1 संबंध: कामागाटामारू कांड।
कामागाटामारू कांड
वेंकूवर बुरार्ड के प्रवेशद्वार पर कामागाटामारू (१९१४) कामागातामारू (Komagata Maru) भापशक्ति से चलने वाला एक जापानी समुद्री जहाज था, जिसे हॉन्ग कॉन्ग में रहने वाले बाबा गुरदित्त सिंह ने खरीदा था। जहाज में पंजाब के 376 लोगों को बैठाकर बाबा 4 मार्च 1914 को वेंकूवर (ब्रिटिश कोलम्बिया, कनाडा) के लिए रवाना हुए। 23 मई को वहां पहुंचे लेकिन, अंग्रेजों ने सिर्फ 24 को उतारा और बाकी को जबरदस्ती वापस भेज दिया। इस जहाज में ३४० सिख, २४ मुसलमान और १२ हिन्दू थे। जहाज कोलकाता के बजबज घाट पर पहुंचा तो 27 सितंबर 1914 को अंग्रेजों ने फायरिंग कर दी। इसमें 19 लोगों की मौके पर मौत हो गई। इस घटना ने आजादी की लहर को और तेज कर दिया था। यह घटना उन अनेकों घटनाओं में से एक थी जिनमें २०वीं शताब्दी के आर्म्भिक दिनों में एशिया के प्रवासियों को कनादा और यूएस में प्रवेश की अनुमति नहीं थी (exclusion laws)। २०१४ में भारत सरकार ने इस घटना की याद में 100 रूपये का एक सिक्का जारी किया। .
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