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प्रसरण

सूची प्रसरण

प्रसारण (broadcasting) से भ्रमित न हों। ----- प्रायिकता और सांख्यिकी के सन्दर्भ में प्रसरण (variance) वह माप है जो दर्शाती है कि दिये गये आंकड़े (संख्यायेँ) कितने बिखरे हुए है। यदि सभी आंकड़े समान हों तो प्रसरण का मान शून्य होगा। प्रसरण का मान कम हो तो यह इंगित करता है कि सभी आंकड़े माध्य के बहुत पास हैं। .

8 संबंधों: प्रसारण, प्रायिकता, माध्य, मानक विचलन, समान्तर माध्य, सहप्रसरण, सांख्यिकी, उच्चारण

प्रसारण

श्रब्य और/अथवा विडियो संकेतों को एक स्थान से सभी दिशाओं में, या किसी एक दिशा में फैलाना प्रसारण (Broadcasting) कहलाता है। दूरस्थ स्थानों पर इन संकेतों को उपयुक्त विधि से ग्रहण किया जाता है एवं आवश्यक परिवर्तनों (प्रवर्धन, डीमोडुलेशन आदि) के बाद कोई श्रब्य या विडियो आदि प्राप्त होता है। .

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प्रायिकता

किसी घटना के होने की सम्भावना (likelihood or chance) को प्रायिकता या संभाव्यता (Probability) कहते हैं। सांख्यिकी, गणित, विज्ञान, दर्शनशास्त्र आदि क्षेत्रों में इसका बहुतायत से प्रयोग होता है। .

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माध्य

गणित में माध्य (mean) के अनेक परिभाषायें है, जो सन्दर्भ पर निर्भर करतीं हैं। .

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मानक विचलन

एक डाटा सेट जिसका मध्यमान 50 (नीले रंग में प्रदर्शित) और मानक विचलन (σ) 20 है। एक सामान्य वितरण (या घंटी वक्र) का एक भूखंडप्रत्येक रंग की पट्टी की चौड़ाई एक मानक विचलन है। प्रायिकता सिद्धांत और सांख्यिकी में, किसी सांख्यिकीय जनसंख्या, डाटा सेट या प्रायिकता वितरण के प्रसरण के वर्गमूल को मानक विचलन (स्टैण्डर्ड देविएशन) कहते हैं। मानक विचलन, व्यापक रूप से प्रयोग होने वाला एक मापदंड है प्रकीर्णन की माप करता है कि आंकड़े कितने 'फैले हुए' हैं। मानक विचलन बीजगणित की दृष्टि से अधिक सुविधाजनक है यद्यपि व्यावहारिक रूप से प्रत्याशित विचलन या औसत निरपेक्ष विचलन की तुलना में यह कम सुदृढ़ होता है। इससे पता चलता है कि यहां "औसत" (मध्यमान) से कितनी भिन्नता है। इसे वितरण के मध्यमान से अंकों के औसत अंतर के रूप में माना जा सकता है कि वे मध्यमान से कितनी दूर हैं। एक निम्न मानक विचलन इंगित करता है कि डाटा के अंक मध्यमान के बहुत समीप होते हैं जबकि उच्च मानक विचलन इंगित करता है कि डाटा, मानों की एक बहुत बड़ी श्रेणी पर फैला हुआ है। उदाहरण के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका में वयस्क पुरुषों की औसत ऊंचाई है और इसके साथ ही साथ इनका मानक विचलन लगभग है। इसका मतलब है कि अधिकांश पुरुषों (एक सामान्य वितरण की कल्पना के आधार पर लगभग 68 प्रतिशत) की ऊंचाई मध्यमान के के भीतर – एक मानक विचलन है जबकि लगभग सभी पुरुषों (लगभग 95%) की ऊंचाई मध्यमान के के भीतर – 2 मानक विचलन है। यदि मानक विचलन शून्य होता, तो सभी पुरुष वास्तव में ऊंचे होते.

