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न्यायालयिक भाषाविज्ञान

सूची न्यायालयिक भाषाविज्ञान

न्यायालयिक भाषाविज्ञान या न्याय-भाषाविज्ञान (फोरेंसिक भाषाविज्ञान), अनुप्रयुक्त भाषाविज्ञान की एक शाखा है जो भाषावैज्ञानिक ज्ञान, विधियों तथा अन्तर्दृष्टि का उपयोग करके न्यालयों में अपराध-अन्वेषण में सहायक होता है। न्यायालयों में काम करने वाले भाषावैज्ञानिक निम्नलिखित तीन क्षेत्रों में इसका उपयोग करते हैं-;.

3 संबंधों: भाषाविज्ञान, साक्ष्य, अनुप्रयुक्त भाषाविज्ञान

भाषाविज्ञान

भाषाविज्ञान भाषा के अध्ययन की वह शाखा है जिसमें भाषा की उत्पत्ति, स्वरूप, विकास आदि का वैज्ञानिक एवं विश्लेषणात्मक अध्ययन किया जाता है। भाषा विज्ञान के अध्ययेता 'भाषाविज्ञानी' कहलाते हैं। भाषाविज्ञान, व्याकरण से भिन्न है। व्याकरण में किसी भाषा का कार्यात्मक अध्ययन (functional description) किया जाता है जबकि भाषाविज्ञानी इसके आगे जाकर भाषा का अत्यन्त व्यापक अध्ययन करता है। अध्ययन के अनेक विषयों में से आजकल भाषा-विज्ञान को विशेष महत्त्व दिया जा रहा है। .

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साक्ष्य

मोटे तौर पर साक्ष्य (Evidence) में वे सभी चीजें सम्मिलित हैं जो किसी कथन की सत्यता सिद्ध करने के लिये प्रयोग की जाती हैं। साक्ष्य देना वह प्रक्रिया है जिसमें वे चीजें प्रस्तुत की जाती हैं जो -.

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अनुप्रयुक्त भाषाविज्ञान

जिस प्रकार सामान्य विज्ञान का व्यावहारिक पक्ष 'अनुप्रयुक्त विज्ञान' है, उसी प्रकार भाषाविज्ञान का व्यावहारिक पक्ष अनुप्रयुक्त भाषाविज्ञान (Applied linguistics) है। भाषासंबंधी मौलिक नियमों के विचार की नींव पर ही अनुप्रयुक्त भाषाविज्ञान की इमारत खड़ी होती है। संक्षेप में, इसका संबंध व्यावहारिक क्षेत्रों में भाषाविज्ञान के अध्ययन के उपयोग से है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

फॉरेंसिक भाषाविज्ञान

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