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पठार

सूची पठार

भूमि पर मिलने वाले द्वितीय श्रेणी के स्थल रुपों में पठार अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं और सम्पूर्ण धरातल के ३३% भाग पर इनका विस्तार पाया जाता हैं।अथवा धरातल का विशिष्ट स्थल रूप जो अपने आस पास की जमींन से प्रयाप्त ऊँचा होता है,और जिसका ऊपरी भाग चौड़ा और सपाट हो पठार कहलाता है। सागर तल से इनकी ऊचाई ३०० मीटर तक होती हैं लेकिन केवल ऊचाई के आधार पर ही पठार का वर्गिकरण नही किया जाता हैं। .

28 संबंधों: चियापास का पठार, एशिया माइनर का पठार, तटीय पठार, तिब्बत का पठार, दोआब, पर्वतपादीय पठार, ब्राज़ील का पठार, बोलीविया का पठार, भूगोल, महाद्वीपीय पठार, मंगोलिया का पठार, मैदान (भूगोल), मेडागास्कर का पठार, मेसेटा का पठार, यूनान का पठार, हिमानी पठार, जलीय पठार, वायव्य पठार, गुम्बदाकार पठार, आस्ट्रेलिया का पठार, अनातोलिया का पठार, अन्तरापर्वतीय पठार, अन्तर्जात बलों से उत्पन्न पठार, अबीसीनिया का पठार, अरब का पठार, अलास्का का पठार, उस्यन्त पठार, छोटा नागपुर पठार

चियापास का पठार

यह एक प्रमुख पठार हैं। उत्तरी अमेरिका में स्थित है इसे चियापास या मेक्ससीको पठार कहते है जो मैक्सिको में है श्रेणी:विश्व के प्रमुख पठार.

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एशिया माइनर का पठार

यह ईरान का प्रमुख पठार हैं। इसकी ऊँचाई पश्चिम में 2,000 फुट तक और पूर्व में 4,000 फुट तक है। यह 10,000 फुट से भी अधिक ऊँचे टॉरस और पॉण्टस पर्वतमालाओं से घिरा हुआ है। टर्की का भीतरी भाग ऊँचे बेसिन की भाँति है। जहाँ तहाँ ऊँचे पहाड़ भी मिलते हैं। अधिकांश भाग का जलप्रवाह भीतर की ओर है और नदियाँ या तो झीलों में गिरती हैं अथवा नमकीन निचले दलदलों में लुप्त हो जाती हैं। परंतु कुछ नदियाँ पर्वतों को काटती और गुफाएँ निर्मित करती हुई बहती हैं। चारों तरु ऊँचे पर्वतों से घिरे रहने के कारण यह भाग जाड़े तथा गर्मी दोनों मौसमों में भापभरी हवाओं से साधारणतया वंचित रहने के कारण शुष्क रहता है, वार्षिक वर्ष का औसत लगभग 10"" है। जाड़े में भूमि कभी कभी बर्फ से ढक जाती है। गर्मी में गरम तथा तेज हवाएँ चलती हैं। अत: शुष्क प्रदेशों में मिट्टी हट गई है ओर मरुस्थलीय कंकड़ों का उभार हो गया है। इस अर्धशुष्क घास के मैदानों में भेड़ बकरियाँ पाली जाती हैं। दूध दही का समावेश यहाँ के भोजन में अधिक होता है। ऊन तथा ऊनी कंबल तैयार करना मुख्य पेशा है। अंगोरा से उनका निर्यात होता है। गर्मी के दिनों में गड़ेरिए अपने जानवरों के साथ पहाड़ों पर चले जाते हैं और अन्य मौसम में मैदानी भाग में उतर आते हैं। जहाँ सिंचाई के साधन उपलब्ध हैं वहाँ गेहूँ की खेती होती है। इस पठार में टर्की की एक तिहाई जनसंख्या रहती है। ऐनाटोलिया का यह पठारी भाग तुर्क ो का मुख्य स्थान है। टर्की की राजधानी अंकारा इसी भाग में स्थित है। श्रेणी:विश्व के प्रमुख पठार.

