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पश्चिमी चंपारण

सूची पश्चिमी चंपारण

चंपारण बिहार के तिरहुत प्रमंडल के अंतर्गत भोजपुरी भाषी जिला है। हिमालय के तराई प्रदेश में बसा यह ऐतिहासिक जिला जल एवं वनसंपदा से पूर्ण है। चंपारण का नाम चंपा + अरण्य से बना है जिसका अर्थ होता है- चम्‍पा के पेड़ों से आच्‍छादित जंगल। बेतिया जिले का मुख्यालय शहर हैं। बिहार का यह जिला अपनी भौगोलिक विशेषताओं और इतिहास के लिए विशिष्ट स्थान रखता है। महात्मा गाँधी ने यहीं से अंग्रेजों के खिलाफ नील आंदोलन से सत्याग्रह की मशाल जलायी थी। .

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चम्पारण सत्याग्रह

गांधीजी १९१७ मेंगांधीजी के नेतृत्व में बिहार के चम्पारण जिले में सन् १९१७-१८ में एक सत्याग्रह हुआ। इसे चम्पारण सत्याग्रह के नाम से जाना जाता है। गांधीजी के नेतृत्व में भारत में किया गया यह पहला सत्याग्रह था। .

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चंपारण

चंपारण बिहार प्रान्त का एक जिला था। अब पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण नाम के दो जिले हैं। भारत और नेपाल की सीमा से लगा यह क्षेत्र स्वाधीनता संग्राम के दौरान काफी सक्रिय रहा है। महात्मा गाँधी ने अपनी मशाल यहीं से अंग्रेजों के खिलाफ नील आंदोलन से जलायी थी। बेतियापश्चिमी चंपारण का जिला मुख्यालय है और मोतिहारी पूर्वी चम्पारण का। चंपारण से ३५ किलोमीटर दूर दक्षिण साहेबगंज-चकिया मार्ग पर लाल छपरा चौक के पास अवस्थित है प्राचीन ऐतिहासिक स्थल केसरिया। यहाँ एक वृहद् बौद्धकालीन स्तूप है जिसे केसरिया स्तूप के नाम से जाना जाता है। .

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तराई क्षेत्र

तराई क्षेत्र भारत, नेपाल एवं भूटान में स्थित हिमालय के आधार के दक्षिण में स्थित क्षेत्रों को कहते हैं। यह क्षेत्र पश्चिम में यमुना नदी से लेकर पूरब में ब्रह्मपुत्र नदी तक फैला हुआ है। इस क्षेत्र में भूमि नम है तथा इस क्षेत्र में घास के मैदान एवं वन हैं। तराई क्षेत्र के उत्तरी भाग भाभर क्षेत्र कहलाता है। तराई क्षेत्र की भूमि के अन्दर मिट्टी और बालू की एक के बाद एक परते हैं। यहाँ पर जल-स्तर बहुत उपर है। इस क्षेत्र की नदियों में मानसून के समय प्राय: बाढ़ आ जाती है। तराई क्षेत्र के नीचे (दक्षिण में) गंगा-यमुना-ब्रह्मपुत्र का मैदानी क्षेत्र स्थित है। तराई का अर्थ समतल भूमि होता है। और अर्थ मधेस भी होता है। पिछले 1 दशक में नेपालमे तराई मधेश नाम से 1 दर्जन से भी अधिक राजनितिक दल दर्ता हुए है। उनमे से अधिकतर अभी के नेपालके सम्भिधान सभा में प्रतिनिधित्व करते है। कुछ मधेसी दल के नाम:मधेसी फोरम, तराई मधेश लोकतांत्रिक पार्टी, सद्भावना पार्टी, तराई मधेश राष्टीय अभियान। उनका मुद्दा मधेशियो हक अधिकार संबिधान सभा से सुनिश्चित करवाना है। मधेश के लोग राजनितिक रूप से पिछड़े है। नेपाली सेना मधेसी की उपस्थिति 2% से भी कम है। और यही स्थिति कुटनीतिक पदों पर भी है। मधेसी लोग अधिकतर भारत के यूपी विहार मूल के है। उसकेवाद अन्य राज्य से सम्बंधित है जैसे बंगाल पंजाब राजस्थान का नंबर आता है। .

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तिरहुत प्रमंडल

तिरहुत प्रमंडल का नक्शा बिहार में गंगा के उत्तरी भाग को तिरहुत क्षेत्र कहा जाता था। इसे तुर्क-अफगान काल में स्वतंत्र प्रशासनिक इकाई बनाया गया। किसी समय में यह क्षेत्र बंगाल राज्य के अंतर्गत था। सन् १८७५ में यह बंगाल से अलग होकर मुजफ्फरपुर और दरभंगा नामक दो जिलों में बँट गया। ये दोनों जिले अब बिहार राज्य के अन्तर्गत है। वैसे अब तिरहुत नाम का कोई स्थान नहीं है, लेकिन मुजफ्फरपुर और दरभंगा जिलों को ही कभी कभी तिरहुत नाम से व्यक्त किया जाता है। ब्रिटिस भारत में सन १९०८ में जारी एक आदेश के तहत तिरहुत को पटना से अलग कर प्रमंडल बनाया गया। तिरहुत बिहार राज्य के ९ प्रमंडलों में सवसे बड़ा है। इसके अन्तर्गत ६ जिले आते हैं.

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दिल्ली

दिल्ली (IPA), आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अंग्रेज़ी: National Capital Territory of Delhi) भारत का एक केंद्र-शासित प्रदेश और महानगर है। इसमें नई दिल्ली सम्मिलित है जो भारत की राजधानी है। दिल्ली राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों इकाइयों - कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित हैं १४८३ वर्ग किलोमीटर में फैला दिल्ली जनसंख्या के तौर पर भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। यहाँ की जनसंख्या लगभग १ करोड़ ७० लाख है। यहाँ बोली जाने वाली मुख्य भाषाएँ हैं: हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और अंग्रेज़ी। भारत में दिल्ली का ऐतिहासिक महत्त्व है। इसके दक्षिण पश्चिम में अरावली पहाड़ियां और पूर्व में यमुना नदी है, जिसके किनारे यह बसा है। यह प्राचीन समय में गंगा के मैदान से होकर जाने वाले वाणिज्य पथों के रास्ते में पड़ने वाला मुख्य पड़ाव था। यमुना नदी के किनारे स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। यह भारत का अति प्राचीन नगर है। इसके इतिहास का प्रारम्भ सिन्धु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है। हरियाणा के आसपास के क्षेत्रों में हुई खुदाई से इस बात के प्रमाण मिले हैं। महाभारत काल में इसका नाम इन्द्रप्रस्थ था। दिल्ली सल्तनत के उत्थान के साथ ही दिल्ली एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक शहर के रूप में उभरी। यहाँ कई प्राचीन एवं मध्यकालीन इमारतों तथा उनके अवशेषों को देखा जा सकता हैं। १६३९ में मुगल बादशाह शाहजहाँ ने दिल्ली में ही एक चारदीवारी से घिरे शहर का निर्माण करवाया जो १६७९ से १८५७ तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रही। १८वीं एवं १९वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने लगभग पूरे भारत को अपने कब्जे में ले लिया। इन लोगों ने कोलकाता को अपनी राजधानी बनाया। १९११ में अंग्रेजी सरकार ने फैसला किया कि राजधानी को वापस दिल्ली लाया जाए। इसके लिए पुरानी दिल्ली के दक्षिण में एक नए नगर नई दिल्ली का निर्माण प्रारम्भ हुआ। अंग्रेजों से १९४७ में स्वतंत्रता प्राप्त कर नई दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों से लोगों का प्रवासन हुआ, इससे दिल्ली के स्वरूप में आमूल परिवर्तन हुआ। विभिन्न प्रान्तो, धर्मों एवं जातियों के लोगों के दिल्ली में बसने के कारण दिल्ली का शहरीकरण तो हुआ ही साथ ही यहाँ एक मिश्रित संस्कृति ने भी जन्म लिया। आज दिल्ली भारत का एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक केन्द्र है। .

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देवरिया

देवरिया (Deoria) भारत के उत्तर प्रदेश प्रान्त का एक शहर और इसी नाम के जिले का मुख्यालय है। देवरिया गोरखपुर से क़रीब 50 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित है। देवरिया के पास ही कुशीनगर स्थित है जो महात्मा बुद्ध के निर्वाणस्थल के रूप में एक प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थस्थल है। .

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नंद वंश

३२३ ईसा पूर्व में धनानन्द के शासनकाल में नन्दवंश का साम्राज्य अपनी चरम अवस्था में था नंदवंश प्राचीन भारत का एक नाई राजवंश था जिसने पाँचवीं-चौथी शताब्दी ईसा पूर्व उत्तरी भारत के विशाल भाग पर शासन किया। .

