10 संबंधों: तना, तुला, पुष्प, प्रौद्योगिकी, रासायनिक यौगिक, शाखा, संग्रह, जनन, वनस्पति, वंश।
तना
एक पौधे का तना पौधे का वह भाग जो भुमि के ऊपर भ्रूण के प्रांकुर से विकसित होकर पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण के विपरीत प्रकाश की ओर बढ़ता है, तना कहलाता है। इससे शाखाएँ, पत्ते, फूल और फल उत्पन्न होते हैं। .
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तुला
पारम्परिक तराजू तुला या तराजू (balance), द्रव्यमान मापने का उपकरण है। भार की सदृशता का ज्ञान करानेवाले उपकरण को तुला कहते हैं। महत्वपूर्ण व्यापारिक उपकरण के रूप में इसका व्यवहार प्रागैतिहासिक सिंध में ईo पूo तीन सहस्राब्दी के पहले से ही प्रचलित था। प्राचीन तुला के जो भी उदाहरण यहाँ से मिलते हैं उनसे यही ज्ञात होता है कि उस समय तुला का उपयोग कीमती वस्तुओं के तौलने ही में होता था। पलड़े प्राय: दो होते थे, जिनमें तीन छेद बनाकर आज ही की तरह डोरियाँ निकाल कर डंडी से बाध दिए जाते थे। जिस डंडी में पलड़े झुलाए जाते थे वह काँसे की होती थी तथा पलड़े प्राय: ताँबे के होते थे। .
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पुष्प
flower bouquet) पर चित्रकारी रेशम पर स्याही और रंग, १२ वीं शताब्दी की अंत-अंत में और १३ वीं शताब्दी के प्रारम्भ में. पुष्प, अथवा फूल, जनन संरचना है जो पौधों में पाए जाते हैं। ये (मेग्नोलियोफाईटा प्रकार के पौधों में पाए जाते हैं, जिसे एग्नियो शुक्राणु भी कहा जाता है। एक फूल की जैविक क्रिया यह है कि वह पुरूष शुक्राणु और मादा बीजाणु के संघ के लिए मध्यस्तता करे। प्रक्रिया परागन से शुरू होती है, जिसका अनुसरण गर्भधारण से होता है, जो की बीज के निर्माण और विखराव/ विसर्जन में ख़त्म होता है। बड़े पौधों के लिए, बीज अगली पुश्त के मूल रूप में सेवा करते हैं, जिनसे एक प्रकार की विशेष प्रजाति दुसरे भूभागों में विसर्जित होती हैं। एक पौधे पर फूलों के जमाव को पुष्पण (inflorescence) कहा जाता है। फूल-पौधों के प्रजनन अवयव के साथ-साथ, फूलों को इंसानों/मनुष्यों ने सराहा है और इस्तेमाल भी किया है, खासकर अपने माहोल को सजाने के लिए और खाद्य के स्रोत के रूप में भी। .
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प्रौद्योगिकी
२०वीं सदी के मध्य तक मनुष्य ने तकनीक के प्रयोग से पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर निकलना सीख लिया था। एकीकृत परिपथ (IC) के आविष्कार ने कम्प्यूटर क्रान्ति को जन्म दिया । प्रौद्योगिकी, व्यावहारिक और औद्योगिक कलाओं और प्रयुक्त विज्ञानों से संबंधित अध्ययन या विज्ञान का समूह है। कई लोग तकनीकी और अभियान्त्रिकी शब्द एक दूसरे के लिये प्रयुक्त करते हैं। जो लोग प्रौद्योगिकी को व्यवसाय रूप में अपनाते है उन्हे अभियन्ता कहा जाता है। आदिकाल से मानव तकनीक का प्रयोग करता आ रहा है। आधुनिक सभ्यता के विकास में तकनीकी का बहुत बड़ा योगदान है। जो समाज या राष्ट्र तकनीकी रूप से सक्षम हैं वे सामरिक रूप से भी सबल होते हैं और देर-सबेर आर्थिक रूप से भी सबल बन जाते हैं। ऐसे में कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिये कि अभियांत्रिकी का आरम्भ सैनिक अभियांत्रिकी से ही हुआ। इसके बाद सडकें, घर, दुर्ग, पुल आदि के निर्माण सम्बन्धी आवश्यकताओं और समस्याओं को हल करने के लिये सिविल अभियांत्रिकी का प्रादुर्भाव हुआ। औद्योगिक क्रान्ति के साथ-साथ यांत्रिक तकनीकी आयी। इसके बाद वैद्युत अभियांत्रिकी, रासायनिक प्रौद्योगिकी तथा अन्य प्रौद्योगिकियाँ आयीं। वर्तमान समय कम्प्यूटर प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी का है। .