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तटीय पठार

ये सागर तटीय क्षेत्रों पर स्थित पठार होते हैं। श्रेणी:पठारों का वर्गिकरण.

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तिब्बत का पठार

तिब्बत का पठार हिमालय पर्वत शृंखला से लेकर उत्तर में टकलामकान रेगिस्तान तक फैला हुआ है तिब्बत का बहुत सा इलाक़ा शुष्क है तिब्बत का पठार (तिब्बती: བོད་ས་མཐོ།, बोड सा म्थो) मध्य एशिया में स्थित एक ऊँचाई वाला विशाल पठार है। यह दक्षिण में हिमालय पर्वत शृंखला से लेकर उत्तर में टकलामकान रेगिस्तान तक विस्तृत है। इसमें चीन द्वारा नियंत्रित बोड स्वायत्त क्षेत्र, चिंग हई, पश्चिमी सीश्वान, दक्षिण-पश्चिमी गांसू और उत्तरी यून्नान क्षेत्रों के साथ-साथ भारत का लद्दाख़ इलाक़ा आता है। उत्तर-से-दक्षिण तक यह पठार १,००० किलोमीटर लम्बा और पूर्व-से-पश्चिम तक २,५०० किलोमीटर चौड़ा है। यहाँ की औसत ऊँचाई समुद्र से ४,५०० मीटर (यानी १४,८०० फ़ुट) है और विशव के ८,००० मीटर (२६,००० फ़ुट) से ऊँचे सभी १४ पर्वत इसी क्षेत्र में या इसे इर्द-गिर्द पाए जाते हैं। इस इलाक़े को कभी-कभी "दुनिया की छत" कहा जाता है। तिब्बत के पठार का कुल क्षेत्रफल २५ लाख वर्ग किमी है, यानी भारत के क्षेत्रफल का ७५% और फ़्रांस के समूचे देश का चौगुना। .

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दोआब

भारत का प्रसिद्ध दोआब: गंगा-यमुना का दोआब उत्तरी भारतीय उपमहाद्वीप के प्रसिद्ध दोआब दोआब दो नदियों के बीच के क्षेत्र को कहते हैं। यह 'दो' और 'आब' (यानि 'पानी') शब्दों के जोड़ से बना है, जैसे गंगा और यमुना के बीच की भूमि। दुनियाँ में इस प्रकार के अनेक दोआब हैं, जैसे दजला और फरात का दोआब आदि। पर भारत में दोआब विशेष रूप से गंगा और यमुना के मध्य की भूमि को ही कहते हैं, जो उत्तर प्रदेश में शिवालिक पहाड़ियों से लेकर इलाहाबाद में दोनों नदियों के संगमस्थल तक फैला हुआ है। निम्न दोआब, जो इटावा जिले से लेकर इलाहाबाद तक फैला है, अंतर्वेद कहलाता है। .

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पर्वतपादीय पठार

उच्च पर्वतों की तलहटी से स्थित पठारों को पीडमाण्ट, पर्वतपादीय या गिरीपद पठार कहते हैं। श्रेणी:पठारों का वर्गिकरण.

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ब्राज़ील का पठार

द०अमेरिका के मध्य पूर्वी भाग में यह पठार त्रिभजाकार रूप में स्थित है। श्रेणी:विश्व के प्रमुख पठार.

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बोलीविया का पठार

यह पठार ८०० किमी लम्बा और १२८ किमी चौड़ा तथा इसकी औसत ऊंचाई ३,११० मीटर है। यह बोलीविया के एन्डीज पर्वतमाला में फैला हुआ है। श्रेणी:विश्व के प्रमुख पठार.

