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लोलक

सूची लोलक

"सरल गुरुत्वीय लोलक" शून्य वायु-घर्षण एवं प्रतिरोध मानकर किसी खूंटी से लटके ऐसे भार को लोलक (pendulum) कहते हैं जो स्वतंत्रतापूर्वक आगे-पीछे झूल सकता हो। झूला इसका एक व्यावहारिक उदाहरण है। .

11 संबंधों: चुम्बकीय लोलक, झूला, द्विक लोलक, फूको का लोलक, लोलक, लोलक (गणित), लोलक घड़ी, सरल आवर्त गति, सैकेन्डी लोलक, गुरुत्वजनित त्वरण, आवृत्ति

चुम्बकीय लोलक

चुम्बकीय लोलक चुम्बकीय लोलक (magnetic pendulum) वह दोलक है जिसमें धागे से लटका धातु (लोहा) का लोलक कई चुम्बकों के चुम्बकीय क्षेत्र तथा गुरुत्वीय क्षेत्र के अधीन गति करता है। लोलक के धागे की लम्बाई इतनी रखी जाती है कि वह किसी भी चुम्बक को न छू सके। इसमें लोलक की गति गुरुत्वीय क्षेत्र तथा चुम्बकों के चुम्बकीय क्षेत्र - दोनों से निर्धारित होता है। यद्यपि इस प्रयोग में लोलक की गति 'अनियमित' दिखती है फिर भी यह 'डिटर्मिनिस्टिक' है। यह गति आरम्भिक स्थितियों (starting conditions) पर निर्भर करती है। इस गति को 'डिटर्मिनिस्टिक केओस' (deterministic chaos) कहा गया है। श्रेणी:लोलक.

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झूला

झूला उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध लोक नृत्य है। श्रेणी:उत्तर प्रदेश के लोक नृत्य.

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द्विक लोलक

द्विक लोलक गणित और भौतिकी में द्विक लोलक (double pendulum) वह लोलक है जिसमें एक लोलक के साथ दूसरा लोलक भी जुड़ा होता है। यह एक सरल भौतिक निकाय है किन्तु इसकी गतिकी (डाइनेमिक्स) बहुत सम्पन्न है। श्रेणी:लोलक.

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फूको का लोलक

फूको के लोलक का एनिमेशन पेरिस (48°52' उत्तर) के पेन्थिओं में फूको के लोलक का एनिमेशन, इसमें पृथ्वी के चक्रण गति को अत्यधिक बढ़ा कर लिया गया है। '''हरा मार्ग''' (ट्रेस) पृथ्वी के ऊपर लोलक के पथ को दर्शा रहा है (घूमते हुए रिफरेंस फ्रेम में), '''नीला मार्ग''' लोलक के तल के साथ-साथ घूम रहे रिफरेंस फ्रेम में लोलक के मार्ग को दर्शा रहा है। पेरिस के पेन्थिओं में स्थित फूको का लोलक फूको का लोलक (Foucault pendulum) धरती के अपनी धुरी पर घूमने की क्रिया को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से निर्मित एक सरल प्रायोगिक युक्ति है। इसका नाम फ्रांसीसी भौतिकशास्त्री लिओं फूको (Léon Foucault) के नाम पर पड़ा है। फूको ने इस लोलक का निर्माण १८५१ में किया था। श्रेणी:लोलक.

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लोलक

"सरल गुरुत्वीय लोलक" शून्य वायु-घर्षण एवं प्रतिरोध मानकर किसी खूंटी से लटके ऐसे भार को लोलक (pendulum) कहते हैं जो स्वतंत्रतापूर्वक आगे-पीछे झूल सकता हो। झूला इसका एक व्यावहारिक उदाहरण है। .

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लोलक (गणित)

गणित में लोलक की गति का विस्तृत और बिना किसी सरलीकरण के अध्ययन किया जा सकता है। .

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लोलक घड़ी

साधारण लोलक घडी लोलक घड़ी (pendulum clock) वह घड़ी है जिसमें समय प्रदर्शित करने वाली प्रणाली का चालन एक लोलक की सहायता से होता है। इसका आविष्कार सन १६५६ में क्रिश्चियन हाइगेंस ने किया था। तब से आरम्भ करके लगभग १९३० तक यह संसार की सर्वाधिक शुद्ध समयदर्शी तंत्र था। आजकल इन्हें सजावटी सामान एवं पुरातन सामान के रूप में प्रयोग किया जाता है। लोलक घड़ी वस्तुतः एक अनुनादी युक्ति है जो अपनी लम्बाई के अनुसार एक निश्चित दर से दोलन करती है तथा किसी अन्य दर से दोलन का विरोध करती है। किन्तु यह स्थिर अवस्था में कार्य करने के लिये ही उपयुक्त है। किसी गतिशील एवं त्वरित होने वाली चीज में यह सही समय नहीं बता पायेगी। पेंडुलम घडी की कार्यविधि .

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सरल आवर्त गति

घर्षणरहित फर्श पर स्प्रिंग से जुड़े द्रव्यमान की गति 'सरल आवर्त गति' है। भौतिकी में सरल आवर्त गति (simple harmonic motion / SHM) उस गति को कहते हैं जिसमें वस्तु जिस बल के अन्तर्गत गति करती है उसकी दिशा सदा विस्थापन के विपरीत एवं परिमाण विस्थापन के समानुपाती होता है। उदाहरण - किसी स्प्रिंग से लटके द्रव्यमान की गति, किसी सरल लोलक की गति, किसी घर्षणरहित क्षैतिज तल पर किसी स्प्रिंग से बंधे द्रव्यमान की गति आदि। .

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सैकेन्डी लोलक

सैकेण्डी लोलक सैकेन्डी लोलक (seconds pendulum) वह लोलक है जिसका आवर्तकाल ठीक-ठीक २ सेकेण्ड होता है। अतः इसकी आवृत्ति १/२ हर्ट्ज होती है। .

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गुरुत्वजनित त्वरण

गुरुत्वजनित त्वरण या गुरुत्वीय त्वरण (acceleration due to gravity) निम्नलिखित तीन अर्थों में प्रयुक्त होता है-.

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आवृत्ति

विभिन्न आवृतियों की तरंगें कोई आवृत घटना (बार-बार दोहराई जाने वाली घटना), इकाई समय में जितनी बार घटित होती है उसे उस घटना की आवृत्ति (frequency) कहते हैं। आवृति को किसी साइनाकार (sinusoidal) तरंग के कला (phase) परिवर्तन की दर के रूप में भी समझ सकते हैं। आवृति की इकाई हर्त्ज (साकल्स प्रति सेकण्ड) होती है। एक कम्पन पूरा करने में जितना समय लगता है उसे आवर्त काल (Time Period) कहते हैं। आवर्त काल .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

पैंडुलम, पेंडुलम, सरल लोलक

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