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बहु तारा

सूची बहु तारा

एच॰डी॰ 188753, जो एक तीन तारों का मंडल है खगोलशास्त्र में बहु तारा दो से अधिक तारों का ऐसा गुट होता है जो पृथ्वी से दूरबीन के ज़रिये देखे जाने पर एक-दूसरे के समीप नज़र आते हैं। ऐसा दो कारणों से हो सकता है -.

7 संबंधों: तारा, दूरदर्शी, दोहरा तारा, पृथ्वी, खगोल शास्त्र, गुरुत्वाकर्षण, अंग्रेज़ी भाषा

तारा

तारे (Stars) स्वयंप्रकाशित (self-luminous) उष्ण गैस की द्रव्यमात्रा से भरपूर विशाल, खगोलीय पिंड हैं। इनका निजी गुरुत्वाकर्षण (gravitation) इनके द्रव्य को संघटित रखता है। मेघरहित आकाश में रात्रि के समय प्रकाश के बिंदुओं की तरह बिखरे हुए, टिमटिमाते प्रकाशवाले बहुत से तारे दिखलाई देते हैं। .

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दूरदर्शी

न्यूटनीय दूरदर्शी का आरेख दूरदर्शी वह प्रकाशीय उपकरण है जिसका प्रयोग दूर स्थित वस्तुओं को देख्नने के लिये किया जाता है। दूरदर्शी से सामान्यत: लोग प्रकाशीय दूरदर्शी का अर्थ ग्रहण करते हैं, परन्तु दूरदर्शी विद्युतचुंबकीय वर्णक्रम के अन्य भागों मै भी काम करता है जैसे X-रे दूरदर्शी जो कि X-रे के प्रति संवेदनशील होता है, रेडियो दूरदर्शी जो कि अधिक तरंगदैर्घ्य की विद्युत चुंबकीय तरंगे ग्रहण करता है। दूरदर्शी साधारणतया उस प्रकाशीय तंत्र (optical system) को कहते हैं जिससे देखने पर दूर की वस्तुएँ बड़े आकार की और स्पष्ट दिखाई देती हैं, अथवा जिसकी सहायता से दूरवर्ती वस्तुओं के साधारण और वर्णक्रमचित्र (spectrograms) प्राप्त किए जाते हैं। दूरवर्ती वस्तुओं का ज्ञान प्राप्त करने के लिए आजकल रेडियो तरंगों का भी उपयोग किया जाने लगा है। इस प्रकार का यंत्र रेडियो दूरदर्शी (radio telescope) कहलाता है। बोलचाल की भाषा में दूरदर्शी को दूरबीन भी कहते हैं। दूरबीन के आविष्कार ने मनुष्य की सीमित दृष्टि को अत्यधिक विस्तृत बना दिया है। ज्योतिर्विद के लिए दूरदर्शी की उपलब्धि अंधे व्यक्ति को मिली आँखों के सदृश वरदान सिद्ध हुई है। इसकी सहायता से उसने विश्व के उन रहस्यमय ज्योतिष्पिंडों तक का साक्षात्कार किया है जिन्हें हम सर्पिल नीहारिकाएँ (spiral nebulae) कहते हैं। ये नीहारिकाएँ हमसे करोड़ों प्रकाशवर्ष की दूरी पर हैं। आधुनिक ज्योतिर्विज्ञान (astronomy) और ताराभौतिकी (astrophysics) के विकास में दूरदर्शी का महत्वपूर्ण योग है। दूरदर्शी ने एक ओर जहाँ मनुष्य की दृष्टि को विस्तृत बनाया है, वहाँ दूसरी ओर उसने मानव को उन भौतिक तथ्यों और नियमों को समझने में सहायता भी दी है जो भौतिक विश्व के गत्यात्मक संतुलन (dynamic equilibirium) के आधार हैं। .

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दोहरा तारा

खगोलशास्त्र में दोहरा तारा दो तारों का ऐसा जोड़ा होता है जो पृथ्वी से दूरबीन के ज़रिये देखे जाने पर एक-दुसरे के समीप नज़र आते हैं। ऐसा दो कारणों से हो सकता है -.

