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परमेश्वर अय्यर उल्लूर

सूची परमेश्वर अय्यर उल्लूर

प्रसिद्ध मलयालम कवि परमेश्वर अय्यर उल्लूर। परमेश्वर अय्यर उल्लूर (1877 - 1949) मलयालम कवि एवं साहित्यिक इतिहासकार। त्रिवेंद्रम में पैदा हुए थे। त्रावणकोर सरकार के उच्च पदाधिकारी के रूप में इन्होंने काम किया। सेवानिवृत्ति के पश्चात् त्रावणकोर विश्वविद्यालय के प्राच्य विभाग के डीन नियुक्त हुए। सर्वतोमुखी प्रतिभा एवं व्यापक क्षेत्रीय विद्वान् परमेश्वर अय्यर ने काव्यरचना का कार्य नवीन शास्त्रीय कवि के रूप में प्रारंभ किया। उन्होंने प्राचीन भारतीय उच्च साहित्यिक ग्रंथों से अधिकांश रूप में विषयों का चुनाव किया। प्रचलित प्रवृत्तियों एवं प्रणालियों से प्रभावित होकर उन्होंने "उमाकेरलम्" नामक महाकाव्य लिख। यह केरल के मध्यकालीन इतिहास के एक अध्याय पर आधारित है। यह निश्चित रूप से प्राचीन शास्त्रीय नियमों के अनुसार लिखा गया है और अलंकारों से परिपूर्ण है। नवीन स्वच्छंद (रोमांटिक) प्रवृत्तियों ने भी उन्हें अप्रभावित नहीं छोड़ा। उन्होंने छोटी-छोटी कविताएँ एवं गीत लिखना आरंभ, किया। वे, "अरुणोदयम्", "ताराहारम्", "किरणावलि", "कल्पशारिव", "अमृतधारा", तथा "चित्रशाला" में संकलित हैं। उनके तीन खंडकाव्य विशेषकर कर्णभूषणम् बहुत प्रसिद्ध हैं। कर्णभूषणम् महाभारत की उस प्रसिद्ध घटना पर आधारित है जिसमें कर्ण ने यह जानते हुए कि वह अपने को मृत्यु के बाणों के साथ प्रकट कर रहा था, इंद्र को कुंडल दे दिया। दूसरे खंडकाव्य "पिंगला" की कहानी भागवत से ली गई है। यह मिथिला की गणिका की शुद्धि के विषय में लिखा गया है। जिसमें उसने अपनी पापवृत्ति के जीवन को छोड़कर भक्ति एवं सदाचार का जीवन अपनाया। "भक्तिदीपिका" में यह बतलाया गया है कि वास्तविक भक्ति के क्षेत्र में जातीय भेद नहीं है। मलयालम में उलूर आधुनिक युग के तीन महान कवियों में से समझे जाते हैं। किंतु उनके काव्यों का अधिकांश भाग कृत्रिम आलंकारिक ढंगों एवं शैली के गुरुत्व से नष्ट हो जाता है। परमेश्वर अय्यर ने भी मलयालम साहित्य का चिरस्थायी इतिहास पाँच भागों में लिखा है। यह वास्तव में अद्भुत सर्वतोमुखी प्रतिभा से परिपूर्ण पैतीस वर्षों के कठोर परिश्रम का फल है। यह कृति केरल साहित्य, संस्कृति एवं इतिहास के ज्ञान का भांडार है। .

4 संबंधों: तिरुवनन्तपुरम, मलयालम भाषा, महाकाव्य, केरल

तिरुवनन्तपुरम

തിരുവനന്തപുരം --> तिरुवनन्तपुरम (मलयालम - തിരുവനന്തപുരം) या त्रिवेन्द्रम केरल प्रान्त की राजधानी है। यह नगर तिरुवनन्तपुरम जिले का मुख्यालय भी है। केरल की राजनीति के अलावा शैक्षणिक व्यवस्था का केन्द्र भी यही है। कई शैक्षणिक संस्थानों में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केन्द्र, राजीव गांधी जैव प्रौद्योगिकी केन्द्र कुछ प्रसिद्ध नामों में से हैं। भारत की मुख्य भूमि के सुदूर दक्षिणी पश्चिमी तट पर बसे इस नगर को महात्मा गांधी ने भारत का सदाबहार नगर की संज्ञा दी थी। .

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मलयालम भाषा

मलयालं (മലയാളം, मलयालम्‌) या कैरली (കൈരളി, कैरलि) भारत के केरल प्रान्त में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा है। ये द्रविड़ भाषा-परिवार में आती है। केरल के अलावा ये तमिलनाडु के कन्याकुमारी तथा उत्तर में कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिला, लक्षद्वीप तथा अन्य कई देशों में बसे मलयालियों द्वारा बोली जाती है। मलयालं, भाषा और लिपि के विचार से तमिल भाषा के काफी निकट है। इस पर संस्कृत का प्रभाव ईसा के पूर्व पहली सदी से हुआ है। संस्कृत शब्दों को मलयालम शैली के अनुकूल बनाने के लिए संस्कृत से अवतरित शब्दों को संशोधित किया गया है। अरबों के साथ सदियों से व्यापार संबंध अंग्रेजी तथा पुर्तगाली उपनिवेशवाद का असर भी भाषा पर पड़ा है। .

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महाकाव्य

संस्कृत काव्यशास्त्र में महाकाव्य (एपिक) का प्रथम सूत्रबद्ध लक्षण आचार्य भामह ने प्रस्तुत किया है और परवर्ती आचार्यों में दंडी, रुद्रट तथा विश्वनाथ ने अपने अपने ढंग से इस महाकाव्य(एपिक)सूत्रबद्ध के लक्षण का विस्तार किया है। आचार्य विश्वनाथ का लक्षण निरूपण इस परंपरा में अंतिम होने के कारण सभी पूर्ववर्ती मतों के सारसंकलन के रूप में उपलब्ध है।महाकाव्य में भारत को भारतवर्ष अथवा भरत का देश कहा गया है तथा भारत निवासियों को भारती अथवा भरत की संतान कहा गया है .

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केरल

केरल (मलयालम: കേരളം, केरळम्) भारत का एक प्रान्त है। इसकी राजधानी तिरुवनन्तपुरम (त्रिवेन्द्रम) है। मलयालम (മലയാളം, मलयाळम्) यहां की मुख्य भाषा है। हिन्दुओं तथा मुसलमानों के अलावा यहां ईसाई भी बड़ी संख्या में रहते हैं। भारत की दक्षिण-पश्चिमी सीमा पर अरब सागर और सह्याद्रि पर्वत श्रृंखलाओं के मध्य एक खूबसूरत भूभाग स्थित है, जिसे केरल के नाम से जाना जाता है। इस राज्य का क्षेत्रफल 38863 वर्ग किलोमीटर है और यहाँ मलयालम भाषा बोली जाती है। अपनी संस्कृति और भाषा-वैशिष्ट्य के कारण पहचाने जाने वाले भारत के दक्षिण में स्थित चार राज्यों में केरल प्रमुख स्थान रखता है। इसके प्रमुख पड़ोसी राज्य तमिलनाडु और कर्नाटक हैं। पुदुच्चेरी (पांडिचेरि) राज्य का मय्यष़ि (माहि) नाम से जाता जाने वाला भूभाग भी केरल राज्य के अन्तर्गत स्थित है। अरब सागर में स्थित केन्द्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप का भी भाषा और संस्कृति की दृष्टि से केरल के साथ अटूट संबन्ध है। स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व केरल में राजाओं की रियासतें थीं। जुलाई 1949 में तिरुवितांकूर और कोच्चिन रियासतों को जोड़कर 'तिरुकोच्चि' राज्य का गठन किया गया। उस समय मलाबार प्रदेश मद्रास राज्य (वर्तमान तमिलनाडु) का एक जिला मात्र था। नवंबर 1956 में तिरुकोच्चि के साथ मलाबार को भी जोड़ा गया और इस तरह वर्तमान केरल की स्थापना हुई। इस प्रकार 'ऐक्य केरलम' के गठन के द्वारा इस भूभाग की जनता की दीर्घकालीन अभिलाषा पूर्ण हुई। * केरल में शिशुओं की मृत्यु दर भारत के राज्यों में सबसे कम है और स्त्रियों की संख्या पुरुषों से अधिक है (2001 की जनगणना के आधार पर)।.

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