8 संबंधों: चन्दामामा (बाल पत्रिका), चकोर, तीतर, महावीर प्रसाद, मैना, मोर, श्रीधर पाठक, कोयल।
चन्दामामा (बाल पत्रिका)
चन्दामामा बच्चों व युवाओं पर केंद्रित एक लोकप्रिय मासिक पत्रिका है जिसमें भारतीय लोककथाओं, पौराणिक तथा ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित कहानियाँ प्रकाशित होती हैं। 1947 में इस पत्रिका की स्थापना दक्षिण भारत के नामचीन फिल्म निर्माता बी नागी रेड्डी ने की, उनके मित्र चक्रपाणी पत्रिका के संपादक बने। 1975 से नागी रेड्डी के पुत्र विश्वनाथ इस का संपादन करते हैं। मार्च 2007 में मुम्बई स्थित सॉफ्टवेयर कंपनी जीयोडेसिक ने पत्रिका समूह का अधिग्रहण कर लिया। जुलाई 2008 में समूह ने अपनी वेबसाईट पर हिन्दी, तमिल व तेलगु में पत्रिका के पुराने अंक उपलब्ध कराने आरंभ किये। .
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चकोर
चकोर (Chukor or French Partridge, Caccabis chukor) (Chukar) (Alectoris chukar) एक साहित्यिक पक्षी है, जिसके बारे में भारत के कवियों ने यह कल्पना कर रखी है कि यह सारी रात चंद्रमा की ओर ताका करता है और अग्निस्फुलिंगों को चंद्रमा के टुकड़े समझकर चुनता रहता है। इसमें वास्तविकता केवल इतनी है कि कीटभक्षी पक्षी होने के कारण, चकोर चिनगारियों को जुगनू आदि चमकनेवाले कीट समझकर उनपर भले ही चोंच चला दे। लेकिन न तो यह आग के टुकड़े ही खाता है और न निर्निमेष सारी रात चंद्रमा को ताकता ही रहता है। यह पाकिस्तान का राष्ट्रीय पक्षी है। Birds of Hindustan luchas, called būqalamūn, and partridges '' Alectoris chukar falki '' चकोर पक्षी (Aves) वर्ग के मयूर (Phasianidae) कुल का प्राणी है, जिसकी शिकार किया जाता है। इसका माँस स्वादिष्ट होता है। चकोर मैदान में न रहकर पहाड़ों पर रहना पसंद करता है। यह तीतर से स्वभाव और रहन सहन में बहुत मिलता जुलता है। पालतू हो जाने पर तीतर की भाँति ही अपने मालिक के पीछे-पीछे चलता है। इसके बच्चे अंडे से बाहर आते ही भागने लगते हैं। चकोर- (साहित्य) परंपराप्राप्त लोकप्रसिद्धि के अनुसार तथा कविसमय को काल्पनिक मान्यताओं के अनुरूप, चकोर चंद्रकिरणों पीकर जीवित रहता है (शांर्गघरपद्धति, १.२३)। इसीलिये इसे "चंद्रिकाजीवन' और "चंद्रिकापायी' भी कहते हैं। प्रवाद है कि वह चंद्रमा का एकांत प्रेमी है और रात भर उसी को एकटक देखा करता है। अँधेरी रातों में चद्रमा और उसकी किरणों के अभाव में वह अंगारों को चंद्रकिरण समझकर चुगता है। चंद्रमा के प्रति उसकी इस प्रसिद्ध मान्यता के आधार पर कवियों द्वारा प्राचीन काल से, अनन्य प्रेम और निष्ठा के उदाहरण स्वरूप चकोर संबंधी उक्तियाँ बराबर की गई हैं। इसका एक नाम विषदशर्नमृत्युक है जिसका आधार यह विश्वास है कि विषयुक्त खाद्य सामाग्री देखते ही उसकी आँखें लाल हो जाती है और वह मर जाता है। कहते हैं, भोजन की परीक्षा के लिये राजा लोग उसे पालते थे। .
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तीतर
तीतर फ़ॅसिअनिडी कुल के पक्षी हैं जिसे अंग्रेज़ी में आम भाषा में फ़ीज़ेन्ट कहते हैं। भारत की भाषाओं में फ़्रैंकोलिन और पार्ट्रिज में कोई भेद नहीं है और इन दोनों को तीतर ही कहा जाता है। विश्व भर में इसकी कई प्रजातियाँ हैं और इनमें से कुछ प्रजातियाँ सिर्फ़ भारत में ही पाई जाती हैं। .
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महावीर प्रसाद
महावीर प्रसाद,भारत के उत्तर प्रदेश की तीसरी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1962 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के 112 - डलमऊ विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से चुनाव में भाग लिया। .
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मैना
भारतीय मैना टिप्पणी: माता पार्वती की माँ का नाम मैना है। तुलसीदास जी के रामचरित मानस मे मैना को हिमालय की पत्नी के रूप मे लिखा गया है। ---- मैना (Common Myna) एक भारतीय पक्षी है। .
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मोर
मोर अथवा मयूर एक पक्षी है जिसका मूलस्थान दक्षिणी और दक्षिणपूर्वी एशिया में है। ये ज़्यादातर खुले वनों में वन्यपक्षी की तरह रहते हैं। नीला मोर भारत और श्रीलंका का राष्ट्रीय पक्षी है। नर की एक ख़ूबसूरत और रंग-बिरंगी फरों से बनी पूँछ होती है, जिसे वो खोलकर प्रणय निवेदन के लिए नाचता है, विशेष रूप से बसन्त और बारिश के मौसम में। मोर की मादा मोरनी कहलाती है। जावाई मोर हरे रंग का होता है। .
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श्रीधर पाठक
उत्तर प्रदेश-जन्म स्थान श्रीधर पाठक (११ जनवरी १८५८ - १३ सितंबर १९२८) प्राकृतिक सौंदर्य, स्वदेश प्रेम तथा समाजसुधार की भावनाओ के हिन्दी कवि थे। वे प्रकृतिप्रेमी, सरल, उदार, नम्र, सहृदय, स्वच्छंद तथा विनोदी थे। वे हिंदी साहित्य सम्मेलन के पाँचवें अधिवेशन (1915, लखनऊ) के सभापति हुए और 'कविभूषण' की उपाधि से विभूषित भी। हिंदी, संस्कृत और अंग्रेजी पर उनका समान अधिकार था। .
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कोयल
कोई विवरण नहीं।
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