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मुद्रलिपि

सूची मुद्रलिपि

फॉण्ट (मुद्रलिपि) या टाइप फ़ेस अक्षरों के लिखने की अलग अलग शैलियाँ हैं जो छापे की लिखावट को विभिन्नता और सौंदर्य प्रदान करते हैं। .

28 संबंधों: चाणक्य (फॉण्ट), चित्रालेख, नोटो फॉण्ट, प्रचालन तन्त्र, फॉण्ट परिवर्तक, बरह, माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़, मंगल (फॉण्ट), मैकिन्टौश, यूनिकोड, रेमिंगटन (हिन्दी कुञ्जीपटल), लिनक्स, संस्कृत २००३, स्वस्तिक, हिन्दी, इण्डिक यूनिकोड, इनपुट विधि, इन्स्क्रिप्ट, कंप्यूटर, क्लिप फॉण्ट, कृतिदेव (फॉण्ट), कोकिला (फॉण्ट), अन्तर्राष्ट्रीय संस्कृत लिप्यन्तरण वर्णमाला, अपराजिता (फॉण्ट), अंतरजाल, अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ, अंग्रेज़ी भाषा, उत्साह (फॉण्ट)

चाणक्य (फॉण्ट)

चाणक्य एक नॉन-यूनिकोड हिन्दी फॉण्ट है। यह डीटीपी के कार्य हेतु काफी प्रचलित है। इसका उपयोग समाचार-पत्रों तथा पुस्तकों की छपायी में बहुतायत में होता है। .

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चित्रालेख

कम्प्यूटरों का प्रयोग किया जाता है पुर्तगाली संगीत गुट "आठ झूठे क़दम" (8fs, एट फ़ेक स्टॅप्स) ने अपनी छवि में अव्यवस्थित "पंक" चित्रालेख का प्रयोग किया रंगों का नियंत्रित प्रयोग, साफ़ चित्रण और सरल लेकिन शक्तिशाली छवियाँ जापान के पारम्परिक चित्रालेख के लक्षण हैं (ताकेऊची सेइहो द्वारा सन् १९२४ में बनाया बिल्ली का चित्र) चित्रालेख या ग्राफ़िक्स ऐसे दृश्य प्रदर्शन को कहते हैं जो किसी दीवार, कपड़े, काग़ज़, पत्थर, कंप्यूटर स्क्रीन या अन्य सतह पर ज्ञान, मनोरंजन, सन्देश, मार्गदर्शन, पहचान या अन्य किसी ध्येय से बनाया गया हो। इसके उदहारण लिखाई, फ़ोटो, चित्र, अंक, अक्षर, इत्यादि हैं। चित्रालेख में अक्सर लिखाई, चित्र, रंगों और अन्य तत्वों को मिलाया जाता है। मानवों में यह क्षमता है कि वे चित्रलेखों को देखकर उन से अर्थ भाप पाते हैं। इस प्रक्रिया पर लक्षण-विज्ञान में अध्ययन किया जाता है। .

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नोटो फॉण्ट

नोटो (Noto) एक फॉण्ट-परिवार है। यह उन सभी लिपियों के लिये फॉण्ट की सुविधा प्रदान करेगा जो यूनिकोड मानक में कोडित हो चुकी हैं (अर्थात विश्व की लगभग सभी लिपियों के लिये)। इस फॉण्ट की डिजाइन इस प्रकार की गयी है कि कई लिपियों को मिश्रित करने पर भी वह देखने में सुन्दर और समस्यारहित दिखेगी। (सबकी समान ऊँचाई, मोटाई आदि)। यह फॉण्ट अपाचे लाइसेंस के अधीन निःशुल्क उपलब्ध है। .