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भूगोल

पृथ्वी का मानचित्र भूगोल (Geography) वह शास्त्र है जिसके द्वारा पृथ्वी के ऊपरी स्वरुप और उसके प्राकृतिक विभागों (जैसे पहाड़, महादेश, देश, नगर, नदी, समुद्र, झील, डमरुमध्य, उपत्यका, अधित्यका, वन आदि) का ज्ञान होता है। प्राकृतिक विज्ञानों के निष्कर्षों के बीच कार्य-कारण संबंध स्थापित करते हुए पृथ्वीतल की विभिन्नताओं का मानवीय दृष्टिकोण से अध्ययन ही भूगोल का सार तत्व है। पृथ्वी की सतह पर जो स्थान विशेष हैं उनकी समताओं तथा विषमताओं का कारण और उनका स्पष्टीकरण भूगोल का निजी क्षेत्र है। भूगोल शब्द दो शब्दों भू यानि पृथ्वी और गोल से मिलकर बना है। भूगोल एक ओर अन्य शृंखलाबद्ध विज्ञानों से प्राप्त ज्ञान का उपयोग उस सीमा तक करता है जहाँ तक वह घटनाओं और विश्लेषणों की समीक्षा तथा उनके संबंधों के यथासंभव समुचित समन्वय करने में सहायक होता है। दूसरी ओर अन्य विज्ञानों से प्राप्त जिस ज्ञान का उपयोग भूगोल करता है, उसमें अनेक व्युत्पत्तिक धारणाएँ एवं निर्धारित वर्गीकरण होते हैं। यदि ये धारणाएँ और वर्गीकरण भौगोलिक उद्देश्यों के लिये उपयोगी न हों, तो भूगोल को निजी व्युत्पत्तिक धारणाएँ तथा वर्गीकरण की प्रणाली विकसित करनी होती है। अत: भूगोल मानवीय ज्ञान की वृद्धि में तीन प्रकार से सहायक होता है: सर्वप्रथम प्राचीन यूनानी विद्वान इरैटोस्थनिज़ ने भूगोल को धरातल के एक विशिष्टविज्ञान के रूप में मान्यता दी। इसके बाद हिरोडोटस तथा रोमन विद्वान स्ट्रैबो तथा क्लाडियस टॉलमी ने भूगोल को सुनिइतिहासश्चित स्वरुप प्रदान किया। इस प्रकार भूगोल में 'कहाँ' 'कैसे 'कब' 'क्यों' व 'कितनें' प्रश्नों की उचित वयाख्या की जाती हैं। .

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महाद्वीपीय पठार

जब पृथ्वी के भीतर जमा लैकोलिथ भू-पृष्ठ के अपरदन के कारण सतह पर उभर आते हैं। तब महाद्वीपीय पठार बनते हैं। जैसे -द• का पठार। श्रेणी:पठारों का वर्गिकरण.

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मंगोलिया का पठार

मंगोलिया का पठार मंगोलिया का पठार मध्य एशिया में स्थित एक विशाल पठार इलाक़ा है जिसका कुल क्षेत्रफल लगभग २६ लाख वर्ग किलोमीटर है। आधुनिक युग में यह उत्तर में मंगोलिया और दक्षिण में चीन के भीतरी मंगोलिया राज्य के दरमियान बंटा हुआ है। इसमें गोबी रेगिस्तान और स्तेपी के घास के मैदानों का कुछ क्षेत्र भी सम्मिलित है। इसकी ऊंचाई ९०० से १,५०० मीटर के दरमियान है। .

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मैदान (भूगोल)

भौगोलिक दृष्टि से मैदान उस भूमि क्षेत्र को कहतें हैं जो समतल हो (या जिसमे बहुत थोड़ा उतार-चढ़ाव हो) और जिसकी समुद्र तट से ऊंचाई ५०० फुट से कम हो। .

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मेडागास्कर का पठार

यह एक प्रमुख पठार हैं। श्रेणी:विश्व के प्रमुख पठार.

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मेसेटा का पठार

मेसेटा का पठार अथवा मेसेटा सेन्ट्रल दक्षिणी यूरोप के आइबेरिया प्रायद्वीप पर आन्तरिक भाग में, स्पेन देश में, स्थित एक पठार है। स्पेन की राजधानी मैड्रिड इसी पठार के मध्य भाग में स्थित है। यह पठार लगभग 2,10,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल विस्तार वाला और 2100 मीटर से अधिक औसत ऊंचाई वाला भूभाग है। .

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यूनान का पठार

युनान का पठार या इण्डोचाइना पठार का एक प्रमुख पठार हैं। श्रेणी:विश्व के प्रमुख पठार.

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हिमानी पठार

पर्वतीय क्षेत्रों में कई भु-भाग हिमानी क्रिया से अपरदन तथा निक्षेपण के कारण पठारों में बदल गए हैं। .

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जलीय पठार

नदियों द्वारा सागरों में पहुचने से पूर्व उनके द्वारा बहाकर लाए गए निक्षेपों के जमाव से एसे पठार बनते हैं। .

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वायव्य पठार

इन पठारो का निर्माण वायु के परिवहन तथा निक्षेपण के परिणामस्वरुप होता हैं। श्रेणी:बहिर्जात बलों से उत्पन्न पठार श्रेणी:पठारों का वर्गिकरण.

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गुम्बदाकार पठार

पृथ्वी की आन्तरिक हलचलों के कारण जब किसी भाग में गुम्बद के आकार का उभार हो जाता हैं। इन्हे गुम्बदाकार पठार कहतें हैं। श्रेणी:पठारों का वर्गिकरण.

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आस्ट्रेलिया का पठार

यह एक प्रमुख पठार हैं। श्रेणी:विश्व के प्रमुख पठार.

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अनातोलिया का पठार

यह एक प्रमुख पठार हैं। जो तुर्की में स्थित है। श्रेणी:विश्व के प्रमुख पठार श्रेणी:क्षेत्रानुसार भूगोल श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अन्तरापर्वतीय पठार

एसे पठारों का निर्माण भूगर्भ की आन्तरिक शक्तियों के परिणामस्वरुप उच्च पर्वत श्रेणियों के निर्माण के साथ ही पूरा होता हैं तथा ये चारों ओर से पर्वतों से घिरे होते हैं। पठार, अन्तरापर्वतीय पठार, अन्तरापर्वतीय श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अन्तर्जात बलों से उत्पन्न पठार

पटल विरुपणी बल के कारण विश्व के सर्वाधिक ऊचे तथा विस्त्रत पठारों की उत्पत्ति हुई हैं क्योकी इनसे चट्टानों में लम्बवत् तथा क्षेतिज संचलन होता हैं। .

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अबीसीनिया का पठार

यह एक प्रमुख पठार हैं। पठार, अबीसीनिया का श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अरब का पठार

यह एक प्रमुख पठार हैं। श्रेणी:विश्व के प्रमुख पठार श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अलास्का का पठार

यह एक प्रमुख पठार हैं। पठार, अलास्का का श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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उस्यन्त पठार

ऐसे पठारों की उत्पत्ति ज्वालामुखी उद्दगार के समय लावा के धरातल पर फैलकर जमा हो जाने के कारण होती हैं। श्रेणी:बहिर्जात बलों से उत्पन्न पठार श्रेणी:पठारों का वर्गिकरण.

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छोटा नागपुर पठार

राँची स्थित हुँडरु जलप्रपात छोटा नागपुर पठार पूर्वी भारत में स्थित एक पठार है। झारखंड राज्य का अधिकतर हिस्सा एवं उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, बिहार व छत्तीसगढ़ के कुछ भाग इस पठार में आते हैं। इसके पूर्व में सिन्धु-गंगा का मैदान और दक्षिण में महानदी हैं। इसका कुल क्षेत्रफल 65,000 वर्ग किमी है।, mapsofindia, Accessed 2010-05-02 .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

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