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ब्रिटिश राजसत्ता का अनुक्रम

सूची ब्रिटिश राजसत्ता का अनुक्रम

ब्रिटिश सिंहासन पर उत्तराधिकार का क्रम, ब्रिटिश समेत विश्व के १५ अन्य राष्ट्रमण्डल प्रदेशों की साँझा एकराट्तंत्र के राजगद्दी पर उत्तराधिकार के क्रम को परिभाषित करती है। यह उत्तराधिकार क्रम कई ऐतिहासिक संविधियाँ, संधियाँ, परंपराएँ, और अधिनियमों द्वारा निर्धारित की जाती है। साथ ही राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमियों के साँझ राजतांत्रिक व्यवस्था के कारण, इस क्रम अथवा इससे संबंधित विधानों को समस्त राष्ट्रमण्डल प्रमंडलों की स्वीकृति द्वारा निर्धारत एवं परिवर्तित किया जाता है। वर्तमान में, राजपाट और सिंहासन के वारिस की प्राथमिकता में प्रथम स्थान पर वेल्स के राजकुमार, चार्ल्स हैं, तत्पश्चात् कैम्ब्रिज के ड्यूक, प्रिंस विलियम हैं, और उनके बाद, उनके ज्येष्ठ पुत्र कैम्ब्रिज के प्रिंस जॉर्ज तथा तजपश्चात् उनकी छोटी बहन प्रिंसेस शार्लट हैं। .

40 संबंधों: चार्ल्स, वेल्स के राजकुमार, ऍक्ट ऑफ़ सेटलमेंट, १७०१, एडिनबर्ग, एलिज़ाबेथ द्वितीय, ऐनी, प्रिंसेस रॉयल, डेविड आर्मस्ट्रांग-जोंस, वाइसकाउंट लिंले, डेविड कैमरन, प्रिंसेस मार्गरेट, स्नोडन की काउंटेस, पीटर फिलिप्स, बिल ऑफ़ राइट्स, १६८९, ब्रिटिश राजतंत्र, ब्रिटिश राजपरिवार, यूनाइटेड किंगडम, यॉर्क की राजकुमारी बियैट्रिस, यॉर्क की राजकुमारी यूजीनी, राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमि, राष्ट्रकुल, राजतन्त्र, राजमुकुट, राजकुमार एडवर्ड, वेसेक्स के अर्ल, राजकुमार ऐंड्र्यू, यॉर्क के ड्यूक, राजकुमार विलियम, कैम्ब्रिज के ड्यूक, रॉयल मैरेजेज़ ऍक्ट, १७७२, लंदन, लेडी लुईज़ विन्ज़र, सेंट जेम्स पैलेस, सोफ़िया, हॅनोवर की निर्वाचिका, ज़ारा फ़िलिप्स, जेम्स प्रथम, जेम्स माउण्टबैटन-विंड्सर, वाइकाउंट सेवर्न, विलय के अधिनियम, १७०७, वेल्स के प्रिंस हेनरी, वेस्टमिंस्टर की संविधि, १९३१, वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी, गौरवशाली क्रांति, इंग्लैंड का गिरिजाघर, कैम्ब्रिज के राजकुमार जॉर्ज, कैम्ब्रिज की राजकुमारी शार्लट, कैंटरबरी के आर्चबिशप, उत्तराधिकार परिषद्

चार्ल्स, वेल्स के राजकुमार

वेल्स के राजकुमार, युवराज चार्ल्स (चार्ल्स फिलिप ऑर्थर जॉर्ज; जन्म 14 नवम्बर 1948) महारानी एलिज़ाबेथ II और एडिनबर्ग के ड्यूक, राजकुमार फिलिप के ज्येष्ट पुत्र हैं। 1952 से ही वे राष्ट्रमंडल शक्तियों की गद्दी के स्पष्ट उत्तराधिकारी रहे हैं। कैम्ब्रिज, ट्रिनिटी कॉलेज से कला में स्नातक प्राप्त करने के बाद उन्होंने रॉयल नेवी मे 1971-1976 तक अपनी सेवाओं का निर्वहन किया। 1981 में उन्होंने लेडी डायना स्पेंसर के साथ संसार भर के टेलीविजन के विशाल दर्शकों के सामने ब्याह रचाया.

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ऍक्ट ऑफ़ सेटलमेंट, १७०१

ऍक्ट ऑफ़ सेटलमेंट(Act of Settlement) अर्थात् समाधान का अधिनियम, इंग्लैंड की संसद द्वारा सन् १७०१ में पारित एक अधिनियम था, जिसे अंग्रेजी और आयरिश राजमुकुटों पर उत्तराधिकार की समस्या का समाधान करने हेतु पारित किया गया था। इस अधिनियम को ब्रिटिश राजतंत्र के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण विधानों में से एक माना जाता है। इस अधिनियम द्वारा, उत्तराधिकार के समाधान के रूप में, अंग्रेजी राजसत्ता के वारिस होने के हक़ को, हनोवर की निर्वाचिता, सोफ़िया(स्कॉटलैंड के जेम्स सष्टम की पौत्री) और उनके वंश की पुरुष-रेखा के जायज़, ग़ैर-रोमन कैथोलिक वंशजों को सौंप दिया था। इस अधिनियम के मौलिक दस्तावेज़ हनोवर के लोअर सैक्सन स्टेट पुरालेखागार में संरक्षित हैं। इस अधिनियम को विलियम तृतीय और रानी मैरी द्वितीय, और मैरी की बहन रानी ऐनी के कोई जीवित संतान उत्पन्न नहीं कर पाने, तथा स्टुअर्ट घराने के सभी सदस्यों के कैथोलिक धर्म होने के कारण किया गया था। सोफ़िया की वंशरेखा, स्टुअर्ट घराने की अवर्तम् रेखा थी, परंतु उसके सरे सदस्य वश्वास्पात्र प्रोटेस्टेंट थे। सोफ़िय का निधन, 8 जून 1714 को, 1 अगस्त 1714 को रानी ऐनी के देहांत से पहले ही होगई, जिसके पश्चात्, ज्याॅर्ज प्रथम ने सिंहासन पर विराज कर हनोवर वंश की शुरूआत की। इस अधिनियम ने स्काटलैंड और इंग्लैंड के विलय कर यय ग्रेट ब्रिटेन की स्थापना करने में अहम भूमिका निभाई थी। सन 1603 से ही दोनों देशों ने एक ही शासक को साझा किया था, परंतु दो भिन्न सारकारें थीं और ये दो वभक्त रूप से शासित देश थे। अंग्रेज़ी संसद के मुकाबले, स्काॅटियाई संसद, स्टुअर्ट घराने को, जरने स्काॅटलैंड पर इंग्लैण्ड पर हुकूमत करने से कहीं पहले से स्काॅटलैंड पर शासन करते आ रही थी, का त्याग करने का अधिक पक्ष में नहीं थी। एॅक्ट ऑफ़ सेटलमेंट को मंजूरी देने हेतु अंग्रेजी संसद का स्काॅटियाई संसद पर दबाव, इन दोनों देशों के संसदीय विलय का एक अतिमहत्वपूर्ण कारणों में से एक था। इस एॅक्ट के अंतर्गत, हर वो व्यक्ति, जो कि कैथलिक था, या किसी कैथोलिक व्यक्ति के संग विवाहित था, सिंहासन पर अधिकार से आजीवन वंजित होता है। साथ ही यह अधिनियम, विदेशियों का ब्रिटिश सर्कार में हस्तक्षेप तथा शासक का संसदीय कार्यों में हस्तक्षेप पर काफी रोक व सीमाएँ लगता है। हालांकि, इन विधानों में, बाद में, आवश्यक संशोधन भी लाए गए हैं। बिल ऑफ़ राइट्स, 1689 समेत, एॅक्ट ऑफ सेटलमेंट, ब्रिटेन और अन्य राष्ट्रमंडल प्रदेशों के साझा सिंहासन पर उत्तराधिकार के क्रम को अनुशासित करनेवाले मुख्यतम् विधानों में से एक है। इसे साँझा सिंहासन रखनेवाले देश की संसद द्वारा किसी अन्य संसद द्वारा पलटा नहीं जा सकता है, और रीतिनुसार, साआरे राष्ट्रमंडल प्रदेशों की स्वीकृति से ही इसे पलटा जा सकता है। पर्थ समझौते के पश्चात्‌, इसे संशोधित करने के विधानों को साथे प्रदेशों में 26 मार्च 2015 को पारित किया गया, जिसके बाद, कैथोलिक व्यक्ति के संग विवाहित व्यक्ति, उत्तराधिकार के लिए सक्षम हैं। .

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एडिनबर्ग

एडिनबर्ग या एडिनबर (Edinburgh,अंग्रेजी उच्चारण: / ए॑डिन्बर / Dùn Èideann डुन एडिऽन्न), स्कॉटलैंड की राजधानी, एवं ग्लासगो के बाद, स्कॉटलैंड का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यह स्काॅटलैन्ड के लोथियन क्षेत्र में फ़ाॅर्थ के नदमुख के दक्षिणी तट पर स्थित है। वर्ष 2013 के हिसाब से,इस शहर की आबादी 5,00,000 के करीब है। 15वीं सदी से ही यह ऐतिहासिक शहर स्कॉटलैंड की राजधानी है। शुरुआत से ही स्काॅटियाई राजशाही के सारे महत्वपूर्ण प्रशासनिक भवन इसी शहर में ही स्थित हुआ करते थे, परंतू 1603 और 1707 के बीच, इंग्लैंड से विलय के पश्चात इस शहर की काफ़ी राजनैतिक ताकत लंदन चली गई। 1999 में स्कॉटिश संसद को स्वायत्त रूप से शाही धोषणा द्वारा स्थापित किया गया तब से यह शहर स्काॅटलैंड की संसद व स्काॅटलैंड में राजगद्दी का आसन है। स्कॉटलैंड का राष्ट्रीय संग्रहालय, स्कॉटलैंड का राष्ट्रीय पुस्तकालय और स्कॉटलैंड की अन्य महत्वपूर्ण सांस्कृतिक संस्थाओं के मुख्यालय व नेशनल गैलरी यहीं एडिनबर्ग में स्थित हैं। आर्थिक रूप से, यह यूके में लंदन के बाहर का सबसे बड़ा वित्तीय केंद्र है। एडिनबर्ग का इतिहास काफ़ी लम्बा है, एवं यहां कई ऐतिहासिक इमारतों को भी अच्छी तरह से संरक्षित देखे जा सकते हैं। एडिनबर्ग कासल, हाॅलीरूड पैलेस, सेंट जाइल्स कैथेड्रल और कई अन्य महत्वपूर्ण ऐतिहासिक इमारतें यहां स्थित हैं। एडिनबर्ग का ओल्ड टाउन और न्यू टाउन, यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं। 2004 में, एडिनबर्ग विश्व साहित्य में पहला शहर बन गया। साथी यह ऐतिहासिक रूप से शिक्षा का भी एक विकसित केन्द्र रहा है, यहाँ स्थित, एडिनबर्ग विश्वविद्यालय, ब्रिटेन के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है, एवं यह अब भी दुनिया के शीर्ष सिक्षा संस्थानों में शामिल है। इसके अलावा एडिनबर्ग अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव और यहां आयोजित किये गए अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी विश्वविख्यात समारोहों में से एक है। लंडन के बाद ब्रिटेन में, एडिनबर्ग दूसरा सबसे बड़ा पर्यटन केन्द्र है। .