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प्रचालन तन्त्र

प्रचालन तंत्र (अंग्रेज़ी:ऑपरेटिंग सिस्टम) साफ्टवेयर का समूह है जो कि आंकड़ों एवं निर्देश के संचरण को नियंत्रित करता है। यह हार्डवेयर एवं साफ्टवेयर के बीच सेतु का कार्य करता है और कंप्यूटर का सॉफ्टवेयर घटक होता है। इसी की सहायता से ही कंप्यूटर में स्थापित प्रोग्राम चलते हैं। ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर का मेरुदंड होता है, जो इसके सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर को नियंत्रण में रखता है। यह अनधिकृत व्यक्ति को कंप्यूटर के गलत प्रयोग करने से रोकता है।। हिन्दुस्तान लाइव।। प्रमोद पंत।२५ अक्टूबर, २००९ वह इसमें भी विभेद कर सकता हैं कि कौन सा निवेदन पूरा करना है और कौन सा नहीं, इसके साथ ही इनकी वरीयता भी ध्यान रखी जाती है। इसकी मदद से एक से ज्यादा सीपीयू में भी प्रोगाम चलाए जा सकते हैं। इसके अलावा संगणक संचिका को पुनः नाम देना, डायरेक्टरी की विषय सूची बदलना, डायरेक्टरी बदलना आदि कार्य भी प्रचालन तंत्र के द्वारा किए जाते है। डॉस (DOS), यूनिक्स, विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम (३.१, ९५, ९८, २०००, एक्स पी, विस्ता, विंडोज ७) और लिनक्स आदि कुछ प्रमुख प्रचालन तंत्र हैं।। तकनीक.कॉम।२ जुलाई, २००८।। कमल विभिन्न प्रचालन तंत्रों में से कुछ हैं:लिनक्स, मैक ओएस एक्स, डॉस, आईबीएम ओएस/2 (IBM OS/2), यूनिक्स, विन्डोज सीई, विन्डोज 3.x, विन्डोज ९५, विन्डोज ९८, विन्डोज मिलेनियम, विन्डोज़ एनटी, विन्डोज २०००, विन्डोज़ एक्स पी, विन्डोज़ विस्टा, विन्डोज़ 7। उबंटु प्रचालन तंत्र कंप्यूटर से जुड़े कई मौलिक कार्यों को संभालता है, जैसे की-बोर्ड से इनपुट लेना, डिस्प्ले स्क्रीन को आउटपुट भेजना, डाइरेक्टरी और संगणक संचिका को डिस्क में ट्रेक करना, इत्यादि। बड़े कंप्यूटरों में इसका काम और अधिक होता है। वह इनमें लगातार यह जांच करता है कि एक ही समय पर कंप्यूटर में चलने वाले प्रोगामों, फाइलों और एक ही समय पर खुलने वाली साइटों में दोहराव न हो। आरंभिक दौर में यह मेनफ्रेम कंप्यूटरों पर बड़े कामों के लिए ही हुआ करता था। बाद में धीरे-धीरे माइक्रोकम्प्यूटर्स में भी मिलने लगा, लेकिन उस समय इसमें एक समय पर केवल एक ही प्रोगाम रन करा सकते थे। मेनफ्रेम कंप्यूटर में १९६० में पहली बार बहुकार्यिक (मल्टीटास्किंग) सिस्टम आया था। इससे एक समय में एक से ज्यादा उपयोक्ता काम कर सकते थे। १९७० लिनक्स ने पहली बार पीडीपी-७ में प्रचालन तंत्र निकाला, जो मुख्यतया मल्टीटास्किंग, स्मृति प्रबंधन (मेमोरी मैनेजमेंट), स्मृति संरक्षण (मेमोरी प्रोटेक्शन) जैसे कार्य करता था। .

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फॉण्ट परिवर्तक

फॉण्ट परिवर्तक एक ऐसा सॉफ्टवेयर होता है जो कि एक फॉण्ट में लिखे टैक्स्ट को दूसरे फॉण्ट में बदलता है। वास्तव में यह 'फॉण्ट परिवर्तन' के बजाय 'इनकोडिंग परिवर्तन' करते हैं। उदाहरण के लिए कृतिदेव१० को यूनिकोद में बदलने वाला परिवर्तक कृतिदेव की लिगेसी इनकोडिंग को यूनिकोड में बदल देगा। यूनिकोड फॉण्टों को फॉण्ट परिवर्तक की आवश्यकता नहीं होती, पाठ सम्पादित्र में टैक्स्ट को सलैक्ट करके फॉण्ट बदलने से ही बदल जाता है। नॉन-यूनिकोड फॉण्टों को आपस में बदलने (एक नॉन-यूनिकोड फॉण्ट को दूसरे नॉन-यूनिकोड फॉण्ट में) अथवा नॉन-यूनिकोड फॉण्ट को यूनिकोड फॉण्ट में बदलने के लिये फॉण्ट परिवर्तक प्रयोग होता है। आजकल विभिन्न फाँट से यूनिकोड फाँट में या यूनिकोड को पुराने फॉण्ट (लिगेसी फांट) में परिवर्तित करने की सुविधा उपलब्ध है। .

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बरह

बरह (कन्नड: ಬರಹ) एक सॉफ्टवेयर है जो कम्प्यूटर पर भारतीय लिपियों में लिखने की सुविधा देता है। कन्नड भाषा में 'बरह' का अर्थ 'लिखावट' है। इसका प्रथम संस्करण सन् १९९८ में आया था जो क्रमश: अधिक विकसित और उपयोगी होता गया। .

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माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़

माइक्रोसॉफ़्ट विंडोज़, माइक्रोसॉफ़्ट द्वारा निर्मित सॉफ्टवेयर प्रचालन तन्त्र (सॉफ्टवेयर ऑपरेटिंग सिस्टम) और ग्राफिकल यूजर इण्टरफेस की एक श्रृंखला है। माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ ने ग्राफिकल यूजर इंटरफेस में बढ़ती रुचि (GUIs) को देखते हुए नवंबर 1985 में एमएस-DOS में जोड़ने के लिए एक ऑपरेटिंग पर्यावरण पेश किया था। माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़, आते ही दुनिया के निजी कंप्यूटर बाजार पर हावी हो गया और इसने इससे पहले बाजार मे आये मैक-ओएस को बहुत पीछे छोड़ दिया। 2004 के IDC दिशा सम्मेलन में, यह बात सामने आयी कि ग्राहक ऑपरेटिंग सिस्टम बाजार का लगभग 90% विंडोज़ के पास था। विंडोज़ का सबसे हाल के ग्राहक संस्करण विंडोज़ १० है और सबसे हाल का सर्वर संस्करण विंडोज़ सर्वर 2016 है।बिल गेट्स ने विंडोज़ के विकास मे एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और अब वह माइक्रोसॉफ्ट के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। विंडोज़ का शाब्दिक अर्थ होता है खिड़कियाँ। विंडोज़ एक ऑपरेटिंग सिस्टम है। विंडोज़ का उपयोग लगभग सभी व्यक्तिगत कम्प्यूटरों में होता है। इसका विकास माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन ने किया है। .

