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पाकिस्तान इन्टरनेशनल एयरलाइंस

सूची पाकिस्तान इन्टरनेशनल एयरलाइंस

पाकिस्तान इन्टर्नेशनल एयरलाइंस (پاکستان انٹرنیشنل ایئر لائنز; प्रायः जिसे पीआईए; या पाकिस्तान इन्टर्नेशनल भी कहा जाता है), पाकिस्तान सरकार की राज्य-स्वामित्त्व वाली ध्वजवाहिका वायुसेवा है। Once regarded as Asia's best airline, कंपनी का मुख्यालय जिन्नाह अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, कराची में स्थित है और यह एशिया, यूरोप एवं उत्तरी अमरीका के २४ अन्तर्देशीय एवं ३८ अन्तर्राष्ट्रीय गंतव्यों को वायुसेवा देती है। इसका प्रमुख केन्द्र (हब) कराची में अल्लामा इकबाल अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र एवं बेनज़ीर भुट्टो अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, रावलपिण्डी/इस्लामाबाद में स्थित है। .

6 संबंधों: दुबई अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, पाकिस्तान, पाकिस्तान सरकार, जिन्नाह अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, कराची, अल्लामा इकबाल अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

दुबई अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

दुबई अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र (مطار دبي الدولي) दुबई को सेवा देने वाला एक अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र है। यह मध्य पूर्व का एक प्रधान विमानन केन्द्र (एविएशन हब) है एवं दुबई का प्रमुख विमानक्षेत्र है। यह दुबई केन्द्र से दक्षिण-पूर्व दिशा में अल गर्हौद जिले में स्थित है। विमानक्षेत्र का संचालन नागर विमानन विभाग करता है और यही विमानक्षेत्र दुबई की अन्तर्राष्ट्रीय वायुसेवाओं जैसे एमिरेट्स, फ़्लाइदुबई, एमिरेट्स स्काईकार्गो का गृह-आधार भि है। एमिरेट्स का आधार (बेस) मध्यपूर्व का सबसे बड़ा वायुसेवा हब है। यह हब यहाम का ६०% यात्री भार वहन करता है एवं सभी विमान यातायात का ३८% भाग संचालित करता है। इसके साथ ही यहां दुबई के निम्न-लागत वाहक सेवा फ़्लाईदुबई का भी हब है। अप्रैल २०१३ से एमिरेट्स एवं क्वान्टाज़ के एक बड़े समझौते के बाद यहां क्वान्टाज़ का भी द्वितीयक हब आरंभ हुआ है। क्वान्टाज़ अब दुबई को अपनी यूरोप को जाती उड़ानों के लिये एक मुख्य विराम केन्द्र के रूप में प्रयोग कर सकेगा। सितंबर २०१२ के आंकड़ों के अनुसार यहां से १३० वायुसेवाओं द्वारा ६००० उड़ानें प्रति सप्ताह विश्व के २२० गंतव्यों को गयीं। .

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पाकिस्तान

इस्लामी जम्हूरिया पाकिस्तान या पाकिस्तान इस्लामी गणतंत्र या सिर्फ़ पाकिस्तान भारत के पश्चिम में स्थित एक इस्लामी गणराज्य है। 20 करोड़ की आबादी के साथ ये दुनिया का छठा बड़ी आबादी वाला देश है। यहाँ की प्रमुख भाषाएँ उर्दू, पंजाबी, सिंधी, बलूची और पश्तो हैं। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और अन्य महत्वपूर्ण नगर कराची व लाहौर रावलपिंडी हैं। पाकिस्तान के चार सूबे हैं: पंजाब, सिंध, बलोचिस्तान और ख़ैबर​-पख़्तूनख़्वा। क़बाइली इलाक़े और इस्लामाबाद भी पाकिस्तान में शामिल हैं। इन के अलावा पाक अधिकृत कश्मीर (तथाकथित आज़ाद कश्मीर) और गिलगित-बल्तिस्तान भी पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित हैं हालाँकि भारत इन्हें अपना भाग मानता है। पाकिस्तान का जन्म सन् 1947 में भारत के विभाजन के फलस्वरूप हुआ था। सर्वप्रथम सन् 1930 में कवि (शायर) मुहम्मद इक़बाल ने द्विराष्ट्र सिद्धान्त का ज़िक्र किया था। उन्होंने भारत के उत्तर-पश्चिम में सिंध, बलूचिस्तान, पंजाब तथा अफ़गान (सूबा-ए-सरहद) को मिलाकर एक नया राष्ट्र बनाने की बात की थी। सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली ने पंजाब, सिन्ध, कश्मीर तथा बलोचिस्तान के लोगों के लिए पाक्स्तान (जो बाद में पाकिस्तान बना) शब्द का सृजन किया। सन् 1947 से 1970 तक पाकिस्तान दो भागों में बंटा रहा - पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान। दिसम्बर, सन् 1971 में भारत के साथ हुई लड़ाई के फलस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बना और पश्चिमी पाकिस्तान पाकिस्तान रह गया। .

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पाकिस्तान सरकार

पाकिस्तान सरकार (حکومتِ پاکستان.;हुक़ूमत-ए पाकिस्तान) वफ़ाक़ी संसदीय प्रणाली के तहत काम करति है जिस में राष्ट्रपति राज्य और प्रधानमंत्री सरकर के नेता होते हैं। पाकिस्तान सरकार संघीय संसदीय प्रणाली है। जिसमें राष्ट्रपति का चयन जनता की बजाय संसद अथवा निर्वाचन समिति करता है। इस्लामी गणराज्य पाकिस्तान के प्रमुख राष्ट्रपति होते हैं जो पाकिस्तान की सेना के सर्वोच्च आदेशकर्ता भी होता है। प्रधानमंत्री, प्रशासनिक मामलों का प्रमुख होता है, वह संसदीय बहुमत से चुना जाता है। पाकिस्तान में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का चयन और पदग्रहण बिल्कुल भिन्न पहलू हैं और उनके शासनकाल का संवैधानिक रूप से आपस में कोई संबंध नहीं होता है। 6 सितंबर 2008 को पाकिस्तान की निर्वाचन समिति कि सेनेट(उच्चसदन), क़ौमी असेम्ब्ली (निम्नसदन) और चारों प्रांतीय विधानसभाओं से मिल कर बनता है। आम तौर पर प्रधानमंत्री निचले सदन के बहुमत दल के अंतर्गत आते हैं और देश की व्यवस्था संघीय मंत्रीमंडल की मदद से चलती है जो मजलिस-ए शूरा के दोनों सदनों, उच्च और निम्न से चुने जाते हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय विधानसभा सदस्यों और प्रांतीय विधायिका के सदस्य, जनता के मतदान के माध्यम से चुने जाते हैं। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति उस पार्टी के चुने जाते हैं जिनका क़ौमी असेम्ब्ली में बहूमत हो। सभापति भी बहुल पार्टी का ही होता है, हालांकि विपक्षी दलों को भी बड़े उदय दी जा सकते हैं। संसदीय प्रणाली में दो पार्टियां महत्व होता है एक वह पार्टी जो सभी पार्टियों से ज़्यादा सीटें हासिल कर इसे बहुल या सरकार बनाने वाली पार्टी और दूसरी वह पार्टी जो दूसरे नंबर पे सबसे निशतें प्राप्त करे उसे विपक्षी पार्टी कहा जाता हेमतला पाकिस्तान 2013 के चुनाव में मुस्लिम लीग की सबसे ज्यादा सीटें थीं तो वह सरकार बना लिया और दूसरे नंबर पे पपल्स पार्टी थी जो विपक्ष में खड़ी होई.ागर सरकारी पार्टी कोई फैसला लिया और विपक्ष इस फैसले का विरोध किया तो सरकारी पार्टी का वह फैसला खारिज किया जाएगा। .

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जिन्नाह अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

जिन्नाह अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र (جناح بين الاقوامي هوائي اڏو, (جناح بین الاقوامی ہوائ اڈہ) पाकिस्तान का सबसे बड़ा अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र है। सिंध प्रांत की राजधानी कराची में स्थित विमानक्षेत्र का नाम पाकिस्तान के राष्ट्रपिता मुहम्मद अली जिन्नाह के नाम पर रखा गया है। इस विमानक्षेत्र में पाकिस्तान के ध्वजवाही वायुसेवा पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) का द्वितीय एवं शाहीन एयर, एवं एयरब्लू के साथ साथ कई निजी वायुसेवाओं का हब स्थित है। यहां एयरक्राफ़्ट अभियांत्रिकी एवं ओवरहाउलिंग सुविधाओं के साथ साथ वाइड-बॉडी विमानों के लिये इस्पहानी हैंगर भी उपलब्ध है। .

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कराची

कराची पाकिस्तान का सबसे बड़ा नगर है और सिन्ध प्रान्त की राजधानी है। यह अरब सागर के तट पर बसा है और पाकिस्तान का सबसे बड़ा बन्दरगाह भी है। इसके उपनगरों को मिलाकर यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यह 3527 वर्ग किलोमीटर में फैला है और करीब 1.45 करोड़ लोगों का घर है। यहाँ के निवासी इस शहर की ज़िन्दादिली की वजह से इसे रौशनियों का शहर और क़ैद-ए-आज़म जिन्ना का निवास स्थान होने की वजह से इसे शहर-ए-क़ैद कह कर बुलाते हैं। जिन्‍नाह की जन्‍मस्‍थली के लिए प्रसिद्ध कराची पाकिस्‍तान के सिंध प्रांत की राजधानी है। यह पाकिस्‍तान का सबसे बड़ा शहर है। अरब सागर के तट पर बसा कराची पाकिस्‍तान की सांस्‍कृतिक, आर्थिक और शैक्षणिक राजधानी मानी जाती है। यह पाकिस्‍तान का सबसे बड़ा बंदरगाह शहर भी है। यह शहर पाकिस्‍तान आने वाले पर्यटकों के बीच भी खासा लोकप्रिय है। पर्यटक यहां बीच, म्‍यूजियम और मस्जिद आदि देख सकते हैं। आज के पाकिस्तानी भूभाग का मानवीय इतिहास कम से कम 5000 साल पुराना है, यद्यपि इतिहास पाकिस्तान शब्द का जन्म सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली के द्वारा हुआ। आज का पाकिस्तानी भूभाग कई संस्कृतियों का गवाह रहा है। ईसापूर्व 3300-1800 के बीच यहाँ सिन्धुघाटी सभ्यता का विकास हुआ। यह विश्व की चार प्राचीन ताम्र-कांस्यकालीन सभ्यताओं में से एक थी। इसका क्षेत्र सिन्धु नदी के किनारे अवस्थित था पर गुजरात (भारत) और राजस्थान में भी इस सभ्यता के अवशेष पाए गए हैं। मोहेन्जो-दारो, हड़प्पा इत्यादि स्थल पाकिस्तान में इस सभ्यता के प्रमुख अवशेष-स्थल हैं। इस सभ्यता के लोग कौन थे इसके बारे में विद्वानों में मतैक्य नहीं है। कुछ इसे आर्यों की पूर्ववर्ती शाखा कहते हैं तो कुछ इसे द्रविड़। कुछ इसे बलोची भी ठहराते हैं। इस मतभेद का एक कारण सिन्धु-घाटी सभ्यता की लिपि का नहीं पढ़ा जाना भी है। ऐसा माना जाता है कि 1500 ईसापूर्व के आसपास आर्यों का आगमन पाकिस्तान के उत्तरी क्षेत्रों के मार्फ़त भारत में हुआ। आर्यों का निवास स्थान कैस्पियन सागर के पूर्वी तथा उत्तरी हिस्सों में माना जाता है जहाँ से वे इसी समय के करीब ईरान, यूरोप और भारत की ओर चले गए थे। सन् 543 ईसापूर्व में पाकिस्तान का अधिकांश इलाका ईरान (फारस) के हख़ामनी साम्राज्य के अधीन आ गया। लेकिन उस समय इस्लाम का उदय नहीं हुआ था; ईरान के लोग ज़रदोश्त के अनुयायी थे और देवताओं की पूजा करते थे। सन् 330 ईसापूर्व में मकदूनिया (यूनान) के विजेता सिकन्दर ने दारा तृतीय को तीन बार हराकर हखामनी वंश का अन्त कर दिया। इसके कारण मिस्र से पाकिस्तान तक फैले हखामनी साम्राज्य का पतन हो गया और सिकन्दर पंजाब तक आ गया। ग्रीक स्रोतों के मुताबिक उसने सिन्धु नदी के तट पर भारतीय राजा पुरु (ग्रीक - पोरस) को हरा दिया। पर उसकी सेना ने आगे बढ़ने से इनकार कर दिया और वह भारत में प्रवेश किये बिना वापस लौट गया। इसके बाद उत्तरी पाकिस्तान और अफगानिस्तान में यूनानी-बैक्ट्रियन सभ्यता का विकास हुआ। सिकन्दर के साम्राज्य को उसके सेनापतियों ने आपस में बाँट लिया। सेल्युकस नेक्टर सिकन्दर के सबसे शक्तिशाली उत्तराधिकारियों में से एक था। मौर्यों ने 300 ईसापूर्व के आसपास पाकिस्तान को अपने साम्राज्य के अधीन कर लिया। इसके बाद पुनः यह ग्रीको-बैक्ट्रियन शासन में चला गया। इन शासकों में सबसे प्रमुख मिनांदर ने बौद्ध धर्म को प्रोत्साहित किया। पार्थियनों के पतन के बाद यह फारसी प्रभाव से मुक्त हुआ। सिन्ध के राय राजवंश (सन् 489-632) ने इसपर शासन किया। इसके बाद यह उत्तर भारत के गुप्त और फारस के सासानी साम्राज्य के बीच बँटा रहा। सन् 712 में फारस के सेनापति मुहम्मद बिन क़ासिम ने सिन्ध के राजा को हरा दिया। यह फारसी विजय न होकर इस्लाम की विजय थी। बिन कासिम एक अरब था और पूर्वी ईरान में अरबों की आबादी और नियंत्रण बढ़ता जा रहा था। हालांकि इसी समय केन्द्रीय ईरान में अरबों के प्रति घृणा और द्वेष बढ़ता जा रहा था पर इस क्षेत्र में अरबों की प्रभुसत्ता स्थापित हो गई थी। इसके बाद पाकिस्तान का क्षेत्र इस्लाम से प्रभावित होता चला गया। पाकिस्तानी सरकार के अनुसार इसी समय 'पाकिस्तान की नींव' डाली गई थी। इसके 1192 में दिल्ली के सुल्तान पृथ्वीराज चौहान को हराने के बाद ही दिल्ली की सत्ता पर फारस से आए तुर्कों, अरबों और फारसियों का नियंत्रण हो गया। पाकिस्तान दिल्ली सल्तनत का अंग बन गया। सोलहवीं सदी में मध्य-एशिया से भाग कर आए हुए बाबर ने दिल्ली की सत्ता पर अधिकार किया और पाकिस्तान मुगल साम्राज्य का अंग बन गया। मुगलों ने काबुल तक के क्षेत्र को अपने साम्राज्य में मिला लिया था। अठारहवीं सदी के अन्त तक विदेशियों (खासकर अंग्रेजों) का प्रभुत्व भारतीय उपमहाद्वीप पर बढ़ता गया.

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अल्लामा इकबाल अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

अल्लामा इक़बाल अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र (पंजाबी, علامہ اقبال بین الاقوامی ہوائی اڈا) पाकिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा विमानक्षेत्र है। यह यहां के पंजाब प्रान्त की राजधानी लाहौर को वायु सेवा प्रदान कराता है। मूलतः इसे लाहौर अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र कहा जाता था, जबकि २००३ में नये टर्मिनल भवन के तैयार होने पर, इसका नाम पाकिस्तानी शायर एवं दार्शनिक अल्लामा सर मुहम्मद इकबाल के नाम पर रख दिया गया था, जिन्होंने पाकिस्तान के सृजन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। विमानक्षेत्र में वर्तमान में तीन टर्मिनल हैं: अल्लामा इकबाल टर्मिनल, हज टर्मिनल एवं एक कार्गो टर्मिनल। यह विमानक्षेत्र लाहौर शहर के केन्द्र से लगभग 15 कि.मी दूर स्थित है। वर्ष २००९ में यहां से 3,192,904 यात्रियों का आवागमन संपन्न हुआ, जिसके कारण यह पाकिस्तान का दूसरा व्यस्ततम विमानक्षेत्र बना। ५ मार्च २०१० को, पाकिस्तान सिविल एविएशन अथॉरिटी ने इस विमानक्षेत्र के विस्तार संबंधी एक निविदा घोषित की। इसके अन्तर्गत्त चेक-इन पटल संख्या दोगुनी होकर २४ से ४८ हो जायेगी और इम्मिग्रेशन पटल भी १० से २० किये जाएंगे। टर्मिनल क्षेत्र का भी विस्तार किया जायेगा और इसके अलावा कुछ क्षेत्र भविष्य के विस्तार हेतु सुरक्षित रखा जायेगा। .

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