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पाकिस्तान का सर्वोच्च न्यायालय

सूची पाकिस्तान का सर्वोच्च न्यायालय

पाकिस्तान का सर्वोच्च न्यायालय (عدالت عظمیٰ پاکستان; अदालत-ए उज़्मा पाकिस्तान), इस्लामी गणराज्य पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत है और पाकिस्तान की न्यायिक व्यवस्था का शीर्ष हिस्सा है और पाकिस्तानी न्यायिक क्रम का शिखर बिन्दु है। पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायालय, पाकिस्तान कानूनी और संवैधानिक मामलों में फैसला करने वाली अंतिम मध्यस्थ भी है। सर्वोच्च न्यायालय का स्थायी कार्यालय पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में स्थित है, जबकि इस अदालत की कई उप-शाखाएं, पाकिस्तान के महत्वपूर्ण शहरों में कार्यशील हैं जहां मामलों की सुनवाई की जाती है। सर्वोच्च न्यायालय, पाकिस्तान को कई संवैधानिक व न्यायिक विकल्प प्राप्त होते हैं, जिनकी व्याख्या पाकिस्तान के संविधान में की गई है। देश में कई सैन्य सरकारों और असंवैधानिक तानाशाही सरकारों के कार्यकाल में भी सर्वोच्च न्यायालय ने स्वयं को स्थापित कर रखा है। साथ ही, इस अदालत ने सैन्य शक्ति पर एक वास्तविक निरीक्षक के रूप में स्वयं को स्थापित किया है और कई अवसरों में सरकारों की निगरानी की है। इस अदालत के पास, सभी उच्च न्यायालयों(प्रांतीय उच्च न्यायालयों, जिला अदालतों, और विशेष अदालतों सहित) और संघीय अदालत के ऊपर अपीलीय अधिकार है। इसके अलावा यह कुछ प्रकार के मामलों पर मूल अधिकार भी रखता है। सुप्रीम कोर्ट एक मुख्य न्यायाधीश और एक निर्धारित संख्या के वरिष्ठ न्यायाधीशों द्वारा निर्मित होता है, जो प्रधानमंत्री से परामर्श के बाद राष्ट्रपति द्वारा नामित किया जाता है। एक बार नियुक्त न्यायाधीश को, एक निर्दिष्ट अवधि को पूरा करने और उसके बाद ही रिटायर होने की उम्मीद की जाती है, जब तक कि वे दुराचार के कारण सर्वोच्च न्यायिक परिषद द्वारा निलंबित नहीं किये जाते हैं। .

38 संबंधों: निर्माण, न्यायपालिका, न्यायाधीश, पाकिस्तान, पाकिस्तान सरकार, पाकिस्तान का राजप्रतीकचिन्ह, पाकिस्तान का सर्वोच्च न्यायालय, पाकिस्तान का संविधान, पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश, पाकिस्तान के राष्ट्रपति, पाकिस्तान की न्यायपालिका, पाकिस्तान की राष्ट्रीय सभा, पाकिस्तान की राजनीति, पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायिक परिषद, प्रधानमंत्री सचिवालय (पाकिस्तान), पेशावर उच्च न्यायालय, बलूचिस्तान उच्च न्यायालय, बैंक, बीमा, भ्रष्टाचार, मजलिस-ए-शूरा, रावलपिंडी, लाहौर, लाहौर उच्च न्यायालय, सर्वोच्च न्यायालय भवन, इस्लामाबाद, संघीय शरियाई न्यायालय, ज़िला न्यायालय (पाकिस्तान), जापानी भाषा, वास्तुक, आतंकवाद, आईवान-ए सदर्, इस्लामाबाद, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय, कराँची, क़ुरआन, अनवर ज़हीर जमाली, उच्च न्यायालय (पाकिस्तान), १९५६ का पाकिस्तानी संविधान

निर्माण

बड़े निर्माण परियोजनाओं में गगनचुंबी इमारतों, जैसे क्रेन आवश्यक हैं। वास्तुकला और सिविल इंजीनियरिंग के क्षेत्रों में निर्माण एक प्रक्रिया है, जिसमें निर्माण या बुनियादी सुविधाओंका एकत्रीकरण किया जाता है। एकल गतिविधि से दूर, बड़े पैमाने पर निर्माण का अर्थ कई तरह के कार्य पूरे करना है। सामान्य रूप से काम का प्रबंध परियोजना प्रबंधक करता है और निर्माण प्रबंधक, डिजाइन इंजीनियर, निर्माण इंजीनियर या परियोजना वास्तुकार की देखरेख में संपन्न होता है। परियोजना के सफल निष्पादन के लिए एक प्रभावी योजना बनाना आवश्यक है। उस खास बुनियादी सुविधाओं और डिजाइन के निष्पादन में जो लगे होते हैं, उन्हें अवश्य ही काम के पर्यावरण संबंधी प्रभाव सफल समयबद्धता, बजट बनाना, स्थल की सुरक्षा, सामग्रियों की उपलब्धता, निर्माण सामग्रियों व श्रमिकों के रख्ररखाव (लॉजिस्टिक), निर्माण में देर के कारण लोगों को होने वाली असुविधा, निविदा दस्तावेजों की तैयारी आदि का विचार करना चाहिए.

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न्यायपालिका

न्यायपालिका (Judiciary या judicial system या judicature) किसी भी जनतंत्र के तीन प्रमुख अंगों में से एक है। अन्य दो अंग हैं - कार्यपालिका और व्यवस्थापिका। न्यायपालिका, संप्रभुतासम्पन्न राज्य की तरफ से कानून का सही अर्थ निकालती है एवं कानून के अनुसार न चलने वालों को दण्डित करती है। इस प्रकार न्यायपालिका विवादों को सुलझाने एवं अपराध कम करने का काम करती है जो अप्रत्यक्ष रूप से समाज के विकास का मार्ग प्रशस्त करता है। शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धान्त के अनुरूप न्यायपालिका स्वयं कोई नियम नहीं बनाती और न ही यह कानून का क्रियान्यवन कराती है। सबको समान न्याय सुनिश्चित करना न्यायपालिका का असली काम है। न्यायपालिका के अन्तर्गत कोई एक सर्वोच्च न्यायालय होता है एवं उसके अधीन विभिन्न न्यायालय (कोर्ट) होते हैं। .

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न्यायाधीश

The Native Judges हिन्दू राजाओं के न्याय सम्बंधी प्रधान को न्यायाधीश कह जाता था। आज भी कानूनी मामलों के निर्णायक को न्यायाधीश कहते थे। श्रेणी:मराठा साम्राज्य.