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मंगल (फॉण्ट)

मंगल हिन्दी (देवनागरी लिपि) के लिये एक ओपनटाइप यूनिकोड फॉण्ट है जो कि विण्डोज ऑपरेटिंग सिस्टम का डिफॉल्ट हिन्दी फॉण्ट है। यह यूजर इंटरफेस फॉण्ट के तौर पर डिजाइन किया गया है। यह विंडोज़ ऍक्सपी तथा इसके उत्तरोत्तर संस्करणों (विंडोज़ विस्ता, विंडोज़ ७ आदि) में इण्डिक टैक्स्ट के वैकल्पिक समर्थन हेतु उपलब्ध करवाया गया है। यह देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली सभी भाषाओं जैसे हिन्दी, मराठी, नेपाली तथा संस्कृत हेतु विंडोज़ का डिफॉल्ट फॉण्ट है। यह माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन के द्वारा विकसित तथा मैण्टेन किया जाता है। यह माइक्रोसॉफ्ट हेतु प्रो॰ रघुनाथकृष्ण जोशी द्वारा विकसित किया गया था। यद्यपि यह विण्डोज के लिए बनाया गया था तथापि तकनीकी रूप से इसका उपयोग अन्य़ प्रचानल तन्त्रों में भी किया जा सकता है, परन्तु यह वितरण के लिए मुफ्त उपलब्ध नहीं है। मंगल स्क्रीन रीडिंग के लिये बनाया गया है, इसमें छोटे फॉण्ट आकार में भी स्पष्ट पढ़ा जा सकता है परन्तु यह मुद्रण के कार्य हेतु उपयुक्त नहीं। मुद्रण में (विशेषकर बड़े फॉण्ट आकार में यह काफी असुन्दर लगता है)। .

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मैकिन्टौश

मॅकिन्तोश (Macintosh) या मॅक (Mac) व्यक्तिगत कम्प्यूटरों (पीसी: पर्सनल कंप्यूटर) की एक श्रेणी का नाम है जिसमें एप्पल इन्कार्पोरेशन नामक कम्पनी द्वारा कई तरह के पीसी का डिजाइन, विकास और विपणन किया गया। मॅकिन्तोश 24 जनवरी सन 1984 को सबसे पहले बाजार में उतारा गया था। मकिन्तोश ही व्यापारिक रूप से सफल पहला पीसी था जिसमें 'कमाण्ड लाइन इण्टरफेस' के बजाय मूस (माउस) और ग्राफिकल यूजर इण्टरफेस उपलब्ध कराया गया था। उन्नीस सौ अस्सी के उत्तरार्ध में कम्पनी ने बाजार बनाया किन्तु नब्बे के दशक में इसमें क्रमश: कमी आ गयी क्योंकि पीसी-बाजार का रूख आईबीएम संगत (कम्पेटिबल) पीसी की तरफ चल पड़ा जो एमएस-डॉस या माइक्रोसॉफ्ट विण्डोज़ पर चलते थे। बाद में सन 1998 में आईमॅक (iMac) लाकर एप्पल ने अपना बाजार फिर बढ़ाया। .

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यूनिकोड

यूनिकोड का प्रतीक-चिह्न यूनिकोड (Unicode), प्रत्येक अक्षर के लिए एक विशेष संख्या प्रदान करता है, चाहे कोई भी कम्प्यूटर प्लेटफॉर्म, प्रोग्राम अथवा कोई भी भाषा हो। यूनिकोड स्टैंडर्ड को एपल, एच.पी., आई.बी.एम., जस्ट सिस्टम, माइक्रोसॉफ्ट, ऑरेकल, सैप, सन, साईबेस, यूनिसिस जैसी उद्योग की प्रमुख कम्पनियों और कई अन्य ने अपनाया है। यूनिकोड की आवश्यकता आधुनिक मानदंडों, जैसे एक्स.एम.एल, जावा, एकमा स्क्रिप्ट (जावास्क्रिप्ट), एल.डी.ए.पी., कोर्बा 3.0, डब्ल्यू.एम.एल के लिए होती है और यह आई.एस.ओ/आई.ई.सी. 10646 को लागू करने का अधिकारिक तरीका है। यह कई संचालन प्रणालियों, सभी आधुनिक ब्राउजरों और कई अन्य उत्पादों में होता है। यूनिकोड स्टैंडर्ड की उत्पति और इसके सहायक उपकरणों की उपलब्धता, हाल ही के अति महत्वपूर्ण विश्वव्यापी सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी रुझानों में से हैं। यूनिकोड को ग्राहक-सर्वर अथवा बहु-आयामी उपकरणों और वेबसाइटों में शामिल करने से, परंपरागत उपकरणों के प्रयोग की अपेक्षा खर्च में अत्यधिक बचत होती है। यूनिकोड से एक ऐसा अकेला सॉफ्टवेयर उत्पाद अथवा अकेला वेबसाइट मिल जाता है, जिसे री-इंजीनियरिंग के बिना विभिन्न प्लेटफॉर्मों, भाषाओं और देशों में उपयोग किया जा सकता है। इससे आँकड़ों को बिना किसी बाधा के विभिन्न प्रणालियों से होकर ले जाया जा सकता है। .

