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पेट्रोलियम जेली

सूची पेट्रोलियम जेली

पेट्रोलियम जेली पेट्रोलियम जेली (Petroleum jelly) हाइड्रोकार्बनों का एक अर्ध-ठोस मिश्रण है जो अपने घाव ठीक करने के गुण के कारण मरहम के रूप में प्रयुक्त किया जाता है। इसे सफेद पेट्रोलियम, कोमल पैराफिन, बहु-हाइड्रोकार्बन भी कहते हैं। इसका CAS नम्बर 8009-03-8 है। इसमें मौजूद हाइड्रोकार्बनों में प्रायः कार्बन संख्या २५ से अधिक होती है। .

8 संबंधों: हाइड्रोकार्बन, जल, घनत्व, वाष्प दाब, विलेयता, गलनांक, आर्द्रकर, क्वथनांक

हाइड्रोकार्बन

मिथेन एक प्रमुख हाइड्रोकार्बन है। इसके अणु का त्रि-बिमीय 'बाल ऐण्ड स्टिक मॉडल' हाइड्रोकार्बन कार्बनिक यौगिक होते हैं जो हाइड्रोजन और कार्बन के परमाणुओं से मिलकर बने होते हैं। इनका मुख्य स्रोत भूतैल है। प्राकृतिक गैस में भी केवल हाइड्रोकार्बन पाए जाते हैं। हाइड्रोकार्बन संतृप्त तथा असंतृप्त दो प्रकार के होते हैं। .

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जल

जल या पानी एक आम रासायनिक पदार्थ है जिसका अणु दो हाइड्रोजन परमाणु और एक ऑक्सीजन परमाणु से बना है - H2O। यह सारे प्राणियों के जीवन का आधार है। आमतौर पर जल शब्द का प्प्रयोग द्रव अवस्था के लिए उपयोग में लाया जाता है पर यह ठोस अवस्था (बर्फ) और गैसीय अवस्था (भाप या जल वाष्प) में भी पाया जाता है। पानी जल-आत्मीय सतहों पर तरल-क्रिस्टल के रूप में भी पाया जाता है। पृथ्वी का लगभग 71% सतह को 1.460 पीटा टन (पीटी) (1021 किलोग्राम) जल से आच्छदित है जो अधिकतर महासागरों और अन्य बड़े जल निकायों का हिस्सा होता है इसके अतिरिक्त, 1.6% भूमिगत जल एक्वीफर और 0.001% जल वाष्प और बादल (इनका गठन हवा में जल के निलंबित ठोस और द्रव कणों से होता है) के रूप में पाया जाता है। खारे जल के महासागरों में पृथ्वी का कुल 97%, हिमनदों और ध्रुवीय बर्फ चोटिओं में 2.4% और अन्य स्रोतों जैसे नदियों, झीलों और तालाबों में 0.6% जल पाया जाता है। पृथ्वी पर जल की एक बहुत छोटी मात्रा, पानी की टंकिओं, जैविक निकायों, विनिर्मित उत्पादों के भीतर और खाद्य भंडार में निहित है। बर्फीली चोटिओं, हिमनद, एक्वीफर या झीलों का जल कई बार धरती पर जीवन के लिए साफ जल उपलब्ध कराता है। जल लगातार एक चक्र में घूमता रहता है जिसे जलचक्र कहते है, इसमे वाष्पीकरण या ट्रांस्पिरेशन, वर्षा और बह कर सागर में पहुॅचना शामिल है। हवा जल वाष्प को स्थल के ऊपर उसी दर से उड़ा ले जाती है जिस गति से यह बहकर सागर में पहँचता है लगभग 36 Tt (1012किलोग्राम) प्रति वर्ष। भूमि पर 107 Tt वर्षा के अलावा, वाष्पीकरण 71 Tt प्रति वर्ष का अतिरिक्त योगदान देता है। साफ और ताजा पेयजल मानवीय और अन्य जीवन के लिए आवश्यक है, लेकिन दुनिया के कई भागों में खासकर विकासशील देशों में भयंकर जलसंकट है और अनुमान है कि 2025 तक विश्व की आधी जनसंख्या इस जलसंकट से दो-चार होगी।.

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घनत्व

भौतिकी में किसी पदार्थ के इकाई आयतन में निहित द्रव्यमान को उस पदार्थ का घनत्व (डेंसिटी) कहते हैं। इसे ρ या d से निरूपित करते हैं। अर्थात अतः घनत्व किसी पदार्थ के घनेपन की माप है। यह इंगित करता है कि कोई पदार्थ कितनी अच्छी तरह सजाया हुआ है। इसकी इकाई किग्रा प्रति घन मीटर होती है। .