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पाकिस्तान

इस्लामी जम्हूरिया पाकिस्तान या पाकिस्तान इस्लामी गणतंत्र या सिर्फ़ पाकिस्तान भारत के पश्चिम में स्थित एक इस्लामी गणराज्य है। 20 करोड़ की आबादी के साथ ये दुनिया का छठा बड़ी आबादी वाला देश है। यहाँ की प्रमुख भाषाएँ उर्दू, पंजाबी, सिंधी, बलूची और पश्तो हैं। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और अन्य महत्वपूर्ण नगर कराची व लाहौर रावलपिंडी हैं। पाकिस्तान के चार सूबे हैं: पंजाब, सिंध, बलोचिस्तान और ख़ैबर​-पख़्तूनख़्वा। क़बाइली इलाक़े और इस्लामाबाद भी पाकिस्तान में शामिल हैं। इन के अलावा पाक अधिकृत कश्मीर (तथाकथित आज़ाद कश्मीर) और गिलगित-बल्तिस्तान भी पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित हैं हालाँकि भारत इन्हें अपना भाग मानता है। पाकिस्तान का जन्म सन् 1947 में भारत के विभाजन के फलस्वरूप हुआ था। सर्वप्रथम सन् 1930 में कवि (शायर) मुहम्मद इक़बाल ने द्विराष्ट्र सिद्धान्त का ज़िक्र किया था। उन्होंने भारत के उत्तर-पश्चिम में सिंध, बलूचिस्तान, पंजाब तथा अफ़गान (सूबा-ए-सरहद) को मिलाकर एक नया राष्ट्र बनाने की बात की थी। सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली ने पंजाब, सिन्ध, कश्मीर तथा बलोचिस्तान के लोगों के लिए पाक्स्तान (जो बाद में पाकिस्तान बना) शब्द का सृजन किया। सन् 1947 से 1970 तक पाकिस्तान दो भागों में बंटा रहा - पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान। दिसम्बर, सन् 1971 में भारत के साथ हुई लड़ाई के फलस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बना और पश्चिमी पाकिस्तान पाकिस्तान रह गया। .

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पाकिस्तान सरकार

पाकिस्तान सरकार (حکومتِ پاکستان.;हुक़ूमत-ए पाकिस्तान) वफ़ाक़ी संसदीय प्रणाली के तहत काम करति है जिस में राष्ट्रपति राज्य और प्रधानमंत्री सरकर के नेता होते हैं। पाकिस्तान सरकार संघीय संसदीय प्रणाली है। जिसमें राष्ट्रपति का चयन जनता की बजाय संसद अथवा निर्वाचन समिति करता है। इस्लामी गणराज्य पाकिस्तान के प्रमुख राष्ट्रपति होते हैं जो पाकिस्तान की सेना के सर्वोच्च आदेशकर्ता भी होता है। प्रधानमंत्री, प्रशासनिक मामलों का प्रमुख होता है, वह संसदीय बहुमत से चुना जाता है। पाकिस्तान में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का चयन और पदग्रहण बिल्कुल भिन्न पहलू हैं और उनके शासनकाल का संवैधानिक रूप से आपस में कोई संबंध नहीं होता है। 6 सितंबर 2008 को पाकिस्तान की निर्वाचन समिति कि सेनेट(उच्चसदन), क़ौमी असेम्ब्ली (निम्नसदन) और चारों प्रांतीय विधानसभाओं से मिल कर बनता है। आम तौर पर प्रधानमंत्री निचले सदन के बहुमत दल के अंतर्गत आते हैं और देश की व्यवस्था संघीय मंत्रीमंडल की मदद से चलती है जो मजलिस-ए शूरा के दोनों सदनों, उच्च और निम्न से चुने जाते हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय विधानसभा सदस्यों और प्रांतीय विधायिका के सदस्य, जनता के मतदान के माध्यम से चुने जाते हैं। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति उस पार्टी के चुने जाते हैं जिनका क़ौमी असेम्ब्ली में बहूमत हो। सभापति भी बहुल पार्टी का ही होता है, हालांकि विपक्षी दलों को भी बड़े उदय दी जा सकते हैं। संसदीय प्रणाली में दो पार्टियां महत्व होता है एक वह पार्टी जो सभी पार्टियों से ज़्यादा सीटें हासिल कर इसे बहुल या सरकार बनाने वाली पार्टी और दूसरी वह पार्टी जो दूसरे नंबर पे सबसे निशतें प्राप्त करे उसे विपक्षी पार्टी कहा जाता हेमतला पाकिस्तान 2013 के चुनाव में मुस्लिम लीग की सबसे ज्यादा सीटें थीं तो वह सरकार बना लिया और दूसरे नंबर पे पपल्स पार्टी थी जो विपक्ष में खड़ी होई.ागर सरकारी पार्टी कोई फैसला लिया और विपक्ष इस फैसले का विरोध किया तो सरकारी पार्टी का वह फैसला खारिज किया जाएगा। .

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पाकिस्तान का राजप्रतीकचिन्ह

पाकिस्तान के राजप्रतीकचिन्ह को सन १९५४ में पाकिस्तान सरकार द्वारा अपनाया गया था। इस चिन्ह को मूल रूप से कुल चिन्ह के रूप में वर्गित किया जा सकता है(उदाहरणस्वरूप: भारत का राष्ट्रप्रतीकचिन्ह एक ऐतिहासिक स्तम्भमुकुट है)। यह पाकिस्तानी गणराज्य के आदर्शों को, उस्की वैचाराक नीव को, उस्की अर्थव्यवस्था के मूल्यों को एवं पाकिस्तान की सांस्कृतिक धरोहर और मार्गदर्शक सिद्धांतों को दर्शाता है। इसे पाकिस्तान सरकार के चिन्ह के रूप में भी उपयोग किया जाता है। इस चिन्ह के मुख्य रूप से चार घटक अंग हैं.

