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पश्चिमी शिया

सूची पश्चिमी शिया

सन् ११११ ईसवी में पश्चिमी शिया राजवंश का क्षेत्र (हरे रंग में) तान्गूत सरकार द्वारा जारी यह कांसे के अधिकारपत्र धारक को 'घोड़े जलाने' (यानि आपातकाल में सरकारी घोड़े तेज़ी से दोड़ाकर थका डालने) की अनुमति देते थे पश्चिमी शिया राजवंश (चीनी: 西夏, शी शिया; अंग्रेजी: Western Xia) जिसे तान्गूत साम्राज्य (Tangut Empire) भी कहा जाता है पूर्वी एशिया का एक साम्राज्य था जो आधुनिक चीन के निंगशिया, गांसू, उत्तरी शान्शी, पूर्वोत्तरी शिनजियांग, दक्षिण-पश्चिमी भीतरी मंगोलिया और दक्षिणी मंगोलिया पर सन् १०३८ से १२२७ ईसवी तक विस्तृत था। तान्गूत लोग तिब्बती लोगों से सम्बंधित माने जाते हैं और उन्होंने चीनी लोगों का पड़ोसी होने के बावजूद चीनी संस्कृति नहीं अपनाई। तिब्बती और तान्गूत लोग इस साम्राज्य को मिन्याक साम्राज्य (Mi-nyak) बुलाते थे। तान्गुतों ने कला, संगीत, साहित्य और भवन-निर्माण में बहुत तरक्की की थी। सैन्य क्षेत्र में भी वे सबल थे - वे शक्तिशाली लियाओ राजवंश, सोंग राजवंश और जिन राजवंश (१११५–१२३४) का पड़ोसी होते हुए भी डट सके क्योंकि उनका फ़ौजी बन्दोबस्त बढ़िया था। रथी, धनुर्धर, पैदल सिपाही, ऊँटों पर लदी तोपें और जल-थल दोनों पर जूझने को तैयार टुकड़ियाँ सभी उनकी सेना का अंग थीं और एक-साथ आयोजित तरीक़े से लड़ना जानती थीं।, David Hartill, Trafford Publishing, 2005, ISBN 978-1-4120-5466-9,...

20 संबंधों: चित्रलिपि, चीन, चीनी भाषा, चीनी भावचित्र, तान्गूत भाषा, तान्गूत लोग, तिब्बती भाषा, तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार, निंगशिया, भीतरी मंगोलिया, मंगोल, मंगोलिया, युआन राजवंश, लियाओ राजवंश, शान्शी, शिंजियांग, सोंग राजवंश, जिन राजवंश (१११५–१२३४), गांसू, अंग्रेज़ी भाषा

चित्रलिपि

फ़्रांस में घुड़सवारी का यह भावचित्र एक सड़क-चिह्न है जापान में यह भावचित्र 'पानी' का अर्थ देता है भारत का स्वस्तिक भावचित्र 'शुभ' का अर्थ देता है चित्रलिपि ऐसी लिपि को कहा जाता है जिसमें ध्वनि प्रकट करने वाली अक्षरमाला की बजाए अर्थ प्रकट करने वाले भावचित्र (इडियोग्रैम) होते हैं। यह भावचित्र ऐसे चित्रालेख चिह्न होते हैं जो कोई विचार या अवधारणा (कॉन्सॅप्ट) व्यक्त करें। कुछ भावचित्र ऐसे होते हैं कि वह किसी चीज़ को ऐसे दर्शाते हैं कि उस भावचित्र से अपरिचित व्यक्ति भी उसका अर्थ पहचान सकता है, मसलन 'छाते' के लिए यूनीकोड में ☂ का चिह्न जिसे ऐसा कोई भी व्यक्ति पहचान सकता है जिसने छाता देखा हो। इसके विपरीत कुछ भावचित्रों का अर्थ केवल उनसे परिचित व्यक्ति ही पहचान पाते हैं, मसलन 'ॐ' का चिह्न 'ईश्वर' या 'धर्म' की अवधारणा व्यक्त करता है और '६' का चिह्न छह की संख्या की अवधारणा व्यक्त करता है। चीनी भाषा की लिपि और प्राचीन मिस्र की लिपि ऐसी चित्रलिपियों के उदाहरण हैं। .

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चीन

---- right चीन विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो एशियाई महाद्वीप के पू‍र्व में स्थित है। चीन की सभ्यता एवं संस्कृति छठी शताब्दी से भी पुरानी है। चीन की लिखित भाषा प्रणाली विश्व की सबसे पुरानी है जो आज तक उपयोग में लायी जा रही है और जो कई आविष्कारों का स्रोत भी है। ब्रिटिश विद्वान और जीव-रसायन शास्त्री जोसफ नीधम ने प्राचीन चीन के चार महान अविष्कार बताये जो हैं:- कागज़, कम्पास, बारूद और मुद्रण। ऐतिहासिक रूप से चीनी संस्कृति का प्रभाव पूर्वी और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों पर रहा है और चीनी धर्म, रिवाज़ और लेखन प्रणाली को इन देशों में अलग-अलग स्तर तक अपनाया गया है। चीन में प्रथम मानवीय उपस्थिति के प्रमाण झोऊ कोऊ दियन गुफा के समीप मिलते हैं और जो होमो इरेक्टस के प्रथम नमूने भी है जिसे हम 'पेकिंग मानव' के नाम से जानते हैं। अनुमान है कि ये इस क्षेत्र में ३,००,००० से ५,००,००० वर्ष पूर्व यहाँ रहते थे और कुछ शोधों से ये महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली है कि पेकिंग मानव आग जलाने की और उसे नियंत्रित करने की कला जानते थे। चीन के गृह युद्ध के कारण इसके दो भाग हो गये - (१) जनवादी गणराज्य चीन जो मुख्य चीनी भूभाग पर स्थापित समाजवादी सरकार द्वारा शासित क्षेत्रों को कहते हैं। इसके अन्तर्गत चीन का बहुतायत भाग आता है। (२) चीनी गणराज्य - जो मुख्य भूमि से हटकर ताईवान सहित कुछ अन्य द्वीपों से बना देश है। इसका मुख्यालय ताइवान है। चीन की आबादी दुनिया में सर्वाधिक है। प्राचीन चीन मानव सभ्यता के सबसे पुरानी शरणस्थलियों में से एक है। वैज्ञानिक कार्बन डेटिंग के अनुसार यहाँ पर मानव २२ लाख से २५ लाख वर्ष पहले आये थे। .

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चीनी भाषा

चीनी भाषा (अंग्रेजी: Chinese; 汉语/漢語, पिनयिन: Hànyǔ; 华语/華語, Huáyǔ; या 中文 हुआ-यू, Zhōngwén श़ोंग-वॅन) चीन देश की मुख्य भाषा और राजभाषा है। यह संसार में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। यह चीन एवं पूर्वी एशिया के कुछ देशों में बोली जाती है। चीनी भाषा चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार में आती है और वास्तव में कई भाषाओं और बोलियों का समूह है। मानकीकृत चीनी असल में एक 'मन्दारिन' नामक भाषा है। इसमें एकाक्षरी शब्द या शब्द भाग ही होते हैं और ये चीनी भावचित्र में लिखी जाती है (परम्परागत चीनी लिपि या सरलीकृत चीनी लिपि में)। चीनी एक सुरभेदी भाषा है। .

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चीनी भावचित्र

चीनी लिपि में 'आँख' के लिए भावचित्र 'आँख' के भावचित्र का हस्त-लिखित रूप शांग राजवंश काल में हड्डियों पर खरोंचे गए स्वर-अर्थ संयुक्त भावचित्र - इनसे भविष्यवानियाँ की जाती थीं सन् १४३६ में बनी चीनी भावचित्र सिखाने के लिए एक पुस्तक का पृष्ठ गाय के चित्र से कैसे उसका आधुनिक भावचित्र बदलावों के साथ उत्पन्न हुआ चीनी भावचित्रों में हर दिशा में खीची जाने वाली हर प्रकार की लकीर का एक भिन्न नाम है - हर भावचित्र में यह लकीरें अलग तरह से सम्मिलित होती हैं - यहाँ दिखाए गए भावचित्र 永 का मतलब 'हमेशा' या 'सनातन' है हानज़ी अथवा चीनी भावचित्र (अंग्रेज़ी: Chinese characters, चाइनीज़ कैरॅक्टर्ज़) चीनी भाषा और (कुछ हद तक) जापानी भाषा लिखने के लिए इस्तेमाल होने वाले भावचित्र होते हैं। इन्हें चीनी के लिए जब प्रयोग किया जाए तो यह हानज़ी(汉字/漢字, hanzi) कहलाते हैं और जब जापानी के लिए प्रयोग किया जाए तो कानजी (漢字, kanji) कहलाते हैं। पुराने ज़माने में इनका प्रयोग कोरियाई भाषा और वियतनामी भाषा के लिए भी होता था। चीनी भावचित्र दुनिया की सब से पुरानी चलती आ रही लिखने की विधि है।, Hans Jensen, Allen & Unwin, 1969,...

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तान्गूत भाषा

बौद्ध सूत्र तान्गूत भाषा (Tangut) या शी शिया भाषा (西夏) एक प्राचीन उत्तरपूर्वी तिब्बती-बर्मी भाषा थी जो कभी पश्चिमी शिया साम्राज्य के तान्गूत लोगों द्वारा बोली जाती थी। इसे कभी-कभी तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार की चिआंगी उपशाखा (Qiangic) में वर्गीकृत किया जाता है।, James Matisoff, 2004.

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तान्गूत लोग

चीन के निंगशिया प्रांत से १०वीं या ११वीं सदी में बनी एक तस्वीर जो शायद एक तान्गूत आदमी की है तान्गूत (चीनी भाषा: 党项, अंग्रेज़ी: Tangut) एक तिब्बती-बर्मी भाषा बोलने वाला समुदाय था जिसने प्राचीन चीन के पश्चिम में पश्चिमी शिया राज्य स्थापित किया। माना जाता है कि वे १०वीं सदी ईसवी से पहले उत्तर-पश्चिमी चीन में आ बसे थे। माना जाता है कि इनका तिब्बती लोगों से नसल का सम्बन्ध था लेकिन जहाँ ऐसी अन्य जातियाँ तिब्बती समुदाय में घुल गई वहाँ तान्गूत तिब्बत से दूर उत्तर में थे इसलिए इनकी अलग पहचान बनी रही।, Sam Van Schaik, Yale University Press, 2011, ISBN 978-0-300-15404-7,...

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तिब्बती भाषा

तिब्बती भाषा (तिब्बती लिपि में: བོད་སྐད་, ü kä), तिब्बत के लोगों की भाषा है और वहाँ की राजभाषा भी है। यह तिब्बती लिपि में लिखी जाती है। ल्हासा में बोली जाने वाली भाषा को मानक तिब्बती माना जाता है। .

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तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार

बर्मा के भाषा-परिवार भारतीय उपमहाद्वीप के भाषा-परिवार चीन के भाषा-परिवार तिब्बती-बर्मी भाषा परिवार पूर्वी एशिया, दक्षिण-पूर्वी एशिया के पहाड़ी इलाक़ों और भारतीय उपमहाद्वीप में बोली जाने वाली लगभग ४०० भाषाओं का एक भाषा-परिवार है। इसका नाम इस परिवार की दो सब से ज़्यादा बोली जाने वाली भाषाओं पर रखा गया है - तिब्बती भाषा (जो ८० लाख से अधिक लोग बोलते हैं) और बर्मी भाषा (जो ३.२ करोड़ से अधिक लोग बोलते हैं)। यह भाषा-परिवार चीनी-तिब्बती भाषा परिवार की एक उपशाखा है, लेकिन चीनी भाषा और इन भाषाओँ में बहुत अंतर है।, Austin Hale, Walter de Gruyter, 1982, ISBN 978-90-279-3379-9 .

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निंगशिया

चीन के नक़्शे पर निंगशिया (लाल रंग में) निंगशिया या निंगशिया हुई (宁夏回族自治区, निंगशिया हुईज़ू ज़िझिचु; Ningxia) जनवादी गणतंत्र चीन का एक स्वशासित प्रदेश है। यह चीन के हान चीनी जाती वाले इलाक़ों के उत्तर-पश्चिम में स्थित है और इसमें मुस्लिम हुई लोग रहते हैं। इसकी राजधानी यिनचुआन शहर है। निंगशिया लोएस पठार पर स्थित है और पीली नदी (ह्वांग हो) इसमें से गुज़रती है। इसकी पूर्वोत्तरी सीमा पर चीन की महान दीवार चलती है। निंगशिया का कुल क्षेत्रफल ६६,००० वर्ग किमी है और सन् २०१० की जनगणना में इसकी आबादी ६३,०१,३५० अनुमानित की गई थी।, Graham Hutchings, Harvard University Press, 2003, ISBN 978-0-674-01240-0,...

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भीतरी मंगोलिया

भीतरी मंगोलिया (Öbür Monggol-un Öbertegen Jasahu Oron, 内蒙古自治区) चीन का एक स्वायत्त क्षेत्र है। मंगोलिया, भीतरी.

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मंगोल

चंगेज़ ख़ान एक पारम्परिक मंगोल घर, जिसे यर्त कहते हैं मंगोल मध्य एशिया और पूर्वी एशिया में रहने वाली एक जाति है, जिसका विश्व इतिहास पर गहरा प्रभाव रहा है। भारतीय उपमहाद्वीप में इस जाति को मुग़ल के नाम से जाना जाता था, जिस से मुग़ल राजवंश का नाम भी पड़ा। आधुनिक युग में मंगोल लोग मंगोलिया, चीन और रूस में वास करते हैं। विश्व भर में लगभग १ करोड़ मंगोल लोग हैं। शुरु-शुरु में यह जाति अर्गुन नदी के पूर्व के इलाकों में रहा करती थी, बाद में वह वाह्य ख़िन्गन पर्वत शृंखला और अल्ताई पर्वत शृंखला के बीच स्थित मंगोलिया पठार के आर-पार फैल गई। मंगोल जाति के लोग ख़ानाबदोशों का जीवन व्यतीत करते थे और शिकार, तीरंदाजी व घुड़सवारी में बहुत कुशल थे। १२वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में इसके मुखिया तेमूचीन ने तमाम मंगोल कबीलों को एक किया। .

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मंगोलिया

मंगोलिया (मंगोलियन: Монгол улс) पूर्व और मध्य एशिया में एक भूमि से घिरा (लेंडलॉक) देश है। इसकी सीमाएं उत्तर में रूस, दक्षिण, पूर्वी और पश्चिमी में चीन से मिलती हैं। हालांकि, मंगोलिया की सीमा कज़ाख़िस्तान से नहीं मिलती, लेकिन इसकी सबसे पश्चिमी छोर कज़ाख़िस्तान के पूर्वी सिरे से केवल 24 मील (38 किमी) दूर है। देश की राजधानी और सबसे बड़ा शहर उलान बाटोर है, जहां देश की लगभग 38% जनसंख्या निवास करती है। मंगोलिया में संसदीय गणतंत्र है। .

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युआन राजवंश

सन् १२९४ ईसवी में युआन साम्राज्य का नक़्शा (हरे रंग में) - कोरिया का इलाक़ा एक स्वशासित लेकिन अधीन राज्य था युआन राजवंश (चीनी: 元朝, युआन चाओ; मंगोल: दाई ओन उल्स; अंग्रेजी: Yuan Dynasty) सन् १२७१ ईसवी से सन् १३६८ ईसवी तक चलने वाला एक राजवंश था जिसके साम्राज्य में आधुनिक चीन का लगभग पूरा हिस्सा, सारे मंगोलिया का भूक्षेत्र और कुछ आसपास के इलाक़े शामिल थे। इसकी स्थापना मंगोल नेता कुबलई ख़ान ने की थी, जो चंगेज़ ख़ान का पोता भी था। इस साम्राज्य को मंगोल साम्राज्य का एक विभाग और चीन का एक राजवंश दोनों समझा जाता है। युआन राजवंश के ज़माने में पूरा चीन पर एक विदेशी जाति ने लम्बे अरसे तक राज किया।, Gregory Veeck, Clifton Pannell, Christopher Smith, Youqin Huang, Rowman & Littlefield Publishers, 2011, ISBN 978-0-7425-6784-9,...

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लियाओ राजवंश

सन् ११११ ईसवी में लियाओ राजवंश का क्षेत्र (गुलाबी रंग में) लियाओ राजवंश (चीनी: 遼朝, लियाओ चाओ; ख़ितानी: मोस जैलुत; अंग्रेजी: Liao Dynasty) जिसे ख़ितानी साम्राज्य (契丹國, चिदान गुओ, Khitan Empire) भी कहा जाता है पूर्वी एशिया का एक साम्राज्य था जो मंगोलिया, कज़ाख़स्तान के कुछ भागों, रूस के सुदूर पूर्वी भागों और उत्तरी चीन पर विस्तृत था। इसकी स्थापना चीन में तंग राजवंश के पतन के दौरान ख़ितानी लोगों के महान ख़ान अबाओजी ने की थी। यह साम्राज्य ९०७ ईसवी से ११२५ ईसवी तक चला। सन् ११२५ ई में जुरचेन लोगों के जिन राजवंश (१११५–१२३४) ने लियाओ राजवंश का नाश कर दिया।, Frederick W. Mote, Harvard University Press, 2003, ISBN 978-0-674-01212-7,...

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शान्शी

चीन के नक़्शे में शान्शी प्रान्त (लाल रंग) (चीनी: 陕西; अंग्रेज़ी: Shaanxi) जनवादी गणराज्य चीन के केन्द्रीय भाग में स्थित एक प्रांत हैं। यह पीली नदी (ह्वांग हो) के मध्य भाग में आने वाले लोएस पठार और चिनलिंग पहाड़ों पर विस्तृत है। शान्शी की राजधानी शिआन शहर है।, David Leffman, Martin Zatko, Penguin, 2011, ISBN 978-1-4053-8908-2 शान्शी प्रान्त का क्षेत्रफल २,०५,८०० वर्ग किमी है। सन् २०१० की जनगणना में शान्शी की प्रांतीय आबादी ३,७३,२७,३७८ थी। .

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शिंजियांग

चीन का नक़्शा, शिंजियांग गहरे लाल रंग में शिन्जियांग में काराकोरम राजमार्ग के नज़दीक का दृश्य तियांची सरोवर बुरचिन ज़िले में एक नदी शिंजियांग (उइग़ुर:, अंग्रेज़ी: Xinjiang, चीनी: 新疆) जनवादी गणराज्य चीन का एक स्वायत्तशासी क्षेत्र है। ये एक रेगिस्तानी और शुष्क इलाक़ा है इसलिए इस की आबादी बहुत कम है। शिंजियांग की सरहदें दक्षिण में तिब्बत और भारत, दक्षिण-पूर्व में चिंग हई और गांसू, पूर्व में मंगोलिया, उत्तर में रूस और पश्चिम में क़ाज़क़स्तान, किरगिज़स्तान, ताजिकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान से मिलती हैं। भारत का अक्साई चिन का इलाका भी, जिसपर चीन का क़ब्ज़ा है, प्रशासनिक रूप से शिंजियांग में शामिल है।, S. Frederick Starr, M.E. Sharpe, 2004, ISBN 978-0-7656-1318-9 शिंजियांग की राजधानी उरुमची नाम का शहर है, जबकि इसका सबसे बड़ा नगर काश्गर है। .

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सोंग राजवंश

सन् ११११ ईसवी में उत्तरी सोंग राजवंश के साम्राज्य का नक़्शा (जामुनी रंग में) सोंग राजवंश (宋朝, सोंग चाओ, Song Dynasty) चीन का एक राजवंश था, जिसका शासनकाल सन् ९६० ईसवी से सन् १२७९ ईसवी तक चला। यह पाँच राजवंश और दस राजशाहियों के दौर के बाद शुरू हुआ और युआन राजवंश के उभरने पर ख़त्म हुआ। सोंग राजवंश के काल में बहुत प्रशासनिक, सैन्य और वैज्ञानिक प्रगति हुई। यह दुनिया की पहली सरकार थी जिसनें काग़ज़ के नोट छपे और प्रथम चीनी सरकार थी जिसने चीन की एक टिकाऊ नौसेना स्थापित की।, Bernard D. Cole, Naval Institute Press, 2001, ISBN 978-1-55750-239-1,...

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जिन राजवंश (१११५–१२३४)

सन् ११४१ ईसवी में जिन राजवंश के साम्राज्य का नक़्शा (आसमानी नीले रंग में) जिन राजवंश (जुरचेन: अइसिन गुरून; चीनी: 金朝, जिन चाओ; अंग्रेजी: Jin Dynasty), जिसे जुरचेन राजवंश भी कहा जाता है, जुरचेन लोगों के वानयान (完顏, Wanyan) परिवार द्वारा स्थापित एक राजवंश था जिसने उत्तरी चीन और उसके कुछ पड़ोसी इलाक़ों पर सन् १११५ ईसवी से १२३४ ईसवी तक शासन किया। यह जुरचेन लोग उन्ही मान्छु लोगों के पूर्वज थे जिन्होनें ५०० वर्षों बाद चीन पर चिंग राजवंश के रूप में राज किया। ध्यान दीजिये की इस जिन राजवंश से पहले एक और जिन राजवंश आया था जिनका इस वंश से कोई सम्बन्ध नहीं है। .

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गांसू

गांसू (चीनी: 甘肃) उत्तर-पश्चिमी चीन में स्थित एक प्रान्त है। इसका नाम उईग़ुर भाषा के "कांग" (अर्थ: विस्तृत) और "सू" (अर्थ: पानी) शब्दों से उत्पन्न हुआ है। गांसू की राजधानी लानझू शहर है जो इस प्रांत के दक्षिणपूर्व में स्थित है। इस प्रांत की आबादी 2009 में 2.6 करोड़ थी (लगभग हरियाणा के बराबर) और इसका क्षेत्रफल लगभग 454,000 वर्ग किमी है (लगभग उत्तर प्रदेश का दुगना)। यहाँ पर हुई समुदाय के बहुत से लोग रहते हैं, जो नस्ल के तो चीनी हैं लेकिन इस्लाम के अनुयायी हैं। गांसू के दक्षिण-पश्चिमी भाग में बहुत से तिब्बती लोग भी रहते हैं। .

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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