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पृथ्वी एयर डिफेंस

सूची पृथ्वी एयर डिफेंस

पृथ्वी एयर डिफेंस या प्रद्युम्न बैलिस्टिक मिसाइल इंटरसेप्टर (Prithvi Air Defence या Pradyumna Ballistic Missile Interceptor) वायुमंडल के बाहर आने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों को अवरोधन करने के लिए विकसित एक एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल है। यह पृथ्वी मिसाइल के आधार पर बनायीं गयी है। .

5 संबंधों: ट्रांसपोर्टर निर्माता लांचर, एडवांस एयर डिफेंस, पृथ्वी प्रक्षेपास्त्र, भारतीय बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा कार्यक्रम, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन

ट्रांसपोर्टर निर्माता लांचर

ट्रांसपोर्टर निर्माता लांचर या टैल(transporter erector launcher या TEL) एक एकीकृत मिसाइल वाहन है। ऐसे वाहन दोनों सतह से हवा में मिसाइल और सतह से सतह मिसाइल के लिए मौजूद हैं। इन वाहन के द्वारा मिसाइल को लांच किया जाता है। .

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एडवांस एयर डिफेंस

एडवांस एयर डिफेंस या अश्विन बैलिस्टिक मिसाइल इंटरसेप्टर (Advanced Air Defence या Ashwin Ballistic Missile Interceptor) 30 किमी (19 मील) की ऊंचाई पर इंडो-वायुमंडल में आने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों अवरोधन करने के लिए बनायीं गयी एक एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल है। एएडी एकल-चरण, ठोस-इंधन वाला मिसाइल है। इसकी मार्गदर्शन प्रणाली पृथ्वी एयर डिफेंस के समान है: इसमें जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली, जमीन के आधार पर रडार से मिडस्केस अद्यतन और टर्मिनल चरण में सक्रिय रडार आदि है। यह मिसाइल 7.5 मीटर (25 फीट) लंबा है, इसका वजन लगभग 1.2 टन और 0.5 मीटर (1 फीट 8 इंच) से कम का व्यास है। 6 दिसंबर 2007 को, एएडी ने सफलतापूर्वक एक संशोधित पृथ्वी-2 मिसाइल को अवरुद्ध कर दिया, जो दुश्मन देश की आने वाली बैलिस्टिक मिसाइल के लक्ष्य के रूप में अभिनय कर रही थी। एंडो-वायुमंडलीय अवरोध 15 किमी (9.3 मील) की ऊंचाई पर किया गया था। इंटरसेप्टर और सभी इसमे खरे उतरे। यह प्रक्षेपण दिल्ली में डीआरडीओ भवन के नियंत्रण कक्ष में एक वीडियो लिंक के माध्यम से दिखाया गया था। परीक्षण की घटनाओं का क्रम इस प्रकार था: सुबह 11 बजे पृथ्वी (मिसाइल) को चंडीपुर ओडिशा में एकीकृत टेस्ट रेंज (आईटीआर) के लांच कॉम्प्लेक्स 3 से लॉन्च किया गया था। कोनार्क,पारादीप में रडार ने मिसाइल का पता लगाया और लगातार इसे ट्रैक किया। आगे की प्रक्रिया के लिए लक्ष्य सूचना को मिशन नियंत्रण केंद्र पर भेजा गया था। मिशन नियंत्रण केंद्र ने लक्ष्य को वर्गीकृत किया, मिसाइल के प्रक्षेपवक्र की गणना की और चांदीपुर से 70 किमी (43 मील) समुद्र के पार अब्दुल कलाम द्वीप (व्हीलर द्वीप) पर स्थित एएडी बैटरी को लक्ष्य सौंपा। एएडी लॉन्च किया गया। जब पृथ्वी मिसाइल 110 किमी (68 मील) के एक दूरतम बिन्दु पर पहुंच गया। एडवांस एयर डिफेंस ने 15 किमी (9.3 मील) की ऊंचाई पर और 4 मेक की गति से पृथ्वी (मिसाइल) को प्रत्यक्ष हिट किया। रडार ने बड़ी संख्या में पटरियों का गठन किया, जिससे पता चलता है कि लक्ष्य कई टुकड़ों में टूट गया था। अर्थात एडवांस एयर डिफेंस मिसाइल ने पृथ्वी (मिसाइल) के टुकडे-टुकडे कर दिए थे। व्हीलर द्वीप पर स्थित थर्मल कैमरों ने थर्मल इमेजेस के माध्यम से सीधे हिट करने की चित्र दिखाए। भारत द्वारा किए गए दो सफल इंटरसेप्टर मिसाइल परीक्षणों के चलते। वैज्ञानिकों ने कहा है कि एडवांस एयर डिफेंस मिसाइल को एक नई विस्तारित सीमा (150 किमी (9 3 मील)) तक सतह से हवा वाली मिसाइल में संशोधित किया जा सकता है जिसका संभवतः 'अश्विन' नाम रखा जा सकता है। 15 मार्च 2010: सोमवार को ओडिशा तट से एडी इंटरसेप्टर मिसाइल परीक्षण निरस्त कर दिया गया था। चूंकि लक्ष्य मिसाइल अपने रास्ते से हट गई और समुद्र में गिर गई थी। एडी मिसाइल को समुद्र पर 15 से 20 किमी की ऊंचाई पर लक्ष्य को अवरुद्ध करना था। लक्ष्य पृथ्वी मिसाइल, सुबह 10:02 बजे चंडीपुर सागर में एकीकृत टेस्ट रेंज के लांच कॉम्प्लेक्स-3 के मोबाइल लांचर से लॉन्च किया गया था।11 किलोमीटर की यात्रा के बाद मिसाइल अपनी गति से विचलित हो गया और समुद्र में जा गिरा। इसे 15 किलोमीटर की यात्रा करनी थी। 26 जुलाई 2010: ओडिशा के पूर्वी तट से व्हीलर द्वीप पर एकीकृत टेस्ट रेंज (आईटीआर) से सफलतापूर्वक एएडी का परीक्षण किया गया। 6 मार्च 2011 को, भारत ने ओडिशा तट से अपनी स्वदेशी विकसित इंटरसेप्टर मिसाइल का लॉन्च किया। भारत ने अपने इंटरसेप्टर मिसाइल से सफलतापूर्वक परीक्षण किया, जिसने बंगाल की खाड़ी पर 16 किमी की ऊंचाई पर एक 'प्रतिकूल' लक्ष्य बैलिस्टिक मिसाइल, संशोधित पृथ्वी मिसाइल को नष्ट कर दिया। .