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रेमिंगटन (हिन्दी कुञ्जीपटल)

रेमिंगटन (Remington) एक टच टाइपिंग प्रणाली है। यह हिन्दी टाइपिंग की सबसे पुरानी विधि है। इसके लिए पहले से टाइपराइटर पर हिन्दी टाइपिंग सीखी होनी चाहिए। कंप्यूटर पर इस प्रणाली से टाइपिंग सीखना मुश्किल कार्य है। यह सिर्फ उनके लिए उपयोगी है जिन्होंने पहले से टाइपराइटर पर हिन्दी टाइपिंग सीखी हो तथा इसके अभ्यस्त हों। हाँ यदि आप पहले से रेमिंगटन टाइपिंग जानते हों तब यह आपके लिए एकदम सही है। यह विधि अब काफी हद तक समयातीत (आउटडेटेड) हो चुकी है तथा नए सिरे से हिन्दी टाइपिंग सीखने वालों के लिए उपयोगी नहीं है। आजकल इसका प्रयोग मुख्य रूप से नॉन-यूनिकोड ग्राफिक्स तथा डीटीपी (डेस्कटॉप पब्लिशिंग) प्रोग्रामों में किया जाता है। कृतिदेव एक प्रसिद्ध तथा प्रचलित रेमिंगटन फॉण्ट है। .

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लिनक्स

लिनक्स यूनिक्स जैसा एक ऑपरेटिंग सिस्टम है। यह ओपेन सोर्स सॉफ्टवेयर अथवा मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर का सबसे कामयाब तथा सबसे लोकप्रिय सॉफ्टवेयर है। यह जीपीएल v 2 लाइसेंस के अन्तर्गत सर्व साधारण के उपयोग हेतु उपलब्ध है और इसका कुछ भाग यूनिक्स से प्रेरित है।मूलतः यह मिनिक्स का विकास कर बनाया गया है। यूनिक्स का विकास, 1960 के दशक में ऐ.टी.&टी. की बेल प्रयोगशाला के द्वारा किया गया। उस समय ऐ.टी.&टी.

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संस्कृत २००३

संस्कृत २००३ देवनागरी विशेषकर संस्कृत हेतु एक यूनिकोड फॉण्ट है। यह देवनागरी को संयुक्ताक्षरों सहित शुद्ध पारम्परिक रूप में दर्शाता है जिस कारण यह हिन्दी/संस्कृत टैक्स्ट के मुद्रण हेतु विशेष उपयोगी है। यह के स्वामी सत्चिदानन्द द्वारा विकसित किया गया है। इस फॉण्ट में देवनागरी के अतिरिक्त रोमन लिपि के glyphs भी सम्मिलित हैं जिस कारण यह द्विभाषी पाठ (हिन्दी-अंग्रेजी) के मुद्रण हेतु भी उपयोगी है। देवनागरी के पारम्परिक रूप में शुद्ध प्रदर्शन हेतु इसमें अतिरिक्त ग्लिफ्स जोड़े गये हैं। यह पहला देवनागरी फॉण्ट माना जाता है जिसमें वैदिक तथा क्लासिक संस्कृत के सभी संयुक्ताक्षर जोड़े गये हैं। इसके अतिरिक्त इसमें हिन्दी तथा मराठी में प्रयुक्त होने वाले संयुक्ताक्षर भी जोड़े गये हैं। इसके प्रयोग हेतु विंडोज़ २००० या विंडोज़ ऍक्सपी की आवश्यकता है, साथ ही इनमें इण्डिक समर्थन सक्षम किया होना चाहिये। यह फॉण्ट मूल रूप से आइट्राँसलेटर २००३ नामक प्रोग्राम के लिये बनाया गया था परन्तु इसको स्वतन्त्र रूप से भी प्रयोग किया जा सकता है। इसका नवीनतम संस्करण १.१ है जो कि १८ सितम्बर २००५ को जारी किया गया। .

