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जलविद्युत ऊर्जा

सूची जलविद्युत ऊर्जा

'''थ्री जार्ज बांध''' - विश्व का सबसे बड़ा जलविद्युत स्टेशन गिरते हुए या बहते हुए जल की उर्जा से जो विद्युत उत्पन्न की जाती है उसे जलविद्युत (Hydroelectricity) कहते हैं। सन् २००५ में विश्व भर में लगभग ८१६ GWe (जिगावाट एलेक्ट्रिकल) जलविद्युत उत्पन्न की जाती थी जो कि विश्व की सम्पूर्ण विद्युत उर्जा का लगभग २०% है। यह बिजली प्रदूषण रहित है। एवं यह पर्यावरण के अनुकूल है। .

14 संबंधों: ऊर्जा, एनएचपीसी लिमिटेड, दामोदर घाटी निगम, नाथपा झाकड़ी जलविद्युत परियोजना, नागार्जुन सागर परियोजना, पवन उर्जा, भाखड़ा बांध, शारावती, सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड, सरदार सरोवर परियोजना, सौर ऊर्जा, जल, विद्युत, अक्षय ऊर्जा

ऊर्जा

दीप्तिमान (प्रकाश) ऊर्जा छोड़ता हैं। भौतिकी में, ऊर्जा वस्तुओं का एक गुण है, जो अन्य वस्तुओं को स्थानांतरित किया जा सकता है या विभिन्न रूपों में रूपांतरित किया जा सकता हैं। किसी भी कार्यकर्ता के कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा (Energy) कहते हैं। ऊँचाई से गिरते हुए जल में ऊर्जा है क्योंकि उससे एक पहिये को घुमाया जा सकता है जिससे बिजली पैदा की जा सकती है। ऊर्जा की सरल परिभाषा देना कठिन है। ऊर्जा वस्तु नहीं है। इसको हम देख नहीं सकते, यह कोई जगह नहीं घेरती, न इसकी कोई छाया ही पड़ती है। संक्षेप में, अन्य वस्तुओं की भाँति यह द्रव्य नहीं है, यद्यापि बहुधा द्रव्य से इसका घनिष्ठ संबंध रहता है। फिर भी इसका अस्तित्व उतना ही वास्तविक है जितना किसी अन्य वस्तु का और इस कारण कि किसी पिंड समुदाय में, जिसके ऊपर किसी बाहरी बल का प्रभाव नहीं रहता, इसकी मात्रा में कमी बेशी नहीं होती। .

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एनएचपीसी लिमिटेड

एनएचपीसी लिमिटेड (पूर्वनाम नैशनल हाइड्रोइलैक्ट्रिक पावर कारपोरेशन लिमिटेड) वर्ष 1975 में स्थापित भारत सरकार का एक सार्वजनिक उपक्रम है। इसका उद्देश्य सभी रूपों में हाइड्रोइलैक्ट्रिक पावर के समेकित एवं दक्ष विकास की योजना बनाना तथा पर्यावरण संतुलन को ध्यान मे रखते हुए इसे विकसित और संगठित करना है। लगभग ३१७०० करोड़ रुपए से अधिक के निवेश आधार वाली एनएचपीसी लिमिटेड भारत की सर्वोपरि दस कम्पनी में से एक है। वर्तमान में जलविद्युत विकास के क्षेत्र में यह सबसे बड़ा संगठन है। एनएचपीसी लिमिटेड जलविद्युत परियोजनाओं का संकल्पना से संचालन तक सभी कार्यों को करने में सक्षम है। .

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दामोदर घाटी निगम

वर्धमान शहर के निकट दामोदर नदी पर 'कृषक बांध' दामोदर घाटी निगम (Damodar Valley Corporation या DVC) भारत का बहूद्देश्यीय नदी घाटी परियोजना है। निगम ७ जुलाई १९४८ को स्वतंत्र भारत की प्रथम बहूद्देशीय नदी घाटी परियोजना के रूप में, अस्तित्व में आया। .

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नाथपा झाकड़ी जलविद्युत परियोजना

नाथपा झाकड़ी जलविद्युत परियोजना हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग २२ - हिन्दुस्तान तिब्बत मार्ग पर, सतलुज नदी पर स्थित है। इस परियोजना को मई,2004 में कमीशन किया गया था तथा आधिकारिक तौर पर 28 मई,2005 को प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह ने इसे राष्ट्र को समर्पित किया। .

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नागार्जुन सागर परियोजना

नागार्जुन सागर परियोजना के अन्तर्गत बना बांध नागार्जुन सागर बाँध परियोजना भारत के आन्ध्र प्रदेश राज्य में स्थित एक प्रमुख नदी घाटी परियोजना हैं। इस बाँध को बनाने की परिकल्पना १९०३ में ब्रिटिश राज के समय की गयी थी। १० दिसम्बर १९५५ में इस बाँध की नींव तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने रखी थी। उन्होने उस समय यह कहा था। "When I lay the foundation stone here of this Nagarjunasagar, to me it is a sacred ceremony".

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पवन उर्जा

पवन के गतिज ऊर्जा का उपयोग कर पवनचक्कियों द्वारा पैदा की गयी ऊर्जा पवन ऊर्जा कहलाती है। यह एक गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोत है। भूमि के वैसे क्षेत्रों में जहाँ साल के ज्यादातर हिस्सों में गतिमान पवन मौजूद है, पवन चक्कियाँ लगाने के लिए आदर्श क्षेत्र है। इसमें जमीन की सतह से कुछ ऊँचाई पर जेनरेटर लगाए जाते हैं जो पवन की उपलब्धता के अनुसार बिजली का उत्पादन होता है। पवन ऊर्जा के उत्पादन में भारत का पाँचवा स्थान है। श्रेणी:विज्ञान.

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भाखड़ा बांध

कोई विवरण नहीं।

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शारावती

शारावती एक नदी है जिसका उद्गम भारत के कर्नाटक राज्य में है और इसी राज्य में बहती हुई यह इसी राज्य में समाप्त हो जाती है। यह नदी भारत की गिनी चुनी नदियों में से है जो पश्चिम की तरफ बहतीं हैं। इस नदी का अधिकांश भाग पश्चिमी घाट में है। प्रसिद्ध जोग जलप्रपात इसी नदी के द्वारा निर्मित है। यह नदी तथा इसके आस-पास का क्षेत्र जैवविविधता की दृष्टि से बहुत समृद्ध है। श्रेणी:भारत की नदियाँ.

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सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड

सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (पूर्व नाम, नाथपा झाकड़ी पावर कारपोरेशन लिमिटेड - एनजेपीसी) की स्थापना 24 मई 1988 को हिमाचल प्रदेश में सतलुज नदी बेसिन और किसी भी अन्य स्थान पर परियोजनाओं की आयोजना कर इनके सर्वेक्षण से लेकर निर्माण तक के कार्य करने एवं इनका परिचालन व रख-रखाव करने हेतु भारत सरकार तथा हिमाचल प्रदेश सरकार के संयुक्त उपक्रम के रूप में की गई थी। सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड की वर्तमान प्राधिकृत शेयर पूंजी रु.4500 करोड़ है। नाथपा झाकड़ी जलविद्युत स्टेशन - एनजेएचपीएस (1500 मेगावाट) सतलुज जल विद्युत निगम द्वारा निष्पादन के लिए हाथ मे ली गई प्रथम परियोजना है। .

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सरदार सरोवर परियोजना

सरदार सरोवर बांध सरदार सरोवर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है। यह नर्मदा नदी पर बना 800 मीटर ऊँचा है। नर्मदा नदी पर बनने वाले 30 बांधों में सरदार सरोवर और महेश्वर दो सबसे बड़ी बांध परियोजनाएं हैं और इनका लगातार विरोध होता रहा है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य गुजरात के सूखाग्रस्त इलाक़ों में पानी पहुंचाना और मध्य प्रदेश के लिए बिजली पैदा करना है लेकिन ये परियोजनाएं अपनी अनुमानित लागत से काफ़ी ऊपर चली गई हैं। .

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सौर ऊर्जा

विश्व के विभिन्न भागों का औसत सौर विकिरण (आतपन, सूर्यातप)। इस चित्र में जो छोटे-छोटे काले बिन्दु दिखाये गये हैं, यदि उनके ऊपर गिरने वाले सम्पूर्ण सौर विकिरण का उपयोग कर लिया जाय तो विश्व में उपयोग की जा रही सम्पूर्ण ऊर्जा (लगभग 18 टेरावाट) की आपूर्ति इससे ही हो जायेगी। यूएसए के कैलिफोर्निया के सान बर्नार्डिनो में 354 MW वाला SEGS सौर कम्प्लेक्स सौर ऊर्जा वह उर्जा है जो सीधे सूर्य से प्राप्त की जाती है। सौर ऊर्जा ही मौसम एवं जलवायु का परिवर्तन करती है। यहीं धरती पर सभी प्रकार के जीवन (पेड़-पौधे और जीव-जन्तु) का सहारा है। वैसे तो सौर उर्जा के विविध प्रकार से प्रयोग किया जाता है, किन्तु सूर्य की उर्जा को विद्युत उर्जा में बदलने को ही मुख्य रूप से सौर उर्जा के रूप में जाना जाता है। सूर्य की उर्जा को दो प्रकार से विदुत उर्जा में बदला जा सकता है। पहला प्रकाश-विद्युत सेल की सहायता से और दूसरा किसी तरल पदार्थ को सूर्य की उष्मा से गर्म करने के बाद इससे विद्युत जनित्र चलाकर। .

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जल

जल या पानी एक आम रासायनिक पदार्थ है जिसका अणु दो हाइड्रोजन परमाणु और एक ऑक्सीजन परमाणु से बना है - H2O। यह सारे प्राणियों के जीवन का आधार है। आमतौर पर जल शब्द का प्प्रयोग द्रव अवस्था के लिए उपयोग में लाया जाता है पर यह ठोस अवस्था (बर्फ) और गैसीय अवस्था (भाप या जल वाष्प) में भी पाया जाता है। पानी जल-आत्मीय सतहों पर तरल-क्रिस्टल के रूप में भी पाया जाता है। पृथ्वी का लगभग 71% सतह को 1.460 पीटा टन (पीटी) (1021 किलोग्राम) जल से आच्छदित है जो अधिकतर महासागरों और अन्य बड़े जल निकायों का हिस्सा होता है इसके अतिरिक्त, 1.6% भूमिगत जल एक्वीफर और 0.001% जल वाष्प और बादल (इनका गठन हवा में जल के निलंबित ठोस और द्रव कणों से होता है) के रूप में पाया जाता है। खारे जल के महासागरों में पृथ्वी का कुल 97%, हिमनदों और ध्रुवीय बर्फ चोटिओं में 2.4% और अन्य स्रोतों जैसे नदियों, झीलों और तालाबों में 0.6% जल पाया जाता है। पृथ्वी पर जल की एक बहुत छोटी मात्रा, पानी की टंकिओं, जैविक निकायों, विनिर्मित उत्पादों के भीतर और खाद्य भंडार में निहित है। बर्फीली चोटिओं, हिमनद, एक्वीफर या झीलों का जल कई बार धरती पर जीवन के लिए साफ जल उपलब्ध कराता है। जल लगातार एक चक्र में घूमता रहता है जिसे जलचक्र कहते है, इसमे वाष्पीकरण या ट्रांस्पिरेशन, वर्षा और बह कर सागर में पहुॅचना शामिल है। हवा जल वाष्प को स्थल के ऊपर उसी दर से उड़ा ले जाती है जिस गति से यह बहकर सागर में पहँचता है लगभग 36 Tt (1012किलोग्राम) प्रति वर्ष। भूमि पर 107 Tt वर्षा के अलावा, वाष्पीकरण 71 Tt प्रति वर्ष का अतिरिक्त योगदान देता है। साफ और ताजा पेयजल मानवीय और अन्य जीवन के लिए आवश्यक है, लेकिन दुनिया के कई भागों में खासकर विकासशील देशों में भयंकर जलसंकट है और अनुमान है कि 2025 तक विश्व की आधी जनसंख्या इस जलसंकट से दो-चार होगी।.

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विद्युत

वायुमण्डलीय विद्युत विद्युत आवेशों के मौजूदगी और बहाव से जुड़े भौतिक परिघटनाओं के समुच्चय को विद्युत (Electricity) कहा जाता है। विद्युत से अनेक जानी-मानी घटनाएं जुड़ी है जैसे कि तडित, स्थैतिक विद्युत, विद्युतचुम्बकीय प्रेरण, तथा विद्युत धारा। इसके अतिरिक्त, विद्युत के द्वारा ही वैद्युतचुम्बकीय तरंगो (जैसे रेडियो तरंग) का सृजन एवं प्राप्ति सम्भव होता है? विद्युत के साथ चुम्बकत्व जुड़ी हुई घटना है। विद्युत आवेश वैद्युतचुम्बकीय क्षेत्र पैदा करते हैं। विद्युत क्षेत्र में रखे विद्युत आवेशों पर बल लगता है। समस्त विद्युत का आधार इलेक्ट्रॉन हैं। इलेक्ट्रानों के हस्तानान्तरण के कारण ही कोई वस्तु आवेशित होती है। आवेश की गति ही विद्युत धारा है। विद्युत के अनेक प्रभाव हैं जैसे चुम्बकीय क्षेत्र, ऊष्मा, रासायनिक प्रभाव आदि। जब विद्युत और चुम्बकत्व का एक साथ अध्ययन किया जाता है तो इसे विद्युत चुम्बकत्व कहते हैं। विद्युत को अनेकों प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है किन्तु सरल शब्दों में कहा जाये तो विद्युत आवेश की उपस्थिति तथा बहाव के परिणामस्वरूप उत्पन्न उस सामान्य अवस्था को विद्युत कहते हैं जिसमें अनेकों कार्यों को सम्पन्न करने की क्षमता होती है। विद्युत चल अथवा अचल इलेक्ट्रान या प्रोटान से सम्बद्ध एक भौतिक घटना है। किसी चालक में विद्युत आवेशों के बहाव से उत्पन्न उर्जा को विद्युत कहते हैं। .

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अक्षय ऊर्जा

अक्षय उर्जा या नवीकरणीय ऊर्जा (अंग्रेजी:Renewable Energy) में वे सारी उर्जा शामिल हैं जो प्रदूषणकारक नहीं हैं तथा जिनके स्रोत का क्षय नहीं होता, या जिनके स्रोत का पुनः-भरण होता रहता है। सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जलविद्युत उर्जा, ज्वार-भाटा से प्राप्त उर्जा, बायोमास, जैव इंधन आदि नवीनीकरणीय उर्जा के कुछ उदाहरण हैं। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

पनबिजली, जलविद्युत, जलविद्युत संयंत्र, जलविद्युत उर्जा

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