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नेपाल

नेपाल, (आधिकारिक रूप में, संघीय लोकतान्त्रिक गणराज्य नेपाल) भारतीय उपमहाद्वीप में स्थित एक दक्षिण एशियाई स्थलरुद्ध हिमालयी राष्ट्र है। नेपाल के उत्तर मे चीन का स्वायत्तशासी प्रदेश तिब्बत है और दक्षिण, पूर्व व पश्चिम में भारत अवस्थित है। नेपाल के ८१ प्रतिशत नागरिक हिन्दू धर्मावलम्बी हैं। नेपाल विश्व का प्रतिशत आधार पर सबसे बड़ा हिन्दू धर्मावलम्बी राष्ट्र है। नेपाल की राजभाषा नेपाली है और नेपाल के लोगों को भी नेपाली कहा जाता है। एक छोटे से क्षेत्र के लिए नेपाल की भौगोलिक विविधता बहुत उल्लेखनीय है। यहाँ तराई के उष्ण फाँट से लेकर ठण्डे हिमालय की श्रृंखलाएं अवस्थित हैं। संसार का सबसे ऊँची १४ हिम श्रृंखलाओं में से आठ नेपाल में हैं जिसमें संसार का सर्वोच्च शिखर सागरमाथा एवरेस्ट (नेपाल और चीन की सीमा पर) भी एक है। नेपाल की राजधानी और सबसे बड़ा नगर काठमांडू है। काठमांडू उपत्यका के अन्दर ललीतपुर (पाटन), भक्तपुर, मध्यपुर और किर्तीपुर नाम के नगर भी हैं अन्य प्रमुख नगरों में पोखरा, विराटनगर, धरान, भरतपुर, वीरगंज, महेन्द्रनगर, बुटवल, हेटौडा, भैरहवा, जनकपुर, नेपालगंज, वीरेन्द्रनगर, त्रिभुवननगर आदि है। वर्तमान नेपाली भूभाग अठारहवीं सदी में गोरखा के शाह वंशीय राजा पृथ्वी नारायण शाह द्वारा संगठित नेपाल राज्य का एक अंश है। अंग्रेज़ों के साथ हुई संधियों में नेपाल को उस समय (१८१४ में) एक तिहाई नेपाली क्षेत्र ब्रिटिश इंडिया को देने पड़े, जो आज भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड तथा पश्चिम बंगाल में विलय हो गये हैं। बींसवीं सदी में प्रारंभ हुए जनतांत्रिक आन्दोलनों में कई बार विराम आया जब राजशाही ने जनता और उनके प्रतिनिधियों को अधिकाधिक अधिकार दिए। अंततः २००८ में जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि माओवादी नेता प्रचण्ड के प्रधानमंत्री बनने से यह आन्दोलन समाप्त हुआ। लेकिन सेना अध्यक्ष के निष्कासन को लेकर राष्ट्रपति से हुए मतभेद और टीवी पर सेना में माओवादियों की नियुक्ति को लेकर वीडियो फुटेज के प्रसारण के बाद सरकार से सहयोगी दलों द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद प्रचण्ड को इस्तीफा देना पड़ा। गौरतलब है कि माओवादियों के सत्ता में आने से पहले सन् २००६ में राजा के अधिकारों को अत्यंत सीमित कर दिया गया था। दक्षिण एशिया में नेपाल की सेना पांचवीं सबसे बड़ी सेना है और विशेषकर विश्व युद्धों के दौरान, अपने गोरखा इतिहास के लिए उल्लेखनीय रहे हैं और संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के लिए महत्वपूर्ण योगदानकर्ता रही है। .

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पटना

पटना (पटनम्) या पाटलिपुत्र भारत के बिहार राज्य की राजधानी एवं सबसे बड़ा नगर है। पटना का प्राचीन नाम पाटलिपुत्र था। आधुनिक पटना दुनिया के गिने-चुने उन विशेष प्राचीन नगरों में से एक है जो अति प्राचीन काल से आज तक आबाद है। अपने आप में इस शहर का ऐतिहासिक महत्व है। ईसा पूर्व मेगास्थनीज(350 ईपू-290 ईपू) ने अपने भारत भ्रमण के पश्चात लिखी अपनी पुस्तक इंडिका में इस नगर का उल्लेख किया है। पलिबोथ्रा (पाटलिपुत्र) जो गंगा और अरेन्नोवास (सोनभद्र-हिरण्यवाह) के संगम पर बसा था। उस पुस्तक के आकलनों के हिसाब से प्राचीन पटना (पलिबोथा) 9 मील (14.5 कि॰मी॰) लम्बा तथा 1.75 मील (2.8 कि॰मी॰) चौड़ा था। पटना बिहार राज्य की राजधानी है और गंगा नदी के दक्षिणी किनारे पर अवस्थित है। जहां पर गंगा घाघरा, सोन और गंडक जैसी सहायक नदियों से मिलती है। सोलह लाख (2011 की जनगणना के अनुसार 1,683,200) से भी अधिक आबादी वाला यह शहर, लगभग 15 कि॰मी॰ लम्बा और 7 कि॰मी॰ चौड़ा है। प्राचीन बौद्ध और जैन तीर्थस्थल वैशाली, राजगीर या राजगृह, नालन्दा, बोधगया और पावापुरी पटना शहर के आस पास ही अवस्थित हैं। पटना सिक्खों के लिये एक अत्यंत ही पवित्र स्थल है। सिक्खों के १०वें तथा अंतिम गुरु गुरू गोबिंद सिंह का जन्म पटना में हीं हुआ था। प्रति वर्ष देश-विदेश से लाखों सिक्ख श्रद्धालु पटना में हरमंदिर साहब के दर्शन करने आते हैं तथा मत्था टेकते हैं। पटना एवं इसके आसपास के प्राचीन भग्नावशेष/खंडहर नगर के ऐतिहासिक गौरव के मौन गवाह हैं तथा नगर की प्राचीन गरिमा को आज भी प्रदर्शित करते हैं। एतिहासिक और प्रशासनिक महत्व के अतिरिक्त, पटना शिक्षा और चिकित्सा का भी एक प्रमुख केंद्र है। दीवालों से घिरा नगर का पुराना क्षेत्र, जिसे पटना सिटी के नाम से जाना जाता है, एक प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र है। .

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पडरौना

पडरौना उत्तर प्रदेश में कुशीनगर जिले का मुख्यालय है। कुशीनगर एक अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति का पर्यटन स्थल है। पडरौना उत्तर प्रदेश का सबसे पूर्वी व उत्तरी जनपद है। यह २६.९° उत्तरी अक्षांश व ८३.९८° पूर्वी देशान्तर पर स्थित है। समुद्र तल से इसकी औसत उंचाई ७९ मीटर (२५९ फीट) है। इसके उत्तर में नेपाल व पूर्व में बिहार राज्य है। यह गोरखपुर से कोई पचास किमी पूरब में स्थित है। गोरखपुर से पडरौना सड़क एवं रेलमार्ग से जुड़ा हुआ है। यह कस्बा फूल के बर्तनों के लिये प्रसिद्ध है। यहाँ चीनी की एक कारखाना भी है। उदित नारायण स्नातकोत्तर महाविद्यालय, उदित नारायण इंटर कालेज, गोस्वामी तुलसीदास इंटर कालेज तथा नवोदय विद्यालय भी है। कुशीनगर, पडरौना से १५ किमी दक्षिण में स्थित है। श्रेणी:कुशीनगर जिला.

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पाल वंश

पाल राज्य का क्षेत्र पाल राज्य के बुद्ध और बोधिसत्त्व धर्मपाल का राज्य पाल साम्राज्य मध्यकालीन भारत का एक महत्वपूर्ण शासन था जो कि ७५० - ११७४ इसवी तक चला। पाल राजवंश ने भारत के पूर्वी भाग में एक साम्राज्य बनाया। इस राज्य में वास्तु कला को बहुत बढावा मिला। पाल राजा बौद्ध थे। यह पूर्व मध्यकालीन राजवंश था। जब हर्षवर्धन काल के बाद समस्त उत्तरी भारत में राजनीतिक, सामाजिक एवं आर्थिक गहरा संकट उत्पन६न हो गया, तब बिहार, बंगाल और उड़ीसा के सम्पूर्ण क्षेत्र में पूरी तरह अराजकत फैली थी। इसी समय गोपाल ने बंगाल में एक स्वतन्त्र राज्य घोषित किया। जनता द्वारा गोपाल को सिंहासन पर आसीन किया गया था। वह योग्य और कुशल शासक था, जिसने ७५० ई. से ७७० ई. तक शासन किया। इस दौरान उसने औदंतपुरी (बिहार शरीफ) में एक मठ तथा विश्‍वविद्यालय का निर्माण करवाया। पाल शासक बौद्ध धर्म को मानते थे। आठवीं सदी के मध्य में पूर्वी भारत में पाल वंश का उदय हुआ। गोपाल को पाल वंश का संस्थापक माना जाता है। .

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पूर्वमध्य रेलवे

पूर्व मध्य रेलेवे भारतीय रेल की एक इकाई है। इसे लघुरूप में ECR कहा जाता है। इसकी स्थापना 1 अप्रैल 2003 में हुई थी। इसका मुख्यालय हाजीपुर में स्थित है। .

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पूर्वी चंपारण

पूर्वी चंपारण बिहार के तिरहुत प्रमंडल का एक जिला है। चंपारण को विभाजित कर 1971 में बनाए गए पूर्वी चंपारण का मुख्यालय मोतिहारी है। चंपारण का नाम चंपा + अरण्य से बना है जिसका अर्थ होता है- चम्‍पा के पेड़ों से आच्‍छादित जंगल। पूर्वी चम्‍पारण के उत्‍तर में एक ओर जहाँ नेपाल तथा दक्षिण में मुजफ्फरपुर स्थित है, वहीं दूसरी ओर इसके पूर्व में शिवहर और सीतामढ़ी तथा पश्चिम में पश्चिमी चम्‍पारण जिला है। .

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बिहार

बिहार भारत का एक राज्य है। बिहार की राजधानी पटना है। बिहार के उत्तर में नेपाल, पूर्व में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश और दक्षिण में झारखण्ड स्थित है। बिहार नाम का प्रादुर्भाव बौद्ध सन्यासियों के ठहरने के स्थान विहार शब्द से हुआ, जिसे विहार के स्थान पर इसके अपभ्रंश रूप बिहार से संबोधित किया जाता है। यह क्षेत्र गंगा नदी तथा उसकी सहायक नदियों के उपजाऊ मैदानों में बसा है। प्राचीन काल के विशाल साम्राज्यों का गढ़ रहा यह प्रदेश, वर्तमान में देश की अर्थव्यवस्था के सबसे पिछड़े योगदाताओं में से एक बनकर रह गया है। .

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बेतिया

बेतिया बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले का एक शहर है। यह पश्चिमी चंपारण जिला का मुख्यालय भी है। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित है। इसके पश्चिम में उत्तर प्रदेश का कुशीनगर जिला पड़ता है। 'बेतिया' शब्द 'बेंत' (cane) से व्युत्पन्न है जो कभी यहाँ बड़े पैमाने पर उत्पन्न होता था (अब नहीं)। अंग्रेजी काल में बेतिया राज दूसरी सबसे बड़ी जमींदारी थी जिसका क्षेत्रफल १८०० वर्ग मील थी। इससे उस समय २० लाख रूपये लगान मिलता था। इसका उत्तरी भाग ऊबड़-खाबड़ तथा दक्षिणी भाग समतल तथा उर्वर है। यह हरहा नदी की प्राचीन तलहटी में स्थित प्रमुख नगर है। यह मुजफ्फरपुर से १२४ किमी दूर है तथा पहले बेतिया जमींदारी की राजधानी था। यहाँ के महाराजा का महल दर्शनीय है। महात्मा गांधी ने बेतिया के हजारी मल धर्मशाला में रहकर सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की थी। १९७४ के संपूर्ण क्रांति में भी बेतिया की अहम भुमिका थी। यहां के अमवा मझार गांव के रहने वाले श्यामाकांत तिवारी ने जयप्रकाश नारायण के कहने पर पूरे जिले में आंदोलन को फैलाया। यह एक कृषि प्रधान क्षेत्र है जहाँ गन्ना, धान और गेहूँ सभी उगते हैं। यह गाँधी की कर्मभूमि और ध्रुपद गायिकी के लिए प्रसिध है। बेतिया से मुंबई फ़िल्म उद्योग का सफ़र तय कर चुके मशहूर फ़िल्म निर्देशक प्रकाश झा ने इस क्षेत्र के लोगों की सरकारी नौकरी की तलाश पर 'कथा माधोपुर' की रचना की। .

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भारत के राष्ट्रीय उद्यान

नीचे दी गयी सूची भारत के राष्ट्रीय उद्यानों की है। 1936 में भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान था- हेली नेशनल पार्क, जिसे अब जिम कोर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के रूप में जाना जाता है। १९७० तक भारत में केवल ५ राष्ट्रीय उद्यान थे। १९८० के दशक में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और प्रोजेक्ट टाइगर योजना के अलावा वन्य जीवों की सुरक्षार्थ कई अन्य वैधानिक प्रावधान लागू हुए.

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भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश

भारत राज्यों का एक संघ है। इसमें उन्तीस राज्य और सात केन्द्र शासित प्रदेश हैं। ये राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश पुनः जिलों और अन्य क्षेत्रों में बांटे गए हैं।.

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भोजपुरी भाषा

भोजपुरी शब्द का निर्माण बिहार का प्राचीन जिला भोजपुर के आधार पर पड़ा। जहाँ के राजा "राजा भोज" ने इस जिले का नामकरण किया था।भाषाई परिवार के स्तर पर भोजपुरी एक आर्य भाषा है और मुख्य रूप से पश्चिम बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश तथा उत्तरी झारखण्ड के क्षेत्र में बोली जाती है। आधिकारिक और व्यवहारिक रूप से भोजपुरी हिन्दी की एक उपभाषा या बोली है। भोजपुरी अपने शब्दावली के लिये मुख्यतः संस्कृत एवं हिन्दी पर निर्भर है कुछ शब्द इसने उर्दू से भी ग्रहण किये हैं। भोजपुरी जानने-समझने वालों का विस्तार विश्व के सभी महाद्वीपों पर है जिसका कारण ब्रिटिश राज के दौरान उत्तर भारत से अंग्रेजों द्वारा ले जाये गये मजदूर हैं जिनके वंशज अब जहाँ उनके पूर्वज गये थे वहीं बस गये हैं। इनमे सूरिनाम, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, फिजी आदि देश प्रमुख है। भारत के जनगणना (2001) आंकड़ों के अनुसार भारत में लगभग 3.3 करोड़ लोग भोजपुरी बोलते हैं। पूरे विश्व में भोजपुरी जानने वालों की संख्या लगभग ४ करोड़ है, हालांकि द टाइम्स ऑफ इंडिया के एक लेख के में ये बताया गया है कि पूरे विश्व में भोजपुरी के वक्ताओं की संख्या १६ करोड़ है, जिसमें बिहार में ८ करोड़ और उत्तर प्रदेश में ७ करोड़ तथा शेष विश्व में १ करोड़ है। उत्तर अमेरिकी भोजपुरी संगठन के अनुसार वक्ताओं की संख्या १८ करोड़ है। वक्ताओं के संख्या के आंकड़ों में ऐसे अंतर का संभावित कारण ये हो सकता है कि जनगणना के समय लोगों द्वारा भोजपुरी को अपनी मातृ भाषा नहीं बताई जाती है। .

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मसान

मसान भारतीय हिन्दी फिल्म है। इसका निर्देशन नीरज घेवन ने किया है। संजय मिश्रा, ऋचा चड्ढा, विक्की कौशल और श्वेता त्रिपाठी इसमें मुख्य किरदार में हैं। .

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महात्मा गांधी

मोहनदास करमचन्द गांधी (२ अक्टूबर १८६९ - ३० जनवरी १९४८) भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे। वे सत्याग्रह (व्यापक सविनय अवज्ञा) के माध्यम से अत्याचार के प्रतिकार के अग्रणी नेता थे, उनकी इस अवधारणा की नींव सम्पूर्ण अहिंसा के सिद्धान्त पर रखी गयी थी जिसने भारत को आजादी दिलाकर पूरी दुनिया में जनता के नागरिक अधिकारों एवं स्वतन्त्रता के प्रति आन्दोलन के लिये प्रेरित किया। उन्हें दुनिया में आम जनता महात्मा गांधी के नाम से जानती है। संस्कृत भाषा में महात्मा अथवा महान आत्मा एक सम्मान सूचक शब्द है। गांधी को महात्मा के नाम से सबसे पहले १९१५ में राजवैद्य जीवराम कालिदास ने संबोधित किया था।। उन्हें बापू (गुजराती भाषा में બાપુ बापू यानी पिता) के नाम से भी याद किया जाता है। सुभाष चन्द्र बोस ने ६ जुलाई १९४४ को रंगून रेडियो से गांधी जी के नाम जारी प्रसारण में उन्हें राष्ट्रपिता कहकर सम्बोधित करते हुए आज़ाद हिन्द फौज़ के सैनिकों के लिये उनका आशीर्वाद और शुभकामनाएँ माँगीं थीं। प्रति वर्ष २ अक्टूबर को उनका जन्म दिन भारत में गांधी जयंती के रूप में और पूरे विश्व में अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के नाम से मनाया जाता है। सबसे पहले गान्धी ने प्रवासी वकील के रूप में दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय के लोगों के नागरिक अधिकारों के लिये संघर्ष हेतु सत्याग्रह करना शुरू किया। १९१५ में उनकी भारत वापसी हुई। उसके बाद उन्होंने यहाँ के किसानों, मजदूरों और शहरी श्रमिकों को अत्यधिक भूमि कर और भेदभाव के विरुद्ध आवाज उठाने के लिये एकजुट किया। १९२१ में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बागडोर संभालने के बाद उन्होंने देशभर में गरीबी से राहत दिलाने, महिलाओं के अधिकारों का विस्तार, धार्मिक एवं जातीय एकता का निर्माण व आत्मनिर्भरता के लिये अस्पृश्‍यता के विरोध में अनेकों कार्यक्रम चलाये। इन सबमें विदेशी राज से मुक्ति दिलाने वाला स्वराज की प्राप्ति वाला कार्यक्रम ही प्रमुख था। गाँधी जी ने ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों पर लगाये गये नमक कर के विरोध में १९३० में नमक सत्याग्रह और इसके बाद १९४२ में अंग्रेजो भारत छोड़ो आन्दोलन से खासी प्रसिद्धि प्राप्त की। दक्षिण अफ्रीका और भारत में विभिन्न अवसरों पर कई वर्षों तक उन्हें जेल में भी रहना पड़ा। गांधी जी ने सभी परिस्थितियों में अहिंसा और सत्य का पालन किया और सभी को इनका पालन करने के लिये वकालत भी की। उन्होंने साबरमती आश्रम में अपना जीवन गुजारा और परम्परागत भारतीय पोशाक धोती व सूत से बनी शाल पहनी जिसे वे स्वयं चरखे पर सूत कातकर हाथ से बनाते थे। उन्होंने सादा शाकाहारी भोजन खाया और आत्मशुद्धि के लिये लम्बे-लम्बे उपवास रखे। .

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मिथिला

'''मिथिला''' मिथिला प्राचीन भारत में एक राज्य था। माना जाता है कि यह वर्तमान उत्तरी बिहार और नेपाल की तराई का इलाका है जिसे मिथिला के नाम से जाना जाता था। मिथिला की लोकश्रुति कई सदियों से चली आ रही है जो अपनी बौद्धिक परम्परा के लिये भारत और भारत के बाहर जानी जाती रही है। इस क्षेत्र की प्रमुख भाषा मैथिली है। हिन्दू धार्मिक ग्रंथों में सबसे पहले इसका संकेत शतपथ ब्राह्मण में तथा स्पष्ट उल्लेख वाल्मीकीय रामायण में मिलता है। मिथिला का उल्लेख महाभारत, रामायण, पुराण तथा जैन एवं बौद्ध ग्रन्थों में हुआ है। .

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मुम्बई

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित मुंंबई (पूर्व नाम बम्बई), भारतीय राज्य महाराष्ट्र की राजधानी है। इसकी अनुमानित जनसंख्या ३ करोड़ २९ लाख है जो देश की पहली सर्वाधिक आबादी वाली नगरी है। इसका गठन लावा निर्मित सात छोटे-छोटे द्वीपों द्वारा हुआ है एवं यह पुल द्वारा प्रमुख भू-खंड के साथ जुड़ा हुआ है। मुम्बई बन्दरगाह भारतवर्ष का सर्वश्रेष्ठ सामुद्रिक बन्दरगाह है। मुम्बई का तट कटा-फटा है जिसके कारण इसका पोताश्रय प्राकृतिक एवं सुरक्षित है। यूरोप, अमेरिका, अफ़्रीका आदि पश्चिमी देशों से जलमार्ग या वायुमार्ग से आनेवाले जहाज यात्री एवं पर्यटक सर्वप्रथम मुम्बई ही आते हैं इसलिए मुम्बई को भारत का प्रवेशद्वार कहा जाता है। मुम्बई भारत का सर्ववृहत्तम वाणिज्यिक केन्द्र है। जिसकी भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 5% की भागीदारी है। यह सम्पूर्ण भारत के औद्योगिक उत्पाद का 25%, नौवहन व्यापार का 40%, एवं भारतीय अर्थ व्यवस्था के पूंजी लेनदेन का 70% भागीदार है। मुंबई विश्व के सर्वोच्च दस वाणिज्यिक केन्द्रों में से एक है। भारत के अधिकांश बैंक एवं सौदागरी कार्यालयों के प्रमुख कार्यालय एवं कई महत्वपूर्ण आर्थिक संस्थान जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक, बम्बई स्टॉक एक्स्चेंज, नेशनल स्टऑक एक्स्चेंज एवं अनेक भारतीय कम्पनियों के निगमित मुख्यालय तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियां मुम्बई में अवस्थित हैं। इसलिए इसे भारत की आर्थिक राजधानी भी कहते हैं। नगर में भारत का हिन्दी चलचित्र एवं दूरदर्शन उद्योग भी है, जो बॉलीवुड नाम से प्रसिद्ध है। मुंबई की व्यवसायिक अपॊर्ट्युनिटी, व उच्च जीवन स्तर पूरे भारतवर्ष भर के लोगों को आकर्षित करती है, जिसके कारण यह नगर विभिन्न समाजों व संस्कृतियों का मिश्रण बन गया है। मुंबई पत्तन भारत के लगभग आधे समुद्री माल की आवाजाही करता है। .

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मुजफ्फरपुर

मुज़फ्फरपुर उत्तरी बिहार राज्य के तिरहुत प्रमंडल का मुख्यालय तथा मुज़फ्फरपुर ज़िले का प्रमुख शहर एवं मुख्यालय है। अपने सूती वस्त्र उद्योग, लोहे की चूड़ियों, शहद तथा आम और लीची जैसे फलों के उम्दा उत्पादन के लिये यह जिला पूरे विश्व में जाना जाता है, खासकर यहाँ की शाही लीची का कोई जोड़ नहीं है। यहाँ तक कि भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भी यहाँ से लीची भेजी जाती है। 2017 मे मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी के लिये चयनित हुआ है। अपने उर्वरक भूमि और स्वादिष्ट फलों के स्वाद के लिये मुजफ्फरपुर देश विदेश मे "स्वीटसिटी" के नाम से जाना जाता है। मुजफ्फरपुर थर्मल पावर प्लांट देशभर के सबसे महत्वपूर्ण बिजली उत्पादन केंद्रो मे से एक है। .

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मौर्य राजवंश

मौर्य राजवंश (३२२-१८५ ईसापूर्व) प्राचीन भारत का एक शक्तिशाली एवं महान राजवंश था। इसने १३७ वर्ष भारत में राज्य किया। इसकी स्थापना का श्रेय चन्द्रगुप्त मौर्य और उसके मन्त्री कौटिल्य को दिया जाता है, जिन्होंने नन्द वंश के सम्राट घनानन्द को पराजित किया। मौर्य साम्राज्य के विस्तार एवं उसे शक्तिशाली बनाने का श्रेय सम्राट अशोक को जाता है। यह साम्राज्य पूर्व में मगध राज्य में गंगा नदी के मैदानों (आज का बिहार एवं बंगाल) से शुरु हुआ। इसकी राजधानी पाटलिपुत्र (आज के पटना शहर के पास) थी। चन्द्रगुप्त मौर्य ने ३२२ ईसा पूर्व में इस साम्राज्य की स्थापना की और तेजी से पश्चिम की तरफ़ अपना साम्राज्य का विकास किया। उसने कई छोटे छोटे क्षेत्रीय राज्यों के आपसी मतभेदों का फायदा उठाया जो सिकन्दर के आक्रमण के बाद पैदा हो गये थे। ३१६ ईसा पूर्व तक मौर्य वंश ने पूरे उत्तरी पश्चिमी भारत पर अधिकार कर लिया था। चक्रवर्ती सम्राट अशोक के राज्य में मौर्य वंश का बेहद विस्तार हुआ। सम्राट अशोक के कारण ही मौर्य साम्राज्य सबसे महान एवं शक्तिशाली बनकर विश्वभर में प्रसिद्ध हुआ। .

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मोतिहारी

मोतीहारी बिहार राज्‍य के पूर्वी चंपारण जिले का मुख्‍यालय है। बिहार की राजधानी पटना से 170 किमी दूर पूर्वी चम्‍पारण बिल्‍कुल नेपाल की सीमा पर बसा है। इसे मोतिहारी के नाम से भी लोग जानते है। ऐतिहासिक दृष्टि से भी इस जिले को काफी महत्‍वपूर्ण माना जाता है। किसी समय में चम्‍पारण, राजा जनक के मिथिला राज्य का अभिन्‍न भाग था। स्‍वतंत्रता संग्राम में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महात्‍मा गांधी ने तो अपने राजनीतिक आंदोलन की शुरुआत यही से की थी। पर्यटन की दृष्टि यहां सीताकुंड, अरेराज, केसरिया, चंडी स्‍थान जैसे जगह घूमने लायक है। .

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राँची

राँची भारत का एक प्रमुख नगर और झारखंड प्रदेश की राजधानी है। यह झारखंड का तीसरा सबसे प्रसिद्ध शहर है। इसे झरनों का शहर भी कहा जाता है। पहले जब यह बिहार राज्य का भाग था तब गर्मियों में अपने अपेक्षाकृत ठंडे मौसम के कारण प्रदेश की राजधानी हुआ करती थी। झारखंड आंदोलन के दौरान राँची इसका केन्द्र हुआ करता था। राँची एक प्रमुख औद्योगिक केन्द्र भी है। जहाँ मुख्य रूप से एच ई सी (हेवी इंजिनियरिंग कारपोरेशन), भारतीय इस्पात प्राधिकरण, मेकन इत्यादि के कारखाने हैं। राँची के साथ साथ जमशेदपुर और बोकारो इस प्रांत के दो अन्य प्रमुख औद्योगिक केन्द्र हैं। राँची को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्मार्ट सिटीज मिशन के अन्तर्गत एक स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किये जाने वाले सौ भारतीय शहरों में से एक के रूप में चुना गया है। राँची भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का गृहनगर होने के लिए प्रसिद्ध है। झारखंड की राजधानी राँची में प्रकृति ने अपने सौंदर्य को खुलकर लुटाया है। प्राकृतिक सुन्दरता के अलावा राँची ने अपने खूबसूरत पर्यटक स्थलों के दम पर विश्व के पर्यटक मानचित्र पर भी पुख्ता पहचान बनाई है। गोंडा हिल और रॉक गार्डन, मछली घर, बिरसा जैविक उद्यान, टैगोर हिल, मैक क्लुस्किगंज और आदिवासी संग्राहलय इसके प्रमुख पर्यटक स्थल हैं। इन पर्यटक स्थलों की सैर करने के अलावा यहां पर प्रकृति की बहुमूल्य देन झरनों के पास बेहतरीन पिकनिक भी मना सकते हैं। राँची के झरनों में पांच गाघ झरना सबसे खूबसूरत है क्योंकि यह पांच धाराओं में गिरता है। यह झरने और पर्यटक स्थल मिलकर राँची को पर्यटन का स्वर्ग बनाते हैं और पर्यटक शानदार छुट्टियां बिताने के लिए हर वर्ष यहां आते हैं। राँची का नाम उराँव गांव के पिछले नाम से एक ही स्थान पर, राची के नाम से लिया गया है। "राँची" उराँव शब्द 'रअयची' से निकला है जिसका मतलब है रहने दो। पौराणिक कथाओं के अनुसार, आत्मा के साथ विवाद के बाद,एक किसान ने अपने बांस के साथ आत्मा को हराया। आत्मा ने रअयची रअयची चिल्लाया और गायब हो गया। रअयची राची बन गई, जो राँची बन गई। राची के ऐतिहासिक रूप से एक महत्वपूर्ण पड़ोस में डोरांडा (दुरन "दुरङ" का अर्थ है गीत और दाह "दएः" का अर्थ मुंदारी भाषा में जल है)। डोरांडा हीनू (भुसूर) और हरमू नदियों के बीच स्थित है, जहां ब्रिटिश राज द्वारा स्थापित सिविल स्टेशन, ट्रेजरी और चर्च सिपाही विद्रोह के दौरान विद्रोही बलों द्वारा नष्ट किए गए थे। .

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राम

राम (रामचन्द्र) प्राचीन भारत में अवतार रूपी भगवान के रूप में मान्य हैं। हिन्दू धर्म में राम विष्णु के दस अवतारों में से सातवें अवतार हैं। राम का जीवनकाल एवं पराक्रम महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित संस्कृत महाकाव्य रामायण के रूप में वर्णित हुआ है। गोस्वामी तुलसीदास ने भी उनके जीवन पर केन्द्रित भक्तिभावपूर्ण सुप्रसिद्ध महाकाव्य श्री रामचरितमानस की रचना की है। इन दोनों के अतिरिक्त अनेक भारतीय भाषाओं में अनेक रामायणों की रचना हुई हैं, जो काफी प्रसिद्ध भी हैं। खास तौर पर उत्तर भारत में राम बहुत अधिक पूजनीय हैं और हिन्दुओं के आदर्श पुरुष हैं। राम, अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के सबसे बड़े पुत्र थे। राम की पत्नी का नाम सीता था (जो लक्ष्मी का अवतार मानी जाती हैं) और इनके तीन भाई थे- लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न। हनुमान, भगवान राम के, सबसे बड़े भक्त माने जाते हैं। राम ने राक्षस जाति के लंका के राजा रावण का वध किया। राम की प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है। राम ने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता पिता, यहाँ तक कि पत्नी का भी साथ छोड़ा। इनका परिवार आदर्श भारतीय परिवार का प्रतिनिधित्व करता है। राम रघुकुल में जन्मे थे, जिसकी परम्परा प्रान जाहुँ बरु बचनु न जाई की थी। श्रीराम के पिता दशरथ ने उनकी सौतेली माता कैकेयी को उनकी किन्हीं दो इच्छाओं को पूरा करने का वचन (वर) दिया था। कैकेयी ने दासी मन्थरा के बहकावे में आकर इन वरों के रूप में राजा दशरथ से अपने पुत्र भरत के लिए अयोध्या का राजसिंहासन और राम के लिए चौदह वर्ष का वनवास माँगा। पिता के वचन की रक्षा के लिए राम ने खुशी से चौदह वर्ष का वनवास स्वीकार किया। पत्नी सीता ने आदर्श पत्नी का उदहारण देते हुए पति के साथ वन जाना उचित समझा। सौतेले भाई लक्ष्मण ने भी भाई के साथ चौदह वर्ष वन में बिताये। भरत ने न्याय के लिए माता का आदेश ठुकराया और बड़े भाई राम के पास वन जाकर उनकी चरणपादुका (खड़ाऊँ) ले आये। फिर इसे ही राज गद्दी पर रख कर राजकाज किया। राम की पत्नी सीता को रावण हरण (चुरा) कर ले गया। राम ने उस समय की एक जनजाति वानर के लोगों की मदद से सीता को ढूँढ़ा। समुद्र में पुल बना कर रावण के साथ युद्ध किया। उसे मार कर सीता को वापस लाये। जंगल में राम को हनुमान जैसा मित्र और भक्त मिला जिसने राम के सारे कार्य पूरे कराये। राम के अयोध्या लौटने पर भरत ने राज्य उनको ही सौंप दिया। राम न्यायप्रिय थे। उन्होंने बहुत अच्छा शासन किया इसलिए लोग आज भी अच्छे शासन को रामराज्य की उपमा देते हैं। इनके पुत्र कुश व लव ने इन राज्यों को सँभाला। हिन्दू धर्म के कई त्योहार, जैसे दशहरा, राम नवमी और दीपावली, राम की जीवन-कथा से जुड़े हुए हैं। .

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रामायण

रामायण आदि कवि वाल्मीकि द्वारा लिखा गया संस्कृत का एक अनुपम महाकाव्य है। इसके २४,००० श्लोक हैं। यह हिन्दू स्मृति का वह अंग हैं जिसके माध्यम से रघुवंश के राजा राम की गाथा कही गयी। इसे आदिकाव्य तथा इसके रचयिता महर्षि वाल्मीकि को 'आदिकवि' भी कहा जाता है। रामायण के सात अध्याय हैं जो काण्ड के नाम से जाने जाते हैं। .

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राष्ट्रीय पुरातात्विक संग्रहालय, नई दिल्ली

नई दिल्ली में स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय भारत का सबसे बढ़िया संग्रहालय है। यह जनपथ मार्ग पर मौलाना आजाद मार्ग के चौराहे के निकट स्थित है। यहां अनेक प्रकार के संग्रह हैं, जो प्राग-ऐतिहासिक काल से लेकर आधुनिक काल तक की कलाकृतियाँ हैं। यह संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालित है। संग्रहालय में लगभग 200,000 भारतीय तथा विदेशी मूल के संग्रह हैं, जो भारत के पिछले 5000 वर्षों के इतिहास व सांस्कृतिक धरोहर पर प्रकाश डालते हैं। .

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राजकुमार शुक्ल

राजकुमार शुक्ल (१८७५ -) भारत के स्वतंत्रता संग्राम के समय बिहार के चंपारण के निवासी और स्वतंत्रता सेनानी थे। दिसंबर 1916 में कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में बिहार के किसानों के प्रतिनिधि बनकर वह लखनऊ गए और चंपारण के किसानों की दुर्दशा को शीर्ष नेताओं के समक्ष रखा। नील की खेती करनेवाले रैयत राजकुमार शुक्ल के अनुरोध पर महात्मा गाँधी चंपारण आने को तैयार हुए। राजकुमार शुक्ल के साथ बापू १० अप्रैल १९१७ को कोलकाता से पटना और मुजफ्फरपुर होते हुए मोतिहारी गए। नील की फसल के लागू तीनकठिया खेती के विरोध में गाँधीजी ने चंपारण में सत्याग्रह का पहला सफल प्रयोग किया। अंग्रेजों की तत्कालीन तीन कठिया व्यवस्था के तहत हर बीघे में 3 कट्ठे जमीन पर नील की खेती करने की किसानों के लिए विवशता उत्पन्न करने का विरोध करते हुए पंडित राजकुमार शुक्ल ने वहां किसान आंदोलन की शुरुआत की, जिसके एवज में दंड स्वरूप उन्हें कई बार अंग्रेजों के कोड़े और प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा। क्षेत्र के किसानों की बदहाल स्थिति को देखते हुए पंडित शुक्ल ने महात्मा गांधी को बार-बार वहां आने का आग्रह किया तो गांधीजी इनकार नहीं कर सके। वे चंपारण पहुंचे और फिर वहां के किसानों के आंदोलन को जो धार मिली, उन्होंने देश को आजादी के मुकाम तक पहुंचा दिया। दरअसल, चंपारण किसान आंदोलन ही देश की आजादी का असली संवाहक बने था। वहां के किसानों के त्याग, बलिदान और संघर्ष की वजह से आज हम आजाद भारत में सांसें लेने के लिए स्वतंत्र हैं। .

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राजेन्द्र प्रसाद

राजेन्द्र प्रसाद (3 दिसम्बर 1884 – 28 फरवरी 1963) भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे। वे भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से थे जिन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में प्रमुख भूमिका निभाई। उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में भी अपना योगदान दिया था जिसकी परिणति २६ जनवरी १९५० को भारत के एक गणतंत्र के रूप में हुई थी। राष्ट्रपति होने के अतिरिक्त उन्होंने स्वाधीन भारत में केन्द्रीय मन्त्री के रूप में भी कुछ समय के लिए काम किया था। पूरे देश में अत्यन्त लोकप्रिय होने के कारण उन्हें राजेन्द्र बाबू या देशरत्न कहकर पुकारा जाता था। .

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शाह जहाँ

शाह जहाँ (उर्दू: شاہجہان)पांचवे मुग़ल शहंशाह था। शाह जहाँ अपनी न्यायप्रियता और वैभवविलास के कारण अपने काल में बड़े लोकप्रिय रहे। किन्तु इतिहास में उनका नाम केवल इस कारण नहीं लिया जाता। शाहजहाँ का नाम एक ऐसे आशिक के तौर पर लिया जाता है जिसने अपनी बेग़म मुमताज़ बेगम के लिये विश्व की सबसे ख़ूबसूरत इमारत ताज महल बनाने का यत्न किया। सम्राट जहाँगीर के मौत के बाद, छोटी उम्र में ही उन्हें मुगल सिंहासन के उत्तराधिकारी के रूप में चुन लिया गया था। 1627 में अपने पिता की मृत्यु होने के बाद वह गद्दी पर बैठे। उनके शासनकाल को मुग़ल शासन का स्वर्ण युग और भारतीय सभ्यता का सबसे समृद्ध काल बुलाया गया है। .

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शुंग राजवंश

शुंग साम्राज्य का विस्तार शुंग वंश प्राचीन भारत का एक शासकीय वंश था जिसने मौर्य राजवंश के बाद शासन किया। इसका शासन उत्तर भारत में १८७ ई.पू.

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श्यामाकांत तिवारी

श्यामाकांत तिवारी: समाजवादी धारा के महत्वपूर्ण नेता थे। उनका जन्म पश्चिम चंपारण जिले के अमवा मझार गांव में 1947 में हुआ था। उनके पिता मशहूर शिक्षाविद तारकेश्वर नाथ तिवारी थे। 1974 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में उन्होंने बिहार आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। पेशे से वकील श्यामाकांत तिवारी ने जीवनपर्यंत समाजवादी विचारधारा के लिए काम किया। उन्हें चंपारण का जेपी से भी जाना जाता है। मत्यु: श्यामाकांत तिवारी की मृत्यु 29 जनवरी 2007 को हृदयाघात से हुई।.

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सांसद

सांसद, संसद में मतदाताओं का प्रतिनिधि होता है। अनेक देशों में इस शब्द का प्रयोग विशेष रूप से निम्न सदन के सदस्यों के लिए किया जाता है। क्योंकि अक्सर उच्च सदन के लिए एक अलग उपाधि जैसे कि सीनेट एवं इसके सदस्यों के लिये सीनेटर का प्रयोग किया जाता है सांसद अपनी राजनीतिक पार्टी के सदस्यों के साथ मिलकर संसदीय दल का गठन करते हैं। रोजमर्रा के व्यवहार में अक्सरसांसद शब्द के स्थान पर मीडिया में इसके लघु रूप "MP"का प्रयोग किया जाता है। .

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सिकरहना

बिहार प्रांत के पश्चिमी चंपारण तथा पूर्वी चंपारण जिले में बहने नदी है। तराई प्रदेश के नीचे समतल और उपजाऊ क्षेत्र को सिकरहना नदी, जिसे छोटी गंडक भी कहा जाता है, दो भागों में बाँटती है। उत्तरी भाग में हिमालय से उतरने वाली कई छोटी नदियाँ सिकरहना में मिलती है।.

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सोमेश्वर चौहान

सोमेश्वर अजमेर के स्वामी अर्णोराज का कनिष्ठ पुत्र था। पिता की मृत्यु के बाद उसने अपने जीवन का कुछ भाग चौलुक्य राजा कुमारपाल के दरबार में व्यतीत किया। उसके नाना सिद्धराज जयसिंह के समय गुजरात में ही उसका जन्म हुआ था और वहीं पर चेदि राजकुमारी कर्पूरदेवी से उसका विवाह हुआ। जब कुमारपाल ने कोंकण देश के स्वामी मल्लिकार्जुन पर आक्रमण किया, जो चौहान वीर था, सोमेश्वर ने शत्रु के हाथी पर कूदकर उसका वध किया। उधर अजमेर में एक के बाद दूसरे राजा की मृत्यु हुई। अपने पिता अर्णोराज की हत्या करनेवाले जगद्देव को बीसलदेव ने हराया। बीसलदेव की मृत्यु के बाद उसके पुत्र को हटाकर जगद्देव का पुत्र गद्दी पर बैठा किंतु दो वर्षों के अंदर ही सिंहासन फिर शून्य हो गया और चौहान सामंत और मंत्रियों ने गुजरात से लाकर सोमेश्वर को गद्दी पर बैठाया। सोमेश्वर ने लगभग आठ वर्ष (वि. सं. 1226-1234) तक राज्य किया। सोमेश्वर का राज्य प्राय: सुख और शांति का था। उसने अर्णोराज के नाम से एक नगर बसाया और अनेक मंदिर बनवाए जिनमें से एक भगवान्‌ त्रिपुरुष देव का और दूसरा वैद्यनाथ देव का था। ब्राह्मण और अब्राह्मणों सभी संप्रदायों को उसकी संरक्षा प्राप्त थी। सोमेश्वरीय द्रम्मों का प्रचलन भी इसके राज्य के ऐश्वर्य को द्योतित करता है। सोमेश्वर ने प्रतापलंकेश्वर की पदवी धारण की। पृथ्वीराजरासो के अनुसार उसका विवाह दिल्ली के तंवर राजा अनंगपाल की पुत्री कमला देवी से हुआ और पृथ्वीराज इसका पुत्र था। इसी काव्य में गुजरात के राजा भीम के हाथों उसकी मृत्यु का उल्लेख है। ये दोनों बातें असत्य हैं। पृथ्वीराज चेदि राजकुमारी कुमारदेवी का पुत्र था और सोमेश्वर की मृत्यु के समय भीम गुजरात का राजा नहीं बना था। किंतु गुजरात से उसकी कुछ अनबन अवश्य हुई थी। उसकी मृत्यु के समय पृथ्वीराज केवल दस साल का था। श्रेणी:भारत का इतिहास श्रेणी:भारत के राजा श्रेणी:चौहान वंश श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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सीता

सीता रामायण और रामकथा पर आधारित अन्य रामायण ग्रंथ, जैसे रामचरितमानस, की मुख्य पात्र है। सीता मिथिला के राजा जनक की ज्येष्ठ पुत्री थी। इनका विवाह अयोध्या के राजा दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र राम से स्वयंवर में शिवधनुष को भंग करने के उपरांत हुआ था। इनकी स्त्री व पतिव्रता धर्म के कारण इनका नाम आदर से लिया जाता है। त्रेतायुग में इन्हे सौभाग्य की देवी लक्ष्मी का अवतार मानते हैं। .

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हाजीपुर

हाजीपुर (Hajipur) भारत गणराज्य के बिहार प्रान्त के वैशाली जिला का मुख्यालय है। हाजीपुर भारत की संसदीय व्यवस्था के अन्तर्गत एक लोकसभा क्षेत्र भी है। 12 अक्टुबर 1972 को मुजफ्फरपुर से अलग होकर वैशाली के स्वतंत्र जिला बनने के बाद हाजीपुर इसका मुख्यालय बना। ऐतिहासिक महत्त्व के होने के अलावा आज यह शहर भारतीय रेल के पूर्व-मध्य रेलवे मुख्यालय है, इसकी स्थापना 8 सितम्बर 1996 को हुई थी।, राष्ट्रीय स्तर के कई संस्थानों तथा केले, आम और लीची के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। .

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हिमालय

हिमालय पर्वत की अवस्थिति का एक सरलीकृत निरूपण हिमालय एक पर्वत तन्त्र है जो भारतीय उपमहाद्वीप को मध्य एशिया और तिब्बत से अलग करता है। यह पर्वत तन्त्र मुख्य रूप से तीन समानांतर श्रेणियों- महान हिमालय, मध्य हिमालय और शिवालिक से मिलकर बना है जो पश्चिम से पूर्व की ओर एक चाप की आकृति में लगभग 2400 कि॰मी॰ की लम्बाई में फैली हैं। इस चाप का उभार दक्षिण की ओर अर्थात उत्तरी भारत के मैदान की ओर है और केन्द्र तिब्बत के पठार की ओर। इन तीन मुख्य श्रेणियों के आलावा चौथी और सबसे उत्तरी श्रेणी को परा हिमालय या ट्रांस हिमालय कहा जाता है जिसमें कराकोरम तथा कैलाश श्रेणियाँ शामिल है। हिमालय पर्वत पाँच देशों की सीमाओं में फैला हैं। ये देश हैं- पाकिस्तान, भारत, नेपाल, भूटान और चीन। अन्तरिक्ष से लिया गया हिमालय का चित्र संसार की अधिकांश ऊँची पर्वत चोटियाँ हिमालय में ही स्थित हैं। विश्व के 100 सर्वोच्च शिखरों में हिमालय की अनेक चोटियाँ हैं। विश्व का सर्वोच्च शिखर माउंट एवरेस्ट हिमालय का ही एक शिखर है। हिमालय में 100 से ज्यादा पर्वत शिखर हैं जो 7200 मीटर से ऊँचे हैं। हिमालय के कुछ प्रमुख शिखरों में सबसे महत्वपूर्ण सागरमाथा हिमाल, अन्नपूर्णा, गणेय, लांगतंग, मानसलू, रॊलवालिंग, जुगल, गौरीशंकर, कुंभू, धौलागिरी और कंचनजंघा है। हिमालय श्रेणी में 15 हजार से ज्यादा हिमनद हैं जो 12 हजार वर्ग किलॊमीटर में फैले हुए हैं। 72 किलोमीटर लंबा सियाचिन हिमनद विश्व का दूसरा सबसे लंबा हिमनद है। हिमालय की कुछ प्रमुख नदियों में शामिल हैं - सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र और यांगतेज। भूनिर्माण के सिद्धांतों के अनुसार यह भारत-आस्ट्र प्लेटों के एशियाई प्लेट में टकराने से बना है। हिमालय के निर्माण में प्रथम उत्थान 650 लाख वर्ष पूर्व हुआ था और मध्य हिमालय का उत्थान 450 लाख वर्ष पूर्व हिमालय में कुछ महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थल भी है। इनमें हरिद्वार, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गोमुख, देव प्रयाग, ऋषिकेश, कैलाश, मानसरोवर तथा अमरनाथ प्रमुख हैं। भारतीय ग्रंथ गीता में भी इसका उल्लेख मिलता है (गीता:10.25)। .

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जनक

जनक नाम से अनेक व्यक्ति हुए हैं। पुराणों के अनुसार इक्ष्वाकुपुत्र निमि ने विदेह के सूर्यवंशी राज्य की स्थापना की, जिसकी राजधानी मिथिला हुई। मिथिला में जनक नाम का एक अत्यंत प्राचीन तथा प्रसिद्ध राजवंश था जिसके मूल पुरुष कोई जनक थे। मूल जनक के बाद मिथिला के उस राजवंश का ही नाम 'जनक' हो गया जो उनकी प्रसिद्धि और शक्ति का द्योतक है। जनक के पुत्र उदावयु, पौत्र नंदिवर्धन् और कई पीढ़ी पश्चात् ह्रस्वरोमा हुए। ह्रस्वरोमा के दो पुत्र सीरध्वज तथा कुशध्वज हुए। जनक नामक एक अथवा अनेक राजाओं के उल्लेख ब्राह्मण ग्रंथों, उपनिषदों, रामायण, महाभारत और पुराणों में हुए हैं। इतना निश्चित प्रतीत होता है कि जनक नाम के कम से कम दो प्रसिद्ध राजा अवश्य हुए; एक तो वैदिक साहित्य के दार्शनिक और तत्वज्ञानी जनक विदेह और दूसरे राम के ससुर जनक, जिन्हें वायुपुराण और पद्मपुराण में सीरध्वज कहा गया है। असंभव नहीं, और भी जनक हुए हों और यही कारण है, कुछ विद्वान् वशिष्ठ और विश्वामित्र की भाँति 'जनक' को भी कुलनाम मानते हैं। सीरध्वज की दो कन्याएँ सीता तथा उर्मिला हुईं जिनका विवाह, राम तथा लक्ष्मण से हुआ। कुशध्वज की कन्याएँ मांडवी तथा श्रुतिकीर्ति हुईं जिनके व्याह भरत तथा शत्रुघ्न से हुए। श्रीमद्भागवत में दी हुई जनकवंश की सूची कुछ भिन्न है, परंतु सीरध्वज के योगिराज होने में सभी ग्रंथ एकमत हैं। इनके अन्य नाम 'विदेह' अथवा 'वैदेह' तथा 'मिथिलेश' आदि हैं। मिथिला राज्य तथा नगरी इनके पूर्वज निमि के नाम पर प्रसिद्ध हुए। .

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ज़िला

भारत के नागालैंड राज्य के ज़िले ज़िला (district, डिस्ट्रिक्ट​) कई देशों में पाई जाने वाली एक प्रशासनिक ईकाई होती है। ज़िलों के आकार में जगह-जगह का भारी अंतर होता है - कहीं तो कुछ गाँव जोड़कर ही ज़िला बनता है जबकि अन्य स्थानों पर विशाल भूक्षेत्र एक ही ज़िले में सम्मिलित होते हैं। भारत में हर ज़िला कई तालुकाओं, तहसीलों या प्रखण्डों को जोड़कर बनता है और कई ज़िलों को जोड़कर एक राज्य बनता है।, United Nations Human Settlements Programme, pp.

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जिलाधिकारी

जिलाधिकारी भारतीय प्रशासनिक सेवा का एक प्रमुख प्रशासनिक पद है। जिसे अंग्रेजी में "डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर" या फिर सिर्फ "कलेक्टर" के नाम से भी जाना जाता है भारत के प्रत्येक जिले का एक अपना उपायुक्त होता है। अंग्रेज शासन के दौरान सन 1772 में लोर्ड वॉरेन हेस्टिंग द्वारा बुनियादी रूप से नागरिक प्रशासन और 'भू राजस्व की वसूली' के लिए गठित 'जिलाधिकारी' का पद, अब राज्य के लोक-प्रशासन के सर्वाधिक महत्वपूर्ण पदों में प्रमुख स्थान रखता है। 'जिलाधीश' और 'कलेक्टर' के रूप में जिले में राज्य सरकार का सर्वोच्च अधिकार संपन्न प्रतिनिधि या प्रथम लोक-सेवक होता है। जो मुख्य जिला विकास अधिकारी के रूप में सारे प्रमुख सरकारी विभागों- पंचायत एवं ग्रामीण विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, आयुर्वेद, अल्पसंख्यक कल्याण, कृषि, भू-संरक्षण, शिक्षा, महिला अधिकारता, ऊर्जा, उद्योग, श्रम कल्याण, खनन, खेलकूद, पशुपालन, सहकारिता, परिवहन एवं यातायात, समाज कल्याण, सिंचाई, सार्वजनिक निर्माण विभाग, स्थानीय प्रशासन आदि के सारे कार्यक्रमों और नीतियों का प्रभावी क्रियान्वयन करवाने के लिए अपने जिले के लिए अकेले उत्तरदायी होता है। वह जिला मजिस्ट्रेट के रूप में पुलिस अधीक्षक के साथ प्रमुखतः जिले की संपूर्ण कानून-व्यवस्था का प्रभारी होता है और सभी तरह के चुनावों का मुख्य प्रबंधक भी। साथ ही वह जनगणना-आयोजक, प्राकृतिक-आपदा प्रबंधक, भू-राजस्व-वसूलीकर्ता, भूअभिलेख-संधारक, नागरिक खाद्य व रसद आपूर्ति-व्यस्थापक, ई-गतिविधि नियंत्रक, जनसमस्या-विवारणकर्ता, भी है। श्रेणी:नागरिक शास्त्र श्रेणी:भारतीय प्रशासनिक सेवा.

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विष्णु

वैदिक समय से ही विष्णु सम्पूर्ण विश्व की सर्वोच्च शक्ति तथा नियन्ता के रूप में मान्य रहे हैं। हिन्दू धर्म के आधारभूत ग्रन्थों में बहुमान्य पुराणानुसार विष्णु परमेश्वर के तीन मुख्य रूपों में से एक रूप हैं। पुराणों में त्रिमूर्ति विष्णु को विश्व का पालनहार कहा गया है। त्रिमूर्ति के अन्य दो रूप ब्रह्मा और शिव को माना जाता है। ब्रह्मा को जहाँ विश्व का सृजन करने वाला माना जाता है, वहीं शिव को संहारक माना गया है। मूलतः विष्णु और शिव तथा ब्रह्मा भी एक ही हैं यह मान्यता भी बहुशः स्वीकृत रही है। न्याय को प्रश्रय, अन्याय के विनाश तथा जीव (मानव) को परिस्थिति के अनुसार उचित मार्ग-ग्रहण के निर्देश हेतु विभिन्न रूपों में अवतार ग्रहण करनेवाले के रूप में विष्णु मान्य रहे हैं। पुराणानुसार विष्णु की पत्नी लक्ष्मी हैं। कामदेव विष्णु जी का पुत्र था। विष्णु का निवास क्षीर सागर है। उनका शयन शेषनाग के ऊपर है। उनकी नाभि से कमल उत्पन्न होता है जिसमें ब्रह्मा जी स्थित हैं। वह अपने नीचे वाले बाएँ हाथ में पद्म (कमल), अपने नीचे वाले दाहिने हाथ में गदा (कौमोदकी),ऊपर वाले बाएँ हाथ में शंख (पाञ्चजन्य) और अपने ऊपर वाले दाहिने हाथ में चक्र(सुदर्शन) धारण करते हैं। शेष शय्या पर आसीन विष्णु, लक्ष्मी व ब्रह्मा के साथ, छंब पहाड़ी शैली के एक लघुचित्र में। .

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वज्जि

वज्जि या वृजि प्राचीन भारत के 16 महाजनपदों में से एक था। कई छोटे राज्यों को मिलाकर इसकी उत्पत्ति हुई थी। इसकी राजधानी वैशाली थी। वज्जि के गणराज्य बनने के बाद इसका राज्य-संचालन अष्टकुल द्वारा होने लगा। उस समय वज्जि एवं लिच्छवी कुल सार्वाधिक महत्वपूर्ण हो गया। .

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गण्डकी नदी

गण्डक नदी, गंगा की सहायक नदी है। यह पटना के पास गंगा में मिल जाती है। गंडक बिहार और नेपाल में बहने वाली एक नदी का नाम है। इस नदी को नेपाल मे सालिग्रामि और मैदान मे नारायनी कहते है यह पटना के निकट गंगा मे मिल जाती है। इस नदी की लम्बाई लगभग १३१० किलोमीटर होगी।.

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गुप्त राजवंश

गुप्त राज्य लगभग ५०० ई इस काल की अजन्ता चित्रकला गुप्त राजवंश या गुप्त वंश प्राचीन भारत के प्रमुख राजवंशों में से एक था। मौर्य वंश के पतन के बाद दीर्घकाल तक भारत में राजनीतिक एकता स्थापित नहीं रही। कुषाण एवं सातवाहनों ने राजनीतिक एकता लाने का प्रयास किया। मौर्योत्तर काल के उपरान्त तीसरी शताब्दी इ. में तीन राजवंशो का उदय हुआ जिसमें मध्य भारत में नाग शक्‍ति, दक्षिण में बाकाटक तथा पूर्वी में गुप्त वंश प्रमुख हैं। मौर्य वंश के पतन के पश्चात नष्ट हुई राजनीतिक एकता को पुनस्थापित करने का श्रेय गुप्त वंश को है। गुप्त साम्राज्य की नींव तीसरी शताब्दी के चौथे दशक में तथा उत्थान चौथी शताब्दी की शुरुआत में हुआ। गुप्त वंश का प्रारम्भिक राज्य आधुनिक उत्तर प्रदेश और बिहार में था। गुप्त वंश पर सबसे ज्यादा रिसर्च करने वाले इतिहासकार डॉ जयसवाल ने इन्हें जाट बताया है।इसके अलावा तेजराम शर्माhttps://books.google.co.in/books?id.

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गौतम बुद्ध

गौतम बुद्ध (जन्म 563 ईसा पूर्व – निर्वाण 483 ईसा पूर्व) एक श्रमण थे जिनकी शिक्षाओं पर बौद्ध धर्म का प्रचलन हुआ। उनका जन्म लुंबिनी में 563 ईसा पूर्व इक्ष्वाकु वंशीय क्षत्रिय शाक्य कुल के राजा शुद्धोधन के घर में हुआ था। उनकी माँ का नाम महामाया था जो कोलीय वंश से थी जिनका इनके जन्म के सात दिन बाद निधन हुआ, उनका पालन महारानी की छोटी सगी बहन महाप्रजापती गौतमी ने किया। सिद्धार्थ विवाहोपरांत एक मात्र प्रथम नवजात शिशु राहुल और पत्नी यशोधरा को त्यागकर संसार को जरा, मरण, दुखों से मुक्ति दिलाने के मार्ग की तलाश एवं सत्य दिव्य ज्ञान खोज में रात में राजपाठ छोड़कर जंगल चले गए। वर्षों की कठोर साधना के पश्चात बोध गया (बिहार) में बोधि वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे सिद्धार्थ गौतम से बुद्ध बन गए। .

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गोपालगंज

गोपालगंज भारत के बिहार राज्य में सारन प्रमंडल अंतर्गत एक शहर एवं जिला है। गंडक नदी के पश्चिमी तट पर बसा यह भोजपुरी भाषी जिला ईंख उत्पादन के लिए जाना जाता है। मध्यकाल में चेरों राजाओं तथा अंग्रेजों के समय यह हथुवा राज का केंद्र रहा है। राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख, बिहार के पूर्व मुख्य मंत्री एवं भूतपूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद का गृह जिला है। थावे स्थित दुर्गा मंदिर एवं दिघवा दुबौली प्रमुख दर्शनीय स्थल है। गोपालगंज उत्तर बिहार का अंतिम जिला है। जो उत्तर प्रदेस के सिमा के समीप है। .

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कण्व वंश

शुंग वंश के अन्तिम शासक देवभूति के मन्त्रि वसुदेव ने उसकी हत्या कर सत्ता प्राप्त कर कण्व वंश की स्थापना की। कण्व वंश ने ७५इ.पू.

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काठमाण्डु

काठमांडू (नेपालभाषा:येँ देय्, प्राचीन नेपालभाषा:ञे देय्, संस्कृत:कान्तिपुर नगर, नेपाली:काठमाडौँ), नेपाल की राजधानी है। यह नगर, समुद्रतल से 1300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं, और 50.8 वर्ग किमी में फैला हुआ हैं। काठमांडू नेपाल का सबसे बड़ा शहर है, जहां पर्यटक का सबसे ज्यादा आगमन होता हैं। चार ओर से पहाड़ियों से घिरा काठमांडू उपत्यका के पश्चिमी क्षेत्र में अवस्थित यह नगर, यूनेस्को की विश्‍व धरोहरों में शामिल हैं। यहाँ की रंगीन संस्कृति और परंपराओं के अलावा विशिष्ट शैली में बने शानदार घर सैलानियों को आकर्षिक करते हैं। यहाँ के विश्वप्रसिद्ध मंदिर, पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान रखते हैं। साथ ही यहां के प्राचीन बाजारों की रौनक भी देखते ही बनती है। .

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कुषाण राजवंश

कुषाण प्राचीन भारत के राजवंशों में से एक था। कुछ इतिहासकार इस वंश को चीन से आए युएझ़ी लोगों के मूल का मानते हैं। कुछ विद्वानो इनका सम्बन्ध रबातक शिलालेख पर अन्कित शब्द गुसुर के जरिये गुर्जरो से भी बताते हैं। सर्वाधिक प्रमाणिकता के आधार पर कुषाण वन्श को चीन से आया हुआ माना गया है। लगभग दूसरी शताब्दी ईपू के मध्य में सीमांत चीन में युएझ़ी नामक कबीलों की एक जाति हुआ करती थी जो कि खानाबदोशों की तरह जीवन व्यतीत किया करती थी। इसका सामना ह्युगनु कबीलों से हुआ जिसने इन्हें इनके क्षेत्र से खदेड़ दिया। ह्युगनु के राजा ने ह्यूची के राजा की हत्या कर दी। ह्यूची राजा की रानी के नेतृत्व में ह्यूची वहां से ये पश्चिम दिशा में नये चरागाहों की तलाश में चले। रास्ते में ईली नदी के तट पर इनका सामना व्ह्सुन नामक कबीलों से हुआ। व्ह्सुन इनके भारी संख्या के सामने टिक न सके और परास्त हुए। ह्यूची ने उनके चरागाहों पर अपना अधिकार कर लिया। यहां से ह्यूची दो भागों में बंट गये, ह्यूची का जो भाग यहां रुक गया वो लघु ह्यूची कहलाया और जो भाग यहां से और पश्चिम दिशा में बढा वो महान ह्यूची कहलाया। महान ह्यूची का सामना शकों से भी हुआ। शकों को इन्होंने परास्त कर दिया और वे नये निवासों की तलाश में उत्तर के दर्रों से भारत आ गये। ह्यूची पश्चिम दिशा में चलते हुए अकसास नदी की घाटी में पहुँचे और वहां के शान्तिप्रिय निवासिओं पर अपना अधिकार कर लिया। सम्भवतः इनका अधिकार बैक्ट्रिया पर भी रहा होगा। इस क्ष्रेत्र में वे लगभग १० वर्ष ईपू तक शान्ति से रहे। चीनी लेखक फान-ये ने लिखा है कि यहां पर महान ह्यूची ५ हिस्सों में विभक्त हो गये - स्यूमी, कुई-शुआंग, सुआग्म,,। बाद में कुई-शुआंग ने क्यु-तिसी-क्यो के नेतृत्व में अन्य चार भागों पर विजय पा लिया और क्यु-तिसी-क्यो को राजा बना दिया गया। क्यु-तिसी-क्यो ने करीब ८० साल तक शासन किया। उसके बाद उसके पुत्र येन-काओ-ट्चेन ने शासन सम्भाला। उसने भारतीय प्रान्त तक्षशिला पर विजय प्राप्त किया। चीनी साहित्य में ऐसा विवरण मिलता है कि, येन-काओ-ट्चेन ने ह्येन-चाओ (चीनी भाषा में जिसका अभिप्राय है - बड़ी नदी के किनारे का प्रदेश जो सम्भवतः तक्षशिला ही रहा होगा)। यहां से कुई-शुआंग की क्षमता बहुत बढ़ गयी और कालान्तर में उन्हें कुषाण कहा गया। .

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कोलकाता

बंगाल की खाड़ी के शीर्ष तट से १८० किलोमीटर दूर हुगली नदी के बायें किनारे पर स्थित कोलकाता (बंगाली: কলকাতা, पूर्व नाम: कलकत्ता) पश्चिम बंगाल की राजधानी है। यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर तथा पाँचवा सबसे बड़ा बन्दरगाह है। यहाँ की जनसंख्या २ करोड २९ लाख है। इस शहर का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। इसके आधुनिक स्वरूप का विकास अंग्रेजो एवं फ्रांस के उपनिवेशवाद के इतिहास से जुड़ा है। आज का कोलकाता आधुनिक भारत के इतिहास की कई गाथाएँ अपने आप में समेटे हुए है। शहर को जहाँ भारत के शैक्षिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तनों के प्रारम्भिक केन्द्र बिन्दु के रूप में पहचान मिली है वहीं दूसरी ओर इसे भारत में साम्यवाद आंदोलन के गढ़ के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। महलों के इस शहर को 'सिटी ऑफ़ जॉय' के नाम से भी जाना जाता है। अपनी उत्तम अवस्थिति के कारण कोलकाता को 'पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार' भी कहा जाता है। यह रेलमार्गों, वायुमार्गों तथा सड़क मार्गों द्वारा देश के विभिन्न भागों से जुड़ा हुआ है। यह प्रमुख यातायात का केन्द्र, विस्तृत बाजार वितरण केन्द्र, शिक्षा केन्द्र, औद्योगिक केन्द्र तथा व्यापार का केन्द्र है। अजायबघर, चिड़ियाखाना, बिरला तारमंडल, हावड़ा पुल, कालीघाट, फोर्ट विलियम, विक्टोरिया मेमोरियल, विज्ञान नगरी आदि मुख्य दर्शनीय स्थान हैं। कोलकाता के निकट हुगली नदी के दोनों किनारों पर भारतवर्ष के प्रायः अधिकांश जूट के कारखाने अवस्थित हैं। इसके अलावा मोटरगाड़ी तैयार करने का कारखाना, सूती-वस्त्र उद्योग, कागज-उद्योग, विभिन्न प्रकार के इंजीनियरिंग उद्योग, जूता तैयार करने का कारखाना, होजरी उद्योग एवं चाय विक्रय केन्द्र आदि अवस्थित हैं। पूर्वांचल एवं सम्पूर्ण भारतवर्ष का प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र के रूप में कोलकाता का महत्त्व अधिक है। .

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अशोक

चक्रवर्ती सम्राट अशोक (ईसा पूर्व ३०४ से ईसा पूर्व २३२) विश्वप्रसिद्ध एवं शक्तिशाली भारतीय मौर्य राजवंश के महान सम्राट थे। सम्राट अशोक का पूरा नाम देवानांप्रिय अशोक मौर्य (राजा प्रियदर्शी देवताओं का प्रिय) था। उनका राजकाल ईसा पूर्व २६९ से २३२ प्राचीन भारत में था। मौर्य राजवंश के चक्रवर्ती सम्राट अशोक ने अखंड भारत पर राज्य किया है तथा उनका मौर्य साम्राज्य उत्तर में हिन्दुकुश की श्रेणियों से लेकर दक्षिण में गोदावरी नदी के दक्षिण तथा मैसूर तक तथा पूर्व में बांग्लादेश से पश्चिम में अफ़ग़ानिस्तान, ईरान तक पहुँच गया था। सम्राट अशोक का साम्राज्य आज का संपूर्ण भारत, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, म्यान्मार के अधिकांश भूभाग पर था, यह विशाल साम्राज्य उस समय तक से आज तक का सबसे बड़ा भारतीय साम्राज्य रहा है। चक्रवर्ती सम्राट अशोक विश्व के सभी महान एवं शक्तिशाली सम्राटों एवं राजाओं की पंक्तियों में हमेशा शिर्ष स्थान पर ही रहे हैं। सम्राट अशोक ही भारत के सबसे शक्तिशाली एवं महान सम्राट है। सम्राट अशोक को ‘चक्रवर्ती सम्राट अशोक’ कहाँ जाता है, जिसका अर्थ है - ‘सम्राटों का सम्राट’, और यह स्थान भारत में केवल सम्राट अशोक को मिला है। सम्राट अशोक को अपने विस्तृत साम्राज्य से बेहतर कुशल प्रशासन तथा बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए भी जाना जाता है। सम्राट अशोक ने संपूर्ण एशिया में तथा अन्य आज के सभी महाद्विपों में भी बौद्ध धर्म धर्म का प्रचार किया। सम्राट अशोक के संदर्भ के स्तंभ एवं शिलालेख आज भी भारत के कई स्थानों पर दिखाई देते है। इसलिए सम्राट अशोक की ऐतिहासिक जानकारी एन्य किसी भी सम्राट या राजा से बहूत व्यापक रूप में मिल जाती है। सम्राट अशोक प्रेम, सहिष्णूता, सत्य, अहिंसा एवं शाकाहारी जीवनप्रणाली के सच्चे समर्थक थे, इसलिए उनका नाम इतिहास में महान परोपकारी सम्राट के रूप में ही दर्ज हो चुका है। जीवन के उत्तरार्ध में सम्राट अशोक भगवान बुद्ध की मानवतावादी शिक्षाओं से प्रभावित होकर बौद्ध हो गये और उन्ही की स्मृति में उन्होने कई स्तम्भ खड़े कर दिये जो आज भी नेपाल में उनके जन्मस्थल - लुम्बिनी - में मायादेवी मन्दिर के पास, सारनाथ, बोधगया, कुशीनगर एवं आदी श्रीलंका, थाईलैंड, चीन इन देशों में आज भी अशोक स्तम्भ के रूप में देखे जा सकते है। सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म का प्रचार भारत के अलावा श्रीलंका, अफ़ग़ानिस्तान, पश्चिम एशिया, मिस्र तथा यूनान में भी करवाया। सम्राट अशोक अपने पूरे जीवन में एक भी युद्ध नहीं हारे। सम्राट अशोक के ही समय में २३ विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई जिसमें तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला, कंधार आदि विश्वविद्यालय प्रमुख थे। इन्हीं विश्वविद्यालयों में विदेश से कई छात्र शिक्षा पाने भारत आया करते थे। ये विश्वविद्यालय उस समय के उत्कृट विश्वविद्यालय थे। शिलालेख सुरु करने वाला पहला शासक अशोक ही था, .

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अशोकस्तम्भ

अशोकस्तम्भ वैशाली मे अशोक के धार्मिक प्रचार से कला को बहुत ही प्रोत्साहन मिला। अपने धर्मलेखों के अंकन के लिए उसने ब्राह्मी और खरोष्ठी दो लिपियों का उपयोग किया और संपूर्ण देश में व्यापक रूप से लेखनकला का प्रचार हुआ। धार्मिक स्थापत्य और मूर्तिकला का अभूतपर्वू विकास अशोक के समय में हुआ। परंपरा के अनुसार उसने तीन वर्ष के अंतर्गत 84,000 स्तूपों का निर्माण कराया। इनमें से ऋषिपत्तन (सारनाथ) में उसके द्वारा निर्मित धर्मराजिका स्तूप का भग्नावशेष अब भी द्रष्टव्य हैं। इसी प्रकार उसने अगणित चैत्यों और विहारों का निर्माण कराया। अशोक ने देश के विभन्न भागों में प्रमुख राजपथों और मार्गों पर धर्मस्तंभ स्थापित किए। अपनी मूर्तिकला के कारण ये स्तंभ सबसे अधिक प्रसिद्ध है। स्तंभनिर्माण की कला पुष्ट नियोजन, सूक्ष्म अनुपात, संतुलित कल्पना, निश्चित उद्देश्य की सफलता, सौंदर्यशास्त्रीय उच्चता तथा धार्मिक प्रतीकत्व के लिए अशोक के समय अपनी चरम सीमा पर पहुँच चुकी थी। इन स्तंभों का उपयोग स्थापत्यात्मक न होकर स्मारकात्मक था। .

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असित नाथ तिवारी

असित नाथ तिवारी: (जन्म 10 अप्रैल 1981) एक भारतीय टीवी एंकर,लेखक और पत्रकार हैं जो भारतीय राजनीति और समाज से संबंधित विषयों पर गहरी पकड़ रखते हैं। उन्होंने दैनिक जागरण, महुआ न्यूज, मौर्य टीवी, ज़ी न्यूज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अनुक्रम 1 बचपन और शिक्षा 2 पुरस्कार 3 सन्दर्भ 4 बाहरी कडियां बचपन और शिक्षा उनका जन्म बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के अमवा मझार गांव में हुआ। गांव के स्कूल से ही दसवीं तक की पढ़ाई के बाद बेतिया में स्नातक तक पढ़ाई की उसके बाद दिल्ली से पत्रकारिता में डिप्लोमा किया। ऊपर जायें ↑.

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अजातशत्रु

अजातशत्रु से निम्नलिखित व्यक्तियों का बोध होता है.

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उत्तर प्रदेश

आगरा और अवध संयुक्त प्रांत 1903 उत्तर प्रदेश सरकार का राजचिन्ह उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा (जनसंख्या के आधार पर) राज्य है। लखनऊ प्रदेश की प्रशासनिक व विधायिक राजधानी है और इलाहाबाद न्यायिक राजधानी है। आगरा, अयोध्या, कानपुर, झाँसी, बरेली, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा, मुरादाबाद तथा आज़मगढ़ प्रदेश के अन्य महत्त्वपूर्ण शहर हैं। राज्य के उत्तर में उत्तराखण्ड तथा हिमाचल प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली तथा राजस्थान, दक्षिण में मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ और पूर्व में बिहार तथा झारखंड राज्य स्थित हैं। इनके अतिरिक्त राज्य की की पूर्वोत्तर दिशा में नेपाल देश है। सन २००० में भारतीय संसद ने उत्तर प्रदेश के उत्तर पश्चिमी (मुख्यतः पहाड़ी) भाग से उत्तरांचल (वर्तमान में उत्तराखंड) राज्य का निर्माण किया। उत्तर प्रदेश का अधिकतर हिस्सा सघन आबादी वाले गंगा और यमुना। विश्व में केवल पाँच राष्ट्र चीन, स्वयं भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनिशिया और ब्राज़ील की जनसंख्या उत्तर प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है। उत्तर प्रदेश भारत के उत्तर में स्थित है। यह राज्य उत्तर में नेपाल व उत्तराखण्ड, दक्षिण में मध्य प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान तथा पूर्व में बिहार तथा दक्षिण-पूर्व में झारखण्ड व छत्तीसगढ़ से घिरा हुआ है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है। यह राज्य २,३८,५६६ वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यहाँ का मुख्य न्यायालय इलाहाबाद में है। कानपुर, झाँसी, बाँदा, हमीरपुर, चित्रकूट, जालौन, महोबा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, वाराणसी, इलाहाबाद, मेरठ, गोरखपुर, नोएडा, मथुरा, मुरादाबाद, गाजियाबाद, अलीगढ़, सुल्तानपुर, फैजाबाद, बरेली, आज़मगढ़, मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर यहाँ के मुख्य शहर हैं। .

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पश्चिमी चम्पारन, पश्चिमी चम्‍पारण

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