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स्वस्तिक

स्वस्तिक स्वस्तिक अत्यन्त प्राचीन काल से भारतीय संस्कृति में मंगल-प्रतीक माना जाता रहा है। इसीलिए किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले स्वस्तिक चिह्न अंकित करके उसका पूजन किया जाता है। स्वस्तिक शब्द सु+अस+क से बना है। 'सु' का अर्थ अच्छा, 'अस' का अर्थ 'सत्ता' या 'अस्तित्व' और 'क' का अर्थ 'कर्त्ता' या करने वाले से है। इस प्रकार 'स्वस्तिक' शब्द का अर्थ हुआ 'अच्छा' या 'मंगल' करने वाला। 'अमरकोश' में भी 'स्वस्तिक' का अर्थ आशीर्वाद, मंगल या पुण्यकार्य करना लिखा है। अमरकोश के शब्द हैं - 'स्वस्तिक, सर्वतोऋद्ध' अर्थात् 'सभी दिशाओं में सबका कल्याण हो।' इस प्रकार 'स्वस्तिक' शब्द में किसी व्यक्ति या जाति विशेष का नहीं, अपितु सम्पूर्ण विश्व के कल्याण या 'वसुधैव कुटुम्बकम्' की भावना निहित है। 'स्वस्तिक' शब्द की निरुक्ति है - 'स्वस्तिक क्षेम कायति, इति स्वस्तिकः' अर्थात् 'कुशलक्षेम या कल्याण का प्रतीक ही स्वस्तिक है। स्वस्तिक में एक दूसरे को काटती हुई दो सीधी रेखाएँ होती हैं, जो आगे चलकर मुड़ जाती हैं। इसके बाद भी ये रेखाएँ अपने सिरों पर थोड़ी और आगे की तरफ मुड़ी होती हैं। स्वस्तिक की यह आकृति दो प्रकार की हो सकती है। प्रथम स्वस्तिक, जिसमें रेखाएँ आगे की ओर इंगित करती हुई हमारे दायीं ओर मुड़ती हैं। इसे 'स्वस्तिक' कहते हैं। यही शुभ चिह्न है, जो हमारी प्रगति की ओर संकेत करता है। दूसरी आकृति में रेखाएँ पीछे की ओर संकेत करती हुई हमारे बायीं ओर मुड़ती हैं। इसे 'वामावर्त स्वस्तिक' कहते हैं। भारतीय संस्कृति में इसे अशुभ माना जाता है। जर्मनी के तानाशाह हिटलर के ध्वज में यही 'वामावर्त स्वस्तिक' अंकित था। ऋग्वेद की ऋचा में स्वस्तिक को सूर्य का प्रतीक माना गया है और उसकी चार भुजाओं को चार दिशाओं की उपमा दी गई है। सिद्धान्त सार ग्रन्थ में उसे विश्व ब्रह्माण्ड का प्रतीक चित्र माना गया है। उसके मध्य भाग को विष्णु की कमल नाभि और रेखाओं को ब्रह्माजी के चार मुख, चार हाथ और चार वेदों के रूप में निरूपित किया गया है। अन्य ग्रन्थों में चार युग, चार वर्ण, चार आश्रम एवं धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष के चार प्रतिफल प्राप्त करने वाली समाज व्यवस्था एवं वैयक्तिक आस्था को जीवन्त रखने वाले संकेतों को स्वस्तिक में ओत-प्रोत बताया गया है। मंगलकारी प्रतीक चिह्न स्वस्तिक अपने आप में विलक्षण है। यह मांगलिक चिह्न अनादि काल से सम्पूर्ण सृष्टि में व्याप्त रहा है। अत्यन्त प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति में स्वस्तिक को मंगल- प्रतीक माना जाता रहा है। विघ्नहर्ता गणेश की उपासना धन, वैभव और ऐश्वर्य की देवी लक्ष्मी के साथ भी शुभ लाभ, स्वस्तिक तथा बहीखाते की पूजा की परम्परा है। इसे भारतीय संस्कृति में विशेष स्थान प्राप्त है। इसीलिए जातक की कुण्डली बनाते समय या कोई मंगल व शुभ कार्य करते समय सर्वप्रथम स्वस्तिक को ही अंकित किया जाता है। .

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हिन्दी

हिन्दी या भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्द का प्रयोग अधिक हैं और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालांकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।http://www.ethnologue.com/language/hin 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा बताया। भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिन्दी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिंदी हिंदी बेल्ट का लिंगुआ फ़्रैंका है, और कुछ हद तक पूरे भारत (आमतौर पर एक सरल या पिज्जाइज्ड किस्म जैसे बाजार हिंदुस्तान या हाफ्लोंग हिंदी में)। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (स्वामी दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। .

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इण्डिक यूनिकोड

इण्डिक यूनिकोड यूनिकोड के भारतीय लिपियों से सम्बंधित सॅक्शन को कहा जाता है। यूनिकोड के नवीनतम संस्करण ५.२ में विविध भारतीय लिपियों को मानकीकृत किया गया है जिनमें देवनागरी भी शामिल है। .

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इनपुट विधि

इनपुट विधि को इनपुट मेथड या इनपुट मेथड ऍडीटर (आइऍमई) भी कहा जाता है। कम्प्यूटर एवं अन्य डिजिटल युक्तियों के सन्दर्भ में इनपुट विधि या निवेश विधि वह प्रोग्राम है जो प्रचालन तंत्र का एक भाग होता है तथा उन वर्णों एवं संकेतों को भी लिखने में मदद करता है जो कम्प्यूटर के कुंजीपटल पर उपलब्ध नहीं होतीं। उदाहरण के लिये हिन्दी या चीनी भाषा में कम्प्यूटर पर कुछ लिखने में यह सहायक होता है। .

