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बुक्काके

सूची बुक्काके

बुक्काके का एक उदाहरणबुक्काके (जापानी: ブッカケ) एक यौन व्यवहार है जिसमे कई व्यक्ति एक साथ सीधे अपने लिंग से अपने वीर्य का स्खलन किसी एक व्यक्ति (आम तौर पर महिला) के चेहरे पर करते हैं, इसमे वीर्यपान भी शामिल हो सकता है। बुक्काके एक दूसरे व्यवहार गोकुन के समान है, जिसमे कई पुरुष अपना वीर्य एक पात्र में स्खलित करते है और इसे कोई एक व्यक्ति पीता है। यह व्यवहार समकालीन अश्लील फिल्मों का एक हिस्सा है और कुछ फिल्मों में तो एक साथ सैंकड़ों व्यक्ति इसे करते दिखते हैं। बुक्काके वैसे एक जापानी शब्द है जिसका अर्थ होता है पानी को बिखेरना या छिड़काना। .

7 संबंधों: नारी, मुँह, शिश्न, जापानी भाषा, वीर्य, वीर्यपान, गोकुन

नारी

नारी मानव की स्त्री को कहते हैं, जो नर का स्त्रीलिंग है। नारी शब्द मुख्यत: वयस्क स्त्रियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कई संदर्भो में मगर यह शब्द संपूर्ण स्त्री वर्ग को दर्शाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है, जैसे: नारी-अधिकार। .

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मुँह

मुँह जंतुओं की आहार नली का प्रथम भाग होता है जिसको आहार और लार मिलता है। ओरल म्यूकोसा मुँह के अन्दर की उपकला में श्लेष्म झिल्ली होती है। अपनी मुख्य क्रिया यानि पाचक तंत्र की पहली कड़ी के अतिरिक्त मनुष्यों में मुँह एक और अहम कार्य करता है जो कि है एक दूसरे के साथ वार्तालाप के द्वारा संपर्क करना। हालांकि ध्वनि का मुख्य स्रोत गला होता लेकिन इस ध्वनि को भाषा का रूप जीभ, होंठ, जबड़ा और ऊपरी मुँह का तालु देते हैं। मुँह का अन्दरुनी भाग अमूमन लार की वजह से गीला रहता है और होंठ से मुँह के अन्दर की श्लेष्म झिल्ली त्वचा-जो कि बाकी शरीर को ढँकती है- में परिवर्तित हो जाती है। .

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शिश्न

शिश्न की संरचना: 1 — मूत्राशय, 2 — जघन संधान, 3 — पुरस्थ ग्रन्थि, 4 — कोर्पस कैवर्नोसा, 5 — शिश्नमुंड, 6 — अग्रत्वचा, 7 — कुहर (मूत्रमार्ग), 8 — वृषणकोष, 9 — वृषण, 10 — अधिवृषण, 11— शुक्रवाहिनी शिश्न (Penis) कशेरुकी और अकशेरुकी दोनो प्रकार के कुछ नर जीवों का एक बाह्य यौन अंग है। तकनीकी रूप से शिश्न मुख्यत: स्तनधारी जीवों में प्रजनन हेतु एक प्रवेशी अंग है, साथ ही यह मूत्र निष्कासन हेतु एक बाहरी अंग के रूप में भी कार्य करता है। शिश्न आमतौर स्तनधारी जीवों और सरीसृपों में पाया जाता है। हिन्दी में शिश्न को लिंग भी कहते हैं पर, इन दोनो शब्दों के प्रयोग में अंतर होता है, जहाँ शिश्न का प्रयोग वैज्ञानिक और चिकित्सीय संदर्भों में होता है वहीं लिंग का प्रयोग आध्यात्म और धार्मिक प्रयोगों से संबंद्ध है। दूसरे अर्थो में लिंग शब्द, किसी व्यक्ति के पुरुष (नर) या स्त्री (मादा) होने का बोध भी कराता है। हिन्दी में सभी संज्ञायें या तो पुल्लिंग या फिर स्त्रीलंग होती हैं। .

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जापानी भाषा

जापानी भाषा (जापानी: 日本語 नीहोंगो) जापान देश की मुख्यभाषा और राजभाषा है। द्वितीय महायुद्ध से पहले कोरिया, फार्मोसा और सखालीन में भी जापानी बोली जाती थी। अब भी कोरिया और फार्मोसा में जापानी जाननेवालों की संख्या पर्याप्त है, परंतु धीरे धीरे उनकी संख्या कम होती जा रही है। भाषाविद इसे 'अश्लिष्ट-योगात्मक भाषा' मानते हैं। जापानी भाषा चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार में नहीं आती। भाषाविद इसे ख़ुद की जापानी भाषा-परिवार में रखते हैं (कुछ इसे जापानी-कोरियाई भाषा-परिवार में मानते हैं)। ये दो लिपियों के मिश्रण में लिखी जाती हैं: कांजी लिपि (चीन की चित्र-लिपि) और काना लिपि (अक्षरी लिपि जो स्वयं चीनी लिपिपर आधारित है)। इस भाषा में आदर-सूचक शब्दों का एक बड़ा तंत्र है और बोलने में "पिच-सिस्टम" ज़रूरी होता है। इसमें कई शब्द चीनी भाषा से लिये गये हैं। जापानी भाषा किस भाषा कुल में सम्मिलित है इस संबंध में अब तक कोई निश्चित मत स्थापित नहीं हो सका है। परंतु यह स्पष्ट है कि जापानी और कोरियाई भाषाओं में घनिष्ठ संबंध है और आजकल अनेक विद्वानों का मत है कि कोरियाई भाषा अलटाइक भाषाकुल में संमिलित की जानी चाहिए। जापानी भाषा में भी उच्चारण और व्याकरण संबंधी अनेक विशेषताएँ है जो अन्य अलटाइ भाषाओं के समान हैं परंतु ये विशेषताएँ अब तक इतनी काफी नहीं समझी जाती रहीं जिनमें हम निश्चित रूप से कह सकें कि जापानी भाषा अलटाइक भाषाकुल में ऐ एक है। हाइकु इसकी प्रमुख काव्य विधा है। .

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वीर्य

ऑल्ट.

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वीर्यपान

वीर्यपान (संस्कृत: वीर्य+पान) यौन संतुष्टि और/या आध्यात्मिक संतुष्टि के लिए वीर्य को पीने को कहते हैं। वीर्य के स्रोत मानव पुरुष या नर पशु होते हैं। वीर्यपान करने का सबसे आम तरीका मुखमैथुन (फेलाशियो या इरुमेशियो) के द्वारा प्राप्त चरमोत्कर्ष पर हुए स्खलन से निकलने वाले वीर्य की निगल लेना होता है। वीर्यपान दोनों लिंगों के व्यक्तियों द्वारा किया जाता है। पुरुष अपना खुद का वीर्य, हस्तमैथुन, संभोग, या स्वतःफेलाशियो के बाद निगल सकते हैं। .

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गोकुन

गोकुन (ゴックン?) जापानी अश्लील फिल्मों और साहित्य की एक शैली है जिसमें कई व्यक्तियों द्वारा एक पात्र में स्खलित वीर्य कोई एक व्यक्ति (आम तौर पर महिला) पीता है। .

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