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मल्टीमीटर

सूची मल्टीमीटर

बहुमापी या मल्टीमीटर एक ऐसा उपकरण है जो कई भौतिक राशियों (प्रायः धारा, वोल्टता, प्रतिरोध, निरन्तरता (कान्टिन्युटी) आदि) को मापने के काम में आता है। पहले एनालॉग मल्टीमीटर प्रचलन में आये किन्तु एलेक्ट्रानिक्स के विकास के साथ आजकल डिजिटल मल्टीमीटर (डी एम एम) भी खूब प्रचलन में आ गये हैं। .

8 संबंधों: डिजिटल, धारामापी, निर्वात नली, रेडियो, वाटमीटर, वोल्टमीटर, ओममापी, अमीटर

डिजिटल

डिजिटल (Digital) -अंकीय (अंकों के संकलन के कारण), कुंजीय (कुंजियों KEY के द्वारा प्रतिपादित होने के कारण), सांख्यिकीय (संख्याओं यानी अंको की समूह गणनाओं के कारण) डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स की एक शाखा है जिसमें विद्युत संकेत अंकीय होते हैं। अंकीय संकेत बहुत तरह के हो सकते हैं किन्तु बाइनरी डिजिटल संकेत सबसे अधिक उपयोग में आते हैं। शून्य/एक, ऑन/ऑफ, हाँ/नहीं, लो/हाई आदि बाइनरी संकेतों के कुछ उदाहरण हैं। जबसे एकीकृत परिपथों (इन्टीग्रेटेड सर्किट) का प्रादुर्भाव हुआ है और एक छोटी सी चिप में लाखों करोंड़ों इलेक्ट्रॉनिक युक्तियाँ भरी जाने लगीं हैं तब से डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक बहुत महत्वपूर्ण हो गयी है। आधुनिक व्यक्तिगत कम्प्यूटर (पीसी) तथा सेल-फोन, डिजिटल कैमरा आदि डिजिटल इलेक्ट्रॉनिकी की देन हैं।.

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धारामापी

दी'अर्सोंवल (D'Arsonval) धारामापी में गति धारामापी या गैल्वानोमीटर (galvanometer) एक प्रकार का अमीटर ही है। यह किसी परिपथ में धारा की उपस्थिति का पता करने के लिये प्रयोग किया जाता है। प्रायः इसपर एम्पीयर, वोल्ट या ओम के निशान नहीं लगाये गये रहते हैं।.

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निर्वात नली

आधुनिक निर्वात नलियाँ (अधिकांशतः लघु आकार वाली) इलेक्ट्रॉनिकी में निर्वात नली एक ऐसी युक्ति है जिसका कार्य निर्वात में विद्युत धारा के प्रवाह पर आधारित है। इसे एलेक्ट्रॉन नली (उत्तरी अमेरिका), तापायनिक वॉल्व (यूके में) या केवल 'ट्यूब' या 'वॉल्व' भी कहते हैं। इनमें एक तप्त फिलामेण्ट (कैथोड) से निकलने वाले एलेक्ट्रॉन निर्वात में गति करके एनोड पर पहुंचते हैं जो कैथोड की अपेक्षा अधिक वोल्टता पर रखा गया होता है। निर्वात नलियों के प्रादुर्भाव ने एलेक्ट्रॉनिकी के जन्म और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। .

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रेडियो

कुछ पुराने रेडियो (रिसिवर) 24 दिसम्बर 1906 की शाम कनाडाई वैज्ञानिक रेगिनाल्ड फेसेंडेन ने जब अपना वॉयलिन बजाया और अटलांटिक महासागर में तैर रहे तमाम जहाजों के रेडियो ऑपरेटरों ने उस संगीत को अपने रेडियो सेट पर सुना, वह दुनिया में रेडियो प्रसारण की शुरुआत थी। इससे पहले जगदीश चन्द्र बसु ने भारत में तथा गुल्येल्मो मार्कोनी ने सन 1900 में इंग्लैंड से अमरीका बेतार संदेश भेजकर व्यक्तिगत रेडियो संदेश भेजने की शुरुआत कर दी थी, पर एक से अधिक व्यक्तियों को एक साथ संदेश भेजने या ब्रॉडकास्टिंग की शुरुआत 1906 में फेसेंडेन के साथ हुई। ली द फोरेस्ट और चार्ल्स हेरॉल्ड जैसे लोगों ने इसके बाद रेडियो प्रसारण के प्रयोग करने शुरु किए। तब तक रेडियो का प्रयोग सिर्फ नौसेना तक ही सीमित था। 1917 में प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत के बाद किसी भी गैर फौज़ी के लिये रेडियो का प्रयोग निषिद्ध कर दिया गया। .

