लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

बोएथिउस

सूची बोएथिउस

अनिसिउस मनिलिउस सेवेरिनुस बोएथिउस सामान्यता बोएथिउस के नाम से जाने जाते हैं। ये एक रोमन दार्शनिक थे। ये नव-प्लातोवादी दार्शनिक थे। (१९९१) दि न्यू एन्सायिकलोपेडिया ब्रित्तान्निका(संस्करण:१५), खंड २, पृष्ठ ३२०, (प्रकाशक: एन्सायिकलोपेडिया ब्रित्तान्निका), शिकागो, ISBN 0-85229-529-4 .

13 संबंधों: थामस एक्विनास, दांते एलीगियरी, धर्ममीमांसा, पाविया, प्लेटो, पीटर अबेलार्ड, रोम, सिसरो, सेनेका, हिप्पो का ऍगस्टीन, जोहन्नेस स्कोतुस युरिउगेना, अरस्तु, अल्बर्ट माग्नुस

थामस एक्विनास

थामस एक्विनास सेण्ट थॉमस एक्विनास (Thomas Aquinas; 1225 – 7 मार्च 1274) को मध्ययुग का सबसे महान राजनीतिक विचारक और दार्शनिक माना जाता है। वह एक महान विद्वतावादी (Scholastic) तथा समन्वयवादी था। प्रो॰ डनिंग ने उसको सभी विद्वतावादी दार्शनिकों में से सबसे महान विद्वतावादी माना है। सेण्ट एक्विनास ने न केवल अरस्तू और आगस्टाइन के बल्कि अन्य विधिवेत्ताओं, धर्मशास्त्रियों और टीकाकारों के भी परस्पर विरोधी विचारों में समन्वय स्थापित किया है। इसलिए एम॰ बी॰ फोस्टर ने उनको विश्व का सबसे महान क्रमबद्ध (systematic) विचारक कहा है। वास्तव में सेण्ट थॉमस एक्विनास ने मध्ययुग के समग्र राजनीतिक चिन्तन का प्रतिनिधित्व किया हैं फोस्टर के मतानुसार वह समूचे मध्यकालीन विचारों का प्रतिनिधित्व करते हैं जैसा कि दूसरा कोई अकेले नहीं कर सका। .

नई!!: बोएथिउस और थामस एक्विनास · और देखें »