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पृथ्वी

पृथ्वी, (अंग्रेज़ी: "अर्थ"(Earth), लातिन:"टेरा"(Terra)) जिसे विश्व (The World) भी कहा जाता है, सूर्य से तीसरा ग्रह और ज्ञात ब्रह्माण्ड में एकमात्र ग्रह है जहाँ जीवन उपस्थित है। यह सौर मंडल में सबसे घना और चार स्थलीय ग्रहों में सबसे बड़ा ग्रह है। रेडियोधर्मी डेटिंग और साक्ष्य के अन्य स्रोतों के अनुसार, पृथ्वी की आयु लगभग 4.54 बिलियन साल हैं। पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण, अंतरिक्ष में अन्य पिण्ड के साथ परस्पर प्रभावित रहती है, विशेष रूप से सूर्य और चंद्रमा से, जोकि पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह हैं। सूर्य के चारों ओर परिक्रमण के दौरान, पृथ्वी अपनी कक्षा में 365 बार घूमती है; इस प्रकार, पृथ्वी का एक वर्ष लगभग 365.26 दिन लंबा होता है। पृथ्वी के परिक्रमण के दौरान इसके धुरी में झुकाव होता है, जिसके कारण ही ग्रह की सतह पर मौसमी विविधताये (ऋतुएँ) पाई जाती हैं। पृथ्वी और चंद्रमा के बीच गुरुत्वाकर्षण के कारण समुद्र में ज्वार-भाटे आते है, यह पृथ्वी को इसकी अपनी अक्ष पर स्थिर करता है, तथा इसकी परिक्रमण को धीमा कर देता है। पृथ्वी न केवल मानव (human) का अपितु अन्य लाखों प्रजातियों (species) का भी घर है और साथ ही ब्रह्मांड में एकमात्र वह स्थान है जहाँ जीवन (life) का अस्तित्व पाया जाता है। इसकी सतह पर जीवन का प्रस्फुटन लगभग एक अरब वर्ष पहले प्रकट हुआ। पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति के लिये आदर्श दशाएँ (जैसे सूर्य से सटीक दूरी इत्यादि) न केवल पहले से उपलब्ध थी बल्कि जीवन की उत्पत्ति के बाद से विकास क्रम में जीवधारियों ने इस ग्रह के वायुमंडल (the atmosphere) और अन्य अजैवकीय (abiotic) परिस्थितियों को भी बदला है और इसके पर्यावरण को वर्तमान रूप दिया है। पृथ्वी के वायुमंडल में आक्सीजन की वर्तमान प्रचुरता वस्तुतः जीवन की उत्पत्ति का कारण नहीं बल्कि परिणाम भी है। जीवधारी और वायुमंडल दोनों अन्योन्याश्रय के संबंध द्वारा विकसित हुए हैं। पृथ्वी पर श्वशनजीवी जीवों (aerobic organisms) के प्रसारण के साथ ओजोन परत (ozone layer) का निर्माण हुआ जो पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र (Earth's magnetic field) के साथ हानिकारक विकिरण को रोकने वाली दूसरी परत बनती है और इस प्रकार पृथ्वी पर जीवन की अनुमति देता है। पृथ्वी का भूपटल (outer surface) कई कठोर खंडों या विवर्तनिक प्लेटों में विभाजित है जो भूगर्भिक इतिहास (geological history) के दौरान एक स्थान से दूसरे स्थान को विस्थापित हुए हैं। क्षेत्रफल की दृष्टि से धरातल का करीब ७१% नमकीन जल (salt-water) के सागर से आच्छादित है, शेष में महाद्वीप और द्वीप; तथा मीठे पानी की झीलें इत्यादि अवस्थित हैं। पानी सभी ज्ञात जीवन के लिए आवश्यक है जिसका अन्य किसी ब्रह्मांडीय पिण्ड के सतह पर अस्तित्व ज्ञात नही है। पृथ्वी की आतंरिक रचना तीन प्रमुख परतों में हुई है भूपटल, भूप्रावार और क्रोड। इसमें से बाह्य क्रोड तरल अवस्था में है और एक ठोस लोहे और निकल के आतंरिक कोर (inner core) के साथ क्रिया करके पृथ्वी मे चुंबकत्व या चुंबकीय क्षेत्र को पैदा करता है। पृथ्वी बाह्य अंतरिक्ष (outer space), में सूर्य और चंद्रमा समेत अन्य वस्तुओं के साथ क्रिया करता है वर्तमान में, पृथ्वी मोटे तौर पर अपनी धुरी का करीब ३६६.२६ बार चक्कर काटती है यह समय की लंबाई एक नाक्षत्र वर्ष (sidereal year) है जो ३६५.२६ सौर दिवस (solar day) के बराबर है पृथ्वी की घूर्णन की धुरी इसके कक्षीय समतल (orbital plane) से लम्बवत (perpendicular) २३.४ की दूरी पर झुका (tilted) है जो एक उष्णकटिबंधीय वर्ष (tropical year) (३६५.२४ सौर दिनों में) की अवधी में ग्रह की सतह पर मौसमी विविधता पैदा करता है। पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा (natural satellite) है, जिसने इसकी परिक्रमा ४.५३ बिलियन साल पहले शुरू की। यह अपनी आकर्षण शक्ति द्वारा समुद्री ज्वार पैदा करता है, धुरिय झुकाव को स्थिर रखता है और धीरे-धीरे पृथ्वी के घूर्णन को धीमा करता है। ग्रह के प्रारंभिक इतिहास के दौरान एक धूमकेतु की बमबारी ने महासागरों के गठन में भूमिका निभाया। बाद में छुद्रग्रह (asteroid) के प्रभाव ने सतह के पर्यावरण पर महत्वपूर्ण बदलाव किया। .