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वाटमीटर

वाटमीटर शक्तिमापी या वाटमीटर (Wattmeter) किसी विद्युत-लोड द्वारा ली जा रही विद्युत-शक्ति को मापने के लिये प्रयुक्त होता है। चूंकि शक्ति का मान धारा एवं वोल्टता दोनो के मान (एवं उनके बीच कलान्तर) पर निर्भर करती है, इसलिये वाटमीटर की रचना ऐसी होती है कि यह इन दोनो राशियों को नापते हुए उनका गुणनफल (कला-सहित) निकाले। इस दृष्टि से परिपथ में जोड़ने के लिये इसमें प्राय: चार-सिरे (टर्मिनल) प्रदान किये गये होते हैं। दो सिरे धारा के श्रेणीक्रम में जुड़ते हैं और अन्य दो वोल्टेज के समान्तर-क्रम में। .

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वोल्टमीटर

भौतिकी की कक्षा में प्रदर्शन के लिये रखा वोल्टमीटर वोल्टमीटर (अंग्रेज़ी:Voltmeter) एक मापन यंत्र है जो किसी परिपथ के किन्हीं दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर को मापने के लिये प्रयोग किया जाता है। १८१९ में हैंस ऑरेस्टड ने वोल्टमीटर का आविष्कार किया।।हिन्दुस्तान लाइव।१२ नवंबर,२००९ उन्होंने चुम्बकीय दिशासूचक की सुई के पास रखे तार में विद्युत धारा का प्रवाह किया तो उन्होंने देखा कि इसकी दिशा में परिवर्तन हो रहा है। ध्यान देने पर ज्ञात हुआ कि तार में जितनी अधिक एंपियर की धारा प्रवाहित की जाती है, सुई की दिशा में उतनी ही तीव्रता से परिवर्तन होता है। इसी कारण से उनका मापन एकदम सही नहीं आ रहा था। १९वीं शताब्दी में आर्सीन डी आर्सोनवल ने ऐसा यंत्र बनाया जो पहले बने यंत्रों की तुलना में बेहतर मापन कर सके। इसके लिए उन्होंने कंपास की सुई को छोटा किया और उसे चारों तरफ से चुंबक से घेर दिया। यह डी आर्सोनवल मूवमेंट के नाम से जाना जाता है और इसका प्रयोग आज के एनालॉग मीटर में होता है। व्यावहारिक तौर पर वोल्टमीटर अमीटर की तरह ही काम करते हैं, जो वोल्टेज को मापने के साथ, विद्युत धारा और प्रतिरोध को भी मापते हैं। .

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ओममापी

एक ओममापी ओममापी एक वैद्युत उपकरण जो प्रतिरोध मापने के काम आता है। वे ओममापी जो अत्यन्त कम प्रतिरोध को मापने के हिसाब से डिजाइन किये गये होते हैं उन्हें माइक्रोओममापी (microhmmeter) कहते हैं। इसी प्रकार बहुत अधिक प्रतिरोध के मापन के लिये मेगोममापी का उपयोग किया जाता है जिसे आम भाषा में मेगर (Megger) कहते हैं। मैंगर मीटर.

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अमीटर

अमीटर जिस धारा को नापना है, उसे वहन करने वाला तारस्प्रिंग रोटर की गति का विरोध करते हुए बल लगाती है अमीटर, जिसका शून्य बीच में है। ऐमीटर या 'एम्मापी' (ammeter या AmpereMeter) किसी परिपथ की किसी शाखा में बहने वाली विद्युत धारा को मापने वाला यन्त्र है। बहुत कम मात्रा वाली धाराओं को मापने के लिये प्रयुक्त युक्तियोंको "मिलिअमीटर" (milliameter) या "माइक्रोअमीटर" (microammeter) कहते हैं। अमीटर की सबसे पुरानी डिजाइन डी'अर्सोनल (D'Arsonval) का धारामापी या चलित कुण्डली धारामापी था। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

बहुमापी

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