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समान्तर माध्य

गणित एवं सांख्यिकी में समान्तर माध्य (arithmetic mean) नमूने के आंकड़ों की केन्द्रीय प्रवृत्ति (central tendency) की एक गणितीय माप है। इसे प्रायः 'औसत' (average) या 'माध्य' (mean) ही कहते हैं। किन्तु जब इसे दूसरे प्रकार के माध्यों (जैसे ज्यामितीय माध्य या हरात्मक माध्य) से अलग करते हुए देखना हो तो इसे 'समान्तर माध्य' कहते हैं। गणित एवं सांख्यिकी के अलावा समान्तर माध्य का अर्थनीति, समाजशास्त्र, इतिहास आदि में प्रायः देखने को मिलता है। उदाहरण- .

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सहप्रसरण

प्रायिकता सिद्धान्त तथा सांख्यिकी में सहप्रसरण (covariance) वह माप है जो जो बताती है कि दो यादृच्छ चरों का परिवर्तन परस्पर कितना सम्बन्धित है। यदि एक चर का मान बड़ा होने पर दूसरे चर का मान भी बड़ा होता है और पहले चर का मान छोटा होने पर दूसरे का मान भी छोटा होता है तो सहप्रसरण धनात्मक होता है। यदि स्थिति इसके उल्टी है तो सहप्रसरण का मान ऋणात्मक होता है। किन्तु सहप्रसरण के मान का अर्थ निकालना सरल नहीं है। .

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सांख्यिकी

एक ग्राफ जिसमें सामान्य वितरण (Normal distribution) प्रदर्शित है। सांख्यिकी, गणित की वह शाखा है जिसमें आँकड़ों का संग्रहण, प्रदर्शन, वर्गीकरण और उसके गुणों का आकलन का अध्ययन किया जाता है। सांख्यिकी एक गणितीय विज्ञान है जिसमें किसी वस्तु/अवयव/तंत्र/समुदाय से सम्बन्धित आकड़ों का संग्रह, विश्लेषण, व्याख्या या स्पष्टीकरण और प्रस्तुति की जाती है। यह विभिन्न क्षेत्रों में लागू है - अकादमिक अनुशासन (academic disciplines), इस से प्राकृतिक विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, मानविकी, सरकार और व्यापार आदि। सांख्यिकीय तरीकों को डेटा के संग्रह के संग्रहण अथवा वर्णन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे वर्णनात्मक सांख्यिकी (descriptive statistics) कहा जाता है। इसके अतिरिक्त, डेटा में पैटर्न को इस तरह से मॉडल किया जा सकता है कि वह निष्कर्षों की यादृच्छिकता और अनिश्चितता का कारण बने और फिर इस प्रक्रिया को उस विधि, या जिस जनसंख्या का अध्ययन किया जा रहा हो, उसके बारे में अनुमान लगाने के लिए किया जाता है। इसे अनुमानित सांख्यिकी (inferential statistics) कहा जाता है। वर्णनात्मक तथा अनुमानित सांख्यिकी, दोनों में व्यावहारिक सांख्यिकी सम्मिलित है। एक और विद्या है - गणितीय सांख्यिकी (mathematical statistics), जो विषय के सैद्धान्तिक आधार से सम्बन्ध रखती है। आप किरण किसी श्रेणी में पदों के बेकरार को प्रदर्शित करता है जबकि विषमता का संबंध उसकी आकृति की विशिष्टताओं से होता है अन्य शब्दों में अवकरण हमें श्रेणी की संरचना के बारे में बताता है जबकि विषमता हमें वक्र की आकृति के बारे में बताता है अपकिरण हमें श्रेणी के पदों के मानक रूप में स्वीकृत अन्य किसी पद के व्यक्तिगत अंतरों की ओर संकेत करता है विषमता विचलनों की दशा की ओर संकेत करता है अब करण द्वितीय श्रेणी के माध्यम पर आधारित है .

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उच्चारण

1. नासिका (नाक); 2. ओष्ठ (ओठ); 3. दन्त; 4. तालु; 5. जिस प्रकार से कोई शब्द बोला जाता है; या कोई भाषा बोली जाती है; या कोई व्यक्ति किसी शब्द को बोलता है; उसे उसका उच्चारण (pronunciation)" कहते हैं। भाषाविज्ञान में उच्चारण के शास्त्रीय अध्ययन को ध्वनिविज्ञान की संज्ञा दी जाती है। भाषा के उच्चारण की ओर तभी ध्यान जाता है जब उसमें कोई असाधारणता होती है, जैसे.

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