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एलिज़ाबेथ द्वितीय

एलिज़ाबेथ द्वितीय (Elizabeth II) (एलिजाबेथ ऐलैग्ज़ैण्ड्रा मैरी, जन्म: २१ अप्रैल १९२६) यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैण्ड, जमैका, बारबाडोस, बहामास, ग्रेनेडा, पापुआ न्यू गिनी, सोलोमन द्वीपसमूह, तुवालू, सन्त लूसिया, सन्त विन्सेण्ट और ग्रेनाडाइन्स, बेलीज़, अण्टीगुआ और बारबूडा और सन्त किट्स और नेविस की महारानी हैं। इसके अतिरिक्त वह राष्ट्रमण्डल के ५४ राष्ट्रों और राज्यक्षेत्रों की प्रमुख हैं और ब्रिटिश साम्राज्ञी के रूप में, वह अंग्रेज़ी चर्च की सर्वोच्च राज्यपाल हैं और राष्ट्रमण्डल के सोलह स्वतन्त्र सम्प्रभु देशों की संवैधानिक महारानी हैं। एलिज़ाबेथ को निजी रूप से पर घर पर शिक्षित किया गया था। उनके पिता, जॉर्ज षष्ठम को १९३६ में ब्रिटेन और ब्रिटिश उपनिवेश भारत का सम्राट बनाया गया था। ६ फरवरी १९५२ को अपने राज्याभिषेक के बाद एलिज़ाबेथ राष्ट्रकुल की अध्यक्ष व साथ स्वतंत्र देशों यूनाइटेड किंगडम, पाकिस्तान अभिराज्य, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका व सिलोन की शासक रानी बन गयीं। उनका राज्याभिषेक समारोह अपने तरह का पहला ऐसा राज्याभिषेक था जिसका दूरदर्शन पर प्रसारण हुआ था। 1956 से 1992 के दौरान विभिन्न देशों को स्वतंत्रता मिलते रहने से उनकी रियासतों की संख्या कम होती गई। वह विश्व में सबसे वृद्ध शासक और ब्रिटेन पर सबसे ज्यादा समय तक शासन करने वाली रानी है। ९ सितम्बर २०१५ को उन्होंने अपनी परदादी महारानी विक्टोरिया के सबसे लंबे शासनकाल के कीर्तिमान को तोड़ दिया व ब्रिटेन पर सर्वाधिक समय तक शासन करने वाली व साम्राज्ञी बन गयीं। एलिज़ाबेथ का जन्म लंदन में ड्यूक जॉर्ज़ षष्टम व राजमाता रानी एलिज़ाबेथ के यहाँ पैदा हुईं व उनकी पढाई घर में ही हुई। उनके पिता ने १९३६ में एडवर्ड ८ के राज-पाठ त्यागने के बाद राज ग्रहण किया। तब वह राज्य की उत्तराधिकारी हो गयी थीं। उन्होंने दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान जनसेवाओं में हिस्सा लेना शुरु किया व सहायक प्रादेशिक सेवा में हिस्सा लिया। १९४७ में उनका विवाह राजकुमार फिलिप से हुआ जिनसे उनके चार बच्चे, चार्ल्स, ऐने, राजकुमार एँड्रयू और राजकुमार एडवर्ड हैं। एलिज़ाबेथ के शासन के दौरान यूनाइटेड किंगडम में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए, जैसे अफ्रीका की ब्रिटिश उपनिवेशीकरण से स्वतंत्रता, यूके की संसद की शक्तियों का वेल्स, स्कॉटलैंड, इंग्लैंड व आयरलैंड की संसदों में विभाजन इत्यादि। अपने शासनकाल के दौरान उन्होंने विभिन्न युद्धों के दौरान अपने राज्य का नेतृत्व किया। .

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ऐनी, प्रिंसेस रॉयल

ऐनी, प्रिंसेस रॉयल, KG, KT, GCVO, GCStJ, QSO, GCL, CD (पूरा नाम:ऐनी एलिज़ाबेथ ऐलिस लोएस; जन्म:१५ अगस्त १९५०) रानी एलिज़ाबेथ द्वि॰ और राजकुमार फ़िलिप, एडिनबर्ग के ड्यूक की दूसरी संतान और एकमात्र पुत्री है। अपने जन्म के समय वे उत्तराधिकार के अनुक्रम में तीसरे स्थान पर थी, अपनी माँ और बड़े भाई के पीछे, पर अब वे बारहवें स्थान पर है। राजकुमारी ऐनी "प्रिंसेस रॉयल" के उपदि की सातवीं धारक हैं। उन्हें अपने दांकर्म के लिए जाना जाता है, और वे २०० से भी अधिक दानकर्मि संगठनों की पितृनामिका(संरक्षक) हैं। साथ ही उन्हें अपनी अश्वक्रीड़ा प्रतिभा के लिए भी जाना जाता है; उन्होंने यूरोपियन एवेंटिंग चैंपियनशिप में दो राजतपदक(१९७५) और एक स्वर्णपदक (१९७१) जीत है। तथा वे ब्रिटिश शाही परिवार से ओलिंपिक खेलों में भाग लेने वाली पहली सदस्य हैं। राजकुमारी ऐनी का विवाह कैप्टेन मार्क फिलिप्स के साथ १९७३ में हुआ था। १९९२ में उनहोंने आपस में तलाक़ ले लिया। उनके कुल दो संतानें और तीन पोते-पोतियाँ हैं। १९९२ में, तलाक़ के कुछ महीनों के भीतर ही, ऐनी ने वाईस-एडमिरल सर टिमोथी लॉरेंस से शादी कर ली, जिनसे वे तब मिलीं थी, जब वो उनकी माँ के घुड़साल के रूप में १९८६ से १९८८ के बीच काम करते थे। .

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डेविड आर्मस्ट्रांग-जोंस, वाइसकाउंट लिंले

डेविड ऐल्बर्ट चार्ल्स आर्मस्ट्रांग-जोन्स, वाइसकाउंट लिन्ले (जन्म:३ नवंबर १९६१), जिन्हें डेविड लिन्ले के नाम से जाना जाता है, पेशे से फर्नीचर निर्माता और एक ऑक्शन हाउस के मालिक हैं। वे राजकुमारी मार्गरेट, स्नोडन की काउंटेस और स्नोडन के पहले अर्ल के बड़े बेटे हैं। वे राजा जॉर्ज सष्टम् के नाती हैं, और रानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के भांजे हैं, तथा वे स्नोडन की अर्लडम के भावी वारिस हैं।He is the only nephew of Queen Elizabeth II.

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डेविड कैमरन

डैविड विलियम डोनाल्ड कैमरन (जन्म ९ अक्तूबर, १९६६) २०१० से जुलाई २०१६ तक संयुक्त राजशाही के प्रधान मंत्री रह चुके हैं। वे कंज़र्वेटिव पार्टी के नेता थे तथा ये विटने से संसद सदस्य थे। यूरोपीय संघ की सदस्यता पर हुए जनमत संग्रह में जनता ने संघ को छोड़ने का निर्णय दिया तो उन्होंने इस्तीफे की घोषणा कर दी। कैमरन ने ब्रेज़नोज़ महाविद्यालय, ऑक्स्फ़ोर्ड से दर्शनशास्त्र, अर्थशास्त्र एवं राजनीतिशास्त्र (पीपीई) विषय में १९८८ में प्रथम श्रेणी (ऑनर्स) में स्नातक किया है। इन्हें इनके पढ़ाने वाले प्रोफ़ेसर वर्नॉन बोगडेनॉर "समर्थतम छात्रों में से एक" कहा करते थे। अपने ऑक्सफोर्ड प्रवास काल में ये बुलिंग्डब क्लब के सदस्य रहे थे। इन्हॊने कंज़र्वेटिव अनुसंधान विभाग ज्वाइन किया और नॉर्मन लेमाउण्ट एवं माईकल हावर्ड के विशेष सलाहकार बने। फ़िर ये कार्ल्टन कम्युनिकेशंस के कारपोरेट मामलों के निदेशक पद पर सात वर्ष तक आसीन रहे। कैमरन पहली बार संसद के लिये १९९७ में स्टैफ़्फ़ोर्ड निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में आए। ये यूरोस्केप्टिक मंच पर अपनी पार्टी से उसकी एकल-यूरोपीय मुद्रा (यूरो) में ब्रिटिश सदस्यता विरोधी विचारधारा के कारण उससे अलग हो गए। हालांकि राष्ट्रीय औसत वोटों से कुछ न्यून रहने पर वे हारे भी। इसके बाद उनको संसद सदस्यता हेतु प्रथम विजय २००१ के आम चुनावों में ऑक्स्फ़ोर्डशायर की विट्टने निर्वाचन क्षेत्र से मिली। तब इन्हें आधिकारिक विपक्ष का स्थान मिला। २००५ के आम चुनावों में नीति समन्वय अध्यक्ष भी बने। अपनी युवा एवं उदारवादी प्रत्याशी की छवि के कारण ही २००५ में इन्होंने कंज़र्वेटिव पार्टी के चुनावों में विजय पाई। तब ये प्रथम बार ब्रिटेन के प्रधान मंत्रीबने। .

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प्रिंसेस मार्गरेट, स्नोडन की काउंटेस

राजकुमारी मार्गरेट, स्नोडन की काउंटेस,(मार्गरेट रोज़; २१ अगस्त १९३०-९ फरवरी २००२) जॉर्ज सष्टम् और राजमाता एलिज़ाबेथ की छोटी बेटी और महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय की एकलौती बहन हैं। .

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पीटर फिलिप्स

पीटर मार्क एंड्रू फ़िलिप्स, (जन्म:१५ नवंबर १९७७) महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय की बेटी राजकुमारी ऐनी और उनके पहले पति कॅप्टन मार्क फ़िलिप्स के पहले और एकमात्र पुत्र हैं। वो रानी एलिज़ाबेथ और राजकुमार फ़िलिप, एडिनबर्ग के ड्यूक के सबसे बड़े पौत्र हैं। वे रानी के एकमात्र नाती हैं, और उनके नाती-पोतों में ज्येष्ठतम् हैं। वे ब्रिटिश सिंघासन के अनुक्रम में १३वें स्थान पर हैं। .