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पाकिस्तान का सर्वोच्च न्यायालय

पाकिस्तान का सर्वोच्च न्यायालय (عدالت عظمیٰ پاکستان; अदालत-ए उज़्मा पाकिस्तान), इस्लामी गणराज्य पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत है और पाकिस्तान की न्यायिक व्यवस्था का शीर्ष हिस्सा है और पाकिस्तानी न्यायिक क्रम का शिखर बिन्दु है। पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायालय, पाकिस्तान कानूनी और संवैधानिक मामलों में फैसला करने वाली अंतिम मध्यस्थ भी है। सर्वोच्च न्यायालय का स्थायी कार्यालय पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में स्थित है, जबकि इस अदालत की कई उप-शाखाएं, पाकिस्तान के महत्वपूर्ण शहरों में कार्यशील हैं जहां मामलों की सुनवाई की जाती है। सर्वोच्च न्यायालय, पाकिस्तान को कई संवैधानिक व न्यायिक विकल्प प्राप्त होते हैं, जिनकी व्याख्या पाकिस्तान के संविधान में की गई है। देश में कई सैन्य सरकारों और असंवैधानिक तानाशाही सरकारों के कार्यकाल में भी सर्वोच्च न्यायालय ने स्वयं को स्थापित कर रखा है। साथ ही, इस अदालत ने सैन्य शक्ति पर एक वास्तविक निरीक्षक के रूप में स्वयं को स्थापित किया है और कई अवसरों में सरकारों की निगरानी की है। इस अदालत के पास, सभी उच्च न्यायालयों(प्रांतीय उच्च न्यायालयों, जिला अदालतों, और विशेष अदालतों सहित) और संघीय अदालत के ऊपर अपीलीय अधिकार है। इसके अलावा यह कुछ प्रकार के मामलों पर मूल अधिकार भी रखता है। सुप्रीम कोर्ट एक मुख्य न्यायाधीश और एक निर्धारित संख्या के वरिष्ठ न्यायाधीशों द्वारा निर्मित होता है, जो प्रधानमंत्री से परामर्श के बाद राष्ट्रपति द्वारा नामित किया जाता है। एक बार नियुक्त न्यायाधीश को, एक निर्दिष्ट अवधि को पूरा करने और उसके बाद ही रिटायर होने की उम्मीद की जाती है, जब तक कि वे दुराचार के कारण सर्वोच्च न्यायिक परिषद द्वारा निलंबित नहीं किये जाते हैं। .

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पाकिस्तान का संविधान

पाकिस्तान का संविधान (آئین پاکستان;आईन(ए) पाकिस्तान) या दस्तूरे पाकिस्तान دستور پاکستان) को १९७३ का क़ानून भी कहते हैं। यह पाकिस्तान का सर्वोच्च दस्तूर है। पाकिस्तान का संविधान संविधान सभा द्वारा १० अप्रैल १९७३ को पारित हुआ तथा 14 अगस्त 1973 से प्रभावी हुआ। इस का प्रारूप ज़ुल्फ़िक़ार अली भुट्टो की सरकार और विपक्ष ने मिल कर तैयार किया। ये पाकिस्तान का तीसरा दस्तूर है और इस में कई बार रद्दोबदल की जा चुकी है। .

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पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश

पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश(उर्दू:,;मुन्शिफ़-ए आज़म पाकिस्तान),, पाकिस्तान की न्यायपालिका के प्रमुख एवं पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश होते हैं। पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट 1947 से 1960 तक संघीय अदालत के नाम से जानी जाती थी। मुख्य न्यायाधीश पाकिस्तान की उच्चतम न्यायालय के 16 न्यायाधीशों में वरिष्ठतम होते हैं। मुख्य न्यायाधीश पाकिस्तान की न्यायिक प्रणाली के प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी है एवं यह पाकिस्तान का उच्चतम न्यायालय पद है जो संघीय न्यायपालिका की नीति निर्धारण वह उच्चतम न्यायालय में न्यायिक कार्यों का कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार है। इस पद पर नियुक्ति के लिए नामांकन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री द्वारा एवं नियुक्ति अंततः पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। अदालत की सुनवाई पर अध्यक्षता करते हुए मुख्य न्यायाधीश के पास न्यायालय की नीति निर्धारण के लिए अत्यंत ताकत है। साथ ही आधुनिक परंपरा अनुसार मुख्य न्यायाधीश के कार्य क्षेत्र के अंतर्गत राष्ट्रपति को शपथ दिलाने का भी महत्वपूर्ण संवैधानिक कार्य है पाकिस्तान के सर्वप्रथम मुख्य न्यायाधीश सर अब्दुल राशिद थे। .

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पाकिस्तान के राष्ट्रपति

पाकिस्तान के राष्ट्रपति (صدر مملكت —) पाकिस्तान इस्लामिक गणतंत्र के सर्वेसर्वा का पद है। .

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पाकिस्तान की न्यायपालिका

पाकिस्तान की न्यायपालिका, एक श्रेणीबद्ध प्रणाली है जिसमें अदालतों के दो वर्गों है: श्रेष्ठतर (या उच्च) न्यायपालिका और अधीनस्थ (या निम्न) न्यायपालिका। श्रेष्ठतर न्यायपालिका, "सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तान के", "संघीय शरीयत कोर्ट" और "पाँच उच्च न्यायालयों" से बना है, जिसके शीर्ष पर "सुप्रीम कोर्ट" विराजमान है। इसके अलावा, प्रत्येक चार प्रांतों एवं इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र के लिये एक उच्च न्यायालय है। पाकिस्तान का संविधान, न्यायपालिका पर संविधान की रक्षा, संरक्षण व बचाव का दायित्व सौंपता है। ना उच्चतम न्यायालय, ना हीं, उच्च न्यायालय, जनजातीय क्षेत्रों(फाटा) के संबंध में अधिकारिता का प्रयोग कर सकते हैं, सिवाय अन्यथा यदी प्रदान की जाय तो। आजाद कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान के विवादित क्षेत्रों के लिये अलग न्यायिक प्रणाली है। अधीनस्थ न्यायपालिका में, सिविल और आपराधिक जनपदीय न्यायालय व अन्य अनेक विशेष अदालतें शामिल हैं, जो, बैंकिंग, बीमा, सीमा शुल्क व उत्पाद शुल्क, तस्करी, ड्रग्स, आतंकवाद, कराधान, पर्यावरण, उपभोक्ता संरक्षण, और भ्रष्टाचार संबंधित मामलों में अधिकारिता का प्रयोग करती हैं। आपराधिक अदालतों को दंड प्रक्रिया संहिता, 1898 के तहत बनाया गया था और सिविल अदालतें, पश्चिमी पाकिस्तान सिविल न्यायालय अध्यादेश, 1964 द्वारा स्थापित किए गए थे। साथ ही, राजस्व अदालतें भी हैं, जो कि पश्चिमी पाकिस्तान भू-राजस्व अधिनियम, 1967 के तहत काम कर रहे हैं। इसके अलावा, सरकार, विशिष्ट मामलों में विशिष्ट अधिकार कार्यान्वित करने हेतु प्रशासनिक अदालतों और अधिकरणों की स्थापना कर सकती है। .

