2 संबंधों: शक्ति संचरण, घिरनी।
शक्ति संचरण
शक्ति (Power) शब्द का प्रयोग मानवनियंत्रित ऊर्जा को जो यांत्रिक कार्य करने के लिए प्राप्य हो, सूचित करने के लिए किया जाता है। शक्ति के मुख्य स्रोत (source) हैं: मनुष्यों एवं जानवरों की पेशीय ऊर्जा (muscular energy), नदी एवं वायु की गतिज ऊर्जा, उच्च सतहों पर स्थित जलाशय की स्थितिज (potential) ऊर्जा, लहरों एवं ज्वारभाटा की ऊर्जा, पृथ्वी एवं सूर्य की ऊष्मा ऊर्जा, ईंधन को जलाने से प्राप्त ऊष्मा ऊर्जा आदि। पालतू जानवरों की शक्ति का उपयोग मानवीय सभ्यता का प्रथम कदम था। बाद में क्रमश: विभिन्न प्रकार की शक्तियों को उपयोग में लाने के लिए प्रयास किए जाते रहे। अभी भी अधिक से अधिक शक्तियों को नियंत्रित करने में वैज्ञानिक व्यस्त हैं एवं प्रयत्न जारी है। .
नई!!: पट्टा और शक्ति संचरण · और देखें »
घिरनी
समतल घिरनी और उस पर लगा हुआ पट्टा एक सरल संयुक्त घिरनी तंत्र समान भार को उठाने के लिये अलग-अलग बल लगाना पड़ सकता है। यह घिरनियों की योजना पर निर्भर करता है। बल जितना ही कम लगाना पडेगा, उतनी ही अधिक दूरी तक बल को लगाना पड़ेगा। घिरनी (Pulleys) एक गोल रम्भ है, जिससे मशीन की शक्ति को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है। यदि किसी खराद (lathe) को इंजन से चलाना है, तो इंजन की घिरनी और खराद की घिरनी पर पट्टा चढ़ाकर इंजन की शक्ति से खराद को चलाते हैं। घिरनी के व्यास से ही मशीनों की गति को कम या ज्यादा किया जा सकता है। मशीनों की शक्ति को बिना किसी हानि के तो दाँतोंवाले चक्रों (गीयर) से ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है, परन्तु जहाँ इन स्थानों में दूरी अधिक हो वहाँ इन चक्रों का उपयोग नहीं हो सकता। इन्हीं स्थानों पर घिरनियों का उपयोग होता है। इनपर चमड़े के पट्टों या रस्सों को चढ़ाकर एक घिरनी से दूसरी घिरनी को शक्ति दी जाती है। घिरनी केवल बल की दिशा में परिवर्तन करती है, बल के परिमाण में नहीं। (इसका यांत्रिक लाभ १ या १ से कम होगा)। .
नई!!: पट्टा और घिरनी · और देखें »