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बेगम जान (फ़िल्म)

सूची बेगम जान (फ़िल्म)

बेगम जान वर्ष 2017 की एक एक्शन-ड्रामा प्रधान फ़िल्म है जिसका निर्देशन एवं लेखन राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक श्रीजीत मुखर्जी ने किया है तथा मुकेश भट्ट, विशेष भट्ट एवं प्ले एंटेरटेनमेंट ने सह निर्माण किया है। फ़िल्म के सह-निर्माताओं में साक्षी भट्टट एवं श्री वेंकटेश फ़िल्मस के एक्जिक्युटिव निर्माता कुमकुम सहगल भी सम्मिलित हैं। फ़िल्म का छायांकन गोपी भगत ने किया है। वहीं गीतकार कौसर मुनिरानंद राहत इंदौरी जी ने फ़िल्म के लिए पटकथा एवं संवाद भी लिखा है। फ़िल्म अप्रैल 14, 2017 को प्रदर्शित हुई। अभिनेत्री विद्या बालन फ़िल्म में एक वेश्यालय की मुखिया की शीर्षक भूमिका में हैं, तथा कहानी की पृष्ठभूमि में 1947 के भारतीय स्वतंत्रता के दौर में उपजी विभाजन को रखा गया है। यह बंगाली फ़िल्म राजकाहिनी की रिमेक है। .

21 संबंधों: चंकी पांडे, नसीरुद्दीन शाह, पल्लवी शारदा, भारत की स्वतन्त्रता, मिष्ठी, मुकेश भट्ट, राहत फ़तेह अली खान, राजकाहिनी, राजेश शर्मा, श्रेया घोषाल, सुमित निझावन, सोनू निगम, ईला अरुण, विद्या बालन, विवेक मुशरान, गौहर खान, आशा भोंसले, आशीष विद्यार्थी, कविता सेठ, अनु मलिक, अरिजीत सिंह

चंकी पांडे

चंकी पांडे (जन्म: 26 सितंबर, 1962) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .

