5 संबंधों: पुलिस, भारत में भ्रष्टाचार, भ्रष्टाचार (आचरण), मानवाधिकार, घूस।
पुलिस
अमेरिकी खुफिया पुलिस सेवा के अधिकारी पुलिस (अंग्रेजी: Police, शुद्ध हिन्दी: आरक्षी या आरक्षक) एक सुरक्षा बल होता है जिसका उपयोग किसी भी देश की अन्दरूनी नागरिक सुरक्षा के लिये ठीक उसी तरह से किया जाता है जिस प्रकार किसी देश की बाहरी अनैतिक गतिविधियों से रक्षा के लिये सेना का उपयोग किया जाता है। .
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भारत में भ्रष्टाचार
सन २०१५ में विश्व के विभिन्न भागों में भ्रष्टाचार का आकलन भारत में भ्रष्टाचार चर्चा और आन्दोलनों का एक प्रमुख विषय रहा है। आजादी के एक दशक बाद से ही भारत भ्रष्टाचार के दलदल में धंसा नजर आने लगा था और उस समय संसद में इस बात पर बहस भी होती थी। 21 दिसम्बर 1963 को भारत में भ्रष्टाचार के खात्मे पर संसद में हुई बहस में डॉ राममनोहर लोहिया ने जो भाषण दिया था वह आज भी प्रासंगिक है। उस वक्त डॉ लोहिया ने कहा था सिंहासन और व्यापार के बीच संबंध भारत में जितना दूषित, भ्रष्ट और बेईमान हो गया है उतना दुनिया के इतिहास में कहीं नहीं हुआ है। भ्रष्टाचार से देश की अर्थव्यवस्था और प्रत्येक व्यक्ति पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। भारत में राजनीतिक एवं नौकरशाही का भ्रष्टाचार बहुत ही व्यापक है। इसके अलावा न्यायपालिका, मीडिया, सेना, पुलिस आदि में भी भ्रष्टाचार व्याप्त है। .
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भ्रष्टाचार (आचरण)
ट्रान्सपैरेन्सी इण्टरनेशनल द्वारा निर्मित सन २०१४ का भ्रष्टाचार आंशंका सूचकांक सार्वजनिक जीवन में स्वीकृत मूल्यों के विरुद्ध आचरण को भ्रष्ट आचरण समझा जाता है (भ्रष्टाचार .
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मानवाधिकार
मानवाधिकार हर एक का हकदार होता है मानव अधिकारों से अभिप्राय "मौलिक अधिकारों एवं स्वतंत्रता से है जिसके सभी मानव प्राणी हकदार है। अधिकारों एवं स्वतंत्रताओं के उदाहरण के रूप में जिनकी गणना की जाती है, उनमें नागरिक और राजनैतिक अधिकार सम्मिलित हैं जैसे कि जीवन और आजाद रहने का अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और कानून के सामने समानता एवं आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों के साथ ही साथ सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने का अधिकार, भोजन का अधिकार काम करने का अधिकार एवं शिक्षा का अधिकार.
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घूस
जब किसी व्यक्ति को धन या कोई उपहार इसलिये दिया जाता हैं कि किसी मामले में धन प्राप्त करने वाले का व्यवहार अपने पक्ष में हो जाए, तो इसे घूस (Bribe) कहते हैं। इसे एक आर्थिक और दण्डनीय अपराध होने के साथ-साथ एक सामाजिक बुराई भी है। भारत की राजनीति के कई दिग्गज नेता इसी घूस को लोखों करोड़ों में इकठ्ठा करके विदेशों में जमा कर चुके हैं। .