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पृथ्वी प्रक्षेपास्त्र

पृथ्वी प्रक्षेपास्त्र भारत द्वारा स्वदेशीय निर्मित, ज़मीन से ज़मीन पर मार करने वाला प्रक्षेपास्त्र है। श्रेणी:हथियार श्रेणी:भारत के प्रक्षेपास्त्र.

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भारतीय बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा कार्यक्रम

एडवांस्ड एयर डिफेंस (एएडी) मिसाइल लांच करते हुए भारतीय बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा कार्यक्रम (Indian Ballistic Missile Defence Programme) बैलिस्टिक मिसाइल हमलों से बचाने के लिए भारत द्वारा एक बहुस्तरीय बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली तैनात करने की एक पहल है। मुख्य रूप से पाकिस्तान की बैलिस्टिक मिसाइल खतरे को देखते हुए इसे शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत दो मिसाइल का निर्माण किया गया। ऊचाई की मिसाइल को मार गिराने के लिए पृथ्वी एयर डिफेंस तथा कम ऊचाई की मिसाइल को मार गिराने के लिए एडवांस एयर डिफेंस को विकसित किया गया है। यह दोनों मिसाइल 5000 किलोमीटर दूर से आ रही मिसाइल को मार गिरा सकती है। पृथ्वी एयर डिफेंस मिसाइल को नवंबर 2006 तथा एडवांस एयर डिफेंस को दिसंबर 2007 में टेस्ट किया गया था। पृथ्वी एयर डिफेंस मिसाइल के टेस्ट के साथ भारत एंटी बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट करने वाला अमेरिका, रूस तथा इजराइल के बाद दुनिया का चौथा देश बन गया। इस प्रणाली के टेस्ट अभी भी चल रहे और है आधिकारिक तौर पर इसे सेना में शामिल नहीं किया गया है। .

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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (अंग्रेज़ी:DRDO, डिफेंस रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट ऑर्गैनाइज़ेशन) भारत की रक्षा से जुड़े अनुसंधान कार्यों के लिये देश की अग्रणी संस्था है। यह संगठन भारतीय रक्षा मंत्रालय की एक आनुषांगिक ईकाई के रूप में काम करता है। इस संस्थान की स्थापना १९५८ में भारतीय थल सेना एवं रक्षा विज्ञान संस्थान के तकनीकी विभाग के रूप में की गयी थी। वर्तमान में संस्थान की अपनी इक्यावन प्रयोगशालाएँ हैं जो इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा उपकरण इत्यादि के क्षेत्र में अनुसंधान में रत हैं। पाँच हजार से अधिक वैज्ञानिक और पच्चीस हजार से भी अधिक तकनीकी कर्मचारी इस संस्था के संसाधन हैं। यहां राडार, प्रक्षेपास्त्र इत्यादि से संबंधित कई बड़ी परियोजनाएँ चल रही हैं। I love my India .

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