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बिल ऑफ़ राइट्स, १६८९

बिल ऑफ़ राइट्स, यानि अधिकाओं का विधेयक, इंग्लैंड की संसद द्वारा १६ दिसंबर १६८९ में पारित एक अधिनियम था, जो संवैधानिक मामलों और नागरिक अधिकारों को स्थापित करता है। यह विधेयक मूलतः, कन्वेन्शन पार्लियामेंट(अनधिकृत-आहूत संसद) द्वारा राजा विलियम और रानी मैरी द्वितीय के समक्ष, फ़रवरी १६८९ को पेश किये गए डिक्लेरेशन ऑफ़ राइट्स(अधिकारों का घोषणापत्र) का ही एक सांविधिक रूप में पुनःकथित अवतार था। इसे इंग्लैंड के गौरवशाली क्रांति के बाद लाया गया था। इस डिक्लेरेशन द्वारा कन्वेंशन पार्लियामेंट ने विलियम और मैरी को इंग्लैंड पर साँझा रूप से शासन करने के लिए आमंत्रित किया था। बिल ऑफ़ राइट्स, संप्रभु के अधिकारों की सीमाएं तय करती है, और साथ ही संसद के अधिकारों को भी अंकित करती है। संसद के लिए निर्धारित किये गए अधिकारों में, नियमित संसदीय सत्र, मुक्त चुनाव और संसद में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे अदिकार शामिल किये गए थे। इसके अलावा यह कई नागरिक अधिकारों को भी स्थापित करता है, जिनमें, क्रूर और असामान्य दण्ड प्रदान करने पर रोक, और न्यायिक दायरे में प्रोटोस्टेंट लोगों को आत्मरक्षा हेतु शस्त्र रखने की अनुमति शामिल हैं। इसके अलावा यह, निष्कासित शासक, इंग्लैंड के जेम्स द्वितीय के अनेक "दुष्कर्मों" को अंकित करता है, और उनकी निंदा करता है। इस विधेयक में दिए गए प्रावधान, प्रसिद्ध राजनीतिक दार्शनिक, जॉन लॉक के विचारों को प्रदर्शित करते हैं, और पारित होने के साथ ही यह विचार, शीघ्र ही पूरे इंग्लैंड में लोकप्रिय हो गए। साथ ही यह राजमुकुट पर, संसद द्वारा प्रतिनिधित, जनता की मनोकामना के समकक्ष कार्य करने हेतु कई संवैधानिक आवश्यक्ताओं को अंकित करता है। ब्रिटेन में, मैगन कार्टा और कुछ अन्य अधिनियमों समेत, ब्रिटेन के असंहितबद्ध संविधान के मूल एवम् सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों में से एक माना जाता है। साथ ही इस बिल को अमेरिकी अधिकार विधेयक की प्रेरणा भी माना जाता है। ऍक्ट ऑफ़ सेटलमेंट, १७०१ के साथ, बिल ऑफ़ राइट्स, ब्रिटेन समेत, तमाम १५ राष्ट्रमण्डल प्रदेशों में आज की तिथि तक लागू है। २०११ के पर्थ समझौते के बाद, इन दोनों को संशोधित करने हेतु विधान, सारे राष्ट्रमण्डल प्रदेशों में २६ मार्च २०१५ से पारित किया गया। इस अधिनियम का पूरा शीर्षक मूल में इस प्रकार दिया हुआ है- प्रजा के अधिकारों और स्वतंत्रता की घोषणा तथा सिंहासन का उत्तराधिकार व्यवस्थित करने वाला अधिनियम। ब्रिटिश लोकसभा द्वारा नियुक्त एक समिति ने अधिकार की घोषणा नामक जो पत्रक प्रस्तुत किया था और जिसे राजदंपति ने 19 फ़रवरी 1689 को अपनी स्वीकृति दी थी वही घोषणा इस अधिनियम की पूर्ववर्ती थी और इसकी धाराएँ प्रायः पूर्णतः उसके अनुरूप थीं। अधिकार की घोषणा में उन शर्तों का भी परिगणन था जिनके अनुसार राजदंपति को उत्तराधिकार मिला था और जिनका पालन करने की उन्होंने शपथ ली थी। इन दोनों अधिनियमों का प्रधान महत्व अंग्रेजी संविधान में राजकीय उत्तराधिकार निश्चित करने में है। .

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ब्रिटिश राजतंत्र

ब्रिटिश एकराट्तंत्र अथवा ब्रिटिश राजतंत्र(British Monarchy, ब्रिटिश मोनार्की, ब्रिटिश उच्चारण:ब्रिठिश मॉंनाऱ्क़़ी), वृहत् ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की संयुक्त राजशाही की संवैधानिक राजतंत्र है। ब्रिटिश एकाधिदारुक को संयुक्त राजशाही समेत कुल १५ राष्ट्रमण्डल प्रदेशों, मुकुटिया निर्भर्ताओं और समुद्रपार प्रदेशों के राजमुकुटों सत्ताधारक एकराजीय संप्रभु होने का गौरव प्राप्त है। वर्तमान सत्ता-विद्यमान शासक, ६ फरवरी वर्ष १९५२ से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय हैं जब उन्होंने अपने पिता जॉर्ज षष्ठम् से राजगद्दी उत्तराधिकृत की थी। संप्रभु और उसके तत्काल परिवार के सदस्य देश के विभिन्न आधिकारिक, औपचारिक और प्रतिनिधि कार्यों का निर्वाह करते हैं। सत्ताधारी रानी/राजा पर सैद्धांतिक रूप से एक संवैधानिक शासक के अधिकार निहित है, परंतु सदियों पुराने आम कानून के कारण संप्रभु अपने अधिकतर शक्तियों का अभ्यास केवल संसद और सरकार के विनिर्देशों के अनुसार ही कार्यान्वित करने के लिए बाध्य हैं। इस कारण से, इसे वास्तविक तौर पर एक संसदीय सम्राज्ञता मानी जाता है। संसदीय शासक होने के नाते, शासक के अधिकतर अधिकार, निष्पक्ष तथा गैर-राजनैतिक कार्यों तक सीमित हैं। सम्राट, शासक और राष्ट्रप्रमुख होने के नाते उनके अधिकतर संवैधानिक शासन तथा राजनैतिक-शक्तियों का अभ्यय वे सरकार और अपने मंत्रियों की सलाह और विनिर्देशों पर ही करते हैं। परंपरानुसार शासक, ब्रिटेन के सशस्त्र बाल के अधिपति होते हैं। हालाँकि, संप्रभु के समस्त कार्य-अधिकारों का अभ्यय शासक के राज-परमाधिकार द्वारा होता है। वर्ष १००० के आसपास, इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के राज्यों में कई छोटे प्रारंभिक मध्ययुगीन राज्य विकसित हुए थे। इस क्षेत्र में आंग्ल-सैक्सन लोगों का वर्चस्व इंग्लैंड पर नॉर्मन विजय के दौरान १०६६ में समाप्त हो गया, जब अंतिम आंग्ल-सैक्सन राजा हैरल्ड द्वितीय की मृतु हो गयी थी और अंग्रेज़ी सत्ता विजई सेना के नेता, विलियम द कॉंकरर और उनके वंशजों के हाथों में चली गयी। १३वीं सदी में इंग्लैंड ने वेल्स की रियासत को अवशोषित किया तथा मैग्ना कार्टा द्वारा संप्रभु के क्रमिक निःशक्तकरण की प्रक्रिया शुरू हुई। १६०३ में स्कॉटलैंड के राजा जेम्स चतुर्थ, अंग्रेजी सिंहासन पर जेम्स प्रथम के नाम से विराजमान होकर जो दोनों राज्यों को एक व्यक्तिगत संघ की स्थिति में ला खड़ा किया। १६४९ से १६६० के लिए अंग्रेज़ी राष्ट्रमंडल के नाम से एक क्षणिक गणतांत्रिक काल चला, जो तीन राज्यों के युद्ध के बाद अस्तिव में आया, परंतु १६६० के बाद राजशाही को पुनर्स्थापित कर दिया गया। १७०७ में परवर्तित एक्ट ऑफ़ सेटलमेंट, १७०१, जो आज भी परवर्तित है, कॅथॉलिक व्यक्तियों तथा कैथोलिक व्यक्ति संग विवाहित व्यक्तियों को अंग्रज़ी राजसत्ता पर काबिज़ होने से निष्कर्षित करता है। १७०७ में अंग्रेज़ी और स्कॉटियाई राजशाहियों के विलय से ग्रेट ब्रिटेन राजशही की साथपना हुई और इसी के साथ अंग्रज़ी और स्कोटिश मुकुटों का भी विलय हो गया और संयुक्त "ब्रिटिश एकराट्तंत्र" स्थापित हुई। आयरिश राजशही ने १८०१ में ग्रेट ब्रिटेन राजशाही के साथ जुड़ कर ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही की स्थापना की। ब्रिटिश एकराट्, विशाल ब्रिटिश साम्राज्य के नाममात्र प्रमुख थे, जो १९२१ में अपने वृहत्तम् विस्तार के समय विष के चौथाई भू-भाग पर राज करता था। १९२२ में आयरलैंड का पाँच-छ्याई हिस्सा आयरिश मुक्त राज्य के नाम से, संघ से बहार निकल गया। बॅल्फोर घोषणा, १९२६ ने ब्रिटिश डोमिनिओनों के औपनिवेशिक पद से राष्ट्रमंडल के भीतर ही विभक्त, स्वशासित, सार्वभौमिक देशों के रूप में परिवर्तन को मान्य करार दिया। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटिश साम्राज्य सिमटता गया, और ब्रिटिश साम्राज्य के अधिकतर पूर्व उपनिवेश व प्रदेश स्वतंत्र हो गए। जो पूर्व उपनिवेश, ब्रिटिश शासक को अपना शासक मानते है, उन देशों को ब्रिटिश राष्ट्रमण्डल प्रमंडल या राष्ट्रमण्डल प्रदेश कहा जाता है। इन अनेक राष्ट्रों के चिन्हात्मक समानांतर प्रमुख होने के नाते, ब्रिटिश एकराट् स्वयं को राष्ट्रमण्डल के प्रमुख के ख़िताब से भी नवाज़ते हैं। हालांकि की शासक को ब्रिटिश शासक के नाम से ही संबोधित किया जाता है, परंतु सैद्धान्तिक तौर पर सारे राष्ट्रों का संप्रभु पर सामान अधिकार है, तथा राष्ट्रमण्डल के तमाम देश एक-दुसरे से पूर्णतः स्वतंत्र और स्वायत्त हैं। .

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ब्रिटिश राजपरिवार

ब्रिटिश राजपरिवार, ब्रिटिश संप्रभु के परिवार के सबसे करीबी सदस्यों के समूह को कहाजाता है। हालाँकि, ब्रिटेन में ऐसा कोई दृढ़ नियम या विधान नहीं है, जो यह सुनियोजित करता हो की किन व्यक्तियों को इस विशेष समूह में रखा जाए, नाही कोई ऐसा विधान है जो राजपरिवार को विस्तृत रूप से परिभाषित करता हो। बहरहाल, आम तौर पर उन व्यक्तियों को जिनपर हिज़/हर मैजेस्टी(HM) या हिज़/हर रॉयल हाइनेस(HRH) का संबोधन रखते हैं, को आम तौर पर राजपरिवार का सदस्य माना जाता है। इस मापदंड के आधार पर राज परिवार में, अधिराट्, उनके/उनकी सहचारी, पूर्व संप्रभु(ओं) की विधवा(एँ)/विधुरगण, वेल्स के राजकुमार के ज्येष्ठताम् पुत्र के संतान, तथा पूर्व शासक(ओं) के पुत्रों की धर्मपत्नियाँ या उनकी विधवाएँ और उनके पुरुष-रेखा के पौत्र शामिल होंगे। विभिन्न राष्ट्रमण्डल प्रदेशों के सन्दर्भ में, इसी(या इस के सामान) विशेष समूह के लिए भिन्न शब्दावली का उपयोग भी किया जा सकता है, उदाहरण के तौर पर, ऑस्ट्रेलिया में इस समूह को ऑस्ट्रेलियाई राजपरिवार कहा जाता है। राजपरिवार के कई सदस्यों के नाम पर आधिकारिक निवास भी आवंटित किये जाते है, जो इनका आधिकारिक निवास होता है, तथा, कई सादस्यों को निजी अधिकारिणी भी प्रदान की जाती है। राजपरिवार के निजी स्टाफ के वेतन का भुगतान, महारानी के कोष से किया जाता है। राजपरिवार के अधिकांश सदस्य किसी-न-किसी प्रकार से, विंडसॉर घराने से संबंध रखते हैं। राजपरिवार के वरिष्ठ सदस्य, आम तौर पर, कुलनाम नहीं रकजते हैं। .

