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फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखन पुरस्कार

सूची फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखन पुरस्कार

Kajol with karan johar.jpg फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखन विजेता, करण जौहर फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखन पुरस्कारों की वर्षवार सूची श्रेणी:फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार.

46 संबंधों: दिल तो पागल है, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, दोस्ती, दीवार (१९७५ फ़िल्म), धर्मपुत्र (1961 फ़िल्म), प्रकाश झा, पैगाम, मधुमती, मनु ऋषि, मनोज कुमार, महेश भट्ट, माचिस, मुग़ल-ए-आज़म, मैं तुलसी तेरे आँगन की (1978 फ़िल्म), रामानन्द सागर, राही मासूम रज़ा, राजिंदर सिंह बेदी, राजकुमार हिरानी, लगे रहो मुन्ना भाई, सत्यदेव दुबे, सत्यकाम (1969 फ़िल्म), सरस्वतीचन्द्र, साथिया (2002 फ़िल्म), सई परांजपे, जब वी मेट, जावेद जाँनिसार अख्तर, विजय आनन्द, वीर-ज़ारा, गरम हवा, गंगा जमना, गुलज़ार (गीतकार), ओए लक्की! लक्की ओए!, आदित्य चोपड़ा, आनन्द (फ़िल्म), इम्तियाज़ अली, कभी खुशी कभी ग़म, कभी कभी (1976 फ़िल्म), कमलेश पांडे, करण जौहर, कादर ख़ान, क्रान्तिवीर, कैफ़ी आज़मी, अनोखी रात, अमर प्रेम (1972 फ़िल्म), अर्थ, उपकार (1967 फ़िल्म)

दिल तो पागल है

दिल तो पागल है 1997 में बनी भारतीय हिन्दी फिल्म है। जिसका निर्देशन यश चोपड़ा ने किया है। इसमें मुख्य किरदार में शाहरुख खान, माधुरी दीक्षित, करिश्मा कपूर हैं। शाहरुख खान और यश चोपड़ा की यह एक साथ तीसरी फिल्म है। इससे पहले वह डर (1993) और दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (1995) में साथ काम किए थे। .

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दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे

दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे 1995 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है, जो डीडीएलजे के नाम से भी प्रसिद्ध है। इस पहला प्रदर्शन 19 अक्टूबर 1995 को हुआ और 20 अक्टूबर 1995 को यह पूरे भारत में निर्गमित हुई। इस फिल्म का निर्देशन प्रसिद्ध फिल्म निर्माता और निर्देशक यश चोपड़ा के पुत्र आदित्य चोपड़ा ने किया। शाहरुख खान, काजोल और अमरीश पुरी इसके प्रमुख कलाकारों में थे। इस फिल्म के नाम सबसे ज्यादा चलने का रिकॉर्ड है। यह मुंबई के मराठा मंदिर में तेरह सालों से भी ज्यादा समय तक चली.

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दोस्ती

दोस्ती शब्द का संदर्भ निम्न में से किसी विषय से हो सकता है.

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दीवार (१९७५ फ़िल्म)

दीवार 1975 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यश चोपड़ा निर्मित दीवार हिन्दी सिनेमा की सबसे सफ़लतम फिल्मों में से है जिसने अमिताभ को "एंग्री यंग मैन" के खिताब में स्थापित कर दिया। इस फिल्म ने अमिताभ के करियर को नयी बुलंदियों पर पहुँचा दिया। कहा जाता है की फिल्म की कहानी अंडरवर्ल्ड डॉन हाजी मस्तान के जीवन पर आधारित है और अमिताभ बच्चन ने यही किरदार निभाया है। फिल्म की कहानी है दो भाईयों की कहानी है जो बचपन में अपने और अपने परिवार पर अत्याचारों को झेलकर जिंदगी में दो अलग अलग रास्ते चुनते हैं, जो दोनों के बीच मे एक दीवार खड़ी कर देते हैं। .

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धर्मपुत्र (1961 फ़िल्म)

धर्मपुत्र 1961 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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प्रकाश झा

प्रकाश झा (जन्म: २७ फ़रवरी १९५२, चंपारण बिहार, भारत) एक हिन्दी फ़िल्मकार है। फ़िल्में: बन्दिश, मृत्युदंड, राजनीति, अपहरण, दामूल, गंगाजल, टर्निंग 30 आदि (सभी हिन्दी) एक भारतीय हिंदी फिल्म के निर्माता निर्देशक, चलचित्र के कथा लिखनेवाला, प्रकाश झा ऐसे फिल्मकार हैं, जो फिल्मों के माध्यम से सामाजिक-राजनीतिक बदलाव की उम्मीदें लेकर हर बार बॉक्स ऑफिस पर हाजिर होते हैं। उनके साहस और प्रयासों की इस मायने में प्रशंसा की जाना चाहिए कि सिनेमा की ताकत का वे सही इस्तेमाल करते हैं अपनी ‍पहली फिल्म ‘दामुल’ के जरिये गाँव की पंचायत, जमींदारी, स्वर्ण तथा दलित संघर्ष की नब्ज को उन्होंने छुआ है। इसके बाद सामाजिक सरोकार की फिल्में बनाईं। बाद में मृत्युदण्ड, गंगाजल, अपहरण और अब राजनीति (२०१० चलचित्र) लेकर मैदान में उतरे हैं। अपने बलबूते पर उन्होंने आम चुनाव में उम्मीदवार बनकर हिस्सा लिया है। ये बात और है कि वे हर बार हार गए। भ्रष्ट व्यवस्था तथा राजनीति की सड़ांध का वे अपने स्तर पर विरोध करते हैं। यही विरोध उनकी फिल्मों में जीता-जागता सामने आता है। मृत्युदंड से लेकर अपहरण तक उनकी फिल्मों को दर्शकों ने दिलचस्पी के साथ देखा और सराहा है। .

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पैगाम

पैगाम के अर्थ:-.

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मधुमती

मधुमती 1958 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह शायद पहली हिन्दी फ़िल्म है जिसमें एक कलाकार (वैजयन्ती माला) ने तीन-तीन रोल निभाये हों। इस फ़िल्म के निर्माता और निर्देशक बिमल रॉय थे। फ़िल्म में मुख्य भूमिका दिलीप कुमार, वैजयन्ती माला और जॉनी वॉकर ने निभाई है। इस फ़िल्म को सन् १९५८ में अन्य पुरस्कारों के अलावा फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार से भी नवाज़ा गया था। इस फिल्म पे कइ रिमेक फिलमे भी बनी जैसे, कुदरत, बीस साल बाद, और ओम शांति ओम .

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मनु ऋषि

मनु ऋषि एक भारतीय फिल्म अभिनेता, गीतकार, पटकथा और संवाद लेखक है। इन्होंने दिल्ली में अरविन्द गौड़ के निर्देशन में ६ वर्ष तक नाटकों मंे काम किया। मनु ऋषि को ओए लक्की! लक्की ओए! फिल्म के लिये वर्ष २००९ का फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखन पुरस्कार मिला है। .

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मनोज कुमार

मनोज कुमार एक हिन्दी फिल्म अभिनेता हैं।उनका पूर्व नाम हरिकिशन गिरि गोस्वामी था फ़िल्म जगत् के प्रसिद्ध भारतीय अभिनेता, निर्माता व निर्देशक हैं। अपनी फ़िल्मों के जरिए मनोज कुमार ने लोगों को देशभक्ति की भावना का गहराई से एहसास कराया। मनोज कुमार शहीद-ए-आजम भगत सिंह से बेहद प्रभावित हैं और इसी भावना ने उन्हें 'शहीद' जैसी कालजई फ़िल्म में देश के इस अमर सपूत के किरदार को जीवंत करने की प्रेरणा दी थी। 1992 में मनोज कुमार को भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया। .

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महेश भट्ट

महेश भट्ट (जन्म: 20 सितंबर, 1948) भारतीय हिन्दी फिल्म निर्माता और निर्देशक हैं। इन्होंने मंज़िलें और भी हैं (1974) से अपने निर्देशन कार्य की शुरुआत की थी। इनके द्वारा निर्देशित फिल्म सारांश (1984) मॉस्को अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव में दिखाया गया था और साथ ही इसके कहानी लिखने के कारण इन्हें सर्वश्रेष्ठ कहानी का फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला। यह अपने भाई मुकेश भट्ट के साथ कब्ज़ा (1988) नामक फिल्म के निर्माण के साथ ही निर्माता भी बन गए। महेश भट्ट की पत्नी का नाम .

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माचिस

जलती हुई माचिस की तिली तिली का सिर माचिस और उसकी तिली मिलकर आवश्यकतानुसार, नियंत्रित ढ़ंग से आग पैदा करने के काम आते हैं। आजकल यह एक बहुत ही सस्ती एवं सुलभ चीजहै। .

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मुग़ल-ए-आज़म

मुग़ल-ए-आज़म हिन्दी भाषा की एक फ़िल्म है जो 1960 में प्रदर्शित हुई। यह फ़िल्म हिन्दी सिनेमा इतिहास की सफलतम फ़िल्मों में से है। इसे के॰ आसिफ़ के शानदार निर्देशन, भव्य सेटों, बेहतरीन संगीत के लिये आज भी याद किया जाता है। .

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मैं तुलसी तेरे आँगन की (1978 फ़िल्म)

मैं तुलसी तेरे आँगन की 1978 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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रामानन्द सागर

रामानन्द सागर (29 दिसम्बर 1917 – 12 दिसम्बर 2005) हिन्दी फ़िल्मों के एक निर्देशक थे। दूरदर्शन पर रामायण नामक अति लोकप्रिय धारावाहिक के कारण वे बहुत प्रसिद्ध हुए। .

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राही मासूम रज़ा

राही मासूम रज़ा (१ सितंबर, १९२५-१५ मार्च १९९२) का जन्म गाजीपुर जिले के गंगौली गांव में हुआ था और प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा गंगा किनारे गाजीपुर शहर के एक मुहल्ले में हुई थी। बचपन में पैर में पोलियो हो जाने के कारण उनकी पढ़ाई कुछ सालों के लिए छूट गयी, लेकिन इंटरमीडियट करने के बाद वह अलीगढ़ आ गये और यहीं से एमए करने के बाद उर्दू में `तिलिस्म-ए-होशरुबा' पर पीएच.डी.

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राजिंदर सिंह बेदी

राजिंदर सिंह बेदी एक हिन्दी और उर्दू उपन्यासकार, निर्देशक, पटकथा लेखक, नाटककार थे। इनका जन्म 1 सितम्बर 1915 को सियालकोट, पंजाब, ब्रिटिश भारत में हुआ था। यह पहले अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ के उर्दू लेखक थे। जो बाद में हिन्दी फ़िल्म निर्देशक, पटकथा लेखक, संवाद लेखक बन गए। यह पटकथा और संवाद में ऋषिकेश मुखर्जी की फ़िल्म अभिमान, अनुपमा और सत्यकाम; और बिमल रॉय की मधुमती के कारण जाने जाते हैं। यह निर्देशक के रूप में दस्तक (1970) की फ़िल्म जिसमें संजीव कुमार और रेहना सुल्तान थे, के कारण जानते जाते हैं। .

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राजकुमार हिरानी

राजकुमार हिरानी (जन्म 22 नवम्बर 1962) राष्ट्रीय पुरस्कार और फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार विजेता हिन्दी फ़िल्मों के भारतीय निर्देशक, निर्माता,पटकथा लेखक और फ़िल्म सम्पादक हैं जिन्हें प्रमुख रूप से मुन्ना भाई एम बी बी एस (2003), लगे रहो मुन्ना भाई (2006) और थ्री इडीयट्स (2009) जैसी फ़िल्मों के लिए जाना जाता है।.

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लगे रहो मुन्ना भाई

लगे रहो मुन्ना भाई 2006 में बनी हिन्दी फिल्म है। यह 2003 में बनी हिंदी फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस का दूसरा भाग है। इस फिल्म के निर्माता विधु विनोद चोपड़ा है, मुख्य कलाकार है - संजय दत्त, अरशद वारसी, विद्या बालन, दिया मिर्ज़ा और बोमन ईरानी। दूसरा भाग होने के उपरांत भी लगे रहो...

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सत्यदेव दुबे

सत्यदेव दुबे (19 मार्च 1936 -25 दिसम्बर 2011), भारतीय रंगमंच निर्देशक, अभिनेता, नाटककार, पटकथा लेखक और चलचित्र अभिनेता तथा निर्देशक थे। रंगमंच और चलचित्र से जुड़े महती कार्यों के लिए उन्हें १९७१ ई. में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। १९७८ में उन्होंने श्याम बेनेगल द्वारा निर्देशित हिंदी चलचित्र भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ पटकथा का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त किया। १९८० ई. में उन्हें जुनून के लिए सर्वश्रेष्ठ संवाद का पुरस्कार मिला। २०११ में उन्हें भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया। .

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सत्यकाम (1969 फ़िल्म)

सत्यकाम 1969 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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सरस्वतीचन्द्र

सरस्वतीचन्द्र १९६८ में बनी एक काली-सफ़ेद चलचित्र है। इसे गोविन्द सरैया ने निदेशित किया है और इसके मुख्य कलाकार हैं नूतन और मनीष। यह हिन्दी फ़िल्म की आख़िरी काली-सफ़ेद सिनेमा है। यह फ़िल्म गुजराती भाषा के इसी नाम के उपन्यास पर आधारित है जिसे गोवर्धनराम माधवराम त्रिपाठी ने लिखा था जो बीसवीं सदी के शुरुआती काल के प्रसिद्ध गुजराती लेखक थे। इस फ़िल्म को उत्कृष्ट छायांकन और उत्कृष्ट संगीत के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार मिले थे। .

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साथिया (2002 फ़िल्म)

साथिया २००२ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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सई परांजपे

सई परांजपे हिन्दी फ़िल्मों के एक निर्देशक हैं। .

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जब वी मेट

जब वी मेट (Jab We Met) 2007 की एक हिंदी रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है जिसे इम्तियाज अली ने लिखा और निर्देशित किया। फिल्म को धिलिन मेहता ने श्री अष्टविनायक सिनेविजन लिमिटेड के अर्न्तगत बनाया, इसमें शाहिद कपूर और करीना कपूर ने अपनी चौथी फिल्म में एक साथ काम किया। दारा सिंह और सौम्या टंडन, जो उत्तर भारत के मशहूर कलाकार हैं, ने इसमें सहायक भूमिकाएं कीं। फिल्म एक पंजाबी लड़की की कहानी है, जिसकी ट्रेन में मुंबई के एक उद्योगपति से मुलाकात होती है, जो जिंदगी से उदास है। वह एक स्टेशन पर उतर जाता है, उसे वापस ट्रेन पर बुलाने की कोशिश में वो भी उतर जाती है, दोनों किसी अनजान शहर में खड़े हैं और उनकी ट्रेन छूट जाती है। व्यक्ति अपने कॉर्पोरेट जॉब के दबाव में रह चुका है, उसके दिमाग में कोई गंतव्य नहीं है, लड़की उस पर अपने घर तक साथ जाने के लिए दबाव डालती है और उसे अपने गुप्त प्रेमी के बारे में बताती है। 26 अक्टूबर, 2007 यह पूरी दुनिया में रिलीज हुई, लेकिन उससे एक दिन पहले ही यह ब्रिटेन में रिलीज हो गयी थी, फिल्म भारतीय बॉक्स ऑफिस पर एक बहुत बड़ी हिट रही और इसने विदेशों में भी अच्छा व्यापार किया। इसकी सफलता के कारण, फिल्म के वितरकों, श्री अष्टविनायक सिनेविजन लिमिटेड, ने घोषणा की कि जब वी मेट को कॉर्पोरेट एंटिटी मोज़र बेयर के द्वारा चार दक्षिण भारतीय भाषाओँ में फिर से बनाया जायेगा-- तमिल, तेलगु,कन्नड़ और मलयालम.

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जावेद जाँनिसार अख्तर

जावेद अख्तर हिन्दी फिल्मों के एक गीतकार हैं। .

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विजय आनन्द

विजय आनन्द (22 जनवरी 1934–23 फ़रवरी 2004) हिन्दी फ़िल्मों के अभिनेता,निर्माता,पटकथा-लेखक,निर्देशक और सम्पादक थे। उन्होंने गाइड (1965) और जॉनी मेरा नाम (1970) फ़िल्मों में अपना योगदान दिया। वो गुरदासपुर (पंजाब) में जन्मे थे। चेतनआनन्द,देव आनन्द, विजय आनन्द के भाई थे। .

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वीर-ज़ारा

वीर-ज़ारा २००४ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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गरम हवा

गरम हवा एक 1973 उर्दू नाटक नेतृत्व के रूप में एम एस सथ्यु द्वारा निर्देशित फिल्म, बलराज साहनी के साथ है। यह ध्यान दिया उर्दू लेखक इस्मत चुग़ताई द्वारा एक अप्रकाशित लघु कहानी पर आधारित है, कैफी आजमी और शमा जैदी ने लिखा है।यह भारत-पाकिस्तान के विभाजन की पृष्ठभूमि में बनी फिल्म है। श्रेणी:हिन्दी फ़िल्में.

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गंगा जमना

जब कोई कलाकार अपनी अभिनय प्रतिभा से दर्शक के दिल में स्थायी जगह बना ले तो वह यादगार कहानी बन जाती है.

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गुलज़ार (गीतकार)

ग़ुलज़ार नाम से प्रसिद्ध सम्पूर्ण सिंह कालरा (जन्म-१८ अगस्त १९३६) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध गीतकार हैं। इसके अतिरिक्त वे एक कवि, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। उनकी रचनाए मुख्यतः हिन्दी, उर्दू तथा पंजाबी में हैं, परन्तु ब्रज भाषा, खङी बोली, मारवाड़ी और हरियाणवी में भी इन्होने रचनाये की। गुलजार को वर्ष २००२ में सहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष २००४ में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष २००९ में डैनी बॉयल निर्देशित फिल्म स्लम्डाग मिलियनेयर में उनके द्वारा लिखे गीत जय हो के लिये उन्हे सर्वश्रेष्ठ गीत का ऑस्कर पुरस्कार पुरस्कार मिल चुका है। इसी गीत के लिये उन्हे ग्रैमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। .

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ओए लक्की! लक्की ओए!

ओए लक्की! लक्की ओए! (Oye Lucky! Lucky Oye!) 2008 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह फिल्म दिबाकर बनर्जी द्वारा निर्देशित है, जिन्होंने इससे पहले खोसला का घोसला बनाई थी। मुख्य कलाकार - अभय देयोल, नीतू चंद्रा, परेश रावल, मनु ऋषि और अर्चना पूरन सिंह। .

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आदित्य चोपड़ा

आदित्य चोपड़ा हिन्दी फ़िल्मों के एक निर्देशक हैं। .

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आनन्द (फ़िल्म)

आनन्द १९७१ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इस फ़िल्म के निर्माता, निर्देशक, लेखक एवं संपादक ऋषिकेश मुखर्जी हैं। इस फ़िल्म के मुख्य कलाकार राजेश खन्ना एवं अमिताभ बच्चन हैं। इस फ़िल्म को राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म के अलावा फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों में छः श्रेणियों में पुरस्कृत किया गया था। .

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इम्तियाज़ अली

इम्तियाज़ अली हिन्दी फ़िल्मों के एक निर्देशक हैं। .

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कभी खुशी कभी ग़म

कभी खुशी कभी ग़म... 2001 की हिन्दी भाषा की पारिवारिक नाटक फिल्म है। यह करण जौहर द्वारा लिखित और निर्देशित है और इसका निर्माण यश जौहर ने किया। फिल्म में अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, शाहरुख खान, काजोल, ऋतिक रोशन और करीना कपूर प्रमुख भूमिका निभाते हैं जबकि रानी मुखर्जी विस्तारित विशेष उपस्थिति में दिखीं हैं। यह घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख व्यावसायिक सफलता के रूप में उभरी। भारत के बाहर, यह फिल्म सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म थी, जब तक कि करण की अगली फिल्म कभी अलविदा ना कहना (2006) द्वारा यह रिकॉर्ड तोड़ा नहीं गया था। इसने अगले वर्ष लोकप्रिय पुरस्कार समारोहों में कई पुरस्कार जीते, जिसमें पांच फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार भी शामिल थे। .

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कभी कभी (1976 फ़िल्म)

कभी कभी 1976 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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कमलेश पांडे

कमलेश पांडे हिन्दी फिल्मों के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित लेखक के रूप में जाने जाते हैं। रंग दे बसंती, तेज़ाब जैसी प्रसिद्ध फिल्मों के लिए कथा लेखन का श्रेय इन्हें प्राप्त है। .

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करण जौहर

करण जौहर करण जौहर (जन्म: 25 मई, 1975) हिन्दी एक प्रसिद्ध भारतीय फिल्म निर्देशक, उत्पादक, चलचित्र लेखक, कॉस्ट़्यूम दिज़ाइनर, अभिनेता और टिवि होस्ट है। वह हिरू जौहर और यश जौहर के पुत्र है। वह धर्मा प्रोडक्शन्स कम्पनी के मुखिया भी है। वह भारत और विश्व के सबसे ज़्यादा कमाई करने वाले फिल्मो का उत्पादन करने के लिये प्रसिद्ध है। इनमे से चार फिल्मे, जिनमे शाहरुख खान अभिनेता के पात्र मे मौजूद है, विदेशी फिल्म उद्योग मे भारत के सबसे ज़्यादा कमाने वाले उत्पादन मे से है। इन फिल्मो कि कामयाबी के कारण, करण जोहर को भारतीय सिनेमा का पश्चिम अनुभूति मे बदलाव लाने के लिए श्रेय दिया गया है। आदित्य चोपड़ा द्वारा निर्देशित 'दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे' नामक फिल्म मे अभिनेता के पात्र मे करण जोहर ने फिल्मो मे शुरुआत किया था। उन्होंने बाद मे बेहद सफल रोमानी कॉमेडी, कुछ कुछ होता है के साथ अपने निर्देशन जीविका की शुरुआत की। इस फिल्म से उसे सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिये और सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिये फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया। उनकी दूसरी फिल्मे परिवारिक नाटक, कभी खुशी कभी ग़म (२००१) और रोमांटिक नाटक, कभी अलविदा ना कहना (२००६) थे। कभी अलविदा ना कहना (2006) व्यभिचार के विषय के साथ जुडा हुआ एक फिल्म था। दोनों ही फिल्मों ने भारत और विदेशों में प्रमुख वित्तीय सफलताए प्राप्त की। इस प्रकार जौहर ने बॉलीवुड के सबसे सफल फिल्म निर्माताओं के तालिका में खुद को स्थापित कर लिया। उनकी चौथी फिल्म माइ नेम इज़ ख़ान (२०१०) को सकारात्मक समीक्षा मिली और उस फिल्म ने दुनिया भर मे २०० करोड़ रुपये कमाए। इन सब के कारण्, वह खुद को भारतीय सिनेमा में सबसे सफल निर्देशक और निर्माता के रूप में स्थापित किया है। यही सूचना के कारण उन्होने अपनी पहली फिल्म कुछ कुछ होता है बनाई। करण जौहर एक कुशल निर्देशक के रूप मे जाने जाते है। .

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कादर ख़ान

कादर ख़ान एक हिन्दी फ़िल्म हास्य अभिनेता होने के साथ साथ एक फ़िल्म निर्देशक भी हैं। उन्होंने अबतक 300 से अधिक फ़िल्मो में काम किया है। उनकी पहली फ़िल्म दाग (1973) थी जिसमे उन्होंने अभियोगपक्ष के वकील की भूमिका निभाई थी। उन्होंने स्नातक की पढ़ाई इस्माइल यूसुफ कॉलेज से की पूरी की। उन्होंने एक शिक्षक के रूप में भी कार्य किया। .

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क्रान्तिवीर

क्रान्तिवीर 1994 में बनी हिन्दी भाषा की अपराधिक पृष्ठभूमि की एक्शन फिल्म है। इसका निर्देशन मेहुल कुमार ने किया और फिल्म में नाना पाटेकर, डिंपल कपाड़िया, अतुल अग्निहोत्री, ममता कुलकर्णी, डैनी डेन्जोंगपा और परेश रावल प्रमुख भूमिका निभाते हैं। यह वर्ष की तीसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई, इसके अलावा इसने तीन स्टार स्क्रीन पुरस्कार, चार फिल्मफेयर पुरस्कार और एक राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता। .

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कैफ़ी आज़मी

कैफ़ी आज़मी (असली नाम: अख्तर हुसैन रिजवी) उर्दू के एक अज़ीम शायर थे। उन्होंने हिन्दी फिल्मों के लिए भी कई प्रसिद्ध गीत व ग़ज़लें भी लिखीं, जिनमें देशभक्ति का अमर गीत -"कर चले हम फिदा, जान-ओ-तन साथियों" भी शामिल है। .

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अनोखी रात

अनोखी रात 1968 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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अमर प्रेम (1972 फ़िल्म)

अमर प्रेम 1972 में प्रदर्शित हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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अर्थ

अर्थ जीवन के चार पुरुषार्थों (लक्ष्यों) में से एक। अन्य तीन पुरुषार्थ हैं - धर्म, काम एवं मोक्ष .

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उपकार (1967 फ़िल्म)

उपकार 1967 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है जिसका निर्देशन मनोज कुमार ने किया है। इसी फ़िल्म से मनोज कुमार की भारत कुमार की छवि बनी थी। इस फ़िल्म को छ: फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। .

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