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पाकिस्तान की राष्ट्रीय सभा

पाकिस्तान की राष्ट्रीय सभा या क़ौमी असेम्ब्ली (قومی اسمبلی; National Assembly, नैशनल असेम्ब्ली) पाकिस्तान की द्वीसदनीय संसद(मजलिस-ए शूरा), जिसका उच्चसदन सेनेट है, का निम्नसदन है। उर्दू भाषा मैं इसे कौमी इस्म्ब्ली कहा जाता हैं। इसमें कुल 342 आसन हैं, जिन में से 242 चुनाव के जरये चुने जाते हैं और बाक़ी के 70 महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं। क़ौमी इस्म्ब्ली पाकिस्तान की संधीय विधायिका की वह इकाई है, जिसे जनता द्वारा चुना जाता है(यह पाकिस्तान में लोकसभा की जोड़ीदार है)। .

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पाकिस्तान की राजनीति

पाकिस्तान की राजनीति (پاکستان کی سیاست) ने सालों के दौरान कई तब्दीलियाँ देखी हैं। समय-समय पर फ़ौज मुल्क का शासन को संभाल लेता है। परन्तु वर्तमान स्थिति में मुल्क में लोकतांत्रिक व्यवस्था वापस आ गई है। पाकिस्तान एक संघीय गणराज्य है, पाकिस्तान के राष्ट्रपति राज्य के प्रमुख हैं और प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख पाकिस्तान में राजनीति को बहुत महत्व प्राप्त किया है। श्रेणी:पाकिस्तान की राजनीति.

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पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायिक परिषद

पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायिक परिषद,पाकिस्तान की न्यायपालिका की एक महत्वपूर्ण निकाय है, जो न्यायपालिका के खिलाफ दायर किए गए आवेदनों की सुनवाई करती है। पाकिस्तान के संविधान में यह के तहत काम करती है। .

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प्रधानमंत्री सचिवालय (पाकिस्तान)

प्रधानमंत्री सचिवालय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास व प्रधान कार्यालय है। यह इस्लामाबाद के कॉन्स्टिट्यूशन एवेन्यू पर सर्वोच्च न्यायालय भवन के निकट स्थित है। इसका अधिकारी पता है:४४०००, कॉन्स्टिट्यूशन एवेन्यू, इस्लामाबाद, पाकिस्तान।सन् १९७३ से ही यह पाकिस्तान के प्रत्येक प्रधानमंत्रियों का आधिकारिक निवास रहा है। इस सचिवालय को इस्लामाबाद की राजधानी विकास प्राधिकरण ने संकल्पित किया था। .

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पेशावर उच्च न्यायालय

पेशावर उच्च न्यायालय,(پشاور عدالت عالیہ; अदालत-ए आला, पेशावर) ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रांत के सर्वोच्च न्यायिक संस्था है। यह प्रांतीय राजधानी पेशावर में स्थित है। यह सिविल और आपराधिक मामलों में प्रांत की सर्वोच्च अपीलय अदालत है, एवं ख़ैबर पख़तूनख़्वा के सारे जिला न्यायालय और सत्र न्यायालय इसके अधिकारक्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। .

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बलूचिस्तान उच्च न्यायालय

बलोचिस्तान उच्च न्यायालय,(بلوچستان عدالت عالیہ; अदालत-ए आला, बलोचिस्तान) बलोचिस्तान प्रांत के सर्वोच्च न्यायिक संस्था है। 1906 में स्थापित, यह प्रांतीय राजधानी क्वेटा में स्थित है। इसके अलावा सिविल और आपराधिक मामलों में सिंध के लिए अपील की सर्वोच्च अदालत जा रहा है, न्यायालय जिला न्यायालय और कराची में सत्र न्यायालय था। .

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बैंक

जर्मनी के फ्रैंकफुर्त में डश-बैंक बैंक (Bank) उस वित्तीय संस्था को कहते हैं जो जनता से धनराशि जमा करने तथा जनता को ऋण देने का काम करती है। लोग अपनी अपनी बचत राशि को सुरक्षा की दृष्टि से अथवा ब्याज कमाने के हेतु इन संस्थाओं में जमा करते और आवश्यकतानुसार समय समय पर निकालते रहते हैं। बैंक इस प्रकार जमा से प्राप्त राशि को व्यापारियों एवं व्यवसायियों को ऋण देकर ब्याज कमाते हैं। आर्थिक आयोजन के वर्तमान युग में कृषि, उद्योग एवं व्यापार के विकास के लिए बैंक एवं बैंकिंग व्यवस्था एक अनिवार्य आवश्यकता मानी जाती है। राशि जमा रखने तथा ऋण प्रदान करने के अतिरिक्त बैंक अन्य काम भी करते हैं जैसे, सुरक्षा के लिए लोगों से उनके आभूषणादि बहुमूल्य वस्तुएँ जमा रखना, अपने ग्राहकों के लिए उनके चेकों का संग्रहण करना, व्यापारिक बिलों की कटौती करना, एजेंसी का काम करना, गुप्त रीति से ग्राहकों की आर्थिक स्थिति की जानकारी लेना देना। अत: बैंक केवल मुद्रा का लेन देन ही नहीं करते वरन् साख का व्यवहार भी करते हैं। इसीलिए बैंक को साख का सृजनकर्ता भी कहा जाता है। बैंक देश की बिखरी और निठल्ली संपत्ति को केंद्रित करके देश में उत्पादन के कार्यों में लगाते हैं जिससे पूँजी निर्माण को प्रोत्साहन मिलता है और उत्पादन की प्रगति में सहायता मिलती है। भारतीय बैंकिग कंपनी कानून, १९४९ के अंतर्गत बैंक की परिभाषा निम्न शब्दों में दी गई हैं: एक ही बैंक के लिए व्यापार, वाणिज्य, उद्योग तथा कृषि की समुचित वित्तव्यवस्था करना असंभव नहीं तो कठिन अवश्य होता है। अतएव विशिष्ट कार्यों के लिए अलग अलग बैंक स्थापित किए जाते हैं जैसे व्यापारिक बैंक, कृषि बैंक, औद्योगिक बैंक, विदेशी विनिमय बैंक तथा बचत बैंक। इन सब प्रकार के बैंकों को नियमपूर्वक चलाने तथा उनमें पारस्परिक तालमेल बनाए रखने के लिए केंद्रीय बैंक होता है जो देश भर की बैंकिंग व्यवस्था का संचालन करता है। समय के साथ कई अन्य वित्तीय गतिविधियाँ जुड़ गईं। उदाहरण के लिए बैंक वित्तीय बाजारों में महत्वपूर्ण खिलाडी हैं और निवेश फंड जैसे वित्तीय सेवाओं की पेशकश कर रहे हैं। कुछ देशों (जैसे जर्मनी) में बैंक औद्योगिक निगमों के प्राथमिक मालिक हैं, जबकि अन्य देशों (जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका) में बैंक गैर वित्तीय कंपनियों स्वक्मित्व से निषिद्ध रहे हैं। जापान में बैंक को आमतौर पर पार शेयर होल्डिंग इकाई (ज़ाइबत्सू) के रूप में पहचाना जाता है। फ़्रांस में अधिकांश बैंक अपने ग्राहकों को बिमा सेवा प्रदान करते हैं। .