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यूनाइटेड किंगडम

वृहत् ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैण्ड का यूनाइटेड किंगडम (सामान्यतः यूनाइटेड किंगडम, यूके, बर्तानिया, UK, या ब्रिटेन के रूप में जाना जाने वाला) एक विकसित देश है जो महाद्वीपीय यूरोप के पश्चिमोत्तर तट पर स्थित है। यह एक द्वीपीय देश है, यह ब्रिटिश द्वीप समूह में फैला है जिसमें ग्रेट ब्रिटेन, आयरलैंड का पूर्वोत्तर भाग और कई छोटे द्वीप शामिल हैं।उत्तरी आयरलैंड, UK का एकमात्र ऐसा हिस्सा है जहां एक स्थल सीमा अन्य राष्ट्र से लगती है और यहां आयरलैण्ड यूके का पड़ोसी देश है। इस देश की सीमा के अलावा, UK अटलांटिक महासागर, उत्तरी सागर, इंग्लिश चैनल और आयरिश सागर से घिरा हुआ है। सबसे बड़ा द्वीप, ग्रेट ब्रिटेन, चैनल सुरंग द्वारा फ़्रांस से जुड़ा हुआ है। यूनाइटेड किंगडम एक संवैधानिक राजशाही और एकात्मक राज्य है जिसमें चार देश शामिल हैं: इंग्लैंड, उत्तरी आयरलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स. यह एक संसदीय प्रणाली द्वारा संचालित है जिसकी राजधानी लंदन में सरकार बैठती है, लेकिन इसमें तीन न्यागत राष्ट्रीय प्रशासन हैं, बेलफ़ास्ट, कार्डिफ़ और एडिनबर्ग, क्रमशः उत्तरी आयरलैंड, वेल्स और स्कॉटलैंड की राजधानी.जर्सी और ग्वेर्नसे द्वीप समूह, जिन्हें सामूहिक रूप से चैनल द्वीप कहा जाता है और मैन द्वीप (आईल ऑफ मान), यू के की राजत्व निर्भरता हैं और UK का हिस्सा नहीं हैं। इसके इलावा, UK के चौदह समुद्रपार निर्भर क्षेत्र हैं, ब्रिटिश साम्राज्य, जो १९२२ में अपने चरम पर था, दुनिया के तकरीबन एक चौथाई क्षेत्रफ़ल को घेरता था और इतिहास का सबसे बड़ा साम्रज्य था। इसके पूर्व उपनिवेशों की भाषा, संस्कृति और कानूनी प्रणाली में ब्रिटिश प्रभाव अभी भी देखा जा सकता है। प्रतीकत्मक सकल घरेलू उत्पाद द्वारा दुनिया की छठी बड़ी अर्थव्यवस्था और क्रय शक्ति समानता के हिसाब से सातवाँ बड़ा देश होने के साथ ही, यूके एक विकसित देश है। यह दुनिया का पहला औद्योगिक देश था और 19वीं और 20वीं शताब्दियों के दौरान विश्व की अग्रणी शक्ति था, लेकिन दो विश्व युद्धों की आर्थिक लागत और 20 वीं सदी के उत्तरार्ध में साम्राज्य के पतन ने वैश्विक मामलों में उसकी अग्रणी भूमिका को कम कर दिया फिर भी यूके अपने सुदृढ़ आर्थिक, सांस्कृतिक, सैन्य, वैज्ञानिक और राजनीतिक प्रभाव के कारण एक प्रमुख शक्ति बना हुआ है। यह एक परमाणु शक्ति है और दुनिया में चौथी सर्वाधिक रक्षा खर्चा करने वाला देश है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक स्थायी सीट धारण करता है और राष्ट्र के राष्ट्रमंडल, जी8, OECD, नाटो और विश्व व्यापार संगठन का सदस्य है। .

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यॉर्क की राजकुमारी बियैट्रिस

यॉर्क की, राजकुमारी बियैट्रिस, (पूरा नाम:बियैट्रिस एलिज़ाबेथ मैरी) ब्रिटिश राजपरिवार की एक सदस्य है। वो राजकुमार एंड्रू, यॉर्क के ड्यूक और सारा, यॉर्क की डचेस के ज्येष्ठ पुत्री है। वह रानी एलिज़ाबेथ द्वि॰ की पौत्री है, और ब्रिटिश सिंघासन के अनुक्रम में सातवें स्थान पर हैं, तथा दूसरी महिला हैं। वह अपनी माता-पिता की पहली संतान हैं। .

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यॉर्क की राजकुमारी यूजीनी

यॉर्क की राजकुमारी यूजीन(पूरा नाम:यूजीन विक्टोरिया हेलेना; सटीक उच्चारण:युझ़ीनी) राजकुमार एंड्रू, यॉर्क के ड्यूक और सारा, यॉर्क की डचेस की दूसरी संतान और छोटी बेटी है। वह महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय की पोती हैं, और ब्रिटिश सिंघासन के उत्तराधिकार के अनुक्रम में आठवें स्थान पर हैं। वो इस क्रम में तीसरी स्त्री हैं। उमक जन्म २३ मार्च १९९० को हुआ था। वर्ष २०१५ में उन्होंने हौसेर एंड वर्थ आर्ट गैलरी, लंदन में काम करना शुरू किया था। .

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राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमि

राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमि या राष्ट्रमण्डल प्रदेश, जिन्हें अंग्रेज़ी में कॉमनवेल्थ रॆयल्म कहा जाता है, राष्ट्रों के राष्ट्रमण्डल के उन १६ सार्वभौमिक राष्ट्रों को कहा जाता है, जिनपर एक ही शासक, महारानी एलिज़ाबेथ द्वि॰ का राज है। ये सारे देश एक ही राजसत्ता, शासक, राजपरिवार और उत्तराधिकार क्रम को साँझा करते हैं। इस व्यवस्था की शुरुआत १९३१ की वेस्टमिंस्टर की संविधि के साथ हुई थी, जिसके द्वारा ब्रिटेन के तत्कालीन डोमीनियन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूज़ीलैण्ड, आयरिश मुक्त राज्य और न्यूफाउण्डलैण्ड को ब्रिटिश राष्ट्रमण्डल के बराबर के सदस्य होने के साथ ही पूर्ण या पूर्णात्मत वैधिक स्वतंत्रता प्रदान की गयी थी। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से, विश्व भर में विस्तृत, ब्रिटिश साम्राज्य के तमाम देशों को एक डोमिनियन के रूप में स्वाधीनता प्रदान कर दी गयी। जिनमे से कुछ राज्यों ने पूर्णतः स्वाधीन होने के बावजूद राजतंत्र के प्रति अपनी वफ़ादारी को बरक़रार रखा, जबकि कुछ राज्यों ने ब्रिटिश राजतंत्र को नाममात्र प्रमुख मानने से इनकार कर स्वयं को गणतांत्रिक राज्य घोषित कर दिया। आज, विश्व बाहर में कुल १६ ऐसे राज्य हैं जो स्वयं को महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के एक प्रजाभूमि के रूप में पहचान करव्वते हैं। .

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राष्ट्रकुल

रष्ट्रमण्डल देशों का मानचित्र राष्ट्रकुल, या राष्ट्रमण्डल देश (अंग्रेज़ी:कॉमनवेल्थ ऑफ नेशंस) (पूर्व नाम ब्रितानी राष्ट्रमण्डल), ५३ स्वतंत्र राज्यों का एक संघ है जिसमे सारे राज्य अंग्रेजी राज्य का हिस्सा थे (मोज़ाम्बीक और स्वयं संयुक्त राजशाही को छोड़ कर)। इसका मुख्यालय लंदन में स्थित है। इसका मुख्य उद्देश्य लोकतंत्र, साक्षरता, मानवाधिकार, बेहतर प्रशासन, मुक्त व्यापार और विश्व शांति को बढ़ावा देना है। इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय प्रत्येक चार वर्ष में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों और बैठक में भाग लेती हैं। इसकी स्थापना १९३१ में हुई थी, लेकिन इसका आधुनिक स्वरूप १९४७ में भारत और पाकिस्तान के स्वतंत्र होने के बाद निश्चित हुआ। राष्ट्रमंडल या राष्ट्रकुल देशों का कोई संविधान या चार्टर नहीं है। इसके प्रमुखों की प्रत्येक दो वर्ष में एक बार बैठक होती है। भारत सहित एंटीगुआ, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, ब्रुनेई, कनाडा, साइप्रस, घाना आदि इसके सदस्य हैं। जिम्बाब्वे को २००२ में राष्ट्रकुल की सदस्यता से हटाया गया था और २००३ में यह प्रतिबंध अनिश्चित काल तक बढ़ाया गया था। राष्ट्रकुल समूह के देशों की कुल जनसंख्या १.९ अरब है, जो विश्व की जनसंख्या की एक-तिहाई भाग है। फिजी को कॉमनवेल्थ समूह से २०००-०१ में प्रतिबंधित किया गया था, उसके बाद पुन: उस पर २००६ में प्रतिबंध लगा। नाइजीरिया को १९९५ से १९९९ तक प्रतिबंधित किया गया। पाकिस्तान पर १९९९ में प्रतिबंध लगा था। लंदन घोषणा के तहत ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय राष्ट्रमंडल देशों के समूह की प्रमुख होती हैं। राष्ट्रमंडल सचिवालय की स्थापना १९६५ में हुई थी। इसके महासचिव मुख्य कार्यकारी के तौर पर काम करते हैं। वर्तमान में कमलेश शर्मा इसके महासचिव हैं। उनका चयन नवंबर, २००७ को हुआ। इसके पहले महासचिव कनाडा के आर्नल्ड स्मिथ थे। .

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राजतन्त्र

राजतन्त्र (मोनार्की / monarchy) शासन की वह प्रणाली है जिसमें एक व्यक्ति (राजा) शासन का सर्वेसर्वा होता है। राजा, शासित जनता द्वारा चुना हुआ नहीं होता बल्कि वंशगत होता है या किसी दूसरे राजा को युद्ध में पराजित करके राजा बनता है। राजतन्त्र, संसार की सबसे पुरानी एवं स्वाभाविक शासन प्रणाली है। .

