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फ़ाहियान

सूची फ़ाहियान

फ़ाहियान के यात्रा-वृत्तान्त का पहला पन्ना फ़ाहियान या फ़ाशियान (चीनी: 法顯 या 法显, अंग्रेज़ी: Faxian या Fa Hien; जन्म: ३३७ ई; मृत्यु: ४२२ ई अनुमानित) एक चीनी बौद्ध भिक्षु, यात्री, लेखक एवं अनुवादक थे जो ३९९ ईसवी से लेकर ४१२ ईसवी तक भारत, श्रीलंका और आधुनिक नेपाल में स्थित गौतम बुद्ध के जन्मस्थल कपिलवस्तु धर्मयात्रा पर आए। उनका ध्येय यहाँ से बौद्ध ग्रन्थ एकत्रित करके उन्हें वापस चीन ले जाना था। उन्होंने अपनी यात्रा का वर्णन अपने वृत्तांत में लिखा जिसका नाम बौद्ध राज्यों का एक अभिलेख: चीनी भिक्षु फ़ा-शियान की बौद्ध अभ्यास-पुस्तकों की खोज में भारत और सीलोन की यात्रा था। उनकी यात्रा के समय भारत में गुप्त राजवंश के चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य का काल था और चीन में जिन राजवंश काल चल रहा था। फा सिएन पिंगगयांग का निवासी था जो वर्तमान शांसी प्रदेश में है। उसने छोटी उम्र में ही सन्यास ले लिया था। उसने बौद्ध धर्म के सद्विचारों के अनुपालन और संवर्धन में अपना जीवन बिताया। उसे प्रतीत हुआ कि विनयपिटक का प्राप्य अंश अपूर्ण है, इसलिए उसने भारत जाकर अन्य धार्मिक ग्रंथों की खोज करने का निश्चय किया। लगभग ६५ वर्ष की उम्र में कुछ अन्य बंधुओं के साथ, फाहिएन ने सन् ३९९ ई. में चीन से प्रस्थान किया। मध्य एशिया होते हुए सन् ४०२ में वह उत्तर भारत में पहुँचा। यात्रा के समय उसने उद्दियान, गांधार, तक्षशिला, उच्छ, मथुरा, वाराणसी, गया आदि का परिदर्शन किया। पाटलिपुत्र में तीन वर्ष तक अध्ययन करने के बाद दो वर्ष उसने ताम्रलिप्ति में भी बिताए। यहाँ वह धर्मसिद्धांतों की तथा चित्रों की प्रतिलिपि तैयार करता रहा। यहाँ से उसने सिंहल की यात्रा की और दो वर्ष वहाँ भी बिताए। फिर वह यवद्वीप (जावा) होते हुए ४१२ में शांतुंग प्रायद्वीप के चिंगचाऊ स्थान में उतरा। अत्यंत वृत्र हो जाने पर भी वह अपने पवित्र लक्ष्य की ओर अग्रसर होता रहा। चिएन कांग (नैनकिंग) पहुँचकर वह बौद्ध धर्मग्रंथों के अनुवाद के कार्य में संलग्न हो गा। अन्य विद्वानों के साथ मिलकर उसने कई ग्रंथों का अनुवाद किया, जिनमें से मुख्य हैं-परिनिर्वाणसूत्र और महासंगिका विनय के चीनी अनुवाद। 'फौ-कुओ थी' अर्थात् 'बौद्ध देशों का वृत्तांत' शीर्षक जो आत्मचरित् उसने लिखा है वह एशियाई देशों के इतिहास की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। विश्व की अनेक भाषाओं में इसका अनुवाद किया जा चुका है। .

24 संबंधों: चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य, चीन, चीनी भाषा, दर्रा, नेपाल, पाटलिपुत्र, बौद्ध धर्म, भारत, भारतीय उपमहाद्वीप, मध्य एशिया, मरुस्थल, रेशम मार्ग, शानदोंग, श्रीलंका, हान चीनी, ह्वेन त्सांग, जावा (द्वीप), जिन राजवंश, विनयपिटक, गुप्त राजवंश, गौतम बुद्ध, इंडोनेशिया, अझ़दहा, अंग्रेज़ी भाषा

चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य

चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य (380-413) गुप्त राजवंश का राजा। चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य की मुद्रा चन्द्रगुप्त द्वितीय महान जिनको संस्कृत में विक्रमादित्य या चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के नाम से जाना जाता है; गुप्त वंश के एक महान शक्तिशाली सम्राट थे। उनका राज्य 380-412 ई तक चला जिसमें गुप्त राजवंश ने अपना शिखर प्राप्त किया। गुप्त साम्राज्य का वह समय भारत का स्वर्णिम युग भी कहा जाता है। चन्द्रगुप्त द्वितीय महान अपने पूर्व राजा समुद्रगुप्त महान के पुत्र थे। उसने आक्रामक विस्तार की नीति एवं लाभदयक पारिग्रहण नीति का अनुसार करके सफलता प्राप्त की। .

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चीन

---- right चीन विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो एशियाई महाद्वीप के पू‍र्व में स्थित है। चीन की सभ्यता एवं संस्कृति छठी शताब्दी से भी पुरानी है। चीन की लिखित भाषा प्रणाली विश्व की सबसे पुरानी है जो आज तक उपयोग में लायी जा रही है और जो कई आविष्कारों का स्रोत भी है। ब्रिटिश विद्वान और जीव-रसायन शास्त्री जोसफ नीधम ने प्राचीन चीन के चार महान अविष्कार बताये जो हैं:- कागज़, कम्पास, बारूद और मुद्रण। ऐतिहासिक रूप से चीनी संस्कृति का प्रभाव पूर्वी और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों पर रहा है और चीनी धर्म, रिवाज़ और लेखन प्रणाली को इन देशों में अलग-अलग स्तर तक अपनाया गया है। चीन में प्रथम मानवीय उपस्थिति के प्रमाण झोऊ कोऊ दियन गुफा के समीप मिलते हैं और जो होमो इरेक्टस के प्रथम नमूने भी है जिसे हम 'पेकिंग मानव' के नाम से जानते हैं। अनुमान है कि ये इस क्षेत्र में ३,००,००० से ५,००,००० वर्ष पूर्व यहाँ रहते थे और कुछ शोधों से ये महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली है कि पेकिंग मानव आग जलाने की और उसे नियंत्रित करने की कला जानते थे। चीन के गृह युद्ध के कारण इसके दो भाग हो गये - (१) जनवादी गणराज्य चीन जो मुख्य चीनी भूभाग पर स्थापित समाजवादी सरकार द्वारा शासित क्षेत्रों को कहते हैं। इसके अन्तर्गत चीन का बहुतायत भाग आता है। (२) चीनी गणराज्य - जो मुख्य भूमि से हटकर ताईवान सहित कुछ अन्य द्वीपों से बना देश है। इसका मुख्यालय ताइवान है। चीन की आबादी दुनिया में सर्वाधिक है। प्राचीन चीन मानव सभ्यता के सबसे पुरानी शरणस्थलियों में से एक है। वैज्ञानिक कार्बन डेटिंग के अनुसार यहाँ पर मानव २२ लाख से २५ लाख वर्ष पहले आये थे। .

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चीनी भाषा

चीनी भाषा (अंग्रेजी: Chinese; 汉语/漢語, पिनयिन: Hànyǔ; 华语/華語, Huáyǔ; या 中文 हुआ-यू, Zhōngwén श़ोंग-वॅन) चीन देश की मुख्य भाषा और राजभाषा है। यह संसार में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। यह चीन एवं पूर्वी एशिया के कुछ देशों में बोली जाती है। चीनी भाषा चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार में आती है और वास्तव में कई भाषाओं और बोलियों का समूह है। मानकीकृत चीनी असल में एक 'मन्दारिन' नामक भाषा है। इसमें एकाक्षरी शब्द या शब्द भाग ही होते हैं और ये चीनी भावचित्र में लिखी जाती है (परम्परागत चीनी लिपि या सरलीकृत चीनी लिपि में)। चीनी एक सुरभेदी भाषा है। .

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दर्रा

पहाडियों एव पर्वतिय क्षेत्रों में पाए जाने वाले आवागमन के प्राकृतिक मार्गों को दर्रा कहा जाता हैं। .

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नेपाल

नेपाल, (आधिकारिक रूप में, संघीय लोकतान्त्रिक गणराज्य नेपाल) भारतीय उपमहाद्वीप में स्थित एक दक्षिण एशियाई स्थलरुद्ध हिमालयी राष्ट्र है। नेपाल के उत्तर मे चीन का स्वायत्तशासी प्रदेश तिब्बत है और दक्षिण, पूर्व व पश्चिम में भारत अवस्थित है। नेपाल के ८१ प्रतिशत नागरिक हिन्दू धर्मावलम्बी हैं। नेपाल विश्व का प्रतिशत आधार पर सबसे बड़ा हिन्दू धर्मावलम्बी राष्ट्र है। नेपाल की राजभाषा नेपाली है और नेपाल के लोगों को भी नेपाली कहा जाता है। एक छोटे से क्षेत्र के लिए नेपाल की भौगोलिक विविधता बहुत उल्लेखनीय है। यहाँ तराई के उष्ण फाँट से लेकर ठण्डे हिमालय की श्रृंखलाएं अवस्थित हैं। संसार का सबसे ऊँची १४ हिम श्रृंखलाओं में से आठ नेपाल में हैं जिसमें संसार का सर्वोच्च शिखर सागरमाथा एवरेस्ट (नेपाल और चीन की सीमा पर) भी एक है। नेपाल की राजधानी और सबसे बड़ा नगर काठमांडू है। काठमांडू उपत्यका के अन्दर ललीतपुर (पाटन), भक्तपुर, मध्यपुर और किर्तीपुर नाम के नगर भी हैं अन्य प्रमुख नगरों में पोखरा, विराटनगर, धरान, भरतपुर, वीरगंज, महेन्द्रनगर, बुटवल, हेटौडा, भैरहवा, जनकपुर, नेपालगंज, वीरेन्द्रनगर, त्रिभुवननगर आदि है। वर्तमान नेपाली भूभाग अठारहवीं सदी में गोरखा के शाह वंशीय राजा पृथ्वी नारायण शाह द्वारा संगठित नेपाल राज्य का एक अंश है। अंग्रेज़ों के साथ हुई संधियों में नेपाल को उस समय (१८१४ में) एक तिहाई नेपाली क्षेत्र ब्रिटिश इंडिया को देने पड़े, जो आज भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड तथा पश्चिम बंगाल में विलय हो गये हैं। बींसवीं सदी में प्रारंभ हुए जनतांत्रिक आन्दोलनों में कई बार विराम आया जब राजशाही ने जनता और उनके प्रतिनिधियों को अधिकाधिक अधिकार दिए। अंततः २००८ में जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि माओवादी नेता प्रचण्ड के प्रधानमंत्री बनने से यह आन्दोलन समाप्त हुआ। लेकिन सेना अध्यक्ष के निष्कासन को लेकर राष्ट्रपति से हुए मतभेद और टीवी पर सेना में माओवादियों की नियुक्ति को लेकर वीडियो फुटेज के प्रसारण के बाद सरकार से सहयोगी दलों द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद प्रचण्ड को इस्तीफा देना पड़ा। गौरतलब है कि माओवादियों के सत्ता में आने से पहले सन् २००६ में राजा के अधिकारों को अत्यंत सीमित कर दिया गया था। दक्षिण एशिया में नेपाल की सेना पांचवीं सबसे बड़ी सेना है और विशेषकर विश्व युद्धों के दौरान, अपने गोरखा इतिहास के लिए उल्लेखनीय रहे हैं और संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के लिए महत्वपूर्ण योगदानकर्ता रही है। .

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पाटलिपुत्र

बिहार की राजधानी पटना का पुराना नाम पाटलिपुत्र है। पवित्र गंगा नदी के दक्षिणी तट पर बसे इस शहर को लगभग २००० वर्ष पूर्व पाटलिपुत्र के नाम से जाना जाता था। इसी नाम से अब पटना में एक रेलवे स्टेशन भी है। पाटलीपुत्र अथवा पाटलिपुत्र प्राचीन समय से ही भारत के प्रमुख नगरों में गिना जाता था। पाटलीपुत्र वर्तमान पटना का ही नाम था। इतिहास के अनुसार, सम्राट अजातशत्रु के उत्तराधिकारी उदयिन ने अपनी राजधानी को राजगृह से पाटलिपुत्र स्थानांतरित किया और बाद में चन्द्रगुप्त मौर्य ने यहां साम्राज्य स्थापित कर अपनी राजधानी बनाई। .

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बौद्ध धर्म

बौद्ध धर्म भारत की श्रमण परम्परा से निकला धर्म और महान दर्शन है। इसा पूर्व 6 वी शताब्धी में बौद्ध धर्म की स्थापना हुई है। बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध है। भगवान बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में लुंबिनी, नेपाल और महापरिनिर्वाण 483 ईसा पूर्व कुशीनगर, भारत में हुआ था। उनके महापरिनिर्वाण के अगले पाँच शताब्दियों में, बौद्ध धर्म पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में फैला और अगले दो हजार वर्षों में मध्य, पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी जम्बू महाद्वीप में भी फैल गया। आज, हालाँकि बौद्ध धर्म में चार प्रमुख सम्प्रदाय हैं: हीनयान/ थेरवाद, महायान, वज्रयान और नवयान, परन्तु बौद्ध धर्म एक ही है किन्तु सभी बौद्ध सम्प्रदाय बुद्ध के सिद्धान्त ही मानते है। बौद्ध धर्म दुनिया का चौथा सबसे बड़ा धर्म है।आज पूरे विश्व में लगभग ५४ करोड़ लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी है, जो दुनिया की आबादी का ७वाँ हिस्सा है। आज चीन, जापान, वियतनाम, थाईलैण्ड, म्यान्मार, भूटान, श्रीलंका, कम्बोडिया, मंगोलिया, तिब्बत, लाओस, हांगकांग, ताइवान, मकाउ, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया एवं उत्तर कोरिया समेत कुल 18 देशों में बौद्ध धर्म 'प्रमुख धर्म' धर्म है। भारत, नेपाल, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, रूस, ब्रुनेई, मलेशिया आदि देशों में भी लाखों और करोडों बौद्ध हैं। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारतीय उपमहाद्वीप

भारतीय उपमहाद्वीप का भौगोलिक मानचित्र भारतीय उपमहाद्वीप, एशिया के दक्षिणी भाग में स्थित एक उपमहाद्वीप है। इस उपमहाद्वीप को दक्षिण एशिया भी कहा जाता है भूवैज्ञानिक दृष्टि से भारतीय उपमहाद्वीप का अधिकांश भाग भारतीय प्रस्तर (या भारतीय प्लेट) पर स्थित है, हालाँकि इस के कुछ भाग इस प्रस्तर से हटकर यूरेशियाई प्रस्तर पर भी स्थित हैं। .

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मध्य एशिया

मध्य एशिया एशिया के महाद्वीप का मध्य भाग है। यह पूर्व में चीन से पश्चिम में कैस्पियन सागर तक और उत्तर में रूस से दक्षिण में अफ़ग़ानिस्तान तक विस्तृत है। भूवैज्ञानिकों द्वारा मध्य एशिया की हर परिभाषा में भूतपूर्व सोवियत संघ के पाँच देश हमेशा गिने जाते हैं - काज़ाख़स्तान, किरगिज़स्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़बेकिस्तान। इसके अलावा मंगोलिया, अफ़ग़ानिस्तान, उत्तरी पाकिस्तान, भारत के लद्दाख़ प्रदेश, चीन के शिनजियांग और तिब्बत क्षेत्रों और रूस के साइबेरिया क्षेत्र के दक्षिणी भाग को भी अक्सर मध्य एशिया का हिस्सा समझा जाता है। इतिहास में मध्य एशिया रेशम मार्ग के व्यापारिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है। चीन, भारतीय उपमहाद्वीप, ईरान, मध्य पूर्व और यूरोप के बीच लोग, माल, सेनाएँ और विचार मध्य एशिया से गुज़रकर ही आते-जाते थे। इस इलाक़े का बड़ा भाग एक स्तेपी वाला घास से ढका मैदान है हालाँकि तियान शान जैसी पर्वत शृंखलाएँ, काराकुम जैसे रेगिस्तान और अरल सागर जैसी बड़ी झीलें भी इस भूभाग में आती हैं। ऐतिहासिक रूप मध्य एशिया में ख़ानाबदोश जातियों का ज़ोर रहा है। पहले इसपर पूर्वी ईरानी भाषाएँ बोलने वाली स्किथी, बैक्ट्रियाई और सोग़दाई लोगों का बोलबाला था लेकिन समय के साथ-साथ काज़ाख़, उज़बेक, किरगिज़ और उईग़ुर जैसी तुर्की जातियाँ अधिक शक्तिशाली बन गई।Encyclopædia Iranica, "CENTRAL ASIA: The Islamic period up to the Mongols", C. Edmund Bosworth: "In early Islamic times Persians tended to identify all the lands to the northeast of Khorasan and lying beyond the Oxus with the region of Turan, which in the Shahnama of Ferdowsi is regarded as the land allotted to Fereydun's son Tur.

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मरुस्थल

अटाकामा मरुस्थल मरुस्थल या रेगिस्तान ऐसे भौगोलिक क्षेत्रों को कहा जाता है जहां जलपात (वर्षा तथा हिमपात का योग) अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा काफी कम होती है। प्रायः (गलती से) रेतीले रेगिस्तानी मैदानों को मरुस्थल कहा जाता है जोकि गलत है। यह बात और है कि भारत में सबसे कम वर्षा वाला क्षेत्र (थार) एक रेतीला मैदान है। मरूस्थल (कम वर्षा वाला क्षेत्र) का रेतीला होना आवश्यक नहीं। मरुस्थल का गर्म होना भी आवश्यक नहीं है। अंटार्कटिक, जोकि बर्फ से ढका प्रदेश है, विश्व का सबसे बड़ा मरुस्थल है ! विश्व के अन्य देशों में कई ऐसे मरुस्थल हैं जो रेतीले नहीं है। .

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रेशम मार्ग

रेशम मार्ग का मानचित्र - भूमार्ग लाल रंग में हैं और समुद्री मार्ग नीले रंग में रेशम मार्ग प्राचीनकाल और मध्यकाल में ऐतिहासिक व्यापारिक-सांस्कृतिक मार्गों का एक समूह था जिसके माध्यम से एशिया, यूरोप और अफ्रीका जुड़े हुए थे। इसका सबसे जाना-माना हिस्सा उत्तरी रेशम मार्ग है जो चीन से होकर पश्चिम की ओर पहले मध्य एशिया में और फिर यूरोप में जाता था और जिस से निकलती एक शाखा भारत की ओर जाती थी। रेशम मार्ग का जमीनी हिस्सा ६,५०० किमी लम्बा था और इसका नाम चीन के रेशम के नाम पर पड़ा जिसका व्यापार इस मार्ग की मुख्य विशेषता थी। इसके माध्यम मध्य एशिया, यूरोप, भारत और ईरान में चीन के हान राजवंश काल में पहुँचना शुरू हुआ। रेशम मार्ग का चीन, भारत, मिस्र, ईरान, अरब और प्राचीन रोम की महान सभ्यताओं के विकास पर गहरा असर पड़ा। इस मार्ग के द्वारा व्यापार के आलावा, ज्ञान, धर्म, संस्कृति, भाषाएँ, विचारधाराएँ, भिक्षु, तीर्थयात्री, सैनिक, घूमन्तू जातियाँ, और बीमारियाँ भी फैलीं। व्यापारिक नज़रिए से चीन रेशम, चाय और चीनी मिटटी के बर्तन भेजता था, भारत मसाले, हाथीदांत, कपड़े, काली मिर्च और कीमती पत्थर भेजता था और रोम से सोना, चांदी, शीशे की वस्तुएँ, शराब, कालीन और गहने आते थे। हालांकि 'रेशम मार्ग' के नाम से लगता है कि यह एक ही रास्ता था वास्तव में बहुत कम लोग इसके पूरे विस्तार पर यात्रा करते थे। अधिकतर व्यापारी इसके हिस्सों में एक शहर से दूसरे शहर सामान पहुँचाकर अन्य व्यापारियों को बेच देते थे और इस तरह सामान हाथ बदल-बदलकर हजारों मील दूर तक चला जाता था। शुरू में रेशम मार्ग पर व्यापारी अधिकतर भारतीय और बैक्ट्रियाई थे, फिर सोग़दाई हुए और मध्यकाल में ईरानी और अरब ज़्यादा थे। रेशम मार्ग से समुदायों के मिश्रण भी पैदा हुए, मसलन तारिम द्रोणी में बैक्ट्रियाई, भारतीय और सोग़दाई लोगों के मिश्रण के सुराग मिले हैं।, Susan Whitfield, British Library, pp.

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शानदोंग

शानदोंग (山东, Shandong) जनवादी गणराज्य चीन के पूर्वी तट पर स्थित एक प्रांत है। इस प्रान्त ने चीन के इतिहास में एक अहम केन्द्रीय भूमिका निभाई है। चीनी सभ्यता यहीं पीली नदी के अंतिम भाग में जन्मी थी। यह चीन में ताओ धर्म, बौद्ध धर्म और कुन्फ़्यूशियसी धर्म के लिए एक अति-महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक भूमि रही है। शानदोंग का ताई पर्वत ताओ धर्म के सबसे पवित्र तीर्थों में से एक है और यहाँ ३,००० से पूजा चलती आ रही है। प्रान्त की राजधानी जीनान से दक्षिण में चीन के सबसे पुराने बौद्ध स्थल हैं। चूफ़ू शहर कनफ़्यूशियस का जन्मस्थान है। उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम जाने वाले बहुत से मार्गों पर स्थित होने से शानदोंग आर्थिक नज़रिए से हमेशा केन्द्रीय रहा है। १९वीं सदी में शुरू हुई राजनैतिक अस्थिरता और आर्थिक मुश्किलों के बाद वर्तमान में शानदोंग प्रान्त चीन के सबसे विकसित और बड़ी आबादी वाले प्रान्तों में से एक है।, David Leffman, Martin Zatko, Penguin, 2011, ISBN 978-1-4053-8908-2 .

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श्रीलंका

श्रीलंका (आधिकारिक नाम श्रीलंका समाजवादी जनतांत्रिक गणराज्य) दक्षिण एशिया में हिन्द महासागर के उत्तरी भाग में स्थित एक द्वीपीय देश है। भारत के दक्षिण में स्थित इस देश की दूरी भारत से मात्र ३१ किलोमीटर है। १९७२ तक इसका नाम सीलोन (अंग्रेजी:Ceylon) था, जिसे १९७२ में बदलकर लंका तथा १९७८ में इसके आगे सम्मानसूचक शब्द "श्री" जोड़कर श्रीलंका कर दिया गया। श्रीलंका का सबसे बड़ा नगर कोलम्बो समुद्री परिवहन की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण बन्दरगाह है। .

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हान चीनी

चीन में विभिन्न जातियों का फैलाव - हान चीनी पूर्व की ओर गाढ़े ख़ाकी रंग में हैं हान चीनी (चीनी: 汉族, हानज़ू या हानरेन) चीन की एक जाति और समुदाय है। आबादी के हिसाब से यह विश्व की सब से बड़ी मानव जाति है। कुल मिलाकर दुनिया में १,३१,०१,५८,८५१ हान जाति के लोग हैं, यानी सन् २०१० में विश्व के लगभग २०% जीवित मनुष्य हान जाति के थे। चीन की जनसँख्या के ९२% लोग हान नसल के हैं। इसके अलावा हान लोग ताइवान में ९८% और सिंगापुर में ७८% होने के नाते उन देशों में भी बहुतायत में हैं। हज़ारों साल के इतिहास में बहुत सी अन्य जातियाँ और क़बीले समय के साथ हान जाति में मिलते चले गए जिस से वर्तमान हान समुदाय में बहुत सांस्कृतिक, सामाजिक और आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक) विविधताएँ हैं।, Nature Publishing Group, 2004 .

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ह्वेन त्सांग

ह्वेन त्सांग का एक चित्र ह्वेन त्सांग एक प्रसिद्ध चीनी बौद्ध भिक्षु था। वह हर्षवर्द्धन के शासन काल में भारत आया था। वह भारत में 15 वर्षों तक रहा। उसने अपनी पुस्तक सी-यू-की में अपनी यात्रा तथा तत्कालीन भारत का विवरण दिया है। उसके वर्णनों से हर्षकालीन भारत की सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक तथा सांस्कृतिक अवस्था का परिचय मिलता है। .

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जावा (द्वीप)

मेरबाबु पर्वत ज्वालामुखी जावा द्वीप इंडोनेशिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला द्वीप है। प्राचीन काल में इसका नाम यव द्वीप था और इसका वर्णन भारत के ग्रन्थों में बहुत आता है। यहां लगभग २००० वर्ष तक हिन्दू सभ्यता का प्रभुत्व रहा। अब भी यहां हिन्दुओं की बस्तियां कई स्थानों पर पाई जाती हैं। विशेषकर पूर्व जावा में मजापहित साम्राज्य के वंशज टेंगर लोग रहते हैं जो अब भी हिन्दू हैं। सुमेरू पर्वत और ब्रोमो पर्वत पूर्व जावा में यहां की और पूरे इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता (संस्कृत: जयकर्त) है। बोरोबुदुर और प्रमबनन मन्दिर यहां स्थित हैं। .

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जिन राजवंश

२८० ईसवी में चीन में जिन राजवंश के साम्राज्य (पीले रंग में) का नक़्शा जिन राजवंश (चीनी: 晉朝, जिन चाओ; अंग्रेज़ी: Jin Dynasty) प्राचीन चीन का एक राजवंश था जिसने चीन में २६५ ईसापूर्व से ४२० ईसवी तक राज किया। जिन काल से पहले चीन में तीन राजशाहियों का दौर था जो २२० ई से २६५ ई तक चला और जिसके अंत में सीमा यान (司馬炎, Sima Yan) ने पहले साओ वेई राज्य पर क़ब्ज़ा किया और फिर पूर्वी वू राज्य पर आक्रमण कर के उसे अपने अधीन कर लिया। फिर उन्होंने अपना नाम बदलकर सम्राट वू (晉武帝, Wu of Jin) रख लिया और चीन के नए जिन राजवंश की घोषणा कर दी। जिन राजकाल को दो हिस्सों में बांटा जाता है। पहला भाग पश्चिमी जिन (西晉, Western Jin, २६५ ई - ३१६ ई) कहलाता है और सीमा यान द्वारा लुओयांग को राजधानी बनाने से आरम्भ होता है। दूसरा भाग पूर्वी जिन (東晉, Eastern Jin, ३१७ ई - ४२० ई) कहलाता है और सीमा रुई (司馬睿, Sima Rui) द्वारा जिआनकांग को राजधानी बनाकर वंश आगे चलाने से आरम्भ होता है। जिन काल के ख़त्म होने के बाद चीन में उत्तरी और दक्षिणी राजवंश (४२० ई – ५८९ ई) का काल आया। ध्यान दीजिये कि चीन में १११५ ई से १२३४ ई तक भी एक जिन राजवंश चला था लेकिन इन दोनों राजवंशों का एक दुसरे से कोई लेना देना नहीं।, City University of HK Press, 2007, ISBN 978-962-937-140-1,...

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विनयपिटक

विनय पिटक एक बौद्ध ग्रंथ है। यह उन तीन ग्रंथों में से एक है जो त्रिपिटक बनाते है। इस ग्रंथ का प्रमुख विषय विहार के भिक्षु, भिक्षुणी आदि है। विनय पिटक का शाब्दिक अर्थ "अनुशासन की टोकरी" है। बौद्ध धर्म में भिक्षु और भिक्षुणी के रूप मे प्रवेश करने वाले शिष्य (अनुयायी) के आचरण व्यवस्थित करने के निमित्त निर्मित अनुशासन के नियमों को विनय कहते है। अतः विनय पिटक विनय से संबन्धित नियमों का व्यवस्थित संग्रह है। .