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बीमा

बीमा (इंश्योरेंस) उस साधन को कहते हैं जिसके द्वारा कुछ शुल्क (जिसे प्रीमियम कहते हैं) देकर हानि का जोखिम दूसरे पक्ष (बीमाकार या बीमाकर्ता) पर डाला जा सकता है। जिस पक्ष का जोखिम बीमाकर पर डाला जाता है उसे 'बीमाकृत' कहते हैं। बीमाकार आमतौर पर एक कंपनी होती है जो बीमाकृत के हानि या क्षति को बांटने को तैयार रहती है और ऐसा करने में वह समर्थ होती है। बीमा एक प्रकार का अनुबंध (ठेका) है। दो या अधिक व्यक्तियों में ऐसा समझौता जो कानूनी रूप से लागू किया जा सके, अनुबंध कहलाता है। बीमा अनुबंध का व्यापक अर्थ है कि बीमापत्र (पॉलिसी) में वर्णित घटना के घटित होने पर बीमा करनेवाला एक निश्चित धनराशि बीमा करानेवाले व्यक्ति को प्रदान करता है। बीमा करानेवाला जो सामयिक प्रव्याजि (बीमाकिस्त, प्रीमीयम) बीमा करनेवाले को देता रहता है, वही इस अनुबंध का प्रतिदेय है। 'बीमा' शब्द फारसी से आया है जिसका भावार्थ है - 'जिम्मेदारी लेना'। डॉ॰ रघुवीर ने इसका अनुवाद किया है - 'आगोप'। उसका अंग्रेजी पर्याय "इंश्योरेंस" (Insurance) है। बीमा वास्तव में बीमाकर्ता और बीमाकृत के बीच अनुबंध है जिसमें बीमाकर्ता बीमाकृत से एक निश्चित रकम (प्रीमियम) के बदले किसी निश्चित घटना के घटित होने (जैसे कि एक निश्चित आयु की समाप्ति या मृत्यु की स्थिति में) पर एक निश्चित रकम देता है या फिर बीमाकृत की जोखिम से होने वाले वास्तविक हानि की क्षतिपूर्ति करता है। बीमा के आधार के बारे में सोचने पर पता चलता है कि बीमा एक तरह का सहयोग है जिसमें सभी बीमाकृत लोग, जो जोखिम का शिकार हो सकते हैं, प्रीमियम अदा करते हैं जबकि उनमें से सिर्फ कुछ (बहुत कम) को ही, जो वास्तव में नुकसान उठाते हैं, मुआवजा दिया जाता है। वास्तव में जोखिम की संभावना वालों की संख्या अधिक होती है लेकिन किसी निश्चित अवधि में उनमें से केवल कुछ को ही नुकसान होता है। बीमाकर्ता (कंपनी) बीमाकृत पक्षों के नुकसान को शेष बीमाकृत पक्षों में बांटने का काम करती है। .

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भ्रष्टाचार

कोई विवरण नहीं।

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मजलिस-ए-शूरा

मजलिस-ए-शूरा (उर्दू) यानी पाकिस्तान की संसद पाकिस्तान में संघीय स्तर पर सर्वोच्च विधायी संस्था है। इस संस्थान में दो सदन हैं, निचले सदन या कौमी एसेंबली और ऊपरी सदन या सीनेट। पाकिस्तान का संविधान की धारा 50 के मुताबिक़ राष्ट्रपति भी मजलिस-ए-शूरा का हिस्सा हैं। इसकी दोनों सदनों में से निम्नसदन नैशनल असेम्बली एक अस्थाई इकाई है, और प्रती पाँचवे वर्ष, आम निर्वाचन द्वारा यह परिवर्तित होती रहती है, वहीं उच्चसदन सेनेट एक स्थाई इकाई है, जो कभी भंग नहीं होती है, परंतु भाग-दर-भाग इसके सदस्यों को बदल दिया जाता है। संसद की दोनों सदनों हेतु सभागृह इस्लामाबाद को पार्लिआमेंट हाउस में है। 1960 में संसद के आसन को कराँची से इस्लामाबाद लाया गया था। .

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रावलपिंडी

पंजाब, पाकिस्तान का एक नगर। श्रेणी:पाकिस्तान के शहर श्रेणी:रावलपिंडी.