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नसीरुद्दीन शाह

नसीरुद्दीन शाह हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं। नसीरुद्दीन शाह, जिन्हें हिंदी फ़िल्म उद्योग में अदाकारी का एक पैमाना कहा जाए तो शायद ही किसी को एतराज हो। नसीर की काबिलियत का सबसे बड़ा सुबूत है, सिनेमा की दोनों धाराओं में उनकी कामयाबी। नसीर का नाम अगर पैरेलल सिनेमा के सबसे बेहतरीन अभिनेताओं की सूची में शामिल हुआ तो बॉलीवुड की मुख्य धारा या व्यापारिक फ़िल्मों में भी उन्होंने बड़ी कामयाबी हासिल की है। नसीर अपने शानदार अंदाज से मुख्य धारा के चहेते सितारे बन गए, ऐसा सितारा जिसने हर तरह के किरदार को बेहतरीन अभिनय से जिंदा कर दिया। ये सितार जब भी स्क्रीन पर आया देखने वाले के दिल पर उस किरदार की यादगार छाप छोड़ गया। उसकी कॉमेडी ने पब्लिक को खूब गुदगुदाया तो एक्शन में भी उसका अलग ही अंदाज नजर आया। मुख्य धारा सिनेमा में नसीरुद्दीन शाह के सफर की शुरुआत 1980 में आई फ़िल्म 'हम पांच' से हुई। फ़िल्म भले ही व्यापारिक थी, लेकिन इसमें नसीर के अभिनय की गहराई समानांतर सिनेमा वाली फ़िल्मों से कम नहीं थी। गुलामी को अपनी तकदीर मान चुके एक गांव में विद्रोह की आवाज बुलंद करते नौजवान के किरदार में नसीर ने जान फूंक दी। हालांकि फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर कामयाब नहीं रही और एक व्यापारिक एक्टर के तौर पर सफलता साबित करने के लिए नसीर को टिकट खिड़की पर भी बिकाऊ बनने की जरूरत थी। और उनके लिए ये काम किया 'जाने भी दो यारों' ने। बॉलीवुड की ऑल टाइम बेस्ट कॉमेडी फ़िल्मों में शुमार 'जाने भी दो यारों' में रवि वासवानी और नसीर की जोड़ी ने बेजोड़ कॉमिक टाइमिंग दिखाई और फ़िल्म बेहद कामयाब रही। लेकिन कमर्शियल सिनेमा में नसीर की सबसे बड़ी कामयाबी बनी 'मासूम'। बाप और बेटे के रिश्तों को उकेरती 'मासूम' में नसीर ने कमाल की अदाकारी से ना केवल खूब वाहवाही बटोरी बल्कि फ़िल्म भी सुपरहिट हुई और नसीर को एक स्टार का दर्जा मिल गया। नसीर के इस स्टार स्टेटस को और मजबूत किया 1986 में आई सुभाष घई की मल्टीस्टारर मेगाबजट फ़िल्म 'कर्मा' ने। फ़िल्म में नसीर के लिए अपनी छाप छोड़ना आसान नहीं था क्योंकि वहां अभिनय सम्राट "दिलीप कुमार भी थे। और उस दौर के नए नवेले सितारे जैकी श्रॉफ और अनिल कपूर भी थे। 1987 में गुलजार की 'इजाजत' नसीर के लिए कामयाबी का एक और जरिया बन कर आई। एक जज्बाती कहानी, बेहतरीन निर्देशन, शानदार अभिनय और यादगार संगीत। 'इजाजत' ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कामयाबी हासिल की और बतौर व्यापारिक एक्टर नसीर का रुतबा और बढ़ गया। 'त्रिदेव' जैसी सुपरहिट फ़िल्म देकर, 90 का दशक आते-आते नसीर ने व्यापारिक फ़िल्मों में भी अपनी अलग पहचान बना ली थी। 2003 में आई हॉलीवुड फ़िल्म 'द लीग ऑफ एक्सट्रा ऑर्डिनरी जेंटलमेन' में नसीरुद्दीन ने कैप्टन नीमो का किरदार निभाया तो दूसरी तरफ पाकिस्तानी फ़िल्म 'खुदा के लिए' में भी उन्होंने शानदार काम किया। देश से लेकर परदेस तक, नसीरुद्दीन शाह ने अपनी अदाकारी का लोहा सारी दुनिया में मनवाया है। लेकिन नसीर अपनी काबिलियत को खुशकिस्मती का नाम देते हैं। वो कहते हैं, 'मैं खुद को खुशकिस्मत मानता हूं कि मुझे इतने मौके मिले, लेकिन मैं व्यापारिक फ़िल्मों से अभी संतुष्ट नहीं हूँ।' 2008 में आई 'अ वेडनेसडे' ने नसीर की कमाल की अदाकारी का एक और नजराना पेश किया तो 'इश्किया', 'राजनीति', 'सात खून माफ' और 'डर्टी पिक्चर' जैसी फ़िल्मों के जरिए नसीरुद्दीन ने बार-बार ये साबित किया कि एक सच्चे कलाकार को उम्र बांध नहीं सकती। हाल ही में रिलीज हुई फ़िल्म 'मैक्सिमम' में भी नसीर की जोरदार एक्टिंग ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया है। आज के नसीरुद्दीन शाह की बात करें तो शायद ही ऐसा कोई रोल है जो उनपर फिट नहीं बैठे। आखिर वो एक्टर ही ऐसे हैं कि हर रोल के मुताबिक खुद को ढाल लेते हैं। लेकिन एक समय था जब नसीर को दो रोल करने की इच्छा थी जो उस समय उन्हें नहीं मिले। लेकिन बाद 'मिर्जा गालिब', दूरदर्शन धारावाहिक में उन्हें दो रोल मिले जिसमें उन्होंने ग़ालिब का वास्तविक चित्र उभारने की कोशिश की। लेकिन आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि गालिब बनने की नसीर की तमन्ना उनके दिल में एक अधूरे ख्वाब की तरह अटकी हुई थी। 1988 में सीरियल बनाने से सालों पहले गुलजार साहब गालिब पर एक फ़िल्म बनाना चाहते थे और उस फ़िल्म में गालिब के तौर पर उनकी दिली इच्छा संजीव कुमार को लेने की थी। नसीर साहब ने इस बारे में बताते हुए कहा, 'मैंने गुलजार भाई को चिठ्ठी लिखी और अपनी फोटोग्राफ्स भेजी, मैंने लिखा कि ये क्या कर रहे हैं, इस फ़िल्म में आपको मुझे लेना चाहिए।' लेकिन संजीव कुमार को दिल का दौरा पड़ गया था और सेहत उनका साथ नहीं दे रही थी। फिर उसके बाद गुलजार साहब के दिल में उस रोल के लिए अमिताभ के नाम का खयाल आया। लेकिन वहां भी बात नहीं बनी और आखिरकार गालिब पर फ़िल्म बनाने का प्लान ही ठंडे बस्ते में पड़ गया। शायद उस वक्त गुलजार को भी नहीं मालूम होगा कि इस किरदार पर तो तकदीर ने किसी और का नाम लिख दिया है। कई साल बाद गुलजार साहब ने एक दिन नसीर को फोन लगाया। नसीर ने बताया, 'एक दिन मुझे गुलजार भाई का फोन आया कि सीरियल में काम करोगे। मैंने पूछा कौन सा सीरियल तो उन्होंने बताया गालिब पर है। मैंने बिना कुछ सोचे फौरन हां कह दिया।' साल 1982 में 'गांधी' के रिलीज होने के अट्ठारह साल बाद कमल हासन ने 'हे राम' बनाई, जिसने नसीर साहब की गांधी बनने की तमन्ना को भी पूरा कर दिया। सधी हुई अदाकरी और बेजोड़ अंदाज से उन्होंने ना केवल गांधी के किरदार में जान डाल दी। बेजोड़ एक्टिंग और गजब की क्षमता से हर तरह के किरदार निभाने वाले नसीर ने अपनी छाप नकारात्मक भूमिकाओं में भी छोड़ी। समानांतर सिनेमा का ये हीरो कमर्शियल फ़िल्मों में एक ख़तरनाक विलेन के तौर पर भी हमेशा याद किया जाता रहेगा। हिन्दी सिनेमा में विलेन का ये नया चेहरा था, खूंखार और अजीबोगरीब शक्ल वाला कोई गुंडा नहीं बल्कि सोफेस्टिकेटेड इंसान जिसके दिमाग में सिर्फ जहर ही जहर था। विलेन का ये किरदार जितना संजीदा था उससे भी ज्यादा संजीदगी से उसे निभाया था नसीरुद्दीन शाह ने। वैसे खलनायक के तौर पर उनकी एक दो फ़िल्में नहीं थीं। 'मोहरा' में उन्होंने दिखाया विलेन का वो चेहरा जो किसी के भी दिल में खौफ पैदा कर सकता है। अंधा होने का नाटक करने वाला एक शिकारी, लेकिन ये नसीर की असली पहचान नहीं थी। नसीर की असली पहचान समानांतर सिनेमा था। सिनेमा की वो धारा जिसमें एक स्टार के लिए कम और एक्टर के लिए गुंजाइश ज्यादा होती है। और ये बात किसी से छुपी नहीं कि नसीर एक एक्टर पहले और स्टार बाद में हैं। समानांतर सिनेमा के इस सितारे ने स्मिता पाटिल, शबाना आजमी, अमरीश पुरी और ओम पुरी जैसे माहिर कलाकारों के साथ मिलकर आर्ट फ़िल्मों को एक नई पहचान दी। 'निशान्त' जैसी सेंसेटिव फ़िल्म से अभिनय का सफर शुरू करने वाले नसीर ने 'आक्रोश', 'स्पर्श', 'मिर्च मसाला', 'भवनी भवाई', 'अर्धसत्य', 'मंडी' और 'चक्र' जैसी फ़िल्मों में अभिनय की नई मिसाल पेश कर दी। .