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इन्स्क्रिप्ट

इन्स्क्रिप्ट (इण्डियन स्क्रिप्ट का लघुरूप) भारतीय भाषी लिपियों का मानक कीबोर्ड है। यह कम्यूटर हेतु एक टच टाइपिंग कुंजीपटल खाका है। यह कुंजीपटल खाका भारत सरकार द्वारा भारतीय लिपियों के लिये मानक के रूप में स्वीकृत है। यह भारत की भाषायी सॉफ्टवेयर के लिये नामी कम्पनी सी-डैक द्वारा विकसित है। यह देवनागरी, बंगाली, गुजराती, गुरुमुखी, कन्नड़, मलयालम, ओड़िया, तमिल तथा तेलुगू आदि सहित १२ भारतीय लिपियों का मानक कीबोर्ड है। .

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कंप्यूटर

निजी संगणक कंप्यूटर (अन्य नाम - संगणक, कंप्यूटर, परिकलक) वस्तुतः एक अभिकलक यंत्र (programmable machine) है जो दिये गये गणितीय तथा तार्किक संक्रियाओं को क्रम से स्वचालित रूप से करने में सक्षम है। इसे अंक गणितीय, तार्किक क्रियाओं व अन्य विभिन्न प्रकार की गणनाओं को सटीकता से पूर्ण करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से निर्देशित किया जा सकता है। चूंकि किसी भी कार्य योजना को पूर्ण करने के लिए निर्देशो का क्रम बदला जा सकता है इसलिए संगणक एक से ज्यादा तरह की कार्यवाही को अंजाम दे सकता है। इस निर्देशन को ही कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग कहते है और संगणक कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा की मदद से उपयोगकर्ता के निर्देशो को समझता है। यांत्रिक संगणक कई सदियों से मौजूद थे किंतु आजकल अभिकलित्र से आशय मुख्यतः बीसवीं सदी के मध्य में विकसित हुए विद्दुत चालित अभिकलित्र से है। तब से अबतक यह आकार में क्रमशः छोटा और संक्रिया की दृष्टि से अत्यधिक समर्थ होता गया हैं। अब अभिकलक घड़ी के अन्दर समा सकते हैं और विद्युत कोष (बैटरी) से चलाये जा सकते हैं। निजी अभिकलक के विभिन्न रूप जैसे कि सुवाह्य संगणक, टैबलेट आदि रोजमर्रा की जरूरत बन गए हैं। परंपरागत संगणकों में एक केंद्रीय संचालन इकाई (सीपीयू) और सूचना भन्डारण के लिए स्मृति होती है। संचालन इकाई अंकगणित व तार्किक गणनाओ को अंजाम देती है और एक अनुक्रमण व नियंत्रण इकाई स्मृति में रखे निर्देशो के आधार पर संचालन का क्रम बदल सकती है। परिधीय या सतह पे लगे उपकरण किसी बाहरी स्रोत से सूचना ले सकते है व कार्यवाही के फल को स्मृति में सुरक्षित रख सकते है व जरूरत पड़ने पर पुन: प्राप्त कर सकते हैं। एकीकृत परिपथ पर आधारित आधुनिक संगणक पुराने जमाने के संगणकों के मुकबले करोड़ो अरबो गुना ज्यादा समर्थ है और बहुत ही कम जगह लेते है। सामान्य संगणक इतने छोटे होते है कि मोबाइल फ़ोन में भी समा सकते है और मोबाइल संगणक एक छोटी सी विद्युत कोष (बैटरी) से मिली ऊर्जा से भी काम कर सकते है। ज्यादातर लोग “संगणकों” के बारे में यही राय रखते है कि अपने विभिन्न स्वरूपों में व्यक्तिगत संगणक सूचना प्रौद्योगिकी युग के नायक है। हालाँकि embedded system|सन्निहित संगणक जो कि ज्यादातर उपकरणों जैसे कि आंकिक श्रव्य वादक|एम.पी.३ वादक, वायुयान व खिलौनो से लेकर औद्योगिक मानव यन्त्र में पाये जाते है लोगो के बीच ज्यादा प्रचलित है। .

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क्लिप फॉण्ट

300px क्लिप फॉण्ट (Clip fonts) या स्प्लिट फॉण्ट (split fonts) गैर-यूनिकोड फॉण्ट हैं जो देवनागरी आदि ब्राह्मी व्युत्पन्न लिपियों के लिये प्रयुक्त किये जाते हैं। इन फॉण्टों में लैटिन लिपि के कोड-स्थानों का उपयोग इन लिपियों के वर्णों या वर्ण-खण्डों के लिये किये जाता है। उदाहरण के लिये कृतिदेव देवनागरी का एक क्लिप फॉण्ट है। चाणक्य, सुशा आदि अन्य क्लिप फोण्ट हैं। .