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लाहौर

लाहौर (لہور / ਲਹੌਰ, لاہور) पाकिस्तान के प्रांत पंजाब की राजधानी है एवं कराची के बाद पाकिस्तान में दूसरा सबसे बडा आबादी वाला शहर है। इसे पाकिस्तान का दिल नाम से भी संबोधित किया जाता है क्योंकि इस शहर का पाकिस्तानी इतिहास, संस्कृति एवं शिक्षा में अत्यंत विशिष्ट योगदान रहा है। इसे अक्सर पाकिस्तान बागों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। लाहौर शहर रावी एवं वाघा नदी के तट पर भारत पाकिस्तान सीमा पर स्थित है। लाहौर का ज्यादातर स्थापत्य मुगल कालीन एवं औपनिवेशिक ब्रिटिश काल का है जिसका अधिकांश आज भी सुरक्षित है। आज भी बादशाही मस्जिद, अली हुजविरी शालीमार बाग एवं नूरजहां तथा जहांगीर के मकबरे मुगलकालीन स्थापत्य की उपस्थिती एवं उसकी अहमियत का आभास करवाता है। महत्वपूर्ण ब्रिटिश कालीन भवनों में लाहौर उच्च न्यायलय जनरल पोस्ट ऑफिस, इत्यादि मुगल एवं ब्रिटिश स्थापत्य का मिलाजुला नमूना बनकर लाहौर में शान से उपस्थित है एवं ये सभी महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल के रूप में लोकप्रिय हैं। मुख्य तौर पर लाहौर में पंजाबी को मातृ भाषा के तौर पर इस्तेमाल की जाती है हलाकि उर्दू एवं अंग्रेजी भाषा भी यहां काफी प्रचलन में है एवं नौजवानों में काफी लोकप्रिय है। लाहौर की पंजाबी शैली को लाहौरी पंजाबी के नाम से भी जाना जाता है जिसमे पंजाबी एवं उर्दू का काफी सुंदर मिश्रण होता है। १९९८ की जनगणना के अनुसार शहर की आबादी लगभग ७ लाख आंकी गयी थी जिसके जून २००६ में १० लाख होने की उम्मीद जतायी गयी थी। इस अनुमान के मुताबिक लाहौर दक्षिण एशिया में पांचवी सबसे बडी आबादी वाला एवं दुनिया में २३वीं सबसे बडी आबादी वाला शहर है।.

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लाहौर उच्च न्यायालय

लाहौर उच्च न्यायालय,(عدالت عالیہ لاہور, अदालत-ए आला, लाहौर) लाहौर में स्थित, पंजाब, पाकिस्तान का उच्च न्यायालय है। इसे, बतौर उच्च न्यायालय, 21 मार्च 1919 में स्थापित किया गया था। इसके पार पाकिस्तान के पंजाब सूबे पर न्यायिक अधिकार है। हालाँकि, इस न्यायालय का मुख्य आसन लाहौर है, परंतु साथ ही इसके तीन न्यायचौकियाँ रावलपिंडी, मुल्तान और बहावलपुर में भी स्थित हैं, एवं साथ ही फ़ैसलाबाद, सियालकोट, गुर्जनवाला व डी जी ख़ान में भी नई चौकियाँ खुलने की बात है। .

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सर्वोच्च न्यायालय भवन, इस्लामाबाद

सर्वोच्च न्यायालय भवन पाकिस्तान की राजधानी, इस्लामाबाद प्रशासनिक क्षेत्र में मुख्य गामिनी, कंस्टिच्यूशन ऐवेन्यू(संविधान गामिनी) पर स्थित पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायालय का आधिकारिक एवं प्रधान कार्यालय है। रह, पता: 44000 कंस्टिच्यूशन ऐवेन्यू, इस्लामाबाद, पाकिस्तान पर स्थित है। 1960 के दशक में बना यह भवन संविधान गामिनी पर-दक्षिण स्थित प्रधानमंत्री सचिवालय व उत्तर स्थित आईवान-ए सदर और संसद भवन के बीच विराजमान है। इसकी रूपाकृती को, विख्यात जापानी वास्तुकार, केन्ज़ो तांगे ने पाकिस्तान पर्यावरण संरक्षण अभिकरण से मशवरे के बाद तईयार किया था। इस पूरे भवन समूह को इस्लामाबाद की राजधानी विकास प्राधिकरण की अभियंत्रिकी विभाग और पाकिस्तान की साईमेन्स इंजीनियरिंग नामक कंपनी ने बनाया था। .

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संघीय शरियाई न्यायालय

संघीय शरियाई न्यायालय या वफ़ाक़ी शरई अदालत, पाकिस्तान की एक न्यायिक संस्थान है, जिस्का कार्य यह जाँच व निर्धारित करना है की देश के कानून, शरिया का पालन करते हैं या नहीं। इस निकाय में कुल आठ मुसलमान न्यायाधीश होती हैं जिसमें मुख्य न्यायाधीश भी शामिल होते हैं। यह सभी न्यायाधीश, पाकिस्तान के राष्ट्रपति की मंजूरी से नियुक्त किए जाते हैं जिनका पाकिस्तान की उच्चतम न्यायालय या किसी भी प्रांतीय न्यायालय के सेवानिवृत्त या सेवारत न्यायाधीश में से चुना जाना आवश्यक है। संघीय शरीयत अदालत के मौजूदा मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रियाज अहमद खान हैं। .

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ज़िला न्यायालय (पाकिस्तान)

पाकिस्तान की जिला अदालतें, पाकिस्तान में जिला स्तर पर गतिशील हैं और अदालतें प्रांतीय न्यायालयों के अधीन संवैधानिक स्थिति में कार्य निष्पादित करते हैं। जिला अदालतें, पाकिस्तान के सभी प्रांतों के हर जिले में स्थापित की गई हैं और यह दीवानी और आपराधिक मामलों की सुनवाई के अधिकार क्षेत्र शामिल होती हैं। प्रत्येक जिले के मुख्य कार्यालयों में, जिला अदालतों के तहत कई सारे अतिरिक्त जिला और सत्र मनसनिन की तैनाती भी होती है कि जिला अदालतों में मामलों की सुनवाई करते हैं। जिला और सत्र मनसनिन को जिले भर में संबल कार और न्यायिक अधिकार होते हैं। जिला अदालतों में सत्र अदालत आमतौर पर अपराध जैसे हत्या, व्यभिचार, चोरी, चोरी आदि के मामलों की सुनवाई करती है। इसके अलावा मामूली प्रकृति के दीवानी मामलों की सुनवाई का अधिकार क्षेत्र भी अदालत को प्राप्त होता है। प्रशासनिक सेवाओं की बेहतर आपूर्ति के लिए अब हर कस्बे और शहर में जिला अदालतों के अधीन एक अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश तैनात किया गया है, जो कि हर तरह से आवंटित गए क्षेत्र में दीवानी और आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए जिम्मेदार होता है। इस अदालतें जब आपराधिक मामलों की सुनवाई करती हैं तो यह सत्र अदालत जबकि दीवानी मामलों की सुनवाई के दौरान जिला अदालत कहलाती है। मुकदमेबाजी के दौरान महत्वपूर्ण मामलों को सिर्फ जिला और सत्र न्यायाधीश की अदालत में पेश किया जाता है। जिला और सत्र न्यायाधीश, हर जिले में एक मामले में जिला न्यायाधीश उच्च माना जाता है। मुकदमेबाजी के दौरान अगर अभियोगी के किसी भी पक्ष को जिला अदालतों के फैसले पर आपत्ति हो, वे प्रांतीय न्यायालय (कोर्ट) में स्थापित एक एप्लेट बोर्ड में याचिका दायर कर सकता है, जिसका उद्देश्य जनता को पारदर्शी सबसे न्याय की आपूर्ति है। .