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रासायनिक यौगिक
दो या अधिक तत्व जब भार के अनुसार एक निश्चित अनुपात में रासायनिक बन्ध द्वारा जुड़कर जो पदार्थ बनाते हैं उसे रासायनिक यौगिक (chemical compound) कहते हैं। उदाहरण के लिये जल, साधारण नमक, गंधक का अम्ल आदि रासायनिक यौगिक हैं। .
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शाखा
पेड़ की शाखाएँ या टहनियाँ शाखा पेड़ का लकड़ी वाला वह भाग होता है जो कि तने से जुड़ा होता है लेकिन तने का भाग नहीं होता है। पेड़ के तने से कई शाखाएँ जुड़ी होती हैं। प्रत्येक शाखा की कई उप-शाखाएँ भी होती हैं और कई शाखाएँ तथा उप-शाखाएँ मिलकर एक जालनुमा छत बुनती हैं जिसकी वजह से पेड़ को उसकी छतरी मिलती है। इस अर्थ में शाखा को टहनी भी कहते हैं। शाखा किसी विषय विशेष के उप-भाग को भी कहते हैं। उदाहरण के लिए-भौतिकी विज्ञान की एक शाखा है। किसी मृग के दो प्रमुख सींगों से निकले छोटे-छोटे सींगों को भी शाखा कहते हैं। श्रेणी:पौधों के अंश श्रेणी:वनस्पति आकृति-विज्ञान.
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संग्रह
संग्रह .
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जनन
जनन (Reproduction) द्वारा कोई जीव (वनस्पति या प्राणी) अपने ही सदृश किसी दूसरे जीव को जन्म देकर अपनी जाति की वृद्धि करता है। जन्म देने की इस क्रिया को जनन कहते हैं। जनन जीवितों की विशेषता है। जीव की उत्पत्ति किसी पूर्ववर्ती जीवित जीव से ही होती है। निर्जीव पिंड से सजीव की उत्पत्ति नहीं देखी गई है। संभवत: विषाणु (Virus) इसके अपवाद हों (देखें, स्वयंजनन, Abiogenesis)। जनन के दो उद्देश्य होते हैं एक व्यक्तिविशेष का संरक्षण और दूसरा जाति की शृंखला बनाए रखना। दोनों का आधार पोषण है। पोषण से ही संरक्षण, वृद्धि और जनन होते हैं। जीवधारियों के अंतअंतहेलनस्पति और प्राणी दोनों आते हैं। दोनों में ही जैविक घटनाएँ घटित होती है। दोनों की जननविधियों में समानता है, पर सूक्ष्म विस्तार में अंतर अवश्य है। अत: उनका विचार अलग अलग किया जा रहा है। .
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वनस्पति
पेड़-पौधों या वनस्पतिलोक का अर्थ है, किसी क्षेत्र का वनस्पति जीवन या भूमि पर मौजूद पेड़-पौधे और इसका संबंध किसी विशिष्ट जाति, जीवन के ऱूप, रचना, स्थानिक प्रसार, या अन्य वानस्पतिक या भौगोलिक गुणों से नहीं है। यह शब्द फ्लोरा शब्द से कहीं अधिक बड़ा है जो विशेष रूप से जाति की संरचना से संबधित होता है। शायद सबसे करीबी पर्याय ''वनस्पति'' समाज है, लेकिन पेड़-पौधे शब्द स्थानिक पैमानों की विस्तृत श्रेणी से संबध रख सकता है, जिनमें समस्त विश्व की वनस्पति-संपदा समाविष्ट है। प्राचीन लाल लकड़ी के वन, तटीय सदाबहार वन, दलदल में जमने वाली काई, रेगिस्तानी मिट्टी की पर्तें, सड़क के किनारे उगने वाली घास, गेहूं के खेत, बाग-बगीचे-ये सभी पेड़-पौधों की परिभाषा में शामिल हैं। .
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वंश
Tutankhamun was a member of the Eighteenth dynasty of Egypt. किसी एक ही परिवार से एक के बाद एक शासन करने वाले व्यक्तियों को वंश (dynasty) कहते हैं। .
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