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कृतिदेव (फॉण्ट)

कृतिदेव एक नॉन-यूनिकोड भारतीय भाषायी फॉण्ट शृँखला है। यह डीटीपी तथा ग्राफिक्स के कार्य में बहुतायत में उपयोग होता है। कृतिदेव हिन्दी के अतिरिक्त गुरुमुखी, गुजराती, बांग्ला, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, ओड़िया आदि लिपियों हेतु उपलब्ध है। .

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कोकिला (फॉण्ट)

कोकिला विंडोज़ विस्टा, विंडोज़ ७ तथा विंडोज़ सर्वर २००८ में प्रयुक्त एक ओपनटाइप यूनिकोड हिन्दी फॉण्ट है। यह सर्वप्रथम विंडोज़ विस्टा में आया था। यह मुख्यतः दस्तावेजों में हिन्दी टैक्स्ट के प्रदर्शन हेतु बनाया गया है। कोकिला सुन्दर बनावट वाला फॉण्ट है जो कि ग्राफिक्स कार्यों हेतु उपयुक्त है हालाँकि यह बहुत छोटे फॉण्ट आकार में स्पष्ट नहीं दिखता। यह सामान्य एवं बड़े फॉण्ट साइज में मुद्रण हेतु उपयुक्त है। यह कुछ हद तक चाणक्य फॉण्ट जैसा दिखता है। कोकिला में देवनागरी के कुछ संयुक्ताक्षरों के वर्णखण्ड (ग्लिफ) नहीं हैं जैसे शृ, ंक आदि जिस कारण यह संस्कृत टैक्स्ट के प्रदर्शन एवं मुद्रण हेतु उपयुक्त नहीं। .

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अन्तर्राष्ट्रीय संस्कृत लिप्यन्तरण वर्णमाला

अन्तर्राष्ट्रीय संस्कृत लिप्यन्तरण वर्णमाला (अंग्रेजी: IAST - International Alphabet of Sanskrit Transliteration) एक लोकप्रिय लिप्यन्तरण स्कीम है जो कि इण्डिक लिपियों के हानिरहित (लॉसलॅस) रोमनकरण हेतु प्रयोग की जाती है। इसमें गैर-आस्की वर्णों का भी प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा छोटे-वर्ण (small letters) और बड़े-वर्ण दोनो का प्रयोग किया गया है। .

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अपराजिता (फॉण्ट)

अपराजिता विंडोज़ विस्टा, विंडोज़ ७ तथा विंडोज़ सर्वर २००८ में प्रयुक्त एक ओपनटाइप यूनिकोड हिन्दी फॉण्ट है। यह सर्वप्रथम विंडोज़ विस्टा में आया था। अपराजिता सुन्दर बनावट वाला फॉण्ट है जो कि ग्राफिक्स कार्यों हेतु उपयुक्त है हालाँकि यह छोटे फॉण्ट आकार में स्पष्ट नहीं दिखता। यह बड़े फॉण्ट आकार में शीर्षक (हैडिंग) आदि लिखने हेतु उपयुक्त है। अपराजिता में देवनागरी के कुछ संयुक्ताक्षरों के वर्णखण्ड (ग्लिफ) नहीं हैं जैसे शृ, ंक आदि जिस कारण यह संस्कृत टैक्स्ट के प्रदर्शन एवं मुद्रण हेतु उपयुक्त नहीं। .

