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बादाम हलवा

सूची बादाम हलवा

बादाम हलवा लखनऊ की एक मिठाई है। श्रेणी:मिठाई.

2 संबंधों: मिठाई, लखनऊ

मिठाई

मिठाइयाँ केरल में पुंसावनम के समय परोसी जाने वाले मिठाइयाँ भारतीय मिठाइयाँ या मिष्ठान्न शक्कर, अन्न और दूध के अलग अलग प्रकार से पकाने और मिलाने से बनती हैं। खीर और हलवा सबसे सामान्य मिठाइयाँ हैं जो प्रायः सभी के घर में बनती हैं। ज्यादातर मिठाइयाँ बाज़ार से खरीदी जाती हैं। मिठाई बनाने वाले पेशेवर बावर्चियों को हलवाई कहते हैं। भारत की संस्कृति के ही अनुसार यहां हर प्रदेश की मिठाई में भी विभिन्नता है। उदाहरण के लिए बंगाली मिठाइयों में छेने की प्रमुखता है तो पंजाबी मिठाइयों में खोये की। उत्तर भारत की मिठाइयों में दूध की प्रमुखता है तो दक्षिण भारत की मिठाइयों में अन्न की। त्योहारों व पारिवारिक अनुष्ठानों में मिठाई का बहुत महत्व होता है। दैनिक जीवन में मिठाई खाने के बाद खाई जाती है। कुछ मिठाइयों को खाने का समय निर्धारित होता है जैसे जलेबी सुबह के समय खाई जाती है, तो कुछ मिठाइयाँ पर्वों से संबंधित होती हैं, जैसे गुझिया उत्तर भारत में होली पर और दक्षिण भारत में दिवाली पर बनाने की परंपरा है। भारत में मिठाइयों की भरमार है। उनमें से कुछ निम्नलिखित है -.

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लखनऊ

लखनऊ (भारत के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी है। इस शहर में लखनऊ जिले और लखनऊ मंडल के प्रशासनिक मुख्यालय भी स्थित हैं। लखनऊ शहर अपनी खास नज़ाकत और तहजीब वाली बहुसांस्कृतिक खूबी, दशहरी आम के बाग़ों तथा चिकन की कढ़ाई के काम के लिये जाना जाता है। २००६ मे इसकी जनसंख्या २,५४१,१०१ तथा साक्षरता दर ६८.६३% थी। भारत सरकार की २००१ की जनगणना, सामाजिक आर्थिक सूचकांक और बुनियादी सुविधा सूचकांक संबंधी आंकड़ों के अनुसार, लखनऊ जिला अल्पसंख्यकों की घनी आबादी वाला जिला है। कानपुर के बाद यह शहर उत्तर-प्रदेश का सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है। शहर के बीच से गोमती नदी बहती है, जो लखनऊ की संस्कृति का हिस्सा है। लखनऊ उस क्ष्रेत्र मे स्थित है जिसे ऐतिहासिक रूप से अवध क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। लखनऊ हमेशा से एक बहुसांस्कृतिक शहर रहा है। यहाँ के शिया नवाबों द्वारा शिष्टाचार, खूबसूरत उद्यानों, कविता, संगीत और बढ़िया व्यंजनों को हमेशा संरक्षण दिया गया। लखनऊ को नवाबों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। इसे पूर्व की स्वर्ण नगर (गोल्डन सिटी) और शिराज-ए-हिंद के रूप में जाना जाता है। आज का लखनऊ एक जीवंत शहर है जिसमे एक आर्थिक विकास दिखता है और यह भारत के तेजी से बढ़ रहे गैर-महानगरों के शीर्ष पंद्रह में से एक है। यह हिंदी और उर्दू साहित्य के केंद्रों में से एक है। यहां अधिकांश लोग हिन्दी बोलते हैं। यहां की हिन्दी में लखनवी अंदाज़ है, जो विश्वप्रसिद्ध है। इसके अलावा यहाँ उर्दू और अंग्रेज़ी भी बोली जाती हैं। .

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