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जापानी भाषा

जापानी भाषा (जापानी: 日本語 नीहोंगो) जापान देश की मुख्यभाषा और राजभाषा है। द्वितीय महायुद्ध से पहले कोरिया, फार्मोसा और सखालीन में भी जापानी बोली जाती थी। अब भी कोरिया और फार्मोसा में जापानी जाननेवालों की संख्या पर्याप्त है, परंतु धीरे धीरे उनकी संख्या कम होती जा रही है। भाषाविद इसे 'अश्लिष्ट-योगात्मक भाषा' मानते हैं। जापानी भाषा चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार में नहीं आती। भाषाविद इसे ख़ुद की जापानी भाषा-परिवार में रखते हैं (कुछ इसे जापानी-कोरियाई भाषा-परिवार में मानते हैं)। ये दो लिपियों के मिश्रण में लिखी जाती हैं: कांजी लिपि (चीन की चित्र-लिपि) और काना लिपि (अक्षरी लिपि जो स्वयं चीनी लिपिपर आधारित है)। इस भाषा में आदर-सूचक शब्दों का एक बड़ा तंत्र है और बोलने में "पिच-सिस्टम" ज़रूरी होता है। इसमें कई शब्द चीनी भाषा से लिये गये हैं। जापानी भाषा किस भाषा कुल में सम्मिलित है इस संबंध में अब तक कोई निश्चित मत स्थापित नहीं हो सका है। परंतु यह स्पष्ट है कि जापानी और कोरियाई भाषाओं में घनिष्ठ संबंध है और आजकल अनेक विद्वानों का मत है कि कोरियाई भाषा अलटाइक भाषाकुल में संमिलित की जानी चाहिए। जापानी भाषा में भी उच्चारण और व्याकरण संबंधी अनेक विशेषताएँ है जो अन्य अलटाइ भाषाओं के समान हैं परंतु ये विशेषताएँ अब तक इतनी काफी नहीं समझी जाती रहीं जिनमें हम निश्चित रूप से कह सकें कि जापानी भाषा अलटाइक भाषाकुल में ऐ एक है। हाइकु इसकी प्रमुख काव्य विधा है। .

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वास्तुक

वास्तुक वास्तुक, वास्तुविद् या आर्किटेक्ट (Architect) वह व्यक्ति है, जो भाँति-भाँति की इमारतों की व्यापक संकल्पना और दूरगामी कल्पनायुक्त अभिकल्पना (डिजाइन) से संबंधित कलाओं और विद्याओं में दक्ष हो तथा नक्शे द्वारा या पैमाने द्वारा प्रतिरूप बनाकर त्रिविमितीय दृश्य वास्तु संबंधी अपने विचार व्यक्त करने में समर्थ हो और फिर अपनी अभिकल्पित इमारतों के निर्माण कार्य का यथोचित रूप से निरीक्षण करता हो, अथवा जो उत्कृष्ट कोटि के भवन और उनके पर्यावरण तैयार करने में आस्था रखते हुए वास्तुकला को यथोचित रूप में समझता और काम में लाता हो तथा भवनों के अभिकल्पन और उनकी रचना के निर्देशन का भलीभाँति व्यवसाय करता हो। .

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आतंकवाद

विभाग राज्य Department of State) आतंकवाद एक प्रकार के erहौल को कहा जाता है। इसे एक प्रकार के हिंसात्मक गतिविधि के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो कि अपने आर्थिक, धार्मिक, राजनीतिक एवं विचारात्मक लक्ष्यों की प्रतिपूर्ति के लिए गैर-सैनिक अर्थात नागरिकों की सुरक्षा को भी निशाना बनाते हैं। गैर-राज्य कारकों द्वारा किये गए राजनीतिक, वैचारिक या धार्मिक हिंसा को भी आतंकवाद की श्रेणी का ही समझा जाता है। अब इसके तहत गैर-क़ानूनी हिंसा और युद्ध को भी शामिल कर लिया गया है। अगर इसी तरह की गतिविधि आपराधिक संगठन द्वारा चलाने या को बढ़ावा देने के लिए करता है तो सामान्यतः उसे आतंकवाद नहीं माना जाता है, यद्यपि इन सभी कार्यों को आतंकवाद का नाम दिया जा सकता है। गैर-इस्लामी संगठनों या व्यक्तित्वों को नजरअंदाज करते हुए प्रायः इस्लामी या जिहादी के साथ आतंकवाद की अनुचित तुलना के लिए इसकी आलोचना भी की जाती है। .

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आईवान-ए सदर्

आईवान-ए-सदर् (अथवा राष्ट्रपति निवास) पाकिस्तान के राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास व प्रधान कार्यालय है। यह पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में आधारित है। यह पूर्वोत्तर इस्लामाबाद में कंस्टिच्यूशन एॅवेन्यू पर संसद भवन और सचिवालय के मध्य में अवस्थित है। इसके परिसर में मुख्य भवन के अलावा राष्ट्रपति की अधिकारिणी की रिहाइशी काॅलोनी भी है। 1988 में आईवान-ए सदर् के पूरा होने के समय राष्ट्रपति थे गुलाम इशाक खान। राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने अपने अपने कार्यकाल के दौरान, अपने निवास के रूप में इस भवन का इस्तेमाल नहीं किया, क्योंकि वे अपने राष्ट्रपतित्व के दौरान, सेनाध्यक्ष भी थे, अतः उनका आधिकारिक निवास, रावलपिंडी का आर्मी हाउस था। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने अपने उद्घाटन से पहले दिन पर आईवान-ए सदर् में ले जाया गया है। .

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इस्लामाबाद

इस्लामाबाद की फैज़ल मस्जिद इस्लामाबाद पाकिस्तान की राजधानी है। भारत विभाजन के पश्चात पाकिस्तान को एक राजधानी नगर की आवश्यकता थी। ना तो लाहौर और न ही कराची जैसे नगर इस हेतु सही पाए गए अंतः एक नए नगर की स्थापना का निर्णय लिया गया जो पूरी तरह से नियोजित हो। इस कार्य हेतु फ़्रांसीसी नगर नियोजक तथा वास्तुकार ली कार्बूजियर की सेवा ली गई। इन्हीं महोदय ने भारत में चंडीगढ़ की स्थापना की योजना बनाई थी। इस कारण ये दोनों नगर देखने में एक जैसे लगते हैं। २००९ के अनुमान अनुसार इस नगर की जनसंख्या ६,७३,७६६ है। .