दांते एलीगियरी

दाँते एलीगियरी (मई/जून १२६५ – १४ सितंबर, १३२१) मध्यकाल के इतालवी कवि थे। ये वर्जिल के बाद इटली के सबसे महान कवि कहे जाते हैं। ये इटली के राष्ट्रकवि भी रहे। उनका सुप्रसिद्ध महाकाव्य डिवाइन कॉमेडिया अपने ढंग का अनुपम प्रतीक महाकाव्य है। इसके अतिरिक्त उनका गीतिकाव्य वीटा न्युओवा, जिसका अर्थ है नया जीवन, अत्यंत मार्मिक कविताओं का एक संग्रह है, जिसमें उन्होंने अपनी प्रेमिका सीट्रिस की प्रेमकथा तथा २३ वर्षों में ही उसके देहावसान पर मार्मिक विरह कथा का वर्णन किया है। इनका जन्म यूरोप में, इटली में हुआ था। ये फ्लोरेंस के नागरिक थे। उनका परिवार प्राचीन था, फिर भी उच्चवर्गीय नहीं था। उनका जन्म उस समय हुआ जब मध्ययुगीन विचारधारा और संस्कृति के पुनरुत्थान का प्रारम्भ हो रहा था। राजनीति के विचारों और कला संबंधी मान्यताओं में भी परिवर्तन हो रहा था। दांते इटली के सर्वश्रेष्ठ कवि माने जाते हैं जिनके संबंध में अंग्रेज़ कवि शेली ने कहा है कि, दांते का काव्य उस सेतु के समान है जो काल की धारा पर बना है और प्राचीन विश्व को आधुनिक विश्व से मिलाता है। दांते ने लैटिन भाषा में ना लिखकर साधारण बोलचाल की इतालवी भाषा में अपना महाकाव्य लिखा मातृभाषा और लोकप्रचलित भाषा को अपनी महान कृतियों से गौरवान्वित किया। यह कार्य तुलसीदास के रामचरितमानस के भाषा में लिखने के समान था। वास्तव में यह समय विश्वभर में लोकभाषा की प्रतिष्ठा के आन्दोलन का समय था। भारत में भी रामानंद, ज्ञानेश्वर, नामदेव, विद्यापति, कबीर, सूर, तुलसीदास, इत्यादि ने इसी प्रकार लोकभाषा में साहित्य रचना का आन्दोलन किया।वास्तव में दांते का यह कार्य युगपरिवर्तन का शंखनाद था। इतालवी भाषा में डिवाइन कॉमेडिया द्वारा दांते का स्थान अमर है। दांते केवल कवि और विचारक ही नहीं थे, वरन वे राजनीतिक नेता और प्रशासक भी थे। उन्होंने फ्लोरेंस राज्य पर शासन भी किया। परन्तु उनके कला और काव्य-शास्त्र संबंधी विचार उनकी कृति दे वल्गरी एलोक्युओ में प्राप्त होते हैं। वे उत्कृष्ट कविता से ही संतुष्ट ना होकर यह भी बताते हैं, कि सर्वोत्कृष्ट कविता किन बातों पर निर्भर करती है। प्रेम जैसे विषयों को और लोकभाषाओं को अपनी रचनाओं में महत्त्व प्रदान करके उन्होंने ग्रीक और लैटिन परम्पराओं के विरुद्ध एक क्रांतिकारी पदान्यास किया। दांते के विचार से परिष्ठित सौष्ठवपूर्ण भाषा, उत्तम अभिव्यंजना शैली तथा उपयुक्त विषयवस्तु का सामंजस्य होने पर ही श्रेष्ठ रचना संभव हो सकती है। इस प्रकार दांते ने सर्वश्रेष्ठ रचना के लिए भद्दे और ग्राम्य शब्दों को छोड़कर लोकभाषा से और शिष्टभाषा से भी उत्तम शब्दों का चयन कर अपने काव्य की रचना की है। दे वल्गरी एलोक्युओ ग्रन्थ की जॉर्ज सेंट्स्बरी ने भूरि-भूरि प्रशंसा की है। दांते के बाद इटली में उतना बड़ा महत्त्वपूर्ण काव्य चिन्तक क्रोचे के पूर्व नहीं हुआ। .

नई!!: बोएथिउस और दांते एलीगियरी · और देखें »

धर्ममीमांसा

किसी धार्मिक संप्रदाय के द्वारा स्वीकृत विश्वासों का क्रमबद्ध संग्रह उस संप्रदाय की धर्ममीमांसा है। धर्ममीमांसा में विज्ञान और दर्शन के दृष्टिकोण की सार्वभौमता नहीं होती, इसकी पद्धति भी उनकी पद्धति से भिन्न होती है। विज्ञान प्रत्यक्ष पर आधारित है, दर्शन में बुद्धि की प्रमुखता है और धर्ममीमांसा में, आप्त वचन की प्रधानता स्वीकृत होती है। जब तक विश्वास का अधिकार प्रश्नरहित था, धर्ममीमांसकों को इस बात की चिंता न थी कि उनके मंतव्य विज्ञान के आविष्कारों और दर्शन के निष्कर्षों के अनुकूल हैं या नहीं। परंतु अब स्थिति बदल गई है और धर्ममीमांसा को विज्ञान तथा दर्शन के मेल में रहना होता है। धर्ममीमांसा किसी धार्मिक संप्रदाय के स्वीकृत सिद्धांतों का संग्रह है। इस प्रकार की सामग्री का स्रोत कहाँ है? इन सिद्धांतों का सर्वोपरि स्रोत तो ऐसी पुस्तक है, जिसे उस संप्रदाय में ईश्वरीय ज्ञान समझा जाता है। इससे उतरकर उन विशेष पुरुषों का स्थान है जिन्हें ईश्वर की ओर से धर्म के संबंध में निर्भ्रांत ज्ञान प्राप्त हुआ है। रोमन कैथोलिक चर्च में पोप को ऐसा पद प्राप्त है। विवाद के विषयों पर आचार्यों की परिषदों के निश्चय भी प्रामाणिक सिद्धांत समझे जाते हैं। धर्ममीमांसा के विचार विषयों में ईश्वर की सत्ता और स्वरूप प्रमुख हैं। इनके अतिरिक्त जगत्‌ और जीवात्मा के स्वरूप पर भी विचार होता है। ईश्वर के संबंध में प्रमुख प्रश्न यह है कि वह जगत्‌ में अंतरात्मा के रूप में विद्यमान है, या इससे परे, ऊपर भी है। जगत्‌ के विषय मं पूछा जाता है कि यह ईश्वर का उत्पादन है, उसका उद्गार है, या निर्माण मात्र है। उत्पादनवाद, उद्गारवाद और निर्माणवाद की जाँच की जाती है। जीवात्मा के संबंध में, स्वाधीनता और मोक्षसाधन चिरकाल के विवाद के विषय बने रहे हैं। संत आगस्तिन ने पूर्व निर्धारणवाद का समर्थन किया और कहा कि कोई मनुष्य अपने कर्मों से दोषमुक्त नहीं हो सकता, दोषमुक्ति ईश्वरीय करुणा पर निर्भर है। इसके विपरीत भारत की विचारधारा में जीवात्मा स्वतंत्र है और मनुष्य का भाग्य उसके कर्मों से निर्णीत होता है। .

नई!!: बोएथिउस और धर्ममीमांसा · और देखें »

पाविया

उतरी इटली का एक शहर। श्रेणी:यूरोपीय नगर श्रेणी:इटली के नगर.

नई!!: बोएथिउस और पाविया · और देखें »

प्लेटो

प्लेटो (४२८/४२७ ईसापूर्व - ३४८/३४७ ईसापूर्व), या अफ़्लातून, यूनान का प्रसिद्ध दार्शनिक था। वह सुकरात (Socrates) का शिष्य तथा अरस्तू (Aristotle) का गुरू था। इन तीन दार्शनिकों की त्रयी ने ही पश्चिमी संस्कृति की दार्शनिक आधार तैयार किया। यूरोप में ध्वनियों के वर्गीकरण का श्रेय प्लेटो को ही है। .

नई!!: बोएथिउस और प्लेटो · और देखें »

पीटर अबेलार्ड

पीटर अबेलार्ड (1079 - 21 अप्रैल 1142) एक फ्रेंच दार्शनिक, इसाई थेअलोजियन और तर्कवादी थे। .

नई!!: बोएथिउस और पीटर अबेलार्ड · और देखें »

रोम

यह लेख इटली की राजधानी एवं प्राचीन नगर 'रोम' के बारे में है। इसी नाम के अन्य नगर संयुक्त राज्य अमरीका में भी है। स्तनधारियों की त्वचा पर पाए जाने वाले कोमल बाल (en:hair) के लिये बाल देखें। इसका पर्यायवाची शब्द रोयाँ या रोआँ (बहुवचन - रोएँ) है। ---- '''रोम''' नगर की स्थिति रोम (Rome) इटली देश की राजधानी है। .

नई!!: बोएथिउस और रोम · और देखें »

सिसरो

सिसरो मार्कस टुलियस सिसरो (Marcus Tullius Cicero; /ˈsɪsɨroʊ/; क्लासिकल लैटिन:; प्राचीन यूनानी: Κικέρων Kikerōn; 3 जनवरी 106 ईसापूर्व – 7 दिसम्बर 43 ईसापूर्व) रोम का दार्शनिक, राजनेता, कानूनविद, वक्ता, राजनैतिक सिद्धान्तकार तथा संविधानवादी था। .