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राजमुकुट

राजमुकुट अथवा द क्राउन(The Crown La Couronne, ला कोहुन्न्/लॅ कोऱुन) (अन्यथा "ताज" या सासामान्यतः "मुकुट"), एक विशेष राजनीतिक संकल्पना है, जिसकी ब्रिटेन तथा अन्य राष्ट्रमण्डल प्रदेशों के विधीशास्त्र तथा राजतांत्रिक व्यवस्था में अतिमहत्वपूर्ण भूमिका है। इस सोच का विकास इंग्लैण्ड राज्य में सामंतवादी काल के दौरान शाब्दिक मुकुट तथा राष्ट्रीय संपदाओं को संप्रभु(नरेश) तथा उनके/उनकी व्यक्तिगत संपत्ति से विभक्त कर संबोधित करने हेतु हुआ था। इस सोच के अनुसार राजमुकुट को प्रशासन के समस्त अंगों तथा हर आयाम में राज्य तथा शासन के प्रतीक के रूप में देखा जाता है, तथा ब्रिटिश संप्रभु को राजमुकुट के सतत अवतार के रूप में देखा जाता है। अतः ब्रिटेन तथा राष्ट्रमण्डल प्रदेशों मे इस शब्दावली को शासन अथवा सर्कार के लिए एक उपलक्षण(उपशब्द) के रूप में भी उपयोग किया जाता है, या सीधे-सीधे ऐसा भी कहा जा सकता है की यह राजतंत्र को ही संबोधित करने का एक दूसरा तरीका है। विधिक रूप से "राजमुकुट" को एक एकव्यक्ती संस्थान के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो कि विधानपालिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका के संपूर्ण समुच्च न्यायिक अवतार है। अतः इस संदर्भ में इस शब्द को किसी शाही पोशाक के वास्तविक मुकुट के साथ संभ्रमित नहीं करना चाहिए। एक संस्थान के रूप में, राजमुकुट, ब्रिटेन की राजनीतिकव्यवस्था का सबसे पुराना कार्यशील संस्थान है। बीती सदियों के दौरान, क्रमशः पहले अंग्रेज़ी तथा तत्पश्चात् ब्रिटिश औपनिवेशिक विस्तार द्वारा यह संकल्पना विश्व के अन्य अनेक कोनों तक पहुची, और आज यह यूनाइटेड किंगडम के अतिरिक्त, अन्य 15 स्वतंत्र राष्ट्रों और तीन भिक्त मुकुटीय निर्भरताओं की प्रशासनिक प्रणाली तथा विधिकीय व्यवस्था के मूल आधारभूतियों में जड़ा हुआ है। इनमें से प्रत्येक राष्ट्र के शासन एक-दूसरे से पूर्णतः विभक्त हैं, परंतु सारे के सारे समान रूप से एक ही राजपरिवार को साझा करते हैं। अतः एक नरेश होने के बावजूद इन सारे राष्ट्रों के "राजमुकुट" एक-दूसरे से स्वतंत्र हैं। इस शब्द को और भी कई आधिकारिक शब्दों में देखा जा सकता है, उदाहरणस्वरूप:मुकुट के मंत्री, मुकुटीय भूमि(क्राउन लैण्ड), इत्यादि। .

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राजकुमार एडवर्ड, वेसेक्स के अर्ल

राजकुमार एडवर्ड, वेसेक्स के अर्ल,(पूरा नाम:एडवर्ड एंटनी रिचर्ड लुइस) महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय और राजकुमार फ़िलिप, एडिनबर्ग के ड्यूक के चार संतानों में से सबसे छोटे संतान हैं, वे रानी एलिज़ाबेथ के तीसरे पुत्र हैं। अपने जन्म के सन्मय, वे सिंघासन पर उत्तराधिकार के अनुक्रम में तीसरे स्थान पर थे। हालाँकि, उनके अग्रज भाइयों की संतानों के जन्म के बाद से, आज वे नौंवे स्थान पर हैं। .

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राजकुमार ऐंड्र्यू, यॉर्क के ड्यूक

प्रिंस एंड्रयू, यॉर्क के ड्यूक (एंड्रयू अल्बर्ट क्रिस्चियन एडवर्ड; जन्म 19 फरवरी 1960) ब्रिटिश शाही परिवार के एक सदस्य है। वे महारानी एलिजाबेथ द्वितीय और राजकुमार फिलिप, एडिनबर्ग के ड्यूक का दूसरा बेटा है। 1986 से उन्हें यॉर्क के ड्यूक की उपादि से जाना जाता है, और वे यूनाइटेड किंगडम के सिंहासन पर उत्तराधिकार के क्रम में छठे स्थान पर है। प्रिंस एंड्रयू का जन्म बकिंघम पैलेस, लंदन में हुआ था। उनहोंने हीथरडाउन प्रीपरेटरी स्कूल, बर्कशायर, इंग्लैंड और गोर्डोंसटाउन, स्कॉटलैंड से अपनी प्राथमिक शिक्षा ली। प्रिंस एंड्रू ने यूनिवर्सिटी में पढ़ने के बजाय ब्रिटानिया रॉयल नेवल कॉलेज में जाना पसंद किया। नौसेना में उन्होंने फ़ॉकलैंड युद्ध में सेवा की है, और अपने कैरियर को जारी रखा, 1999 में वे एक कमांडर और 2001 में मानद कप्तान बन गए। 1986 में, प्रिंस एंड्रयू ने प्रिंस ऑफ वेल्स के पोलो प्रबंधक, रोनाल्ड फर्ग्यूसन, की छोटी बेटी, सारा फर्ग्यूसन से शादी की। इस शादी से उन्हें दो बेटियाँ हुईं:राजकुमारी बियैट्रिस और राजकुमारी यूजीनी। एंड्रयू और सारा 1992 में अलग हो गए, और मई 1996 में उनहोंने तलाक दे दिया। प्रिंस एंड्रयू शाही परिवार के एक सक्रिय सदस्य है। .

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राजकुमार विलियम, कैम्ब्रिज के ड्यूक

राजुमार विलियम, कैम्ब्रिज के ड्यूक (Prince William, Duke of Cambridge) (विलियम आर्थर फ़िलिप लुई (अंग्रेज़ी: William Arthur Philip Louis); जन्म: 21 जून 1982), चार्ल्स, वेल्स के युवराज और दिवंगत डायना के बड़े पुत्र तथा एलिज़ाबेथ द्वितीय और राजकुमार फ़िलिप, एडिनबर्ग के ड्यूक, के तीसरे ज्येष्ठ पोते हैं। ये सोलह स्वतंत्र सार्वभौम राज्यों की राजगद्दी की उत्तराधिकारियों की पंक्ति में अपने पिता के पश्चात दूसरे स्थान पर हैं। ये सोलह राज्य कॉमनवैल्थ रॅलम (हिन्दी: राष्ट्रमंडल क्षेत्र) के नाम से जाने जाते हैं: यूनाईटेड किंगडम, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जमैका, बारबाडोस, बहामास, ग्रेनेडा, पापुआ न्यू गिनी, सोलोमन द्वीप, तुवालू, सेंट लूसिया, सन्त विन्सेण्ट और ग्रेनाडाइन्स, बेलीज़, अण्टीगुआ और बारबूडा और सेंट किट्स और नेविस। राजकुमार विलियम यूनाईटेड किंगडम के चार अलग-अलग विद्यालयों में पढ़े थे तथा इन्होंने अपनी कॉलेज डिग्री यूनिवर्सिटी ऑफ़ सेंट एंड्रूज से प्राप्त करी। इन्होंने अंतराल वर्ष चिली, बेलीज़ तथा अफ़्रीकी राष्ट्रों में रह कर बिताया। अफ़्रीका में इन्होंने ज्यादातर समय कीनिया में बिताया जहाँ यह कई बार रहे तथा छुट्टियाँ मनाई। राजकुमार विलियम कीनियाई और तंजानियाई विश्विद्यालयों में स्वाहिली भाषा की शिक्षा भी प्राप्त कर चुके हैं। 2006 में ये अपने छोटे भाई राजकुमार हैरी के साथ ब्लूज एण्ड रॉयल्स रेजिमेंट ऑफ़ हाउसहोल्ड कैवेलरी में लेफ्टिनेंट के पद पर नियुक्त किए गए। 2009 में इनका तबादला रॉयल एयर फ़ोर्स में हो गया जहाँ इन्हें फ्लाईट लेफ्टिनेंट के पद पर पदोन्नत कर दिया गया। इस पद पर रहते हुए इन्होंने सर्च एण्ड रेस्क्यू फ़ोर्स में पूर्णकालिक पायलट बनने के लिए हैलीकॉप्टर उड़ाने का प्रिशिक्षण प्राप्त किया। वर्ष 2010 में इन्होंने अपना समान्य तथा विशेष-प्रकार हैलीकॉप्टर प्रशिक्षण पूरा किया और वेल्स के आरएएफ वैली स्टेशन में न॰ 22 स्क्वाड्रन आरएएफ में शामिल हो कर वैस्टलैंड सी किंग हेलिकॉप्टर में सह-पायलट की भूमिका निभाते हुए खोज और बचाव दल में कार्य करने लगे। राजकुमार विलियम ने 29 अप्रैल 2011 में अपनी लम्बे समय की प्रेमिका कैथरीन मिडलटन से वैस्टमिनस्टर एबी में विवाह किया। अपने विवाह से थोड़े समय पहले ही राजकुमार विलियम को ड्यूक ऑफ़ कैम्ब्रिज, अर्ल ऑफ़ स्ट्रैथिर्न और बैरन कैरिकफर्ग्स बना दिया गया था। .

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रॉयल मैरेजेज़ ऍक्ट, १७७२

रॉयल मॅरेजेज़ ऍक्ट यानि शाही विवाह अधिनियम, वर्ष १७७२ में ब्रिटिश संसद द्वारा पारित एक अधिनियम थी, जिसे ब्रिटिश राजपरिवार के सदस्यों के विवाह की वैधता सिद्ध करने के नियमों को स्थापित करने हेतु और शाही विवाहों के संबंध में अन्य विधानों और नियमों को भी अंकित करने हेतु पारित किया गया था, ताकि शाही परिवार के सदस्यों के उन संबंधों से बचा जा सके, जिससे शाही परिवार की हैसियत या मान कम होती हो। शाही परिवार के सहस्यों के निजी मामलों के संबंध में, संप्रभु को दिए गए अधिकार के कारण यह अधिनियम भारी आलोचना का पात्र रहा था। २०११ के पर्थ समझौते के बाद, इसे पूर्ववत कर दिया गया, और इसके प्रावधानों में हस्तक्षेपों को काफी हद तक सीमित कर दियागया। .

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लंदन

लंदन (London) संयुक्त राजशाही और इंग्लैंड की राजधानी और सबसे अधिक आबादी वाला शहर है। ग्रेट ब्रिटेन द्वीप के दक्षिण पूर्व में थेम्स नदी के किनारे स्थित, लंदन पिछली दो सदियों से एक बड़ा व्यवस्थापन रहा है। लंदन राजनीति, शिक्षा, मनोरंजन, मीडिया, फ़ैशन और शिल्पी के क्षेत्र में वैश्विक शहर की स्थिति रखता है। इसे रोमनों ने लोंड़िनियम के नाम से बसाया था। लंदन का प्राचीन अंदरुनी केंद्र, लंदन शहर, का परिक्षेत्र 1.12 वर्ग मीटर (2.9 किमी2) है। 19वीं शताब्दी के बाद से "लंदन", इस अंदरुनी केंद्र के आसपास के क्षेत्रों को मिला कर एक महानगर के रूप में संदर्भित किया जाने लगा, जिनमें मिडलसेक्स, एसेक्स, सरे, केंट, और हर्टफोर्डशायर आदि शमिल है। जिसे आज ग्रेटर लंदन नाम से जानते है, एवं लंदन महापौर और लंदन विधानसभा द्वारा शासित किया जाता हैं। कला, वाणिज्य, शिक्षा, मनोरंजन, फैशन, वित्त, स्वास्थ्य देखभाल, मीडिया, पेशेवर सेवाओं, अनुसंधान और विकास, पर्यटन और परिवहन में लंदन एक प्रमुख वैश्विक शहर है। यह दुनिया का सबसे बड़ा वित्तीय केंद्र के रूप में ताज पहनाया गया है और दुनिया में पांचवां या छठा सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र जीडीपी है। लंदन एक है विश्व सांस्कृतिक राजधानी। यह दुनिया का सबसे अधिक का दौरा किया जाने वाला शहर है, जो अंतरराष्ट्रीय आगमन द्वारा मापा जाता है और यात्री ट्रैफिक द्वारा मापा जाने वाला विश्व का सबसे बड़ा शहर हवाई अड्डा है। लंदन विश्व के अग्रणी निवेश गंतव्य है, किसी भी अन्य शहर की तुलना में अधिक अंतरराष्ट्रीय खुदरा विक्रेताओं और अल्ट्रा हाई-नेट-वर्थ वाले लोगों की मेजबानी यूरोप में लंदन के विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा संस्थानों का सबसे बड़ा केंद्र बनते हैं। 2012 में, लंदन तीन बार आधुनिक ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों की मेजबानी करने वाला पहला शहर बन गया। लंदन में लोगों और संस्कृतियों की विविधता है, और इस क्षेत्र में 300 से अधिक भाषाएं बोली जाती हैं। इसकी 2015 कि अनुमानित नगरपालिका जनसंख्या (ग्रेटर लंदन के समरूपी) 8,673,713 थी, जो कि यूरोपीय संघ के किसी भी शहर से सबसे बड़ा, और संयुक्त राजशाही की आबादी का 12.5% ​​हिस्सा है। 2011 की जनगणना के अनुसार 9,787,426 की आबादी के साथ, लंदन का शहरी क्षेत्र, पेरिस के बाद यूरोपीय संघ में दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला है। शहर का महानगरीय क्षेत्र यूरोपीय संघ में 13,879,757 जनसंख्या के साथ सबसे अधिक आबादी वाला है, जबकि ग्रेटर लंदन प्राधिकरण के अनुसार शहरी-क्षेत्र की आबादी के रूप में 22.7 मिलियन है। 1831 से 1925 तक लंदन विश्व के सबसे अधिक आबादी वाला शहर था। लंदन में चार विश्व धरोहर स्थल हैं: टॉवर ऑफ़ लंदन; किऊ गार्डन; वेस्टमिंस्टर पैलेस, वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी और सेंट मार्गरेट्स चर्च क्षेत्र; और ग्रीनविच ग्रीनविच वेधशाला (जिसमें रॉयल वेधशाला, ग्रीनविच प्राइम मेरिडियन, 0 डिग्री रेखांकित, और जीएमटी को चिह्नित करता है)। अन्य प्रसिद्ध स्थलों में बकिंघम पैलेस, लंदन आई, पिकैडिली सर्कस, सेंट पॉल कैथेड्रल, टावर ब्रिज, ट्राफलगर स्क्वायर, और द शर्ड आदि शामिल हैं। लंदन में ब्रिटिश संग्रहालय, नेशनल गैलरी, प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय, टेट मॉडर्न, ब्रिटिश पुस्तकालय और वेस्ट एंड थिएटर सहित कई संग्रहालयों, दीर्घाओं, पुस्तकालयों, खेल आयोजनों और अन्य सांस्कृतिक संस्थानों का घर है। लंदन अंडरग्राउंड, दुनिया का सबसे पुराना भूमिगत रेलवे नेटवर्क है। .

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लेडी लुईज़ विन्ज़र

लेडी लुईस विंड्सर, (ब्रिटिश उच्चारण:लुईज़ विन्ज़र्, पूरा नाम:लुईस ऐलिस एलिज़ाबेथ मैरी माउण्टबैटन-विंड्सर) वेसेक्स के अर्ल, राजकुमार एडवर्ड और काउंटेस, सारा की पहली संतान और एकलौती पुत्री हैं। वह महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय का सबसे छोटी पोती हैं। लुईज़ का जन्म ८ नवंबर २००३ में फ़ॉर्मली पार्क अस्पताल, सरी, इंग्लैंड में हुआ था। उनका बपतिस्मा संस्कार २४ अप्रैल २००४ को विंडसर कासल, बर्कशायर में किया गया था। अपने जन्म के समय वे अपनी दादी, रानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के बाद ब्रिटिश सिंघासन पर उत्तराधिकार के अनुक्रम में आठवें स्थान पर थीं; अपने छोटे भाई जेम्स के जन्म के बाद वे नौवें स्थान पर चली गयीं, तथा कैम्ब्रिज के राजकुमार जॉर्ज और राजकुमारी शार्लट के जन्म के बाद, वर्त्तमान समय में वो ग्यारहवें स्थान पर हैं। वे अपनी छोटे भाई और माता-पिता के साथ बॅगशॉट् पार्क, सरी में रहती हैं। File:Countess of Wessex and daughter.JPG|लेडी लुईस, अपनी माँ, सोफ़ी, वेसेक्स की काउंटेस के साथ, ट्रूपिंग ऑफ़ कलर्स समारोह, २०१३ में .

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सेंट जेम्स पैलेस

सेंट जेम्स का महल (St James's Palace) यूनाइटेड किंगडम की साम्राज्ञी का आधिकारिक निवास स्थान है। विभिन्न शाही निवास के महलों में यह बेहद प्रमुख और वरिष्ठ है। सिटी ऑफ़ वेस्टमिंस्टर में अवस्थित यह महल फिलहाल साम्राज्ञी का वास्तविक निवास स्थल तो नहीं है लेकिन ब्रिटिश शाही परिवार और उत्तराधिकार निर्धारण समिति के प्रमुख मिलन स्थलों में से एक है। एक अस्पताल की भूमि पर इंग्लैंड के हेनरी अष्टम द्वारा बनवाया गया यह महल संत जेम्स द लेस को समर्पित था। ट्यूडर और स्टुअर्ट शासन के दौरान व्हाइटहाल का महल के बाद यह दूसरा सबसे प्रमुख महल और शाही निवास था। इस महल का महत्व हैनोवर सम्राटों के शासनकाल के काल में बढा लेकिन एक बार फिर बकिंघम पैलेस के हाथों अठ्ठारहवीं और उन्नीसवीं शताब्दी में अपना प्रमुख स्थान गवाँ बैठा। दशकों तक मात्र आधिकारिक और औपचारिक अवसरों पर इस्तेमाल होने के बाद १८३७ ई. में महारानी विक्टोरिया ने इसे आधिकारिक रूप से इन्हीं कार्यों के लिये अधिकृत कर दिया। आज ये तमाम शाही कार्यालयों के लिये इस्तेमाल होता है। .

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सोफ़िया, हॅनोवर की निर्वाचिका

फ़ाल्ज़ की राजकुमारी, सोफ़िया(जर्मन:Sophie, Prinzessin von der Pfalz) जिन्हें अधिक प्रचलित रूप से सोफ़िया ऑफ़ हॅनोवर अर्थात् "हनोवर की सोफ़िया" के नाम से जाना जाता है, का जन्म १७ अक्टूबर १६३० को हेग, नीदरलैण्ड में हुआ था। वे फ़्रेडरिक पंचम, निर्वाचक फ़ाल्ज़ तथा स्कॉटलैंड और इंग्लैंड के राजा, जेम्स (षष्टम् और प्रथम) की पुत्री, एलिज़ाबेथ स्टुअर्ट, की सबसे छोटी पुत्री थी। उनकी पर्वरिश डच गणराज्य में हुई थी। १६५८ में उनका विवाह बर्नस्विक-लूनबर्ग के ड्यूक, अर्नेस्ट ऑगस्टस के साथ हुआ, जिन्हें बाद में पवित्र रोमन साम्राज्य में निर्वाचक का दर्ज प्राप्त हुआ, जिसके कारण सोफ़िया को हनोवर की निर्वाचिका की उपादि प्राप्त हुई। एक ऐसा ख़िताब, जिसके नाम से उन्हें बेहतर जाना जाता है। इंग्लैण्ड में गौरवशाली क्रांति के पश्चात पारित हुए ऍक्ट ऑफ़ सेटलमेंट, १७०१ के अंतर्गत उन्हें, जेम्स प्रथम की पोती होने के नाते, अंग्रेज़ी सिंघासन का एकमात्र वैध वारिस तथा उन्हें और उनके आगामी प्रोटोस्टेंट वंश को इंग्लैंड की राजगद्दी का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया गया था। हालाँकि उनके सिंघासन विराजने से दो महीने पूर्व ही मृत्यु हो गयी; अतः सिंघासन पर उनका अधिकार, विधि द्वारा उनके ज्येष्ठ पुत्र, जॉर्ज लुइस, हनोवर के निर्वाचक के पास चला गया, जिन्होंने १ अगस्त १७१४ को इंग्लैंड के राजा जॉर्ज प्रथम के रूप में सिंघासन पर विराजमान होकर, इंग्लैंड और स्कॉटलैंड में हनोवर वंश के राज को शुरू किया। ऐसा, तत्कालीन राजा विलियम तृतीय और रानी मैरी द्वितीय, और मैरी की बहन रानी ऐनी के कोई जीवित संतान उत्पन्न नहीं कर पाने, तथा स्टुअर्ट घराने के अन्य सभी सदस्यों के कैथोलिक धर्म होने के कारण किया गया था। .

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ज़ारा फ़िलिप्स

ज़ारा ऐनी एलिज़ाबेथ टिंडल MBE(जन्म से:ज़ारा फ़िलिप्स; जन्म:१५ मई १९८१) एक ब्रिटिश अश्वक्रीड़िका और महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय और राजकुमार फ़िलिप, एडिनबर्ग के ड्यूक की दूसरी सबसे बड़ी पौत्री है, वे एलिजाबेथ की नातिन हैं। वे महारानी की बेटी, ऐनी, प्रिंसेस रॉयल और उनके पहले पति कैप्टेन मार्क फ़िलिप्स की दूसरी संतान और एकमात्र पुत्री हैं। वे किसी भी प्रकार की शाही उपदि या शैली की धारक नहीं हैं। वर्त्तमान समय में, वे ब्रिटिश सिंघासन के अनुक्रम में १६वें स्थान पर हैं। उनका आधिकारिक संबोधन "मिसेज़ माइकल टिंडल MBE" है। ज़ारा पूर्व-इंग्लैंड रग्बी यूनियन खिलाड़ी, माइक टिंडल से शादीशुदा हैं। उनकी शादी ३० जुलाई २०११ को हुई थी। वे एक पेशेवर अश्वक्रीड़िका हैं, और २०१२ लंदन ओलिंपिक और विश्व चैमियांशिप समेत अन्य अनेक प्रतियोगिताओं में भाग ले चुकी हैं। उन्हें अनेक पदक भी अपत हैं। २००६ के एवेंटिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में वो विजेता थीं। उसी वर्ष उन्हें लोगों के निर्वाचन द्वारा बीबीसी स्पोर्टिंग पर्सनैलिटी ऑफ़ द यर के ख़िताब से भी सम्मानित किया गया था। २००७ में उन्हें ब्रिटिश साम्राज्य के शौर्यक्रम का सदस्य नियुक्त किया गया था। २०१२ में उन्हेंने ओलिंपिक की मशाल को भी पकड़ा था। २०१२ के लंदन ओलिंपिक खेलों में उन्होंने राजतपदक जीत था, इस पदक को उन्हें अपनी माँ द्वारा दिया गया था। .