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पल्लवी शारदा

पल्लवी शारदा एक भारतीय-ऑस्ट्रेलियाई बॉलीवुड अभिनेत्री हैं। .

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भारत की स्वतन्त्रता

भारत का ध्वज भारत की स्वतंत्रता से तात्पर्य ब्रिटिश शासन द्वारा 15 अगस्त, 1947 को भारत की सत्ता का हस्तांतरण भारत की जनता के प्रतिनिधियों को किए जाने से है। इस दिन दिल्ली के लाल किले पर भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर स्वाधीनता का ऐलान किया। भारत के स्वाधीनता संग्राम की शुरुआत 1857 में हुए सिपाही विद्रोह को माना जाता है। स्वाधीनता के लिए हजारों लोगो ने जान की बली दी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1930 कांग्रेस अधिवेशन में अंग्रेजो से पूर्ण स्वराज की मांग की थी। .

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मिष्ठी

मिष्ठी एक भारतीय अभिनेत्री हैं। इन्होने सुभाष घई की फिल्म कांची:दी अनब्रेकेबल (2014) से बॉलीवुड में डेब्यू किया। इनका वास्तविक नाम इन्द्रानी चक्रवर्ती हैं। फिल्मो में काम करने से पहले मिष्ठी कोलकाता के एक निजी विद्यालय में अंग्रेजी की शिक्षिका थी। .

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मुकेश भट्ट

मुकेश भट्ट हिन्दी फ़िल्मों के एक निर्माता हैं। .

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राहत फ़तेह अली खान

राहत फ़तह अली खान(जन्म 1974, फैसलाबाद, पाकिस्तान) एक पाकिस्तानी संगीतकार हैं। वह विश्व प्रसिद्ध सूफी गायक नुसरत फतह अली खान के भतीजे है । राहत भी मुख्य रूप से सूफी गीतकार हैं। कव्वाली के अलावा वह गजल भी गाते हैं। राहत भारतीय फिल्म उद्योग बालीवुड के एक जाने माने पार्श्वगायक हैं। .

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राजकाहिनी

राजकाहिनी (बंगाली: রাজকাহিনী मतलब राजकहानी, राजाओं की कहानी) सृजीत मुखर्जी द्वारा निर्देशित एक बंगाली चलचित्र है। इस चलचित्र में बंगाल का विभाजन के समय का निदर्शन करता है। इस चलचित्र में ग्यारह प्रमुख महिला पात्र है और चलचित्र की कहानी एक कोठा के बारे में है जो नयी भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित था, और कैसे नये भारतीय और पाकिस्तानी अधिकारियों ने कोठे और इसकी ग्यारह महिलाओं को नष्ट किये। .

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राजेश शर्मा

राजेश शर्मा एक भारतीय हिन्दी और बंगाली फ़िल्म अभिनेता है। इनका जन्म पंजाब,लुधियाना में हुआ था। इन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा,नई दिल्ली से शिक्षा ग्रहण की थी। राजेश ने बंगाली अभिनेत्री सुदीप्ता चक्रवर्ती से २००५ में शादी की और २००९ में उनसे तलाक लिया और २०११ में संगीता से शादी की है। इन्होंने खोसला का घोसला,स्पेशल 26 जैसी कई फिल्मों में अभिनय किया है। .

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श्रेया घोषाल

श्रेया घोषाल (जन्म तारीख़: 12 मार्च 1984) एक भारतीय पार्श्व गायिका है। उन्होंने बॉलीवुड में, क्षेत्रीय फिल्मों बहुत सारे गाने गाए और कस्तूरी जैसे भारतीय धारावाहिकों के लिए भी गाया है। हिंदी के अलावा, उन्होंने असमिया, बंगाली, कन्नड़, मलयालम, मराठी, पंजाबी, तमिल और तेलुगु में भी गाने गाए हैं। .

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सुमित निझावन

सुमित निझावन एक अच्छे कलाकार है जोकि हिट फिल्मो में काम कर चुके हैं। श्रेणी:1978 में जन्मे लोग.

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सोनू निगम

सोनू निगम (जन्म: ३० जुलाई १९७३, फरीदाबाद, हरियाणा, भारत) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध गायक हैँ। वे हिन्दी के अलावा कन्नड़, उड़िया, तमिल, असमिया, पंजाबी, बंगाली, मराठी और तेलुगु फ़िल्मों में भी गा चुके हैं। इन्होने बहुत से इन्डि-पॉप एलबम बनाए हैं और कुछ हिंदी फिल्मों में काम किया है। .

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ईला अरुण

ईला अरुण हिन्दी फ़िल्मों की एक पार्श्व गायिका एवं अभिनेत्री हैं। .

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विद्या बालन

विद्या बालन (तमिल:வித்யா, பாலன், मलयालम:വിദ്യ ബാല൯, हिन्दी:1 जनवरी, 1980 को जन्मी विद्या बालन एक पुरस्कार - विजेता भारतीय अभिनेत्री है जो बॉलीवुड फिल्मों में दिखायी दे रही है। बालन, अपने केरियर की शुरुआत म्यूजिक विडियोस, सोअप ओपेरस और कॉमर्शियल विज्ञापन से की और उसने फ़िल्म के क्षेत्र में बंगाली फ़िल्म, भालो थेको (Bhalo Theko) (2003) से अपने केरियर की शुरुआत की, जिसके लिए फिल्मी आलोचकों ने उनकी भूरी - भूरि प्रशंसा की Iबाद में उसने हिन्दी फिल्मों में अपना केरियर फ़िल्म परिणीता (Parineeta) (2005) से शुरुआत की, जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ उभरती अभिनेत्री के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार से नवाजा गया और उनकी पहली सफल व्यवसायिक फ़िल्म थी राजकुमार हिरानी (Rajkumar Hirani) की लगे रहो मुन्नाभाई (2006) Iइस प्रकार बालन ने अपने - आपको एक सफल अभिनेत्री के रूप में स्थापित किया I .

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विवेक मुशरान

विवेक मुशरान भारतीय हिन्दी फ़िल्म अभिनेता हैं। इन्होंने अपने अभिनय के सफर की शुरुआत 1991 में की थी। इनकी पहली हिन्दी फ़िल्म सौदागर थी, जो लोगों द्वारा काफी पसंद की गई थी। इसके बाद यह कई सारे फ़िल्मों में नजर आने लगे, जिसमें राम जाने, सातवाँ आसमान आदि फ़िल्में हैं। इनमें सचिन द्वारा निर्देशित फ़िल्में भी हैं, जैसे ऐसी भी क्या जल्दी है, फ़र्स्ट लव लेटर और अंजाने आदि। इन्होंने कई फ़िल्मों में कार्य किया है, पर साथ ही साथ कई टीवी चैनलों में भी दिखाई देते रहते हैं। इनमें स्टार प्लस पर प्रसारित होने वाला धारावाहिक सोनपरी, ज़ी टीवी में "किट्टी पार्टी", सोनी में "भास्कर भारती" और दूरदर्शन में "दिल-ए-नादान" आदि है। .

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गौहर खान

गौहर खान बॉलीवुड फिल्मो एवं टीवी सीरिअल की अभिनेत्री हैं।.

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आशा भोंसले

आशा भोंसले (जन्म: 8 सितम्बर 1933) हिन्दी फ़िल्मों की मशहूर पार्श्वगायिका हैं। लता मंगेशकर की छोटी बहन और दीनानाथ मंगेशकर की पुत्री आशा ने फिल्मी और गैर फिल्मी लगभग 16 हजार गाने गाये हैं और इनकी आवाज़ के प्रशंसक पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। हिंदी के अलावा उन्होंने मराठी, बंगाली, गुजराती, पंजाबी, भोजपुरी, तमिल, मलयालम, अंग्रेजी और रूसी भाषा के भी अनेक गीत गाए हैं। आशा भोंसले ने अपना पहला गीत वर्ष 1948 में सावन आया फिल्म चुनरिया में गाया। आशा की विशेषता है कि इन्होंने शास्त्रीय संगीत, गजल और पॉप संगीत हर क्षेत्र में अपनी आवाज़ का जादू बिखेरा है और एक समान सफलता पाई है। उन्होने आर॰ डी॰ बर्मन से शादी की थी। .

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आशीष विद्यार्थी

आशीष विद्यार्थी हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .

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कविता सेठ

कविता सेठ (जन्म: 1970) एक भारतीय गायिका हैं। श्रेणी:गायिका.

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अनु मलिक

अनु मलिक हिन्दी फ़िल्मों के एक संगीतकार हैं। वह सरदार मलिक के पुत्र हैं। इन्होंने संगीत निर्माण का कार्य 1977 में शुरू किया। 1990 के दशक में यह कई सफल फिल्मों के गाने लिख चुके हैं। जिसमें फिर तेरी कहानी याद आई, बाज़ीगर, और जानम जैसे फिल्में शामिल है। हंटरवाली नामक फिल्म से इन्होंने अपने गायिकी का सफर शुरू किया। .

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अरिजीत सिंह

अरिजीत सिंह (बंगाली;অরিজিৎ সিং) जन्म २५ अप्रैल १९८७)Arijit Singha's Biography एक भारतीय पार्श्व गायक हैं। इनका जन्म पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुआ था। इन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत २००५ में एक वास्तविक कार्यक्रम फेम गुरुकुल से की थी। इनका नाम जब प्रसिद्ध हुआ जब इन्होंने २०१३ में आशिकी 2 फ़िल्म में तुम ही हो गाना गाया था। इस कारण इनको ५९वां फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार में सबसे अच्छा पुरुष गायक चुना गया था। इनके अलावा इन्होंने किल दिल में भी ऐसा ही गाना गाया था जो सजदे नाम था। जनवरी २०१६ में ६१वां फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार इनका सूरज डूबा है गाना जो रॉय फ़िल्म में गाया था इन्हें सबसे अच्छा गाना चुना गया। .

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बेगम जान, बेग़म जान (फ़िल्म)

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