पूर्व में झारखण्ड व छत्तीसगढ़ से घिरा हुआ है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है। यह राज्य २,३८,५६६ वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यहाँ का मुख्य न्यायालय इलाहाबाद में है। कानपुर, झाँसी, बाँदा, हमीरपुर, चित्रकूट, जालौन, महोबा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, वाराणसी, इलाहाबाद, मेरठ, गोरखपुर, नोएडा, मथुरा, मुरादाबाद, गाजियाबाद, अलीगढ़, सुल्तानपुर, फैजाबाद, बरेली, आज़मगढ़, मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर यहाँ के मुख्य शहर हैं। .

नई!!: भदोही और उत्तर प्रदेश · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »