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बांग्लादेश की न्यायपालिका

सूची बांग्लादेश की न्यायपालिका

बांग्लादेश के न्यायिक व्यस्था, बांग्लादेशी भूमि पर निवास करने वाले लोगों को सामान्य तथा आपराधिक मामलों में न्याय प्रदान करने की व्यस्था है। इसका मूल ढांचा बांग्लादेश के संविधान के भाग ५ में दिया गया है। बांग्लादेश की न्यायपालिका के दो भाग हैं: सर्वोच्च न्यायालय और अधीनस्थ न्यायपालिका। श्रेष्ठतर न्यायपालिका, बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रचित है, जिसके दो विभाग हैं, उच्च न्यायालय विभाग और अपीलीय विभाग, तथा अधीनस्थ न्यायपालिका में जिला न्यायालय इत्यादि जैसे सारे निम्नस्थ न्यायालय व न्यायाधिकरण आते हैं। .

5 संबंधों: बांग्लादेश, बांग्लादेश सरकार, बांग्लादेश का संविधान, बांग्लादेश की राजनीति, बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायालय

बांग्लादेश

बांग्लादेश गणतन्त्र (बांग्ला) ("गणप्रजातन्त्री बांग्लादेश") दक्षिण जंबूद्वीप का एक राष्ट्र है। देश की उत्तर, पूर्व और पश्चिम सीमाएँ भारत और दक्षिणपूर्व सीमा म्यान्मार देशों से मिलती है; दक्षिण में बंगाल की खाड़ी है। बांग्लादेश और भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल एक बांग्लाभाषी अंचल, बंगाल हैं, जिसका ऐतिहासिक नाम “বঙ্গ” बंग या “বাংলা” बांग्ला है। इसकी सीमारेखा उस समय निर्धारित हुई जब 1947 में भारत के विभाजन के समय इसे पूर्वी पाकिस्तान के नाम से पाकिस्तान का पूर्वी भाग घोषित किया गया। पूर्व और पश्चिम पाकिस्तान के मध्य लगभग 1600 किमी (1000 मील) की भौगोलिक दूरी थी। पाकिस्तान के दोनों भागों की जनता का धर्म (इस्लाम) एक था, पर उनके बीच जाति और भाषागत काफ़ी दूरियाँ थीं। पश्चिम पाकिस्तान की तत्कालीन सरकार के अन्याय के विरुद्ध 1971 में भारत के सहयोग से एक रक्तरंजित युद्ध के बाद स्वाधीन राष्ट्र बांग्लादेश का उदभव हुआ। स्वाधीनता के बाद बांग्लादेश के कुछ प्रारंभिक वर्ष राजनैतिक अस्थिरता से परिपूर्ण थे, देश में 13 राष्ट्रशासक बदले गए और 4 सैन्य बगावतें हुई। विश्व के सबसे जनबहुल देशों में बांग्लादेश का स्थान आठवां है। किन्तु क्षेत्रफल की दृष्टि से बांग्लादेश विश्व में 93वाँ है। फलस्वरूप बांग्लादेश विश्व की सबसे घनी आबादी वाले देशों में से एक है। मुसलमान- सघन जनसंख्या वाले देशों में बांग्लादेश का स्थान 4था है, जबकि बांग्लादेश के मुसलमानों की संख्या भारत के अल्पसंख्यक मुसलमानों की संख्या से कम है। गंगा-ब्रह्मपुत्र के मुहाने पर स्थित यह देश, प्रतिवर्ष मौसमी उत्पात का शिकार होता है और चक्रवात भी बहुत सामान्य हैं। बांग्लादेश दक्षिण एशियाई आंचलिक सहयोग संस्था, सार्क और बिम्सटेक का प्रतिष्ठित सदस्य है। यह ओआइसी और डी-8 का भी सदस्य है।.

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बांग्लादेश सरकार

बांग्लादेश सरकार(বাংলাদেশ সরকার, बांलादेश सरकार), बांग्लादेश के संविधान द्वारा स्थापित, बांग्लादेश की प्रशासनिक एवं नियंत्रक प्राधिकारिणी है। यह, संपूर्ण बांग्लादेशी भूमि के शासन पर अपनी प्रभुसत्ता का दावा रखती है। संविधान के अनुसार, देश को लोकतांत्रिक, गणतांत्रिक व्यवस्था के अंतर्गत्, एक स्वतंत्र न्यायपालिका के साथ, परिचालित किये जाने की बात की गई है। संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति बांग्लादेश के राष्ट्राध्यक्ष हैं, जबकि सरकार, प्रधानमंत्री व उनके द्वारा नामांकित मंत्रियों के नियंत्रण में कार्य करती है। प्रधानमंत्री और अन्य मंत्री मिलकर बांग्लादेश की उच्चतम् शासनिक एवं निर्णयात्मक निकाय का गठन करते हैं, जिसे बांग्लादेशी लहजे में, मंत्रिसभा(মন্ত্রিসভা) या कैबिनेट कहते हैं। 1971 के अस्थायी सरकार के गठन एवं अंतरिम संविधान के परवर्तन पश्चात् से बांग्लादेश की सरकारी व्यवस्था न्यूनतम् पाँचबार बदली जा चुकी है। बांग्लादेश की वर्तमान सरकारी व्यवस्था बहुदलीय संसदीय प्रणाली पर आधारित है। वरतमान व्यवस्था में प्रधानमंत्री को सरकार प्रमुख का दर्जा प्राप्त है, एवं बहुदलीय लोकतांत्रिक ढाँचे में, सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के सिद्धांतों पर राष्ट्रीय संसद के सदस्यगण निर्वाचित होते हैं। कार्यपालिका पूर्णतः सरकार के नियंत्रण में होती है, जिसे प्रधानमंत्री व मंत्रिसभा के अन्य सदस्यगण परिचालित करते हैं। सरकार व सरकार के समस्त मंत्रियों की, संसद के प्रति उत्तरदेही है, और राष्ट्रीय संसद में सरकार के कीसी भी निर्णय, कार्य, कदम या योजना पर प्रश्न किया जा सकता है। इसके अलावा, संविधान संशोधन, महाभियोग व कानूनी फेरबदल जैसे कार्य भी संसदीय बहुमत द्वारा किया जाता है। न्यायपालिका और विधानपालिका के अलाव बांग्लादेश में एक स्वतंत्र श्रेणीबद्ध न्यायपालिका भी स्थापित है, जो न्यायिक मामलों को देखती है। .

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बांग्लादेश का संविधान

गणप्रजातंत्र बांग्लादेश का संविधान(গণপ্রজাতন্ত্রী বাংলাদেশের সংবিধান, सीधा लिप्यांतरण:गणप्रजातंत्री बांलादेशेर संविधान, उच्चारण:गाॅनोप्रोजातोन्त्री बांलादेशेर् शाॅम्बिधान्) स्वतंत्र, स्वतः स्वाधीन व सर्वसंप्रभुतासम्पन्न बांग्लादेशी राष्ट्र की सर्वोच्च विधि संहिता है। यह एक लिखित दस्तावेज़ है। सन १९७२ के नवंबर मास की 8 तारीख को बांग्लादेश की राष्ट्रीय संसद में यह संविधान अपनी गई एवं उसी वर्ष के १६ दिसंबर को अर्थात् बांग्लादेश की विजय दिवस की प्रथम वर्षगाँठ होते यह कार्यान्वित हुई। मूल संविधान अंग्रेज़ी भाषा में रचित है एवं इसका बंगाली में अनुवाद कराया गया है। तभी यह बांग्ला व अंग्रेज़ी दोनो भाषाओं में विद्यमान है। अंग्रेज़ी व बंगाली के मध्य अर्थगत विरोध दृश्यमान होने पर बंगाली संस्करण अनुसरणीय होगी। १७ सितंबर; वर्ष २०१४ के सोलहवें संशोधन सहित यह संविधान सर्वमत १६ बार संशोधित हुई है। यह संविधान के संशोधन हेतु राष्ट्रीय संसदीय सदस्यों की कुल संख्या की दो तिहाई भाग के मतों का प्रावधान है। हालाँकि, तेरहवें संशोधन रद्द करने के आदेश में बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्णय दिया है की, संविधान की मूल ढाँचा परिवर्तित हो, ऐसी संशोधन नहीं किया जाएगा; लाने पर यह अधिकार क्षेत्र से परे होगा अतः अमान्य होगा। बांग्लादेश का संविधान केवल बांग्लादेश की सर्वोच्च विधि संहिता ही नहीं है; संविधान में बांग्लादेश की नामक राष्ट्रीय चरित्र वर्णित की गई है। इसमें बांग्लादेश की भौगोलिक सीमारेखा विस्तृत है। इस संविधान में दिये गए मूल ढाँचे के अनुसार: देश प्रजातांत्रिक होगा, गणतंत्र होगी इसकी प्रशासनिक नींव, जनगणन होंगे देश के सर्व शक्तियों के स्रोत और न्यायपालिका स्वतंत्रत होगी। गनगण सर्व शक्तियों के स्रोत होने पर भी देश में विधि शासन(कानून का शासन होगा)। बांग्लादेश के संविधान में राष्ट्रवाद, समाजवाद, गणतंत्र व धर्मनिरपेक्षता को राष्ट्र परिचालन के मूल सिद्धांतों के रूप में अपनाया गया है। .

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बांग्लादेश की राजनीति

बांग्लादेश में राजनीति संविधान, में दिए गए संसदीय, प्रतिनिधित्व वादी लोकतांत्रिक, गणतांत्रिक प्रणाली के अंतर्गत होती है जिसके अनुसार: राष्ट्रपति बांग्लादेश के राष्ट्राध्यक्ष एवं बांग्लादेश के प्रधानमंत्री, सरकार एवं एक बहुदलीय जनतांत्रिक प्रणाली के प्रमुख होते हैं। कार्यकारी शक्तियाँ, बांग्लादेश की सरकार के अधिकारक्षेत्र के अंतर्गत आती हैं, एवं विधाई शक्तियां सरकार और संसद दोनों पर न्योछावर की गई हैं। इसके अलावा, बांग्लादेश में एक स्वतंत्र श्रेणीबद्ध न्यायपालिका भी है, जिसके शिखर पर बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायालय है। बांग्लादेश के संविधान को सन 1972 में लिखा गया था और तब से लेकर आज तक इसमें कुल 16 संशोधन किए गए हैं। .

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बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायालय

बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायालय(बंगला: বাংলাদেশ সুপ্রীম কোর্ট, बांलादेश सूप्रीम कोर्ट), गणप्रजातंत्री बांग्लादेश की सर्वोच्च अदालत है और बांग्लादेश की न्यायिक व्यवस्था का शीर्षतम् निकाय है और देश की न्यायिक क्रम का शिखर बिंदू है। यह कानूनी और संवैधानिक मामलों में फैसला करने वाली अंतिम मध्यस्थ भी है। संविधान की धारा १०० के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय का आसन, राजधानी ढाका में अवस्थित है। इसे बांग्लादेश के संविधान की षष्ठम् भाग के चतुर्थ पाठ के द्वारा स्थापित किया गया था। सर्वोच्च न्यायालय, पाकिस्तान को कई संवैधानिक व न्यायिक विकल्प प्राप्त होते हैं, जिनकी व्याख्या बांग्लादेश के संविधान में की गई है। इस संसथान के दो "विभाग" है: अपीलीय विभाग और उच्च न्यायलय विभाग, तथा यह बांग्लादेश के मुख्य न्यायाधीश व अपीलीय विभाग व उच्च न्यायालय विभाग के न्यायाधीशों का भी स्थायी कार्यालय की भी मेज़बानी भी करता है। अप्रैल 2018 की स्थिति अनुसार, अपीलीय विभाग में 4 और उच्च न्यायालय विभाग में 80 न्यायाधीश हैं, जिनमें 80 स्थायी हैं। इस न्यायालय को सामान्य बोलचाल में अक्सर हाई कोर्ट भी कहा जाता है, क्योंकि स्वतंत्रता पूर्व, अर्थात् १९७१ से पहले तक, इस भवन में पूर्वी पाकिस्तान की उच्च न्यायालय वास करती थी। .

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