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इस्लामाबाद उच्च न्यायालय

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय इस्लामाबाद, पाकिस्तान में स्थित पाकिस्तान का एक उच्च न्यायालय है। इस अदालत को पहली बार 14 दिसंबर 2007 में राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ के एक राष्ट्रपतीय आदेश के तहत स्थापित किया गया था। इस राष्ट्रपति आदेश जारी होने के बाद इस पर अमल होने में देरी हुई क्योंकि लाहौर हाईकोर्ट ने आदेश पर रोक लगा दी थी, लेकिन बाद में पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने न्यायालय को निर्णय को निलंबित करते हुए उच्च न्यायालय स्थापित करने का आदेश जारी किया। अदालत का फैसला आने के बाद अदालत ने औपचारिक रूप से फरवरी 2008 में काम शुरू किया। तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने 7 फरवरी 2008 को इस न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रदार मोहम्मद असलम से शपथ ली। http://www.app.com.pk/en/index.php?option.

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कराँची

पाकिस्तान के सिंध प्रांत का एक जिला। श्रेणी:सिंध श्रेणी:पाकिस्तान के ज़िले sv:Lista över Pakistans administrativa distrikt.

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क़ुरआन

'''क़ुरान''' का आवरण पृष्ठ क़ुरआन, क़ुरान या कोरआन (अरबी: القرآن, अल-क़ुर्'आन) इस्लाम की पवित्रतम किताब है और इसकी नींव है। मुसलमान मानते हैं कि इसे अल्लाह ने फ़रिश्ते जिब्रील द्वारा हज़रत मुहम्मद को सुनाया था। मुसलमान मानते हैं कि क़ुरआन ही अल्लाह की भेजी अन्तिम और सर्वोच्च किताब है। यह ग्रन्थ लगभग 1400 साल पहले अवतरण हुई है। इस्लाम की मान्यताओं के मुताबिक़ क़ुरआन अल्लाह के फ़रिश्ते जिब्रील (दूत) द्वारा हज़रत मुहम्मद को सन् 610 से सन् 632 में उनकी मौत तक ख़ुलासा किया गया था। हालांकि आरंभ में इसका प्रसार मौखिक रूप से हुआ पर पैग़म्बर मुहम्मद की मौत के बाद सन् 633 में इसे पहली बार लिखा गया था और सन् 653 में इसे मानकीकृत कर इसकी प्रतियाँ इस्लामी साम्राज्य में वितरित की गईं थी। मुसलमानों का मानना है कि ईश्वर द्वारा भेजे गए पवित्र संदेशों के सबसे आख़िरी संदेश क़ुरआन में लिखे गए हैं। इन संदेशों की शुरुआत आदम से हुई थी। हज़रत आदम इस्लामी (और यहूदी तथा ईसाई) मान्यताओं में सबसे पहला नबी (पैग़म्बर या पयम्बर) था और इसकी तुलना हिन्दू धर्म के मनु से एक हद तक की जा सकती है। जिस तरह से हिन्दू धर्म में मनु की संतानों को मानव कहा गया है वैसे ही इस्लाम में आदम की संतानों को आदमी कहा जाता है। तौहीद, धार्मिक आदेश, जन्नत, जहन्नम, सब्र, धर्म परायणता (तक्वा) के विषय ऐसे हैं जो बारम्बार दोहराए गए। क़ुरआन ने अपने समय में एक सीधे साधे, नेक व्यापारी इंसान को, जो अपने ‎परिवार में एक भरपूर जीवन गुज़ार रहा था। विश्व की दो महान शक्तियों ‎‎(रोमन तथा ईरानी) के समक्ष खड़ा कर दिया। केवल यही नहीं ‎उसने रेगिस्तान के अनपढ़ लोगों को ऐसा सभ्य बना दिया कि पूरे विश्व पर ‎इस सभ्यता की छाप से सैकड़ों वर्षों बाद भी इसके निशान पक्के मिलते हैं। ‎क़ुरआन ने युध्द, शांति, राज्य संचालन इबादत, परिवार के वे आदर्श प्रस्तुत ‎किए जिसका मानव समाज में आज प्रभाव है। मुसलमानों के अनुसार कुरआन में दिए गए ज्ञान से ये साबित होता है कि हज़रत मुहम्मद एक नबी है | .

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अनवर ज़हीर जमाली

अनवर जहीर जमाली पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश हैं जिन्होंने 10 सितंबर 2015 को न्यायाधीश पद का शपथ उठाया। अनवर जहीर 1951 को हैदराबाद, पाकिस्तान में पैदा हुए। आपके पूर्वजों का संबंध भारत के शहर जयपुर से था। अपने परिवार एक धार्मिक घराना है, जिसका सिलसिला वंश कुतुबुद्दीन अहमद हंसी से जा मिलता है। आप गिनती उन मनसनिन में होता है जो परवेज़ मुशर्रफ़ के दौर में पीसीओ के तहत शपथ लेने से इनकार कर दिया था। .

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उच्च न्यायालय (पाकिस्तान)

इस्लामी गणराज्य पाकिस्तान में पांच उच्च न्यायालय हैं, जिनमें से चार प्रत्येक प्रांत के मुख्यालय में स्थित हैं। पाकिस्तान ने पांचवें न्यायालय संघीय राजधानी क्षेत्र के लिए पारित किया है जो इस्लामाबाद में स्थित है। पांचवें न्यायालय की योजना लाहौर प्रांतीय न्यायालय ने रोक लगा दी थी, और इस फैसले को पाकिस्तान की न्यायालय ने 24 दिसंबर 2007 पर रोक लगा दी। .

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१९५६ का पाकिस्तानी संविधान

1956 का संविधान पाकिस्तान में मार्च 1956 से अक्टूबर 1958 तक लागू पाकिस्तान की सर्वोच्च विधि संहिता व संविधान थी, जिसे 1958 के तख्तापलट को बाद निलंबित कर दिया गया था। यह पाकिस्तान का पहला संविधान था। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

पाकिस्तान का उच्चतम न्यायालय, पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट, पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायालय, पाकिस्तान की सर्वोच्चन्यायालय, पाकिस्तानी की उच्चतम न्यायालय

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