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बालमणि अम्मा पुरस्कार

सूची बालमणि अम्मा पुरस्कार

बालमणि अम्मा पुरस्कार मलयालम भाषा के किसी एक साहित्यकार को कोच्चि अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक महोत्सव समिति द्वारा नालापत बालमणि अम्मा की स्मृति में प्रत्येक वर्ष दिया जाने वाला एक वार्षिक पुरस्कार है। इसके अंतर्गत सम्मान स्वरूप पच्चीस हजार रुपये नकद, स्मृति चिन्ह और अंग वस्त्रम प्रदान करने का प्रावधान है। अबतक यह सम्मान संगठाकुमारी, एम॰ लीलावती, अक्कितम, कोविलन, कक्कानादन, विष्‍णु नारायणन नम्‍बूति‍री, सी राधाकृष्णन, एम॰ पी॰ वीरेंद्रकुमार, युसुफ अली कचेरी और पी॰ वलसला को प्रदान किया जा चुका है। .

11 संबंधों: एम॰ पी॰ वीरेंद्रकुमार, एम॰ लीलावती, नालापत बालमणि अम्मा, पी॰ वलसला, युसुफ अली कचेरी, संगठाकुमारी, सी राधाकृष्णन, विष्‍णु नारायणन नम्‍बूति‍री, कक्कानादन, कोविलन, अक्कितम

एम॰ पी॰ वीरेंद्रकुमार

एम॰ पी॰ वीरेंद्रकुमार (मलयालम: എം.പി. വീരേന്ദ്രകുമാർ, जन्म: 15 अगस्त 1937), भारत से 14 वीं लोकसभा के सदस्य हैं। वे समाजवादी जनता (डेमोक्रेटिक) राजनीतिक दल के एक सदस्य और पार्टी की केरल राज्य इकाई के अध्यक्ष हैं। वे मलयालम भाषा के एक प्रमुख लेखक भी हैं। उन्हें उनके यात्रा वृतांत 'हैमवठा भूविल' के लिए वर्ष 2010 में साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किया गया था। वे मलयालम भाषा के प्रमुख समाचार पत्र 'मातृभूमि' के प्रबंध निदेशक हैं। .

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एम॰ लीलावती

एम॰ लीलावती (मलयालम: എം. ലീലാവതി, अँग्रेजी: M. Leelavathy, जन्म: 16 सितंबर 1927) भारत से एक मलयालम भाषा की लेखिका, साहित्यिक आलोचक और शिक्षाविद् हैं। .

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नालापत बालमणि अम्मा

नालापत बालमणि अम्मा (मलयालम: എൻ. ബാലാമണിയമ്മ; 19 जुलाई 1909 – 29 सितम्बर 2004) भारत से मलयालम भाषा की प्रतिभावान कवयित्रियों में से एक थीं। वे हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक महादेवी वर्मा की समकालीन थीं। उन्होंने 500 से अधिक कविताएँ लिखीं। उनकी गणना बीसवीं शताब्दी की चर्चित व प्रतिष्ठित मलयालम कवयित्रियों में की जाती है। उनकी रचनाएँ एक ऐसे अनुभूति मंडल का साक्षात्कार कराती हैं जो मलयालम में अदृष्टपूर्व है। आधुनिक मलयालम की सबसे सशक्त कवयित्रियों में से एक होने के कारण उन्हें मलयालम साहित्य की दादी कहा जाता है। अम्मा के साहित्य और जीवन पर गांधी जी के विचारों और आदर्शों का स्पष्ट प्रभाव रहा। उनकी प्रमुख कृतियों में अम्मा, मुथास्सी, मज़्हुवींट कथाआदि हैं। उन्होंने मलयालम कविता में उस कोमल शब्दावली का विकास किया जो अभी तक केवल संस्कृत में ही संभव मानी जाती थी। इसके लिए उन्होंने अपने समय के अनुकूल संस्कृत के कोमल शब्दों को चुनकर मलयालम का जामा पहनाया। उनकी कविताओं का नाद-सौंदर्य और पैनी उक्तियों की व्यंजना शैली अन्यत्र दुर्लभ है। वे प्रतिभावान कवयित्री के साथ-साथ बाल कथा लेखिका और सृजनात्मक अनुवादक भी थीं। अपने पति वी॰एम॰ नायर के साथ मिलकर उन्होने अपनी कई कृतियों का अन्य भाषाओं में अनुवाद किया। अम्मा मलयालम भाषा के प्रखर लेखक एन॰ नारायण मेनन की भांजी थी। उनसे प्राप्त शिक्षा-दीक्षा और उनकी लिखी पुस्तकों का अम्मा पर गहरा प्रभाव पड़ा था। अपने मामा से प्राप्त प्रेरणा ने उन्हें एक कुशल कवयित्री बनने में मदद की। नालापत हाउस की आलमारियों से प्राप्त पुस्तक चयन के क्रम में उन्हें मलयालम भाषा के महान कवि वी॰ नारायण मेनन की पुस्तकों से परिचित होने का अवसर मिला। उनकी शैली और सृजनधर्मिता से वे इस तरह प्रभावित हुई कि देखते ही देखते वे अम्मा के प्रिय कवि बन गए। अँग्रेजी भाषा की भारतीय लेखिका कमला दास उनकी सुपुत्री थीं, जिनके लेखन पर उनका खासा असर पड़ा था। अम्मा को मलयालम साहित्य के सभी महत्त्वपूर्ण पुरस्कार प्राप्त करने का गौरव प्राप्त है। गत शताब्दी की सर्वाधिक लोकप्रिय मलयालम महिला साहित्यकार के रूप में वे जीवन भर पूजनीय बनी रहीं। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार, सरस्वती सम्मान और 'एज्हुथाचन पुरस्कार' सहित कई उल्लेखनीय पुरस्कार व सम्मान प्राप्त हुए। उन्हें 1987 में भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से अलंकृत किया गया। वर्ष 2009, उनकी जन्म शताब्दी के रूप में मनाया गया। .

