5 संबंधों: धारा स्रोत, बैंडविथ, सेतु परिपथ, सेंसर, इटली।
धारा स्रोत
प्रतिरोध (दाएँ) से जुड़ा एक धारा स्रोत (बाएँ) एक सरल धारा स्रोत जो बीजेटी का उपयोग करते हुए बना है। धारा स्रोत (current source) वह युक्ति या एलेक्ट्रानिक परिपथ है जो एक नियत धारा देती है या लेती है, चाहे उसके सिरों के बीच विभवान्तर कुछ भी हो। उदाहरण के लिए 1.5 एम्पीयर धारा-स्रोत के सिरों के बीच 1 ओम का प्रतिरोध लागाएँ तो उसमें 1.5 अम्पीयर धारा बहेगी और स्रोत के सिरों के बीच विभवान्तर 1.5 वोल्ट होगा और यदि इस धारा स्रोत के सिरों के बीच 5 ओम का प्रतिरोध जोड़ें तो इस प्रतिरोध में भी 1.5 अम्पीयर धारा बहेगी जबकि इस स्थिति में स्रोत के सिरों के बीच विभवान्तर 7.5 (.
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बैंडविथ
सतत आवृत्तियों में से 'ऊपरी' एवं 'निचली' आवृति के अन्तर को बैंडविथ (Bandwidth) कहते हैं। इसका मात्रक 'हर्ट्ज है। कभी यह 'पासबैण्ड' की चौड़ाई के लिये और कभी बेसबैण्ड की चौड़ाई के लिये प्रयुक्त होती है। श्रेणी:संकेत प्रसंस्करण.
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सेतु परिपथ
सेतु परिपथ (bridge circuit) या एच-परिपथ एक ऐसा विद्युत परिपथ है जिसमें दो शाखाएँ (जो प्रायः समान्तर होतीं हैं), तथा एक तीसरी शाखा इन दो शाखाओं के बीच 'सेतु' बनाती है। सेतु परिपथ बहुत उपयोगी सिद्ध हुए हैं। इनके कुछ उपयोग ये हैं- मापन, फिल्टरन तथा शक्ति-परिवर्तन (power conversion) आदि। .
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सेंसर
हाल प्रभाव पर आधारित सेंसर सेंसर (संवेदक) एक ऐसा उपकरण है जो किसी भौतिक राशि को मापने का कार्य करता है तथा इसे एक ऐसे संकेत में परिवर्तित कर देता है जिसे किसी पर्यवेक्षक या यंत्र द्वारा पढ़ा जा सकता है। उदाहरणस्वरूप, एक पारे से भरा कांच का थर्मामीटर मापित तापमान को एक तरल पदार्थ के विस्तार तथा संकुचन में परिवर्तित कर देता है जिसे एक अंशांकित कांच की नली पर पढ़ा जा सकता है। एक थर्मोकपल तापमान को एक आउटपुट वोल्टेज में परिवर्तित कर देता है जिसे एक वोल्टमीटर द्वारा पढ़ा जा सकता है। सटीकता की दृष्टि से, सभी सेंसरों को ज्ञात मानकों के अनुरूप अंशांकित करने की आवश्यकता है। .
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इटली
इटली यूरोप महाद्वीप के दक्षिण में स्थित एक देश है जिसकी मुख्यभूमि एक प्रायद्वीप है। इटली के उत्तर में आल्प्स पर्वतमाला है जिसमें फ्रांस, स्विट्ज़रलैंड, ऑस्ट्रिया तथा स्लोवेनिया की सीमाएँ आकर लगती हैं। सिसली तथा सार्डिनिया, जो भूमध्य सागर के दो सबसे बड़े द्वीप हैं, इटली के ही अंग हैं। वेटिकन सिटी तथा सैन मरीनो इटली के अंतर्गत समाहित दो स्वतंत्र देश हैं। इटली, यूनान के बाद यूरोप का दूसरा का दूसरा प्राचीनतम राष्ट्र है। रोम की सभ्यता तथा इटली का इतिहास देश के प्राचीन वैभव तथा विकास का प्रतीक है। आधुनिक इटली 1861 ई. में राज्य के रूप में गठित हुआ था। देश की धीमी प्रगति, सामाजिक संगठन तथा राजनितिक उथल-पुथल इटली के 2,500 वर्ष के इतिहास से संबद्ध है। देश में पूर्वकाल में राजतंत्र था जिसका अंतिम राजघराना सेवाय था। जून, सन् 1946 से देश एक जनतांत्रिक राज्य में परिवर्तित हो गया। इटली की राजधानी रोम प्राचीन काल के एक शक्ति और प्रभाव से संपन्न रोमन साम्राज्य की राजधानी रहा है। ईसा के आसपास और उसके बाद रोमन साम्राज्य ने भूमध्य सागर के क्षेत्र में अपनी प्रभुता स्थापित की थी जिसके कारण यह संस्कृति और अन्य क्षेत्रों में आधुनिक यूरोप की आधारशिला के तौर पर माना जाता है। तथा मध्यपूर्व (जिसे भारतीय परिप्रेक्ष्य में मध्य-पश्च भी कह सकते हैं) के इतिहास में भी रोमन साम्राज्य ने अपना प्रभाव डाला था और उनसे प्रभावित भी हुआ था। आज के इटली की संस्कृति पर यवनों (ग्रीक) का भी प्रभाव पड़ा है। इटली की जनसंख्या २००८ में ५ करोड़ ९० लाख थी। देश का क्षेत्रफल ३लाख वर्ग किलोमीटर के आसपास है। १९९१ में यहाँ की सरकार के शीर्ष पदस्थ अधिकारियों में व्याप्त भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ जिसके बाद यहाँ की राजनैतिक सत्ता और प्रशासन में कई बदलाव आए हैं। रोम यहाँ की राजधानी है और अन्य प्रमुख नगरों में वेनिस, मिलान इत्यादि का नाम लिया जा सकता है। .
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