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जेम्स प्रथम

जेम्स प्रथम (१५६६-१६२५) ग्रेट ब्रिटेन तथा आयरलैंड का शासक (१६०३-२५) था जो 'जेम्स षष्ठ' (१५२७-१६२५) के नाम से स्काटलैंड का शासक भी था। वह मेरी स्काट तथा उसके द्वितीय पति लार्ड डार्नले की एकमात्र संतान होने के साथ साथ हेनरी सप्तम की पुत्री मार्गरेट का पौत्र था। स्काटलैंड के शासक की स्थिति से उसने सांमतों की शक्ति को विघटित किया था। डेनमार्क की ऐन से उसने १५८९ ई॰ विवाह किया। १६०३ ई॰ में इंग्लैंड का शासक होने पर इंग्लैंड और स्काटलैंड दोनों राजसत्ताओं को एक किया। अत्यधिक विद्वान तथा कौशलहीन होने के कारण उसे क्रिसेन्डम के 'सबसे बुद्धिमान मूर्ख' की उपाधि मिली थी। राजा के दैवी अधिकार का कट्टर पोषक होने के कारण उसने एक चर्चप्रधान राज्य संचालन की नीति अपनाई। प्रारंभिक वर्षों में उसके प्रमुख सलाहकार सैलिसबरी का अर्ल तथा बकिंघम का ड्यूक थे। उसके शासन से राजा तथा संसद् के दीर्घकालीन संघर्ष का प्रारंभ होता है। उसके शासन में सब मिलाकर चार संसदें आयोजित हुईं। यद्यपि जेम्स विधान के अतिक्रमण करने का दोषी नहीं था पर वह उसकी प्रतिष्ठा का सही अनुमान नहीं लगा सकता था। संघर्ष के प्रमुख कारण धर्म, कर-व्यवस्था, वैदेशिक नीति थे। बिना पार्लिमेंट की स्वीकृति के जेम्स ने इम्पोजीशन्स नामक टैक्स लगाए। पार्लिमेंट ने राजा के मंत्रियों पर लगाया जानेवाला इम्पीचमेंट का प्राचीन अधिकार पुनर्जीवित किया। जेम्स की वैदेशिक नीति ने जिसका उद्देश्य स्पेन से मैत्रीपूर्ण व्यवहार तथा साधारण शांति स्थापित करना था, उस जनता को अप्रसन्न कर दिया जो तीस वर्षीय युद्ध में यह आशा करती थी कि जेम्स, पैलेटाइन के इलेक्टर फ्रेडरिक की, जो कि उसका दामाद था, सहायता करेगा। अपने पुत्र चार्ल्स का विवाह स्पेन की राजकुमारी से कराने में असफल होने पर जेम्स ने १६२४ ई॰ में स्पेन के विरुद्ध युद्ध की घोषणा की। जेम्स ने मध्यम श्रेणी की साहित्यिक रचनाएँ अपने पीछे छोड़ीं। श्रेणी:यूके का इतिहास.

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जेम्स माउण्टबैटन-विंड्सर, वाइकाउंट सेवर्न

जेम्स, वाइसकाउंट सेवर्न (पूरा नाम:जेम्स ऐलेग्ज़ैंडर फ़िलिप थ़ीओ माउण्टबेटन-विन्ज़र) वेसेक्स के अर्ल और काउंटेस के छोटा और एकलौता पुत्र है। वह महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय का सबसे छोटा पोत है। जेम्स का जन्म १७ दिसंबर २००७ में फ़ॉर्मली पार्क अस्पताल, सरी, इंग्लैंड में हुआ था। उनका बपतिस्मा संस्कार १९ अप्रैल २००८ को विंडसर कासल, बर्कशायर में किया गया था। अपने जन्म के समय वो अपनी दादी, रानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के बाद ब्रिटिश सिंघासन पर उत्तराधिकार के अनुक्रम में आठवें स्थान पर थे; कैम्ब्रिज के राजकुमार जॉर्ज और राजकुमारी शार्लट के जन्म के बाद, वर्त्तमान समय में वो दसवें स्थान पर हैं। वो अपनी बड़ी बहन और माता-पिता के साथ बॅगशॉट् पार्क, सरी में रहते हैं। .

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विलय के अधिनियम, १७०७

ऍक्ट्स ऑफ यूनियन अर्थात विलय के अधिनियम, तत्कालीन अंग्रेज़ी और स्कॉटिश राजशाही के सांसदों द्वारा पारित दो भिन्न अधिनियमों का नाम है, जिनके बदौलत सन 1707 में इंग्लैंड और स्कॉटलैंड की राजशाहीयाँ, जो उस समय दो भिन्न सांसदों समेत, अलग-अलग रियासतें हुआ करती थी, का, ग्रेट ब्रिटेन नमक, एक देश के रूप में विलय हो गया था। इन दो अधिनियमों का नाम था:यूनियन विथ स्कॉटलैंड एक्ट, जिसे अंग्रेजी संसद में १७०६ में पारित किया गया था, और यूनियन विद इंग्लैंड ऍक्ट जिसे स्कॉटिश संसद में १७०७ में पारित किया गया था। यह अधिनियम दोनों सांसदों के प्रतिनिधियों द्वारा 22 जुलाई १७०६ को हस्ताक्षर किए गए विलय की संधि(ट्रीटी ऑफ़ यूनियन) को लागू करने के लिए पारित किए गए थे। उस समय तक स्कॉटलैंड और इंग्लैंड करीब १०० सालों से एक ही शासक को साझा कर रहे थे। यह सिलसिला 1603 में स्कॉटलैंड के जेम्स षष्टम् द्वारा अपनी चचेरी बहन इंग्लैंड की एलिजाबेथ प्रथम की मृत्यु के बाद अंग्रेजी सिंहासन को उत्तराधिकृत करने तथा दोनों राजमुकुटों के विलय द्वारा शुरू हुआ था। हालाँकि, इसे राजमुकुटों का विलय कहा गया था, परंतु वास्तविक तौर पर, दो भिन्न राजमुकुट थे जिन्हें एक की सर पर सुशोभित किया गया था, अर्थात हालाँकि दोनों देशों के शासक एक ही थे, परंतु दोनों की सरकार और साहसं व्यवस्था बिलकुल विभक्त और भिन्न था। अतः इन दोनों राष्ट्रों का एक ही देश में विलय करवाने क्व प्रयास एक से अधिक बार, १६०६, १६६७ और १६८९ में किया गया था, परंतु १८वीं सदी से पहले तक इस सुझाव को दोनों पक्षों की राजनीतिक व्यवस्थापिक का सकार्थक समर्थन नहीं मिल सका था। ये अधिनियम १ मई १७०७ से लागु हुए। उस दिन से स्कोटियाई संसद और अंग्रेज़ी संसद का विलय होकर ग्रेट ब्रिटेन की संसद की स्थापना हुई। साथ ही इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के विलय से ग्रेट ब्रिटेन की स्थापना हुई। इस विलायकृत संसद का आसान लंदन का वेस्टमिंस्टर का महल था, जिसमें पूर्वतः अंग्रेज़ी संसद बैठ करती थी। इस विलय को अक्सर न केवल ब्रिटेन के, बल्कि पूरे यूरोप की राजनीतिक इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं में से एक मन जाता है। .

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वेल्स के प्रिंस हेनरी

वेल्स के राजकुमार हेनरी,(पूरा नाम:हेनरी चार्ल्स ऐल्बर्ट डेविड) जन्हें आम तौर पर राजकुमार हैरी के नाम से जाना जाता है, राजकुमार चार्ल्स, वेल्स के राजकुमार और स्व॰ डायना, वेल्स की राजकुमारी के अनुज पुत्र हैं। वे राजकुमार विलियम, कैम्ब्रिज के ड्यूक के छोटे भाई हैं। उनका जन्म १५ सितंबर १९८४ को सेंट मैरी अस्पताल, लंदन में हुआ था। अपने जन्म के समय वे अपनी दादी, रानी एलिज़ाबेथ द्वि॰ के उत्तराधिकार के क्रम में तीसरे स्थान पर थे, जबकि आज वे पांचवे स्थान पर हैं। उनकी पर्वरिश ब्रिटेन में ही हुई, और वे ईटन कॉलेज के छात्र थे। पढाई पूरी करने और तत्पश्चात्, कुछ समय ऑस्ट्रेलिया और लेसोथो में बिताने के बाद, उन्होंने सैन्य पेश अपनाने का निर्णय किया, और शाही वायु सेना में अपनी सेवा शुरू की। अपने सेवा काल के दौरान उन्हें अफ़ग़ानिस्तान में भी तैनात किया गया था। .

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वेस्टमिंस्टर की संविधि, १९३१

वेस्टमिंस्टर की संविधि, वर्ष १९३१ में यूनाइटेड किंगडम की संसद द्वारा पारित एक संसदीय अधिनियम है, जिसके भिन्न संस्करण आज भी कैनडा और ऑस्ट्रेलिया में दोनों देशों में विधान के रूप में स्थापित हैं, इसे न्यूज़ीलैण्ड तथा अन्य पूर्व राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमियों में पूर्ववत कर दिया गया है। इसे ब्रिटिश संसद में ११ दिसंबर १९३१ में पारित किया गया था, और तत्कालीन ब्रिटिश डोमिनियनों में स्वीकृति के बाद तत्कालीन ब्रिटिश साम्राज्य के सरे डोमिनियनों में स्वराज स्थापित कर दिया। अतः इसके पारित होने से ब्रिटिश साम्राज्य के सारे डोमिनियन, स्वाशासित, संप्रभु देश बन गए, साथ ही, मौलिक स्वायत्तता के अलावा, एक ही राजतंत्र को सांझ करने के कारण, यह सरे देश, राजकीय उपादियों और सिंघासन के उत्तराधिकार क्रम में परिवर्तन हेतु एक-दुसरे की स्वीकृति प्राप्त करने के लिए, इस संविधि द्वारा बाध्य भी है। अतः, इस विधान ने तमाम डोमिनियनों को बराबर का पद दिया, और बॅल्फोर घोषणा, १९२६ में तमाम राष्ट्रमण्डल प्रदेशों की बराबरी के साथ, एक ही राजसत्ता के प्रति वफ़ादारी रखने की घोषणा को वास्तविक रूप दिया, जिसके कारण सारे डोमिनियन स्वशासित, सार्वभौमिक देश बन गए। वर्त्तमान समय में इसकी सार्थकता इस बात से है, की इसने सारे राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमियों और उनके साँझा राजतंत्र के बीच के सतत संबंध को बरक़रार रखने की नीव राखी थी। .