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खगोल शास्त्र

चन्द्र संबंधी खगोल शास्त्र: यह बडा क्रेटर है डेडलस। १९६९ में चन्द्रमा की प्रदक्षिणा करते समय अपोलो ११ के चालक-दल (क्रू) ने यह चित्र लिया था। यह क्रेटर पृथ्वी के चन्द्रमा के मध्य के नज़दीक है और इसका व्यास (diameter) लगभग ९३ किलोमीटर या ५८ मील है। खगोल शास्त्र, एक ऐसा शास्त्र है जिसके अंतर्गत पृथ्वी और उसके वायुमण्डल के बाहर होने वाली घटनाओं का अवलोकन, विश्लेषण तथा उसकी व्याख्या (explanation) की जाती है। यह वह अनुशासन है जो आकाश में अवलोकित की जा सकने वाली तथा उनका समावेश करने वाली क्रियाओं के आरंभ, बदलाव और भौतिक तथा रासायनिक गुणों का अध्ययन करता है। बीसवीं शताब्दी के दौरान, व्यावसायिक खगोल शास्त्र को अवलोकिक खगोल शास्त्र तथा काल्पनिक खगोल तथा भौतिक शास्त्र में बाँटने की कोशिश की गई है। बहुत कम ऐसे खगोल शास्त्री है जो दोनो करते है क्योंकि दोनो क्षेत्रों में अलग अलग प्रवीणताओं की आवश्यकता होती है, पर ज़्यादातर व्यावसायिक खगोलशास्त्री अपने आप को दोनो में से एक पक्ष में पाते है। खगोल शास्त्र ज्योतिष शास्त्र से अलग है। ज्योतिष शास्त्र एक छद्म-विज्ञान (Pseudoscience) है जो किसी का भविष्य ग्रहों के चाल से जोड़कर बताने कि कोशिश करता है। हालाँकि दोनों शास्त्रों का आरंभ बिंदु एक है फिर भी वे काफ़ी अलग है। खगोल शास्त्री जहाँ वैज्ञानिक पद्धति का उपयोग करते हैं जबकि ज्योतिषी केवल अनुमान आधारित गणनाओं का सहारा लेते हैं। .

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गुरुत्वाकर्षण

गुरुत्वाकर्षण के कारण ही ग्रह, सूर्य के चारों ओर चक्कर लगा पाते हैं और यही उन्हें रोके रखती है। गुरुत्वाकर्षण (ग्रैविटेशन) एक पदार्थ द्वारा एक दूसरे की ओर आकृष्ट होने की प्रवृति है। गुरुत्वाकर्षण के बारे में पहली बार कोई गणितीय सूत्र देने की कोशिश आइजक न्यूटन द्वारा की गयी जो आश्चर्यजनक रूप से सही था। उन्होंने गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत का प्रतिपादन किया। न्यूटन के सिद्धान्त को बाद में अलबर्ट आइंस्टाइन द्वारा सापेक्षता सिद्धांत से बदला गया। इससे पूर्व वराह मिहिर ने कहा था कि किसी प्रकार की शक्ति ही वस्तुओं को पृथिवी पर चिपकाए रखती है। .

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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