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पी॰ वलसला

पी॰ वलसला (मलयालम: ml|പി. വത്സല, जन्म: 4 अप्रैल 1938), भारत के केरल राज्य से मलयालम भाषा की उपन्यासकार, कथाकार, लेखिका, सामाजिक कार्यकर्ता और एक सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापिका हैं। .

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युसुफ अली कचेरी

युसुफ अली कचेरी (अँग्रेजी: Yūsaphali Kēccēri; मलयालम: യൂസഫലി കേച്ചേരി, जन्म: 16 मई 1934), भारत के केरल राज्य से मलयालम भाषा के एक कवि, गीतकार, फिल्म निर्माता और निर्देशक है। वे मलयालम कविता के आधुनिक युग के प्रमुख कवियों में से एक है और मलयालम साहित्य पुरस्कार, केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार, वल्लथोल पुरस्कार और बालमणि अम्मा पुरस्कार सहित उन्हें कई महत्वपूर्ण पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया है। .

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संगठाकुमारी

संगठाकुमारी संगठाकुमारी (मलयालम: സുഗതകുമാരി, अँग्रेजी: Sugathakumari, जन्म: 3 जनवरी 1934) भारत से मलयालम भाषा की एक कवयित्री और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वे दक्षिण भारत के केरल राज्य से पर्यावरण और नारीवादी आंदोलनों के मामले में अग्रणी भूमिका निभाने वाली एक प्रखर महिला हैं। .

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सी राधाकृष्णन

सी राधाकृष्णन (मलयालम: സി രാധാകൃഷ്‌ണന്‍, जन्म: 15 फ़रवरी 1939), भारत के केरल राज्य से मलयालम भाषा के एक लेखक और फिल्म निर्देशक हैं। उन्हे केरल साहित्य अकादमी के द्वारा 1962 में उनकी साहित्यिक कृति 'निजहलपदुकल' के लिए तथा भारतीय साहित्य अकादमी द्वारा 1989 में 'स्पंदमापीनिकले नंदी' के लिए सम्मानित और समादृत किया गया।, (अँग्रेजी में) .

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विष्‍णु नारायणन नम्‍बूति‍री

विष्‍णु नारायणन नम्‍बूति‍री को साहि‍त्‍य एवं शि‍क्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे केरल राज्य से हैं। .

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कक्कानादन

जॉर्ज वर्गीज कक्कानादन ('कक्कानादन' उपनाम से लोकप्रिय, ജോര്ജ്ജ് വര്ഗ്ഗീസ് കാക്കനാടന്; 23 अप्रैल 1935 – 19 अक्टूबर 2011), भारत के केरल राज्य से मलयालम भाषा के कथाकार, उपन्यासकार और लेखक थे। उन्हें मलयालम साहित्य में 'आधुनिकतावादी साहित्य' की नींव रखने का श्रेय जाता है। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार और केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार के साथ-साथ कई अन्य महत्वपूर्ण पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुये हैं। .

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कोविलन

मलयालम के महान उपन्यासकार कोविलन कण्डाणिशेरिल वट्टोंपरम्बिल वेलप्पन अय्यप्पन (9 जुलाई 1923 – 2 जून 2010), मलायलम के वरिष्ठ उपन्यासकार थे। वे कोविलन नाम से अधिक प्रसिद्ध थे। वह प्रयोगधर्मी रचनाकार थे। स्वतंत्रता सेनानी रहे कोविलन का असली नाम वी वी अयाप्पन था। मलयालम साहित्य में उनके अतुलनीय योगदान के लिए उन्हें 2006 में केरल सरकार के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान इजहुथाचन पुरास्कारोम से नवाजा गया था। केंद्र साहित्य अकादमी के सदस्य कोविलन ने 1972 और 1977 में केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार और 1998 में केंद्र साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त किया। कोविलन जी भारतीय नौ सेना के लिए 1943 से 1946 तक काम किया था। वे भारत के जन साधारण के मन की बातें, जाति, संस्कार, धर्म और भाषा की आवाज़ अपने उपन्यासों और कहानियों में उजागर किया हैं। .

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अक्कितम

अक्कितम अच्युतन नंबूथिरी (मलयालम: അക്കിത്തം അച്യുതൻ നമ്പൂതിരി, अँग्रेजी: Akkitham Achuthan Namboothiri, जन्म: 18 मार्च 1926), भारत से मलयालम भाषा के कवि हैं। वे 'अक्कितम' के नाम से चर्चित हैं।.

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