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वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी

वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी, (Westminster Abbey, सामान्य वर्तनी: वेस्टमिंस्टर ऐबी), जिसे पहले आधिकारिक रूप से अंग्रेज़ी में कॉलेजिएट चर्च ऑफ़ सेण्ट पीटर ऍट् वेस्ट्मिन्स्टर(वेस्टमिंस्टर में स्थित संत पीटर का कॉलेजिएट चर्च) का नाम दिया गया था, वेस्टमिंस्टर शहर, लंदन में स्थित एक विशाल, मुख्यत: गोथिक मठ व गिरिजाघर है। यह वेस्टमिंस्टर महल से पश्चिम में स्थित है। यह यूनाइटेड किंगडम के सबसे माननीय पूजा स्थलों में से एक है व ग्रेट ब्रिटेन के शाही परिवार के राज्याभिषेक का परम्परागत स्थल है। 1540 से 1556 तक इस मठ को कैथेड्रल का महत्व हासिल था। हालांकि 1560 से यह भवन मठ या कैथेड्रल नहीं रह गयी और सिर्फ़ शाही निजी संपत्ति ही कही जाती थी। "शाही निजी संपत्ति" – वो संपत्तियाँ थीं जो सीधे सम्राट के प्रति जवाबदेह थीं और सम्राट की जिम्मेदारी थीं। यह भवन वास्तविक मठ व गिरिजाघर है। 1080 में पहली बार सुलकार्ड द्वारा बताई गई परंपरा के अनुसार लंदन के थोर्नी द्वीप पर सातवीं शताब्दी में लंदन के पादरी मेलिटस के जमाने में एक गिरिजाघर का निर्माण हुआ था। वर्तमान गिरिजाघर का निर्माण सन् 1245 में हेनरी अष्टम के आदेश पर शुरु हुआ था।.

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गौरवशाली क्रांति

गौरवपूर्ण क्रान्ति (The Glorious Revolution) या सन् १६८८ की क्रान्ति के द्वारा इंग्लैण्ड का राजा जेम्स द्वितीय को राजसिंहासन गवांना पड़ा। 18वीं सदी में विश्व में तीन प्रमुख क्रांतियां हुईं। ये भिन्न-भिन्न देशों में अवश्य हुई किन्तु इनके परिणाम एवं प्रभाव विश्व पर दूरगामी हुए। इन क्रांतियों में सर्वप्रथम इंग्लैंड में घटित वैभवपूर्ण क्रांति (1688 ई.) है। इसे 'गौरवशाली क्रांति' अथवा 'रक्तहीन क्रांति' भी कहा जाता है क्योंकि इस क्रांति में किसी भी पक्ष के व्यक्ति के रक्त की एक बूंद भी नहीं निकली और केवल प्रदर्शन एवं वार्तालाप से ही क्रांति सफल हो गई। 1688 ई. में इंग्लैण्ड में हुई इस रक्तहीन क्रांति ने अमेरिका (इंग्लैंड का उपनिवेश) में भी स्वतंत्रता की मांग बुलंद की। अमेरिका में शासन ब्रिटिश संसद द्वारा चलाया जाता था जो अमेरिकावासियों को सहन न था। वे स्वतंत्र रूप से शासन करना चाहते थे। अतः अमेरिकी उपनिवेश ने अपनी स्वतंत्रता के लिए जो संघर्ष किया वही अमेरिकी क्रांति कहलाता है। ये क्रांति 1776 ई. में हुई। उपरोक्त दो क्रांतियों के परिणाम एवं प्रभाव स्वरूप यूरोप में भी क्रांति का दौर प्रारंभ हुआ। 18वीं सदी में यूरोपीय देशों में फ्रांस की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति अत्यंत जर-जर थी। शासक कुलीन तथा पादरी वर्ग केवल अपनी विलासिता पर ही ध्यान देते थे। जनता एवं जनहित के कार्यो तथा प्रशासन में उनकी कोई रूचि नहीं थी। वे केवल श्रमिकों एवं कृषकों का शोषण करते थे। ऐसी परिस्थिति में फ्रांस में बुद्धिजीवी वर्ग का उदय हुआ जिन्होंने जनता को उनके अधिकारों के परिचित कराया। इस प्रकार शासक, कुलीन तथा चर्च के विरूद्ध कृषकों, श्रमिकों तथा बुद्धिजीवियों के द्वारा फ्रांस में जो क्रांति हुई वही 1789 की फ्रांसीसी क्रांति कहलाती है। इसके प्रभाव दूरगामी हुए। यहां तक की भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भी इस क्रांति का महत्व है। .

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इंग्लैंड का गिरिजाघर

चर्च ऑफ इंग्लैंड (Church of England) इंग्लैंड में आधिकारिक तौर पर स्थापित ईसाई चर्च है और विश्वव्यापी ऐग्लिकन कॉमयूनियन का मातृ चर्च है। चर्च स्वयं को पश्चिमी ईसाइयत की परंपरा के अंतर्गत समझता है और अपनी औपचारिक स्थापना सेंट ऍगस्टीन ऑफ कैंटरबरी द्वारा 597 ई. में इंग्लैंड के मिशन के समय से बताता है। .

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कैम्ब्रिज के राजकुमार जॉर्ज

कैम्ब्रिज के राजकुमार जॉर्ज (Prince George of Cambridge) (जॉर्ज अलेक्ज़ेंडर लुई (अंग्रेज़ी: George Alexander Louis), जन्म: 22 जुलाई 2013) राजकुमार विलियम, कैम्ब्रिज के ड्यूक और उनकी पत्नी कैथरीन, कैम्ब्रिज की डचेस, के पुत्र और इसके साथ ही चार्ल्स, वेल्स के राजकुमार और उनकी पहली दिवंगत पत्नी डायना, वेल्स की राजकुमारी के एकमात्र पोते हैं। यह अपनी परदादी एलिजाबेथ II के पश्चात ब्रिटिश राजगद्दी के उत्तराधिकारियों की पंक्ति में अपने दादा और पिता के पश्चात तीसरे स्थान पर हैं। .

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कैम्ब्रिज की राजकुमारी शार्लट

कैम्ब्रिज की राजकुमारी शार्लट (पूरा नाम:शार्लट एलिजाबेथ डायना; जन्म 2 मई 2015) प्रिंस विलियम, कैम्ब्रिज के ड्यूक, और कैथरीन, कैम्ब्रिज की डचेस की बेटी है। वह कैम्ब्रिज के राजकुमार जॉर्ज के बाद, कैम्ब्रिज की दंपत्ति की दूसरी संतान है। वह चार्ल्स, वेल्स के राजकुमार की पोती, और महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की प्रपौत्री है। उनका जन्म, पेडिंगटन, लंदन के सेंट मेरी अस्पताल में हुआ था। कैथरीन की गर्भावस्था की घोषणा, 8 सितंबर, 2014 को क्लेरेंस हाउस की थी। जन्म से, वह रानी, एलिजाबेथ द्वि• की उत्तकाधिकारी होने की रेखा में चौथे स्थान पर है। वह अपने दादा, पिता, और बड़े भाई, कैम्ब्रिज के प्रिंस जॉर्ज (जन्म 2013) के पीछे है। .

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कैंटरबरी के आर्चबिशप

कैंटरबरी के आर्चबिशप, चर्च ऑफ़ इंग्लैण्ड के एक वरिष्ठ बिशप और प्रमुख होते हैं। वे विश्वविस्तृत आंगलिकाइ ऐक्य और आंगलिकाइ संप्रदाय के चिन्हनात्मक प्रमुख हैं(जैसे पोप रोमन कैथोलिक संप्रदाय के होते हैं)। तथा वे कैंटरबरी के बिशप-क्षेत्र के प्रदेशीय बिशप होते हैं। वर्त्तमान आर्चबिशप, परणपूज्य आर्चबिशप जस्टिन वेल्बी हैं, जिनका पदस्थापन २१ मार्च २०१३ को हुआ था। वेल्बी, १४०० वर्ष पुराने इस संसथान के १०५वें पदाधिकारी हैं। इस संसथान की शुरुआत कैंटरबरी के ऑगस्टीन के साथ हुई थी, जिन्हें ५९७ ई॰ में रोम से इंग्लैण्ड, ईसाइयत के प्रचार के लिए भेजा गया था। ६ठी शताब्दी में ऑगस्टीन से १६वीं शताब्दी तक, कैंटरबरी की आर्चबिशपी, रोम के गिर्जा के साथ एकमत की स्थिति में थी, परंतु अंग्रेज़ी सुधर के बाद, इंग्लैंड की चर्च ने, पोप और रोमन कैथोलिक चर्च के अधिकार से खुद को अलग कर लिया। सुधर से पहले तक, कैंटरबरी कैथेड्रल के बिशप के चुनाव की प्रक्रिया बदलते रहा करती थी:कभी चुनाव द्वारा या कभी पोप द्वारा, अन्यथा इंग्लैंड के शासक द्वारा। सुधरकाल के बाद से, चर्च ऑफ़ इंग्लैंड, मुख्यतः एक राजकीय गिर्जा की हैसियत रखता है, और तत्पश्चात्, आर्चबिशप के नामांकन का आधिकारिक अधिकार ब्रिटिश मुकुट के पास रहा है। वर्त्तमान समय में, कैंटरबरी के आर्चबिशप की नियुक्ति, ब्रिटिश संप्रभु द्वारा प्रधानमंत्री की सलाह पर होता है, जोकि दो नामों की अनुसूची में से अगले पदाधिकारी का चुनाव किया करते हैं। .

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उत्तराधिकार परिषद्

सेंट जेम्स पैलेस, जहाँ उत्तराधिकार परिषद्, नए उत्तराधिकारी पर स्वीकृति और उत्तराधिकार के सार्वजनिक घोषणापत्र को तैयार करने हेतु एकत्रित होती है। उत्तराधिकार परिषद् यानि ऍक्सेशन काउंसिल(Accession council), यूनाइटेड किंगडम की एक परंपरागत समारोहिक निकाय है, जो शासी राजा या रानी के निधन के पश्चात, सिंघासन पर उत्तराधिकार के बाद, सेंट जेम्स पैलेस में एककृत होती है, ताकि सिंघासन के उत्तराधिकारी के सिंघासन-विराजन और नए शासक के राज की शुरुवात की आधिकारिक घोषणा की जा सके। वर्ष १७०७ में पारित समाधान के अधिनियम के अनुसार, किसी शासक की मृत्यु होने के साथ ही, उत्तराधिकार के नियमों के अनुकूल, उनके वैधिक उत्तराधिकारी, बिना किसी समारोह या औपचारिकता के, तुरंत ही नए शासक बन जाते हैं। अतः उत्तराधिकार परिषद् हमेशा उत्तराधिकार होने के पश्चात् संगठित होती है, एक आधिकारिक घोषणापत्र जारी करने के लिए, जिसके द्वारा नए शासक की नाम और पहचान समेत पुष्टि की जाती है, और पूरे प्रजा को इस पुष्टि और उत्तराधिकार से अवगत कराया जाता है। इस परिषद् में प्रिवी पार्षदगण, राज्य महाधिकारीगण, हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स के सदस्यगण, लण्डन शहर के प्रभु महापौर और एल्डरमेन, राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमियों के उच्चायुक्तगण तथा अन्य जनसेवकगण शामिल रहते हैं। यह परिषद् उत्तराधिकार की आधिकारिक घोषणा रचित करती है, जिसे लंदन और एडिनबर्ग समेत संयुक्त राजशाही के तमाम बड़े-छोटे शहरों के महत्वपूर्ण चौराहों और सार्वजनिक स्थानों पर सार्वजनिक रूप से पढ़ा जाता है। अमूमन, परंपरतः इस घोषणा को सबसे पहले सेंट जेम्स पैलेस की फ्रियरी कोर्ट की बाल्कनी से पढ़ा जाता है। इस घोषणा पढ़े जाने के दिन को प्रतिवर्ष, ऍक्सेशन डे के रूप में मनाया जाता है। .

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ब्रितिश सिंहासन पर उत्तराधिकार, ब्रिटिश राजसत्ता का उत्तराधिकार क्रम

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