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वाष्प दाब

वाष्प दाब या साम्यावस्था वाष्प दाब, एक वाष्प जो उसके गैर वाष्प चरण के साथ साम्यावस्था मे हो, का दाब होता है। सभी द्रवों और ठोसों की अपनी अवस्था से गैस अवस्था और हर गैस की अपनी अवस्था से वापस मूल अवस्था (द्रव या ठोस अवस्था) में संधनित होने की प्रवृति होती है। किसी विशेष वस्तु के लिए, किसी दिए गये ताप पर एक नियत दाब होता है जिस पर उस वस्तु की गैस अवस्था उसकी द्रव या ठोस अवस्था के साथ गतिज साम्यावस्था मे होती है, यह दाब उस वस्तु का उस ताप पर वाष्प दाब होता है। साम्यावस्था वाष्प दाब, किसी द्रव की वाष्पीकरण की दर को इंगित करता है। यह कणों किसी द्रव (या एक ठोस) से पलायन करने की प्रवृत्ति से संबंधित है। सामान्य तापमान पर एक उच्च वाष्प दाब वाले पदार्थ को अक्सर वाष्पशील पदार्थ कहा जाता है। श्रेणी:मौसम विज्ञान श्रेणी:जलवायु विज्ञान.

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विलेयता

ताप के साथ कुछ लवणों की जल में विलेयता किसी रसायन या यौगिक की किसी द्रव्य में घुल जाने की क्षमता को विलेयता या घुलनशीलता (Solubility) कहते हैं। जो पदार्थ घुलता है उसे 'विलेय' कहते हैं, जिसमें गोला जाता है उसे 'विलायक' कहते हैं, विलेय को विलायक में घोलने से 'विलयन' प्राप्त होता है। विलेय पदार्थ ठोस, द्रव या गैस कुछ भी हो सकती है। इसी प्रकार विलायक भी ठोस, द्रव या गैस कुछ भी हो हो सकता है। किसी विलायक में विलेय की कितनी मात्रा घोली जा सकती है उसे ही विलेय की विलेयता (Solubility) कहते हैं। किसी विलेय की विलेयता मूल रूप से विलेय और विलायक के भौतिक एवं रासायनिक गुणों पर तो निर्भर करता ही है, इसके अलावा विलयन के ताप, दाब एवं पीएच (pH) पर भी निर्भर करता है। किसी विलायक में कोई विलेय मिलाने पर एक सीमा के बाद विलयन का सान्द्रण नहीं बढ़ता बल्कि विलेय की अतिरिक्त मात्रा अवक्षेपित (precipitate) होने लगती है। .

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गलनांक

किसी ठोस पदार्थ का गलनांक (या द्रवणांक (melting point) वह तापमान होता है जिस पर वह अपनी ठोस अवस्था से पिघलकर द्रव अवस्था में पहुँच जाता है। गलनांक पर ठोस और द्रव प्रावस्था साम्यावथा में होती हैं। जब किसी पदार्थ की अवस्था द्रव से ठोस अवस्था में परिवर्तित होती है तो जिस तापमान पर यह होता है उस तापमान को हिमांक (freezing point) कहा जाता है। कई पदार्थों में परमशीतल होने की क्षमता होती है, इसलिए हिमांक को किसी पदार्थ की एक विशेष गुण नहीं माना जाता है। इसके विपरीत जब कोई ठोस एक निश्चित तापमान पर ठोस से द्रव अवस्था ग्रहण करता है वह तापमान उस ठोस का गलनांक कहलाता है। .

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आर्द्रकर

श्वेत आर्द्रक आर्द्रकर (Moisturizers या emollients) कई रसायनों को मिश्रित करके निर्मित ऐसे पदार्थ हैं जो त्वचा की बाहरी परतों (epidermis) को नरम बनाये रखने में सहायक होते हैं। वाष्पन द्वारा त्वचा से होने वाले जल की हानि को रोककर वे त्वचा में जल की मात्रा को कम नहीं होने देते। बाजार में मिलने वाले आर्द्रकरों में प्राकृतिक लिपिड और स्टेरॉल के साथ-साथ कृत्रिम अथवा प्राकृतिक तेल, आर्द्रक (humectants) तथा स्नेहक आदि मिश्रित होते हैं। इन्हें घर पर भी बनाया जा सकता है। .

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क्वथनांक

किसी द्रव का क्वथनांक वह ताप है जिसपर द्रव के भीतर वाष्प दाब, द्रव की सतह पर आरोपित वायुमंडलीय दाब के बराबर होता है। यह वायुदाब के साथ परिवर्तित होता है और वायुदाब के बढ़ने पर द्रव के क्वथन हेतु अधिक उच्च ताप की आवश्यकता होती है। .

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