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गुप्त राजवंश

गुप्त राज्य लगभग ५०० ई इस काल की अजन्ता चित्रकला गुप्त राजवंश या गुप्त वंश प्राचीन भारत के प्रमुख राजवंशों में से एक था। मौर्य वंश के पतन के बाद दीर्घकाल तक भारत में राजनीतिक एकता स्थापित नहीं रही। कुषाण एवं सातवाहनों ने राजनीतिक एकता लाने का प्रयास किया। मौर्योत्तर काल के उपरान्त तीसरी शताब्दी इ. में तीन राजवंशो का उदय हुआ जिसमें मध्य भारत में नाग शक्‍ति, दक्षिण में बाकाटक तथा पूर्वी में गुप्त वंश प्रमुख हैं। मौर्य वंश के पतन के पश्चात नष्ट हुई राजनीतिक एकता को पुनस्थापित करने का श्रेय गुप्त वंश को है। गुप्त साम्राज्य की नींव तीसरी शताब्दी के चौथे दशक में तथा उत्थान चौथी शताब्दी की शुरुआत में हुआ। गुप्त वंश का प्रारम्भिक राज्य आधुनिक उत्तर प्रदेश और बिहार में था। गुप्त वंश पर सबसे ज्यादा रिसर्च करने वाले इतिहासकार डॉ जयसवाल ने इन्हें जाट बताया है।इसके अलावा तेजराम शर्माhttps://books.google.co.in/books?id.

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गौतम बुद्ध

गौतम बुद्ध (जन्म 563 ईसा पूर्व – निर्वाण 483 ईसा पूर्व) एक श्रमण थे जिनकी शिक्षाओं पर बौद्ध धर्म का प्रचलन हुआ। उनका जन्म लुंबिनी में 563 ईसा पूर्व इक्ष्वाकु वंशीय क्षत्रिय शाक्य कुल के राजा शुद्धोधन के घर में हुआ था। उनकी माँ का नाम महामाया था जो कोलीय वंश से थी जिनका इनके जन्म के सात दिन बाद निधन हुआ, उनका पालन महारानी की छोटी सगी बहन महाप्रजापती गौतमी ने किया। सिद्धार्थ विवाहोपरांत एक मात्र प्रथम नवजात शिशु राहुल और पत्नी यशोधरा को त्यागकर संसार को जरा, मरण, दुखों से मुक्ति दिलाने के मार्ग की तलाश एवं सत्य दिव्य ज्ञान खोज में रात में राजपाठ छोड़कर जंगल चले गए। वर्षों की कठोर साधना के पश्चात बोध गया (बिहार) में बोधि वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे सिद्धार्थ गौतम से बुद्ध बन गए। .

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इंडोनेशिया

इंडोनेशिया गणराज्य (दीपान्तर गणराज्य) दक्षिण पूर्व एशिया और ओशिनिया में स्थित एक देश है। १७५०८ द्वीपों वाले इस देश की जनसंख्या लगभग 26 करोड़ है, यह दुनिया का तीसरा सबसे अधिक आबादी और दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी बौद्ध आबादी वाला देश है। देश की राजधानी जकार्ता है। देश की जमीनी सीमा पापुआ न्यू गिनी, पूर्वी तिमोर और मलेशिया के साथ मिलती है, जबकि अन्य पड़ोसी देशों सिंगापुर, फिलीपींस, ऑस्ट्रेलिया और भारत का अंडमान और निकोबार द्वीप समूह क्षेत्र शामिल है। .

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अझ़दहा

ताइवान के लॉन्गशान मंदिर के ऊपर अझ़दहे की आकृति बीजिंग की "नौ अझ़दहों की दीवार" पर शाही अझ़दहों की आकृतियाँ (जिनके पंजों में पाँच नाखून होते हैं) इटली के रेजियो कालाब्रिया राष्ट्रीय संग्राहलय की दीवार पर पच्चीकारी से बनी एक अझ़दहे की आकृति भारत के मणिपुर राज्य में पोउबी लइ पफल की प्रतिमा, जो पाखंगबा नामक अझ़दहा-रूपी देवता का एक रूप हैं अझ़दहा, अज़दहा, अजदहा या ड्रैगन एक काल्पनिक जीव है जिसमें सर्प की प्रकृति के बहुत से तत्व थे और कुछ संस्कृतियों में उड़ने और मुंह से आग उगलने की क्षमता भी थी। यह दुनिया की कई संस्कृतियों के मिथकों में पाया जाता है। कभी-कभी इस जीव को अजगर भी बुलाया जाता है, हालांकि यह थोड़ा सा ग़लत है क्योंकि "अजगर" उस सर्प का हिंदी नाम है जिसे अंग्रेज़ी में "पायथन" (python) कहते हैं। .

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

फाहियान, फाह्यान, फाह्वान

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