4 संबंधों: चौहटन, बाड़मेर जिला, राजस्थान, जोधपुर।
चौहटन
चौहटन एक राजस्थान राज्य के बाड़मेर जिला मुख्यालय से ४८ किमी पच्छिम की ओर बसा हुआ कस्बा है। इसका पुराना नाम चोथापुर पाटन नगरी था। कहते हैं पांडवों ने अपने वनवास का अधिकांशसमय यही पर बिताया.था यहाँ पर बाड़मेर मार्ग पर अति प्राचीन चीफल नाडी हे इसका निर्माण बरसों पूर्व भीमजी पांडव ने खेल-२ में किया था इसका पानी १ साल तक नहीं सुखता यह नाडी चोहटन की पहाड़ियों से आने वाले बरसाती पानी से भरती हे पहाड़ियो पर अनेक तीर्थ स्थल हे इन्द्रभाण तालाब का पानी गंगाजल के समान पवित्र माना जाता है यहाँ पर विरात्रा माता का भव्य मंदिर है तथा सूंईया महादेव का मंदिर है। यहां डुंगरपुरी जी महाराज की प्राचीन समाधि है यहां देश के अनेको हिस्सों से लोग दर्शन करने को आते ह यहां पर वैर माता का अति प्राचीन मंदिर है यहाँ पर मां जगदम्बा ने बालिका के रूप में अनेक असूरों का संहार करके वैर लिया था पिपलीया झरना विष्णू पगलिया आदि अनेक धाम है। चौहटन से 13 किलोमीटर दूर कोनरा गांव है। .
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बाड़मेर जिला
बाड़मेर जिला भारतीय राज्य राजस्थान का एक जिला है। जिले का मुख्यालय बाड़मेर नगर है, जबकि अन्य मुख्य कस्बे बालोतरा,गुड़ामलानी, बायतु,सिवाना,जसोल,चौहटन,धोरीमन्ना और उत्तरलाई हैं। बाड़मेर में एक रिफ़ाइनरी भी प्रस्तावित है। .
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राजस्थान
राजस्थान भारत गणराज्य का क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है। इसके पश्चिम में पाकिस्तान, दक्षिण-पश्चिम में गुजरात, दक्षिण-पूर्व में मध्यप्रदेश, उत्तर में पंजाब (भारत), उत्तर-पूर्व में उत्तरप्रदेश और हरियाणा है। राज्य का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग कि॰मी॰ (132139 वर्ग मील) है। 2011 की गणना के अनुसार राजस्थान की साक्षरता दर 66.11% हैं। जयपुर राज्य की राजधानी है। भौगोलिक विशेषताओं में पश्चिम में थार मरुस्थल और घग्गर नदी का अंतिम छोर है। विश्व की पुरातन श्रेणियों में प्रमुख अरावली श्रेणी राजस्थान की एक मात्र पर्वत श्रेणी है, जो कि पर्यटन का केन्द्र है, माउंट आबू और विश्वविख्यात दिलवाड़ा मंदिर सम्मिलित करती है। पूर्वी राजस्थान में दो बाघ अभयारण्य, रणथम्भौर एवं सरिस्का हैं और भरतपुर के समीप केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान है, जो सुदूर साइबेरिया से आने वाले सारसों और बड़ी संख्या में स्थानीय प्रजाति के अनेकानेक पक्षियों के संरक्षित-आवास के रूप में विकसित किया गया है। .
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जोधपुर
जोधपुर भारत के राज्य राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा नगर है। इसकी जनसंख्या १० लाख के पार हो जाने के बाद इसे राजस्थान का दूसरा "महानगर " घोषित कर दिया गया था। यह यहां के ऐतिहासिक रजवाड़े मारवाड़ की इसी नाम की राजधानी भी हुआ करता था। जोधपुर थार के रेगिस्तान के बीच अपने ढेरों शानदार महलों, दुर्गों और मन्दिरों वाला प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है। वर्ष पर्यन्त चमकते सूर्य वाले मौसम के कारण इसे "सूर्य नगरी" भी कहा जाता है। यहां स्थित मेहरानगढ़ दुर्ग को घेरे हुए हजारों नीले मकानों के कारण इसे "नीली नगरी" के नाम से भी जाना जाता था। यहां के पुराने शहर का अधिकांश भाग इस दुर्ग को घेरे हुए बसा है, जिसकी प्रहरी दीवार में कई द्वार बने हुए हैं, हालांकि पिछले कुछ दशकों में इस दीवार के बाहर भी नगर का वृहत प्रसार हुआ है। जोधपुर की भौगोलिक स्थिति राजस्थान के भौगोलिक केन्द्र के निकट ही है, जिसके कारण ये नगर पर्यटकों के लिये राज्य भर में भ्रमण के लिये उपयुक्त आधार केन्द्र का कार्य करता है। वर्ष २०१४ के विश्व के अति विशेष आवास स्थानों (मोस्ट एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी प्लेसेज़ ऑफ़ द वर्ल्ड) की सूची में प्रथम स्थान पाया था। एक तमिल फ़िल्म, आई, जो कि अब तक की भारतीय सिनेमा की सबसे महंगी फ़िल्मशोगी, की शूटिंग भी यहां हुई थी। .
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