नई!!: बोएथिउस और सिसरो · और देखें »

सेनेका

लुसियस ॲनेयस सेनेका (४ ईसापूर्व- ६५ इसवी) रोमन स्टोइक दार्शनिक, नाटककार और लेखक थे। ये लॅटिन भाषा के रजत युग के लेखक माने जाते है। .

नई!!: बोएथिउस और सेनेका · और देखें »

हिप्पो का ऍगस्टीन

ऍगस्टीन (354 ई॰ - 430 ई॰) एक इसाई दार्शनिक थे। इनका जन्म 13 नवम्बर संन 354 में रोमन अफ्रीका के नुमिडिया प्रांत के थागास्ते नमाक शहर में हुआ था। इनके द्वारा लैटिन भाषा में लेखी गयी प्रमुख किताबे थी - दे सिविअताते दी (अंग्रेजी में इसे सिटी ऑफ़ गॉड के नाम से जाना जाता हैं) और कंफेशंस। .

नई!!: बोएथिउस और हिप्पो का ऍगस्टीन · और देखें »

जोहन्नेस स्कोतुस युरिउगेना

जोहन्नेस स्कोतुस युरिउगेना(815 इसवी - 877 इसवी) एक आयरिश दार्शनिक और कवी थे। .

नई!!: बोएथिउस और जोहन्नेस स्कोतुस युरिउगेना · और देखें »

अरस्तु

अरस्तु अरस्तु (384 ईपू – 322 ईपू) यूनानी दार्शनिक थे। वे प्लेटो के शिष्य व सिकंदर के गुरु थे। उनका जन्म स्टेगेरिया नामक नगर में हुआ था ।  अरस्तु ने भौतिकी, आध्यात्म, कविता, नाटक, संगीत, तर्कशास्त्र, राजनीति शास्त्र, नीतिशास्त्र, जीव विज्ञान सहित कई विषयों पर रचना की। अरस्तु ने अपने गुरु प्लेटो के कार्य को आगे बढ़ाया। प्लेटो, सुकरात और अरस्तु पश्चिमी दर्शनशास्त्र के सबसे महान दार्शनिकों में एक थे।  उन्होंने पश्चिमी दर्शनशास्त्र पर पहली व्यापक रचना की, जिसमें नीति, तर्क, विज्ञान, राजनीति और आध्यात्म का मेलजोल था।  भौतिक विज्ञान पर अरस्तु के विचार ने मध्ययुगीन शिक्षा पर व्यापक प्रभाव डाला और इसका प्रभाव पुनर्जागरण पर भी पड़ा।  अंतिम रूप से न्यूटन के भौतिकवाद ने इसकी जगह ले लिया। जीव विज्ञान उनके कुछ संकल्पनाओं की पुष्टि उन्नीसवीं सदी में हुई।  उनके तर्कशास्त्र आज भी प्रासांगिक हैं।  उनकी आध्यात्मिक रचनाओं ने मध्ययुग में इस्लामिक और यहूदी विचारधारा को प्रभावित किया और वे आज भी क्रिश्चियन, खासकर रोमन कैथोलिक चर्च को प्रभावित कर रही हैं।  उनके दर्शन आज भी उच्च कक्षाओं में पढ़ाये जाते हैं।  अरस्तु ने अनेक रचनाएं की थी, जिसमें कई नष्ट हो गई। अरस्तु का राजनीति पर प्रसिद्ध ग्रंथ पोलिटिक्स है। .

नई!!: बोएथिउस और अरस्तु · और देखें »

अल्बर्ट माग्नुस

अल्बेर्तुस माग्नुस (1200 इसवी से पहले - 15 नवंबर, 1280 इसवी) एक कैथोलिक सेंट और इसाई दार्शनिक थे। .

नई!!: बोएथिउस और अल्बर्ट माग्नुस · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »