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परमानन्द मेवाराम

सूची परमानन्द मेवाराम

परमानन्द मेवाराम (1865-1938) सिन्धी साहित्यकार एवं कोशकार थे। उन्होने दो शब्दकोशों की रचना की- सिन्धी से अंग्रेजी (१९१० ई) एवं अंग्रेजी से सिन्धी (१९३३ ई)। परमानन्द मेवाराम का जन्म सिन्ध के हैदराबाद में हुआ था। श्रेणी:सिन्धी साहित्यकार.

4 संबंधों: सिंध, सिंधी, हैदराबाद (पाकिस्तान), कोशकर्म

सिंध

सिंध सिंध पाकिस्तान के चार प्रान्तों में से एक है। यह देश के दक्षिण-पूर्व में बसा हुआ है जिसके दक्षिण में अरब की खाड़ी है। सिन्ध का सबसे बड़ा शहर कराँची है और यहाँ देश की 15 प्रतिशत जनता वास करती है। यह सिन्धियों का मूल स्थान है साथ ही यहाँ विभाजन के दौरान आकर बसे मोहाज़िरों की भी बहुतायात है। .

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सिंधी

सिंधी शब्द सिंध के विशेषण के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसलिये सिंधी का अर्थ सिंध में रहने वाले या वहाँ से संबंध रखने वाले लोगों से भी लगाया जाता है और सिंधी भाषा से भी।.

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हैदराबाद (पाकिस्तान)

यह लेख पाकिस्तान के एक नगर के बारे में है, यदि आप भारत के नगर हैदराबाद के बारे में जानना चाहते हैं तो यहां जाएं -हैदराबाद। हैदराबाद पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त का एक प्रमुख नगर है। यह सिन्ध प्रान्त की राजधानी हुआ करता था और इत्र का शहर और हिन्दुस्तान का पैरिस के नामों से जाना जाता था। श्रेणी:पाकिस्तान के शहर.

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कोशकर्म

शब्दकोश निर्माण से सम्बन्धित सकल कार्यों का समुच्चय कोशकर्म या कोशविद्या (Lexicography) कहलाती है। विषयों की दृष्टि से शब्दकोशों के वर्ग या विभाग बनाना कठिन है। अलग अलग कोशकर अपनी समझ के अनुसार इस प्रकार के विषयविभाग बनाया करते थे। उनका न तो कोई निश्चित क्रम होता था और न हो ही सकता था। इसलिये लोगों को प्राय: सारा कोश कंठस्थ करना पड़ता था। इसी कारण पाश्चात्य देशों में शब्दकोश अक्षरक्रम से बनने लगे। ऐसे कोश रटने नहीं पड़ते थे और आवश्यकतानुसार जब जिसका जी चाहता था, तब वह उसका उपयोग कर सकता था। आजकल प्राय: सभी देशों और सभी भाषाओं में कोश के क्षेत्र मे इसी क्रम को प्रयोग होने लगा है: जो जिज्ञासु की दृष्टि से सबसे अधिक सुभीते का होता हैं। इसी लिये कोश के जितने प्रकार होते हैं, उन सब में प्राय: अक्षरक्रम का ही प्रयोग किया जाता है। .

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