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अंतरजाल

अंतरजाल का आंशिक मैप, १५ जनवरी २००५। प्रत्येक पंक्ति को दो नोड्स के बीच खींचा जाता है, आईपी पते जोड़ने से। रेखा की लंबाई नोड्स के बीच समय की देरी (पिंग) को दर्शाती है मानचित्र २००५ में डेटा संग्रह के लिए उपलब्ध कक्षा सी नेटवर्क के ३०% से कम का प्रतिनिधित्व करता है। रेखा रंग आरएफसी १९१८ के अनुसार उसके स्थान से मेल खाती है। अंतरजाल (इंटरनेट) (Internet आई पी ए: ɪntəˌnɛt) विष्व में डिवाइसों को लिंक करने के लिए इंटरनेट प्रोटोकॉल सूट (टीसीपी / आईपी) का उपयोग करने वाले इंटरकनेक्टेड कंप्यूटर नेटवर्क की वैश्विक प्रणाली है। यह नेटवर्क का एक नेटवर्क है जिसमें निजी, सार्वजनिक, शैक्षिक, व्यवसाय और वैश्विक नेटवर्क के सरकारी नेटवर्क शामिल हैं, जो कि इलेक्ट्रॉनिक, वायरलेस, और ऑप्टिकल नेटवर्किंग प्रौद्योगिकियों की व्यापक श्रेणी से जुड़ा हुआ है। इंटरनेट में सूचना संसाधनों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला है, जैसे इंटर लिंक किए गए हाइपरटेक्स्ट दस्तावेज़ और वर्ल्ड वाइड वेब (डबल्युडबल्युडबल्यु), इलेक्ट्रॉनिक मेल, टेलीफ़ोनी और फ़ाइल साझाकरण के अनुप्रयोग। १९६० के दशक में इंटरनेट नेटवर्क की उत्पत्ति संयुक्त राज्य संघीय सरकार द्वारा कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से मज़बूत, गलती-सहिष्णु संचार के निर्माण के लिए शुरू की गई थी। १९९० के शुरुआती दिनों में वाणिज्यिक नेटवर्क और उद्यमों को जोड़ने से आधुनिक इंटरनेट पर संक्रमण की शुरुआत हुई, और तेजी से वृद्धि के कारण संस्थागत, व्यक्तिगत और मोबाइल कंप्यूटर नेटवर्क से जुड़े थे। २००० के दशक के अंत तक, इसकी सेवाओं और प्रौद्योगिकियों को रोजमर्रा की जिंदगी के लगभग हर पहलू में शामिल किया गया था। टेलीफ़ोनी, रेडियो, टेलीविज़न, पेपर मेल और अखबारों सहित अधिकांश पारंपरिक संचार मीडिया, ईमेल द्वारा पुनर्निर्मित, पुनर्निर्धारित, या इंटरनेट से दूर किए जाने वाले ईमेल सेवाओं, इंटरनेट टेलीफ़ोनी, इंटरनेट टेलीविजन, ऑनलाइन संगीत, डिजिटल समाचार पत्र, और वीडियो स्ट्रीमिंग वेबसाइटें अखबार, पुस्तक, और अन्य प्रिंट प्रकाशन वेबसाइट प्रौद्योगिकी के अनुकूल हैं, या ब्लॉगिंग, वेब फ़ीड्स और ऑनलाइन समाचार एग्रीगेटर्स में पुन: स्थापित किए जा रहे हैं। इंटरनेट ने त्वरित मैसेजिंग, इंटरनेट फ़ौरम और सोशल नेटवर्किंग के माध्यम से व्यक्तिगत इंटरैक्शन के नए रूपों को सक्षम और त्वरित किया है। ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं और छोटे व्यवसायों और उद्यमियों के लिए ऑनलाइन खरीदारी तेजी से बढ़ी है, क्योंकि यह कंपनियों को एक बड़े बाजार की सेवा या पूरी तरह से ऑनलाइन वस्तुओं और सेवाओं को बेचने के लिए अपनी "ईंट और मोर्टार" उपस्थिति बढ़ाने में सक्षम बनाता है। इंटरनेट पर व्यापार से व्यापार और वित्तीय सेवाओं को पूरे उद्योगों में आपूर्ति श्रृंखला पर असर पड़ता है। इंटरनेट का उपयोग या उपयोग के लिए तकनीकी कार्यान्वयन या नीतियों में कोई केंद्रीकृत शासन नहीं है; प्रत्येक घटक नेटवर्क अपनी नीतियाँ निर्धारित करता है। इंटरनेट, इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस (आए पी एड्रेस), स्पेस और डोमेन नेम सिस्टम (डी एन एस) में दो प्रमुख नाम रिक्त स्थान की केवल अति परिभाषा परिभाषाएँ एक रखरखाव संगठन, इंटरनेट कॉरपोरेशन फॉर असाइन्ड नाम और नंबर (आए सी ए एन एन)। मुख्य प्रोटोकॉल के तकनीकी आधारभूत और मानकीकरण, इंटरनेट इंजीनियरिंग टास्क फ़ोर्स (आए ई टी एफ़) की एक गतिविधि है, जो कि किसी भी गैर-लाभप्रद संगठन के साथ संबद्ध अंतरराष्ट्रीय सहभागी हैं, जो किसी को भी तकनीकी विशेषज्ञता में योगदान दे सकते हैं। .

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अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ

भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ या इस्कॉन(International Society for Krishna Consciousness - ISKCON; उच्चारण: इंटर्नैशनल् सोसाईटी फ़ॉर क्रिश्ना कॉनशियस्नेस् -इस्कॉन), को "हरे कृष्ण आन्दोलन" के नाम से भी जाना जाता है। इसे १९६६ में न्यूयॉर्क नगर में भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने प्रारंभ किया था। देश-विदेश में इसके अनेक मंदिर और विद्यालय है। .

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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उत्साह (फॉण्ट)

उत्साह विंडोज़ विस्टा, विंडोज़ ७ तथा विंडोज़ सर्वर २००८ में प्रयुक्त एक ओपनटाइप यूनिकोड हिन्दी फॉण्ट है। यह सर्वप्रथम विंडोज़ विस्टा में आया था। यह मुख्यतः दस्तावेजों में हिन्दी टैक्स्ट के प्रदर्शन हेतु बनाया गया है। उत्साह एक स्पष्ट रूप से पठनीय फॉण्ट है जो कि स्क्रीन रीडिंग हेतु उपयुक्त है। यह हूबहू कृतिदेव १० फॉण्ट जैसा दिखता है। उत्साह में देवनागरी के कुछ संयुक्ताक्षरों के वर्णखण्ड (ग्लिफ) नहीं हैं जैसे शृ, ंक आदि जिस कारण यह संस्कृत टैक्स्ट के प्रदर्शन एवं मुद्रण हेतु उपयुक्त नहीं। .

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फॉण्ट, फॉन्ट

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