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पॉलीविनाइल क्लोराइड

सूची पॉलीविनाइल क्लोराइड

पॉलीविनाइल क्लोराइड का अणुसूत्र पॉली विनाइल क्लोराइड का अणुपॉली विनाइल क्लोराइड (PVC) एक अक्रिस्टलीय तापसुघट्टय (अमॉर्फस प्लास्टिक) पदार्थ है। कठोर पदार्थ है। ऊष्मा तथा रासायनिक पदार्थों का इस पर प्रभाव नहीं पड़ता है। पॉलीएथिलीन और पॉलीप्रोपीलीन के बाद यह तीसरा सर्वाधिक उत्पादित प्लास्टिक है। निर्माण कार्यों में पीवीसी का उपयोग होता है। पीवीसी से पाइप, केबल इंसुलेशन, फर्श पर बिछाने की चादर, दरवाजे आदि बनाए जाते हैं। पॉलीविनाइल क्लोराइड का निर्माण मोनोमर विनाइल क्लोराइड के बहुलीकरण द्वारा किया जाता है। शुद्ध पीवीसी मूलतः सफेद, कठोर और भंगुर ठोस होता है जिसमें सुघट्यकारी (प्लास्टिसाइजर) मिलाकर उसे नरम व लचीला बनाया जाता है। सुघट्यकारी के रूप में थैलेट्स (phthalates) का प्रयोग सबसे अधिक होता है। नरम पॉलीविनाइल क्लोराइड का उपयोग वस्त्र तथा गद्दे आदि बनाने के लिए भी किया जाता है। .

6 संबंधों: ऊष्मा, पॉलीएथिलीन, बहुलकीकरण, भंगुरता, विनाइल क्लोराइड, क्रिस्टल

ऊष्मा

इस उपशाखा में ऊष्मा ताप और उनके प्रभाव का वर्णन किया जाता है। प्राय: सभी द्रव्यों का आयतन तापवृद्धि से बढ़ जाता है। इसी गुण का उपयोग करते हुए तापमापी बनाए जाते हैं। ऊष्मा या ऊष्मीय ऊर्जा ऊर्जा का एक रूप है जो ताप के कारण होता है। ऊर्जा के अन्य रूपों की तरह ऊष्मा का भी प्रवाह होता है। किसी पदार्थ के गर्म या ठंढे होने के कारण उसमें जो ऊर्जा होती है उसे उसकी ऊष्मीय ऊर्जा कहते हैं। अन्य ऊर्जा की तरह इसका मात्रक भी जूल (Joule) होता है पर इसे कैलोरी (Calorie) में भी व्यक्त करते हैं। .

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पॉलीएथिलीन

पालीइथिलीन के अणु श्रेणी:कार्बनिक यौगिक पॉलीएथिलीन या पॉलीथीन (Polyethylene या Polythene या PE; IUPAC नाम: पॉलीएथीन या पॉली (मेथीलीन)) सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला प्लास्टिक है। वर्तमान में इसका वार्षिक वैश्विक उत्पादन ८ करोड़ टन है। इसका मुख्य उपयोग पैकेजिंग (प्लास्टिक के थैले, प्लास्टिक फिल्में, जीओमेम्ब्रेन, बोतल और अन्य पात्र) बनाने में होता है। पॉलीथीलीन कई प्रकार के होते हैं जिनमें से अधिकांश का सूत्र (C2H4)nH2 होता है। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि पॉलीथीन एक ही प्रकार के कार्बनिक यौगिकों का मिश्रण होता है जिनमें n का मान अलग-अलग होता है। पालीइथिलीन एक बहुलक है। यह इथिलीन के अणु द्वारा बनता है। यह एक बहुउपयोगी पदार्थ है। श्रेणी:प्लास्टिक.

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बहुलकीकरण

कार्बनिक रसायन में प्रारंभ से ही उस विधि को जिसमें यौगिक पदार्थ के दो या अधिक अणु मिलकर एक दूसरा ऐसा अणु या बहुलक (polymer) बनाएँ जिसका प्रतिशत संगठन वही हो जो मूल पदार्थ एकलक (monomer) का था, तथा उसका अणुभार एकलक के अणुभार का बहुगुण हो, बहुलकीकरण (Polymerisation) कहते हैं। .

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भंगुरता

टूटा हुआ काँच किसी पदार्थ को प्रतिबलित करने पर (तानने, दबाने, मोड़ने, पीटने आदि पर) यदि विकृत होने (तनने, सिकुड़ने, मुड़ने, फैलने आदि) के बजाय टूट जाय तो पदार्थ के इस गुण को भंगुरता (Brittleness) कहते हैं। अधिकांश सिरामिक पदार्थ, काँच और कुछ बहुलक भंगुर हैं। .

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विनाइल क्लोराइड

विनाइल क्लोराईड (Vinyl chloride) एक ऑर्गैनोक्लोराइड है जिसका अणु सूत्र H2C.

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क्रिस्टल

क्रिस्टलीय, बहुक्रिस्टलीय तथा अक्रिस्टलीय पदार्थों की सूक्ष्म संरचना स्फटिक, इस बहुमणिभीय खनिज की पर्तें स्पष्ट पारदर्शी होतीं हैं बिस्मथ का क्रिस्टल इन्सुलिन का क्रिस्टल गैलियम, जिसकी वृहत एकपर्त होती हैं रसायन शास्त्र, खनिज शास्त्र एवं पदार्थ विज्ञान में क्रिस्टल उन ठोसों को कहते हैं जिनके अणु, परमाणु या आयन, एक व्यवस्थित क्रम में लगे होते हैं तथा यही क्रम सभी तरफ दोहराया जाता है। प्रतिदिन के प्रयोग के अधिकतर पदार्थ बहुक्रिस्टलीय (पॉलीक्रिटलाइन) होते हैं। क्रिस्टलों तथा क्रिस्टल निर्माण के वैज्ञानिक अध्ययन को क्रिस्टलकी (crystallography) कहते हैं। क्रिस्टल बनने की प्रक्रिया को क्रिस्टलन या क्रिस्टलीकरण (crystallization या solidification) कहते हैं। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

पाली विनाइल क्लोराइड, पालीविनाइल क्लोराइड, पॉली विनाइल क्लोराइड, पीवीसी

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